ವಿವಿಧ ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ಡಬಲ್ ಇಂಜಿನ್ ಸರ್ಕಾರವು ನಾಗರಿಕರಿಗೆ 'ಡಬಲ್ ರಕ್ಷಣೆ' ಖಾತ್ರಿಪಡಿಸಿದೆ ಎಂದು ದೆಹಲಿಯ ಬಿಜೆಪಿ ಹೆಚ್ಕ್ಯುನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ
ಗೋವಾದಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲಾ ಎಕ್ಸಿಟ್ ಪೋಲ್‌ಗಳು ತಪ್ಪು ಎಂದು ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಗೋವಾದ ಜನರು ಸತತ ಮೂರನೇ ಬಾರಿಗೆ ಬಿಜೆಪಿಗೆ ಸೇವೆ ಸಲ್ಲಿಸುವ ಅವಕಾಶವನ್ನು ನೀಡಿದ್ದಾರೆ.
ಈ ವರ್ಷದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ರಿಂದ ಹೋಳಿ ಪ್ರಾರಂಭವಾಗಲಿದೆ ಎಂದು ಬಿಜೆಪಿ ಕಾರ್ಯಕರ್ತರು ನನಗೆ ಭರವಸೆ ನೀಡಿದ್ದರು ಮತ್ತು ಅವರು ತಮ್ಮ ಭರವಸೆಯನ್ನು ಉಳಿಸಿಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ: 2022 ರ ವಿಧಾನಸಭಾ ಚುನಾವಣೆಯಲ್ಲಿ ಪಕ್ಷದ ಪ್ರಚಂಡ ವಿಜಯದ ನಂತರ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಬಿಜೆಪಿಯ ಬಡವರ ಪರ ಮತ್ತು ಸಕ್ರಿಯ ಆಡಳಿತವನ್ನು ಫಲಿತಾಂಶಗಳು ಬಲವಾಗಿ ಸಮರ್ಥಿಸುತ್ತವೆ, 2022 ರ ವಿಧಾನಸಭಾ ಚುನಾವಣಾ ಫಲಿತಾಂಶಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ.
ಭಾರತದಲ್ಲಿ ‘ಪರಿವಾರದ’ ರಾಜಕೀಯಕ್ಕೆ ಸೂರ್ಯ ಅಸ್ತಮಿಸಲು ಆರಂಭಿಸಿದ್ದಾನೆ, ಇಂದಿನ ಚುನಾವಣಾ ಫಲಿತಾಂಶ ನಿರ್ಧರಿಸಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

भारत माता की…

भारत माता की…

भारत माता की….

आज उत्साह का दिन है, उत्सव का दिन है। ये उत्सव भारत के लोकतंत्र के लिए है। मैं इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी मतदाताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके निर्णय के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। विशेष रूप से हमारी माताओं-बहनों ने, हमारे युवाओं ने जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी को भरपूर समर्थन दिया है, वो अपनेआप में बहुत बड़ा संदेश है। मुझे इस बात का भी संतोष है कि फर्स्ट टाइम वोटर्स ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और भाजपा की जीत पक्की की।

चुनाव के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुझसे वायदा किया था कि इस बार होली 10 मार्च से शुरू हो जाएगी। हमारे कर्मठ कार्यकर्ताओं ने ये विजय ध्वज फहरा कर के इस वायदे को पूरा करके दिखाया है। मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की भूरी-भूरी प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने दिन-रात देखे बिना इन चुनावों में कड़ी मेहनत की।

हमारे कार्यकर्ता जनता जनार्दन का दिल जीतने में, जनता-जनार्दन का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं। और पूरी पार्टी का नेतृत्व जिन्होंने किया, कार्यकर्ताओं का जिन्होंने लगातार मार्गदर्शन किया, ऐसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान् जगत प्रकाश नड्डा जी को भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पार्टी के हर छोटे-मोटे सभी कार्यकर्ताओं ने उनके अथक परिश्रम से आज एनडीए के लिए जीत का चौका लगाया है।

साथियो,

उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं। लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले किसी मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का यह पहला उदाहरण है। अभी नड्डा जी ने विस्तार से बताया उत्तर प्रदेश में 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। तीन राज्य यूपी, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद, बीजेपी के वोट शेयर में वृद्धि हुई है। गोवा में सारे एग्जिट पोल गलत निकल गए, और वहां की जनता ने तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है। 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी राज्य में बीजेपी की सीटों की संख्या बढ़ी है।

