ನೀತಿ, ಉದ್ದೇಶಗಳು, ನಿಷ್ಠೆ ಮತ್ತು ನಾಯಕತ್ವ: ಬಿಜೆಪಿ ಯುಪಿ ಜನರ ಹೃದಯವನ್ನು ಹೇಗೆ ಗೆಲ್ಲುತ್ತಿದೆ ಎಂಬುದರ ಕುರಿತು ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
2012-17ರಲ್ಲಿ ಜೌನ್‌ಪುರದ ನಗರ ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ಕೇವಲ 1 ಮನೆಯನ್ನು ನಿರ್ಮಿಸಲಾಗಿದೆ, 2017 ರಿಂದ ಬಿಜೆಪಿ ಸರ್ಕಾರದಲ್ಲಿ 30,000 ಮನೆಗಳನ್ನು ಮಂಜೂರು ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಮತ್ತು 15000 ಮನೆಗಳನ್ನು ಈಗಾಗಲೇ ನಿರ್ಮಿಸಲಾಗಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಯುಪಿಯಲ್ಲಿ ವಾಸಿಸುವ ಎಲ್ಲಾ ಜನರ ಆಕಾಂಕ್ಷೆಗಳನ್ನು ಡಬಲ್ ಎಂಜಿನ್ ಸರ್ಕಾರ್‌ನ ಪ್ರಯತ್ನಗಳ ಮೂಲಕ ಮಾತ್ರ ಸಾಕಾರಗೊಳಿಸಬಹುದು: ಜೌನ್‌ಪುರದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಪ್ರತಿಪಕ್ಷಗಳು ಚುನಾವಣೆ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಮಾತ್ರ ಮಹಾರಾಜ ಸುಹೇಲ್ ದೇವ್ ಅವರನ್ನು ನೆನಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ನಾವು ವೋಟ್ ಬ್ಯಾಂಕ್ ರಾಜಕಾರಣ ಮಾಡುವುದಿಲ್ಲ: ಚಂಡೌಲಿಯಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

भारत माता की जय

धान क कटोरा चंदौली के सभी लोगन के परणाम! बाबा कीनाराम, आ लाल बहादुर शास्त्री जी के धरती, चंदौली के सप्रेम नमन! चंदौली की धरती ने आज़ादी से लेकर राष्ट्रनिर्माण तक, हमारी संस्कृति और राष्ट्र की सुरक्षा तक कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान न दिया हो। इस योगदान को हमारी सरकार ने सम्मान भी दिया है और उसको रोज़गार की, पर्यटन और तीर्थाटन की संभावनाओं से भी जोड़ा है। आप देखिए, चंदौली में जो मेडिकल कॉलेज बन रहा है, वो मेडिकल कॉलेज बाबा कीनाराम जी के नाम से बन रहा है।

रामगढ़ में बाबा कीनाराम के धाम को सुंदर और भव्य बनाया जा रहा है। ताकि यहां अधिक से अधिक श्रद्धालु आ सकें। वाराणसी-चंदौली सीमा पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की विशाल मूर्ति बाग और संग्रहालय भी टूरिज्म को बहुत बल देने वाले हैं। हमारी सरकार ही है जो महाराजा सुहेलदेव के योगदान को पूरे देश में लेकर गई है। वरना पहले वो भी एक जमाना था, ये घोर परिवारवादियों को महाराजा सुहेलदेव सिर्फ और सिर्फ चुनावों के दौरान ही याद आते थे। घोर परिवारवादियों और घनघोर राष्ट्रभक्तों के बीच यही अंतर होता है। वो अपमान करना उपेक्षा करना बराबर जानते हैं। लेकिन हम आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेहनत करना जानते हैं।

भाइयो और बहनो,

बीते 7 सालों में भाजपा ने देश की राजनीति को बदलने वाले कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, लेकिन मैं दो बातों का जिक्र करना चाहता हूं। एक काम, हमने वोटबैंक की पॉलिटिक्स के बजाय, जात-पात के भेदभाव के बजाय, मेरा जिला-तेरा जिला, मेरा क्षेत्र-तेरा क्षेत्र, पश्चिमी यूपी, पूर्व यूपी, मध्य यूपी, ये सारे भेद मिटाकर के सिर्फ और सिर्फ सबका साथ, सबका विकास की राजनीति को हमने केंद्र में रखा है। दूसरा ये कि कोरी घोषणाओं के बजाय हमने सरकारी योजनाओं को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया है, जिनके वो हकदार हैं।

