Tamil culture and people are eternal as well as global: PM Modi

Published By : Admin | April 13, 2023 | 20:21 IST
“Puthandu is a festival of modernity in ancient tradition”
“Tamil culture and people are eternal as well as global”
“Tamil is the world’s oldest language. Every Indian is proud of this”
“Tamil Film Industry has given some of the most iconic works to us”
“There is a lot in the Tamil culture that has shaped India as a nation”
“Feeling of continuously serving the Tamil people fills me with new energy”
“In Kashi Tamil Sangamam we celebrated antiquity, innovation and diversity simultaneously”
“I believe, the lives of Kashi residents are incomplete without Tamil people, I have become a Kashi Vaasi, and without Kashi, the lives of Tamil people are incomplete”
“It is our responsibility to know about our Tamil heritage, tell it to the country and the world. This heritage is a symbol of our unity and the spirit of 'Nation First'”

वणक्कम!

आप सभी को तमिल पुत्तांडु की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ये आप सबका प्यार है, मेरे तमिल भाइयों-बहनों का स्नेह है कि आज आपके बीच मुझे तमिल पुत्तांडु को सेलिब्रेट करने का मौका मिल रहा है। पुत्तांडु, प्राचीनता में नवीनता का पर्व है! इतनी प्राचीन तमिल संस्कृति और हर साल पुत्तांडु से नई ऊर्जा लेकर आगे बढ़ते रहने की ये परंपरा, वाकई अद्भुत है! यही बात तमिलनाडु और तमिल लोगों को इतना खास बनाती है। इसीलिए, मुझे हमेशा से ही इस परंपरा के प्रति आकर्षण भी रहा है, और इससे एक भावनात्मक लगाव भी रहा है। मैं जब गुजरात में था, तो जिस मणिनगर विधानसभा सीट से मैं MLA था, बहुत बड़ी संख्या में तमिल मूल के वो लोग वहां रहते थे, वो मेरे मतदाता थे, वो मुझे MLA भी बनाते थे और मुझे मुख्यमंत्री भी बनाते थे। और उनके साथ जो मैंने पल बिताए वो हमेशा मुझे याद रहते हैं। ये मेरा सौभाग्य है कि जितना प्यार मैंने तमिलनाडु को किया है, तमिल लोगों ने हमेशा उसे और ज्यादा करके मुझे वापस लौटाया है।

साथियों,

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर, इस बार लाल किले से मैंने अपनी विरासत पर गर्व की बात कही थी। जो जितना प्राचीन होता है, वो उतना ही time tested भी होता है। इसीलिए, Tamil culture और Tamil people, ये दोनों स्वभाव से ही eternal भी हैं, global भी हैं। From Chennai to California. From Madurai to Melbourne. From Coimbatore to Cape Town. From Salem to Singapore. You will find Tamil people, who have carried with them their culture and traditions. Be it Pongal or Puthandu they are marked all over the world. Tamil is the world’s oldest language. Every Indian is proud of this. Tamil literature is also widely respected. The Tamil film industry has given some of the most iconic works to us.

साथियों,

Freedom struggle में भी तमिल लोगों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। आज़ादी के बाद, देश के नवनिर्माण में भी तमिलनाडु के लोगों की प्रतिभा ने, देश को नई ऊंचाई दी है। सी. राजगोपालाचारी और उनकी philosophy के बिना क्या आधुनिक भारत की बात पूरी हो सकती है? के. कामराज और social welfare से जुड़े उनके काम उसको हम आज भी याद करते हैं। ऐसा कौन सा युवा होगा जो डॉ. कलाम से प्रेरित ना हुआ हो? मेडिसिन, law और academics के क्षेत्र में तमिल लोगों का योगदान अतुलनीय है। मैं ‘मन की बात’ में भी अक्सर तमिलनाडु के लोगों के कितने ही योगदानों की चर्चा कर चुका हूँ।

साथियों,

भारत, दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है- Mother of Democracy है। इसके पीछे अनेक historical references हैं, अनेक अकाट्य साक्ष्य हैं। इनमें से एक अहम reference तमिलनाडु का भी है। तमिलनाडु में उत्तिरमेरूर नाम की जगह, बहुत विशेष है। यहां 1100 से 1200 साल पहले के एक शिलालेख के उसमें भारत के democratic values की बहुत सारी बातें लिखी हुई है और आज भी पढ़ सकते है। यहां जो शिलालेख मिला है, वो उस समय वहां की ग्राम सभा के लिए एक स्थानीय संविधान की तरह है। इसमें बताया गया है कि assembly कैसे चलनी चाहिए, सदस्यों का qualifications क्या होना चाहिए, सदस्यों को चुनने की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए, इतना ही नहीं उस युग में भी उन्होंने तय किया है कि disqualification कैसे होता है। सैकड़ों साल पहले की उस व्यवस्था में लोकतन्त्र का बहुत बारीकियों के साथ विवरण मिलता है।

