"ಮಂಗಳೂರಿನಲ್ಲಿ ಸುಮಾರು 3800 ಕೋಟಿ ರೂ.ಗಳ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಯೋಜನೆಗಳ ಶಂಕುಸ್ಥಾಪನೆ ನೆರವೇರಿಸಿ, ಉದ್ಘಾಟಿಸಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ"
"ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಹೊಂದಿದ ಭಾರತವನ್ನು ನಿರ್ಮಿಸಲು, 'ಮೇಕ್ ಇನ್ ಇಂಡಿಯಾ' ಮತ್ತು ದೇಶದ ಉತ್ಪಾದನಾ ವಲಯವನ್ನು ವಿಸ್ತರಿಸುವುದು ತುಂಬಾ ಅಗತ್ಯ”
"ಸಾಗರಮಾಲಾ ಯೋಜನೆಯ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಫಲಾನುಭವಿಗಳಲ್ಲಿ ಕರ್ನಾಟಕವೂ ಒಂದಾಗಿದೆ"
"ಮೊದಲ ಬಾರಿಗೆ 30 ಲಕ್ಷಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಕರ್ನಾಟಕದ ಗ್ರಾಮೀಣ ಕುಟುಂಬಗಳಿಗೆ ಕೊಳಾಯಿ ನೀರು ತಲುಪಿದೆ"
"ಕರ್ನಾಟಕದ 30 ಲಕ್ಷಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ರೋಗಿಗಳು ಆಯುಷ್ಮಾನ್ ಭಾರತದ ಪ್ರಯೋಜನ ಪಡೆದುಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ"
"ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮ ಬೆಳೆದಾಗ, ಅದು ನಮ್ಮ ಗುಡಿ ಕೈಗಾರಿಕೆಗಳು, ನಮ್ಮ ಕುಶಲಕರ್ಮಿಗಳು, ಗ್ರಾಮೋದ್ಯೋಗಗಳು, ಬೀದಿಬದಿ ವ್ಯಾಪಾರಿಗಳು, ಆಟೋ ರಿಕ್ಷಾ ಚಾಲಕರು, ಟ್ಯಾಕ್ಸಿ ಚಾಲಕರಿಗೆ ಪ್ರಯೋಜನ ನೀಡುತ್ತದೆ"
"ಇಂದು ಡಿಜಿಟಲ್ ಪಾವತಿಗಳು ಐತಿಹಾಸಿಕ ಮಟ್ಟದಲ್ಲಿದ್ದು, ಭೀಮ್-ಯುಪಿಐನಂತಹ ನಮ್ಮ ಆವಿಷ್ಕಾರಗಳು ವಿಶ್ವದ ಗಮನ ಸೆಳೆಯುತ್ತಿವೆ"
"ಸುಮಾರು 6 ಲಕ್ಷ ಕಿ.ಮೀ ಆಪ್ಟಿಕಲ್ ಫೈಬರ್ ಅಳವಡಿಸುವ ಮೂಲಕ ಗ್ರಾಮ ಪಂಚಾಯತ್ ಗಳನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸಲಾಗುತ್ತಿದೆ"
"ಭಾರತವು ಸರಕು ರಫ್ತಿನಲ್ಲಿ 418 ಶತಕೋಟಿ ಡಾಲರ್ ಅಂದರೆ 31 ಲಕ್ಷ ಕೋಟಿ ರೂಪಾಯಿಗಳ ಹೊಸ ದಾಖಲೆ ಮಾಡಿದೆ"
"ಪಿಎಂ ಗತಿಶಕ್ತಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಾಸ್ಟರ್ ಪ್ಲಾನ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ, ರೈಲ್ವೆ ಮತ್ತು ರಸ್ತೆಗಳ ಇನ್ನೂರ ಐವತ್ತಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಯೋಜನೆಗಳನ್ನು ಗುರುತಿಸಲಾಗಿದ್ದು, ಇದು ತಡೆರಹಿತ ಬಂದರು ಸಂಪರ್ಕಕ್ಕೆ ನೆರವಾಗುತ್ತದೆ"

कर्नाटका के राज्यपाल श्रीमान थावर चंद जी गहलोत, कर्नाटका के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोमई जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, कर्नाटका सरकार के मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण और विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों !

आज भारत की समुद्री ताकत के लिए बहुत बड़ा दिन है। राष्ट्र की सैन्य सुरक्षा हो या फिर राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा, भारत आज बड़े अवसरों का साक्षी बन रहा है। अब से कुछ समय पहले, कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के लोकार्पण ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है।

और अब यहां मैंगलुरू में 3 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन हुआ है। ऐतिहासिक मंगलोर पोर्ट की क्षमता के विस्तार के साथ-साथ यहां रिफाइनरी और हमारे मछुआरे साथियों की आय बढ़ाने के लिए अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। इन परियोजनाओं के लिए मैं कर्नाटका वासियों को, आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

इन प्रोजेक्ट्स से कर्नाटका में व्यापार-कारोबार को, उद्योग को और ताकत मिलेगी, ease of doing business को बल मिलेगा। विशेष रूप से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत विकसित किए जा रहे कर्नाटका के किसानों और मछुआरों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंचाना और आसान होगा।

साथियों,

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से जिन पंच प्राणों की बात मैंने की है, उनमें से सबसे पहला है - विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में मेक इन इंडिया का विस्तार करना बहुत आवश्यक है। विकसित भारत के निर्माण के लिए जरूरी है हमारा एक्सपोर्ट बढ़े, दुनिया में हमारे प्रोडक्ट, कॉस्ट के मामले में कंपटीटिव हों। ये सस्ते और सुगम लॉजिस्टिक्स के बिना संभव ही नहीं है।

इसी सोच के साथ पिछले 8 वर्षों से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व काम हो रहा है। आज देश का शायद ही कोई हिस्सा हो जहां इंफ्रास्ट्रक्चर के किसी ना किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम ना चल रहा हो। भारतमाला से सीमावर्ती राज्यों के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त किया जा रहा है, तो कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर को सागरमाला से शक्ति मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

बीते वर्षों में देश ने Port led development को विकास का एक अहम मंत्र बनाया है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि सिर्फ 8 वर्षों में भारत के पोर्ट्स की कैपेसिटी लगभग दोगुनी हो गई है। यानी साल 2014 तक हमारे यहां जितनी पोर्ट कैपेसिटी बनाई गई थी, पिछले 8 वर्षों में उतनी ही नई जोड़ी गई है।

मैंगलोर पोर्ट में जो टेक्नॉलॉजी से जुड़ी नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, इससे इसकी capacity और efficiency, दोनों बढ़ने वाली हैं। आज Gas और Liquid cargo के स्टोरेज से जुड़े जिन चार प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास यहां किया गया है, उनसे कर्नाटका और देश को बहुत लाभ होने वाला है। इससे खाद्य तेल की, एलपीजी गैस की, बिटुमिन की इम्पोर्ट कॉस्ट भी कम होगी।

साथियों,

अमृतकाल में भारत ग्रीन ग्रोथ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब, ये नए अवसर हैं। यहां की रिफाइनरी में जो नई सुविधाएं आज जुड़ी हैं, वे भी हमारी इन्हीं प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं। आज हमारी रिफाइनरी नदी के पानी पर निर्भर है। डीसैलिनेशन प्लांट से रिफाइनरी की नदी के पानी पर निर्भरता कम हो जाएगी।

भाइयों और बहनों,

पिछले 8 वर्षों में देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को जिस प्रकार देश ने प्राथमिकता बनाया है, उसका बहुत अधिक लाभ कर्नाटका को मिला है। कर्नाटका सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। कर्नाटका में सिर्फ नेशनल हाईवे के क्षेत्र में ही पिछले 8 वर्षों में लगभग 70 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ है। इतना ही नहीं, लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। बैंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे, बैंगलुरू-मैसूर रोड हाईवे की सिक्स लेनिंग, बैंगलुरु से पुणे को जोड़ने वाला ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, बैंगलुरू सैटेलाइट रिंग रोड, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है।

