भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमित भाई शाह, मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे हुए विजयोत्सव में खुशियों में डूबे हुए आप सब कार्यकर्ता। मैं सबसे पहले गुजरात और हिमाचल की जनता को शत-शत नमन करता हूं कि उन्होंने विकास के रास्ते को चुना। विकास के मार्ग से ही जन सामान्य की समस्याओं का समाधान होगा। और आज वैश्विक स्पर्धा के युग में भारत को अगर आगे जाना है तो भारत ने भी विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना ही होगा।
जब उत्तर प्रदेश में महानगरपालिका, नगरपालिका, नगर पंचायत के चुनाव चल रहे थे। तब बड़े जोर-शोर से कहा जा रहा था कि जीएसटी के कारण उत्तर प्रदेश के शहरों में भारतीय जनता पार्टी ठप हो जाएगी। गुजरात के चुनाव के पहले भी इसी प्रकार के अफवाहों का जोर था। पिछले दिनों महाराष्ट्र में भी जीएसटी के बाद स्थानीय निकाय के चुनाव हुए। उन चुनावों में भी महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व समर्थन मिला।
मैं देश का भला चाहने वाले देश के बुद्धजीवियों से आग्रह करता हूं कि हम जो यहां बैठकरके देश के सामान्य मानवी का आकलन करते हैं और हम गलत दिशा में चले जाते हैं। उससे इस प्रकार से सोचने वालों का भला नहीं होता है, जिस क्षेत्र और जनता के लिए सोचा जाता है, उनका भला नहीं होता है और देश का तो बारम्बार नुकसान होता है। इन सभी चुनाव नतीजों ने एक बात सिद्ध कर दी है कि देश Reform के लिए तैयार है, Perform करने वाली हर बात को पॉजिटिव देख रहा है। और Transform होने के लिए संबंध में भरपूर विश्वास रखती है, ये चुनाव लगातार दिखा रहे हैं।
लोकतंत्र में चुनाव सरकार के काम का लेखा-जोखा होते हैं। आज देश में खासकर के मिडिल क्लास का एक्सप्रेशन इतना बढ़ा हुआ है, उसकी इतनी अपेक्षाएं बढ़ी हुई है, जल्दी से जल्दी अपेक्षाएं पूरी हो, ये स्वभाविक रूप से मन में है। पहले की सरकारों के पास इस देश के सामान्य मानवी के मन में आशाएं अपेक्षाएं नहीं थी। चलो भाई गुजरा कर लें, जैसा है वैसा चला लें, वो भी एक युग था। आज का समय हर पल देश का सामान्य मानवी नई आशाएं, नई अपेक्षाएं, नई आकांक्षाएं, नए सपने लेकर के चल रहा है।
भाइयो बहनों।
हिमाचल प्रदेश ने जिस प्रकार से नतीजे दिखाएं, वो इस बात के सबूत देते हैं कि अगर आप विकास नहीं करते हैं, अगर गलत कामों में उलझे हुए हैं, गलत काम आपकी प्राथमिकता है तो पांच साल के बाद जनता आपको स्वीकार नहीं करती है। हिमाचल प्रदेश की जनता ने पॉजिटिव वोट दिया है, विकास के लिए वोट दिया है। गुजरात का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में ये अभूतपूर्व चुनाव है। आज के वातावरण में अगर कोई सरकार पांच साल के बाद दोबारा जीतकरके आ जाए तो उसका जीतना ही एक बहुत बड़े विजय के रूप में हिन्दुस्तान में एडिटोरियल लिखे जाते हैं। किसी सरकार का दोबारा जीतना ये भारत के राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक बहुत बड़ी घटना के रूप में पिछले 30 साल से लगातार देखा जा रहा है।
गुजरात एक अपवाद है। 1989 में गुजरात 12 लोकसभा चुनाव लड़ रहा है और 12 में से 12 जीतता है। 1990 में एसेंबली का चुनाव आता है। भाजपा 90 सीट पर लड़ रही थी और हमारे साथी दल था चिमन भाई पटेल का, वो 90 से ज्यादा सीट पर लड़ते थे, उनको 70 सीटें मिली। भारतीय जनता पार्टी को 67 सीटें मिली। हमने 90 में सरकार बनाई। बाद में कांग्रेस पार्टी ने चिमन भाई पटेल के साथ मिलकर तोड़फोड़ करके सरकार बना ली। 1995 में चुनाव आया। भारतीय जनता पार्टी अकेले चुनाव लड़ी और 121 सीट पर भारतीय जनता पार्टी दो तिहाई बहुमत से जीत मिली। 1998 में जीते, 2002 में जीते, 2007 में जीते, 2012 जीते, हर लोकसभा जीते, हर विधानसभा जीते।
भाइयों बहनो।