और जिनको सरकार की योजनाओं की सबसे अधिक ज़रूरत है। हम जानते हैं पहले छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए नेताओं के, सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। हमने गरीबों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजना शुरू कर दिया। आप देखिए- पीएम किसान का पैसा- सीधे आपके बैंक खाते में। बच्चों के वजीफे का पैसा- सीधा आपके बैंक खाते में। गैस सब्सीडी का पैसा- सीधे आपके बैंक खाते में। पेंशन का पैसा- सीधे आपको बैंक खाते में। यही सुशासन है जो आपके एक-एक वोट ने सुनिश्चित किया है। इस बार भी आपका हर वोट, यूपी में सुशासन वाली सरकार की वापसी कराएगा।

साथियो,

ये घोर परिवारवादी अभी भी, कुछ नेताओं और माफिया से गठबंधन की पुरानी राजनीति में ही अटके पड़े हैं। हमारा गठबंधन जनता से होता है। होता है कि नहीं होता है...होता है कि नहीं होता है। और ये गठबंधन पक्का होता है कि नहीं होता है। दूर-दूर तक पहुंचने वाला होता है कि नहीं होता है। और इसलिए हमारा गठबंधन जनता-जनार्दन से होता है। भाजपा का गठबंधन- चंदौली के उन लाखों लाख गरीब, दलित, पिछड़े भाई-बहनों से है, जिनको इस कोरोना काल में हमने भूखे पेट सोने नहीं दिया। गरीब के घर में चूल्हा जलता रहे..गरीब का बच्चा रात को भूखा न सो जाए..इसलिए पिछले 2 साल से हम मुफ्त राशन सुनिश्चित कर रहे हैं।

भाजपा का गठबंधन- चंदौली के हर नागरिक से है, जिसके जीवन की हमें चिंता थी, जिसे हमने कोरोना का मुफ्त टीका लगाया, सबको लगाया, तेज़ी से लगाया। आपका टीका लगा है क्या..दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइये...आपका टीका लगा है क्या आप सबको टीका लगा है। आपको टीका लगाने का पैसा देना पड़ा क्या। पैसा देना पड़ा क्या। जेब से एक रुपया भी देना पड़ा क्या। इसीलिए तो मेरा और आपका गठबंधन है। भाजपा का गठबंधन- चंदौली के उन 14 हज़ार गरीब परिवारों से है, जिनके पक्के घर के सपनों को पूरा करने के लिए हमने दिन रात मेहनत की।

भाइयो और बहनो,

जब 14 हजार गरीब गरीब परिवारों को पक्के घर मिलें। मतलब एक-एक परिवार लखपति हो गया। आज घर की कीमत देखें और जब घर बनता है। भाइयो और बहनो, घर तो गरीब के लिए बनता है, लेकिन जब घर बनता है तो ईंटें किसके यहां से खरीदते हैं...मध्यम वर्ग के परिवार के हाथ से। सीमेंट किसके हाथ से खरीदते हैं..मध्यम वर्ग की दुकान से। लकड़ी के सामान की जरूरत पड़े किससे खरीदते हैं मध्यम वर्ग की दुकान से और जब मकान बनता है मजदूरी भी मिलती है। नौजवानों को काम भी मिलता है। भाइयो और बहनो, सिर्फ गरीब को मकान मिलता है...इतना ही नहीं उस मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया में यहां के मध्यम वर्ग के लोगों की रोजी-रोटी को भी ताकत मिलती है।

भाइयो और बहनो

भाजपा का गठबंधन- चंदौली की उन पौने 2 लाख गरीब बहन-बेटियों से है, जिनके चूल्हे से निकलता धूआं हमें तकलीफ देता था, जिनको हमने मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाया। भाजपा का गठबंधन- चंदौली के उन लाखों गरीब, दलित, पिछड़े साथियों से है, जिनकी सेहत की हमें चिंता थी, जिन्हें हमने 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज वाली आयुष्मान योजना की सुविधा दी।