साथियों,

तमिल संस्कृति में ऐसा बहुत कुछ है, जिसने एक राष्ट्र के रूप में भारत को गढ़ा है, आकार दिया है। जैसे हमारे चेन्नई से 70 किलोमीटर दूर, कांचीपुरम के पास तिरु-मुक्कूडल में वेंकटेश पेरूमाल मंदिर है। चोल साम्राज्य के दौरान बना ये मंदिर भी करीब-करीब 11 सौ साल पुराना है। इस मंदिर में ग्रेनाइट पत्थरों पर लिखा है कि कैसे उस समय वहां 15-bed का hospital मौजूद था। 11 सौ साल पुराने पत्थरों पर जो inscriptions हैं, उनमें मेडिकल procedures के बारे में लिखा है, डॉक्टरों को मिलने वाली सैलरी के बारे में लिखा है, herbal drugs के बारे में लिखा हुआ है, 11 सौ साल पुराना। हेल्थकेयर से जुड़े ये शिलालेख, तमिलनाडु की, भारत की बहुत बड़ी विरासत हैं।

साथियों,

मुझे याद है, कुछ समय पहले जब मैं चेस ओलंपियाड के उद्घाटन के लिए तमिलनाडु गया था। वहां मैंने तिरुवारूर जिले के प्राचीन शिव मंदिर का जिक्र किया था। ये बहुत प्राचीन चतुरंग वल्लभनाथर मंदिर, चेस के खेल से जुड़ा हुआ है। ऐसे ही, चोल साम्राज्य के दौरान तमिलनाडु से अन्य देशों तक व्यापार होने के कितने ही उल्लेख मिलते हैं।

भाइयों और बहनों,

एक देश के रूप में ये हमारी ज़िम्मेदारी थी कि हम इस विरासत को आगे बढ़ाते, गर्व के साथ इसे दुनिया के सामने रखते। लेकिन पहले क्या हुआ आप जानते हैं। अब आप सबने ये सेवा करने का सौभाग्य मुझे दिया है। मुझे याद है, जब मैंने United Nations में तमिल भाषा में तमिल से quote किया था। तब देश और दुनिया के कई लोगों ने मुझे मैसेज करके खुशी जताई थी। मुझे जाफना जाने का अवसर मिला था श्रीलंका में। जाफना जाने वाला मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री था। श्रीलंका में Tamil community के welfare के लिए वहां के लोग लंबे समय से मदद का इंतजार कर रहे थे। हमारी सरकार ने उनके लिए भी कई काम किए, तमिल लोगों को घर बनाकर दिए। जब वहां गृह प्रवेश का समारोह हो रहा था, तब एक बड़ा ही दिलचस्प आयोजन भी हुआ था। जैसे तमिल परंपरा है गृह प्रवेश से पहले, घर के बाहर, लकड़ी पर दूध उबालने का एक कार्यक्रम होता है। मैंने उसमें भी हिस्सा लिया था और मुझे याद है जब वो वीडियो तमिल में, तमिलनाडु में देखा गया इतना मेरे प्रति प्यार बरसाया गया। डगर-डगर पर आप अनुभव करेंगे कि तमिल लोगों के साथ, तमिलनाडु के साथ मेरा मन कितना जुड़ा हुआ है। तमिल लोगों की निरंतर सेवा करने का ये भाव, मुझे नई ऊर्जा देता है।

साथियों,

आप सभी को जानकारी है कि हाल ही संपन्न हुआ ‘काशी तमिल संगमम्’ कितना सफल रहा। इस कार्यक्रम में हमने प्राचीनता, नवीनता और विविधता को एक साथ सेलिब्रेट किया है। इन आयोजनों में तमिल साहित्य के सामर्थ्य के भी दर्शन हुए हैं। काशी में तमिल संगमम के दौरान कुछ ही समय में, हजारों रुपए की तमिल भाषा की पुस्तकें बिक्री हुई थीं। तमिल सिखाने वाली पुस्तकों के लिए भी वहां जबरदस्त क्रेज था। हिंदी भाषी क्षेत्र में और वो भी आज डिजिटल युग ऑनलाइन की दुनिया ऐसे समय काशी में हिंदी भाषी लोग, तमिल किताबों को इस तरह पसंद किया जाना, हजारों रूपए की तमिल की किताबें खरीदना ये हमारे देश के सांस्कृतिक कनेक्ट की सबसे बड़ी ताकत है दोस्तों।

