Vande Bharat realizes the spirit of ‘India First Always First': PM Modi

Published By : Admin | April 12, 2023 | 11:01 IST
QuoteFlags sixth Vande Bharat in last 2 months
Quote“Rajasthan gets its first Vande Bharat Express today. This will significantly enhance connectivity and boost tourism”
Quote“Vande Bharat realizes the spirit of ‘India First Always First’”
Quote“Vande Bharat train has become synonymous with development, modernity, stability and self-reliance”
Quote“Unfortunately an important and basic need of the citizens like railway was turned into an arena of politics’
Quote“Railway budget for Rajasthan has been increased 14 times since 2014, from 700 crore in 2014 to more than 9500 crore rupees this year”
Quote“Bharat Gaurav circuit trains are continuously strengthening the spirit of Ek Bharat - Shreshtha Bharat”
Quote“When the infrastructure of connectivity like railway is strong, then the country is strong. This benefits the common citizen of the country, benefits the poor and middle class of the country”

नमस्कार, राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान अशोक गहलोत जी, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी, राजस्थान सरकार के मंत्रीगण, विधानसभा और विधान परिषद में नेता विपक्ष, मंच पर विराजमान सभी सांसदगण, विधायकगण, अन्य सभी महानुभाव, और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

मां भारती की वंदना करने वाली राजस्थान की धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट-अजमेर वंदेभारत एक्सप्रेस से, जयपुर-दिल्ली आना-जाना और आसान हो जाएगा। ये ट्रेन, राजस्थान की टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बहुत मदद करेगी। तीर्थराज पुष्कर हो या फिर अजमेर शरीफ, आस्था के ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में भी अब श्रद्धालुओं को ज्यादा आसानी होगी।

भाइयों और बहनों,

बीते 2 महीनों में ये छठी वंदेभारत एक्सप्रेस है जिसे हरी झंडी दिखाने का मुझे सौभाग्य मिला है। मुंबई-शोलापुर वंदेभारत एक्सप्रेस, मुंबई-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरुपति वंदेभारत एक्सप्रेस, चेन्नई कोयंबटूर वंदेभारत एक्सप्रेस, और अब ये जयपुर-दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस आज शुरू हो रही है। जब से ये आधुनिक ट्रेनें शुरू हुई हैं, तब से करीब-करीब 60 लाख लोग, इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, कि ये लोगों का समय बचा रही हैं। और एक स्टडी है कि एक वंदे भारत की यात्रा करने पर लोगों के कुल मिलाकर, हर ट्रिप में करीब-करीब ढाई हजार घंटे बचते हैं। यात्रा में बचने वाले ये ढाई हजार घंटे, लोगों को अन्य कार्यों के लिए उपलब्ध हो रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग कौशल से लेकर सुरक्षा की गारंटी तक, तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक, वंदे भारत तमाम खूबियों से संपन्न है। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए आज देशभर में वंदेभारत ट्रेन का गौरवगान हो रहा है। वंदे भारत ने एक तरह से कई नई शुरुआत की है। वंदे भारत, पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जो मेड इन इंडिया है। वंदे भारत, पहली ऐसी ट्रेन है जो इतनी compact और efficient है। वंदे भारत, पहली ट्रेन है जो स्वदेशी safety system कवच के अनुकूल है। वंदे भारत, भारतीय रेलवे के इतिहास की वो पहली ट्रेन है, जिसने बिना अतिरिक्त इंजन के सह्याद्रि घाट की ऊंची चढ़ाई पूरी कर दी। वंदे भारत एक्सप्रेस India की First, always first! की भावना समृद्ध करती है। मुझे खुशी है कि वंदे भारत ट्रेन आज विकास, आधुनिकता, स्थिरता और आत्म-निर्भरता का पर्याय बन चुकी है। आज की वंदे भारत की यात्रा, कल हमें विकसित भारत की यात्रा की ओर ले जाएगी। ये राजस्थान के लोगों को वंदेभारत ट्रेन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था, जो सामान्य मानवी के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है, उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भी भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, कौन नहीं बनेगा। राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर चलेगी। राजनीतिक स्वार्थ ने ही बजट में ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं करवाईं, जो कभी चली ही नहीं। हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। हालत ये थी कि गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। देश में मौजूद हजारों मानव रहित क्रॉसिंग को भी अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया था। रेलवे की सुरक्षा, रेलवे की स्वच्छता, रेलवे प्लेटफॉर्म्स की स्वच्छता, सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ है। जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई, जब देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई, जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा, तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी। आज हर भारतवासी, भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर गर्व से भरा हुआ है।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान के लोगों ने हमेशा हम सभी को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया है। शूरवीरों की इस धरती को आज हमारी सरकार, नई संभावनाओं और नए अवसरों की धरती भी बना रही है। राजस्थान, देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में से एक है। ये बहुत जरूरी है कि राजस्थान आने वाले सैलानियों का समय बचे, उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कनेक्टिविटी की है। राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर जो काम बीते वर्षों में केंद्र सरकार ने किया है, वो वाकई स्वीकार करना होगा ये काम अभूतपूर्व हुआ है। फरवरी में ही मुझे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से के लोकार्पण के लिए दौसा आने का मौका मिला था। इस एक्सप्रेसवे से दौसा के साथ ही, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों के लोगों को बहुत लाभ होगा। केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। अभी करीब एक हजार किलोमीटर की सड़कें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है।

