I left my home, family & whatever I had to serve the Nation: PM Modi

Published By : Admin | November 13, 2016 | 11:52 IST
We have to defeat the menace of black money & free the country from corruption: PM Modi
I was not born to sit on the chair of a high office… I left my home, my family, whatever I had to serve the Nation: PM Modi
I have commenced this fight against corruption for the honest people of our Nation: PM Modi
Urge people to cooperate for 50 days & then there will be India of dreams: PM Modi

श्री लक्ष्‍मीकांत जी कह रहे थे कि‍ मैं देर रात जापान से आया और सुबह आपकी सेवा में हाजि‍र हो गया। यहां से कर्नाटक जाऊंगा, कर्नाटक से महाराष्‍ट्र जाऊंगा और देर रात दि‍ल्‍ली में जाकर भी मीटिंग करूंगा। प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के कि‍सी राज्‍य में एक रात्रि‍ से ज्‍यादा अगर मैंने कहीं मुकाम कि‍या तो गोवा में कि‍या। मैं आज व्‍यक्‍ति‍गत रूप से गोवा के लाखों नागरि‍कों का अभि‍नंदन करना चाहता हूं, आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं, गोवा सरकार का अभि‍नंदन करना चाहता हूं। मनोहर जी, लक्ष्‍मीकांत जी, उनकी पूरी टीम का आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं।

कई वर्षों के बाद एक बहुत बड़ा अंतर्राष्‍ट्रीय event BRICS summit गोवा में आयोजि‍त हुआ और इतने शानदार ढंग से इसकी योजना हुई कि‍ आज पूरे वि‍श्‍व में जि‍तने भी बड़े नेता आप मानते हैं उनकी जुबान पर गोवा, गोवा, गोवा। इसलि‍ए मैं सभी गोवावासि‍यों की, गोवा सरकार की, मुख्‍यमंत्री की, मनोहर जी की, उनके सभी साथि‍यों की जी भर के सराहना करता हूं, अभि‍नंदन करता हूं क्‍योंकि‍ इससे सि‍र्फ गोवा की नहीं, पूरे हि‍न्‍दुस्‍तान की इज्‍जत बढ़ी है, पूरे हि‍न्‍दुस्‍तान का गौरव बढ़ा है और आपके कारण बढ़ा है तो आप स्‍वाभावि‍क अभि‍नंदन के अधि‍कारी है।

भाइयो-बहनों, मेरे लिए खुशी की बात है। आपने देखा होगा कि‍ गोवा में राजनीति‍क अस्‍थि‍रता की बीमारी ने इस प्रकार से गोवा को बर्बाद कर दि‍या। पता नहीं, क्‍या-क्‍या होता था, आपको मालूम है। कभी इधर तो कभी उधर, कभी उधर तो कभी इधर। इस राजनीति‍क अस्‍थि‍रता ने गोवा का जो सामर्थ्‍य है, गोवा के लोगों की जो शक्‍ति‍ है उसको कभी फलने-फूलने का अवसर ही नहीं दि‍या। मैं वि‍शेष रूप से मनोहर जी का अभि‍नंदन करता हूं कि‍ उन्‍होंने एक Political culture को लाए हैं। इसके कारण उनको सहन भी करना पड़ा है, उनको अच्‍छे-अच्‍छे मि‍त्र गंवाने भी पड़े हैं। लेकि‍न एकमात्र इरादा गोवा को नई ऊंचाइयों पर लेना जाना है इसलि‍ए गोवा में stability, पांच साल तक एक सरकार चले, नीति‍यों के आधार पर चले, गोवा के वि‍कास के लि‍ए चले, लोक कल्‍याण के हि‍त के लि‍ए चले, ये उन्‍होंने करके दि‍खाया है और 2012 से 2017 तक की स्‍थि‍रता का लाभ भरपूर मात्रा में गोवा को प्राप्‍त हुआ है इसलि‍ए मैं यहां दोनों पार्टि‍यां जो मि‍लकर के सरकार चला रही है और सबसे बड़ी बात political stability दी है, इसके लि‍ए क्‍योंकि‍ स्‍थि‍र सरकार को चुनना जनता के हाथ में होता है और गोवा की जनता ने स्‍थि‍र सरकार की ताकत को समझा है इसलि‍ए मैं उनको बहुत-बहुत अभि‍नंदन देता हूं, वंदन करता हूं।

मुझे आज इतनी खुशी हो रही है इस बात की। मैं प्रधानमंत्री हूं लेकि‍न सबको पता है कि‍ मैं कि‍स पार्टी से हूं। लक्ष्‍मीकांत जी मुख्‍यमंत्री है, सबको मालूम है कि‍स पार्टी से है। मनोहर जी, मेरे साथी है, सबको मालूम है कि‍स पार्टी से है। हम एक-दूसरे की तारीफ करे तो लोगों को लगेगा, हां ठीक है आप तो बोलेंगे ही न, लेकि‍न मुझे खुशी हुई कि‍ एक सप्‍ताह के पहले एक independent agency ने, एक बहुत बड़े मीडि‍या हाऊस ने हि‍न्‍दुस्‍तान के छोटे राज्‍यों की हालत का जायजा लि‍या। अलग-अलग पैरामीटर पर सर्वे कि‍या और आज मुझे खुशी हो रही है कि‍ मेरे इन साथि‍यों ने, छोटे राज्‍यों में गोवा को एक चमकते सि‍तारे की तरह पेश कर दि‍या है। देश के सभी छोटे राज्‍यों में तेज गति‍ से चाहे social security का मसला हो, स्‍वास्‍थ्‍य का मसला हो, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का क्षेत्र हो, गोवा को तेज गति‍ से नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं और गोवा नंबर 1 बना है। और इसमें गोवावासि‍यों का योगदान है ही है, उसके बि‍ना ये संभव नहीं होता और इसलि‍ए मैं आज इस अवसर पर जि‍तना अभि‍नंदन करूं, जि‍तना धन्‍यवाद करूं उतना कम है।

