ಕಾರ್ಗಿಲ್ನಿಂದ ಕನ್ಯಾಕುಮಾರಿಯವರೆಗೆ, ಕಚ್ಗೆ ಕಾಮ್ರೂಪ್ಗೆ ಪ್ರಯಾಣಿಸಿದರೆ, ನೀವು ಯಾವ ವೇಗದಲ್ಲಿ ಮತ್ತು ಎಷ್ಟು ಮಟ್ಟದಲ್ಲಿ ಕೆಲಸ ನಡೆಯುತ್ತಿದೆ ಎಂದು ತಿಳಿದಿರುತ್ತೀರಿ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಮುಂದಿನ ಪೀಳಿಗೆಯ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯವನ್ನು ರಚಿಸುವಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಗಮನವು ಕೇಂದ್ರಿತವಾಗಿದೆ : ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ 2022 ರ ಹೊತ್ತಿಗೆ "ಹೌಸಿಂಗ್ ಫ಼ಾರ್ ಆಲ್ " ಎಂಬ ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರದ ದೃಷ್ಟಿಕೋನವನ್ನು ಪುನರುಚ್ಚರಿಸಿದ್ದಾರೆ
ಜನರಿಗೆ 'ಈಸ್ ಆಫ್ ಲಿವಿಂಗ್' ನಮ್ಮ ಗುರಿಯಾಗಿದೆ. ಅಭಿವೃದ್ಧಿಯ ಸಮಗ್ರತೆ ಇರುವ ನಗರ ಕೇಂದ್ರಗಳನ್ನು ರಚಿಸುವ ಕಡೆಗೆ ಸಂಪನ್ಮೂಲಗಳನ್ನು ಮೀಸಲಿಡಲಾಗಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಸ್ಟಾರ್ಟಾಪ್ ಇಂಡಿಯಾ ಮತ್ತು ಅಟಲ್ ಇನ್ನೋವೇಶನ್ ಮಿಷನ್ ಮೂಲಕ ಭಾರತ ತಂತ್ರಜ್ಞಾನಕ್ಕೆ ಕೇಂದ್ರವಾಗಿ ಹೊರಹೊಮ್ಮುತ್ತಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಅಟಲ್ ಜಿ ಸರಕಾರದ ಅವಧಿಯಲ್ಲಿ ದೆಹಲಿ ಮೆಟ್ರೋದ ಕೆಲಸವನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಲಾಯಿತು; ಇಂದು ಬಹುತೇಕ ದೆಹಲಿಯು ಮೆಟ್ರೊಗೆ ಸಂಪರ್ಕ ಹೊಂದಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ
ನಾಲ್ಕನೇ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಕ್ರಾಂತಿಗೆ ಬೇಕಾದ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯವು ನಮಗೆ ಸಿದ್ಧವಾಗಿದೆ ಮತ್ತು ಸಾವಿರಾರು ಯುವ ಸಹೋದ್ಯೋಗಿಗಳಂತೆ ನಾವೀನ್ಯತೆಯ ಮೆದುಳಿನ ಸೇನೆಯನ್ನು ಹೊಂದಲು ನಾವು ಸಿದ್ಧರಿದ್ದೇವೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

यहां पधारे भाइयो और बहनों, महाराष्‍ट्र का आज ये मेरा चौथा कार्यक्रम है। इससे पहले मैं ठाणे में था। वहां भी हजारों-करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया गया है।

इसमें गरीबों के घर के प्रोजेक्‍ट्स भी थे और मेट्रो के विस्‍तार से जुड़े प्रोजेक्‍ट भी थे।

थोड़ी देर पहले यहां 8 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की लागत से बन रही पुणे मेट्रो लाइन के तीसरे phase का अभी मुझे शिलान्‍यास करने का अवसर मिला है। हिंजवड़ी से शिवाजी नगर को जोड़ने वाले इस मेट्रो प्रोजेक्‍ट से देश के सबसे व्‍यस्‍त आईटी सेंटर में से एक, इस क्षेत्र को बड़ी सुविधा मिलने वाली है।

