For us, ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’ is about serving the people: PM Modi

Published By : Admin | October 12, 2018 | 17:16 IST
QuoteNumerous measures undertaken in the last four years to enhance the quality of life of our citizens: PM Modi
QuoteHuman rights should not be about only slogans but it should be an integral part of our values: PM Modi
QuoteFor us, ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’ is about serving the people: PM Modi
QuoteWith focus on justice for all, the government is increasing the number of e-Courts, strengthening the National Judicial Data Grid: Prime Minister Modi
QuoteWith the use of technology, we are making the system transparent and protecting the rights of citizens: PM Modi
QuoteTo empower the Divyangs, we have strengthened the Rights of Persons with Disabilities Act: PM Modi

मंच पर विराजमान मंत्रीपरिषद के मेरे साथी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, श्री मनोज सिन्‍हा जी, NHRC Chairperson जस्टिस एस.एल.दत्‍तू जी, आयोग के सदस्‍य गण, यहां उपस्थित सभी नए महानुभाव, देवियो और सज्‍जनो !

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग आज 25 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस अहम पड़ाव पर पहुंचने के लिए आप सभी को, देश के जन-जन को बहुत-बहुत बधाई। इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत ही अच्‍छा लग रहा है।

साथियो, बीते ढाई दशक में राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सामान्‍यमानवी के गरीब, पीड़ित, वंचित, शोषित की आवाज बनकर राष्‍ट्र निर्माण को दिशा दिखाई है। न्‍याय और नीति के पद पर चलते हुए आपने जो भूमिका निभाई है, उसके लिए International Human Rights Institutions ने निरंतर आपकी संस्‍था को ‘A’Status दिया है। ये भारत के लिए गर्व की बात है।

साथियो, मानव अधिकार की रक्षा हमारी संस्‍कृति का अहम हिस्‍सा है। हमारी परम्‍पराओं में हमेशा व्‍यक्ति के जीवन निमित समता, समानता उसकी गरिमा के प्रति सम्‍मान, इसको स्‍वीकृति मिली हुई है। अब यहां प्रारंभ में जिस श्‍लोक का उच्‍चार हुआ, वो बाद में राजनाथ जी ने भी विस्‍तार से कहा – ‘सर्वे भवन्‍तु सुखेन’ की भावना हमारे संस्‍कारों में रही है।

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गुलामी के लंबे कालखंड में जो आंदोलन हुए उनका भी ये महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा रहा है। साथियों आजादी के बाद इन आदर्शों के संरक्षण के लिए ही एक मजबूत तंत्र विकसित किया गया था। हमारे यहां तीन स्‍तरीय शासन व्‍यवस्‍था है- एक स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष न्‍याय व्‍यवस्‍था है, active media है और सक्रिय civil society है। अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले NHRCजैसे अनेक संस्‍थान, कमीशन और tribunal भी हैं। हमारी व्‍यवस्‍था उन संस्‍थाओं की आभारी है जो गरीबों, महिलाओं, बच्‍चों, पीड़ितों, वंचितों, आदिवासियों समेत हर देशवासी के अधिकार को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा पंचायत राज सिस्‍टम या फिर स्‍थानीय निकायों से जुड़ी व्‍यवस्‍था मानव अधिकारों के सुरक्षा तंत्र का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। ये संस्‍थाएं सामान्‍य जन के हम को, विकास के लाभ को, जन कल्‍याणकारी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। ये संस्‍थाएं महिलाएं, वंचित वर्गों के सशक्तिकरण और भागीदारी में भी बहुत बड़ा योगदान दे रही हैं।