मैं जब गुजरात का मुख्‍यमंत्री था, मनोहर जी यहां मुख्‍यमंत्री थे। तो मैं एक secret बताता हूं आपको। मनोहर जी जो बात दस वाक्‍य में बोलनी हो, वो एक वाक्‍य में बता देते हैं। तो कभी-कभी समझने में भी कठि‍नाई होती है। वो मानते हैं कि‍ आपने समझ लि‍या। अब वो आईआईटी के है, मैं बड़ा सामान्‍य इंसान हूं। लेकि‍न मैं जब गुजरात में था तो उनकी योजनाओं का मैं अध्‍ययन करता था, मुख्‍यमंत्री के नाते और मैं देख रहा था कि‍ यहां के गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति‍ की मुसीबतों को वो कैसे समझते हैं और उसके रास्‍ते कैसे खोजते हैं, हर योजनाएं। बाद में लक्ष्‍मीकांत जी ने भी इसको आगे बढ़ाया। जब मैं देखता था, गृह आधार योजना, वार्षि‍क तीन लाख से कम आय वाली जो महि‍लाएं हैं, उनको 1500 रुपए की मदद। देश में कई राज्‍यों को पता तक नहीं होगा कि‍ गोवा में ऐसी योजना शुरू की गई थी। दयानंद सरस्‍वती सुरक्षा योजना सी‍नि‍यर सि‍टीजन के लि‍ए, करीब डेढ़ लाख senior citizen को इसका लाभ मि‍लता है, 2000 रुपए प्रति‍ माह। ये सारी चीजें हि‍न्‍दुस्‍तान में कहीं नहीं है भाइयों, ये गोवा में है। भाइयो-बहनों, लाडली लक्ष्‍मी योजना, गोवा और मध्‍यप्रदेश ने इसको प्रारंभ कि‍या और 18 साल की बच्‍चि‍यों को एक लाख रुपए। आज गोवा में 45 हजार हमारी बेटि‍यां इसकी हकदार बनी है।


गोवा ने एक बहुत बड़ा काम कि‍या। देखि‍ए मनोहर जी और लक्ष्‍मीकांत जी की दूरदृष्‍टि‍ देखि‍ए। आज यहां इलेक्‍ट्रॉनि‍क्‍स सि‍टी का शि‍लान्‍यास हो रहा है। लेकि‍न इसके पहले इस काम को सफल करने के लि‍ए हमें कैसा युवा धन चाहि‍ए, कैसी यंग जनरेशन चाहि‍ए इसको ध्‍यान में रखते हुए, इन दोनों महाशयों ने साइबर स्‍टूडेंट योजना के द्वारा यहां हमारे नौजवानों को डि‍जि‍टल दुनि‍या से जोड़ने का एक अभि‍यान चलाया। ये दीर्घदृष्‍टि‍ के लि‍ए मैं उनको बधाई देना चाहता हूं। हम जानते हैं बीमार होना कि‍तना महंगा होता है और गरीब के लि‍ए बीमार होना कि‍तना मुश्‍कि‍ल होता है। ये हमारे गोवा सरकार की वि‍शेषता रही कि‍ उन्‍होंने दीनदयाल स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के द्वारा वार्षि‍क 3 लाख रुपए तक करीब-करीब सवा दो लाख परि‍वार यानी एक प्रकार से पूरे गोवा के सभी परि‍वार आ गए, इनको सुरक्षा का कवच दि‍या है, उनके स्‍वास्‍थ्‍य की भी चिंता की है। कि‍सान हो, fisherman हो, यानी एक प्रकार से योजनाओं का अंबार है और ये जन सामान्‍य की भलाई के लि‍ए है। ऐसे गोवा में आकर के जो वि‍कास के रास्‍ते पर आगे बढ़ रहा है, देश के प्रधानमंत्री को भी अपना सि‍र झुकाने में आनंद आता है, गर्व होता है।

आज यहां तीन प्रोजेक्‍ट का आरंभ हो रहा है Mopa new green field airport। शायद गोवा में जि‍न लोगों की उम्र आज 50 साल हो गई होगी, वो भी जब से समझना शुरू कि‍या है, ये सुनते आए हैं कि‍ एक दि‍न गोवा में अपना एयरपोर्ट बनेगा, हवाई जहाज आएंगे, लोग उतरेंगे, टूरि‍ज्‍म बढ़ेगा, सुना है कि‍ नहीं सुना है, बताइए। सब सरकारों ने बोला है कि‍ नहीं बोला है, सब पॉलि‍‍टि‍कल पार्टि‍यों ने बोला है कि‍ नहीं बोला है लेकि‍न चुनाव गया, हवाई जहाज हवाई जहाज के ठि‍काने पर, गोवा गोवा के ठि‍काने पर। ऐसा हुआ है कि‍ नहीं हुआ है भाइयों, बताओ मुझे। आज मुझे संतोष है कि‍ अटल बि‍हारी वाजपेयी जी ने जो वादा कि‍या था आज मुझे उसे पूरा करने का अवसर मि‍ला है। और ये सि‍र्फ आकाश में जहाज उड़ेंगे और आपके एक नए एयरपोर्ट पर आएंगे, ऐसा नहीं है। गोवा की जनसंख्‍या है 15 लाख। ये व्‍यवस्‍था वि‍कसि‍त होने से तीन गुना लोग, आप 15 लाख लोग है, करीब-करीब 50 लाख लोग आना शुरू कर देंगे। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि‍ टूरि‍ज्‍म कि‍तना बढ़ेगा। और गोवा का टूरि‍ज्‍म बढ़ना मतलब, हि‍न्‍दुस्‍तान के टूरि‍ज्‍म सेक्‍टर को नई ताकत देने वाली ये सबसे सामर्थ्‍यवान जगह है, इस बात को हम भली-भांति‍ समझते हैं। गोवा की सुवि‍धा तो बढ़ेगी ही बढ़ेगी, गोवावासि‍यों की भी बढ़ेगी और मुझे वि‍श्‍वास है कि‍ इसके नि‍र्माण कार्य में भी यहां के हजारों नवयुवकों को रोजगार मि‍लेगा और नि‍र्माण होने के बाद यहां की इकनॉमी को, टूरि‍ज्‍म को एक बहुत बड़ा अवसर इस गोवा को मि‍लने वाला है, ये मैं साफ देख रहा हूं।

