Role of Sardar Patel in unifying the Nation is invaluable: PM Narendra Modi

Published By : Admin | October 31, 2016 | 17:14 IST
Sardar Patel's contribution for India is immense and invaluable, says PM Modi
Sardar Patel led the movement of independence with Gandhi ji & transformed it into a Jan Andolan: PM
All Indians want India to be a strong, prosperous nation. For this to happen the country must always stay united: PM

सबसे पहले आप सब मेरे साथ नारा बोलेंगे, मैं कहूंगा सरदार पटेल, आप कहेंगे, अमर रहे, अमर रहे।सरदार पटेल, अमर रहे, अमर रहे।

सरदार पटेल, अमर रहे, अमर रहे।

सरदार पटेल, अमर रहे, अमर रहे।

आज पूरा देश सरदार साहब की जन्‍म जयंती मना रहा है। आज जो हिन्‍दुस्‍तान में हम एक तिरंगे झंडे के नीचे कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी, अटक से कटक, हिमालय से ले करके सागर तक जो एक हिन्‍दुस्‍तान देख रहे हैं, एक तिरंगे झंडे के नीचे हिन्‍दुस्तान देख रहे हैं उसका श्रेय सरदार वल्‍लभ भाई पटेल को जाता है। अंग्रेजों ने देश छोड़ते समय ऐसा षडयंत्र रचा था कि अंग्रेजों के जाते ही देश 500 से ज्‍यादा रियासतों में बिखर जाएं। छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाएं। राजे-रजवाड़े अंदर-अंदर लड़कर के मर मिटे। देश में खून की नदियां बहें, ऐसा षड्यंत्र जाते-जाते अंग्रेज रच करके गए थे। लेकिन ये लौहपुरुष सरदार पटेल थे, जिन्‍होंने आजादी के आंदोलन में गांधी के साथ एक साया बन करके, जनांदोलन जगा करके, गांधी के हर विचार को जनशक्ति प्रदान करने का प्रयास किया था। आजादी के आंदोलन में अंग्रेजों को दिन में तारे दिखाने की ताकत सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने दिखाई थी। वही सरदार साहब ने आजादी के बाद तुरंत अंग्रेजों की सोच को हिन्‍दुस्‍तान की धरती में दफना दिया, राजे-रजवाड़ों को मिला लिया, और एक भारत आज हम सब जी रहे हैं।

हमारे देश में कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी की हिमसागर ट्रेन चलती है, सबसे लम्‍बी ट्रेन है। हिमालय की कुख से निकलती है और कन्‍याकुमारी के सागर तक पहुंचती है। जब हम इस ट्रेन में सफर करते हैं, तो रास्‍ते में अनेक राज्‍य आते हैं। लेकिन न हमें किसी राज्‍य की प‍रमिट लेनी पड़ती है, न किसी राज्‍य का वीज़ा लेना पड़ता है, न किसी राज्‍य को टैक्‍स देना पड़ता है, एक बार कश्‍मीर से चल पड़े; कन्‍याकुमारी तक बेरोकटोक चले जाते हैं। ये काम सरदार साहब के कारण हुआ था, तब जा करके संभव हुआ था।

भाइयो, बहनों आप मुझे बताइए हिन्‍दुस्‍तान को ताकतवर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? हिन्‍दुस्‍तान को अधिक मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? हिन्‍दुस्‍तान ने दुनिया में अपना लोहा मनवाना चाहिए कि नहीं मनवाना चाहिए? क्‍या दुनिया भारत को स्‍वीकार करे ऐसा हिन्‍दुस्‍तान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? भाइयो, बहनों ये सपना सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तानियों का है। यहां मेरे सामने एक प्रकार से लघु हिन्‍दुस्‍तान है, हर भाषा-भाषी लोग मेरे सामने हैं। हर किसी का सपना है हिन्‍दुस्‍तान मजबूत होना चाहिए; हिन्‍दुस्‍तान ताकतवर होना चाहिए; हिन्‍दुस्‍तान बलवान होना चाहिए। हिन्‍दुस्‍तान सामर्थ्‍यवान होना चाहिए; हिन्‍दुस्‍तान समृद्ध होना चाहिए; लेकिन भाइयो, बहनों ये सपना पूरा करने की पहली शर्त है हिन्‍दुस्‍तान में एकता होनी चाहिए। सम्‍प्रदाय के नाम पर, जातिवाद के जहर पर, ऊंच-नीच की विकृत मानसिक प्रथा पर, अमीर और गरीब की खाई के बीच, गांव और शहर के बीच, ये देश एकता की अनुभूति नहीं कर सकता है।

