The last five years have seen Haryana progress rapidly with the ‘double-engine growth’: PM Modi in Haryana
The overwhelming crowd of supporters I see here are proof of CM Khattar’s mass popularity in Haryana: PM Modi
The first 100 days of our government have been that of taking bold decisions and putting nation first: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
मंच पर उपस्थित हरियाणा के लोकप्रिय, यशस्वी और परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले श्रीमान मनोहर लालखट्टर जी, मंत्री परिषद के मेरे सहयोगी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, राव इंद्रजीत सिंह जी, कृष्णपालगुर्जर जी, संसद में मेरे सहयोगी श्रीमान वीरेंद्र सिंह जी, श्री अरविंद शर्मा जी, यहां पधारे सभी माननीय सांसद, हरियाणा सरकार के मंत्रीगण, माननीय विधायक गण, पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बंधु और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

मैं सबसे पहले तो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सब की सब सीटें छोली में भर देने के लिए आप सबका आदरपूर्वक नमन करते हुए धन्यवाद करता हूं। राजनीति के आज के युग में 55-60 प्रतिशत वोट पाना, ये अपने आप में भी जन समर्थन का, जन विश्वास का, जन जागृति का, एक अनमोल अवसर के रूप में मैं इसे देखता हूं। मैं हरियाणा को जितनी बधाइयां दूं, जितना धन्यवाद करूं उतना कम है। पिछले महीनों में मुझे तीसरी बार रोहतक में आने का मौका मिला है। कभी चौधरी छोटूराम जी की प्रतिमा के लोकार्पण के लिए आया था फिर मई में आप सबको मेरे काम का हिसाब देने के लिए आया था और फिर एक बार आपके बीच और अधिक समर्थन मांगने के लिए आया हूं। और हरियाणा ऐसा है, जितना मैंने मांगा उससे ज्यादा दिया है, भरपूर स्नेह दिया है और इसके लिए मैं आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं।

भाइयो-बहनो, रोहतक की मेरी आज की यात्रा के पीछे दो बड़े मकसद हैं। पहला मकसद आपको विकास की नई-नई परियोजनाओं का उपहार देना और दूसरा मनोहर लाल जी को मिल रहे जबरदस्त जन आशीर्वाद का साक्षी बनने का। यहां जो दृश्य मैंने देखा है वो अभूतपूर्व है, बहुत सारे लोग जो मैं देख रहा हूं धूप में तप रहे हैं। इतनी बड़ी तादाद में आप सबका आना ये हवा का रुख दिखा रहा है। मैं कह सकता हूं कि मनोहर लाल जी और उनकी सरकार ने जिस प्रकार हरियाणा के लोगों की सेवा की है ये जन आशीर्वाद उसी का जीता-जागता सबूत है। मनोहर लाल जी की जन आशीर्वाद यात्रा आज भले ही रोहतक में समाप्त हो रही है लेकिन इससे साफ हो गया है कि आने वाले समय में भी हरियाणा का आशीर्वाद किसके साथ रहेगा। और मनोहर जी, पांच साल पहले जब दायित्व संभाला तब भांति-भांति की बातें, 2001 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना और जैसा मैं मेरे लिए भांति-भांति की बाते सुनता था मनोहर लाल जी के लिए भी, लेकिन पांच साल के एकनिष्ठ, अथक पुरुषार्थ का परिणाम है कि आज हर परिवार मनोहर बन गया है।

अब हरियाणा के लोगों को कठिनाई हो रही है कि सही नाम क्या है, कोई नमोहर बोलता है कोई मनोहर बोलता है तो एक में ही दोनों समाहित हैं, नमोहर भी है मनोहर भी है। लोग मुझे नमो-नमो करते थे लेकिन जब लोगों ने मुझे नमोहर कहा तो मुझे भी जरा आश्चर्य हुआ। भाइयो-बहनो, विकास के रास्ते पर चलते हुए गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित की सेवा करते हुए जन विश्वास मिलता है। आज की ये सभा उस जन विश्वास को एक और मोहर लगा रही है। बीते पांच वर्ष में हरियाणा को भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार के डबल इंजन का पूरा लाभ मिला है। अभी हरियाणा में केंद्र सरकार की मदद से लगभग 25 हजार करोड़ रुपए को बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। विकास के इसी सिलसिले को जारी रखते हुए थोड़ी देर पहले लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। इसमें बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए सिरसा, पलवल, हिसार और नूह में डिग्री कॉलेज भी शामिल हैं। मुझे खुशी है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने के साथ ही यहां की बीजेपी सरकार बेटियों की शिक्षा पर व्यापक बल दे रही है। मैं मनोहर जी और उनकी टीम को बधाई देता हूं। यहां आस-पास के जिलों में बेटियों के अनुपात में जिस तरह वृद्धि हुई है, इसकी चर्चा पूरा देश कर रहा है।

