QuoteThe Awas Yojana is not merely about brick and mortar. It is about a better quality of life and dreams coming true: PM Modi
QuoteWe are working towards ensuring that every Indian has a home by 2022, when India marks 75 years since Independence: PM Modi
QuoteWe have been working to free the housing sector from middlemen, corruption and ensuring that the beneficiaries get their own home without hassles: PM
QuoteThe housing sector is being invigorated with latest technology. This is enabling faster construction of affordable houses for the poor in towns and villages, says PM
QuotePMAY is linked to dignity of our citizens, says PM Modi

मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों, नमस्‍कार,

मेरा हमेशा प्रयास रहता है कि अलग-अलग योजनाओं से सामान्‍य व्‍यक्ति के जीवन में जो बदलाव आया है। उन अनुभवों को सीधे उन्‍हीं लोगों से बातचीत करते हुए मैं जानता हूं और इसलिए मैं अक्‍सर ऐसे लाभार्थियों से सीधे मुलाकात करने का प्रयास करता हूं। सही हो गलत हो, अच्‍छा हो खराब हो, दिक्‍कतें आई हों, सहूलियतें मिली हों। इन सबके बारे में सीधे आप जैसे लोगों से जानना बहुत ही महत्‍वपूर्ण है।

सरकार में अफसरों द्वारा जो रिपोर्ट तैयार होती हैं। उसका अपना एक महत्‍व है ही लेकिन प्रत्‍यक्ष जीने से लाभ मिला और जिन लोगों को लाभ मिला। उनसे जब संवाद करके नई चीज सुना जैसे उज्‍ज्‍वला योजना, गैस कनेक्‍शन। मैं उस उज्‍ज्‍वला के लिए काफी बातें करता था। लेकिन जब उज्‍ज्‍वला के लाभार्थियों से मिला तो उन्‍होंनें बड़ी मजेदार बताई मेरे को बात, उन्‍होंने कहा हमारा पानी बच गया, मैंने कहा पानी कैसे बच गया? तो पहले बोले लकड़ी के चूल्‍हे से खाना पकाते थे तो सारे बर्तन काले हो जाते थे और दिन में चार चार बार बर्तन साफ करने के लिए बहुत पानी लगता था। अब गैस का चूल्‍हा आ गया तो हमें वो करना नहीं पड़ रहा है। अब ये बात मैं नहीं मानता हूं कि मैं उनसे बात करता तो मुझे समझ आती, ऐसी बहुत सी बाते हैं। जब मैं खुद बात करता हूं और उसी सिलसिले में आज मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना के जो लाभार्थी हैं या वो लोग जिनके सामने घर तैयार हो रहा है। घर बनाने में जुड़े हैं। जिनको कुछ ही समय में घर मिलना निश्चित है। ऐसे सब लोगों से रूबरू होने का, उनसे बातचीत करने का एक अवसर मिला है।

आप जानते हैं हर व्‍यक्ति के मन में एक इच्‍छा हमेशा रहती है कि मेरा खुद का अपना घर हो गरीब से गरीब को भी लगता है कि भाई मेरा अपना घर हो। भले छोटा ही क्‍यों न हो और अपना घर होने की जो सुखद अनुभूति होती है। वो...जिसे घर मिला है वही जानता है और कोई नहीं जानता। और मैं जो आपको टीवी के माध्‍यम से देख रहा हूं। टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से देख रहा हूं। आपके चेहरे पर जो खुशी है, एक संतोष का भाव है। जीवन जीने का एक नया उमंग पैदा हुआ है। ये ये मैं देख रहा हूं। और जब मैं आपका उत्‍साह और उंमग मैं अपनी आंखों से देखता हूं तो मेरा उत्‍साह और उंमग भी दस गुना बढ़ जाता है। फिर मेरा भी मन करता है और ज्‍यादा काम करूं। आपके लिए और मेहनत करूं। क्‍योंकि आपके चेहरे की खुशी मुझे देखने को मिलती है और वही मेरी खुशी का कारण है। 

