Development works in Arunachal Pradesh will shine across the nation: PM Modi

Published By : Admin | February 15, 2018 | 12:38 IST
QuotePM Modi inaugurates the Arunachal Civil Secretariat in Itanagar, Arunachal Pradesh
QuoteI can tell you with great pride that ministers & officials from the Centre are visiting the Northeast very regularly: PM Modi
QuoteI am delighted to visit Arunachal Pradesh and be among the wonderful people of this state: PM Modi in Itanagar
QuoteFor farmers, we are ensuring they get better access to markets, says PM Modi
Quote#AyushmanBharat scheme will take the lead in providing quality and affordable healthcare: PM in Itanagar
QuotePM Modi says that development will originate in Arunachal Pradesh in the coming days & this development will illuminate India

विशाल संख्‍या में पधारे मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

जब हिन्‍दुस्‍तान को उगते सूरज की ओर देखना होता है, सूर्योदय को देखना होता है; तो पूरे हिन्‍दुस्‍तान को सबसे पहले अरुणाचल की तरफ अपना मुंह करना पड़ता है। हमारा पूरा देश, सवा सौ करोड़ देशवासी- सूर्योदय देखना है तो अरुणाचल की तरफ निगाह किए बिना सूर्योदय देख नहीं पाते। और जिस अरुणाचल से अंधेरा छंटता है, प्रकाश फैलता है; आने वाले दिनों में भी यहां विकास का ऐसा प्रकाश फैलेगा जो भारत को रोशन करने में काम आएगा।

अरुणाचल मुझे कई बार आने का सौभाग्‍य मिला है। जब संगठन का काम करता था तब भी आया, गुजरात में मुख्‍यमंत्री रहा तब भी आया और प्रधानमंत्री बनने के बाद आज दूसरी बार आप सबके बीच, आपके दर्शन करने का मुझे अवसर मिला है।

अरुणाचल एक ऐसा प्रदेश है कि अगर आप पूरे हिन्‍दुस्‍तान का भ्रमण करके आएं, हफ्ते भर भ्रमण करके आएं और अरुणाचल में एक दिन भ्रमण करें- पूरे हफ्ते भर में पूरे हिन्‍दुस्‍तान में जितनी बार आप जय हिंद सुनोगे, उससे ज्‍यादा बार जय हिंद अरुणाचल में एक दिन में सुनने को मिलेगा। यानी शायद हिन्‍दुस्‍तान में ऐसी परम्‍परा अरुणाचल प्रदेश में मिलेगी कि जहां पर एक-दूसरे को greet करने के लिए समाज जीवन का स्‍वभाव जय हिंद से शुरू हो गया है और जय हिंद से जुड़ गया है। रग-रग में भरी हुई देशभक्ति, देश के प्रति प्‍यार; ये अपने-आप में अरुणाचल वासियों ने; ये तपस्‍या करके इसको अपने रग-रग का हिस्‍सा बनाया है, कण-कण का हिस्‍सा बनाया है।

जिस प्रकार से north-east में सबसे ज्‍यादा हिन्‍दी बोलना-समझने का अगर कोई प्रदेश है तो मेरा अरुणाचल प्रदेश है। और मैं तो मुझे हैरानी हो रही है, इन दिनों में north-east में मेरा दौरा होता रहता है, पहले तो आपको जहां मालूम है प्रधानमंत्रियों को इतना काम हुआ करता था वो यहां तक आ नहीं पाते थे। और मैं एक ऐसा प्रधानमंत्री हूं कि आपके बीच आए बिना रह नहीं पाता हूं। लेकिन north-east में इन दिनों मैं जाता हूं तो मैं देख रहा हूं कि सब नौजवान बैनर लेकर खड़े हुए नजर आते हैं और मांग करते हैं हमें हिन्‍दी सीखना है, हमें हिन्‍दी सिखाओ। ये, ये एक   बड़ा  revolution है जी। मेरे देश के लोगों से उनकी भाषा में बातचीत कर पाऊं, ये जो ललक है और युवा पीढ़ी में है; ये अपने आप में बहुत बड़ी ताकत ले करके आई है।

आज मुझे यहां तीन कार्यक्रमों का अवसर मिला है। भारत सरकार के बजट से, भारत सरकार की योजना से, डोनर मंत्रालय के माध्‍यम से ये brand सौगात अरुणाचल की जनता को मिली है। Secretariat का काम तो प्रारंभ हो चुका। कभी-कभी हम अखबारों में देखते हैं ब्रिज बन जाता है लेकिन नेता को समय नहीं, इसलिए ब्रिज का उद्घाटन होता नहीं और महीनों तक पड़ा रहता है। रोड़ बन जाता है, नेता को समय नहीं; रोड़ वैसा का वैसा ही बना पड़ा रहता है।

हमने आ करके एक नया कल्‍चर शुरू किया। हमने नया कल्‍चर ये शुरू किया कि आप नेता का इंतजार मत करो, प्रधानमंत्री का इंतजार मत करो। अगर योजना पूरी हो चुकी है, उपयोग करना शुरू कर दो; जब आने का अवसर मिलेगा उस दिन लोकार्पण कर देंगे, काम रुकना नहीं चाहिए। और मुझे प्रेमा जी के प्रति अभिनंदन करता हूं कि उन्‍होंने काम शुरू कर दिया और लोकार्पण का काम आज हो रहा है।  पैसे कैसे बच सकते हैं? पैसों का कैसे सदुपयोग हो सकता है? इस बात को हम भली-भांति से छोटे से निर्णय से भी समझ सकते हैं, देख सकते हैं।

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अब सरकार ज‍ब बिखरी-बिखरी होती है, कोई department यहां, कोई वहां, कोई इधर बैठा है कोई उधर बैठा। मकान भी पुराना, जो अफसर बैठता है वो भी सोचता है जल्‍दी घर कैसे जाऊं। अगर environment ठीक होता है, दफ्तर का environment ठीक होता है तो उसका work culture पर भी एक साकारात्‍मक प्रभाव होता है। जितनी सफाई होती है, फाइलें ढंग से रखी हुई हैं; वरना कभी तो क्‍या होता है अफसर जब दफ्तर जाता है तो पहले कुर्सी को पट-पट करता है ताकि मिट्टी उड़ जाए, और फिर बैठता है। लेकिन उसको मालूम नहीं वे ऐसे उड़ाता है, बाद में वो वहीं पड़ती है। लेकिन एक अच्‍छा दफ्तर रहने के कारण और एक ही कैम्‍पस में सारे यूनिट आने के कारण अब गांव से कोई व्‍यक्ति आता है, secretariat में उसको काम है तो उसको बेचारे को, वो कहीं नहीं कहता कि इधर नहीं, दूर जाओ तो उसको वहां से दो किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। फिर वहां जाएगा, कोई कहेगा यहां नहीं, फिर दो किलोमीटर दूर तीसरे दफ्तर में जाना पड़ेगा। अब वो यहां आया किसी गलत department में पहुंच गया तो वो कहेगा कि बाबूजी  आप आए हैं अच्‍छी बात है, लेकिन ये बगल वाले कमरे में चले जाइए। सामान्‍य मानवी को भी इस व्‍यवस्‍था के कारण बहुत सुविधा होगी।

दूसरा, सरकार सायलों में नहीं चल सकती। सब मिल-जुलकर एक दिशा में चलते हैं तभी सरकार परिणामकारी बनती है। लेकिन अगर technical रूप में coordination होता रहता है तो उसकी ताकत थोड़ी कम होती है, लेकिन अगर सहज रूप से coordination होता है तो उसकी ताकत बहुत ज्‍यादा होती है। एक कैम्‍पस में सब दफ्तर होते हैं तो सहज रूप से मिलना-जुलना होता है, कैन्‍टीन में भी अफसर एक साथ चले जाते हैं, एक-दूसरे की समस्‍या की चर्चा कर-करके समाधान कर लेते हैं। यानी काम की निर्णय प्रक्रिया में coordination बढ़ता है, delivery system तेज हो जाता है, निर्णय प्रक्रिया बहुत ही सरल हो जाती है। और इसलिए ये नए secretariat के कारण अरुणाचल के लोगों के सामान्‍य मानवी के जीवन की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए...। उसी प्रकार से आज एक महत्‍वपूर्ण काम, और वो मैं अपने-आप में गर्व समझता हूं। श्रीमान Dorjee Khandu State Convention Centre Itanagar का आज लोकार्पण करते हुए। ये सिर्फ एक इमारत का लोकार्पण नहीं है। ये एक प्रकार से अरुणाचल के सपनों का एक जीता-जागता ऊर्जा केंद्र बन सकता है। एक ऐसी जगह जहां conferences के लिए सुविधा होगी, cultural activity के लिए सुविधा होगी और अगर हम अरुणाचल में tourism बढ़ाना चाहते हैं तो मैं भी भारत सरकार की भिन्‍न-भिन्‍न कम्‍पनियों को कहूंगा कि अब वहां convention centre बना है, आपकी general board की मीटिंग जाओ अरुणाचल में करो। मैं प्राइवेट इन लोगों को बताऊंगा कि भई ठीक है ये दिल्‍ली-मुम्‍बई में बहुत कर लिया, जरा जाइए तो कितना प्‍यारा मेरा प्रदेश है अरुणाचल, जरा उगते सूरज को वहां जा करके देखिए। मैं लोगों को धक्‍का लगाऊंगा। और इतनी बड़ी मात्रा में लोगों का आना-जाना शुरू होगा। तो आजकल tourism का एक क्षेत्र होता है conference tourism. और ऐसी व्‍यवस्‍था अगर बनती है तब सब लोगों का आना बड़ा स्‍वाभाविक होता है।

हम लोगों ने सरकार में भी एक नया प्रयोग शुरू किया है। हम सरकार दिल्‍ली से 70 साल तक चली है और लोग दिल्‍ली की तरफ देखते थे। हमने आकर सरकार को हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में ले जाने का बीड़ा उठाया है। अब सरकार दिल्‍ली से नहीं, हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने को लगना चाहिए सरकार वो चला रहे हैं।

हमने हमारा एक agriculture summit किया तो सिक्कम में किया, पूरे देश के मंत्रियों को बुलाया। हमने कहा जरा देखो, सिक्किम देखो, कैसे organic farming का काम हुआ है। आने वाले दिनों में North-East के अलग-अलग राज्‍यों में भारत सरकार के अलग-अलग विभागों के मंत्रालयों की बड़ी-बड़ी मीटिंग बारी-बारी से अलग-अलग जगह पर हों। North-East Council की मीटिंग में शायद मोरारजी भाई देसाई, आखिरी प्रधानमंत्री आए थे। उसके बाद किसी को फुरसत ही नहीं मिली, बहुत busy होते हैं ना PM. लेकिन मैं आपके लिए ही तो आया हूं, आपके कारण आया हूं और आपकी खातिर आया हूं।

और इसलिए North-East Council की मीटिंग में मैं रहा, विस्‍तार से चर्चाएं कीं। इतना ही नहीं, हमने पूरी दिल्‍ली सरकार में से मंत्रियों को मैंने आदेश किया कि बारी-बारी से हर मंत्री अपने स्‍टाफ को ले करके North-East के अलग-अलग राज्‍यों में जाएंगे। महीने में कोई सप्‍ताह ऐसा नहीं होना चाहिए कि भारत सरकार को कोई न कोई मंत्री, North-East के किसी न किसी राज्‍य के किसी न किसी कोने में गया नहीं है और ये पिछले तीन साल से लगातार चल रहा था।

इतना ही नहीं, डोनर मंत्रालय दिल्‍ली में बैठ करके North-East का भला करने में लगा हुआ था। हमने कहा, किया-अच्‍छा किया; अब एक और काम करो। पूरा डोनर मंत्रालय हर महीना, उसका पूरा secretariat, North-East में आता है। अलग-अलग राज्‍यों में जाता है, वहां रुकता है, और North-East के विकास के लिए सरकार- भारत सरकार ने क्‍या करना चाहिए, मिल बैठ करके चर्चा हो करके ये योजना होती है, review होता है, मॉनिटरिंग होता है, accountability होती है, और उसके कारण transparency भी आती है, काम नीचे दिखाई देने लगता है। तो इस प्रकार से ये व्‍यवस्‍था जो खड़ी होती है, ये जो convention centre बना है, वो भारत सरकार की भी अनेक मीटिंगों के लिए एक नया अवसर ले करके आता है, और उसका भी लाभ होगा।

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आज यहां पर एक मेडिकल कॉलेज, मेडिकल हॉस्पिटल; उसके शिलान्‍यास का मुझे अवसर मिला है। हमारे देश में आरोग्‍य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की हम आवश्‍यकता महसूस करते हैं। एक होता है human resource development, दूसरा होता है Infrastructure, तीसरा होता है most modern technology equipments; हम इन तीनों दिशाओं में health sector को ताकत देने की दिशा में काम कर रहे हैं।

हमारा एक सपना है कि हो सके उतना जल्‍दी हिन्‍दुस्‍तान में तीन parliament constituency के बीच में कम से कम एक बड़ा अस्‍पताल और एक अच्‍छी मेडिकल कॉलेज बन जाए। भारत में इतनी बड़ी मात्रा में मेडिकल कॉलेज बनेगी और वहीं का स्‍थानीय बच्‍चा, स्‍टूडेंट, अगर वहां मेडिकल कॉलेज में पढ़ता है तो वहां की बीमारियां, स्‍वाभाविक होने वाली बीमारियां, उसका उसको अता-पता होता है।

वो दिल्‍ली में पढ़ करके आएगा तो दूसरा सब्‍जेक्‍ट पढ़ेगा, और अरुणाचल की बीमारी कुछ और होगी। लेकिन अरुणाचल में पढ़ेगा तो उसको पता होगा कि यहां के लोगों को सामान्‍य रूप से ये चार-पांच प्रकार की तकलीफें होती हैं। इसके कारण treatment में एक qualitative सुधार आता है, क्‍योंकि human resource development में local touch होता है। और इसलिए हम medical education को दूर-दराज interior में ले जाना चाहते हैं। और दूसरा, जब वहीं पर वो मेडिकल कॉलेज में पढ़कर निकलता है तो बाद में भी वो वहीं रहना पसंद करता है, उन लोगों की चिंता करना पसंद करता है और उसके कारण उसकी भी रोजी-रोटी चलती है और लोगों को भी स्‍वास्‍थ्‍य की सुविधाएं मिलती हैं। तो मुझे खुशी है कि आज अरुणाचल प्रदेश में वैसे ही एक निर्माण कार्य का शिलान्‍यास करने का मुझे अवसर मिला है जिसका इसके लिए आने वाले दिनों में लाभ होगा।

भारत सरकार ने हर गांव में आरोग्‍य की सुविधा अच्‍छी मिले, उसको दूर-दराज तक, क्‍योंकि हर किसी को major बीमारी नहीं होती है। सामान्‍य बीमारियों की तरफ उपेक्षा का भाव, असुविधा के कारण चलो थोड़े दिन में ठीक हो जाएंगे, फिर इधर-उधर की कोई भी चीज ले करके चला लेना, और गाड़ी फिर निकल जाए फिर बीमार हो जाए, और गंभीर बीमारी होने तक उसको पता ही न चले। इस स्थिति को बदलने के लिए इस बजट में भारत सरकार ने हिन्‍दुस्‍तान की 22 हजार पंचायतों में, मैं आंकड़ा शायद कुछ मेरा गलती हो गया है; डेढ़ लाख या दो लाख; जहां पर हम wellness centre करने वाले हैं, wellness centre; ताकि अगल-बगल के दो-तीन गांव के लोग उस wellness centre का लाभ उठा सकें। और उस wellness centre से वहां पर minimum parameter की चीजें, व्‍यवस्‍थाएं, स्‍टाफ उपलब्‍ध होना चाहिए। ये बहुत बड़ा काम, ग्रामीण हेल्‍थ सेक्‍टर को इस बार बजट में हमने घोषित किया है। Wellness centre का, करीब-करीब हिन्‍दुस्‍तान की सभी पंचायत तक पहुंचने का ये हमारा प्रयास है।

और जो मैं 22 हजार कह रहा था, वो किसानों के लिए। हम आधुनिक मार्केट के लिए काम करने वाले हैं देश में ताकि अगल-बगल के 12, 15, 20 गांव के लोग, उस मंडी में किसान आ करके अपना माल बेच सकें। तो हर पंचायत में wellness centre और एक ब्‍लॉक में दो या तीन, करीब-करीब 22 हजार, किसानों के लिए खरीद-बिक्री के बड़े सेंटर्स; तो ये दोनों तरफ हम काम ग्रामीण सुविधा के लिए कर रहे हैं।

लेकिन इससे आगे एक बड़ा काम- हमारे देश में बीमार व्‍यक्ति की चिंता करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं, holistic कदम उठाए हैं, टुकड़ों में नहीं। जैसे- एक तरफ human resource development, दूसरी तरफ अस्‍पताल बनाना, मेडिकल कॉलेज बनाना, infrastructure खड़ा करना, तीसरी तरफ-आज गरीब को अगर बीमारी घर में आ गई, मध्‍यम वर्ग का परिवार हो, बेटी की शादी कराना तय किया हो, कार खरीदना तय किया हो; बस अगली दिवाली में कार लाएंगे-तय किया हो और अचानक पता चले कि परिवार में किसी को बीमारी आई है तो बेटी की शादी भी रुक जाती है, मध्‍यम वर्ग का परिवार कार लाने का सपना बेचारा छोड़ करके साइकिल पर आ जाता है और सबसे पहले परिवार के व्‍यक्ति की बीमारी की चिंता करता है। अब ये स्थिति इतनी महंगी दवाइयां, इतने महंगे ऑपरेशंस, मध्‍यम वर्ग का मानवी भी टिक नहीं सकता है।

इस सरकार ने विशेष करके, क्‍योंकि गरीबों के लिए कई योजनाएं हैं लाभप्रद, लेकिन मध्‍यम वर्ग के लिए असुविधा हो जाती है। हमने पहले अगर हार्ट की बीमारी होती है, स्‍टेंट लगाना होता था तो उसकी कीमत लाख, सवा लाख, डेढ़ लाख होती थी। और वो बेचारा जाता था, डॉक्‍टर को पूछता था कि साहब स्‍टेंट का, तो डॉक्‍टर कहता था ये लगाओगे तो डेढ़ लाख, ये लगाओ तो एक लाख। फिर वो पूछता था साहब ये दोनों में फर्क क्‍या है? तो वो समझाता था कि एक लाख वाला है तो पांच साल- साल तो निकाल देगा, लेकिन डेढ़ लाख वाले में कोई चिंता नहीं- जिंदगी भर रहेगा। तो अब कौन कहेगा कि पांच साल के लिए जीऊं कि जिंदगी पूरी करुं? वो डेढ़ लाख वाला ही करेगा।

हमने का भाई इतना खर्चा कैसे होता है? हमारी सरकार ने मीटिंगें की, बातचीत की, उनको समझाने का प्रयास किया। और मेरे प्‍यारे देशवासियो, मेरे प्‍यारे अरुणाचल के भाइयो-बहनों, हमनें स्टेंट की कीमत 70-80 percent कम कर दी है। जो लाख-डेढ़ लाख में थी वो आज आज 15 हजार, 20 हजार, 25 हजार में आज उसी बीमारी में उसको आवश्‍यक उपचार हो जाता है।

दवाइयां, हमने करीब-करीब 800 दवाइयां, जो रोजमर्रा की जरूरत होती है। तीन हजार के करीब अस्‍पतालों में सरकार की तरफ से जन-औषधालय परियोजना शुरू की है। प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना- PMBJP.  अब इसमें 800 के करीब दवाइयां- पहले जो दवाई 150 रुपये में मिलती थी, वो ही दवाई, वो ही क्‍वालिटी सिर्फ 15 रुपये में मिल जाए, ऐसा प्रबंध करने का काम किया है।

अब एक काम किया है कि गरीब व्‍यक्ति इसके बावजूद भी, दस करोड़ परिवार ऐसे हैं कि बीमार होने के बाद न वो दवाई लेते हैं, न उनके पास पैसे होते हैं। और इस देश का गरीब अगर बीमार रहेगा तो वो रोजी-रोटी भी नहीं कमा सकता है। पूरा परिवार बीमार हो जाता है और पूरे समाज को एक प्रकार से बीमारी लग जाती है। राष्‍ट्र जीवन को बीमारी लग जाती है। अर्थव्‍यवस्‍था को रोकने वाली परिस्थिति पैदा हो जाती है।

और इसलिए सरकार ने एक बहुत बड़ा काम उठाया है। हमने एक आयुष्‍मान भारत- इस योजना और इसके तहत गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले जो परिवार हैं- उसके परिवार में कोई भी बीमारी आएगी तो सरकार उसका Insurance निकालेगी और पांच लाख रुपये तक- एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक अगर दवाई का खर्चा हुआ तो वो पेमेंट उसको Insurance से उसको मिल जाएगा, उसको खुद को अस्‍पताल में एक रुपया नहीं देना पड़ेगा।

और इसके कारण प्राइवेट लोग अब अस्‍पताल बनाने के लिए भी आगे आएंगे। और मैं तो सभी राज्‍य सरकारों का आग्रह करता हूं कि आप अपने यहां health sector की नई policy बनाइए, प्राइवेट लोग अस्‍पताल बनाने के लिए आगे आएं तो उनको जमीन कैसे देंगे, किस प्रकार से करेंगे, कैसी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप करें, उनको encourage करिए। और हर राज्‍य में 50-50, 100-100 नए अस्‍पताल आ जाएं, उस दिशा में बड़े-बड़े राज्‍य काम कर सकते हैं।

और देश के मेडिकल सेक्‍टर तो एक बहुत बड़ा revolution लाने की संभावना इस आयुष्‍मान भारत योजना के अंदर है और उसके कारण सरकारी अस्‍पताल भी तेज चलेंगे, प्राइवेट अस्‍पताल भी आएंगे और गरीब से गरीब आदमी को पांच लाख रुपया तक बीमारी की स्थिति में हर वर्ष, परिवार को कोई भी सदस्‍य बीमार हो जाए, ऑपरेशन करने की जरूरत पड़े, उसकी चिंता होगी। तो ये आज भारत सरकार ने बड़े mission mod में उठाया है। और आने वाले दिनों में इसका लाभ मिलेगा।  

भाइयो, बहनों- आज मैं आपके बीच में आया हूं, तीन कार्यक्रम की तो आपको सूचना थी लेकिन एक चौथी सौगात भी ले करके आया हूं- बताऊं? और ये चौथी सौगात है नई दिल्‍ली से नहारलागोन एक्‍सप्रेस अब सप्‍ताह में दो दिन चलेगी और उसका नाम अरुणाचल एक्‍सप्रेस होगा।

आप अभी- हमारे मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि connectivity चाहे digital connectivity हो, चाहे air connectivity हो, चाहे रेल connectivity हो, चाहे रोड connectivity हो, हमारे नॉर्थ-ईस्‍ट के लोग इतने ताकतवर हैं, इतने सामर्थ्‍यवान हैं, इतने ऊर्जावान हैं, इतने तेजस्‍वी हैं, अगर ये connectivity मिल जाए ना तो पूरा हिन्‍दुस्‍तान उनके यहां आ करके खड़ा हो जाएगा, इतनी संभावना है।

और इसलिए, जैसे अभी हमारे मंत्रीजी, हमारे नितिन गडकरी जी की भरपूर तारीफ कर रहे थे। 18 हजार करोड़ रुपये के अलग-अलग प्रोजेक्‍ट इन दिनों अकेले अरुणाचल में चल रहे हैं, 18 हजार करोड़ रुपये के भारत सरकार के प्रोजेक्‍ट चल रहे हैं। चाहे रोड को चौड़ा करना हो, Four line करना हो; चाहे ग्रामीण सड़क बनाना हो, चाहे national highway बनाना हो, एक बड़ा mission mode में आज हमने काम उठाया है, Digital connectivity के लिए।

और मैं मुख्‍यमंत्रीजी को बधाई देना चाहता हूं। कुछ चीजें उन्‍होंने ऐसी की हैं जो शायद ये अरुणाचल प्रदेश दिल्‍ली के बगल में होता ना तो रोज प्रेमा खंडू टीवी पर दिखाई देते, सब अखबारों में प्रेमा खंडू का फोटो दिखाई देता। लेकिन इतने दूर हैं कि लोगों का ध्‍यान नहीं जाता। उन्‍होंने 2027- twenty-twenty seven, दस साल के भीतर-भीतर अरुणाचल कहां पहुंचना चाहिए, कैसे पहुंचना चाहिए- इसके लिए सिर्फ सरकार की सीमा में नहीं, उन्‍होंने अनुभवी लोगों को बुलाया, देशभर से लोगों को बुलाया, पुराने जानकार लोगों को बुलाया और उनके साथ बैठ करके विचार-विमर्श किया और एक blueprint बनाया कि अब इसी रास्‍ते पर जाना है और twenty-twenty seven तक हम अरुणाचल को यहां ले करके जाएंगे। Good Governance के लिए ये बहुत बड़ा काम मुख्‍यमंत्रीजी ने किया है और मैं उनको साधुवाद देता हूं, बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

दूसरा, भारत सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और मुझे खुशी है कि प्रेमा खंडुजी की तरफ से मुझे उस काम में भरपूर सहयोग मिल रहा है। Transparency, accountability, इस देश में संसाधनों की कमी नहीं है, इस देश में पैसों की कमी नहीं है। लेकिन जिस बाल्‍टी में पानी डालो, लेकिन बाल्‍टी के नीचे छेद हो तो बाल्‍टी भरेगी क्‍या? हमारे देश में पहले ऐसा ही चला है, पहले ऐसा ही चला है।

हमने आधार कार्ड का उपयोग करना शुरू किया, direct benefit transfer का काम किया। आप हैरान होंगे, हमारे देश में विधवाओं की जो सूची थी ना, widows की; जिनको भारत सरकार की तरफ से हर महीने कोई न कोई पैसा मिलता था, पेंशन जाता था। ऐसे-ऐसे लोगों के उसमें नाम थे कि जो बच्‍ची कभी इस धरती पर पैदा ही नहीं हुई, लेकिन सरकारी दफ्तर में वो widow हो गई थी और उसके नाम से पैसे जाते थे। अब बताइए वो पैसे कहां जाते होंगे? कोई तो होगा ना?

अब हमने direct benefit transfer करके सब बंद कर दिया और देश का करीब-करीब ऐसी योजनाओं में करीब-करीब 57 हजार करोड़ रुपया बचा है, बताइए, 57 हजार करोड़ रुपया। अब ये पहले किसी की जेब में जाता था अब देश के विकास में काम आ रहा है। अरुणाचल के विकास के काम आ रहा है- ऐसे कई कदम उठाए हैं, कई कदम उठाए हैं।

और इसलिए भाइयो-बहनों, आज मेरा जो स्‍वागत-सम्‍मान किया, मुझे भी आपने अरुणाचली बना दिया। मेरा सौभाग्‍य है कि भारत को प्रकाश जहां से मिलने की शुरूआत होती है, वहां विकास का सूर्योदय हो रहा है; जो विकास का सूर्योदय पूरे राष्‍ट्र को विकास के प्रकाश से प्रकाशित करेगा। इसी एक विश्‍वास के साथ मैं आप सबको बहुत बधाई देता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ बोलिए- जय हिंद।

अरुणाचल का जय हिंद तो पूरे हिन्‍दुस्‍तान को सुनाई देता है।

जय हिंद – जय हिंद

जय हिंद – जय हिंद

जय हिंद – जय हिंद

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp January 12, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 12, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 12, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • Reena chaurasia August 28, 2024

    जय हो
  • kumarsanu Hajong August 14, 2024

    viksit bharat
  • Babla sengupta December 23, 2023

    Babla sengupta
  • Jayakumar G November 06, 2022

    jai Bharat🇮🇳🙏❤ Shreshtha Bharat🇮🇳🙏❤
  • Laxman singh Rana August 09, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹🌹
  • Laxman singh Rana August 09, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹
  • Laxman singh Rana August 09, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

ಪ್ರಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ನಮಸ್ಕಾರ !...

ಕಳೆದ ಕೆಲ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ದೇಶದ ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಸಂಯಮ ಎರಡನ್ನೂ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ನೋಡಿದ್ದೇವೆ. ಮೊದಲನೆಯದಾಗಿ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ಪರವಾಗಿ ನಾನು ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಗುಪ್ತಚರ ಸಂಸ್ಥೆಗಳಿಗೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ವಿಜ್ಞಾನಿಗಳಿಗೆ ನಮಸ್ಕರಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರದ ಉದ್ದೇಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು ನಮ್ಮ ವೀರ ಸೈನಿಕರು ಅಪಾರ ಧೈರ್ಯವನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಿದರು.

ಇಂದು ನಾನು ಅವರ ಧೈರ್ಯಕ್ಕೆ, ಅವರ ಪರಾಕ್ರಮಕ್ಕೆ, ಅವರ ಶೌರ್ಯಕ್ಕೆ... ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ತಾಯಿಗೆ, ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಸಹೋದರಿಗೆ ನನ್ನನ್ನು ಅರ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತೇನೆ ಮತ್ತು ನಾನು ಈ ಶೌರ್ಯವನ್ನು ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಮಗಳಿಗೂ ಅರ್ಪಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಏಪ್ರಿಲ್ 22 ರಂದು ಪಹಲ್ಗಾಮ್‌ನಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ತೋರಿಸಿದ ಬರ್ಬರತೆ ದೇಶ ಮತ್ತು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೆಚ್ಚಿಬೀಳಿಸಿತ್ತು. ಮುಗ್ಧ ನಾಗರಿಕರು ರಜಾದಿನಗಳನ್ನು ಆಚರಿಸುತ್ತಾ ಅವರ ಕುಟುಂಬಗಳ ಮುಂದಿದ್ದರು. ಆದರೆ, ಮಕ್ಕಳ ಮುಂದೆ ಕ್ರೂರವಾಗಿ ಕೊಲ್ಲುವುದರೊಂದಿಗೆ ಧರ್ಮದ ಬಗ್ಗೆ ಕೇಳುವುದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಅತ್ಯಂತ ಭೀಕರ ಮುಖವಾಗಿತ್ತು. ಅದು ಕ್ರೌರ್ಯ. ಇದು ದೇಶದ ಸಾಮರಸ್ಯವನ್ನು ಮುರಿಯುವ ಪ್ರಯತ್ನವೂ ಆಗಿತ್ತು.