भाइयो-बहनों, आज यहां एक Electronic Manufacturing city का भी शि‍लान्‍यास हुआ है। कोई ये मत समझे कि‍ ये सि‍र्फ कोई Industrial estate बन रहा है। बहुत कम लोगों को समझ आएगा कि‍ Electronic Manufacturing city के नि‍र्माण का मतलब क्‍या है। एक प्रकार से और मेरे शब्‍द लि‍खकर के रखना भाइयो-बहनों और 21वीं का मैं वो गोवा देख रहा हूं जहां Digitally trained, youth driven based modern गोवा का आज शि‍लान्‍यास हो रहा है दोस्‍तों। ऐसे गोवा का शि‍लान्‍यास हो रहा है जो Digitally trained, youth driven गोवा होगा, आधुनि‍क गोवा होगा, टैक्‍नोलॉजी से सामर्थ्‍यवान गोवा होगा। और वह सि‍र्फ गोवा की इकनॉमी का गोवा के नौजवानों के रोजगार का नहीं है, ये भारत की शक्‍ल-सूरत बदलने का, गोवा एक पावर स्‍टेशन बन जाएगा दोस्‍तों, ये मैं देख रहा हूं। पूरी 21वीं सदी पर इस initiative का प्रभाव होने वाला है।

भाइयो-बहनों आज एक तीसरा महत्‍वपूर्ण काम हम आगे बढ़ाने जा रहे हैं। हमारा स्‍पष्‍ट मत रहा है कि‍ सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को अपने दम पर खड़ा होना चाहि‍ए। यह देश आजादी के 70 साल हो गए, हम कि‍सी की मेहरबानी के मोहताज नहीं रहना चाहते। हम जीएंगे तो भी अपने बलबूते पर और मरेंगे तो भी अपनों के लि‍ए मरेंगे, अपनी शान के लि‍ए मरेंगे। क्‍या कारण है कि‍ जि‍स देश के पास 1800 मि‍लि‍यन युवा हो, 18 मि‍लि‍यन 35 से कम आयु के नौजवान हो, तेजस्‍वी हो, तेज-तर्रार हो, बुद्धि‍ प्रति‍भा हो, innovation हो, टैक्‍नोलॉजी हो, सब कुछ हो लेकि‍न सुरक्षा के लि‍ए हर चीज बाहर से लानी पड़े। आज गोवा की धरती पर सामुद्रि‍क सुरक्षा के क्षेत्र में, मेक इन इंडि‍या की दि‍शा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है।

भाइयो-बहनों, मैं आज गोवा का एक वि‍शेष आभार भी व्‍यक्‍त करना चाहूंगा। अकबर के वि‍षय में कहा जाता है कि‍ उसकी टोली में नवरत्‍न थे और उन नवरत्‍नों से, वि‍शेषताओं से अकबर के कार्यकाल की चर्चा होती थी। मैं भाग्‍यशाली हूं कि‍ मेरी टीम में अनेक रत्‍न है और उन रत्‍नों में एक चमकता हुआ रत्‍न मुझे गोवा वालों ने दि‍या है। उस रत्‍न का नाम है मनोहर पर्रि‍कर। कई वर्षों के बाद देश को एक ऐसा रक्षा मंत्री मि‍ला है जि‍सने 40 साल पुरानी हमारी फौज की समस्‍याओं का समाधान करने के लि‍ए दि‍न-रात एक कर दि‍या है। अगर मनोहर पर्रि‍कर जी का इतना पुरुषार्थ न होता, 40 साल से लटक रहा ‘वन रैंक वन पेंशन’ का, मेरे देश के लि‍ए मर मि‍टने वाले जवानों का काम अधूरा रहा होता, मैं मनोहर जी को बधाई देता हूं और आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं कि‍ आपने मुझे मनोहर जी दि‍ए। ऐसा सामर्थ्‍यवान, देश का कोई रक्षा मंत्री पि‍छले कुछ समय में ऐसा नहीं आया जि‍स पर कहीं न कहीं ऊंगली न उठी हो। आज हम तेज गति‍ से नि‍र्णय कर रहे हैं। वि‍श्‍व के साथ समझौते कर रहे हैं, देश की सुरक्षा बढ़ाने के लि‍ए फैसले कर रहे हैं, 28 साल हो गए, रक्षा मंत्रालय पर कहीं से कि‍सी ने ऊंगली तक नहीं उठाई है। मैं मनोहर जी का अभि‍नंदन तो करूंगा मेरे साथी के नाते, मुझे उत्‍तम साथी मि‍ला है, लेकि‍न मैं गोवावासि‍यों का अभि‍नंदन करूंगा कि‍ आपने मनोहर जी पैदा कि‍ए और देश के लि‍ए आपने मनोहर जी दि‍ए। मैं आपका अभि‍नंदन कर रहा हूं।


भाइयो-बहनों, ये जो mine counter measure vessels program है, एमसीएमपी, ये भारत की सामुद्रि‍क सुरक्षा में एक बहुत बड़ी भूमि‍का अदा करने वाला काम है। इससे लोगों को रोजगार तो मि‍लने ही वाला है, इस क्षेत्र के वि‍कास के लि‍ए भी काम होने वाला है।

मेरे प्‍यारे गोवा के भाइयों और बहनों, मैं कुछ और बातें भी आज गोवावासि‍यों के साथ करना चाहता हूं।

08 तारीख, रात 8 बजे, देश के करोड़ों लोग सुख-चैन की नींद सो गए और देश के लाखें लोग नींद के लि‍ए गोलि‍यां खरीदने जा रहे हैं, गोलि‍यां नहीं मि‍ल रही है।

मेरे प्‍यारे देशवासि‍यों मैंने 08 तारीख को रात 8 बजे देश के सामने काले धन के खि‍लाफ, भ्रष्‍टाचार के खि‍लाफ मैं जो लड़ाई लड़ रहा हूं, देश जो लड़ाई लड़ रहा है, हि‍न्‍दुस्‍तान का ईमानदार इंसान जो लड़ाई लड़ रहा है उस दि‍शा में एक अहम कदम उठाया है। लेकि‍न कुछ लोग है जो अपने ही ख्‍यालों में खोए रहते हैं। वे अपनी नाप पट्टी लेकर के ही कि‍सी को नापते रहते हैं और उसमें फि‍ट नहीं होता है तो देखते है यार कुछ गड़बड़ है।