महाराष्‍ट्र और देश के कोने-कोने से यहां काम करने पहुंचे IT Professionalsको, यहां के स्‍थानीय लोगों काजीवन इससे सुगम होने वाला है।

साथियो, दो साल पहले मुझे पुणे मेट्रो प्रोजेक्‍ट का शुभारंभ करने का सौभाग्‍य मिला था। मुझे बहुत खुशी है कि जिन दो Corridors पर काम शुरू किया गया, वहां तेज गति से काम चल रहा है। मुझे उम्‍मीद है कि अगले साल के अंत तक पुणे में 12 किलोमीटर के route पर मेट्रो दौड़ने लगेगी।

अब शिवाजी नगर से तीसरे phase का भी आज शुभारंभ हो गया है। ऐसे में जब ये phase पूरा होगा, तो लोगों को पुणे और पिंपरी चिंदवाड़ के चार अलग-अलग कोने से हिंजवड़ी आईटी पार्क पहुंचने में बहुत सहूलियत हो जाएगी।

यहां उपस्थित IT सेक्‍टर से जुड़े Professionalsको मैं इसकी विशेष बधाई देता हूं। आज यहां पर जिन भी प्रोजेक्‍ट्स पर काम शुरू हुआ है, ये केंद्र और महाराष्‍ट्र की सरकार के उस व्‍यापक विजन का हिस्‍सा है, जिसके केंद्र में Infrastructure है, बुनियादी सुविधाएं हैं।

आप बीते चार-साढ़े चार वर्षों से निरंतर देख रहे हैं कि कैसे Infrastructure पर सरकार का फोकस है।

देश भर में connectivity, यानी highway, railway, airway, waterway और I-way को विस्‍तार-रफ्तार देने का काम तेज गति से चल रहा है।

साथियो, कारगिल से ले करके कन्‍याकुमारी तक, कच्‍छ से लेकर कामरूप तक, आप यात्रा करेंगे तो पता चलेगा कि किस गति से और कितने बडे स्‍तर पर काम चल रहा है।

ये सब अगर हो पा रहा है तो इसके पीछे सरकार की प्रतिबद्धता है ही, स्‍थानीय लोगों, किसानों, कामगारों, प्रोफेशलन की इच्‍छा-आकांक्षा और सहयोग भी है।

विकास के हाईवे से आज कोई भी अछूता रहना नहीं चाहता। आर्थिक और सामाजिक रूप से भले कोई कितना भी समर्थ और असमर्थ हो, लेकिन सिर्फ आवागमन में ही वो अपना समय व्‍यर्थ नहीं करना चाहता। वो नहीं चाहता कि connectivity के अभाव में उसकी फसलें, उपज, उसका दूध-दही, उसका उत्‍पाद बरबाद हो जाए। वो चाहता है कि स्‍कूल आने-जाने में उसके बच्‍चों का कम से कम समय लगे, ताकि वो पढ़ाई और खेलकूद को ज्‍यादा समय दे पाएं। वो घंटों ट्रैफिक जाम में फंसकर आठ-नौ घंटे के ऑफिस टाइम को 12-13 घंटे नहीं होने देना चाहता। वो अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता है। अपने समय का सही उपयोग करना चाहता है। यही कारण है कि आज गांव से लेकर शहरों तक, next generation infrastructure और transport sector केintegration पर ध्‍यान दिया जा रहा है।

साथियो, इसी सोच के साथ केन्‍द्र सरकार यहां देवेन्‍द्र फडणवीस जी की सरकार के साथ मिलकर महाराष्‍ट्र के पुणे के infrastructure को मजबूत करने में जुटी है।

