Technology can be beneficial in reducing poverty to a great extent: PM Modi
High Speed Rail project project would bring in latest technology and ensure fast-paced progress: PM Modi
Whether it is railways, highways, waterways or airways, we are focusing on all areas. Integrated transport system is the dream of new India: PM
Our efforts are to provide benefits of new technology to the common man: PM Modi
Economic development has a direct relation with productivity. Our aim is: More productivity with high-speed connectivity: PM Modi

जापान से आए हुए विशिष्‍टगण और यहां इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित सभी महानुभव,

अपने करीबी मित्र श्रीमान आबे-सान का, मैं भारत में और विशेषकर गुजरात की धरती पर एक बार फिर बहुत–बहुत ह्दय से स्‍वागत करता हूं।

(अने मारे तमने पण बधाने अभिनंदन आपवा छे. विश्वना एक नेताने, जापानना प्रधानमंत्रीने अने भारतना परम मित्रने अने मारा अंगत मित्रने, जे रीते तमे स्वागत सम्मान कर्युं, गईकाल जे द्रश्य बताया जे वातावरण बनाव्युं हुं हृदयपूर्वक सौ गुजरातवासीओनो आभार मानुं छुं।)


साथियों, कोई भी देश आधे अधूरे संकल्‍पों और बंधे हुए सपनों के साथ कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता है। सपनों का विस्‍तार ही किसी भी देश को, किसी भी समाज को, किसी भी व्‍यक्ति की उड़ान तय करने का सामर्थ्‍य रखता है। ये ‘New India’ है और इसके सपनों का विस्‍तार, इसकी उड़ान असीम है, इसकी इच्‍छाशक्ति असीमित है।

आज भारत ने अपने बरसों पुराने सपने को पूरा करने की ओर एक बहुत बढ़ा अहम कदम उठाया है। मैं देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों को Mumbai-Ahmedabad High-speed Rail Corridor के इस भूमि पूजन के अवसर पर कोटि-कोटि शुभकामनाएं और बधाइयां देता हूं। ‘बुलेट ट्रेन’ परियोजना एक ऐसा प्रोजेक्‍ट है जो तेज गति, तेज प्रगति और उसके साथ तेज टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से तेज परिणाम भी लाने वाला है। जिसमें सुविधा भी है, सुरक्षा भी है। जो रोजगार भी लाएगा और वो रफ्तार भी लाएगा। जो Human Friendly भी है और Eco-friendly भी है। आज का दिन, जापान और भारत के रिश्‍तों के लिए एक ऐतिहासिक और उतना ही भावात्‍मक अवसर भी है। एक अच्‍छा दोस्‍त हमेशा समय और सीमा के बंधनों से परे होता है और जापान ने दिखा दिया है कि वो भारत का कैसा मजबूत दोस्‍त है, जो सीमा और समय से परे है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच, भारत का पहला High-speed Rail Project, दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधो का भी एक उम्‍दा उदाहरण है, एक प्रतीक है। अगर आज इतने कम समय में इस Project का भूमि पूजन हो रहा है तो उसका सबसे बड़ा श्रेय मेरे परम मित्र श्री आबे-सान को जाता है। श्री शिंजों आबे ने व्‍यक्तिगत रूचि लेकर ये सुनिश्चित किया कि Project में कहीं कोई दिक्‍कत नहीं आनी चाहिए। साथियों मानव सभ्‍यता का विकास, यातायात के साधनों के विकास के साथ बहुत करीबी से जुड़ा हुआ है अगर हम Asian civilization पर गौर करें तो देखेंगे उस समय गांव, शहर और लोग नदी के तट पर बसते थे और यही वो क्षेत्र होते थे जो विकास का केंद्र बनते थे, उसके बाद सड़के विकास का माध्‍यम बनीं और जहां जहां से Highways गुजरते थे वहीं पर शहर बसना शुरू हो गए। और अब Next Generation growth वहीं पर होगी, जहां High-speed Corridor होंगे। 