भाइयो और बहनो,

मैं भी आपकी तरह एक बहुत सामान्य परिवार से आता हूं। और जो आप अनुभव करते हैं वो मैं अनुभव करके आया हूं। हमने देखा है..गरीब परिवार में किसी भी परिवार में अगर कोई गंभीर बीमारी आ जाए तो उस परिवार के सारे सपने चूर-चूर हो जाते हैं। और घर में मां अगर बीमार हो गई तो कभी परिवार को बताती नहीं है कि मुझे दर्द हो रहा है...मुझे पीड़ा हो रही है। वो परिवार को नहीं बताती है। पीड़ा झेलती है क्योंकि उसके मन में रहता है कि अगर बीमारी का बच्चों को पता चलेगा तो वो डॉक्टर के पास ले जाएंगे...खर्चा होगा बच्चों के सिर पर कर्ज लग जाएगा।

इसलिए मां जीवनभर पीड़ा सहन करती है। पर बच्चों के सिर पर बोझ नहीं होने देती है। ये मेरे देश की माताएं हैं। ये मेरे देश की बहनें हैं। भाइयो और बहनो, आप मुझे बताइये क्या ऐसी माताओं को पीड़ा में रहने दूं क्या। उनको पीड़ा सहने दूं क्या। मुझे पीड़ा से बाहर निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए। इन परिवारों को आरोग्य की सेवा देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए। क्या पहले की सरकारों का ये काम था कि नहीं था। क्या तब लोग बीमार नहीं पड़ते थे क्या। उनको परवाह ही नहीं थी। हमने पांच लाख रुपये तक बड़े से बड़े अस्पताल में जाकर भी उपचार कराएं...पांच लाख रुपये तक का खर्चा मोदी करेगा मेरे भाइयो।

भाइयो और बहनो,

भाजपा का गठबंधन- चंदौली के हर गांव के, हर परिवार की बहनों से है, जिनकी गरिमा की रक्षा के लिए हमने पहले शौचालय बनाए और अब नल से जल देने के लिए हम तेज़ गति से काम कर रहे हैं। इस मज़बूत गठबंधन के आगे घोर परिवारवादियों का मिलावटी गठबंधन एक पल भी नहीं ठहर सकता। ठहर सकता है क्या। ठहर सकता है क्या। यूपी चुनाव के हर चरण में लगातार यही दिखाई दे रहा है...जो खबरें आ रही हैं घोर परिवारवादियों का यूपी की जनता ने पत्ता साफ कर दिया है। यहां भी करोगे ना...यहां भी करोगे ना। इस चरण में भी। आज जो मतदान चल रहा है वहां से खबरें यही आ रही हैं और आप तो ये रैली देखकर मैं ये कह सकता हूं कि आपने तो उनका सफाया करना तय कर लिया है।

भाइयो और बहनो,

घोर परिवारवादियों का लक्ष्य सत्ताभोग है, इसलिए वो समाज में बंटवारे की राजनीति करते हैं। हमारा लक्ष्य राष्ट्रनिर्माण का है, इसलिए सबको साथ लेकर, हम सेवाभाव से काम पूरा करते हैं। बीते 5 साल में चंदौली में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया जैसे हर इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हुआ है। एक्सप्रेसवे के काम होने से.. आगे बढ़ाते हुए, इस साल के बजट में काशी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। इस एक्सप्रेसवे से यहां अनेकों रोज़गार चंदौली में बनेंगे। जब ये पूरा होगा तो यहां के किसानों के फल-सब्ज़ी तेज़ी से दिल्ली से लेकर कोलकाता तक के अनेक बाज़ारों तक पहुंच पाएंगे।

भाइयो और बहनो,

घोर परिवारवादियों ने सिर्फ अपने परिवार का, अपने नाते-रिश्तेदारों और उनके माफिया दोस्तों का ही ध्यान रखा। इन लोगों ने इतनी समृद्ध विरासत वाले चंदौली को पिछड़े होने का टैग लगा दिया था। भाजपा सरकार, गरीबों-शोषित-पीड़ित-वंचित के लिए काम करती है, उनकी सेवा करती है। इसलिए आज चंदौली जिला विकास के मामले में कई क्षेत्रों से बेहतर कर रहा है।