साथियो, कॉलेज के साथ-साथ पानी की परियोजना, सोलरस्ट्रीट लाइट का काम, स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं, स्मार्ट व्यवस्थाओं से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ भी आज यहां हुआ है। इसके अलावा यहीं रोहतक में करीब 600 गरीब परिवारों को घर भी दिए गए हैं और एक मेगाफूडपार्क का शिलान्यास भी किया गया है। ये फूडपार्क हरियाणा के किसानों के लिए, यहां के युवा साथियों के लिए आय के रोजगार के नए अवसर तैयार करने वाला है। जिन लोगों की दीवाली इस बार अपने नए घर में बीतने वाली है, उन्हें अभी से मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इन सभी विकास परियोजनाओं के लिए आप सभी को, पूरे हरियाणा को अनेक-अनेक अभिनंदन, बहुत-बहुत बधाई।

साथियो, आज मैं यहां आप सभी के प्रति, पूरे हरियाणावासियों के प्रति आभार व्यक्त करने भी आया हूं। जिस प्रकार दिल खोलकर प्यार और अपनापन, जैसा मैंने प्रारंभ में कहा, लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को दिशा दी, समर्थन दिया, एक नई ऊर्जा दी, ये अभूतपूर्व है। आपने जो विश्वास, जो भरोसा मुझ पर और भाजपा पर जताया है उसके लिए मैं फिर एक बार आपके सामने विनम्रता के साथ अपना शीष झुकाता हूं। साथियो, मैंने तब भी कहा था कि हरियाणा से मुझे मिली सीट और हरियाणा से मुझे मिले संस्कार हरियाणा के पालन-पोषण पर आपको गर्व हो, ऐसा काम करने में मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। ये संयोग ही है कि मैं हरियाणा ऐसे समय आया हूंजब केंद्र में भाजपा-एनडीए सरकार के नए कार्यकाल के भी 100 दिन हो रहे हैं और सौ दिन में, कुछ लोगों को तो समझ में ही नहीं आ रहा है, कुछ लोग चुनाव पराजय से इतने बेहाल हैं कि मन सुन्न हो गया है उनका। ये 100 दिन विकास के रहे हैं, विश्वास के रहे हैं, देश में बड़े-बड़े परिवर्तन के रहे हैं। ये 100 दिन निर्णय के रहे हैं, निष्ठा के रहे हैं, नेक नीयत के भी रहे हैं, ये 100 दिन जन संकल्प के रहे हैं, जन सिद्धियों के रहे हैं, जनहित में सुधार के रहे हैं। साथियो, बीते 100 दिन में जो भी बड़े फैसले लिए गए, उनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ भारतवासी हैं, आप सभी हैं।

आपके अभूतपूर्व विश्वास के बल पर ही कृषि से लेकर राष्ट्र की रक्षा-सुरक्षा से जुड़े बड़े निर्णय सरकार ले पाई है। आतंकवाद से निपटने के लिए, मुस्लिम बहनों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए और हमारे हेल्थ सेक्टर की बेहतरी के लिए अनेक कानून बनाए गए हैं। इसी तरह अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स को मदद करने का रोडमैप रखा गया है। देश में बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक फैसले भी लिए गए हैं। ये अभी शुरुआत है जिसका निश्चित लाभ आने वाले समय में मिलेगा। साथियो, इसके अलावा इन 100 दिनों में एक और महत्वपूर्ण काम हुआ है, इस दौरान संसद के सत्र में जितने बिल पास हुए हैं, जितना काम हुआ है उतना किसी भी सत्र में पिछले 60 साल में नहीं हुआ है। बहुत देर रात तक बैठकर संसद सदस्यों ने चर्चाएं की, विचार-विमर्श किया, बहस की, वाद किया, विवाद किया, नए-नए कानूनों पर चर्चा की। ये मंच बीजेपी का है लेकिन संसद में रिकॉर्ड कार्यों के लिए मैं सभी दलों को धन्यवाद देता हूं।