किसी भी आवास योजना का अर्थ सिर्फ ये नहीं होता कि लोगों को सिर छुपाने की मात्र जगह देनी है। आवास का मतलब घर से है सिर्फ चारदीवारी और छत से नहीं है। घर यानी वो जगह.. जहां जीवन जीने लायक हो, सारी सुविधाएं उपलब्‍ध हों। जिसमें परिवार की खुशियां हों। जिसमें परिवार के हर व्‍यक्ति के सपनें जुड़े हुए हों। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के मूल में भी यही भाव है। अपना घर हर किसी का सपना होता है। गरीब से गरीब व्‍यक्ति के मन में भी ये इच्‍छा रहती है कि उसके पास अपना पक्‍का घर हो लेकिन आजादी के इतने वर्ष बाद भी गरीब की इच्‍छा अधूरी ही है। इस सरकार ने संकल्‍प लिया और तय किया कि 2022, जब हमारी आजादी के 75 साल हो जाएंगे तो कुछ हम, ऐसे अवसर होते है कि जब सबको दौड़ने का मन कर जाता है। चलो भई आजादी के 75 साल हुए हैं चलो कुछ काम करें, ज्‍यादा करें, अच्‍छा करें, सब लोगों की भलाई करें। 

हमनें भी कोशिश की है कि 2022 आजादी के 75 साल हमें ये पांच साल, चार साल जो भी समय मिला है। दौड़ने की हिम्‍मत आ जाए, काम करने की हिम्‍मत आ जाए। और उसने एक सपना लिया है 2022 आजादी के 75 साल हिन्‍दुस्‍तान के हर परिवार के पास गरीब से गरीब हो, गांव हो शहर हो, झुग्‍गी-झोंपड़ी में रहता हो, फुटपाथ पर रहता हो, कहीं पर रहता हो। उस परिवार के पास उसका अपना पक्‍का घर हो। और सिर्फ घर ही नहीं, उसमें बिजली हो, नल हो.. नल में जल हो, गैस का चूल्‍हा हो, सौभाग्‍य की बिजली हो, शौचालय हो, यानी एक प्रकार से उसको लगना चाहिए कि हां अब जिंदगी जीने के योग्‍य बन गई हैं। अब कुछ और करके आगे बढ़ने के रास्‍ते बने, गरीब से गरीब आदमी को भी सिर्फ विश्राम के लिए ही जगह न मिले बल्कि मान-सम्‍मान और परिवार की गरिमा बढ़ाने का भी अवसर मिले। Housing for all सबके लिए घर ये हमारा सपना भी है और संकल्‍प भी है। मतलब आपका सपना, मेरा सपना, आपका सपना देश की सरकार का सपना है।

करोड़ों लोगों के विशाल देश में ये संकल्‍प पूरा करना मामूली काम नहीं है। चुनौती बहुत बड़ी है, कठिन है। और आजादी के इतने सालों का अनुभव कहता है कि ये सब संभव ही नहीं है। लेकिन उसके बावजूद भी ये गरीब की जिंदगी है। बिना घर रहने वालों की जिंदगी है। जिसने मुझे ये निर्णय करने की हिम्‍मत दी है। आपके प्रति प्‍यार ने, आपके प्रति मेरे दिल में जो लगाव है उसके कारण इतना बड़ा निर्णय लिया है। अब निर्णय पूरा करने में सरकारी मशीनरी, बाकि लोग भी मदद में है। काम हो रहा है। लेकिन ये तब होता है, सिर्फ इच्‍छा शक्ति से थोड़े ही हो जाता है। उसके लिए योजना चाहिए, इसके लिए गति चाहिए। जनता का विश्‍वास और समर्थन चाहिए। जनता के लिए समर्पण का भाव चाहिए। इस चुनौती से निपटने के लिए पहले की सरकारों के जो काम-काज है। कैसे काम होता था, कैसे शुरू करते थे। कहां जाकर पहुंचते थे। सब आप लोग जानते हैं।

मैं समझता हूं कि आज उसमें बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। आज हमनें कहीं मंदिरों, समुदायों के नाम पर, कहीं झुग्‍गी-झोंपड़ी के नाम पर मकान बनाना, काम शुरू किया, लेकिन बढ़ती आबादी के नाम पर ये प्रयास नाकाफी ही साबित हुआ। बाद में ये योजना व्‍यक्तियों के नाम पर बनने लगी, परिवारों के नाम पर बनने लगी। स्‍वाभाविक तौर पर इनका उद्देश्‍य सामान्‍य मानवी को घर देने के बजाय राजनीतिक हितों को साधने का अधिक हो गया था। बिचौलियों की बहुत बड़ी फौज बन गई थी और ठेकेदार जब माला माल चलता था। हमनें एक अलग approach के साथ इस चुनौती पर काम किया। टुकड़ों में सोचने के बजाय मिशन मोड में काम करने का संकल्‍प ले लिया। हमने तय किया है कि 2022 तक ग्रामीण क्षेत्र में तीन करोड़ और शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ घरों का निर्माण करेंगे। जब लक्ष्‍य इतना बड़ा हो तो स्‍वाभाविक है कि उस लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए बजट भी बड़ा चाहिए। एक समय था जब बजट आबंटन के अनुरूप लक्ष्‍य निर्धा‍रित किया जाता था। लेकिन अब हम पहले लक्ष्‍य तय करते हैं। देश को किसको पहले जरूरत है, कितनी जरूरत है उसके आधार पर लक्ष्‍य तय करते हैं। फिर उसके अनुसार बजट निर्धा‍रित करते हैं। इसी का परिणाम है कि शहरी क्षेत्रों में अगर मैं बात करूं तो हमारे पहले जो सरकार थी वो गरीबों के नाम पर ही खेल खेलती रहती थी।