अगर इस देश के अर्थशास्‍त्रि‍यों ने, इस देश की पौलिसिज को समझकर के एनालि‍सि‍स करने वालों ने, ये पुरानी सरकारें, पुराने नेता, उनको नापने तौलने के जो तराजू है, मेरे आने के बाद अगर बदल दि‍ए होते तो ये दि‍क्‍कत नहीं आती। उनको समझ आना चाहि‍ए था कि‍ ऐसी सरकार देश ने चुनी है जि‍सके पास देश की अपेक्षा है। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनों, 2014 में आपने वोट दि‍या था भ्रष्‍टाचार के खि‍लाफ दि‍या था कि‍ नहीं दि‍या था। आप मुझे बताइए, आपने ये काम करने के लि‍ए मुझे कहा था कि‍ नहीं कहा था, काले धन के खि‍लाफ काम करने के लि‍ए आपने मुझे कहा था कि‍ नहीं कहा था। आपने मुझे कहा था तो मुझे करना चाहि‍ए कि‍ नहीं करना चाहि‍ए। आप मुझे बताइए कि‍ आपने जब मुझे ये करने के लि‍ए कहा था तो आपको भी पता था कि‍ भई ये काम करूंगा तो थोड़ी तकलीफ होगी, पता था कि‍ नहीं पता था। ऐसा तो नहीं था कि‍ बस आपको ऐसे ही मुंह में बताशा आ जाएगा। सबको मालूम था। ये सरकार बनने के तुरंत बाद हमने एक सुप्रीम कोर्ट के सेवानि‍वृत्‍त न्‍यायमूर्ति‍ के नेतृत्‍व में Special investigation team बनाई SIT. दुनि‍या में कहां-कहां ये कारोबार चल रहा है। इस पर ये टीम काम कर ही है और हर छह महीने वो सुप्रीम कोर्ट को रि‍पोर्ट कर रही है। ये काम पहले वाली सरकारें टालती रही थी, हमने कि‍या। अपने यहां कहावत है, पुत्र के लक्षण पालने में। जब मेरी पहली कैबि‍नेट में पहले ही दि‍न ऐसा बड़ा कड़ा नि‍र्णय करता हूं तो पता नहीं था कि‍ मैं आगे ये करने वाला हूं जी। मैंने छुपाया था क्‍या, कुछ नहीं छुपाया मैंने। हर बार मैंने ये बात कही है और आज मैं आपको उसका ब्‍योरा दे रहा हूं। देश मुझे सुन रहा है। मैंने देश को कभी अंधेरे में नहीं रखा है। मैंने देश को कभी गलतफहमी में नहीं रखा है, खुलकर के बात कही है और ईमानदारी से।

भाइयो-बहनों, दूसरा जरूरी काम था दुनि‍या के देशों के साथ पि‍छले 50-60 साल में ऐसे agreement हुए थे कि‍ जि‍सके कारण हम ऐसे बंध गए थे कि‍ हम कोई जानकारि‍यां ही नहीं प्राप्‍त कर पा रहे थे। हमारे लि‍ए बहुत जरूरी था कि‍ दुनि‍या के देशों से पुराने जो agreement है उनमें बदलाव करे। कुछ देशों के साथ agreement करे। अमेरि‍का जैसे देश को मैं समझाने में सफल हुआ कि‍ आप हमारे साथ agreement कीजि‍ए और आपके बैंकों में कि‍सी हि‍न्‍दुस्‍तानी का पैसा है, आता है या जाता है, हमें तुरंत पता चलना चाहि‍ए। ये काम मैंने दुनि‍या के कई देशों के साथ कि‍या है, कुछ देशों के साथ अभी भी चल रही है। लेकि‍न वि‍श्‍व में कहीं पर भी भारत की चोरी-लूट का पैसा गया है तो उसकी तुरंत जानकारी मि‍ले इसका प्रबंध पुराजोर तरीके से हमने कि‍या है।

हम जानते है, आपको भी पता है कि‍ दि‍ल्‍ली के कि‍सी बाबू का ये गोवा में फ्लैट बना हुआ है, है न। गोवा के बि‍ल्‍डरों से मेरी शि‍कायत नहीं है। उनका तो काम है मकान बेचना, लेकि‍न गोवा में जि‍सकी सात पीढ़ी में कोई गोवा रहता नहीं है वो पैदा हुआ कहीं और, काम कर रहा है दि‍ल्‍ली में, बड़ा बाबू है, फ्लैट खरीदा गोवा में, कि‍सके नाम। खुद के नाम खरीदते है क्‍या, औरों के नाम से खरीदते है कि‍ नहीं खरीदते है ये लोग। हमने कानून बनाया जो भी बेनामी संपत्‍ति‍ होगी, दूसरे के नाम पर संपत्‍ति‍ होगी। हम कानूनन अब उस पर हमला बोलने वाले हैं। ये संपत्‍ति‍ देश की है, ये संपत्‍ति‍ देश के गरीब की है और मेरी सरकार सि‍र्फ और सि‍र्फ देश के गरीबों की मदद करना मेरा कर्तव्‍य मानती है और मैं उसको करके रहूंगा।