अब हरियाणा के लोगों को कठिनाई हो रही है कि सही नाम क्या है, कोई नमोहर बोलता है कोई मनोहर बोलता है तो एक में ही दोनों समाहित हैं, नमोहर भी है मनोहर भी है। लोग मुझे नमो-नमो करते थे लेकिन जब लोगों ने मुझे नमोहर कहा तो मुझे भी जरा आश्चर्य हुआ। भाइयो-बहनो, विकास के रास्ते पर चलते हुए गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित की सेवा करते हुए जन विश्वास मिलता है। आज की ये सभा उस जन विश्वास को एक और मोहर लगा रही है। बीते पांच वर्ष में हरियाणा को भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार के डबल इंजन का पूरा लाभ मिला है। अभी हरियाणा में केंद्र सरकार की मदद से लगभग 25 हजार करोड़ रुपए को बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। विकास के इसी सिलसिले को जारी रखते हुए थोड़ी देर पहले लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। इसमें बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए सिरसा, पलवल, हिसार और नूह में डिग्री कॉलेज भी शामिल हैं। मुझे खुशी है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने के साथ ही यहां की बीजेपी सरकार बेटियों की शिक्षा पर व्यापक बल दे रही है। मैं मनोहर जी और उनकी टीम को बधाई देता हूं। यहां आस-पास के जिलों में बेटियों के अनुपात में जिस तरह वृद्धि हुई है, इसकी चर्चा पूरा देश कर रहा है।

साथियो, कॉलेज के साथ-साथ पानी की परियोजना, सोलरस्ट्रीट लाइट का काम, स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं, स्मार्ट व्यवस्थाओं से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ भी आज यहां हुआ है। इसके अलावा यहीं रोहतक में करीब 600 गरीब परिवारों को घर भी दिए गए हैं और एक मेगाफूडपार्क का शिलान्यास भी किया गया है। ये फूडपार्क हरियाणा के किसानों के लिए, यहां के युवा साथियों के लिए आय के रोजगार के नए अवसर तैयार करने वाला है। जिन लोगों की दीवाली इस बार अपने नए घर में बीतने वाली है, उन्हें अभी से मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इन सभी विकास परियोजनाओं के लिए आप सभी को, पूरे हरियाणा को अनेक-अनेक अभिनंदन, बहुत-बहुत बधाई।

साथियो, आज मैं यहां आप सभी के प्रति, पूरे हरियाणावासियों के प्रति आभार व्यक्त करने भी आया हूं। जिस प्रकार दिल खोलकर प्यार और अपनापन, जैसा मैंने प्रारंभ में कहा, लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को दिशा दी, समर्थन दिया, एक नई ऊर्जा दी, ये अभूतपूर्व है। आपने जो विश्वास, जो भरोसा मुझ पर और भाजपा पर जताया है उसके लिए मैं फिर एक बार आपके सामने विनम्रता के साथ अपना शीष झुकाता हूं। साथियो, मैंने तब भी कहा था कि हरियाणा से मुझे मिली सीट और हरियाणा से मुझे मिले संस्कार हरियाणा के पालन-पोषण पर आपको गर्व हो, ऐसा काम करने में मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। ये संयोग ही है कि मैं हरियाणा ऐसे समय आया हूंजब केंद्र में भाजपा-एनडीए सरकार के नए कार्यकाल के भी 100 दिन हो रहे हैं और सौ दिन में, कुछ लोगों को तो समझ में ही नहीं आ रहा है, कुछ लोग चुनाव पराजय से इतने बेहाल हैं कि मन सुन्न हो गया है उनका। ये 100 दिन विकास के रहे हैं, विश्वास के रहे हैं, देश में बड़े-बड़े परिवर्तन के रहे हैं। ये 100 दिन निर्णय के रहे हैं, निष्ठा के रहे हैं, नेक नीयत के भी रहे हैं, ये 100 दिन जन संकल्प के रहे हैं, जन सिद्धियों के रहे हैं, जनहित में सुधार के रहे हैं। साथियो, बीते 100 दिन में जो भी बड़े फैसले लिए गए, उनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ भारतवासी हैं, आप सभी हैं। आपके अभूतपूर्व विश्वास के बल पर ही कृषि से लेकर राष्ट्र की रक्षा-सुरक्षा से जुड़े बड़े निर्णय सरकार ले पाई है।