मैं मानता हूं, तमिल लोगों के बिना काशीवासियों का जीवन अधूरा है और मैं काशीवासी हो गया हूं। और काशी के बिना तमिल के लोगों का जीवन भी अधूरा है। ये आत्मीयता, जब कोई तमिलनाडु से काशी आता है, तो सहज ही दिखाई देती है। काशी का सांसद होने के नाते, ये मेरे लिए और भी गर्व की बात है। मैंने देखा है कि काशी में जो नौका चलाने वाले लोग हैं, शायद ही कोई ऐसा नौका चलाने वाला मिलेगा जिसको तमिल के 50-100 वाक्य बोलना न आता हो। इतना वहां पर मेल-जोल है। ये भी हम सभी का सौभाग्य है कि बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी में, सुब्रहमणियम भारती जी के नाम पर एक चेयर की स्थापना की गई है। सुब्रहमणियम भारती जी ने काफी समय काशी में बिताया था, काफी कुछ वहां से सीखा था। ये भी पहली बार हुआ है कि काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों में, काशी विश्वनाथ मंदिर का ट्रस्ट बहुत पुराना है। पहली बार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट का ट्रस्टी तमिलनाडु के एक महाश्य को बना दिया गया है ये भी प्यार है। ये सारे प्रयास, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करने वाले हैं।

साथियों,

तमिल Literature से हमें अतीत के ज्ञान के साथ ही भविष्य के लिए प्रेरणा भी मिलती है। तमिलनाडु के पास तो ऐसा literature है, जिसमें से काफी कुछ 2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। जैसे कि, संगम literature से पता चला कि ancient Tamil Nadu में कई तरह के millets-श्रीअन्न उपयोग में लाए जाते थे। प्राचीन तमिल साहित्य ‘अगनानूरु’ में मिलेट्स के खेतों के बारे में लिखा गया है। महान तमिल कवित्री अव्वैयार अपनी एक सुंदर कविता में स्वादिष्ट ‘वरगु अरिसि चोरु’ इसके बारे में लिखती हैं। आज भी अगर कोई ये पूछता है कि भगवान मुरुगन को नैवेद्य के रूप में कौन सा भोजन पसंद है, तो जवाब मिलता है- ‘तेनुम तिनै मावुम’। आज भारत की पहल पर पूरी दुनिया मिलेट्स की हमारी हजारों वर्ष पुरानी परंपरा से जुड़ रही है। मैं चाहूँगा कि आज हमारा एक new year resolution, millets से भी जुड़ा हो। हमारा resolution होना चाहिए कि millets को हम वापस अपने खान-पान में जगह देंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

साथियों,

अब से कुछ देर में यहां तमिल कलाकारों की performances भी होने वाली है। ये हमारी कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत का भी प्रतीक है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम इसे पूरी दुनिया तक लेकर जाएँ, इसे showcase करें। साथ ही, इन art forms का कैसे समय के साथ विस्तार हो, हमें इस पर भी ध्यान देना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी में ये जितना ज्यादा popular होंगे, उतना ही वो इसे next generation को पास करेंगे। इसलिए, युवाओं को इस कला के बारे में बताना, उन्हें सिखाना ये हमारा सामूहिक दायित्व है। और मुझे खुशी है कि आज का ये आयोजन इसका भी एक बेहतरीन उदाहरण बन रहा है।

भाइयों और बहनों,

आज़ादी के अमृतकाल में हमारी ये ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी तमिल विरासत के बारे में जानें और देश और दुनिया को गर्व के साथ बताएं। ये विरासत हमारी एकता और, ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना का प्रतीक है। हमें तमिल Culture, Literature, Language और तमिल Tradition को निरंतर आगे बढ़ाना है। इसी भावना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। एक बार फिर आप सबको पुत्तांडु की बहुत-बहुत बधाई देता हूं और मुरूगन जी का भी धन्यवाद करता हूं कि आज मुझे इस महत्वपूर्ण अवसर में शरीक होने का मौका दिया आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।

Explore More
78ನೇ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ದಿನಾಚರಣೆಯ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಕೆಂಪು ಕೋಟೆಯಿಂದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಮಾಡಿದ ಭಾಷಣದ ಕನ್ನಡ ಅನುವಾದ

ಜನಪ್ರಿಯ ಭಾಷಣಗಳು

78ನೇ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ದಿನಾಚರಣೆಯ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಕೆಂಪು ಕೋಟೆಯಿಂದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಮಾಡಿದ ಭಾಷಣದ ಕನ್ನಡ ಅನುವಾದ
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।