हमने देखा है कि‍ घर में शादी हो, ब्‍याह हो, कुछ काम हो, ज्‍वैलरी खरीदते हैं। बीवी का जन्‍मदि‍न हो, ज्‍वैलरी खरीदते हैं और कभी सोना खरीदते हैं और ज्‍वैलर भी, कोई बात नहीं ले जाइए साहब, थैला भरकर के ले आइए और ले जाइए। न बि‍ल देना, न लेना, न कुछ हि‍साब रखना, कुछ नहीं साहब। चल रहा था कि‍ नहीं चल रहा था सब कैश चलता था कि‍ नहीं चलता था। ये कोई गरीब लोग करते थे क्‍या। ये बंद होना चाहि‍ए कि‍ नहीं होना चाहि‍ए। हमने नि‍यम बनाया कि‍ दो लाख रुपए से ज्‍यादा अगर आप गहने खरीदते हैं, ज्‍वैलरी खरीदते हैं तो आपको अपना पैन नंबर देना पड़ेगा ही। इसका भी वि‍रोध हुआ था। आप हैरान होंगे कि‍ आधे से ज्‍यादा पार्लि‍यामेंट के मेम्‍बर मुझे ये कहने के लि‍ए आए थे कि‍ मोदी जी ये नि‍यम मत लगाओ और कुछ लोगों ने तो मुझे लि‍खि‍त में चि‍ट्ठी लि‍खने की हि‍म्‍मत की है। जि‍स दि‍न मैं उसे पब्‍लि‍क में करूंगा शायद पता नहीं वो अपने इलाके में जा पाएंगे कि‍ नहीं जा पाएंगे। अगर आपके पास पैसे है, आप सोना जवाहरात खरीदते हैं, हम इतना ही कहते है कि‍ भई आपको जो इनकम टैक्‍स का पैन नंबर है वो लि‍खवा दीजि‍ए। पता तो चले कौन लेता है, पैसा कहां से आता है, कहां जाता है। भाइयो-बहनों ये 70 साल की बीमारी है और मुझे 17 महीनों में मि‍टानी है।


भाइयो-बहनों, हमने एक और काम कि‍या। पहले की सरकारों ने भी कि‍या था। ये जो ज्‍वैलर्स है, जो कि‍ ज्‍यादातर हमारे यहां सोना वगैरह की बात जरा, उन पर कोई एक्‍साइज ड्यूटी नहीं लगती थी। पहले सरकार ने लगाने की कोशि‍श की थी, बहुत कम लगाई थी लेकि‍न सारे ज्‍वैलर, ज्‍वैलरों की संख्‍या बहुत कम है, एक गांव में एक-आध दो ही होते हैं। बड़े शहर में 50-100 होते हैं। लेकि‍न उनकी ताकत बड़ी गजब है साहब, अच्‍छे-अच्‍छे MP उनकी जेब में होते हैं और ज्‍वैलरी पर जब एक्‍साइज लगाई तो मेरे ऊपर इतना दबाव आया, MP का दबाव, delegation, हमारे परि‍चि‍त, साहब ये तो सब इनकम टैक्‍स वाले लूट लेंगे, तबाह कर देंगे, ऐसे-ऐसे बताते थे कि‍ मैं भी डर गया कि‍ यार मैं ये करूंगा पता नहीं क्‍या हो जाएगा। मैंने कहा, ऐसा करो भई दो कमेटी बनाते हैं, वार्ता करेंगे, चर्चा करेंगे। सरकार की तरफ से उनको, जि‍न पर उन को भरोसा था ऐसी एक्‍सपर्ट कमेटी बनाई। पहले वाली सरकारों को ये प्रयास वापस लेना पड़ा था। साहब मैं ईमानदारी से देश चलाना चाहता हूं। मैंने वापस नहीं लि‍या, मैंने ज्‍वैलरों को वि‍श्‍वास दि‍लाया, कोई आपसे ज्‍यादती नहीं करेगा और कोई इनकम टैक्‍स वाला आपसे ज्‍यादती करता है तो आप मोबाइल फोन से उसकी रि‍कॉडिंग कर लीजि‍ए मैं उसके खि‍लाफ काम करूंगा। ये कदम हमने उठाया। जि‍नको पता हो, ये सारा देखकर के समझ नहीं आता था कि‍ मोदी क्‍या करेगा आगे। लेकि‍न आप अपनी दुनि‍या में इतने मस्‍त थे कि‍ और पॉलि‍टि‍कल पार्टी की तरह ये भी आकर के चला जाएगा। मैं भाइयो और बहनों कुर्सी के लि‍ए पैदा नहीं हुआ हूं। मेरे देशवासि‍यों मैंने घर, परि‍वार, सब कुछ देश के लि‍ए छोड़ा है।

हमने दूसरी तरफ ये भी जोर लगाया। अच्‍छा कुछ लोग होते हैं, मजबूरन कुछ गलत करना पड़ा हो। सब लोग बेईमान नहीं होते, सब लोग चोर भी नहीं होते है कि‍ मजबूरन कुछ करना पड़ा हो, अगर उनको मौका मि‍ले तो सही रास्‍ते पर आने को तैयार होते हैं। ये संख्‍या बहुत बड़ी होती है। हमने लोगों के सामने स्‍कीम रखी कि‍ अगर आपके पास ऐसे बेईमानी के पैसे पड़े है तो आप ECS कानून के तहत जमा करा दीजि‍ए, इतना दंड भर दीजि‍ए, उसमें भी मैंने कोई माफी नहीं दी लेकि‍न व्‍यापारी लोग चीजों को समझने में बड़े होशि‍यार होते हैं। उनको समझ में आ गया कि‍ ये मोदी है, कुछ गड़बड़ करेगा। आपको जानकर के खुशी होगी कि‍ आजादी के 70 साल में ऐसी योजनाएं कई बार आई पर पहली बार 67 हजार करोड़ रुपए दंड समेत लोगों ने आकर के जमा कि‍ए और दो साल में टोटल सर्वे के द्वारा, रेड के द्वारा, डि‍क्लेयरेशन के द्वारा सवा लाख करोड़ रुपए जो कहीं सामने नहीं था, वो सरकारी खजाने में जमा हुआ है भाइयो-बहनों। सवा लाख करोड़ का हि‍साब आया है। ये दो साल में कि‍ए हुए काम का हि‍साब मैं आज गोवा की धरती से पूरे देश को दे रहा हूं भाइयो-बहनों।

उसके बाद, हमें मालूम था मुझे क्‍या करना है। हमने जन-धन account खोले। जब मैं ये स्‍कीम लेकर के आया था तो मेरा कैसा मजाक हुआ था पार्लि‍यामेंट में, भाषण कैसे हुए थे, आपको याद होगा। मुझे पता नहीं क्‍या-क्‍या कहा जाता था। उनको लग रहा था कि‍ मोदी के बाल नोच लेंगे तो मोदी डर जाएगा। अरे मोदी को जिंदा जला दोगे तो भी मोदी डरता नहीं। हमने प्रारंभ में आकर एक काम कि‍या, प्रधानमंत्री जन-धन योजना के द्वारा गरीब से गरीब का बैंक account खोलना। उस समय लोगों को समझ नहीं आया कि‍ मोदी बैंक account क्‍यों खुलवा रहा है, अब लोगों को समझ आएगा कि‍ ये बैंक account का क्‍या फायदा होने वाला है। करीब-करीब 20 करोड़ से ज्‍यादा लोगों के बैंक account खोले और हि‍न्‍दुस्‍तान में अमीर लोगों की जेब में भांति‍-भांति‍ बैंकों के क्रेडि‍ट और डेबि‍ट कार्ड होते हैं। गरीब तो बेचारा सोच ही नहीं सकता था कि‍ ऐसा भी कोई कार्ड होता है कि‍ कार्ड से मि‍ल जाता है कुछ, पता नहीं था उसको। भाइयो-बहनों, प्रधानमंत्री जन-धन योजना के लि‍ए बैंक के खाते खुले हैं ऐसा नहीं है।

इस देश के 20 करोड़ लोगों को हमने रूपे कार्ड दि‍या है, डेबि‍ट कार्ड दि‍या है और ये आज से एक साल पहले कि‍या हुआ है। उस डेबि‍ट से अगर उसके खाते में पैसे है तो वो बाजार से कोई भी चीज खरीद सकता है, उसकी व्‍यवस्‍था उसमें उपलब्‍ध है भाइयो-बहनों। लेकि‍न लोगों को लगा कि‍ नहीं-नहीं जैसे हर पॉलि‍टि‍कल काम होता है वैसे ही कोई। पॉलि‍टि‍कल काम नहीं था, मैं धीरे-धीरे देश की आर्थि‍क तबीयत सुधारने के लि‍ए अलग-अलग दवाईयां दे रहा था। धीरे-धीरे डोज बढ़ा रहा था।

अब भाइयो-बहनों, मेरे देश के गरीबों की अमीरी देखि‍ए। मैंने तो उनको कहा था कि‍ जीरो अमाउंट से आप खाता खोल सकते हैं, एक बार आपका बैंक में पैर आना चाहि‍ए बस। ये आर्थि‍क व्‍यवस्‍था में कहीं आप भी होने चाहि‍ए। लेकि‍न मेरे देश के गरीबों की अमीरी देखि‍ए दोस्‍तों। ये जो अमीर लोग रात को सो नहीं पाते हैं न, गरीबों की अमीरी देखि‍ए दोस्‍तों। मैंने तो कहा था कि‍ जीरो रकम से आप बैंक account खोल सकते हैं लेकि‍न मेरे देश के गरीबों ने बैंकों में जन-धन account में 45 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए दोस्‍तों। ये देश के सामान्‍य मानि‍वकी की ताकत को हम पहचाने। 20 करोड़ परि‍वारों को रूपे कार्ड दि‍या। फि‍र भी कुछ लोग मानते ही नहीं। उनको लगता था कि‍ यार कोई राजनैति‍क गोटी बैठा देंगे तो हो जाएगा मामला। हमने एक बहुत बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन कि‍या। मनोहर जी वाला तो मैं नहीं कर सकता। दस महीने से काम पर लगा रहा, एक छोटी वि‍श्‍वस्‍त टोली बनाई क्‍योंकि‍ इतने नए नोट छापना, पहुंचाना, बड़ा कठि‍न, चीजें छि‍पाना, secret रखना, वरना ये लोग ऐसे होते हैं साहब पता चल जाए तो अपना कर लेंगे।

और 08 तारीख रात 8 बजे देश का सि‍तारा चमकाने के लि‍ए एक नया कदम उठा दि‍या दोस्‍तों। मैंने उस रात को भी कहा था कि‍ इस नि‍र्णय से तकलीफ होगी, असुवि‍धा होगी, कठि‍नाईयां होगी, ये मैंने पहले ही दि‍न कहा है लेकि‍न भाइयो-बहनों मैं आज देश के उन करोड़ों लोगों के सामने सि‍र झुकाता हूं कि‍ सि‍नेमा के थि‍येटर पर लाइन लगाते हैं न वहां भी झगड़ा हो जाता है। मैं देख रहा हूं कि‍ पि‍छले चार दि‍न से चारों ओर पैसों के लि‍ए कतार में खड़े रहने की जगह नहीं है लेकि‍न हर एक के मुंह से एक ही आवाज आ रही कि‍ ठीक है मुसीबत हो रही है, पैर दुख रहे है लेकि‍न देश का भला हो।

मैं आज सार्वजनि‍क रूप से बैंक के सभी कर्मचारि‍यों का अभि‍नंदन करता हूं। एक साल में, मेरे शब्‍द लि‍खि‍ए, एक साल में बैंक के मुलाजि‍म को जि‍तना काम करना पड़ता है न, उससे ज्‍यादा काम वो पि‍छले एक हफ्ते से कर रहा है। मुझे खुशी हुई। मैंने सोशल मीडि‍या में देखा रि‍टायर्ड बैंक के कर्मचारी, कि‍सी की उम्र 70 साल, कि‍सी की 75 साल, वो बैंक में गए। उन्‍होंने कहा, साहब रि‍टायर्ड हो गए है लेकि‍न इस पवि‍त्र काम में, हमें आता है अगर आप हमें बैठाकर के काम में लगाना चाहते हैं तो हम हमारी सेवा देने के लि‍ए तैयार है। मैं उन रि‍टायर्ड बैंक के कर्मचारि‍यों का भी आज अभि‍नंदन करना चाहता हूं जि‍न्‍होंने अपनी सेवाएं देने के लि‍ए अपनी पुरानी ब्रांच में जाकर के मदद करने के लि‍ए गुहार लगाई है। मैं उनका अभि‍नंदन करता हूं।