आतंकवाद से निपटने के लिए, मुस्लिम बहनों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए और हमारे हेल्थ सेक्टर की बेहतरी के लिए अनेक कानून बनाए गए हैं। इसी तरह अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स को मदद करने का रोडमैप रखा गया है। देश में बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक फैसले भी लिए गए हैं। ये अभी शुरुआत है जिसका निश्चित लाभ आने वाले समय में मिलेगा। साथियो, इसके अलावा इन 100 दिनों में एक और महत्वपूर्ण काम हुआ है, इस दौरान संसद के सत्र में जितने बिल पास हुए हैं, जितना काम हुआ है उतना किसी भी सत्र में पिछले 60 साल में नहीं हुआ है। बहुत देर रात तक बैठकर संसद सदस्यों ने चर्चाएं की, विचार-विमर्श किया, बहस की, वाद किया, विवाद किया, नए-नए कानूनों पर चर्चा की। ये मंच बीजेपी का है लेकिन संसद में रिकॉर्ड कार्यों के लिए मैं सभी दलों को धन्यवाद देता हूं।

भाइयो-बहनो, बीते 100 दिन में देश और दुनिया ने देखा है कि हर चुनौती को चाहे वो दशकों पुरानी हो या फिर भविष्य की हो, भारत अब हर चुनौती को चुनौती देता है, हम चुनौतियों से सीधा टकराना जानते हैं।जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का मामला हो या फिर गंभीर होता जल संकट हो। 130 करोड़ देशवासियों से मिलकर नए समाधान तलाशने शुरू कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के करोड़ों साथियों के साथ मिलकर एक नई सोच के साथ उनके सपनों को आकांक्षाओं को पूरा करने में हम जुट गए हैं। साथियों आप की ही प्रेरणा से बीते चार महीने में ऐसे अनेक संकल्प पूरे किए गए हैं, जो चुनाव के दौरान हमने लिए थे। हमने देश की 8 करोड़ गरीब बहनों के घर उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन देने का संकल्प लिया था, उसको कल ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद के कार्यक्रम में हासिल कर लिया गया है और हरियाणा में ही 7 लाख से अधिक परिवारों को गैस कनेक्शन का लाभ मिला है।

हमने संकल्प लिया था कि किसान सम्मान निधि का लाभ देश के हर किसान परिवार को दिलाएंगे, सरकार बनते ही इसको लागू कर दिया गया है। अभी तक देश भर में इस योजना के तहत देश के 7 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को लाभ मिल चुका है जिसमें 13 लाख से अधिक परिवार सिर्फ हमारे हरियाणा के हैं। इतने कम समय में ही देश भर के किसानों के खाते में 21 हजार करोड़ रुपया तो हरियाणा के किसानों के खाते में सवा चार सौ करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। किसान परिवारों के लिए ही पेंशन का एक और बड़ा संकल्प आप के सामने भाजपा ने रखा था। बुढ़ापे में सहारा देने वाली हर महीने 3 हजार रुपए की नियमित पेंशन सुनिश्चित करने वाली ये योजना भी शुरू हो चुकी है। बहुत ही कम समय में देश भर के करीब 8 लाख किसान भाई-बहन इस योजना से जुड़ भी चुके हैं, इनमें से 33 हजार से अधिक मेरे हरियाणा के किसान भाई-बहन हैं। आने वाले समय में इसमें व्यापक वृद्धि होने वाली है बल्कि बहुत ही जल्द छोटे और लधु व्यापारियों और कारोबारियों के लिए भी पेंशन योजना की सुविधा मिलने वाली है।