यूपीए सरकार के दस वर्षों में जितने घरों को, निर्माण को मंजूरी भी नहीं दी पिछले चार वर्षों में हमने उसका लगभग चार गुना अधिक सैंक्शन किया है। यूपीए सरकार के दस वर्ष में कुल साढ़े तेरह लाख घर सैंक्शन किए गए थे जबकि हमारी सरकार के तहत पिछले चार साल में 47 लाख यानी करीब-करीब 47 लाख, एक प्रकार से 50 लाख के पार पहुंचने के अधिक घर हमनें सैंक्शन कर दिए हैं। इनमें से 7 लाख घर नई टेक्‍नोलॉजी से बनाए जा रहे हैं।

अब housing में नई टेक्‍नोलॉजी को बद देने के लिए Global Housing TechnologyChallenge ये शुरू कर रहे हैं। ताकि Low Cost Housing की नवीनतम टेक्‍नोलॉजी का उपयोग हो सके। इसी तरह यदि गांव की बात करें तो पिछली सरकार के अंतिम चार साल में गांव के अंदर पूरे हिन्‍दुस्‍तान में करीब-करीब साढे 25 लाख घरों का निर्माण किया गया था। वहीं हमारी सरकार ने पिछले चार वर्ष में एक करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया है। यानी सवा तीन सौ प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि। पहले मकान बनाने के लिए 18 महीने का समय तय था। लेकिन हमनें इसको घटाकर के इसको महत्‍व समझते हुए, गति तेज करते हुए 18 महीनें का काम 12 महीनें में पूरा करने का संकल्‍प करके हम आगे बढ़़ रहे हैं।

अब स्थिति ये है कि एक वर्ष से भी कम समय में घर बनकर तैयार हो रहा है, आज घरों के निर्माण में तेजी आ रही है, और ये देखिए कैसे आ रही है। सिर्फ ईंट और पत्‍थर तेज गति से हम डाल दें तो घर बन जाता है ऐसा नहीं है। इसके लिए सभी स्‍तरों पर योजनाबद्ध तरीके से ठोस कदम उठाए जाते हैं। स्‍केल ही नहीं, साइज को लेकर भी परिवर्तन किया गया है। गांव में पहले घर बनाने के लिए न्‍यून्‍तम क्षेत्रफल 20 वर्ग मीटर था जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब हम लोगों ने आकर के इसे 20 वर्ग मीटर की जगह 25 वर्ग मीटर कर दिया है। आपको लग रहा होगा कि इस 5 वर्ग मीटर का ही फर्क लेकर जगह बढ़ जाने से क्‍या होगा। सबसे बड़ा फायदा ये है कि एक अलग साफ सुथरा रसोई घर अब इसमें जुड़ गया।

गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पहले 70-75 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी। जिसे अब हमनें बढ़ाकर के सवा लाख रुपये कर दिया है। आज लाभार्थियों को मनरेगा से 90-95 दिनों का मेहनताना मजदूरी के लिए भी उसके खाते में जमा होता है। 

इसके अलावा आज शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये अलग से दिए जा रहे हैं। पहले देखने को मिलता था कि बिचौलियों के नेताओं के घर तो बन जाते थे। लेकिन गरीब का घर नहीं बनता था। गरीबों के पैसे में कोई सेंध न मारे, उसे कोई और न ले जाए इसके लिए हमनें पक्‍की व्‍यवस्‍था बनाई है।