मैं उन नौजवानों का अभि‍नंदन करता हूं जो कतार के बाहर धूप में खड़े रहकर के अपने खर्चे से लोगों को पानी पि‍ला रहे हैं। senior citizen के बैठने के लि‍ए कुर्सि‍‍यां लेकर के दौड़ रहे हैं। चारों तरफ देश की युवा पीढ़ी खासकर के इस समय इस काम को सफल करने के लि‍ए काम में लगी है। इस काम की सफलता का कारण 08 तारीख के 08 बजे का मोदी का नि‍र्णय नहीं है। इस काम की सफलता का कारण सवा सौ करोड़ देशवासी, जि‍समें कुछ लाख छोड़ दो, ये जी-जान से लगे हैं इसलि‍ए ये योजना सफल होना सुनि‍श्‍चि‍त है भाइयो-बहनों।

मैं दूसरी बात बताना चाहता हूं। मुझे बताइए हमारे देश में मतदाता सूची, सभी पॉलि‍टि‍कल पार्टि‍यां मतदाता सूची बनाने में काम करती है कि‍ नहीं करती है। सरकार के सभी लोग काम करते हैं कि‍ नहीं करते हैं, सारे टीचर्स करते हैं कि‍ नहीं करते हैं। उसके बावजूद भी जि‍स दि‍न पोलिंग होती है, शि‍कायत आती है कि‍ नहीं आती है कि‍ मेरा नाम नि‍कल गया, हमारी सोसायटी का नाम नि‍कल गया, मुझे वोट नहीं देने देते। मुसीबत आती है कि‍ नहीं आती है। इतना सारा open होने के बाद भी तकलीफ आती है कि‍ नहीं आती।

भाइयो-बहनों हमारे देश में चुनाव होता है, चुनाव में तो क्‍या करना होता, जाना-बटन दबाना-वापस आना, इतना ही करना है न, तो भी इस देश में करीब-करीब तीन महीने, 90 दि‍न तक चुनाव का काम चलता है और उसमें सारा पुलि‍स तंत्र, सीआरपीएफ, एसआरपी, बीएसएफ, गवर्नमेंट का हर मुलाजि‍म, पॉलि‍टि‍कल पार्टी के करोड़ों-करोड़ों कार्यकर्ता सब लोग 90 दि‍न तक दि‍न-रात मेहनत करते हैं तब जाकर के हमारे इतने बड़े देश का चुनाव संपन्‍न होता है। 90 दि‍न लग जाते हैं। भाइयो-बहनों, मैंने सि‍र्फ देश से 50 दि‍न मांगे हैं। 30 दि‍संबर तक मुझे मौका दीजि‍ए मेरे भाइयो-बहनों। अगर 30 दि‍संबर के बाद कोई मेरी कमी रह जाए, कोई मेरी गलती नि‍कल जाए, कोई मेरा गलत इरादा नि‍कल जाए तो आप जि‍स चौराहे में मुझे खड़ा करेंगे, मैं खड़ा होकर के देश जो सजा करेगा वो सजा भुगतने के लि‍ए तैयार हूं।

लेकि‍न मेरे देशवासी दुनि‍या आगे बढ़ रही है, भारत की ये बीमारी देश को तबाह कर रही है। 800 मि‍लि‍यन 65 प्रति‍शत 35 से कम उम्र वाले नौजवान उनका भवि‍ष्‍य दाव पर लगा है। इसलि‍ए मेरे भाइयो-बहनों जि‍नको राजनीति‍ करनी है वो करे, जि‍नका लुट चुका है वो रोते रहे, गंदे आरोप लगाते रहे लेकि‍न मेरे ईमानदार देशवासि‍यों आइए मेरे साथ चलि‍ए, सि‍र्फ 50 दि‍न। 30 दि‍संबर के बाद मैं, आपने जैसा हि‍न्‍दुस्‍तान चाहा है वो देने का वादा करता हूं।

कि‍सी को तकलीफ होती है, पीड़ा मुझे भी होती है। ये मेरे अहंकार का नहीं है। भाइयो-बहनों, मैंने बुराइयों को नि‍कट से देखा है। देशवासि‍यों की तकलीफ समझता हूं, उनकी मुसीबत समझता हूं लेकि‍न ये कष्‍ट सि‍र्फ 50 दि‍न के लि‍ए है। 50 दि‍न के बाद हम सफाई में सफल हो गए और एक बार सफाई हो जाती है तो छोटा-मोटा मच्‍छर भी नहीं आता। मुझे वि‍श्‍वास है। मैंने ये लड़ाई ईमानदार लोगों के भरोसे शुरू की है और ईमानदार लोगों की ताकत पर मुझे वि‍श्‍वास है, पूरा यकीन है, पूरा भरोसा है। आप कल्‍पना नहीं कर सकते कि‍ कैसे-कैसे लोगों का पैसा डूब रहा है। मां गंगा को भी आश्‍चर्य हो रहा है। कल जो चवन्‍नी नहीं डालते थे आज वो नोट बहाने आ रहे हैं। वो गरीब वि‍धवा मां मोदी को आशीर्वाद देती है कि‍ बेटा कभी बेटा या बहू देखते नहीं थे कल आए थे कि‍ ढाई लाख बैंक में जमा कराने है। उन गरीब वि‍धवा मांओं के आशीर्वाद देश की सफलता के यज्ञ को आगे बढ़ाएंगे और आपने देखा कि‍ कैसे-कैसे लोग, 2जी स्‍कैम, कोयला स्‍कैम, अरबो-खरबों, मालूम है न सब, आज चार हजार रुपए बदलने के लि‍ए लाइन में खड़ा रहना पड़ता है जी।

अरे सवा सौ करोड़ देशवासि‍यों का प्‍यार न होता, वि‍श्‍वास न होता, सरकारें तो आती और चली जाती भाइयो-बहनों, ये देश आज अमर है, ये देश का भवि‍ष्‍य उज्‍जवल है। इस उज्‍जवल भवि‍ष्‍य के लि‍ए कष्‍ट झेलना। मैं कभी-कभी हैरान हूं। अभी कल मेरी एक पत्रकार बंधु से बात हुई। मैंने कहा, आप तो मुझे दि‍न-रात कहते हो कि‍ मोदी जी बस युद्ध हो जाए। मैंने कहा फि‍र तकलीफ हो गई तो क्‍या करोगे। बि‍जली बंद हो जाएगी, चीजें आना बंद हो जाएंगी, रेलवे cancel हो जाएगी, रेलवे में फौज के लोग जाएंगे, आप नहीं जा पाओगे, तब क्‍या करोगे। बोले अच्‍छा, ऐसा होता है। कहना बड़ा सरल होता है भई, उपदेश देना सरल होता है, जब नि‍र्णय करते है तब उसके साथ चलना सामान्‍य मानि‍वकी को कोई तकलीफ नहीं होती।