साथियो, मानव अधिकारों के प्रति इसी समर्पण ने देश को 70 के दशक में बहुत बड़े संकट से उबारा था। Emergency, आपातकाल के उस काले कालखंड में जीवन का अधिकार छीन लिया गया था, बाकी अधिकारों की तो बात ही क्‍या करें। उस दौरान सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले हजारों-लाखों लोग जेलों में भर दिए गए थे, लेकिन भारतीयों ने अपनी परिपाटी के इस मत्‍वपूर्ण पहलू को, मानव अधिकारों को अपने प्रयत्‍नों से फिर हासिल किया। मानव अधिकारों, मूल अधिकारों की श्रेष्‍ठता को फिर से स्‍थापित करने वाली उन सभी संस्‍थाओं को, सभी जनों को मैं आज के इस पावन अवसर पर आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो, मानव अधिकार सिर्फ नारा नहीं होना चाहिए, ये संस्‍कार होना चाहिए, लोकनीति का आधार होना चाहिए। मैं मानता हूं कि पिछले साढ़े चार वर्षों की ये बहुत बड़ी उपलब्धि रही है कि इस दौरान गरीब, वंचित, शोषित समाज के दबे-कुचले व्‍यक्ति की गरिमा को, उसके जीवन-स्‍तर को ऊपर उठाने के लिए गंभीर प्रयास हुए हैं। बीते चार वर्षों में जो भी कदम उठाए गए हैं, जो भी अभियान चलाए गए हैं, जो योजनाए बनी हैं, उनका लक्ष्‍य यही है और हासिल भी यही है।

सरकार का फोकस इस बात पर रहा है कि सामान्‍य मानवी की मूल आवश्‍यकताओं की पूर्ति उसकी जेब की शक्ति से नहीं बल्कि सिर्फ भारतीय होने भर से ही स्‍वाभाविक रूप से हो जाए। हमारी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ इस मंत्र को सेवा का माध्‍यम मानती है। ये अपने-आप में ही मानव अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी की तरह काम कर रही है।

सा‍थियो, आप सभी इस बात से भलीभांति परिचित रहे हैं कि बेटियों के जीवन के अधिकार को लेकर कितने सवाल थे। बेटी को अवांछित मानकर गर्भ में ही हत्‍या करने की विकृत मानसिकता समाज के कुछ संकुचित-सीमित लोगों में बंट रही थी।

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आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की वजह से हरियाणा-राजस्‍थान समेत अनेक राज्‍यों में बेटियों की संख्‍या में भारी वृद्धि हुई है। अनेक मासूमों के जीवन को अधिकार मिला है। जीवन का अर्थ सिर्फ सांस लेने से नहीं है, सम्‍मान भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है।

मुझे इस बात की प्रसन्‍नता है कि दिव्‍यांग, ये ‘दिव्‍यांग’ शब्‍द आज कुछ भारतीयों के लिए सम्‍मान का सूचक बन गया है। इतना ही नहीं, उनके जीवन को सुगम बनाने के लिए ‘सुगम्‍य भारत’ अभियान के तहत, सरकारी बिल्डिंग्‍स हों, एयरपोर्टस हों, रेलवे स्‍टेशन हों, वहां पर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। गरीब को खुले आसमान के नीचे झुग्‍गी में जीवन बिताना पड़े, मौसम के थपेड़े उसको सहन करने पड़ें, ये भी तो उसके अधिकार का हनन है। इस स्थिति से उसको बाहर निकालने के लिए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत हर बेघर गरीब को आवास देने का अभियान चल रहा है। और सपना है 2022 में जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे, हिन्‍दुस्‍तान में हर उस व्‍यक्ति को मकान मिलना चाहिए, जिसके सिर पर छत नहीं है।अब तक सवा सौ करोड़ से अधिक भाई-बहनों को घर की चाबी मिल चुकी है।

साथियो, घर के अलावा गरीब को ‘उज्‍ज्‍वला योजना’ के तहत मुफ्त गैस कनेक्‍शन भी दिया जा रहा है। ये योजना सिर्फ एक welfare scheme भर नहीं है। इसका संबंध समानता से है, गरिमा के साथ जीवनयापन करने से है। इससे देश की साढ़े पांच करोड़ से अधिक गरीब माताओं-बहनों को आज साफ-सुथरी धुंआमुक्‍त रसोई का अधिकार मिला है। ये परिवार इस अधिकार से सिर्फ इसलिए वंचित थे क्‍योंकि उनका सामर्थ्‍य नहीं था, उनका जेब खाली था।

इतना ही नहीं, जब देश में बिजली की व्‍यवस्‍था है, बिजली पैदा हो रही है, तब भी हजारों गांव, करोड़ों परिवार अंधेरे में थे।सिर्फ इसलिए क्‍योंकि वो गरीब थे, दूर-सुदूर के इलाकों में बसे थे। मुझे खुशी है कि बहुत ही कम समय में उन 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंची है, जो आजादी के इतने वर्षों बाद भी 18वीं शताब्‍दी में जीने के लिए मजबूर थे।

इतना ही नहीं, ‘सौभाग्‍य योजना’ के तहत 10-11 महीनों के भीतर ही डेढ़ करोड़ से अधिक परिवारों को रोशनी की समानता मिली है, उनके घर में बिजली का लट्टू जल रहा है।

सा‍थियो, अंधकार के साथ-साथ खुले में शौच की समस्‍या भी गरिमापूर्ण जीवन के रास्‍ते में एक बहुत बड़ा रोड़ा थी। शौचालय न होने की मजबूरी में जो अपमान वो गरीब भीतर ही भीतर महसूस करता था, वो किसी को बताता नहीं था। विशेषतौर पर मेरी करोड़ों बहन-बेटियां, उनके लिए dignity से जीने के अधिकार का हनन तो था ही, बल्कि जीने के अधिकार को ले करके भी गंभीर सवाल था। बीते चार वर्षों में देशभर के गांव-शहरों में जो सवा नौ करोड़ से अधिक toilet बने हैं, इससे गरीब बहनों-भाइयों के लिए स्‍वच्‍छता के अलावा सम्‍मान के साथ जीवन का अधिकार भी सुनिश्चित हुआ है। और उत्‍तर प्रदेश की सरकार ने तो, उत्‍तर प्रदेश सरकार ने तो शौचालय को ‘इज्‍जतघर’ नाम दिया है। हर शौचालय के ऊपर लिखते हैं ‘इज्‍जतघर’।

गरीब के जीवन, उसके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ा एक और अधिकार, जो हाल में ही मिला है और जिसका जिक्र श्रीमान राजनाथ जी ने किया, वो है PMJAY यानी आयुष्‍मान भारत योजना। ये कितना बड़ा अधिकार है इसका प्रमाण आपको हर रोज मिल रहा है। मीडिया में देश के कोने-कोने से आ रही खबरें बहुत संतोष देने वाली हैं। बेहतरीन अस्‍पतालों की सुविधा होने के बाद भी जो व्‍यक्ति संसाधन के अभाव में अच्‍छे इलाज से वंचित था उसको आज इलाज का हक मिला है।Launch होने के सिर्फ दो-ढाई हफ्ते के भीतर ही 50 हजार से अधिक बहन-भाइयों का इलाज या तो हो चुका है या इलाज चल रहा है।

सा‍थियो, स्‍वास्‍थ्‍य के साथ-साथ आजादी के अनेक दशकों तक करोड़ों देशवासियों की आर्थिक आजादी एक छोटे से दायरे में सीमित थी। सिर्फ कुछ लोग बैंक का उपयोग कर पा रहे थे, ऋण ले पा रहे थे। लेकिन बहुत बड़ी आबादी अपनी छोटी-छोटी बचत भी रसोई के डिब्‍बे में छुपाने के लिए मजबूर थी। हमने स्थिति की गंभीरता को समझा। ‘जनधन अभियान’ चलाया। और आज देखते ही देखते करीब 35 करोड़ जनों को बैंक से जोड़ा, आर्थिक आजादी के अधिकार को सुनिश्चित किया।

इतना ही नहीं ‘मुद्रा योजना’ के माध्‍यम से उन लोगों को स्‍वरोजगार के लिए बैंकों से गारंटी फ्री लोन दिया जा रहा है जो कभी सिर्फ साहूकारों पर निर्भर हुआ करते थे।

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भाइयो और बहनों, हमारी सरकार ने कानून के माध्‍यम से अपनी सरकार की नीति और निर्णयों में भी निरंतर मानव अधिकारों को सुनिश्चित किया है। उन्‍हें और मजबूत करने का प्रयास किया है। अभी हाल ही में मुस्लिम महिलाओं को ‘तीन तलाक’ से मुक्ति दिलाने वाला कानून इस कड़ी का हिस्‍सा है। मुझे उम्‍मीद है कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों से जुड़े इस अहम प्रयास को संसद द्वारा भी स्‍वीकृति मिलजाएगी।

गर्भवती महिलाओं को वेतन के साथ मिलने वाले अवकाश को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करने का फैसला भी हमारी इसी सोच का नतीजा है। एक प्रकार से वो नवजात शिशु के अधिकार की हमने रक्षा की है। उसके पास उसकी मां 6 महीने तक रह पाएं, ये अपने-आप में बड़ा निर्णय है। दुनिया की progressive countries में भी अभी ये होना बाकी है।

हमारी महिलाओं को night shift में काम करने में आने वाली कानूनी अड़चनों को दूर करने और इस दौरान उन्‍हें पर्याप्‍त सुरक्षा मिले, ये काम भी इस सरकार ने ही किया है।

दिव्‍यांगों के अधिकार को बढ़ाने वाला ‘Rights of Person with Disabilities’ Act’ उनके लिए नौकरियों में आरक्षण बढ़ाना हो या फिर Transgender Persons Protection of Rights Bill, ये मानव अधिकारों के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं।

एचआईवी पीड़ित लोगों के साथ किसी तरह का भेदभाव न हो, उन्‍हेंसमान उपचार मिले, उसे भी कानून द्वारा सुनिश्चित करने का काम हमने किया है।

साथियो, न्‍याय पाने के अधिकार को और मजबूत करने के लिए सरकार e-courts की संख्‍या बढ़ा रही है, national judicial data grid को सशक्‍तकर रही है। National judicial data grid से अब तक देश की 17 हजार से ज्‍यादा अदालतों को जोड़ा जा चुका है। केस से संबंधित जानकारियां, फैसलों से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन होने से न्‍याय प्रक्रिया में और तेजी आई है और लंबित मामलों की संख्‍या में कमी आई है। देश के दूर-दराज वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को tele-law scheme के माध्‍यम से कानूनी सहायता भी दी जा रही है।

भाइयो और बहनों, नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार आधुनिक टेक्‍नोलॉजी के इस्‍तेमाल और व्‍यवस्‍था में पारदर्शिता बढ़ाने पर निरंतर जोर दे रही है। UIDAI act, इसे लाकर सरकार ने न सिर्फ आधार को कानूनी रूप से मजबूत किया है बल्कि आधार का उपयोग बढ़ाकर देश के गरीबों तक सरकार योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने का प्रयास सफलतापूर्वक किया है।

आधार एक तरह से देश का सबसे बड़ा टेक्‍नोलॉजी आधारित सशक्तिकरण कार्यक्रम बन गया है। हाल ही में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सरकार के कार्यों की प्रशंसा भी की है। इसी तरह public distribution system को टेक्‍नोलॉजी द्वारा पारदर्शी बनाकर सरकार ने गरीबों को सस्‍ताअनाज मिलना सुनिश्चित किया है। वरना, पहले क्‍या होता था, कैसे होता था, ये भी हम सभी भलीभांति जानते हैं।

इसी तरह लोगों को अपने अधिकार प्राप्‍त करने में दिक्‍कत न हो, इसके लिए अनेक प्रक्रियाओं को भी सुधारा गया है, अनेक नियमों में भी बदलाव किया गया है।Self attestation को बढ़ावा देना या फिर भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं में Short Service Commissionके माध्‍यम से नियुक्‍त महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्षों की तरह स्‍थाई कमीशन का फैसला सरकार की इसी approach का हिस्‍सा है।

नियमों में ऐसे बहुत छोटे-छोटे बदलावों ने बहुत बड़े स्‍तर पर प्रभाव डाला है। जैसे बांस की परिभाषा बदलने की वजह से देश में दूर-दराज वाले इलाकों में रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों को अब बांस काटने और बांस के परिवहन का अधिकार मिला है। इससे उनकी आय वृद्धि पर व्‍यापक असर पड़ रहा है।

सा‍थियो, सबको कमाई, सबको पढ़ाई, सबको दवाई और सबकी सुनवाई, इस लक्ष्‍य के साथ ऐसे अनेक काम हुए हैं जिससे करोड़ों भारतीय भीषण गरीबी से बाहर निकल रहे हैं। देश बहुत तेज गति से मध्‍यम वर्ग की बहुत बड़ी व्‍यवस्‍था की तरफ बढ़ रहा है। ये सफलता अगर मिली है तो उसके पीछे सरकार के प्रयास तो हैं ही, उससे भी अधिक जन-भागीदारी है। देश के करोड़ों लोगों ने अपने कर्तव्‍यों को समझा है। अपने व्‍यवहार में परिवर्तन के लिए खुद को प्रेरित किया है।

भाइयो और बहनों, हमारे फैसले, हमारे कार्यक्रम तभी स्‍थाई रूप से सफल हो सकते हैं अगर जनता उनसे जुड़ती है। मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि जन-भागीदारी से बड़ा सफलता का मंत्र कुछ भी नहीं हो सकता।

मुझे बताया गया है कि अपने रजत जयंती समारोह के दौरान NHRC द्वारा देशभर में जन-जागरण के अनेक अभियान चलाए गए हैं। इसमें तकनीक की मदद भी ली जा रही है। थोड़ी देर पहले ही एक डाक टिकट का लोकार्पण किया गया। NHRC की website के नए version को भी launch किया गया है। इससे उन लोगों को निश्चित रूप से सुविधा होगी जिनको मदद की आवश्‍यकता है। मेरा सुझाव है कि सोशल मीडिया के माध्‍यम से भी NHRC व्‍यापक प्रचार-प्रसार का लाभ उठाएं। मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता तो जरूरी है ही, साथ में नागरिकों को उनके कर्तव्‍यों, उनके दायित्‍वों की याद दिलाना भी उतना ही जरूरी है। जो व्‍यक्ति अपने दायित्‍वों को समझता है, वो दूसरे के अधिकारों का भीसम्‍मान करना जानता है।

मुझे ये भी एहसास है कि आपके पास बहुत बड़ी संख्‍या में शिकायतें आती हैं, जिनमें कई गंभीर भी होती हैं। आप हर शिकायत की सुनवाई करते हैं, उनका निपटारा करते हैं। लेकिन क्‍या ये संभव है कि

जिस वर्ग या जिस क्षेत्र से जुड़ी शिकायतें आती हैं, उनके बारे में एक databaseतैयार हो, उसका एक विस्‍तृत अध्‍ययन किया जाए। मुझे विश्‍वास है कि इस प्रक्रिया के दौरान कई ऐसी समस्‍याएं भी मिलेंगी जिनका एक व्‍यापक समाधान संभव है।

Sustainable Development Goalsहासिल करने के लिए आज सरकार जो भी प्रयास कर रही है, उसमें NHRC की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है। आपके सुझावों का सरकार ने हमेशा स्‍वागत किया है। देश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, उनके अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिपल प्रतिबद्ध है। एक बार फिर NHRC को, आप सभी कोSilver Jubileeके इस अवसर पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। देश में रचनात्‍मक परिवर्तन के लिए हम सभी मिलकर आगे बढ़ते रहेंगे।

इसी कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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The World This Week On India
February 18, 2025

This week, India reinforced its position as a formidable force on the world stage, making headway in artificial intelligence, energy security, space exploration, and defence. From shaping global AI ethics to securing strategic partnerships, every move reflects India's growing influence in global affairs.