भाइयो-बहनो, किसानों के हित में ऐसे अनेक प्रयास हो रहे हैं, जिनके बल पर 2022 तक किसान की आमदनी दो गुनी करने का लक्ष्य पूरा हो कर के रहने वाला है। किसानों की लागत कम हो, फसल का उचित दाम उन्हें मिले, उपज की बर्बादी ना हो इसके लिए निरंतर नए-नए प्रकल्प आगे बढ़ाए जा रहे हैं। रोहतक में बनने वाला मेगाफूडपार्क ऐसी ही कोशिशों का एक हिस्सा है, इस फूडपार्क से हरियाणा के हजारों किसानों और व्यापारियों को फायदा होने वाला है। इसके साथ फूडपार्क से करीब-करीब 7 हजार लोगों को नए रोजगार मिलने वाले हैं, इसके अलावा इससे फूडप्रासेसिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी ताकत मिलेगी, इसके लिए एक प्रभावी सप्लाई चेन यहां विकसित की जा रही है।

साथियों भाजपा का एक और संकल्प है, जिसमें बहुत बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया गया है। साल 2024 तक, देश के हर घर तक जल पहुंचाने के लिए देश जुट चुका है, जल-जीवन मिशन पर पूरा देश जुट चुका है, हरियाणा भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है। ये तय किया गया है कि पानी को बचाने और घर-घर जल पहुंचाने के लिए आने वाले पांच वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका लाभ हरियाणा को भी मिलने वाला है आज दुल्हेड़ाडिस्ट्रीब्यूटरी का पुनर्निर्माण इस दिशा में बड़ा कदम है। इसके पूरा होने से अब दर्जनों गांवों के किसानों को जहां सिंचाई का पानी मिलेगा, वहीं लाखों गैलेन पानी जो बर्बाद होता था, अब वो लोगों के पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथियो, रोहतक की धरती से मैं पूरे हरियाणा से ये निवेदन करूंगा कि पानी को बचाने के लिए, जल संरक्षण के लिए आप सबक योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। अपने स्तर पर हम जो भी छोटे-बड़े प्रयास कर सकते हैं वो करें। हम उतना ही पानी जमीन से या दूसरे स्रोतों से लें जितना जरूरी है। ये जागरूकता लाना अपने बच्चों के लिए, अपने नाती-पोतों के बेहतर जीवन के लिए बहुत जरूरी है।

भाइयो-बहनो, भाजपा सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्य में उनके काम में सबसे बड़ी प्राथमिकता गरीबों के हितों को दी जा रही है। हम टुकड़ों में नहीं सोचते बल्कि एक बड़े लक्ष्य को ध्यान में रख कर चौतरफा कदम उठाते हैं। मैं आपको इसका एक उदाहरण देता हूं, हम सब जानते हैं कि भारत में स्वास्थ्य सेवा सुधारने की आवश्यकता है लेकिन ऐसा रोड मैप पहले किसी के पास नहीं था। जिसमें 130 करोड़ देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता समाहित हो। हमने स्वास्थ्य के साथ-साथ इससे जुड़ी सुविधाओं में सुधार भी, उस पर भी ध्यान केंद्रित किया। हमारा रोड मैप था कि ऐसी स्थितियों को दूर करो जिसकी वजह से लोग बीमार पड़ते हैं यानी प्रवेंटिवहेल्थकेयर, इसके साथ ही हमने स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों के पहुंच को आसान बनाने पर काम किया, सुविधाओं को किफायती बनाया और उन क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लेकर गए जहां अब तक इससे वंचित थे। स्वच्छ भारत से लेकर योग तक, उज्जवला से लेकर फिट इंडिया तक और इन सब के साथ-साथ आयुर्वेद को बढ़ावा देने तक, इस तरह की हर पहल बीमारियों की रोकथाम में अपना अहम योगदान दे रही है। एक तरफ जहां इससे एक-दूसरे से फैलने वाली बीमारियों को रोकने में मदद मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ लाइफस्टाइल के कारण होने वाली बीमारियां भी ठीक हो रही हैं।