लगातार इतनी जीत। सिर्फ विकास के मुद्दे पर जीते। ये हिन्दुस्तान की राजनीति में एक नई दिशा दिखाने वाली एक सच्चाई है जिस पर गुजरात की जनता ने मुहर लगाकरके अनुमति दे दी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप में गुजरात के चुनाव का विजय एक डबल खुशी का विषय है। ये व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए खुशी का विषय है क्योंकि आम तौर पर लंब अरसे तक जो व्यक्ति वहां का मुखिया रहा हो, उसके वहां से हटने के बाद गिरावट आने की चर्चा होती है, सबको असंभव लगता है, तुलना होने लगती है, कहां मोदी थे, कहां ये है। डिमोरलाइज करने का लगातार प्रयास होता है। आज मेरे लिए खुशी है कि तीन-साढ़े तीन साल पहले गुजरात छोड़ने के बाद गुजरात के कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार से गुजरात को संभाला है, जिस प्रकार से नेतृत्व दिया है, ये मेरे लिए डबल खुशी का माहौल है कि मेरे जाने के बाद मेरे साथी गुजरात के विकास में कोई कमी नहीं रखी। और इसलिए मैं गुजरात बीजेपी के नेताओं को, कार्यकर्ताओं को ह्रदय से विशेष बधाई भी देना चाहूंगा। मैं गुजरात की जनता को भी अनुरोध करना चाहता हूं।
चारों तरफ से हमले हो रहे थे, अप प्रचार की आंधी चली थी। कांग्रेस पार्टी तो सिर्फ दिखती थी कि मैदान में है लेकिन उसके सिवाय कितनी ताकतें लगी थी कि एक बार गुजरात में गिरा दो। कैसे-कैसे षडयंत्र किए गए। कैसे-कैसे चालाकियां की गई। विकास। विकास के संबंध में विकास के लिए राजी-नाराजी तो हो सकती है लेकिन कोई विकास का मजाक उड़ाए, सार्वजनिक जीवन में ऐसा होता नहीं। मैं जानता हूं। जबसे एक्जिट पोल आया तबसे कुछलोग इतने परेशान थे कि ये बीजेपी गुजरात तो फिर से जीत जा रही है। तो उस जीत के आनंद को कम करने के लिए कौन सी चीजें की जाए, उसके लिए पिछले तीन दिन से आपने देखा होगा, बड़ी भरपूर तैयारियां चल रही थी।
भाइयो बहनो।
हरेक के अपने विचार हो सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी के पराजय से आनंद होने वाले लोगों की संख्या हो सकती है लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से अगर कोई एक दल विजयी हो रहा है, विकास के मुद्दे पर विजयी हो रहा है तो कभी-न-कभी इस सच्चाई को स्वीकार करने का साहस ऐसे हमारे सभी मित्र रखेंगे। इतनी आशा रखना गलत नहीं होगा।
भाइयो बहनो।
हमारे देश में लगातार चुनाव आते रहते हैं। हर चुनाव को एक नए रंग रूप से रंगा जाता है। सच्चाई ये है कि 2014 मई में लोकसभा के चुनाव के बाद इस देश में विकास का एक माहौल बना है। विकास की भूख जगी है। सरकारों की प्राथमिकता विकास बनता चला गया है। भाजपा आपको पसंद हो या न हो लेकिन देश को विकास के रास्ते से डिरेल करने की हरकतें कृपा करके न करें। जिस दिन बीजेपी हार जाए, आप महीने भर जश्न मनाएं, देश का कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन देश जब विकास के मंत्र को लेकरके साथ और सहयोग दे रहा है तो मैं देश के सभी लोगों से यही कहूंगा कि अवसर आया है, एक ऐसी सरकार है जिसमें निर्णय लेने की ताकत है। एक ऐसी सरकार है जिसकी नीयत में कोई खोट नहीं है। एक ऐसी सरकार है जिसक नीतियां साफ-सुथरी है। एक ऐसी सरकार है जो कलेक्टिव लीडरशिप को लेकरके चलती है। एक ऐसी सरकार है जो भारत में कोपरेटिव फेडरलिज्म को कोपरेटिव कम्पेटिटिव फेडरलिज्म की तरफ ताकत देने में अपनी पूरी शक्ति लगा रही है।
