The 'remote control' Congress government never paid attention to Madhya Pradesh's needs: PM Modi
State after state, people are rejecting the negative politics of Congress: PM Modi
Congress represents nepotism, corruption, caste based and dynastic politics: PM Modi

केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान थावरचंद जी गहलोत, हमारे पड़ोस में दाहोद के ही हमारे कर्मठ कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली की सरकार में मंत्री श्रीमान जसवंत सिंह जी भाभोर, प्रदेश के महामंत्री बंशीलाल जी, झाबुआ जिलाध्यक्ष भाई ओम शर्मा जी, श्रीमान राज बर्फा जी, श्रीमान राजेश अग्रवाल जी, श्रीमान अशोक जैन जी, श्रीमान शांतिलाल बिलावल जी, श्रीमान किशोर साह जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जन-जन को समर्पित हमारे कार्यकर्ताजिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है... पेटलावाद से निर्मला जी भूरिया, आइए निर्मला जी यहां, मनावर से रंजना बघेल, थांदला से कलसिंह भाबर, गंधवानी से सरदार सिंह मेड़ा, कुक्षी से वीरेंद्र सिंह बघेल, सरदारपुर से श्रीमान संजय बघेल, जोबट से माधोसिंह डावर, झाबुआ से श्रीमान गुमान सिंह डामोर, आप सब से मेरा आग्रह है कि भारत माता की जय का नाद बुला कर के मेरे इन सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।

भाइयो-बहनो, जब झाबुआ आते हैं तो ऐसा ही लगता है कि हम घर पहुंच गए। इतने सालों का पुराना नाता, हर प्रकार से जुड़े हुए लोग, दाहोद या झाबुआ या अलीराजपुर कभी ऐसा लगा ही नहीं कि हम किसी दूसरे प्रदेश के लोग हैं। एक जैसे लगते हैं सब, अपनापन, रिश्तेदारी भी वैसी। यहां की बेटियां वहां, वहां की बेटियां यहां...ऐसा घनिष्ठ नाता और आज उन मेरे अपने परिवारजनों के बीच में आया हूं, मैं अपने आप में बड़ा सौभाग्य अनुभव कर रहा हूं। ये हमारी धरती देवजीरी और दक्षिणकालेश्वरी की धरती है। ये हमारी धरती वीर नायक चंद्रशेखर आजाद जी की जन्मभूमि है। हमारा झाबुआ आदिवासी परंपरा, संस्कृति, विशेषता उसकी आस्था का एक केंद्र रहा है। न सिर्फ मध्य प्रदेश लेकिन पड़ोस में गुजरात हो, राजस्थान हो, इन सबके साथ इस पूरे अंचल का एक विशेष नाता रहा है और हमारे भीलीगीत आज भी कानों में गूंजते रहते हैं। जनता की आवाज़, जनता की बात, संस्कारों की परंपरा, त्योहारों का वर्णन, परिवार का वर्णन, भीलीगीतों की विशेषता रही है। ऐसे ही चलते-चलते बात को बता देते हैं और सुनने वाले के मन को छू जाता है। ऐसी विरासत जिनके पास है, ऐसे आप सभी मतदाताओं को मैं हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

आज दुनिया पर्यावरण के मु्द्दे पर बहस कर रही है, चिंता जता रही है, अगर सदियों पहले मेरे इन झाबुआ, दाहोद, अलीराजपुर, डुंगरपुर, बांसवाड़ा यहां के आदिवासियों की जीवनशैली को अगर दुनिया ने देखा होता, समझा होता तो पर्यावरण की रक्षा कैसे होती है, उसके लिए आज इतनी चिंता करने की नौबत नहीं आती। अगर पर्यावरण की रक्षा करने का सामर्थ्य रहा है तो हमारे इन आदिवासी भाइयों में रहा है। अपने जीवन से भी ज्यादा जिन्होंने जंगल को प्यार किया है, जंगलों की रक्षा की है, मानवजाति के उज्व् ल भविष्य को बचाने के लिए कोशिश की है।ऐसी महान आदिवासी परंपरा जब दुनिया जानती है तो उनको आश्चर्य होता है कि सदियों से हमारे यहां ये परंपरा बनी हुई है।