साथियो, हरियाणा सहित देश भर में पारंपरिक और आधुनिक इलाज की तमाम व्यवस्थाओं को, अस्पतालों को, दवाखानों को, नेटवर्क को सशक्त किया जा रहा है। इसी सोच के साथ कुछ दिन पहले ही हरियाणा में 10 आयुषहेल्थ और वेलनेस सेंटर की शुरूआत मैंने दिल्ली से वीडियो के माध्यम से की थी। आज गुरुग्राम में नए मेडिकलकॉलेज का शिलान्यास किया गया है। इससे स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ेंगी और हमारे युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई के लिए अधिक अवसर भी मिलेंगे। साथियो, आधुनिक मेडिकलइंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ गरीब से गरीब को भी अस्पताल में जगह मिले, उसका इलाज हो सके, इस मकसद से काम हो रहा है। आयुष्मान भारत ने गरीबों को मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया है। जन औषधि योजना से सस्ती दवाइयां मिल रही हैं, जीवन रक्षक दवाइयों की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है। साथियो, अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि हेल्थकेयर से जुड़े जो भी कदम उठाए जा रहे हैं वो स्वस्थ और सशक्त भारत के लक्ष्य के अनुकूल है। इसके लिए कई मंत्रालय मिलकर एक यूनिट की तरह कार्य कर रहे हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं, अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है।

भाइयो-बहनो, लोकसभा चुनाव में आपने भारत के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जनादेश दिया था, अब हरियाणा के भविष्य के लिए भी दें। बीते पांच वर्षों की निरंतरता कोआगे आने वाले पांच वर्षों के लिए जारी रखने का आप के पास एक और मौका दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। साथियो, हरियाणा की भाजपा सरकार राज्य के गौरव को बढ़ाने वाले कार्य कर रही है, आज स्वच्छ भारत की बात करें तो हरियाणा पूरे देश में अव्वल राज्यों में एक है। हरियाणा ने अपने आप को पूरी तरह से ओपन डेफेकेशनफ्रीODF मुक्त घोषित कर लिया है, इसके अलावा हरियाणा केरोसीन मुक्त राज्य बन चुका है और एमएसएमई सेक्टर में भी देश के टॉप राज्यों में भी हरियाणा का नाम है। हरियाणा के बेहतर भविष्य के लिए आपके राज्य को मनोहर जी जैसे नेतृत्व की जरूरत है, जो संकल्प के साथ, समर्पण के साथ लगातार आपकी सेवा में लगे रहे हैं, मनोहर लाल जी सहित हमारे तमाम साथियों ने बीते पांच वर्षों में इन संस्कारों के अनुरूप काम किया है। बीते पांच वर्षों में हरियाणा के सरकारी सिस्टम से अपने पराये के भेद को खत्म करने का, उस मानसिकता पर चोट पहुंचाने का काम किया है। बीते पांच वर्षों में हरियाणा में परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया गया है। बीते पांच वर्षों में, हरियाणा में सरकारी नौकरियों में बंदरबांट की एक गलत परंपरा को खत्म किया गया है। बीते पांच वर्षों में बेरोजगार युवाओं को कौशल से लेकर उनको मिलने वाली मदद तक में वृद्धि की गई है। बीते पांच वर्षों, शिक्षकों के नाम पर ट्रांसफरपोस्टिंग के खेल को बंद करने का सफल प्रयास किया गया है। बीते पांच वर्षों में हरियाणा में किसानों की जमीन पर भ्रष्टाचार का जो खेल चलता था वो भी बंद हो गया है।

पांच वर्ष के ऐसे बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड के दम पर पूरा हरियाणा आज भाजपा के पक्ष में खड़ा है। मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा के साथ, मनोहर लाल जी के साथ, रोहतक के हरियाणा के जन-जन का ये विश्वास ऐसे ही बना रहेगा। आपने देखा होगा यहां पर 35, 40, 45, 60, 70 की उम्र के लोग, जिन्होंने हरियाणा में बहुत सारी सरकारें दखी हैं, उन सरकारों के चरित्र को देखा है, उन सरकारों की पहचान पता है आपको। परिवारवाद, सिर्फ और सिर्फ परिवारवाद, सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार और यहां मुख्यमंत्री कौन बनते थे। दिल्ली में जो सरकार हो, वहां के प्रधानमंत्री को, वहां की सरकार को कोई मुसीबत हो या कोई छोटी-मोटी सिद्धि के गीत गाने हों तो यहां उस मुख्यमंत्री को पसंद किया जाता था कि जो दिल्ली में ट्रकें भर-भर के हरियाणा से लोगों को ले आएं, प्रधानमंत्री के घर के बाहर ढोल-नगाड़े पीटें और उस समय के प्रधानमंत्री का जय जयकार करें, ये काम कर दो तो हरियाणा को वो मुख्यमंत्री मिल जाए। यही कारोबार चला था, पांच साल में कभी हरियाणा से एक ट्रक भी लोगों को ले जाने का काम ना यहां के मुख्यमंत्री को करना पड़ा है, ना यहां की सरकार को करना पड़ा है। हरियाणा के लिए ये नई कार्य संस्कृति का अनुभव है, नई राजनीति का अनुभव है। निस्वार्थ भाव से हरियाणा के लिए जीने मरने वाले लोग भी हरियाणा में हैं, ये इस सरकार ने दिखा दिया है।