हिंजवडी-शिवाजीनगरमेट्रो लाइन तो एक और मायने में भी खास है। सरकार ने देश में मेट्रो के विकास के लिए पहली बार जो मेट्रो पॉलिसी बनाई है, उसके तहत बनने वाला ये प्रोजेक्ट पहला प्रोजेक्‍ट है। ये प्रोजेक्‍ट PPPयानी public private partnership में बनाया जा रहा है।

एक साल पहले जो नई मेट्रो रेल पॉलिसी सरकार ने बनाई है, ये देश में मेट्रो के विस्‍तार के प्रति हमारे संकल्‍प को दिखाती है। इसी policy के आने के बाद मेट्रो के निर्माण में तेजी आ रही है, क्‍योंकि नियम-कायदे स्‍पष्‍ट हुए हैं।

शहरों में transport sector की अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के तौर-तरीके तय किए गए हैं। ये मेट्रो रेल पॉलिसी reform oriented बनाई गई है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सिर्फ मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ मेट्रो स्‍टेशन तक फीडर बसों, नए walk-ways, नए path-ways को भी साथ ही साथ विकसित किया जाए।

अब मेट्रो में Unified Urban Transport Authority के जरिए single command system के तहत काम हो रहा है। इससे लोगों की असली जरूरत तो पता लग ही रही है, परेशानियों को भी कम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, मेट्रो आज देश के शहरों की life-line बनती जा रही है। बीते चार वर्षों में सरकार ने देश के दर्जन भर शहरों तक इसको विस्‍तार दिया है, और आने वाले समय में अनेक और शहर इससे जुड़ने वाले हैं।

पिछले चार साल में 300 किलोमीटर की नई लाइनों को कमीशन कर दिया है और 200 किलोमीटर के नए प्रस्‍ताव को भी पास किया गया है। इसी का परिणाम है कि इस समय देश में 500 किलोमीटर से ज्‍यादा की मेट्रो लाइन चल रही है और करीब 650 किलोमीटर से ज्‍यादा की लाइनें पूरी होने को हैं।

महाराष्‍ट्र में भी केन्‍द्र और राज्‍य सरकार मिलकर 200 किलोमीटर से अधिक की मेट्रो लाइनों का निर्माण कर रही हैं।

भाइयो और बहनों, आज देश में मेट्रो का जो भी विस्‍तार हो रहा है, उसको सही मायने में गति अटलजी की सरकार ने दी थी। शहर और गांव में infrastructure पर अटलजी ने जो बल दिया, उसको 10 वर्ष बाद हमारी सरकार ने स्‍पीड भी दी और स्‍केल भी बढ़ाई।

मुझे कहते हुए जरा भी संकोच नहीं है कि अगर अटलजी की सरकार को थोड़ा समय और मिलता तो शायद आज मुम्‍बई और इसके आसपास के इलाकों को, महाराष्‍ट्र के अनेक शहरों को मेट्रो से जोड़ा जा चुका होता।

दिल्‍ली में अटलजी की सरकार के दौरान मेट्रो पर काम शुरू हुआ था। आज करीब-करीब पूरी दिल्‍ली मेट्रो से जुड़ चुकी है।

साथियो, पहले जो सरकार रही, उसकी प्राथमिकता में transport और infrastructure उतना नहीं रहा, जितना होना चाहिए था।

साथियो, उनको- उनकी सोच मुबारक, हमारी सोच है देश का कोना-कोना, कण-कण जुड़े, देश का संतुलित विकास हो। हम एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत बनाने के लिए इस मिशन पर निकले हुए लोग हैं।

हां, इतना मैं जरूर याद दिला दूं कि 2004 से- 2004 का कालखंड और 2018 में, एक पीढ़ी का अंतर आ गया है, सोच का अंतर आ गया है, आकांक्षाओं का अंतर आ गया है।

भाइयो और बहनों, केंद्र सरकार की प्राथमिकता ease of living और ease of doing business सुनिश्चित करने में है। यही कारण है कि देशभर में करीब hundred smart city विकसित की जा रही हैं।