भाइयो-बहनो, मुझे बीच-बीच में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के हिन्दुस्तान के दूर-सुदूर इलाकों में लोगों से बात करने का अवसर मिलता रहता है, वीडियो कॉन्फ्रेंस से मैं लोगों से बात करता रहता हूं और मुझे हमारे झाबुआ जिले के लोगों से भी आदिवासी बहनों के साथ एक बार बातचीत करने का मौका मिला था। एक हमारी चंपा बहन निनामा, ये चंपा बहन निनामा जब उनके साथ मैं बात कर रहा था, तब मैंने देखा, बाद में दूसरे दिन तो अखबारों में भी बहुत छपा था, और वो जब मेरे से बात कर रही थीं तो कड़कनाथ को लेकर के आई थीऔर उसने कहा देखिए हमारी आन-बान-शान ये हमारा कड़कनाथ है...भाइयो-बहनो, ये कड़कनाथ मुर्गा झाबुआ की समृद्ध परंपरा और विरासत को आर्थिक शक्ति और पूरे क्षेत्र को कड़क बनाने का काम करता है।

भाइयो-बहनो, विकास कैसे होता है, जरा वो दिन याद कीजिए तब विकास का दायरा क्या होता था...सोच क्या होती थी? और आज भी यहां 30-35-40-50 साल के लोग हैं और उससे ऊपर के जो लोग हैं उनको सब को सब मालूम है। पहले कांग्रेस के जमाने में लोन मेले लगते थे..लोन मेले और लोन मेले लगते थे, बाबू लोग आ जाते थे। सरकार चुनाव के पहले लोन मेले लगा लेती थी और फिर क्या करते थे? लोन किस चीज का? वो कहते हमारे आदिवासियों को ऐसा करो इतनी मुर्गी ले लो, इतना लोन मिल जाएगा आपको, इस मुर्गी के इतने अंडे होंगे, इतने अंडे बिकेंगे, इतनी फिर मुर्गी होगी, फिर इतनी मुर्गी बढ़ेगी, फिर उसमेंसे इतने अंडे बनेंगे फिर...और वो हमारा आदिवासी भाई सोचता था, ये तो बैंक का लोन ले लेना चाहिए, ये पैसे लेने चाहिए, भले कर्ज करना पड़े कर लेना चाहिए लेकिन अब ये मुर्गी का काम करना चाहिए और कड़कनाथ है तो फिर देखना ही क्या। वो बेचारा बड़े सपने लेकर के सोचता रहता है, इतनी मु्र्गी ली, इतनी मुर्गी और बनेगी, इतने अंडे और चलेंगे और कर्ज लेकर के, मुर्गी लेकर के घर जाता था, बड़े-बड़े सपने बुनता था, थोड़े दिन में इतनी मु्र्गी बेचेंगे इतना पैसा आएगा, फिर इतनी मुर्गी बेचेंगे इतना पैसा आएगा, फिर जमीन लेंगे, खेत लेंगे, घर लेंगे, साइकिल लेंगे सोचता रहता था। हफ्ता भी नहीं होता था और गांव में बड़े बाबू आते थे, लाल बत्ती वाली गाड़ी आ जाती थी और सब लोग गांव में आते थे तो वो हमारा आदिवासी भाई सोचता था अरे आओ..आओ..आओ भाई, इतने दूर से आए हो साहब, बड़े दिन के बाद आए हो, बैठो-बैठो और आदिवासी आग्रह भी करता था कि आए हो तो रात को रुक जाइए और रात को रुक जाने का कह दिया तो बाबू रुक जाता था और मेरा आदिवासी मेहमानवाजी में कभी पीछे नहीं रहता। वो सोचता है ये शहर के बाबू, लाल लाइट वाली गाड़ी वाले बाबू आए हैं चलो मेहमानवाजी ठीक कर लें तो अभी-अभी तो लोन लिया है लेकिन दो मुर्गी उसी रात को कड़कनाथ हो जाए उसका। कर्ज वैसे का वैसा धरा रह जाए और बाबू को मालूम है कि उसने मुर्गी ली है, मेहमान उसी के बन जाते थे और वो कर्ज से कभी बाहर नहीं आता था।

वो एक जमाना था, तौर तरीका था, हमने आकर के स्थिति बदल दी।हमने मुद्रा दी नौजवानों को, हम कहते हैं ट्रैक्टर लो, टेम्पो लो, ट्रक लो, अपना कारखाना शुरू करो, अपनी दुकान शुरू करो, खेत लो, व्यापार करो, कुआं खोदो, हम उस दिशा में ले गए। उनके सोचने का तरीका मुर्गी और अंडे से बाहर नहीं निकल पाया। हमारे आदिवासियों का आजादी के इतने सालों के बाद भी भविष्य नहीं बदल पाए और इसीलिए भाइयो-बहनो, हमने मु्द्रा योजना के तहत आज देश के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़े रहने की एक ताकत दी है, एक नया हौसला दिया है, नया विश्वास दिया है। पहले अगर उसको उसके पास संपत्ति नहीं है तो बैंक वाले लोन नहीं देते थे। घर गिरवी रखो तो लोन मिलेगा, खेत गिरवी रखो तो लोन मिलेगा, जिसके पास कुछ नहीं है वो क्या गिरवी रखेगा?वो क्या बताएगा।हमारी सरकार ने नियम बनाया कि मेरे आदिवासी भाई-बहन, मेरे देश के नौजवान अगर मुद्रा योजना से लोन लेना चाहते हैं तो उनको कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है, बैंक से उनको लोन मिल जाएगा और वे अपना कारोबार आसानी से चला सकेंगे।