आज डीबीटी (Direct Benefit Transfer)के माध्‍यम से बिचौलिये खत्‍म हुए। और लाभार्थियों को सब्सिडी और सहायता राशि सीधे उनके खाते में दी जा रही है। पहले जनधन अकांउट खोला अब रुपया भेजना शुरू किया। प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम की प्रगति की monitoring के लिए ये जो घर बन रहे हैं, जो आवास बन रहे हैं। उनकी Geo ट्रेकिंगकी व्‍यवस्‍था की है।ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इन कामों को DISHA पोर्टल से भी जोड़ा गया है। जहां ये देखा जा सकता है कि आप monitor कर सकते हैं। मैं मेरे ऑफिस से monitor कर सकता हूं कि कितना काम हुआ है कहां-कहां हुआ है। उसका पूरा detail मैं मेरे दफ्तर में बैठकर के भी देख सकता हूं।

यूपीए के कार्यकाल में लाभार्थियों का चयन जो पूरानी राजनेताओं ने तैयार की हुई बीपीएल सूची से किया जाता था लेकिन आज हम लोगों ने Socio EconomicCaste Census के माध्‍यम से करना शुरू किया उसके कारण पहले जो छूट जाते थे। अब उनको भी हमनें जोड़ दिया है। और इसके कारण अधिक से अधिक लोगों को जोड़ करके उनको लाभ मिला है। हर क्षेत्र, हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।

घर सिर्फ जरूरतों से नहीं, घर सम्‍मान से भी जुड़ा होता है, स्‍वाभिमान से जुड़ा होता है। और एक बार अपना घर बन जाता है। तो घर के हर सदस्‍य की सोच भी बदलती है। आगे बढ़ने का नया हौंसला पैदा होता है।

हमारा प्रयास है कि हर परिवार की इस जरूरत को पूरा करना और उसके सम्‍मान को बढ़ाना और इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना का फोकस विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं पर ही हमनें केंद्रित किया है। आदिवासी हों, दलित हों, पिछड़े हों, एससी, एसटी, ओबीसी, माइनोरटी और हमारें दिव्‍यांग भाई-बहन उनको हम प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस तरह योजनाबद्ध तरीके से व्‍यापक स्‍तर पर किए जा रहे प्रयासों का ही परिणाम है कि आज तेजी से घरों का निर्माण हो रहा है। हम जमीन से जुड़े लोग हैं। सामान्‍य जन की समस्‍याओं को, उनकी पीड़ा को हम भली-भांति जानते हैं, समझते हैं और यही कारण है कि हम लोगों की जरूरतों को ध्‍यान में रखकर के काम कर रहे हैं। सरकारों में ऐसा चलता आया है। कि हर योजना अलग-अलग काम करती है। पहला मंत्रालयों के बीच, दो विभागों के बीच, दो योजनाओं के बीच समन्‍वय ही नहीं होता। 

प्रधानमंत्री आवास योजना में विभिन्‍न सरकारी योजनाओं को एक साथ लाया गया है, जोड़ा गया है। निर्माण और रोजगार के लिए इसे मनेरगा से जोड़ा गया। घर में शौचालय, बिजली, पानी और एलपीजी गैस की सुविधा हो इसका ध्‍यान अलग से रखा गया। घर में शौचालय हो इसके लिए स्‍वच्‍छ भारत मिशन से जोड़ा गया। घर में बिजली की सुविधा हो इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्योति  योजना और सौभाग्‍य योजना को इसके साथ लिंक कर दिया गया। पानी की सुविधा के लिए इसे ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम से जोड़ा गया। एलपीजी की व्‍यवस्‍था हो इसके लिए उज्‍ज्‍वला योजना को इससे जोड़ा गया। ये आवास योजना सिर्फ एक घर तक सीमित नहीं है। बल्कि ये सशक्तिकरण का भी माध्‍यम है। शहरों में जिनको मकान का लाभ मिला है। उनमें 70 प्रतिशत महिलाओं के नाम पर है।

आज जब पहले के मुकाबले कहीं ज्‍यादा घर बन रहे हैं तो इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।

स्‍थानीय स्‍तर पर ईंट, रेत, सीमेंट से लेकर हर प्रकार की निर्माण साम्रगी का व्‍यापार बढ़ रहा है। स्‍थानीय श्रमिकों, कारीगरों को भी काम मिल रहा है। इसके साथ-साथ गांव में गुणवत्‍तापूर्वक कार्य के लिए सरकार ने एक लाख राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया है, masons का और आपको ये जान करके भी खुशी होगी कि और कई राज्‍यों में राज मिस्‍त्री की तरह रानी मिस्त्रियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये महिला सशक्तिकरण की ओर एक बहुत बड़ा कदम है।