उत्तराखंड में भी भाजपा ने नया इतिहास रचा है। राज्य में पहली बार कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। यानि सीमा से सटा एक पहाड़ी राज्य, एक समुद्र तटीय राज्य, और एक मां गंगा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त एक राज्य और पूर्वोत्तर सीमा पर एक राज्य, भाजपा को चारों दिशाओं से आशीर्वाद मिला है। इन राज्यों की चुनौतियां भिन्न हैं, सब की विकास की यात्रा का मार्ग भिन्न है, लेकिन सब को जो बात एक सूत्र में पिरो रही है, वो है भाजपा पर विश्वास। भाजपा की नीति, भाजपा की नीयत और भाजपा के निर्णयों पर अपार विश्वास।

साथियों,

ये चुनाव नतीजे भाजपा की pro poor, pro –active गवर्नेंस पर एक प्रकार से बड़ी मजबूत मुहर लगाते हैं। पहले जनता अपने ही हक के लिए सरकार के दरवाज़े खटखटा कर थक जाती थी। बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन बहुत बुनियादी सुविधाओं के लिए, सामान्य ज़रूरतों के लिए, सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, पैसे देने पड़ते थे। कुछ साधन-संपन्न लोगों तक सुविधा पहुंचने के रास्ते अलग थे, पहुंच जाती थीं। देश में गरीबों के नाम पर घोषणाएं बहुत हुईं, योजनाएं भी बहुत बनीं, लेकिन उस योजनाओं का जो हकदार था जिस गरीब का उस पर हक था उसके लिए कि हक उसको मिले, बिना परेशानी के मिले, उसके लिए गुड गवर्नेंस डिलीवरी इसका बड़ा महत्व होता है।

लेकिन भाजपा इस बात को समझती है। और मैं लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री के नाते काम करके आया हूं हूं इसलिए मुझे पता है आखिरी इंसान की सुविधा के लिए कितनी मेहनत करनी चाहिए। बीते वर्षों में हमने गवर्नेंस डिलिवरी सिस्टम तो बेहतर किया ही है, साथ साथ पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी लाए हैं। भाजपा, गरीब को भरोसा देती है कि सरकार ने निर्णय की हुई सुविधाएं जरूर पहुंचेंगी। और मैं गरीब के घर तक उसका हक पहुंचाए बिना चैन से बैठने वाला इंसान नहीं हूं।


दो दशक से भी ज्यादा समय तक हेड ऑफ द गवर्नमेंट के रूप में सेवा करने का मुझे सौभाग्य मिला है। सरकार में कितनी दिक्कतें होती हैं, गर्वर्नेंस में कितनी दिक्कतें होती है इसको भलीभांति जानता हूं। उसके बावजूद भी मैंने एक ऐसी हिम्मत की है, शायद… शायद कोई ना कर पाए। और वो हिम्मत मैंने लाल किले से 15 अगस्त को मेरे भाषण में उसको व्यक्त किया था।

मैंने कहा था कि अब भाजपा को जहां-जहां सेवा करने का मौका मिलेगा, हम हर योजना के हकदार है उनके लिए 100 परसेंट सैचुरेशन यानि काम को शत-प्रतिशत पूरा करना यानि हर गरीब तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना ये शत-प्रतिशत की कल्पना करना दो दशक से ज्यादा सरकार का काम करने के बाद मैं कहता हूं कि बहुत बड़ी हिम्मत की है मैंने। और ये हिम्मत मैंने इसलिए की है कि जब ईमानदारी होती है, नीयत साफ होती है, गरीबों के प्रति करुणा होती है, देश का कल्याण यही जीवन का मंत्र होता है तो फिर ऐसे निर्णय करने की ताकत पैदा होती है। हम हर गरीब तक पहुंचेंगे, शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचेंगे।

भाइयों और बहनों,

आज मैं देश की महिलाओं-हमारी बहनों-बेटियों को विशेष रूप से नमन करता हूं। चुनाव के नतीजों में मेरी माताओं-बहनों-बेटियों का बहुत बड़ा योगदान है। ये हमारा सौभाग्य है कि भाजपा को बहनों-बेटियों, माताओं ने इतना स्नेह दिया है, इतना आशीर्वाद मिला है। जहां-जहां महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट किया है, वहां बीजेपी को बंपर जीत मिली है।

एक प्रकार से हमारी माताएं-बहनें हमारी बेटियां, हमारी स्त्री-शक्ति भाजपा की जीत की सारथी बनीं हैं। मैं जब गुजरात में था तो कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती थी कि लोग चिंता करते थे मोदी जी आपकी सुरक्षा का क्या, आप चिंता क्यों नहीं करते अपने आप को संभालते क्यों नहीं हैं। मैं एक ही जवाब देता था कि कोटि-कोटि माताओं का स्त्री-शक्ति का मुझे सुरक्षा कवच मिला हुआ है। साथियों, भारत की माताएं-बहनें-बेटियां निरंतर भाजपा पर विश्वास कर रही हैं। उनको पहली बार विश्वास मिला है कि सरकार उनकी छोटी से छोटी ज़रूरतों को भी ध्यान में रखती है।

इन चुनाव के नतीजों ने एक बात और साफ कर दी है कि यूपी की जनता को, और मैं सभी ज्ञानियों को कहता हूं कि देश की भलाई के लिए अब पुरानी घिसी पिटी रेकॉर्ड छोड़ के जरा नए सिरे से सोचना शुरू कीजिए। इस देश के लिए बड़ी दुख की बात है, मैं स्वयं बड़ा दुख अनुभव करता था जब ये ज्ञानी लोग यूपी की जनता को सिर्फ और सिर्फ जातिवाद के तराजू से तोलते थे जातिवाद की दृष्टि से देखते थे। मैं समझता हूं कि उत्तर प्रदेश के नागरिकों को जातिवाद की बाड़ाबंदी में बांधकर के वे उन जातियों का अपमान करते थे, उन नागरिकों का अपमान करते थे, पूरे उत्तर प्रदेश का अपमान करते थे। कुछ लोग ये कहकर यूपी को बदनाम करते हैं कि यहां के चुनाव में तो जाति ही चलती है। लेकिन भाइयों-बहनों उत्तर प्रदेश के लोगों ने दिखा दिया है।

2014 के चुनाव नतीजे देखे, 2017, 2019 के नतीजे देखे और अब फिर बाइस में भी देख रहे हैं, हर बार यूपी के लोगों ने सिर्फ और सिर्फ विकासवादी राजनीति को ही चुना है। यूपी के लोगों ने इन लोगों को ये सबक दिया है, और ये सबक उनको सीखना होगा, यूपी के गरीब से गरीब व्यक्ति ने, यूपी में गांव में रहने वाला व्यक्ति हो, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ हो यूपी के हर मतदाता ने हर नागरिक ने ये सबक दिया है कि जाति की गरिमा, जाति का मान, देश को जोड़ने के लिए होना चाहिए, देश को तोड़ने के लिए नहीं होना चाहिए और ये कर के दिखाया है।

चार-चार चुनावों में कर के दिखाया है। वैसे आज मैं ये भी कहूंगा कि 2019 के चुनाव नतीजों के बाद कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था, 2019 में जब हम लोकसभा में दोबारा जीत कर के आए तो उन ज्ञानियों ने कहा था कि भाई 2019 की जीत में क्या है? ये तो 2017 में ही तय हो गई थी, क्योंकि 2017 में यूपी का रिजल्ट आया था। मैं मानता हूं इस बार भी ये ज्ञानी जरूर यह कहने की हिम्मत करेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए।

मैं आज पंजाब के भाजपा कार्यकर्ताओं की भी विशेष प्रशंसा करूंगा। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जिस प्रकार पार्टी का झंडा बुलंद किया है, वो आने वाले समय में पंजाब में भाजपा की मजबूती को, देश की मजबूती को एक अहम स्थान के रूप में विकसित करेंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है। पंजाब में भाजपा एक शक्ति के रूप में उभर रही है, ये मैं अपनी आँखों के सामने देख रहा हूं दोस्तों। सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब को अलगाववादी राजनीति से सतर्क रखना भाजपा का कार्यकर्ता जान की बाजी लगाकर के भी इस काम को करता रहेगा। आने वाले 5 सालों में भाजपा का हर कार्यकर्ता वहां इस दायित्व को जोर शोर से निभाने वाला है, ये विश्वास मैं पंजाब की जनता को आज देना चाहता हूं।

साथियों,

ये चुनाव ऐसे समय में हुए, जब दुनिया 100 साल के सबसे बड़े कोरोना जैसी महामारी के संकट से लड़ रही है। पूरी मानव जाति, पूरा विश्व सौ साल में ऐसी बीमारी नहीं देखी, ऐसी मुसीबत से लड़ना नहीं पड़ा, ये जैसा कि कुछ कम था तो युद्ध ने भी विश्व की चिंताएं बढ़ाई हैं। इन परिस्थितियों में दुनिया भर की सप्लाई चेन छिन्न-भिन्न हो गई।

दो साल से सप्लाई चेन पर बहुत ही विपरीत प्रभाव हुआ और युद्ध ने उसमें और जोर दिया। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत ने जो कदम उठाए, आर्थिक स्तर पर जो फैसले लिए, गरीब कल्याण के जो फैसले लिए, उन सभी ने भारत को संभलकर आगे बढ़ने में बहुत मदद की।

भारत बच पाया है क्योंकि, हमारी नीतियां, जमीन से जुड़ी रहीं और हमारे प्रयास निष्ठा और नीयत की पटरी पर अविरल आगे बढ़ते रहे। जहां-जहां डबल इंजन की सरकार रही, वहां पर जनता के हितों की डबल सुरक्षा हुई और विकास के कार्यों की गति भी तेज हुई। इस समय जो युद्ध चल रहा है, उसका प्रभाव प्रत्यक्षा और परोक्ष रूप से दुनिया के हर देश पर पड़ रहा है।

भारत शांति के पक्ष में है, बातचीत से हर समस्या को सुलझाने के पक्ष में हैं। लेकिन जो देश सीधे जंग लड़ रहे हैं, भारत का उनसे आर्थिक दृष्टि से, सुरक्षा की दृष्टि से, शिक्षा की दृष्टि से, राजनीतिक दृष्टि से, नाता है। भारत की बहुत सारी जरूरतें इन देशों से जुड़ी हुई हैं। भारत, बाहर से जो कच्चा तेल मंगाता है, पाम ऑयल मंगाता है, सन-फ्लावर ऑयल मंगाता है, उसकी कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत तेजी से बढ़ रही है। कोयला हो, गैस हो, फर्टिलाइजर हो, सभी की कीमतों में पूरी दुनिया में कल्पना के बाहर का उछाल आ रहा है। युद्ध के कारण पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है। विकासशील देशों को विशेष रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

साथियों,

इस वैश्विक संदर्भ में, इन कठिनाइयों के बीच इस बार के बजट पर नजर डालें तो एक विश्वास पैदा होता है। देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। इस भावना को इस बार के बजट से और ऊर्जा मिली है। और मैं मानता हूं कि दुनिया भर में बने, निर्माण हुए इस विपरीत वातावरण में, उथल-पुथल से भरे माहौल में, अनिश्चितता से भरे माहौल में, भारत की जनता ने, विशेष कर के उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय दिया है।

भारत के मतदाताओं ने जिस तरह इन चुनावों में स्थिर सरकारों के लिए वोट दिया, वो इस बात का प्रतिबिंब है कि लोकतंत्र भारतीयों के रगों में है। लेकिन भाइयों और बहनों, आज इस अवसर पर मैं देश के सामने अपनी कुछ चिंताएं भी रखना चाहता हूं। देश का नागरिक तो बहुत जिम्मेदारी के साथ देश के हित में अपना काम कर रहा है। जब भी उसको अवसर मिलता है, वो जिम्मेदारी के साथ पेश आता है। देश का सामान्य नागरिक राष्ट्र निर्माण में जुटा है, लेकिन हमारे यहां कुछ लोग, लगातार राजनीति का स्तर गिराते जा रहे हैं।

कोरोना के इस समय में भी हमने देखा है कि इन लोगों ने देशवासियों को गुमराह करने की लगातार कोशिश की। वैक्सीनेशन के हमारे प्रयासों की दुनिया प्रशंसा कर रही है, लेकिन इस पवित्र कार्य पर, मानवता के कार्य पर, सेवा के कार्य पर, भारत की वैक्सीन पर भी सवाल उठाए गए। दुर्भाग्य की बात है कि जब यूक्रेन में हजारों भारतीय विद्यार्थी, हमारे छात्र, हमारे नागरिक फंसे हुए थे, तब भी देश का मनोबल तोड़ने की बातें हो रहीं थीं। जो वहां फंसे थे उनके परिवारों की चिंता बढ़ाने का काम हो रहा था।

ये लोग उन बच्चों में असुरक्षा की भावना बढ़ा रहे थे, यहां उनके परिवारवालों की चिंता बढ़ा रहे थे। इतना ही नहीं, इन लोगों ने ऑपरेशन गंगा को भी प्रदेशवाद की बेड़ियों में बांधने की कोशिश की। हर योजना को, हर कार्य को क्षेत्रवाद, प्रदेशवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद का रंग देने का प्रयास, भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