रेलवे में तो 2014 से पहले की तुलना में कर्नाटका के बजट में 4 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। रेल लाइनों के चौड़ीकरण में भी बीते 8 सालों में 4 गुना से अधिक गति से काम हुआ है। कर्नाटका में रेल लाइनों के बिजलीकरण का तो बहुत बड़ा हिस्सा पिछले 8 वर्षों में पूरा किया गया है।

साथियों,

आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर इतना फोकस इसलिए कर रहा है क्योंकि यही डेवलप भारत के निर्माण का मार्ग है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण सुविधा बढ़ाने के साथ ही बड़े पैमाने पर नए रोजगार का भी निर्माण करता है। अमृतकाल में हमारे बड़े संकल्पों की सिद्धि का रास्ता भी यही है।

भाइयों और बहनों,

देश के तेज विकास के लिए ये भी बहुत आवश्यक है कि देश के लोगों की ऊर्जा सही दिशा में लगे। जब लोगों की ऊर्जा, मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में लगी रहेगी तो फिर इसका प्रभाव देश के विकास की गति पर भी पड़ता है। सम्मान से जीवन जीने के लिए पक्का घर, टॉयलेट, साफ पानी, बिजली और धुआं मुक्त किचन, ये आज के युग में स्‍वाभाविक आवश्‍यकताएं हैं।

इन्हीं सुविधाओं पर हमारी डबल इंजन की सरकार सबसे ज्यादा जोर दे रही है। पिछले 8 वर्षों में देश में गरीबों के लिए तीन करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं। कर्नाटका में भी गरीबों के लिए 8 लाख से ज्यादा पक्के घरों के लिए स्वीकृति दी गई है। मध्यम वर्ग के हजारों परिवारों को भी अपना घर बनाने के लिए करोड़ों रुपए की मदद दी गई है।

जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ तीन वर्षों में ही देश में 6 करोड़ से अधिक घरों में पाइप से पानी की सुविधा पहुंचाई गई है। कर्नाटका के भी 30 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा है। मुझे खुशी है कि इन सुविधाओं की सबसे अधिक लाभार्थी हमारी बहनें हैं, बेटियां हैं।

साथियों,

गरीब की बहुत बड़ी आवश्यकता, इलाज की सस्ती सुविधा और सामाजिक सुरक्षा होती है। जब गरीब पर संकट आता है तो पूरा परिवार और कई बार आने वाली पीढ़ियां तक मुश्किल में पड़ जाती हैं। गरीब को इस चिंता से आयुष्मान भारत योजना ने मुक्ति दिलाई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब-करीब 4 करोड़ गरीबों को अस्पताल में भर्ती रहते हुए मुफ्त इलाज मिल चुका है। इससे गरीबों के करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। आयुष्मान भारत का लाभ कर्नाटका के भी 30 लाख से अधिक गरीब मरीज़ों को मिला है और उन्हें भी 4 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।

भाइयों और बहनों,

आजादी के बाद दशकों तक हमारे यहां ऐसी स्थिति रही कि सिर्फ साधन-संपन्न वालों को ही विकास का लाभ मिला है। जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर थे, उन्हें पहली बार विकास के लाभ से जोड़ा गया है। जिनको आर्थिक दृष्टि से छोटा समझकर भुला दिया गया था, हमारी सरकार उनके साथ भी खड़ी है। छोटे किसान हों, छोटे व्यापारी हों, मछुआरे हों, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले हों, ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है, वो विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। कर्नाटका के भी 55 लाख से ज्यादा छोटे किसानों को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। पीएम स्वनिधि के तहत देश के 35 लाख रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाई-बहनों को आर्थिक मदद मिली है। इसका लाभ कर्नाटका के भी लगभग 2 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को हुआ है।