ನನಗೆ ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ, ಈ ನೋವು ಅಪಾರವಾಗಿತ್ತು. ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯ ನಂತರ, ಇಡೀ ರಾಷ್ಟ್ರ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ನಾಗರಿಕ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಸಮಾಜ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ವರ್ಗ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ರಾಜಕೀಯ ಪಕ್ಷ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಕಠಿಣ ಕ್ರಮಕ್ಕಾಗಿ ಒಂದೇ ಧ್ವನಿಯಲ್ಲಿ ನಿಂತವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಲು ನಾವು ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಗೆ ಸಂಪೂರ್ಣ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ನೀಡಿದ್ದೇವೆ.

ಇಂದು ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಯೋತ್ಪಾದಕನಿಗೂ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗೂ ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರು ಮತ್ತು ಹೆಣ್ಣುಮಕ್ಕಳ ಹಣೆಯಿಂದ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ತೆಗೆದುಹಾಕುವುದರಿಂದ ಉಂಟಾಗುವ ಪರಿಣಾಮವೇನೆಂದು ತಿಳಿದಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರ... ಇದು ಕೇವಲ ಹೆಸರಲ್ಲ, ಇದು ದೇಶದ ಕೋಟ್ಯಂತರ ಜನರ ಭಾವನೆಗಳ ಪ್ರತಿಬಿಂಬವಾಗಿದೆ.

'ಸಿಂಧೂರ' ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆ... ನ್ಯಾಯದ ಅವಿಚ್ಛಿನ್ನ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯಾಗಿದೆ. ಮೇ 6ರ ತಡರಾತ್ರಿ ಮತ್ತು ಮೇ 7ರ ಬೆಳಿಗ್ಗೆ ಈ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯು ಫಲಿತಾಂಶವಾಗಿ ಬದಲಾಗುವುದನ್ನು ಇಡೀ ಜಗತ್ತು ನೋಡಿದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಮತ್ತು ಅವರ ತರಬೇತಿ ಕೇಂದ್ರಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತೀಯ ಪಡೆಗಳು ನಿಖರವಾದ ದಾಳಿ ನಡೆಸಿವೆ.

ಭಾರತ ಇಷ್ಟೊಂದು ದೊಡ್ಡ ನಿರ್ಧಾರ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಬಹುದೆಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕನಸಿನಲ್ಲಿಯೂ ಊಹಿಸಿರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ, ದೇಶವು ಒಗ್ಗಟ್ಟಾದಾಗ ದೇಶ ಮೊದಲು ಎಂಬ ಮನೋಭಾವದಿಂದ ತುಂಬಿದಾಗ ರಾಷ್ಟ್ರವು ಸರ್ವೋಚ್ಚವಾಗಿರುತ್ತದೆ, ನಂತರ ಬಲವಾದ ನಿರ್ಧಾರಗಳನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಲಾಗುತ್ತದೆ, ಫಲಿತಾಂಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಭಾರತದ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಮತ್ತು ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿನ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳ ಮೇಲೆ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದಾಗ, ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗಳ ಕಟ್ಟಡಗಳು ನಾಶವಾದವು. ಅಷ್ಟೇ ಅಲ್ಲದೆ, ಅವುಗಳ ನೈತಿಕ ಸ್ಥೈರ್ಯವೂ ಕಂಪನವಾಯಿತು.

ಬಹಾವಲ್ಪುರ್ ಮತ್ತು ಮುರಿಡ್ಕೆಯಂತಹ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಒಂದು ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಜಾಗತಿಕ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯಗಳಾಗಿವೆ. ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲೆಡೆ ನಡೆದ ಯಾವುದೇ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿ... ಅದು ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 11 ಆಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಲಂಡನ್ ಟ್ಯೂಬ್ ಬಾಂಬ್ ದಾಳಿಯಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ದಶಕಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ನಡೆದಿರುವ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಗಳಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಎಲ್ಲೋ, ಮತ್ತೊಂದರಲ್ಲೋ , ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳೊಂದಿಗೆ ಸಂಬಂಧ ಹೊಂದಿವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದರು. ಅದಕ್ಕಾಗಿಯೇ ಭಾರತವು ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಪ್ರಧಾನ ಕಚೇರಿಗಳನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿತು.

ಭಾರತ ನಡೆಸಿದ ಈ ದಾಳಿಗಳಲ್ಲಿ 100 ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಭೀಕರ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಹತ್ಯೆ ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಕಳೆದ ಎರಡೂವರೆ ಮೂರು ದಶಕಗಳಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿ ಮುಕ್ತವಾಗಿ ಸುತ್ತಾಡುತ್ತಿದ್ದ ಮತ್ತು ಭಾರತದ ವಿರುದ್ಧ ಪಿತೂರಿ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದ ಅನೇಕ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನಾಯಕರನ್ನು ಭಾರತ ಒಂದೇ ಏಟಿನಲ್ಲಿ ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಿತು.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಭಾರತದ ಈ ಕ್ರಮದಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತೀವ್ರ ನಿರಾಶೆಗೊಂಡಿದೆ.

ಅವರು ಹತಾಶೆಯಿಂದ ಸುತ್ತುವರೆದಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಕೋಪಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಈ ಹತಾಶೆಯಲ್ಲಿ ಅವರು ಮತ್ತೊಂದು ಧೈರ್ಯಶಾಲಿ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ಕ್ರಮವನ್ನು ಬೆಂಬಲಿಸುವ ಬದಲು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಭಾರತದ ಮೇಲೆಯೇ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಶಾಲೆಗಳು ಮತ್ತು ಕಾಲೇಜುಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಗುರುದ್ವಾರಗಳು, ದೇವಾಲಯಗಳು, ಸಾಮಾನ್ಯ ನಾಗರಿಕರ ಮನೆಗಳು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಆದರೆ ಇದರಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಮನಸ್ಥಿತಿ ಬಹಿರಂಗವಾಯಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಭಾರತದ ಮುಂದೆ ಹೇಗೆ ಒಣಹುಲ್ಲಿನಂತೆ ಬಿದ್ದವು ಎಂಬುದನ್ನು ಜಗತ್ತು ನೋಡಿತು.

ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ವಾಯು ರಕ್ಷಣಾ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯು ಅವುಗಳನ್ನು ಆಕಾಶದಲ್ಲಿಯೇ ನಾಶಪಡಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಗಡಿಯಲ್ಲಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಸಿದ್ಧತೆ ನಡೆಸುತ್ತಿತ್ತು. ಆದರೆ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಎದೆಗೆ ಹೊಡೆದಿದೆ. ಭಾರತೀಯ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು... ಭಾರತೀಯ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ನಿಖರವಾಗಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದವು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ವಾಯುಪಡೆಯ ಆ ವಾಯುನೆಲೆಗಳು ಹಾನಿಗೊಳಗಾದವು.

ಅದರ ಬಗ್ಗೆ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತುಂಬಾ ಹೆಮ್ಮೆಪಡುತ್ತಿತ್ತು. ಮೊದಲ ಮೂರು ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ಊಹಿಸಿಯೂ ಇಲ್ಲದಷ್ಟು ನಾಶಮಾಡಿತು.

ಭಾರತದ ಆಕ್ರಮಣಕಾರಿ ಕ್ರಮದ ನಂತರ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತಪ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ದಾರಿಗಳನ್ನು ಹುಡುಕಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಉದ್ವಿಗ್ನತೆಯನ್ನು ಕಡಿಮೆ ಮಾಡಲು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೇಡಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಿತ್ತು ಮತ್ತು ಈ ಬಲವಂತದ ಮೇರೆಗೆ, ತೀವ್ರವಾಗಿ ಥಳಿಸಿದ ನಂತರ, ಮೇ 10 ರ ಮಧ್ಯಾಹ್ನ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಸೇನೆಯು ನಮ್ಮ ಡಿಜಿಎಂಒಗಳು ಅವರನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸಿತು.

ಆ ಹೊತ್ತಿಗೆ ನಾವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯವನ್ನು ದೊಡ್ಡ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದೆವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕೊಲ್ಲಲ್ಪಟ್ಟರು. ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ನಾಶಮಾಡಿದ್ದೆವು. ಹಾಗಾಗಿ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಮನವಿ ಬಂದಾಗ, ಇದನ್ನು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಹೇಳಿದಾಗ, ಅವರ ಕಡೆಯಿಂದ ಇನ್ನು ಮುಂದೆ ಯಾವುದೇ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಚಟುವಟಿಕೆ ಮತ್ತು ಮಿಲಿಟರಿ ಸಾಹಸ ಇರುವುದಿಲ್ಲ ಎಂದು ಹೇಳಿದ್ದರಿಂದ ಭಾರತವೂ ಅದನ್ನು ಪರಿಗಣಿಸಿತು.

ಮತ್ತು ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಪುನರಾವರ್ತಿಸುತ್ತೇನೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಮತ್ತು ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳ ವಿರುದ್ಧದ ನಮ್ಮ ಪ್ರತೀಕಾರದ ಕ್ರಮವನ್ನು ನಾವು ಮುಂದೂಡಿದ್ದೇವೆ.

ಮುಂದಿನ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಈ ಮಾನದಂಡದ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಹೆಜ್ಜೆಯನ್ನೂ ಅಳೆಯುತ್ತೇವೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಭಾರತದ ಮೂರೂ ಸೇನೆಗಳು, ನಮ್ಮ ವಾಯುಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನೌಕಾಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಗಡಿ ಭದ್ರತಾ ಪಡೆ-ಬಿಎಸ್‌ ಎಫ್‌, ಭಾರತದ ಅರೆ ಸೇನಾ ಪಡೆ ಸತತವಾಗಿ ನಿಗಾ ವಹಿಸಿವೆ. ಸರ್ಜಿಕಲ್‌ ಸ್ಟ್ರೈಕ್‌ ಮತ್ತು ವಾಯು ದಾಳಿಯ ಬಳಿಕ ಈಗ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ನೀತಿಯಾಗಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧದ ಹೋರಾಟದಲ್ಲಿ ಹೊಸ ಆರಂಭವನ್ನು ಮಾಡಿದೆ. ಹೊಸ ಮಾನದಂಡವನ್ನು ಹೊಸ ಅಧ್ಯಾಯವನ್ನು ಸ್ಥಾಪಿಸಿದೆ. ಮೊದಲನೆಯದು , ಭಾರತದ ಮೇಲೆ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯಾದರೆ ದಿಟ್ಟ ಉತ್ತರವನ್ನು ನೀಡಲಾಗುವುದು. ನಾವು ನಮ್ಮ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಷರತ್ತುಗಳ ಮೇಲೆ ಉತ್ತರಗಳನ್ನು ನೀಡುತ್ತೇವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲವನ್ನು ಬುಡ ಸಮೇತವಾಗಿ ನಿಗ್ರಹಗೊಳಿಸಲು ಕಠಿಣ ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆಯನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳುತ್ತೇವೆ. ಎರಡನೇಯದು ಯಾವುದೇ ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯನ್ನು ಭಾರತ ಸಹಿಸುವುದಿಲ್ಲ. ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ಬೆಳೆಯುತ್ತಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ತಾಣಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತವು, ನಿಖರವಾದ ಮತ್ತು ನಿರ್ಣಾಯಕವಾದ ದಾಳಿಗಳನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳಲಿದೆ. ಮೂರನೇಯದು , ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಹಾಗೂ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಸಹಕರಿಸುವ ಎಲ್ಲ ಶಕ್ತಿಗಳನ್ನು ಸಹ ಒಂದೇ ದೃಷ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ನೋಡಲಾಗುವುದು. ಅವರು ಸಹ ದೇಶದ ಆತಂಕವಾದಿಗಳಾಗಿದ್ದಾರೆ .