और इसलिए मेरे प्‍यारे भाइयो, बहनों सरदार पटेल की जन्‍म जयंती पर एकता का ही संदेश जिस महापुरुष ने अपने सामर्थ्‍य से, अपने बौद्धिक कौशल्य से, अपने political will से देश को एक किया। हर हिन्‍दुस्‍तानी ने भी राष्‍ट्रभक्ति की भावना से भारत की एकता को मजबूत बनाने के लिए अपनी-अपनी जिम्‍मेवारी निभानी चाही। देश को तोड़ने के लिए, देश में बिखराव पैदा करने के लिए, देश में अंतर्विरोध जगाने के लिए ढेर सारी शक्तियां काम कर रही हैं। ऐसे समय एकता के लिए जागरूक प्रयास करना आवश्‍यक होता है, सतर्क रहना आवश्‍यक होता है। हमें जोड़ने वाली जितनी चीजें हैं, उनका बार-बार स्‍मरण करना आवश्‍यक होता है। ये भारत माता, इस भारत माता के गले में सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तान रूप फूलों की माला सजी हुई है। सवा सो करोड़ देशवासी पुष्‍प के रूप में ये माला से बंधे हुए हैं, और ये सवा सौ करोड़ पुष्‍पों को जोड़ने वाला जो धागा है वो धागा है हमारी भारतीयता की भावना। हमारी भारतीयता की भावना, ये भारतीयता की भावना का वो धागा सवा सौ करोड़ हृदयों को, सवा सौ करोड़ मस्तिष्‍क को, सवा सौ करोड़ जनसंख्‍या को, मां भारती की माला के रूप में पिरोते हैं और इन सवा सौ करोड़ पुष्‍पों की सुगंध, इन सवा सौ करोड़ फूलों की सुगंध, ये सुगंध है हमारी राष्ट्रभक्ति। ये राष्‍ट्रभक्ति की महक हमें हर पल ऊर्जा देती है, प्रेरणा देती है, चेतना देती है। उसे बार-बार स्‍मरण करते हुए देश में एकता और अखंडता का माहौल बनाने के लिए हमें संकल्‍पबद्ध होना है।


मेरे प्‍यारे नौजवान साथियो, आज 31 अक्‍तूबर, दिल्‍ली की धरती को, देश की जनता को भारत सरकार की तरफ से एक बहुमूल्‍य नजराना मिलने वाला है। अब से कुछ ही समय के बाद मैं दिल्‍ली में सरदार साहब के जीवन पर एक Digital Museum का लोकार्पण करने वाला हूं। मेरा आप सबसे आग्रह है कम से कम दो घंटे निकाल करके, कम से कम, ज्‍यादा तो पूरा दिन निकाल सकते हैं, हफ्ता निकाल सकते हैं। इतनी चीजें वहां देखने जैसी, समझने जैसी अध्‍ययन करने जैसी हैं। प्रगति मैदान के पास में ही ये Permanent Digital Museum बना है।

आजादी के इतने सालों के बाद, सरदार साहब की विदाई के इतने वर्षों के बाद आज दिल्‍ली में सरदार साहब को इस रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। काश! ये काम 40, 50, 60 साल पहले हो जाता, लेकिन पता नहीं, क्‍यों नहीं किया गया। न करने वालों का जवाब इतिहास मांगेगा। हम तो कुछ करके गुजरें इसी एक भावना को ले करके चलना चाहते थे।

सरदार साहब के एकता के मंत्र को जीवन का सहज हिस्‍सा बनाने के लिए, हर भारतीय का सहज स्‍वभाव बनाने के लिए आज मैं उसी कार्यक्रम में एक नई योजना लॉन्‍च करने वाला हूं- 'एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत'। वो योजना भी देश को एकता को बल देने वाली योजना होगी और उस प्रदर्शनी के लोकार्पण के समय आज मैं उसको भी लॉन्‍च करने वाला हूं। मैं फिर एक बार पूरे देश में ये जो Run For Unity 'एकता के लिए दौड़' 31 अक्‍तूबर से पूरे सप्‍ताह भर हिन्‍दुस्‍तान के भिन्‍न-भिन्‍न कोने में आयोजन किया गया है, मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि हमें सरदार साहब को कभी भूलना नहीं चाहिए। हमें सरदार साहब के एकता के मंत्र को कभी भूलना नहीं चाहिए। हम जैसा हिन्‍दुस्‍तान बनाना चाहते हैं, वो हिन्‍दुस्‍तान बनाने की पहली शर्त है देश की एकता, जन-जन की एकता, हर मन की एकता, हर मन का एक संकल्‍प, हमारी भारत माता महान बने, उसको ले करके आगे बढ़ना है। मैं फिर एक बार आप सबको इतनी बड़ी संख्‍या में, वो भी दिवाली के त्‍योहार के बीच आपको पा करके सचमुच में आनंद की अनुभूति करता हूं, बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.