शहरी क्षेत्रों में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को इस योजना के तहत सम्मिलित करने के लिए सरकार ने चार मॉडल पर काम किया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को घर बनाने या उसका विस्‍तार करने के लिए प्रतिघर डेढ़ लाख रुपये की सहायता की जा रही है।

लिंक सब्सिडी स्‍कीम के तहत घर बनाने हेतु किए गए लोन पर ब्‍याज में 3 से 6 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। एरिया में redevelopment के लिए सरकार प्रति घर 1 लाख रुपये की सहायता दे रही है। या पब्लिक सेक्‍टर के साथ पार्टनरशिप में किफायती आवास, affordable housing के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को प्रति घर डेढ़ लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। पहले देखने को मिलता था कि बिल्‍डर्स पैसा तो ले लेते थे। लेकिन सालों तक एक ईंट भी नहीं लगती थी। गरीब और मध्‍यम वर्ग का फायदा हो। घर खरीददारों के हितों की रक्षा की जा सके। मध्‍यम वर्गीय परिवार जिंदगी की सारी कमाई मकान बनवाने के लिए लगाता है उसको कोई लूट न ले जाए। इसके लिए हमने RERA- Real Estate Regulation Act लागू किया। इस कानून से पारदर्शिता आने के साथ-साथ खरीददार को उनका हक मिल रहा है। और बिल्‍डर्स भी खरीददार से किसी भी प्रकार का धोखा करने से डरते हैं।

आज देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जिनकी आशाओं और आंकाक्षाओं को इस योजना ने पंख लगाए हैं। घर होने से समृद्धि और सुरक्षा तो बढ़ती ही है। और स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है। अपना घर होना सबकी पहली प्राथमिकता होती है, पहले भी होती थी। लेकिन दुर्भाग्‍य की बात थी कि पहले ये सबसे आखिर में पूरी होती थी। और कभी-कभी अधूरी ही रह जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

हम सब हमेशा सुनते आए हैं। एक जिंदगी बीत जाती है अपना घर बनाने में। सुनी है ये कहावत, पूरी जिंदगी बीत जाती है अपना घर बनाने में। पर अब ये सरकार दूसरी है। अब कहावत भी बदल रही है, देश बदल रहा है कहावत भी बदल रही है। और कहावत को बदलने का समय आ गया है। अब समय आ गया है जब हमारे अंदर से आवाज उठेगी कि अब जिंदगी बीतती है अपने ही आशियाने में।

मैं मानता हूं कि जब इतनी बड़ी व्‍यवस्‍था है तो अभी भी कुछ लोग होंगे जिनकी पुरानी आदतें बदली नहीं होंगी। और इसलिए मेरी आप लोगों से अपील है कि इस योजना के तहत किसी भी तरह का लाभ पहुंचाने के लिए अगर आपसे कोई पैसा या कोई अनावश्‍यक मांग कर रहा हो। तो आप बेहिचक इसकी शिकायत करे। इसके लिए आप कलेक्‍टर या मिनिस्‍टर के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

मैंने पहले भी कहा है कि भारत के सपने और आंकाक्षाएं इतने भर से ही पूरे नहीं होती। हमनें एक मजबूत जमीन तैयार की है। और हमारे सामने एक असीम आसमान है। सबके लिए घर, सबके लिए बिजली, सबके लिए बैंक, सबके लिए बीमा, सबके लिए गैस कनेक्‍शन, ये इस न्‍यू इंडिया की संम्‍पूर्णता की तस्‍वीर होगी।  

आधुनिक सुविधाओं से जुड़े गांवों और समाज की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। और इसलिए कितनी बड़ी तादाद में भाईयो बहनों से आज मुझे मौका मिला है बात करने का.... एक छोटा सा विडिया मैं आपको दिखाना चाहता हूं। उसके बाद मैं आपको भी सुनना चाहता हूं।

  • Reena chaurasia August 28, 2024

    बीजेपी
  • raju raju February 23, 2024

    sar hamra bhi ghar kab banega hum bhi patrta ME aate he
  • subhash ramchandra pimpalkar January 21, 2024

    subhash ramchandra pimpalkar
  • Ajay Gupta January 20, 2024

    गरीबों का सपना घर हो अपना
  • Ajay Gupta January 20, 2024

    गरीबों का सपना घर हो अपना
  • sidhdharth Hirapara January 17, 2024

    jay ho
  • G.shankar Srivastav June 13, 2022

    G.shankar Srivastav
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The World This Week On India
February 18, 2025

This week, India reinforced its position as a formidable force on the world stage, making headway in artificial intelligence, energy security, space exploration, and defence. From shaping global AI ethics to securing strategic partnerships, every move reflects India's growing influence in global affairs.