पुणे समेत महाराष्‍ट्र में भी 8 शहरों को स्‍मार्ट बनाया जा रहा है। देशभर में इस मिशन के तहत 5 हजार से ज्‍यादा परियोजनाओं का चयन किया गया है।

इन प्रोजेक्‍ट्स पर आने वाले दिनों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च किए जाएंगे। 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट पूरे हो चुके हैं और 53 हजार करोड़ रुपये के 1700 प्रोजेक्‍ट को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

साथियो, पुणे समेत महाराष्‍ट्र के 8 शहरों में smart city mission के तहत करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं जबकि साढ़े तीन हजार करोड़ के काम तेजी से पूरे कएि जा रहे हैं।

पुणे का integrated command and control system शुरू हो चुका है। यहीं से अब पूरे शहर की व्‍यवस्‍थाओं की निगरानी का काम किया जा रहा है।

इतना ही नहीं Amrut mission के तहत महाराष्‍ट्र के 41 से अधिक शहरों में भी काम तेजी से चल रहा है। सड़क, बिजली, पानी, सीवेज; ऐसी प्राथमिक सुविधा से जुड़े करीब 6 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट्स जल्‍द पूरे होने की स्थिति में हैं।

इसके साथ-साथ शहरों को रोशन करने के लिए, उनकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए, कम बिजली से अधिक रोशनी के लिए LED Street Lights लगाई जा रही हैं।

महाराष्‍ट्र में करीब एक लाख ऐसी Street Lights अलग-अलग शहरों में लगाई जा चुकी हैं। इससे सैंकड़ों करोड़ रुपये की बिजली की बचत हो रही है।

साथियो, सामान्‍य जन को बचत हो; इसके साथ-साथ उसकी सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच हो, इसके लिए डिजिटल इंडिया अभियान व्‍यापक स्‍वरूप ले चुका है।

आज जन्‍म प्रणामपत्र से लेकर जीवन प्रणामपत्र तक, ऐसी सैंकड़ों सुविधाएं online हैं।

बिजली, पानी के बिल से लेकर अस्‍पतालों में appointment, बैंकों का लेन-देन, पेंशन, provident fund, admission, reservation, करीब-करीब हर सुविधा को online किया गया है। ताकि कतारें न लगें और corruptionकी गुंजाइश कम हो।

अब Digi-Locker में आपके सब सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रह सकते हैं। करीब डेढ़ करोड़ खाते देशभर में खुल चुके हैं।

इतना ही नहीं, अब Driving License समेत तमाम दूसरे दस्‍तावेज को साथ रखने की भी जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल फोन पर उसकी Soft copy या फिर Digi-Locker के जरिए ही काम चल जाएगा।

भाइयो और बहनों, सरकार का प्रयास है कि हमारे professionals, उनकी दिनचर्या हमारे उद्योगों और देश की नई जरूरत के हिसाब से नियम-कानून बनाएं और बदले जाएं। नियम सरल भी हों और सुगमता और पारदर्शिता भी सु‍निश्चित करें।

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया ने सरकार के इन प्रयासों को गति दी है। आज अगर सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति तक तकनीक पहुंच पा रही है तो सस्‍ता मोबाइल फोन, सस्‍ता और तेज इंटरनेट डेटा बड़ी भूमिका निभा रहा है।

मोबाइल फोन इसलिए सस्‍ते हुए, क्‍योंकि अब भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बनाने वाला देश बन गया है। करीब सवा सौ मोबाइल फोन मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स देश भर में चल रही हैं। जबकि चार वर्ष पहले सिर्फ-सिर्फ दो ही ऐसी फैक्‍टरियां थीं। साढ़े चार से पांच लाख युवा इन फैक्‍टरियों में काम कर रहे हैं। अभी इसमें और विस्‍तार होने वाला है। मोबाइल समेत पूरे electronics manufacturing का एक बड़ा हब भारत बन रहा है।