मुद्रा योजना के माध्यम से देशभर में छोटे उद्यमियों को लगभग 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लोन दिया गया है। कर्नाटका के भी लाखों छोटे उद्यमियों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन दिया जा चुका है।

साथियों,

कोस्टल बेल्ट में बसे गांवों, पोर्ट्स के इर्द-गिर्द बसे साथियों, मछली पालन से जुड़े हमारे भाई-बहनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार विशेष प्रयास कर रही है। थोड़ी देर पहले ही यहां मछली पालन से जुड़े साथियों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए। गहरे समंदर में मछली पकड़ने के लिए ज़रूरी नावें, आधुनिक Vessels भी दिए गए हैं।

पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत मिल रही सब्सिडी हो या फिर मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा, मछुआरों के कल्याण और आजीविका बढ़ाने के लिए पहली बार इस तरह के प्रयास हो रहे हैं।

आज कुलई में fishing harbour का भूमिपूजन भी हुआ है। बरसों से हमारे फिशरीज सेक्टर से जुड़े भाई-बहन इसकी मांग कर रहे थे। ये जब बनकर तैयार हो जाएगा तो मछुआरों की अनेक समस्याओं का समाधान होगा। इस project से सैकड़ों मछुआरे परिवारों को मदद मिलेगी, अनेक लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार, देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। देश की जनता की आकांक्षा, हमारी सरकार के लिए जनता के आदेश की तरह है। देश के लोगों की आकांक्षा है कि भारत में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर हो। आज देश के कोने-कोने में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है।

देश के लोगों की आकांक्षा है कि हमारे ज्यादा से ज्यादा शहर मेट्रो कनेक्टिविटी से जुड़े हों। हमारी सरकार के प्रयास की वजह से पिछले आठ साल में मेट्रो से जुड़े शहरों की संख्या चार गुना हो चुकी है।

देश के लोगों की आकांक्षा है, उन्हें आसानी से हवाई उड़ान की सुविधा मिले। उड़ान योजना के तहत अब तक एक करोड़ से ज्यादा यात्री हवाई जहाज में सफर कर चुके हैं।

देश के लोगों की आकांक्षा है कि भारत में clean economy हो। आज डिजिटल पेमेंट ऐतिहासिक स्तर पर हैं और BHIM-UPI जैसे हमारे Innovation, दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं।

देश के लोग आज तेज इंटरनेट चाहते हैं, सस्ता इंटरनेट चाहते हैं, देश के कोने-कोने में इंटरनेट चाहते हैं। आज करीब 6 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।

5G की सुविधा, इस क्षेत्र में नई क्रांति लाने वाली है। मुझे खुशी है कि कर्नाटका की डबल इंजन की सरकार भी, तेज गति से लोगों की आवश्यकता और आकांक्षा को पूरा करने के लिए काम कर रही है।

साथियों,

भारत के पास साढ़े सात हजार किलोमीटर से भी ज्यादा Coastal Line है। देश के इस सामर्थ्य का हमें भरपूर लाभ उठाना है। यहां का करावली कोस्ट और वेस्टर्न घाट भी अपने टूरिज्म के लिए इतना मशहूर है। मुझे बताया गया है कि हर क्रूज सीजन में न्यू मैंगलोर पोर्ट औसतन 25 हजार टूरिस्टों को हैंडल करता है। इसमें बहुत बड़ी संख्या विदेशी नागरिकों भी होते हैं। यानी संभावनाएं बहुत हैं और जिस तरह भारत में मध्यम वर्ग की शक्ति बढ़ रही है, भारत में क्रूज टूरिज्म की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ती जा रही हैं।