साथियों किसी देश के विकास में Transport System अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करती है, चाहे वो रेल हो, सड़क हो, जलमार्ग हो या वायुमार्ग हो। ये Transport System देश में connectivity का आधार बनाती है और connectivity का लाभ देश के लोगों को विभिन्‍न तरीकों से मिलता है अनेक प्रकार से मिलता है। जो अमेरिका के इतिहास को जानते होंगे अमेरिका के इतिहास में आज पूरा विश्‍व जानता है कि railways आने के बाद कैसे अमेरिका में आर्थिक प्रगति का नया दौर शुरू हुआ था। अभी हमारे मित्र आबे-सान बता रहे थे कि दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद जापान का हाल क्‍या था! कैसी भयानक जिंदगी थी, कैसी गरीबी थी, लेकिन 1964 में जापान में बुलेट ट्रेन चली और फिर ये तकनीक धीरे-धीरे दुनिया के पंद्रह देशों में फैली और उसने जापान के अर्थजगत को बदल दिया। आज यूरोप से चीन तक इसका छाया नजर आता है। High-speed Rail इन देशों में न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक परिवर्तन लाने में भी एक बहुत बड़ी अहम भूमिका उसने अदा की है। तब से लेकर के अब तक, समय बहुत बदला है, जरूरतें बदली हैं। और इसलिए प्रयास करने के तरीकों में भी बदलाव बहुत ही आवश्‍यक है। समय के साथ छोटे-छोटे प्रयास किए गए हैं। नई चीजें जोड़ी गई हैं। लेकिन अब वक्‍त धीरे-धीरे बढ़ने का नहीं है। समय ज्‍यादा इंतजार नहीं करता। टेकनोलॉजी जो पिछले सौ साल में नहीं बदली होगी। वो पिछले पच्‍चीस साल में बदल चुकी है। अब इतनी तेज गति से बदलाव आ रहा है, तो आज हमारा जोड़ connectivity से आगे बढ़कर, High-speed connectivity पर हमारी प्राथमिकता है हमारा जोर है। High-speed connectivity से speed बढ़ेगी distance घटेगी, आर्थिक प्रगति के नये अवसर खुलेगें। साथियों, किसी भी देश में आर्थिक प्रगति का सीधा संबंध होता है productivity से, growth तभी होगी जब productivity होगी। हमारा जोर है ‘more productivity with high-speed connectivity’.

साथियों, आज इस अवसर पर मैं जापान के एक और मित्र भाव की विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। हम भारतीयों और विशेषकर हम गुजराती और अहमदाबादी जब भी कोई चीज खरीदने जाते हैं, जब बिक्री की बात आती है तो बराबर तोल-मोल का हिसाब लगाते हैं, एक-एक पैसे का हिसाब लगाते हैं। घाटे और फायदे के रूप रंग बराबर चकासते हैं। जब हम एक छोटा सा बाइक भी खरीदने के लिए जाएं और बैंक से लोन ले जाएं तो दस बैंकों में चक्‍कर काटेगें। एक बैंक में दस-दस बार जाएंगे और कम रेट से कम ब्‍याज दर से कौन लोन देगा, उसका जरा हिसाब लगाते हैं। कोई बैंक 8 प्रतिशत बताती होगी, कोई बैंक 9 प्रतिशत बताती होगी और फिर हम हिसाब लगाते होंगे जोड़-तोड़ भी करते होंगे कि इतने परसेंट ब्‍याज से अगर मैं बाइक लाता हूं और जब बैंकों में ब्‍याज समेत पैसे लौटाऊंगा तब मेरी बाइक की कीमत क्‍या बनेगी? कितने साल में बनेगी? ये बहुत बारीकी से देखते हैं, बैंक वाला भी थक जाए उतनी बार बैंक के दरवाजे पर जाते हैं जरा यार कम करो। 8 प्रतिशत पर नहीं ले सकता 9 प्रतिशत पर नहीं ले सकता जरा कम करों। आधा परसेंट भी कोई कम कर दे तो खुशी मनाते हैं। ये हम भली-भांति जानते हैं और अहमदाबादी तो शायद बहुत अच्‍छी तरह से जानते हैं। लेकिन कल्‍पना कीजिए दोस्‍तों कोई ऐसा दोस्‍त, ऐसी बैंक नहीं मिल सकती जैसे भारत को आबे-सान जैसा दोस्‍त मिला है, जापान जैसा दोस्‍त मिला है। अगर कोई ये कहे कि बिना ब्‍याज के ही लोन ले लो और दस बीस नहीं पचास साल में चुकाना, कोई यकीन करेगा क्‍या? लोगों को ऐसा बैंक नहीं मिलते, लेकिन भारत को ऐसा दोस्‍त मिला है जिसने बुलेट ट्रेन के लिए 88 हजार करोड़ रुपया, Eighty Eight Thousand Crore rupees सिर्फ 0.1 परसेंट, 0.1 प्रतिशत ब्‍याज दर से ये बुलेट ट्रेन के लिए पैसा देना का फैसला किया है।

मैं हैरान हूं जब मैं गुजरात में था, तब मैं बुलेट ट्रेन की जब बात करता था तो मुझे पूछा जाता था मोदी बाते करता है बुलेट क्‍यों लाएं, कब लाएगें, कब लाएगें, कब लाएगें? अब जब लाना शुरू किया तो पूछ रहे हैं क्‍यों लाए? भाईयो बहनों ये बुलेट ट्रेन जापान की भारत को बहुत बड़ी सौगात है एक प्रकार से मुफ्त में ये पूरा प्रोजेक्‍ट बनता जा रहा है। और मैं जापान का फिर से बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। जो इस प्रोजेक्‍ट के लिए तकनीक और आर्थिक मदद के साथ भारत के सहयोग के लिए आज हमारे साथ जुड़ा है, आगे आया है।


भाइयों और बहनों इस High-Speed Railway System से न दो जगहों के बीच दूरगर्मी होगी बल्कि पांच सौ किलोमीटर दूर बसे शहरों के लोग भी और निकट आ जाएगें, और पास आ जाएगें और इसलिए मैं तो कहूंगा यह ट्रेन आमरू अहमदाबाद से आमची मुंबई जाएगी। जब ये प्रोजेक्‍ट पूरा होगा तो मुबंई और अहमदाबाद की दूरी दो से तीन घंटे के भीतर-भीतर पूरी की जा सकती है। अगर हम हवाई यात्रा से इसकी तुलना करें तो जितना समय यहां सें एयरपोर्ट जाने में वहां की औपचारिकता पूरी करने में और हवाई यात्रा के बाद अपने घर या अपने दफ्तर पहुंचने में जितना समय लगता है उससे भी आधे समय में ये High Speed Rail से मुबंई जा सकते हैं। आप कल्‍पना कर सकते हें कितना बड़ा बदलाव आएगा। लोगों का कितना समय बचेगा। मुबंई अहमदाबाद सड़क रूट पर जो हजारों गाड़ियाँ हर रोज चला करती हैं, उसमें भी कमी आएगी इसका पर्यावरण पर भी positive impact होगा और जब इंधन बचेगा, तो विदेशी पूंजी भी बचेगी क्‍योंकि हमें सारा इंधन विदेशों से लाना पड़ता है।

साथियों इस प्रोजेक्‍ट के साथ Mumbai-Ahmedabad Route पर एक नया Economic System भी विकसित भी होने जा रहा है। दोनों शहरों के बीच का पूरा एरिया एक प्रकार से Single Economic Zone में परिवर्तित हो जाएगा। High-speed Corridor से न सिर्फ यातायात तेज होगा, लेकिन trade को भी बढ़ावा मिलेगा ज्‍यादा से ज्‍यादा क्षेत्रों के बीच आपसी संपर्क बढ़ेगा और इससे चाहे transfer of manpower हो या सामानों की ढुलाई हो, ये बहुत ही सरल और सुगम हो जाएगी। इससे देश का विकास भी होगा और मैंने जैसे पहले कहा देश को एक नई रफ्तार मिलेगी।

एक धारणा सी बन गई है कि जितनी भी नई टेक्‍नोलॉजी आती है वो सिर्फ अमीरों के लिए आती है, जबकि अनुभव कुछ और होता है। टेक्‍नोलॉजी गरीबों के empowerment के लिए अगर उपयोग किया जाए तो गरीबी के खिलाफ की लड़ाई बहुत तेजी से हम जीत सकते हैं और इसलिए हमारा मकसद है इस technology का maximum उपयोग करते हुए उसको इतना affordable बना दिया जाए कि देश के गरीब की जिंदगी के साथ वो जुड़ जाएं। मैं मानता हूं कि Technology का लाभ तभी है जब देश का सामान्‍य नागरिक भी इसका भली-भांति उपयोग कर सके। आज जब हम Railways में नवी एवं अत्‍यआधुनिकों को जोड़ रहे हैं तो हमारा पूरा प्रयास है कि देश के सामान्‍य मानवी को new technology का लाभ मिलना चाहिए इस प्रोजेक्‍ट के दौरान Technology Transfer से रेलवे को फायदा होगा। क्षेत्र के Technicians, Vendors, Manufactures उनको भी लाभ मिलेगा और एक तरफ पूरा नेटवर्क जो है रेलवे का, उसको नयेपन की ओर आगे जाना पड़ेगा और उसको लाभ मिलेगा।

साथियों, टेक्‍नोलॉजी हमें भले जापान से मिल रही है लेकिन बुलेट ट्रेन के लिए अधिकांश संसाधन भारत में ही जुटाएं जाएगें। और इसलिए हमारे उद्योगों को भी World Class Equipment Manufacturing करने होंगे और उनकी समय पर सप्‍लाई भी करनी होगी। ‘Zero Defect, Zero Effect’ manufacturing पर बल देना पड़ेगा। इससे ‘Make in India’ को भी मजबूती मिलेगी। Direct or Indirect Employment के हजारों अवसर भी ये प्रोजेक्‍ट अपने साथ लेकर कर के आ रहा है।

साथियों देश में Integrated Transport System ‘New India’ की आवश्‍यकता है। ‘New India’ का सपना है। और इसलिए हम देश के Feature Proofing पर ध्‍यान दे रहे हैं, ताकि आने वाली पीढि़यों के हिसाब से Infrastructure का निर्माण किया जा सके। Railways हों, Highways हों, Waterways हों या Airways हों, हमने सभी क्षेत्रों में एक समान Infrastructure पर जोर दिया है और अप्रत्‍याशित गति से कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। हम आज पहले से ज्‍यादा तेज गति से सड़कों का निर्माण कर रहे हैं। GST का फायदा देश के Transport System को भी मिला है और ट्रकों के द्वारा प्रतिदिन तय की जाने वाली दूरी तीस प्रतिशत बढ़ी है। अगर पहले Goods लेकर के जाने वाला एक ट्रक एक दिन में अगर 200 किलोमीटर जाता था, तो GST आने के बाद check-post की मुसीबतें दूर होने के बाद आज वही ट्रक 200 किलोमीटर की बजाय 250 किलोमीटर से भी ज्‍यादा यात्रा एक दिन में कर लेता है, यानि पूरी economy में गति में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी एकमात्र GST के निर्णय के कारण संभव हुई है और उसके कारण लोगों को सस्‍ता सामान पहुंचाने का संभावना बनने वाली है।

सरकार जलमार्गों को परिवहन के पर्यावरण अनुकूल तरीके के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए 106 अतिरेक नदियों को National Waterways के रूप में विकसित करने का काम इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत में Aviation Sector भी नई संभावनाए लेकर आ रहा है। पिछले तीन वर्षों में Domestic Flyers की संख्‍या में हवाई जहाज में सफर करने वालों की संख्‍या में लगभग तीन करोड़ यात्रियों की वृद्धि हुई है। Aviation Sector को मजबूत करने के लिए पहली बार National Aviation Policy हमनें बनाई है। मध्‍यम वर्ग के जीवन में ‘उड़ान योजना’ के माध्‍यम से बदलाव लाया जा रहा है। इस योजना के तहत देश के 70 छोटे शहरों को जोड़ा जा रहा है ताकि देश का आम नागरिक कभी सस्‍ती हवाई सेवाओं को भी वो फायदा उठा सके।

वर्तमान रेल व्‍यवस्‍था को सुधारने और आधुनिक तकनीक के आधार पर नये रेल नेटवर्क के निर्माण दोनों पर बराबर ध्‍यान दिया जा रहा है। हमनें रेलवे ट्रैक, उसको doubling करना, electrification करना इस काम को भी तेजी से आगे बढ़ाया है और पहले से ज्‍यादा तेज गति से काम हो रहा है जितना निवेश रेलवे में अभी ये सरकार कर रही है, उतना इसके पहले कभी नहीं हुआ है। निवेश बढ़ाने के साथ ही अब दशकों से अटके हुए Projects को पूरा करने पर भी बल दिया जा रहा है। भारतीय रेलवे की क्षमता में बढ़ोतरी और माल ढुलाई में आसानी के लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है।

मुबंई के जवाहरलाल पोर्ट से लेकर यूपी के दादरी तक Western Dedicated Fright Corridor बनाया जा रहा है। इसी तरह कोलकता से लुधियाणा तक Eastern Dedicated Fright Corridor का निर्माण किया जा रहा है। अगले तीन साढे तीन साल में ये प्रोजेक्‍ट पूरा कर लेने की हम कोशिश कर रहे हैं। ये प्रोजेक्‍ट पूरा होने के बाद जो congestion है वो कम होगी, यात्री ट्रेंनों का समय बचेगा और रेलवे की transport क्षमता भी बढ़ेगी।

साथियों, High-speed Rail Project आधुनिक रेलवे निर्माण के vision का integral part है। मुझे बहुत खुशी है कि आज इसका भूमि पूजन हुआ है। और मेरे प्‍यारे भाईयों और बहनों मेरे प्‍यारे देशवासियों, भूमि पूजन आज हुआ है। आजादी के 70 सत्‍तर साल हुए हैं, साबरमती आश्रम की शताब्दी मना रहे हैं, मन में इच्‍छा है सपना है, जब आजादी के 75 साल हों 2022-23 में ये हम रेल का काम पूरा करें और जैसा आबे-सान ने कहा हम दोनों बैठकर के उसमें यात्रा करके उसका उद्दघाटन करें। जापान और भारत ने एक बार ठान ली तो ये भी हम करके रहेंगे ये मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं।

इस Project के साथ-साथ High-speed Rail Experts तैयार करने के लिए बड़ोदरा में High-speed Training Institute की भी स्‍थापना की जा रही है। ये बहुत महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट मैं मानता हूं। बड़ोदरा वर्षों से रेलवे की एक बहुत बड़ी महत्‍वपूर्ण इकाई रही है। अब जापान वहां पर High-speed Railway के लिए जिस प्रकार के manpower की जरूरत है, नई टेक्‍नोलॉजी को सिखाने की आवश्‍यकता है, भारत के नौजवानों को विशेषकर गुजरात के नौजवानों को ये अवसर मिलेगा और जब Human Resource Skill Development होता है तो देश की ताकत अनेक गुना बढ़ जाती है। जो एक High-speed से भी ज्‍यादा होती है, वो काम अब बड़ोदा की धरती पर होगा, जापान की मदद से होगा और आधुनिक से आधुनिक रेलवे इंजीनियरिंग का काम है, उसके लिए भारत के नौजवानों को तैयार किया जाएगा। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि नये भारत के लिए कितने बड़े सामर्थ्‍यवान मानव बल को तैयार करने का काम इस एक Institution के द्वारा होने वाला है। मेरे लिए जितना महत्‍व High-speed Railway के भूमि पूजन का है उससे भी कई महत्‍व देश के नौजवानों को ये आधुनिक training देने के लिए ये जो Institution का भूमि पूजन हो रहा है इसमें है और ये 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव डालने का काम इससे होने वाला है।

मैं इस प्रोजेक्‍ट से जुड़े भारत और जापान के सभी प्रतिनिधियों का, कर्मचारियों का एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उनका धन्‍यवाद करता हूं। उनके प्रयास से ये प्रोजेक्‍ट यहां तक पहुंचा है। और अब जमीन पर इसका असली काम शुरू हो रहा है। मुझे पूरा-पूरा भरोसा है कि मिलकर इस प्रोजेक्‍ट को समय से कम समय में पूरा करने प्रयास करेंगे और करके दिखाएगें। एक बार फिर से जापान के प्रधानमंत्री और मेरे परम मित्र श्रीमान शिंजो अबे, श्रीमान आबे-सान उनका मैं ह्दय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं। और भारत का ट्रेन नेटवर्क इतना बड़ा है इतना बड़ा है कि जापान की जो कुल जनसंख्‍या है। हमारे यहां एक सप्‍ताह में जापान की जितनी जनसंख्‍या ,है इतनी रेलवे में सफर करते हैं। कितनी विशालता कितनी क्षमता, हमारे पास scope है, speed है, आपके skill है और हम मिलकर के इस नये भारत को नई गति देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

मैं फिर एक बार गुजरात वासियों ने जो भव्‍य स्‍वागत सम्‍मान किया। जापान के प्रधानमंत्री की शोभा के अनुरूप किया इसलिए गुजरात का ह्दय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मैं गुजरात और महाराष्‍ट्र सरकार दोनों को बधाई देता हूं, इस काम के अंदर इन दोनों सरकारों ने मिलकर के भारत सरकार और जापान सरकार के साथ मिलकर के सारे विश्‍व को एक के बाद एक High-speed से निपटाते गए और पूरी व्‍यवस्‍था को आगे बढ़ाया और इसलिए मैं गुजरात के मुख्‍यमंत्री का, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री का, उनका भी ह्दय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
78ನೇ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ದಿನಾಚರಣೆಯ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಕೆಂಪು ಕೋಟೆಯಿಂದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಮಾಡಿದ ಭಾಷಣದ ಕನ್ನಡ ಅನುವಾದ

ಜನಪ್ರಿಯ ಭಾಷಣಗಳು

78ನೇ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ದಿನಾಚರಣೆಯ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಕೆಂಪು ಕೋಟೆಯಿಂದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಮಾಡಿದ ಭಾಷಣದ ಕನ್ನಡ ಅನುವಾದ
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi addresses the Parliament of Guyana
November 21, 2024


Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the National Assembly of the Parliament of Guyana today. He is the first Indian Prime Minister to do so. A special session of the Parliament was convened by Hon’ble Speaker Mr. Manzoor Nadir for the address.

In his address, Prime Minister recalled the longstanding historical ties between India and Guyana. He thanked the Guyanese people for the highest Honor of the country bestowed on him. He noted that in spite of the geographical distance between India and Guyana, shared heritage and democracy brought the two nations close together. Underlining the shared democratic ethos and common human-centric approach of the two countries, he noted that these values helped them to progress on an inclusive path.

Prime Minister noted that India’s mantra of ‘Humanity First’ inspires it to amplify the voice of the Global South, including at the recent G-20 Summit in Brazil. India, he further noted, wants to serve humanity as VIshwabandhu, a friend to the world, and this seminal thought has shaped its approach towards the global community where it gives equal importance to all nations-big or small.

Prime Minister called for giving primacy to women-led development to bring greater global progress and prosperity. He urged for greater exchanges between the two countries in the field of education and innovation so that the potential of the youth could be fully realized. Conveying India’s steadfast support to the Caribbean region, he thanked President Ali for hosting the 2nd India-CARICOM Summit. Underscoring India’s deep commitment to further strengthening India-Guyana historical ties, he stated that Guyana could become the bridge of opportunities between India and the Latin American continent. He concluded his address by quoting the great son of Guyana Mr. Chhedi Jagan who had said, "We have to learn from the past and improve our present and prepare a strong foundation for the future.” He invited Guyanese Parliamentarians to visit India.

Full address of Prime Minister may be seen here.