साथियो, हार्डवेयर के साथ-साथ सस्‍ते और तेज डेटा को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाने का काम चल रहा है। देशभर की करीब सवा लाख ग्राम पंचायतों तकoptical fibre networkपहुंचाया जा चुका है।

तीन लाख से अधिक common service centreगांवों में काम कर रहे हैं। इनमें काम कर रहे करीब दस लाख युवा, गांवों को ऑनलाइन सुविधा दे रहे हैं।

डेढ़ लाख से अधिक पोस्‍ट ऑफिस अब ऑनलाइन बैंकिंग के माध्‍यम तो बन ही रहे हैं, होम डिलीवरी सर्विस के भी सेंटर बनने जा रहे हैं।

देश के करीब 700 रेलवे स्‍टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है।

साथियो, 2014 से पहले देश में जहांdigital लेनदेनहोता था, वो अब 6 गुना से ज्‍यादा बढ़ चुका है। देश में अब तक 50 करोड़ से ज्‍यादा रुपे, डेविट कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। सिर्फ बीते 2 वर्षों के दौरान ही यूपीआई, भीम और दूसरे डिजिटल प्‍लेटफार्म्‍स के माध्‍यम से लेनदेन में लाखों गुना बढ़ोत्‍तरी हुई है।

भाइयो और बहनों, पुणे- एजुकेशन, आईटी, इंजीनियरिंग और बिजनेस का भी सेंटर है। ये knowledge का सेंटर है, तकनीक का सेंटर है। यही न्‍यू इंडियाकी पहचान होने वाली है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए आवश्‍यक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर हमारे पास तैयार है और यहां मौजूद हजारों युवा साथियों की तरह, एक से एक innovative minds की फौज भी हमारे पास तैयार है।

Startup India और Atal innovation mission के माध्‍यम से भारत भविष्‍यकी तकनीक का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। र्स्‍टाटअप के मामले में भारत दुनिया का दूसरा बड़ा eco system बन चुका है। देश के करीब 500 जिलों में 14 हजार से अधिक Startups को Startup India अभियान के तहत recognize किया जा चुका है।

हमारे देश में आइडियाज की कमी कभी नहीं रही। कमी थी इनको दिशा देने की, हाथ पकड़कर आगे बढ़ाने की, hand holding की। अब सरकार आइडिया को इं‍डस्‍ट्री बनाने की दिशा में काम कर रही है।

कम उम्र में ही technology के लिए temperament विकसित किया जा रहा है। स्‍कूलों में Atal tinkering labखोली जा रही है तो starts ups के लिए Atal incubationcentreदेशभर में खोले जा रहे हैं।

न्‍यू इंडिया के नए सेंटर्स में देश का भविष्‍य तैयार होगा। दुनिया का सबसे बड़ा talent pool तैयार होगा। नए भारत के निर्माण में आप सभी का, पुणे का, महाराष्ट्र का अहम् रोल रहने वाला है।

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर आप सभी को मेट्रो लाइन का काम शुरू होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और इतनी बड़ी संख्‍या में आप आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए मैं हृदयपूर्वक आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM Modi meets with President of Suriname
November 21, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi met with the President of Suriname, H.E. Mr. Chandrikapersad Santokhi on the sidelines of the 2nd India-CARICOM Summit in Georgetown, Guyana on 20 November.

The two leaders reviewed the progress of ongoing bilateral initiatives and agreed to enhance cooperation in areas such as defense and security, trade and commerce, agriculture, digital initiatives and UPI, ICT, healthcare and pharmaceuticals, capacity building, culture and people to people ties. President Santokhi expressed appreciation for India's continued support for development cooperation to Suriname, in particular to community development projects, food security initiatives and small and medium enterprises.

Both leaders also exchanged views on regional and global developments. Prime Minister thanked President Santokhi for the support given by Suriname to India’s membership of the UN Security Council.