जब टूरिज्म बढ़ता है तो उसका बहुत बड़ा लाभ हमारे कुटीर उद्योग, हमारे Artisans, ग्राम उद्योग, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाई-बहन, ऑटो रिक्शा चालक, टैक्सी ड्राइवर, ऐसे समाज के छोटे तबके के लोगों को टूरिज्‍म से बहुत लाभ होता है। मुझे खुशी है कि न्यू मैंगलोर पोर्ट क्रूज टूरिज्म बढ़ाने के लिए लगातार नई सुविधाएं जोड़ रहा है।

साथियों,

जब कोरोना का संकट शुरू हुआ था, तो मैंने आपदा को अवसर में बदलने की बात कही थी। आज देश ने इस आपदा को अवसर में बदलकर दिखा दिया है। कुछ दिनों पहले GDP के जो आंकड़े आए हैं, वो दिखा रहे हैं कि भारत ने कोरोना काल में जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, वो कितने महत्वपूर्ण थे। पिछले साल इतने global disruptions के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानि 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया। हर चुनौती से पार पाते हुए भारत ने 418 बिलियन डॉलर यानि 31 लाख करोड़ रुपए के merchandize export का नया रिकॉर्ड बनाया।

आज देश के ग्रोथ इंजन से जुड़ा हर सेक्टर पूरी क्षमता से चल पड़ा है। सर्विस सेक्टर भी तेज़ी से ग्रोथ की तरफ बढ़ रहा है। PLI स्कीम्स का असर मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर पर दिखने लगा है। मोबाइल फोन सहित पूरे electronic manufacturing sector में कई गुना वृद्धि हुई है।

Toys का import 3 साल में जितना घटा है, करीब-करीब उतना ही export बढ़ा है। इन सभी का लाभ सीधे-सीधे देश के उन Coastal Areas को भी हो रहा है, जो भारतीय सामान को एक्सपोर्ट के लिए अपने संसाधन मुहैया कराते हैं, जहां मैंगलुरू जैसे बड़े पोर्ट हैं।

साथियों,

सरकार के प्रयासों से देश में बीते वर्षों में Coastal traffic में भी वृद्धि देखी गई है। देश के अलग-अलग पोर्ट्स पर सुविधा और संसाधन बढ़ने की वजह से coastal movement अब और ज्यादा आसान हुआ है। सरकार की कोशिश है कि पोर्ट कनेक्टिविटी और बेहतर हो, इसमें और तेजी आए। इसलिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत रेलवे और रोड के ढाई सौ से ज्यादा प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है जो Seamless Port Connectivity में मदद करेंगे।

भाइयों और बहनों,

अपनी वीरता और व्यापार के लिए प्रसिद्ध ये तटीय क्षेत्र विलक्षण प्रतिभाओं से भरा हुआ है। भारत के कई उद्यमी लोग यहीं के रहने वाले हैं। भारत के कई खूबसूरत द्वीप और पहाड़ियां कर्नाटका में ही हैं। भारत के कई मशहूर मंदिर और तीर्थ क्षेत्र यहीं पर हैं। आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो मैं रानी अब्बक्का और रानी चेन्नभैरा देवी, को भी याद करना चाहूंगा। भारत की धरती को, भारत के कारोबार को गुलामी से बचाने के लिए उनका संघर्ष अभूतपूर्व था। आज निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे भारत के लिए ये वीर महिलाएं बहुत बड़ी प्रेरणास्रोत हैं।

हर घर तिरंगा अभियान को जिस प्रकार कर्नाटका के जन-जन ने, हमारे युवा साथियों ने सफल बनाया, वो भी इस समृद्ध परंपरा का ही विस्तार है। कर्नाटका के करावली क्षेत्र में आकर राष्ट्रभक्ति की, राष्ट्रीय संकल्प की, इस ऊर्जा से मैं हमेशा प्रेरित महसूस करता हूं। मेंगलुरु में दिख रही ये ऊर्जा ऐसे ही विकास की राह को उज्जवल बनाती रहे, इसी कामना के साथ आप सभी को विकास के इन प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ जोर से बोलिए-

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.