And when it comes to diplomacy and negotiation, even world leaders acknowledge India's strength. Former U.S. President Donald Trump, known for his tough negotiating style, put it simply:

“[Narendra Modi] is a much tougher negotiator than me, and he is a much better negotiator than me. There’s not even a contest.”

With India actively shaping global conversations, let’s take a look at some of the biggest developments this week.

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AI for All: India and France Lead a Global Movement

The future of AI isn’t just about technology—it’s about ethics and inclusivity. India and France co-hosted the Summit for Action on AI in Paris, where 60 countries backed a declaration calling for AI that is "open," "inclusive," and "ethical." As artificial intelligence becomes a geopolitical battleground, India is endorsing a balanced approach—one that ensures technological progress without compromising human values.

A Nuclear Future: India and France Strengthen Energy Security

In a world increasingly focused on clean energy, India is stepping up its nuclear power game. Prime Minister Narendra Modi and French President Emmanuel Macron affirmed their commitment to developing small modular nuclear reactors (SMRs), a paradigm shift in the transition to a low-carbon economy. With energy security at the heart of India’s strategy, this collaboration is a step toward long-term sustainability.

Gaganyaan: India’s Space Dream Inches Closer

India’s ambitions to send astronauts into space took a major leap forward as the budget for the Gaganyaan mission was raised to $2.32 billion. This is more than just a scientific milestone—it’s about proving that India is ready to stand alongside the world’s leading space powers. A successful human spaceflight will set the stage for future interplanetary missions, pushing India's space program to new frontiers.

India’s Semiconductor Push: Lam Research Bets Big

The semiconductor industry is the backbone of modern technology, and India wants a bigger share of the pie. US chip toolmaker Lam Research announced a $1 billion investment in India, signalling confidence in the country’s potential to become a global chip manufacturing hub. As major companies seek alternatives to traditional semiconductor strongholds like Taiwan, India is positioning itself as a serious contender in the global supply chain.

Defence Partnerships: A New Era in US-India Military Ties

The US and India are expanding their defence cooperation, with discussions of a future F-35 fighter jet deal on the horizon. The latest agreements also include increased US military sales to India, strengthening the strategic partnership between the two nations. Meanwhile, India is also deepening its energy cooperation with the US, securing new oil and gas import agreements that reinforce economic and security ties.

Energy Security: India Locks in LNG Supply from the UAE

With global energy markets facing volatility, India is taking steps to secure long-term energy stability. New multi-billion-dollar LNG agreements with ADNOC will provide India with a steady and reliable supply of natural gas, reducing its exposure to price fluctuations. As India moves toward a cleaner energy future, such partnerships are critical to maintaining energy security while keeping costs in check.

UAE Visa Waiver: A Boon for Indian Travelers

For Indians residing in Singapore, Japan, South Korea, Australia, New Zealand, and Canada, visiting the UAE just became a lot simpler. A new visa waiver, effective February 13, will save Dh750 per person and eliminate lengthy approval processes. This move makes travel to the UAE more accessible and strengthens business and cultural ties between the two countries.

A Gift of Friendship: Trump’s Gesture to Modi

During his visit to India, Donald Trump presented Prime Minister Modi with a personalized book chronicling their long-standing friendship. Beyond the usual diplomatic formalities, this exchange reflects the personal bonds that sometimes shape international relations as much as policies do.

Memory League Champion: India’s New Star of Mental Speed

India is making its mark in unexpected ways, too. Vishvaa Rajakumar, a 20-year-old Indian college student, stunned the world by memorizing 80 random numbers in just 13.5 seconds, winning the Memory League World Championship. His incredible feat underscores India’s growing reputation for mental agility and cognitive excellence on the global stage.

India isn’t just participating in global affairs—it’s shaping them. Whether it’s setting ethical AI standards, securing energy independence, leading in space exploration, or expanding defence partnerships, the country is making bold, strategic moves that solidify its role as a global leader.

As the world takes note of India’s rise, one thing is clear: this journey is just getting started.