भाइयो-बहनो, आज देश, दुनिया में अपना कमाल दिखा रहा है। हिंदुस्तान के जीवन में 7 सितंबर, मुझे एक और साक्षात्कार हुआ और मैं कहना चाहूंगा 7 सितंबर रात में 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा देश टीवी के सामने नजरें गाड़ कर बैठा था। देश और दुनिया चंद्रयान की गति को, खुशखबरी के लिए एक नजर से देख रही थी, अभी होगा, अभी होगा,अभी होगा,। 1 बजकर 50 मिनट के बाद के 100 सेकेंड, 7 सितंबर की रात के वो 100 सेकेंड, 7 सितंबर की सुबह के वोअर्ली 100 सेकेंड मैंने एक और साक्षात्कार किया। एक घटना ने पूरे देश को 10 सेकेंड के अंदर जगा दिया, एक घटना ने 100 सेकेंड के अंदर पूरे हिंदुस्तान को जोड़ दिया। एक ऐसा स्पिरीट और मैं कहूंगा, जैसे स्पोर्ट्समैनस्पिरीट का बात करते हैं। मैं कहूंगा, अब हिंदुस्तान में ये इसरोस्पिरीट है। अब देश नकारात्मकता को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। सफलता, असफलता के मायने 100 सेकेंड के भीतर-भीतर देश ने बदल दिए हैं, अब देश पुरुषार्थ की पूजा करता है, अब देश पराक्रम की पूजा करता है, अब देश परिवर्तन की आस्था को लेकर चल पड़ा है। सवा 100 करोड़ देशवासियों का ये मिजाज मेरे जीवन की बहुत बड़ी पूंजी है। हिंदुस्तान के उज्जवल भविष्य की बहुत बड़ी विरासत है, जो लोग निराशा में जीते हैं, जिनको निराश खोजने में ही आनंद आता है, आशा और विश्वास की ताकत क्या होती है, संकल्प का सामर्थ्य क्या होता है, 100 सेकेंड में कश्मीर से कन्याकुमारी, अटक से कटक हिंदुस्तान ने दिखा दिया है।

जिस देश में संकल्पों को जीने के लिए इतनी बड़ी ताकत होती है वोइसरोस्पिरीट होता है। जो देश सफलता और असफलता की सीमाओं के परे संकल्पों के लिए जीता है वो सपने भी पूरे करता है और इसलिए उस 100 सेकेंड में देश ने जो कर के दिखाया है। निमित्त इसरो था,निमित्त इसरो के वैज्ञानिक थे, निमित्त चंद्रयान की यात्रा थी लेकिन मिजाज सवा सौ करोड़ देशवासियों का था। भारत भाग्यवान है, हम भाग्यवान हैं कि इस देश के अंदर ऐसी ऊर्जा है, देश के अंदर ऐसी भावनाएं हैं, यही भावनाएं देश के सारे संकल्पों को पूरा करने वाली हैं।

भाइयो-बहनो, हम निर्णय ले पा रहे हैं, हम फैसले ले पा रहे हैं क्योंकि देश की जनता को विश्वास है। देशहित के सिवाय हमारा कोई मानदंड नहीं है, कोई तराजू नहीं है और उसी उसूल से मनोहर लाल जी ने हरियाणा को नई दिशा दी, नई गति दी, नई ताकत दी। हरियाणा के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो एक बार फिर विकास परियोजनाओं के लिए आपको बधाई। आप भारी संख्या में यहां हम सभी को आशीर्वाद देने आए, इसके लिए आपका आभार। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!