साथियों,

हमारी सरकार, रोड के साथ ही राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। तारंगाहिल से अंबाजी होते हुये आबूरोड़ तक नई रेल लाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है। इस रेल लाइन की मांग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है, जो अब भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद के बीच रेल लाइन को भी ब्रॉड गेज में बदलने का काम हम पूरा कर चुके हैं। इससे मेवाड़ क्षेत्र, गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान के करीब 75 प्रतिशत नेटवर्क का Electrification पूरा किया जा चुका है। 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में अभी हमारे अश्विनी जी ने विस्तार से बताया 14 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी भी की गई है। 2014 के पहले जो मिलता था और आज जो मिलता है 14 गुणा बढ़ोतरी। 2014 से पहले राजस्थान के लिए औसत रेल बजट का जहां लगभग 700 करोड़ के आसपास था, वहीं इस वर्ष साढ़े 9 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है। इस दौरान रेल लाइनों को डबल करने की गति भी दोगुने से अधिक हुई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम बीते वर्षों में हुए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को हुआ है। डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौडगढ़, पाली और सिरोही जिलों में रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है। रेलवे लाइनों के साथ-साथ राजस्थान के रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। राजस्थान के दर्जनों स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।

साथियों,

टूरिस्ट्स की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार, अलग-अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप्स लगा चुकी है। इन ट्रेनों में 15 हजार से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। अयोध्या-काशी, या फिर दक्षिण के क्षेत्रों के दर्शन हों, द्वारका जी के दर्शन हों, सिख समाज के गुरुओं के तीर्थ स्थल हों, ऐसे अनेक स्थानों के लिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें आज चलाई जा रही हैं। हम अक्सर सोशल मीडिया पर देखते हैं कि इन यात्रियों से कितना अच्छा फीडबैक मिल रहा है, इन ट्रेनों को कितनी सराहना मिल रही है। ये ट्रेनें, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी निरंतर सशक्त कर रही हैं।

साथियों,

भारतीय रेलवे ने बीते वर्षों में एक और प्रयास किया है जिसने राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को भी देश भर में पहुंचाने में मदद की है। ये है वन स्टेशन वन प्रोडक्ट अभियान। भारतीय रेल ने राजस्थान में लगभग 70 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स में जयपुरी रजाईयां, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट की चादरें, गुलाब से बने उत्पाद, दूसरे हस्तशिल्प की जमकर बिक्री हो रही है। यानि राजस्थान के छोटे किसान, कारीगरों, हस्तशिल्पियों को बाज़ार तक पहुंचने का ये नया माध्यम मिल गया है। ये विकास में सबकी भागीदारी यानि सबका विकास का प्रयास है। जब रेल जैसा कनेक्टिविटी का इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होता है तो देश सशक्त होता है। इससे देश के सामान्य नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है। मुझे विश्वास है कि आधुनिक वंदेभारत ट्रेन, राजस्थान के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी। और मुझे गहलोत जी का विशेष रूप से मैं आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वो राजनीतिक आपादापी में उनका अनेक संकटों से वो गुजर रहे हैं। उसके बावजूद भी विकास के काम के लिए समय निकालकर के आए, रेलवे कार्यक्रम में हिस्स लिया। ये मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं और मैं गहलोत जी को कहना चाहता हूं। गहलोत जी आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं। आपके रेल मंत्री राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। तो आपको तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं और दूसरा जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, अब तक नहीं हो पाया लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है, इतना भरोसा है कि आज वो काम भी आपने मेरे सामने रखे हैं। आपका से विश्वास यही मेरी मित्रता की अच्छी ताकत है और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं इसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी को फिर से मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं, राजस्थान को बधाई देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

  • Jitendra Kumar May 16, 2025

    🙏🇮🇳🙏
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻✌️👏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • Babla sengupta December 23, 2023

    Babla sengupta
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp November 11, 2023

    Jay shree Ram
  • Vijay lohani April 14, 2023

    पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।
  • yogmaya devi April 14, 2023

    जय हिंद ,जय भारत माता ,जय मोदी जी🙏🙏🙏
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PM to participate in International Air Transport Association's 81st Annual General Meeting on 2nd June in New Delhi
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QuoteIATA AGM being held in India after a gap of 42 years
QuotePM to address Global Aviation CEOs

In line with his commitment to developing world-class air infrastructure and enhancing connectivity, Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the International Air Transport Association's (IATA) 81st Annual General Meeting (AGM) on 2nd June, at around 5 PM at Bharat Mandapam in New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

The IATA 81st Annual General Meeting and World Air Transport Summit (WATS) will be held from 1st to 3rd June. The last AGM in India was held 42 years ago in 1983. It brings together more than 1,600 participants including top global aviation industry leaders, government officials and international media representatives.

The World Air Transport Summit will focus on key issues facing the aviation industry including Economics of the Airline industry, Air Connectivity, Energy Security, Sustainable Aviation Fuel Production, Financing Decarbonisation, Innovations among others. The aviation leaders and media representatives from around the world will also get to witness India's remarkable transformation in the aviation landscape and its contribution to the country's socio - economic development.