मैं देशवासि‍यों को एक और बात कहना चाहता हूं। इन दि‍नों बहुत लोगों को ये भ्रष्‍टाचार और काले धन पर बोलने की हि‍म्‍मत नहीं है क्‍योंकि‍ जो भी बोला है, पकड़ा जाता है, यार कुछ तो दाल में काला है। ये हर कोई हँसते हुए चेहरे से बोल रहा है कि‍ नहीं, नहीं मोदी जी ने अच्‍छा कि‍या। फि‍र कि‍सी दोस्‍त को फोन करता है, यार कोई रास्‍ता है। फि‍र वो कहता है यार मोदी जी ने सारे रास्‍ते बंद कर दि‍ए। इसलि‍ए अफवाहें फैलाते हैं। एक दि‍न अफवाह फैलाई कि‍ नमक महंगा हो गया है। अब बताइए भई 500 के नोट और 1000 के नोट, कोई है जो 1000 के नोट लेकर नमक लेने जाता है। ये इसलि‍ए कि‍या जाता है क्‍योंकि‍ उनका मालूम है कि‍ उनका लुट रहा है। 70 साल से जमा कि‍या हुआ। महंगे से महंगे ताले लगाए थे, कोई पस्‍ती लेने वाला नहीं है। भि‍खारी भी मना करता है, नहीं साहब 1000 का नोट नहीं चलेगा।

भाइयो-बहनों, ईमानदार को कोई तकलीफ नहीं है। कुछ लोग अपने नोट, कहते है, मुझे सच मालूम नहीं लेकि‍न चर्चा चल रही है। कहते है कि‍ कोई साढ़े चार सौ में बेच रहा है, कोई 500 का नोट तीन सौ में दे रहा है। मैं देशवासि‍यों को कहता हूं कि‍ आपके 500 रुपए में से एक नया पैसा कम करने की ताकत कि‍सी की नहीं है। आपका 500 रुपए मतलब four hundred ninety nine and hundred paisa पक्‍का। ऐसे कि‍सी कारोबार में आप लि‍प्‍त मत होइए। कुछ बेइमान लोग अपने लोगों को कह देते हैं कि‍ जाओ लाइन में खड़े हो जाओ। दो-दो हजार का करवा लो यार, थोड़ा बहुत बच जाएगा।

दूसरा भाइयो-बहनों, मेरा सबसे आग्रह है। हो सकता है आपको पता भी न हो शायद आपके चाचा, मामा, भाई, पि‍ताजी जि‍नका स्‍वर्गवास हो गया हो कुछ करके गए हो। आपका कोई गुनाह न हो। बस आप बैंक में जमा कर दीजि‍ए, जो भी दंड देना है दंड दीजि‍ए, आप मुख्‍य धारा में आ जाइए। सबका भला है। एक बात और कहता हूं। कुछ लोग अगर ये मानते हो कि‍ आगे देखा जाएगा तो कम से कम वो मुझे पहचानते होंगे। देश आजाद हुआ तब से अब तक का आपका कच्‍चा-चि‍ट्ठा मैं खोल दूंगा। जि‍नके पास ये बेईमानी का है वो मानकर चले कि‍ कागज का टुकड़ा है ये, ज्‍यादा कोशि‍श न करे। वरना सरकारी मैं, इसके लि‍ए अगर एक लाख नए लड़कों को नौकरी देनी पड़े तो दूंगा और उनको इसी काम में लगाऊंगा। लेकि‍न देश में ये सारा जो करोबार चल रहा है उसको बंद करना ही करना है और अब लोग मुझे समझ गए हैं। इतने दि‍न उनको समझ नहीं आया लेकि‍न जरा एक डोज ज्‍यादा आया तो समझ आया। लेकि‍न ये पूर्णवि‍राम नहीं है। मैं खुलकर के कहता हूं कि‍ ये पूर्णवि‍राम नहीं है। देश में भ्रष्‍टाचार, बेईमानी बंद करने के लि‍ए मेरे दि‍माग में और भी कई प्रोजेक्‍ट चल रहे हैं। ये आने वाले हैं। ये ईमानदार लोगों के लि‍ए मैं कर रहा हूं जी, देश के गरीब लोगों के लि‍ए कर रहा हूं। मेहनत करके जि‍न्‍दगी गुजार रहे हैं, उनको अपना घर मि‍ले, उनके बच्‍चों को अच्‍छी शि‍क्षा मि‍ले, उनके घर में बुजुर्गों को अच्‍छी दवाई मि‍ले, इसके लि‍ए मैं कर रहा हूं।

मुझे गोवावासि‍यों का आशीर्वाद चाहि‍ए। आप खड़े होकर के, ताली बजाकर के मुझे आशीर्वाद दें। देश देखेगा, ईमानदार लोग, इस देश में ईमानदार लोगों की कमी नहीं है। आइए ईमानदारी के इस काम मेरा साथ दीजि‍ए। शाबाश मेरे गोवा के भाइयो-बहनों, मैं आपका सि‍र झुकाकर नमन करता हूं। ये सि‍र्फ गोवा नहीं, ये हि‍न्‍दुस्‍तान के हर ईमानदार की आवाज है।

भाइयो-बहनों, मैं जानता हूं कि‍ मैंने कैसी-कैसी ताकतों से लड़ाई मोड़ ली है। मैं जानता हूं कि‍ कैसे-कैसे लोग मेरे खि‍लाफ हो जाएंगे। मैं जानता हूं। 70 साल का मैं उनका लूट रहा हूं मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे, मुझे बर्बाद करके रहेंगे, उनको जो करना है करे। भाइयो-बहनों 50 दि‍न मेरी मदद करे। देश 50 दि‍न मेरी मदद करे। जोर से तालि‍यों के साथ मेरी इस बात को स्‍वीकार कीजि‍ए आप।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.