ಇಡೀ ವಿಶ್ವ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಹೇಯ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ನೋಡಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌ ದಾಳಿಯಲ್ಲಿ ಸಾವಿಗೀಡಾದ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರಿಗೆ ವಿದಾಯ ನೀಡುವಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಸೇನೆಯ ಉನ್ನತ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ನಿರತರಾಗಿದ್ದರು. ಪಾಕ್‌ ನ ಪ್ರಾಯೋಜಿತ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಇದೊಂದು ಬಹುದೊಡ್ಡ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಭಾರತ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನಾಗರಿಕರನ್ನು ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ಅಪಾಯದಿಂದ ರಕ್ಷಿಸುವುದಕ್ಕೋಸ್ಕರ ನಿರಂತರವಾಗಿ ನಿರ್ಣಾಯಕ ಹೆಜ್ಜೆಗಳನ್ನು ಇಡುತ್ತೇವೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೆ,

ಯುದ್ಧದ ಮೈದಾನದಲ್ಲಿ ನಾವು ಪ್ರತಿ ಬಾರಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ದೂಳೀಪಟ ಮಾಡಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಈ ಬಾರಿ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌, ಹೊಸ ಆಯಾಮಕ್ಕೆ ಸೇರ್ಪಡೆಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಮರುಭೂಮಿ ಮತ್ತು ಗುಡ್ಡಗಾಡು ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸಾಮರ್ಥ್ಯದ ಅತ್ಯುತ್ತಮ ಪ್ರದರ್ಶನಕ್ಕೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಜತೆಗೇ, ಹೊಸ ತಲೆಮಾರಿನ ಯುದ್ಧಕ್ರಮದಲ್ಲೂ ನಮ್ಮ ಶ್ರೇಷ್ಠತೆಯನ್ನು ಸಾಬೀತುಪಡಿಸಿದ್ದೇವೆ.

ಈ ಆಪರೇಷನ್‌ ಮೂಲಕ, ನಮ್ಮ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ಶಸ್ತ್ರಾಸ್ತ್ರಗಳ ದಕ್ಷತೆಯೂ ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ.

21ನೇ ಶತಮಾನದ ಯುದ್ಧದಲ್ಲಿ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ರಕ್ಷಣಾ ಸಲಕರಣೆಗಳ ಸಮಯ ಈಗ ಬಂದಿದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ಇಂದು ವಿಶ್ವ ನೋಡುತ್ತಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಎಲ್ಲ ರೀತಿಯ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಒಗ್ಗೂಡಿರುವುದು ನಮ್ಮ ಅತ್ಯಂತ ದೊಡ್ಡ ಶಕ್ತಿಯಾಗಿದೆ.

ನಿಶ್ಚಿತವಾಗಿ ಈ ಸಮಯ ಯುದ್ಧದ ಕಾಲವಲ್ಲ,

ಆದರೆ ಈ ಕಾಲ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಸಮಯವೂ ಅಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಶೂನ್ಯ ಸಹಿಷ್ಣುತೆ ಹೊಂದಿರುವುದು ಉತ್ತಮ ಜಗತ್ತನ್ನು ಸುನಿಶ್ಚಿತಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಯೋಧರು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಸರ್ಕಾರ ಯಾವ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಪುಷ್ಟಿ ನೀಡುತ್ತಿವೆ ಎಂದರೆ, ಒಂದು ದಿನ ಅದು ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನೇ ಅಂತ್ಯಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಕ್ಕೆ ಇದರಿಂದ ರಕ್ಷಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂದಾದರೆ ಅದು ತನ್ನ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯ ಒದಗಿಸುವ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆಗೊಳಿಸಬೇಕು. ಇದನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಶಾಂತಿಯ ಬೇರೆ ಯಾವುದೇ ಮಾರ್ಗವಿಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ಮಾತುಕತೆ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಎನ್ನುವುದು ಭಾರತದ ಅತ್ಯಂತ ಸ್ಪಷ್ಟ ನಿಲುವಾಗಿದೆ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ವ್ಯಾಪಾರ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಮತ್ತು,

ನೀರು ಮತ್ತು ರಕ್ತ ಒಟ್ಟಿಗೇ ಹರಿಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ.

ನಮ್ಮ ಪ್ರಕಟಿತ ನೀತಿಯೆಂದರೆ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆ ನಡೆಯುತ್ತದೆ ಎಂದಾದರೆ, ಅದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಆಗಿರುತ್ತದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆಯಾಗುವುದಾದರೆ ಪಾಕ್‌ ಆಕ್ರಮಿತ ಕಾಶ್ಮೀರ-ಪಿಓಕೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಇರುತ್ತದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ನಾನು ಇಂದು ಜಾಗತಿಕ ಸಮುದಾಯಕ್ಕೂ ತಿಳಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಪ್ರೀತಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಇಂದು ಬುದ್ಧ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯಾಗಿದೆ. ಭಗವಾನ್‌ ಬುದ್ಧ ನಮಗೆ ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ತೋರಿಸಿಕೊಟ್ಟಿದ್ದಾನೆ. ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗ ಸಹ ಶಕ್ತಿಯಿಂದ ಕೂಡಿದ್ದು ಸಾಗುತ್ತದೆ. ಮಾನವೀಯತೆ, ಶಾಂತಿ ಮತ್ತು ಸಮೃದ್ಧಿಯೆಡೆಗೆ ಮುನ್ನಡೆಯುತ್ತದೆ.

ಪ್ರತಿ ಭಾರತೀಯನು ಶಾಂತಿಯಿಂದ ಬದುಕಬೇಕು, ವಿಕಸಿತ ಭಾರತದ ಕನಸುಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಬೇಕು.

ಇದರಿಂದಾಗಿ, ಭಾರತ ಶಕ್ತಿಶಾಲಿಯಾಗುವುದು ಅಗತ್ಯವಾಗಿದೆ.

ಮತ್ತು ಅವಶ್ಯಕತೆಯಿರುವಾಗ ಈ ಶಕ್ತಿಯ ಬಳಕೆ ಮಾಡುವುದು ಕೂಡ ಅಗತ್ಯ.

ಕೆಲವು ದಿನಗಳಿಂದ ಭಾರತವು ಇದನ್ನೇ ಮಾಡಿದೆ.

ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಭಾರತದ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ ನಮನ ಸಲ್ಲಿಸುತ್ತೇನೆ. ನಮ್ಮ ದೇಶವಾಸಿಗಳ ಧೈರ್ಯ ಮತ್ತು ಏಕತೆಗೆ ವಂದಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಧನ್ಯವಾದ,

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!