And when it comes to diplomacy and negotiation, even world leaders acknowledge India's strength. Former U.S. President Donald Trump, known for his tough negotiating style, put it simply:

“[Narendra Modi] is a much tougher negotiator than me, and he is a much better negotiator than me. There’s not even a contest.”

With India actively shaping global conversations, let’s take a look at some of the biggest developments this week.

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AI for All: India and France Lead a Global Movement

The future of AI isn’t just about technology—it’s about ethics and inclusivity. India and France co-hosted the Summit for Action on AI in Paris, where 60 countries backed a declaration calling for AI that is "open," "inclusive," and "ethical." As artificial intelligence becomes a geopolitical battleground, India is endorsing a balanced approach—one that ensures technological progress without compromising human values.

A Nuclear Future: India and France Strengthen Energy Security

In a world increasingly focused on clean energy, India is stepping up its nuclear power game. Prime Minister Narendra Modi and French President Emmanuel Macron affirmed their commitment to developing small modular nuclear reactors (SMRs), a paradigm shift in the transition to a low-carbon economy. With energy security at the heart of India’s strategy, this collaboration is a step toward long-term sustainability.

Gaganyaan: India’s Space Dream Inches Closer

India’s ambitions to send astronauts into space took a major leap forward as the budget for the Gaganyaan mission was raised to $2.32 billion. This is more than just a scientific milestone—it’s about proving that India is ready to stand alongside the world’s leading space powers. A successful human spaceflight will set the stage for future interplanetary missions, pushing India's space program to new frontiers.

India’s Semiconductor Push: Lam Research Bets Big

The semiconductor industry is the backbone of modern technology, and India wants a bigger share of the pie. US chip toolmaker Lam Research announced a $1 billion investment in India, signalling confidence in the country’s potential to become a global chip manufacturing hub. As major companies seek alternatives to traditional semiconductor strongholds like Taiwan, India is positioning itself as a serious contender in the global supply chain.

Defence Partnerships: A New Era in US-India Military Ties

The US and India are expanding their defence cooperation, with discussions of a future F-35 fighter jet deal on the horizon. The latest agreements also include increased US military sales to India, strengthening the strategic partnership between the two nations. Meanwhile, India is also deepening its energy cooperation with the US, securing new oil and gas import agreements that reinforce economic and security ties.

Energy Security: India Locks in LNG Supply from the UAE

With global energy markets facing volatility, India is taking steps to secure long-term energy stability. New multi-billion-dollar LNG agreements with ADNOC will provide India with a steady and reliable supply of natural gas, reducing its exposure to price fluctuations. As India moves toward a cleaner energy future, such partnerships are critical to maintaining energy security while keeping costs in check.

UAE Visa Waiver: A Boon for Indian Travelers

For Indians residing in Singapore, Japan, South Korea, Australia, New Zealand, and Canada, visiting the UAE just became a lot simpler. A new visa waiver, effective February 13, will save Dh750 per person and eliminate lengthy approval processes. This move makes travel to the UAE more accessible and strengthens business and cultural ties between the two countries.

A Gift of Friendship: Trump’s Gesture to Modi

During his visit to India, Donald Trump presented Prime Minister Modi with a personalized book chronicling their long-standing friendship. Beyond the usual diplomatic formalities, this exchange reflects the personal bonds that sometimes shape international relations as much as policies do.

Memory League Champion: India’s New Star of Mental Speed

India is making its mark in unexpected ways, too. Vishvaa Rajakumar, a 20-year-old Indian college student, stunned the world by memorizing 80 random numbers in just 13.5 seconds, winning the Memory League World Championship. His incredible feat underscores India’s growing reputation for mental agility and cognitive excellence on the global stage.

India isn’t just participating in global affairs—it’s shaping them. Whether it’s setting ethical AI standards, securing energy independence, leading in space exploration, or expanding defence partnerships, the country is making bold, strategic moves that solidify its role as a global leader.

As the world takes note of India’s rise, one thing is clear: this journey is just getting started.