साथियों,

इन चुनावों में मैंने लगातार विकास की बात की है। गरीबों को घर, गरीबों को राशन, वैक्सीन, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हर विषय पर भाजपा का विजन लोगों के सामने रखा। इसके साथ ही, जिस एक बात पर मैंने सबसे ज्यादा चिंता जताई थी, वो थी - घोर परिवारवाद। मैंने राज्यों के लोगों को बताया कि कैसे मैं किसी परिवार के खिलाफ नहीं हूं, न ही मेरी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी है।

मैं लोकतंत्र की चिंता करता हूं और मैं सभी ज्ञानियों को कहता हूं…. जरा लोकतंत्र के तराजू पर इन चीजों को तौलकर देखिए और मैंने लोगों को बताया कि कैसे परिवारवादी राजनीति ने उनके राज्य का कितना नुकसान किया है। राज्य को पीछे ले जा रहा है। और मुझे खुशी है कि मतदाताओं ने इस बात को समझते हुए भी इस चुनाव में अपना वोट दिया है। लोकतंत्र की ताकत को मजबूत किया है।

साथियो,

ये लगातार बहस बहुत जरूरी है। भारत जैसे लोकतंत्र में और देश को जिस ऊंचाई पर ले जाना है, उसको ध्यान में रखते हुए, जिन मुद्दों को मैं उठा रहा हूं, उनको निरपेक्ष भाव से बहस होना जरूरी है। भारत में परिवारवादी राजनीति का, ये मेरे शब्द लिखकर रखिए दोस्तो, एक न एक दिन, एक न एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त ये देश के नागरिक करके रहेंगे। इस चुनाव में देश के मतदाताओं ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिखाते हुए, ये क्या होने वाला है, इसका इशारा कर दिया है।

साथियों,

आज एक और विषय मैं देश के लोगों के सामने रखना चाहता हूं।
ये विषय है भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की साजिश। आप मुझे बताइए साथियों क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए। भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। ये भ्रष्टाचार रूपी दीमक देश से नष्ट होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए।

साथियों,

हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ, ऐसे लोगों के प्रति, एक भयंकर नफरत का भाव रहता है। देश की गाढ़ी कमाई को लूटकर अपनी तिजोरी भरने की ये प्रवृत्ति कुछ लोगों की पहचान के साथ जुड़ गई है। भारतीय जनता पार्टी 2014 में एक ईमानदार सरकार का वायदा करके चुनाव जीती थी और हमारी ईमानदारी को देखकर 2019 में जनता ने हमें और ज्यादा आशीर्वाद दिया।

और देश हमसे अपेक्षा करता है कि मोदी जी आपकी सरकार सिर्फ प्रामाणिक रहे इतना Enough नहीं है। आप ही हैं आ ही कि सरकार है जो भ्रष्टाचारियों को सजा कर सकती है, उनपर कठोर से कठोर कार्रवाई कर सकती है। मुझे बताइए जनता की इस अपेक्षा को मुझे पूरा करना चाहिए कि नहीं पूरा करना चाहिए।

जनता की आशा आकांक्षा के लिए सरकार ने जिम्मेवार व्यवहार करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। लेकिन आज हम देख रहे हैं जो निष्पक्ष संस्थाएं, जो पूरी तरह Independent हैं, वे अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, ये लोग और उनका ecosystem भ्रष्टाचारियों की रक्षा करने के लिए, उन संस्थाओं को बदनाम करने के लिए मैदान में आ गए हैं। ये देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि घोटालों से घिरे लोग एकजुट होकर अब अपनी ecosystem की मदद से इन संस्थाओं पर ही दबाव बनाने लगे है। जांच एजेंसियों को रोकने के लिए ये लोग अपने ecosystem के साथ मिलकर नए-नए तरीके खोजते हैं।



इन लोगों को देश की न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं है। पहले हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार करो, फिर जांच भी नहीं होने दो और जांच करे तो उस पर दबाव बनाओ, ये इन लोगों की प्रवृत्ति है। और देश के लोगों का ध्यान एक और बात पर आकर्षित करना चाहता हूं। ये लोग किसी भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई होते ही उसे धर्म का रंग देने लगते हैं, प्रदेश का रंग दे देते हैं, जाति का रंग देने लगते हैं। ये नए तौर तरीके शुरू हुए हैं। किसी माफिया के खिलाफ, अदालत कोई फैसला सुना देती है, तो भी उसे ये लोग धर्म और जाति से जोड़ देते हैं।

ऐसे में भारत के मैं सभी संप्रदायों से आग्रह करता हूं। मैं सभी जाति पर गर्व करने वाले ईमानदार लोगों से आग्रह करना चाहता हूं। उन सब को सोचना होगा कि ऐसे भ्रष्टाचारियों और माफियाओं को अपने समाज से, अपने संप्रदाय से, अपनी जाति से दूर करने की हिम्मत करें। इससे समाज भी मजबूत होगा, संप्रदाय भी मजबूत होगा और हर व्यक्ति का भला होगा। और यूपी में हमारी विजय का एक कारण ये भी है कि वहां के लोगों ने कई दशकों से ऐसी राजनीति का बहुत नुकसान सहा है।

मैं बनारस का सांसद होने के नाते, यूपी के लोगों के प्यार और आशीर्वाद ने मुझे भी यूपीवाला बना दिया है। मैं बनारस का सांसद होने के नाते अपने अनुभव से कह सकता हूं, यूपी के लोग ये बात समझ चुके हैं कि जाति को बदनाम करने वालों से, संप्रदाय को बदनाम करने वालों से अब दूर रहना है और राज्य के विकास को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।

साथियों

आजादी के 75वें वर्ष को देखते हुए भी इन चुनाव परिणामों का बहुत महत्व है। भारत आजादी के अमृत काम में प्रवेश कर रहा है। ये चुनाव परिणाम आने वाले 25 वर्षों के हमारे राष्ट्रीय संकल्पों के प्रति देश के मिजाज को देश के मूड को प्रतिबिंबित करते हैं। यहां से हम दो पटरियों पर एक साथ तेजी से काम करने वाले हैं। एक तरफ गांव, गरीब, छोटे किसान, लघु उद्यमी उनके कल्याण पर हमारा जोर है। वहीं दूसरी तरफ देश के संसाधनों और देश की युवा शक्ति को नए अवसर देकर हम आत्मनिर्भरता के मिशन को तेज करना चाहते हैं।

भारत का युवा आज अपने हुनर से अपने बुद्धि के बल से और अपनी क्षमता के उपयोग से दुनिया को समाधान दे रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज टीकाकरण अभियान आज के भारत के सामर्थ्य का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम में आत्मनिर्भर हो रहा है। स्टार्टअप के क्षेत्र में अपना सामर्थ्य बढ़ा रहा है और तकनीक के क्षेत्र में नई-नई उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है। और .ये सब हो रहा है उसकी युवा शक्ति के कारण।

भारत में शिक्षा का स्तर उच्च कोटि का हो, जो देश और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने वाली वर्क फोर्स तैयार कर सके, ये हमारा संकल्प है। आज एक ऐसे नए भारत का निर्माण हो रहा है जहां आपकी पहचान…(DISTURBANCE)… होती है। मुझे विश्वास है कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हम अपने-अपने राज्यों को नई ऊंचाई पर ले के जाएंगे। जब देश के हर राज्य का विकास होता तो देश का भी विकास होगा।

और मैं तो गुजरात में इतने साल काम किया , दिल्ली में सरकार भारतीय जनता पार्टी को अच्छा मानने वाली सरकार नहीं थी। हमारी सरकार में रोड़े अटकाने के सोच वाली सरकार थी। फिर भी गुजरात में हमारा मंत्र यही था , भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास।

साथियों,

हमें जुट जाना है एक पल भी गंवाना नहीं है, चुनौतियां कितना भी कठिन क्यों न हो जीतने का संकल्प उससे भी बड़ा होता है। बड़े संकल्पों के साथ, बड़े सपनों के साथ ऊंची से ऊंची ऊंचाइयों को पार करने के इरादे के साथ देश को आगे बढ़ाना है। साथियों, इतना बड़ा भव्य विजय भारत के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।

मैं एक बार फिर भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये जो निर्णायक मतदान किया है। इसलिए हमारे मतदाता अभिनंदन के बहुत अधिकारी हैं। आइए दोनों हाथ उपर उठाकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सभी मतदाताओं का अभिनंदन करें ..मतादाताओं का आभार व्यक्त करें, मतदाताओं का गौरवगान करें

भारत माता की जय

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।