साथियो,

हम किसानों की आवश्यकताओं का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं। घोर परिवारवादी जब सत्ता में थे तो चंदौली के सिर्फ 12 हज़ार किसानों से गेहूं और धान की खरीद की जाती थी। सिर्फ 12 हजार। लेकिन योगी जी की सरकार ने करीब-करीब 50 हजार किसानों से धान और गेहूं खरीदा गया है। ये जितनी भी खरीद हो रही है, उसका पैसा सीधा किसानों के बैंक खाते में जमा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 400 करोड़ रुपये...आप कल्पना कीजिए हमारे चंदौली में पीएम किसान सम्मान निधि के 400 करोड़ रुपये सीधे यहां के किसानों के बैंक खाते में गए हैं।

इसका बहुत बड़ा लाभ ये मेरे चंदौली के 2 लाख से अधिक छोटे किसानों को इसका लाभ मिला है। डबल इंजन सरकार विज्ञान से कैसे किसान की समृद्धि के रास्ते बना रही है, इसका बड़ा उदाहरण चंदौली का काला चावल है। सरकार के प्रयासों की वजह से आज चंदौली के किसान को काले चावल के तीन सौ-चार सौ रुपए प्रति किलो तक आज मिल रहे हैं।

भाइयो और बहनो,

कितनी भी सुविधा हो, कितनी भी समृद्धि हो, जहां मान-सम्मान और जीवन खतरे में होगा, वहां विकास संभव ही नहीं होता। आपने 5 साल पहले ऐसे ही दिन झेले हैं। अराजकता, गुंडागर्दी, थानों-स्कूलों-सरकारी विभागों में भाई-भतीजावाद, इसके सबसे बड़े भुग्तभोगी हमारे गरीब, दलित, पिछड़े परिवार होते हैं, बहन-बेटियां होती हैं। जब गरीब की सुनवाई नहीं होती, जब ट्रांस्फर-पोस्टिंग के नाम पर कर्मचारियों का, शिक्षकों का शोषण होता है, तो वो कैसे आगे बढ़ेंगे। इसलिए यूपी आज कानून के राज को, नियमों के राज को ही प्राथमिकता दे रही है। 10 मार्च के बाद यूपी के विकास का ये अभियान और तेज किया जाएगा।

भाइयो और बहनो,

इस बार की होली 10 मार्च से ही शुरु हो जाएगी। पूरा यूपी 10 मार्च को ही रंग वाली होली मनाने वाला है। भाइयो और बहनो, मैं जब आज इतनी बड़ी रैली देख रहा हूं। दूर-दूर मैं देख रहा हूं, कितने दूर मुझे लोग नजर आ रहे हैं। वहां ऊपर भी नजर आ रहे हैं। अब इतनी बड़ी रैली हो गई तो आपको तो बड़ा लगता होगा ना मोदी जी आ गए। केशव जी आ गए। इतनी बढ़िया रैली हो गई। अब तो बस सो जाओ। ऐसा करोगे। कितना बढ़िया हो गया। सो जाओ ऐसा करोगे। क्या करोगे। अच्छा बताइये मेरा एक काम करोगे।

दोनों हाथ ऊपर करके सब के सब लोग बताइये करोगे। मेरा एक काम करोगे। पक्का करोगे। घर-घर जाओगे। लोगों से मिलोगे और मेरी तरफ से...ये मेरी दिली इच्छा है...करोगे ना। और आप चुनाव के काम में हो। बहुत काम रहता है। इसके बीच में आपको काम देने आया हूं करोगे ना। चुनाव के बीच में भी करोगे ना। देखिए मतदान पूरा होने के पहले हर घर जाइये। उनको प्रणाम पहुंचा दीजिए। पहुंचा देंगे। उनको कहेंगे मोदी जी ने प्रणाम भेजा है। कहेंगे...पक्का। देखिए ज्यादा से ज्यादा मतदान करावइये कमल के निशान पर, कप-प्लेट पर और भोजन भरी थाली पर। भारतीय जनता पार्टी के साथियों समेत पूरे एनडीए को विजयी बनाइये।

आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

भारत माता की जय

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भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !