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भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय........

मंच पर विराजमान महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्रीमान विद्यासागर राव जी, यहां के ऊर्जावान और लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी, केंद्रीय मंत्रीमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान नितिन गडकरी जी, संसद के मेरे तमाम साथी, महाराष्‍ट्र के मंत्री और विधायकगण और यहां भारी संख्‍या में आप पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों।

बहनों और भाईयो हाल के वर्षों में मुझे तीसरी बार सोलापुर आने का अवसर मिला है। जब जब मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आपने मुझे भरपूर स्‍नेह दिया है। आशीर्वाद की बहुत बड़ी ताकत दी है। मुझे याद है कि पिछली बार मैं जब यहां आया था तो मैंने कहा था कि यहां जो बीएसपी यानी बिजली, पानी और सड़क की समस्‍या है उसको सुलझाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। मुझे खुशी है कि इस दिशा में अनेक प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो या नेशनल हाईवे हो या फिर सौभाग्‍य योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम हो, यहां सभी पर तेज गति से काम हो रहा है। मैं फडणवीस जी की सरकार को बधाई देता है कि वो हर घर को बिजली देने के लिए बहुत गंभीरता से काम कर रही है।

भाईयो और बहनों आज इसी काम को और विस्‍तार देने के लिए फिर एक बार आपके बीच आया हूं। थोड़ी देर पहले स्‍मार्ट सि‍टी, गरीबों के घर सड़‍क और पानी से जुड़ी हजारों करोड़ रुपए परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है। मैं आपको ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि सरकार ने लगभग 1 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली शोलापुर ओस्‍मानाबाद वाया तुलजापुर रेल लाइन को मंजूरी दे दी है।

मां तुलजापुर भवानी के आशीर्वाद से जल्‍द ही ये लाइन बनकर के तैयार हो जाएगी। जिसे स्‍थानीय लोगों के साथ-साथ देश भर से माता के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी। इन तमाम परियोजनाओं के लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इन योजनाओं पर विस्‍तार पर बात करने से पहले आज मैं सोलापुर की इस धरती से पूरे देश को भी बधाई देना चाहता हूं।

कल देर रात लोकसभा में एक ऐतिहासिक बिल पास हुआ है। आपकी तालियों की आवाज से मुझे लग रहा है कि आप भी कल देर रात तक टीवी देखने के लिए बैठे थे। सामान्‍य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मोहर लगाकर सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को और मजबूत करने का काम किया गया है। हर वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर मिले। अन्‍याय की भावना खत्‍म हो। गरीब भले ही वो किसी भी क्षेत्र का हो उसे विकास का पूरा लाभ मिले, अवसरों में प्राथमिकता मिले इस संकल्‍प के साथ भारतीय जनता पार्टी आपके उज्ज्‍वल भविष्‍य के लिए समर्पित है।

भाईयो और बहनों कितने झूठ फैलाए जाते हैं, कैसे लोगों को गुमराह किया जाता है। कल के पार्लियामेंट के हमारे निर्णय से और मैं आशा करता हूं जैसे बहुत ही तंदरूस्‍त वातावरण में कल लोकसभा में चर्चा हुई, देर रात तक चर्चा हुई और करीब-करीब सर्वसहमति से कुछ लोग हैं जिन्‍होंने विरोध किया लेकिन उसके बावजूद भी संविधान के लिए एक महत्‍वपूर्ण निर्णय कल लोकसभा ने किया। मैं आशा करता हूं आज राज्‍यसभा में विशेष रूप से एक दिन के लिए राज्‍यसभा का समय बढ़ाया गया है। राज्‍यसभा में भी हमारे जितने जनप्रतिनिधि बैठे हैं वे भी इन चंद भावनाओं का आदर करते हुए समाज की एकता और अखंडता को बल देने के लिए, सामाजिक न्‍याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अवश्‍य सकारात्‍मक चर्चा भी करेंगे और कल की तरह ही सुखद निर्णय भी तुरंत हो जाएगा। ऐसी मैं आशा करता हूं।    

भाईयो और बहनों हमारे देश में ऐसा झूठ फैलाया जाता था और कुछ लोग आरक्षण के नाम पर दलितों को जो मिला है उसमें से कुछ निकालना चाहते थे, आदिवासियों को मिला है उसमें से कुछ निकालना चाहते थे, ओबीसी को जो  मिला है उसमें से कुछ निकालना चाहते थे और वोट बैंक की minority करने की राजनीति करने पर तुले हुए थे। हमने दिखा दिया जो दलितों को मिलता है उसमें से कोई कुछ नहीं ले सकता है। जो आदिवासियों को मिलता है उसमें से कोई कुछ नहीं ले सकता है। जो ओबीसी को मिलता है उसमें से कोई कुछ नहीं ले सकता है। ये अतिरिक्‍त दस प्रतिशत देकर के हमने सबको न्‍याय देने की दिशा में काम किया है। और इसलिए हम इसका ले लेंगे, उसका ले लेंगे ये झूठ फैलाने वालों को कल दिल्‍ली में पार्लियामेंट ने ऐसा करारा जवाब दिया है, ऐसा उनके मुंह पर चोट मारी है कि अब झूठ फैलाने की उनकी ताकत नहीं बचेगी।

भाइयो और बहनों इसके अलावा एक और महत्‍वपूर्ण एक और बिल भी कल लोकसभा में पास हुआ है। ये बिल भी भारत मां में आस्‍था रखने वाले हर व्‍यक्ति के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। citizenship amendment bill के लोकसभा में पास होने के बाद पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान से आए हुए मां भारती के बेटे, बेटियों को भारत मां की जय बोलने वालों को, वंदे मातरम बोलने वालों को, इस देश की मिट्टी को प्‍यार करने वालों को भारत की नागरिकता का रास्‍ता साफ हो गया है।

इतिहास के तमाम उतार-चढ़ाव देखने के बाद, तमाम अत्‍याचार सहने के बाद हमारे ये भाई बहन भारत मां के आंचल में जगह चाहते थे। उन्‍हें संरक्षण ही देना हर भारतीय का दायित्‍व है और इस जिम्‍मेदारी को पूरा करने का काम भी भारतीय जनता पार्टी की दिल्‍ली की सरकार ने किया है। साथियों, आजादी के बाद से दशकों में हर सरकार अपने-अपने हिसाब से काम करती रही है। लेकिन जब भाजपा के नेतृत्‍व में यही कार्य होता है तो जमीन और जनता तक उसका असर पहुंचता है।

भाईयो और बहनों कल जब ये कानून पारित हुआ है। संसद में लोकसभा ने अपना काम कर दिया है। मैं आशा करता हूं आज राज्‍यसभा भी हमारे देश को प्‍यार करने वाले लोगों के लिए अवश्‍य आज भी राज्‍यसभा में इसको पारित करके लाखों-लाखों परिवारों की जिंदगी बचाने का काम करेंगे। 

भाईयो और बहनों मैं विशेष रूप से आसाम के भाईयो बहनों को, north east  के भाईयो बहनों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं कि कल के इस निर्णय से आसाम हो, नार्थ ईस्‍ट हो वहां के युवा हो, उनके अधिकारों को रती भर भी आंच नहीं आने दूंगा उनके अवसरों में कोई रूकावट पैदा नहीं होने दूंगा। ये मैं उनको विश्‍वास दिलाना चाहता हूं।

भाईयो और बहनों पहले की तुलना में जो बड़ा अंतर आया है। वो नियत का है, सही नियत के साथ आवश्‍यक नीति के निर्माण का है। टुकड़ों में सोचने की बजाय समग्रता और संपूर्णता के साथ फैसले लेने का है। राष्‍ट्रहित और जनहित में कड़े और बड़े फैसले लेने का है। राजनीति की इच्‍छा शक्ति का है। सबका साथ, सबका विकास हमारी सरकार की संस्‍कृति है, हमारे संस्‍कार है और यही हमारा सरोकार भी है हमारी परंपरा भी है। गांव, गरीब से लेकर शहरों तक इसी संस्‍था के साथ नए भारत की नई व्‍यवस्‍थाओं का निर्माण करने का बीड़ा भाजपा सरकार ने उठाया है। जिस स्‍तर पर और जिस गति से काम हो रहा है उससे सामान्‍य जीवन को आसान बनाने में भी तेजी आई है।

 साथियों, Infrastructure का उदाहरण ले लीजिए। सोलापुर से ओसमानाबाद तक का ये नेशनल चार लेन का हो गया है और आज देश के लिए समर्पित भी हो गया है। करीब 1 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्‍ट से हर वर्ग, हर संप्रदाय, हर क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी।

साथियों, आजादी के बाद से 2014 तक देश में 90 हजार किलोमीटर करीब-करीब नेशनल हाईवे थे और आज चार साल के बाद 1 लाख 30 हजार किलोमीटर से अधिक की हैं। बीते साढ़े चार वर्षों में ही करीब 40 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे जोड़े जा चु‍के हैं। इतना ही नहीं लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ की लागत से करीब 52 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे पर काम चल रहा है।

भाईयो और बहनों नेशनल हाईवे के ये प्रोजेक्‍टस स्‍थानिक लोगों के रोजगार के लिए भी बहुत बड़े साधन है। देश में नेशनल हाईवे का नेटवर्क तैयार करने के लिए जो भारत माला योजना चल रही है। उसके तहत ही रोजगार के अनेक नए अवसरों का निर्माण हो रहा है और जब मैं सोलापुर में शिलान्‍यास के लिए आया था तब भी मैंने कहा था कि जिसका शिलान्‍यास हम करते हैं उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। हम दिखावे के लिए काम नहीं करते, पत्‍थर रख दो, चुनाव निकाल दो फिर तुम तुम्‍हारे घर, हम हमारे घर ये राजनेताओं ने जो संस्‍कृति बनाई थी उसको हमने पूरी तरह खत्‍म कर दिया है और मैं आज भी बताता हूं। ये तीस हजार परिवारों के लिए जो घर बन रहे हैं न आज शिलान्‍यास हुआ है, चाबी देने के लिए हम ही आएंगे। सबसे बड़ा पुल हो, सबसे बड़ी सुरंग हो, सबसे बड़े एक्‍सप्रेस-वे हों सब कुछ इसी सरकार के कार्यकाल में या तो बन चुके हैं या फिर उन पर तेज गति से काम चल रहा है।

भाईयो और बहनों ये सबसे बड़े और सबसे लंबे हैं सिर्फ इसलिए उसका महत्‍व है ऐसा नहीं है बल्कि ये इसलिए भी अहम है क्‍योंकि ये वहां बने हैं जहां स्थितियों मुश्किल थीं, जहां काम आसान नहीं था। 

भाईयो और बहनों ये काम क्‍यों नहीं होते थे, बातें होती थी, 40-50 साल पहले बाते हुई हैं लेकिन वहां एकाध पार्लियामेंट की सीट होती थी, वोट नहीं पड़े हुए थे तो इनको लगता‍ था कि वहां जाकर क्‍या निकालेगें इसी के कारण देश का पूर्वी हिस्‍सा का बहुत जो विकास होना चाहिए था वो अटक गया। अगर पश्चिम भारत का जो विकास हुआ वैसा ही पूर्व भारत का हुआ होता तो आज देश कहां से कहां पहुंच गया होता लेकिन भाईयो और बहनों वहां वोट ज्‍यादा नहीं है। एकाध दो सीट के लिए क्‍यों खर्चा करें ये वोट बैंक की राजनीति ने विकास में भी रोड़े अटकाने का पाप किया था। हमने उसमें से बाहर निकल के वहां वोट हो या न हो भाजपा के लिए अवसर हो या न हो, जनसंख्‍या कम हो या अधिक हो, देश की भलाई के लिए जो करना चाहिए वो करने में हम कभी रुकते नहीं है।

साथियों, यही स्थिति रेलवे और एयर-वे को लेकर के है। आज देश में रेलवे पर अभूतपूर्व काम हो रहा है। पहले की अपेक्षा दोगुना गति से रेल लाइनों का निर्माण और चौड़ीकरण हो रहा है। तेज गति से बिजलीकरण हो रहा है। वहीं आज हवाई यात्रा सिर्फ साधन संपन्‍न लोगों के लिए ही सीमित नहीं रही है बल्कि इसको हमने आम नागरिक तक पहुंचाने का प्रयास किया है। हवाई चप्‍पल पहनने वाले को हवाई यात्रा का आनंद लेने के लिए उड़ान जैसी महत्‍वाकांक्षी योजना चल रही है। देश के टीयर-2, टीयर-3 शहरों में एयरपोर्ट और हैलीपैड बनाए जा रहे हैं। इसमें महाराष्‍ट्र के भी चार एयरपोर्ट हैं आने वाले समय में सोलापुर से भी उड़ान की योजना के तहत फलाईट उड़े इसके लिए भी कोशिश की जा रही है्।      

साथियों, जब connectivity अच्‍छी होती है तो गांव और शहर दोंनों की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में सुधार आता है। हमारे शहर तो आर्थिक गतिविधियों के रोजगार के बड़े सेंटर सोलापुर सहित देश अन्‍य शहरों का विकास दशकों की एक निरंतर प्रक्रिया से हुआ है। लेकिन ये भी सच है कि जो विकास हुआ है वो योजनाबद्ध तरीके से होता तो आज हम कहां से कहां पहुंच जाते। लेकिन नहीं हुआ। देश के बहुत ही कम ऐसे शहर हैं जहां प्‍लानिंग के साथ एक संपूर्ण व्‍यवस्‍था का निर्माण किया गया है और परिणाम ये हुआ कि बढ़ती आबादी के साथ शहरों का infrastructure विकसित नहीं हो पाया। सड़कें और गलियां तंग रही, सीवेज की लाइनें लीक होती रहीं, कोई आवाज उठाता था तो हल्‍का–फुल्‍का काम करके बात टाल दी जाती थी।

भाईयो और बहनों हमारी सरकार ने इन स्‍थायी प्रबंधों की बजाय स्‍थायी समाधान का रास्‍ता चुना है। इसी सोच के तहत देश के सौर शहरों को स्‍मार्ट बनाने का एक मिशन चल रहा है जिसमें ये हमारा सोलापुर भी है। इन शहरों में रहने वाले लोगों की राय से राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर जनभागीदारी की एक व्‍यापक मुहिम के बाद अपने शहरों को आधुनिक सुविधाओं से युक्‍त करने का बीड़ा हमने उठाया है। हमारे इन प्रयासों की चर्चा अब दुनिया में है। हाल में एक अंतर्राष्‍ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में ये बताया गया कि आने वाले दशकों में दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों में दस शहरों में सभी दस शहर भारत के होंगे। किसी भी भारतीय को ये गर्व की बात है। दुनिया के दस शहरों और दसों शहर भारत के .... भारत कितना आगे बढ़़ेगा इसका इसमें संकेत है।     

भाईयो और बहनों ये दुनिया को दिख रहा है, लेकिन देश के कुछ लोग हैं जिनको सिवाय राजनीति के कुछ नहीं समझता। ये वो लोग हैं जिनकी पार्टी के शासन के दौरान हमारे शहरों की हालत बिगड़ती चली गई। आज यही लोग स्‍मार्ट सिटी मिशन का मजाक उड़ाने में है, कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

साथियों, ये मिशन देश के इतिहास में शहरीकरण के विकास को नया आयाम देने का प्रयास है। शहर के हर सुविधा देश integrated करने की कोशिश है। शहर के सामान्‍य जनों के जीवन को परेशानियों को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। बीते तीन वर्षों में इस मिशन के तहत देश में तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट का खाका तैयार हो चुका है। इसमें से भी करीब 1 लाख करोड़ के प्रोजेक्‍ट पर काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज सोलापुर स्‍मार्ट सि‍टी से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट का लोकार्पण और शिलान्‍यास यहां किया गया है। इसमें पानी और सीवेज से जुड़ी योजनाएं हैं।

साथियों, स्‍मार्ट सिटी के अलावा देश के दूसरे शहरों और कस्‍बों में अमृत मिशन के तहत मूलभूत सुविधाओं का निर्माण हो रहा है। इसमें भी करीब-करीब 60 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट पर काम प्रगति पर है। यहां सोलापुर में भी अमृत योजना के तहत पानी की सप्‍लाई और सीवेज से जुड़ी अनेक प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास किया गया है। जब ये कार्य पूरे हो जाएंगे तो शहर के अनेक क्षेत्रों में हमें पानी की लीकेज की समस्‍या से मुक्ति मिलेगी। वही जो उजनी डैम से पीने के पानी का प्रोजेक्‍ट है इसके बनने से शहर में पानी की समस्‍या भी काफी हद तक कम हो जाएगी।

साथियों, infrastructure के साथ-साथ शहर के गरीब और बेघर व्‍यक्ति के लिए भी एक नई सोच के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। देश का जन-जन गवाह रहा है कि कैसे एक तरफ चमचमाती सोसाइटी बन गई और दूसरी तरफ झुग्‍गी-झोपड़ी का विस्‍तार होता रहा है। हमारे यहां व्‍यवस्‍था ऐसी रही कि जो घर बनाते हैं, कारखाने चलाते हैं, उद्योगों को ऊर्जा देते हैं, वो झुग्गियों में रहने को मजबूर हो गए। इस स्थिति को बदलने का प्रयास अटल जी ने शुरू किया।

शहरों के गरीबों के लिए घर बनाने का एक अभियान चलाया इसके तहत साल 2000 में यहां सोलापुर में रहने वाले कामगारों को झुग्गी और गंदगी के जीवन से मुक्ति दिलाने का प्रयास हुआ। करीब-करीब दस हजार कामगार परिवारों ने एक कॉपोरेटिव सोसाइटी बनाकर अटल जी की सरकार को प्रस्‍ताव भेजा और पांच छ: वर्षों के भीतर उनको अच्‍छे और पक्‍के घरों की चाबी भी मिल गई।

मुझे खुशी है 18 वर्ष पहले जो काम अटल जी ने किया था उसी को विस्‍तार देने का आगे बढ़ाने का अवसर फिर एक बार हमारी सरकार को मिला है। आज गरीब कामगार परिवारों के 30 हजार घरों के प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास आज यहां हुआ है। इसके जो लाभार्थी है वो कारखानों में काम करते हैं रिक्‍शा चलाते हैं, ऑटो चलाते हैं, रेहड़ी, ठेले चलाते हैं।  मैं आप सभी को विश्‍वास दिलाता हूं कि बहुत जल्‍द आपके हाथों में आपके अपने घर की चाबी होगी ये मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं।

भाईयो और बहनों ये विश्‍वास मैं आपको इसलिए दे पा रहा हैं कि बीते साढ़े चार वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी उसकी रफ्तार ने लाखों गरीब परिवारों के जीवन स्‍तर को ऊपर उठाया है। शहरों में पहले कैसे घर बनते थे, और अब कैसे घर बन रहे हैं। पहले सरकार किस गति से काम करती थी, हम किस गति से काम कर रहे हैं। आज थोड़ा मैं इसका भी उदाहरण देना चाहता हूं।

साथियों, 2004 से 2014 के दस साल दिल्‍ली में रिमोट कंट्रोल वाली सरकार चलती थी। 2004 से 2014 दस सालों में शहरों में रहने वाले गरीब भाईयो बहनों के लिए सिर्फ 13 लाख घर बनाने का कागज पर फैसला हुआ, कागज पर और इसमें से 13 लाख यानी कुछ नहीं है। इतने बड़े देश में फिर भी वो निर्णय कागज पर हुआ। काम कितनों का हुआ, इतने बड़े देश में सिर्फ 8 लाख घरों का काम हुआ। दस साल में 8 लाख। यानी एक साल में 80 हजार, इतने बड़े देश में एक साल में 80 हजार ये मोदी सरकार देखिए अकेले सोलापुर में 30 हजार। जबकि भाजपा सरकार के दौरान बीते साढ़े चार वर्षों में उनके समय 13 लाख कागज पर तय हुआ था। हमने 70 लाख शहरी गरीबों के घरों को स्‍वीकृति दी जा चुकी है। और जो अब तक 10 साल में जो नहीं कर पाए। हमने चार साल में 14 लाख घर बना करके तैयार हो चुके हैं।

इतना ही नहीं जिस तेजी से काम चल रहा है। बहुत ही निकट भविष्‍य में 38 लाख घरों का काम और पूरा होने वाला है। सोचिए उनका दस साल का रिकॉर्ड और हमारे साढ़े चार साल का रिकॉर्ड। इतना जमीन आसमान का अंतर है अगर उनकी गति से हम चलते तो आपके बच्‍चों के बच्‍चों, बच्‍चों के बच्‍चों का भी घर बनता कि नहीं हम कह नहीं सकते। ये फर्क ही दिखाता है कि उन्‍हें गरीबों की कितनी चिंता रही होगी। इससे पूरा अंदाज आ जाता है।

साथियों, हमारी सरकार शहर के गरीबों की ही नहीं, बल्कि यहां के मध्‍यम वर्ग की भी चिंता कर रही है। इसके लिए भी पुराने तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव किया गया है।

भाईयो बहनों, निम्‍न आय वर्ग के लोगों के साथ-साथ 18 लाख रुपए सालाना तक कमाने वाले मध्‍यम वर्ग के परिवारों को हम योजना के तहत लाए हैं। इसके तहत लाभार्थी को 20 वर्ष तक होम लोन पर लगभग छ: लाख रुपए तक की बचत सुनिश्‍चित की गई है। छ: लाख की ये बचत मध्‍यम वर्ग का परिवार अपने बच्‍चों की लालन-पालन और पढ़ाई-लिखाई में इस्‍तेमाल कर सकता है। यही ease of living यही सबका साथ और सबका विकास।

भाईयो और बहनों, यहां पर आए कामगार साथियों को मैं ये भी बताना चाहता हूं कि आपके घर तो बन ही जाएंगे इसके अलावा आप सभी के लिए बीमा और पेंशन की बेहतरीन योजनाएं सरकार चला रही है। अटल पेंशन योजना के तहत आप सभी को 1 हजार से 5 हजार तक की पेंशन का हक बहुत ही कम अंशदान पर दिया जा रहा है।

इस योजना से देश के सवा करोड़ से अधिक कामगार जुड़ चुके हैं जिसमें से 11 लाख कामगार हमारे इस महाराष्‍ट्र के ही हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति योजना 90 पैसे प्रतिदिन, 90 पैसे एक रुपया भी नहीं, चाय भी आज एक रुपए में नहीं मिलती है, ये चाय वाले को पता रहता है। 90 पैसे प्रतिदिन और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रति महीने 1 रुपया यानी एक दिन का सिर्फ 3-4 पैसा। एक रुपया प्रति महीने के प्रीमियम पर ये बहुत बड़ी दो योजनाएं चल रही हैं। इन दोनों योजनाओं से 2-2 लाख रुपये का बीमा गरीब के लिए सुनिश्चित हो जाता है। इन योजनाओं से देश में 21 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। जिसमें सवा करोड़ से ज्‍यादा हमारे महाराष्‍ट्र के गरीब हैं। इन योजनाओं की वजह से संकट के समय 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लाभ लोगों को मिल चुका है। 2-2 लाख के हिसाब से जिनके परिवार में संकट आया उनको पैसे मिले और इतने कम समय में 3 हजार करोड़ रुपया इन परिवारों के पास पहुंच चुके, मुसीबत के समय पहुंच चुके। अगर मोदी  ने 3 हजार करोड़ रुपए की बड़ी घोषणा की होती तो हिंदुस्‍तान के सभी अखबारों में हैडलाइन होती कि मोदी ने गरीबों के लिए 3 हजार करोड़ रुपया दे दिया। बिना बोले, बिना हैडलाइन छपे, बिना ढोल पीटे गरीबों के घर में 3 हजार करोड़ रुपया पहुंच गया, उसके खाते में पहुंच गया। आज मुश्किलें हल होती हैं। परेशानियों में सरकार काम आती है। तब ही सही विकास होता है, और नियत साफ होने का यही तो जीता-जागता सबूत होता है।   

साथियों, आपकी सरकार ये सभी काम कर पा रही है तो इसके पीछे एक बड़ा कारण है... आपको मालूम है ये सब कैसे हो रहा है, आप बताएगें, ये सारा इतना सारा पैसा हम खर्च कर रहे हैं, इतनी योजनाएं चला रहे हैं। ये कैसे हो रहा है भाई, क्‍या कारण है। बता पाएंगे आप.. मोदी नहीं, ये इसलिए हो रहा है कि पहले मलाई बिचौलिए खाते थे, आज वो सारा बंद हो गया है। चोरी, लूट की दुकानों को तालें लग गए हैं। गरी‍ब के हक का गरीब को मिल रहा है। और इसलिए पाई-पाई का सदुपयोग हो रहा है। ये सबसे बड़ा कारण है कि बिचौलिए गए कमीशन खोरों के खिलाफ एक व्‍यापक सफाई अभियान चलाया है। जब मैं शहर की सफाई की बात करता हूं, गांव की सफाई की बात करता हूं तो मैंने सरकार में भी सफाई चलाई है।

दिल्‍ली में सत्‍ता के गलियारे से लेकर किसानों की मंडियों, राशन की दुकानों तक बिचौलियों को हटाने की मुहिम ये चौकीदार ने छेड़ कर रखी है। और इसी का परिणाम है कि जो सत्‍ता को अपना जन्‍मसिद्ध अधिकार समझते थे। पीढ़ी दर  पीढ़ी राज परंपरा की तरह ये कुर्सी उन्‍हीं के खाते लिखी गई थी। यही वो समझ बैठे थे ऐसे बड़े-बड़े दिग्‍गज भी आज कानून के कठघरे में खड़े दिखते हैं भाई रक्षा सौदों में रिश्‍वत खोरी के जवाब आज उनको देने पड़ रहे हैं। पसीना छूट रहा है, आपने देखा आंखे फटी की फटी रह जाती हैं।   

भाईयो और बहनों, पहले की सरकार ने बिचौलियों के जिस कल्‍चर को सिस्‍टम का हिस्‍सा बना दिया था, उन्‍होंने गरीबों का हक तो छीना ही था। देश की सुरक्षा के साथ भी बहुत बड़ा खिलवाड़ किया। मैं कल अखबारों में देख रहा था कि हैलीकॉप्‍टर घोटाले के जिस बिचौलियों को सरकार खोज रही है। उन बिचौलियों में से एक को विदेश से उठा करके लाया गया है। अभी जेल में बंद है उसने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक वो सिर्फ हेलीकॉप्‍टर डील में ही शामिल नहीं था। बल्कि पहले की सरकार के समय लड़ाकू विमानों का जो सौदा जहां होता था उसमें भी उसकी भूमिका थी। मीडिया वाले कह रहे हैं कि ये मिशेल मामा किसी दूसरी कंपनी के विमानों के लिए लॉबिंग कर रहा था। अब इस सवाल का जवाब मिलना जरूरी है कि कांग्रेस के नेता जो शोर अभी कर रहे हैं उसका मिशेल मामा से क्‍या कनेक्‍शन है। ये कांग्रेस को जवाब देना पड़ेगा कि नहीं देना पड़ेगा, देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए, ये मिशेल मामा से किसका नाता ये बताना चाहिए कि नहीं बताना चाहिए। जरा बताइए देश को लूटने देना चाहिए क्‍या.... पाई पाई का हिसाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए... चौकीदार ने अपना काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए... चौकीदार ने जागना चाहिए कि सोना चाहिए.... जागना चाहिए कि सोना चाहिए.... चौकीदार हिम्‍मत के साथ आगे बढ़े कि न बढ़े... चौकीदार को आपका आशीर्वाद है कि नहीं है, आपका आशीर्वाद है इसलिए चौकीदार लड़ रहा है। बड़े-बड़े दिग्‍गजों के साथ लड़ रहा है। कहीं मिशेल मामा की सौदेबाजी से ही तो उस समय क्‍या डील रूक नहीं गई थी।

साथियों, इन तमाम सवालों का जवाब जांच एजेंसी तो ढूंढ रही है, देश की जनता भी जवाब मांग रही है। बिचौलियों के ये जो भी हमदर्द हैं उनको देश की सुरक्षा से किए गए खिलवाड़ का जवाब देना होगा। कमीशन खोरों के सारे दोस्‍त इकट्ठा होकर चौकीदार को डराने के सपने देख रहे हैं लेकिन मोदी है दूसरी मिटृटी का बना हुआ है.... न उसे खरीद पाओगे, न उसे डरा पाओगे, ये देश के लिए वो पाई-पाई का हिसाब लेकर रहेगा। लेकिन मुझे पता है उनको बहुत निराशा हाथ लगने वाली है क्‍योंकि ये चौकीदार न सोता है और कितना ही अंधेरा क्‍यों न हो वो अंधेरे को पार करके चोरों को पकड़ने की ताकत रखता है।  

भाईयो और बहनों, चौकीदार को ये शक्ति, ये चौकीदार की शक्ति का कारण क्‍या है... मैं आपसे पूछता हूं ये चौकीदार की शक्ति का कारण क्‍या है... वो कौन सी ताकत है। भाईयो बहनों, आपके आशीर्वाद यही चौकीदार की ताकत है। मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं वो लोग लाख मुझे गाली दें, लगातार झूठ बोलें बार-बार झूठ बोलें जहां चाहे वहां झूठ बोलें, जोर-जोर से झूठ बोलें लेकिन चौकीदार ये सफाई अभियान को बंद नहीं करेगा। न्‍यू इंडिया के लिए बिचौलिया इससे मुक्‍त व्‍यवस्‍था का निर्माण होनी चाहिए।           

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर तमाम विकास की परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अनेकनेक शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद

 

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.