सबका साथ सबका विकास। यही मंत्र लेकरके चले हैं। यह विजयी जो है, ये विजय इसी बात पर जनता की मुहर लग गई है। मैं आज यहां से विशेष रूप से गुजरात के नागरिकों को एक बात जरूर करना चाहता हूं। 30 साल के बाद, 30 साल पहले गुजरात में जातिवाद का जहर इतना जेह्न में डाल दिया गया था कि उस जहर को निकालते-निकालते मेरे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के 30 साल खप गए, 30 साल। तब जाकरके गुजरात से वो जातिवाद के जहर से मुक्ति मिली। सबका साथ सबका विकास। और विकास की दिशा में आगे चले। जहां हैं वहां से आगे चले। कुछ बाकी है तो जल्दी से जल्दी पूरा करने का प्रयास करे। इसी भाव से गुजरात चला लेकिन सत्ता भूख के कारण इस चुनाव में कुछ लोगों ने। मैं आज यहां किसी की आलोचना करने नहीं आया। लेकिन मैं गुजरात की जनता को कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ महीनों में, फिर से एक बार जातिवाद के जो बीज बोने के प्रयास हुए हैं। जिसे गुजरात की जनता ने नकार दिया है इसलिए वो अभिनंदन के पात्र हैं लेकिन। लेकिन गुजरात की जनता को पहले से ज्यादा जागरूक होना पड़ेगा। गुजरात का मंत्र है सबका साथ सबका विकास। मैं गुजरात के लोगों से इस विजय के बाद भी, आपने हमने इतने आशीर्वाद दिए हैं।
उसके बाद भी मैं यह कहने का साहस कर रहा हूं कि मेरे गुजरात के भाइयो बहनो।
साढ़े छह करोड़ गुजराती एक हैं, नेक हैं और आगे बढ़ने का विश्वास में लेकरके चलने वाले लोग हैं। जो हुआ उसे छोड़ दो, किसने किया उसे भूल जाओ। आओ फिर से उस एकता के बंधन में बंध जाएं। हर एक को गले लगाएं। एक भी भाई हमसे अलग नहीं हो सकता है। एक भी हमारा गुजराती हमसे अलग नहीं हो सकता है। आओ फिर से मिलजुलकरके ...। पिछले कुछ महीनों में, कुछ लोगों ने खेल खेले। आपलोगों ने उसे सफल होने नहीं दिया। लेकिन आगे वो लोग अपनी हरकतें छोड़ेंगे नहीं। और इसलिए एकता का मंत्र लेकरके समाज के बीच में एकता और भाईचारा और मजबूत हो। क्योंकि गुजरात अकेला गुजरात है। गुजरात के विकास का लाभ देश को भी बहुत मिलता है। देश के विकास के लिए भी राज्यों का विकास आवश्यक है। गुजरात जैसे राज्यों की जिम्मेदारी ज्यादा है। देश के विकास में गुजरात पीछे न रहे। जिस तेजी से आगे बढ़ रहा था, उससे भी डबल तेजी से आगे बढ़े। विकास की नई ऊंचाइयों को पार करे। सामाजिक एकता को और मजबूत बनाएं। सबका साथ सबका विकास। इसी मंत्र को लेकरके आगे बढ़े। मैं फिर एक बार मेहनत करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
ये विजय सामान्य है। यह असामान्य विजय है। हर राजनीतिक तराजू पर ये विजय असामान्य है। इस असामान्य विजय को प्राप्त करने में राष्ट्रीय अध्यक्ष, एक मेहनतकश अध्यक्ष, एक रणनीतिकार अध्यक्ष, हर कार्यकर्ता की शक्ति को पहचान करके उस शक्ति को कार्य में जोड़ने वाले अध्यक्ष, उनके इन प्रयासों के कारण भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता जी जान से जुटते रहे हैं। और उसी का परिणाम है कि हमारी विजय यात्रा चलती रही है। लगातार 30 साल। 1989 से लगातार विजयी होना एक राज्य में, वो पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी घटना है। कोई कितनी ही कोशिश करे, भारतीय जनता पार्टी की विजय को जो लोग स्वीकार नहीं कर सकते, उनके लिए समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। हम विजय का विश्वास लेकरके, न्यू इंडिया के सपने को लेकरके 2022, आजादी के 75 साल होंगे। आजादी के लिए जिन महापुरुषों ने सपने देखे थे। उन सपनों को पूरा करने के लिए हमें अपनी जिंदगी खपानी है। हमें वह सौभाग्य नहीं मिला कि आजादी के जंग में देश के लिए मरने का सौभाग्य नहीं मिला। हम आजादी के बाद पैदा हुए। लेकिन आजादी के लिए मरने का सौभाग्य भले ही न मिला हो लेकिन आजाद भारत को भव्य भारत बनाने के लिए जीने का हमें, जी जान से जुटने का, जी जान से जूझने का हमें अवसर मिला है। उस अवसर को हमने खोना नहीं चाहिए।
और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की इस एक भावना के साथ आप सबको बधाई। देश के लाखों को कार्यकर्ताओं को बधाई। सभी कार्यकर्ताओं को, राष्ट्रीय अध्यक्ष को, उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। जीतेगा भाई जीतेगा, विकास ही जीतेगा। जीतेगा भाई जीतेगा विकास ही जीतेगा। विकास ही हमारा मंत्र है। विकास के लिए आगे बढ़ना है। देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर लेकर चलना है। बहुत-बहुत धन्यवाद।