भाइयो-बहनो, हमने करीब 14 करोड़...ये आंकड़ा छोटा नहीं है...हिन्दुस्तान में 25-27 करोड़ परिवार हैं...14 करोड़ लोन बिना गारंटी हमने स्वीकृत की है और उसमें 70% वो लोग हैं जिनको पहली बार बैंक में से पैसा लेने का सौभाग्य मिला है और वो आज अपने पैरों पर खड़े हैं, अपने बलबूते पर काम कर रहे हैं और खुद तो कमा रहे हैं...इतना ही नहीं गांव के एकाध दो छोरों को भी रोजी-रोटी कमाने का अवसर दे रहे हैं। ये काम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत करके हमने दूर-सुदूर इलाके के नौजवानों के हाथ में ताकत देने का काम किया है।

भाइयो-बहनो, हमारा आदिवासी जंगलों में जिंदगी गुजारता रहा, कभी-कभी तो पूरी जिंदगी पेड़ के नीचे गुजर गई। मेरा आज कोई भी ऐसा बुजुर्ग नहीं होगा, वो ये चाहता होगा कि जिन मुसीबतों में उसने जिंदगी काटी, उसकी संतानों को भी उसी मुसीबत से गुजारा करना पड़े। ऐसा कभी कोई मां-बाप नहीं सोचता है। जिन सरकारों की वजह से आपकी जिंदगी गरीबी में गई, आपकी जवानी तबाह हो गई, आप बुढ़ापे के कगार पे आके खड़े रहे क्या आपके बच्चों के नसीब में भी, आपके बेटे-बेटियों के नसीब में भी आप फिर से ऐसी सरकार लाना चाहेंगे जो आपको अंधेरे में जिंदगी जीने के लिए मजबूर करती थी, लकड़ी के धुएं में चूल्हा जलाने के लिए मजबूर करती थी?बिना सड़क के गांव में दो-दो दिन तक बस नहीं आती थी, कहीं जाना है तो मीलों तक सफर करना पड़ता था, क्या आप फिर से अपने बच्चों की जिंदगी ऐसे लोगों के हाथ में देना चाहते हैं क्या? मुझे विश्वास है जिन्होंने जिंदगी की कठिनाइयां देखी हैं, मुसीबतों से गुजारा किया है, आजादी के 50 साल अनेक कठिनाइयां झेली हैं, वे अब 1 मिनट के लिए भी ऐसी सरकार कभी नहीं लाएंगे जो सरकार उनके बच्चों को भी, बेटे-बेटियों को भी आने वाले 50 साल तक ऐसी मुसीबतों में जीने के लिए मजबूर कर दे। और इसीलिए भाइयो-बहनो और आप कसौटी पर कसिए, हम जो दावे कर रहे हैं उन दावों को आप खरी कसौटी से देखिए और अगर आपको विश्वास हो जाए कि भाई बात तो गले उतरने वाली है कि जो काम 50 साल में नहीं हो पाया वो काम अगर शिवराज जी ने 15 साल में कर दिया, जो काम 4 पीढ़ी नहीं कर पाई वो मोदी जी ने 4 साल में कर दिया, फिर तो ऐसी सरकार को जितनी ताकत दें उतनी ताकत कम है।

भाइयो-बहनो, आज गांव के लोगों की क्या मांग रहती थी, जब कांग्रेस की सरकार थी तब गांव के सरपंच आते थे दफ्तर में, तो क्या मांग करते थे...वो कहते थे, ये मेरे झाबुआ जिले के लोग भी यही मांगते थे, वो कहते थे साहब अकाल है, मिट्टी खोदने का काम दे दीजिए। कभी बड़ा मेमोरेंडम देते थे और कहते थे कि हमारे गांव में एक मिट्टी का कम से कम रास्ता बन जाए। अगर...हमें जाना-आना हो तो सुविधा हो जाए। कांग्रेस के जमाने में गांव के लोगों की मुसीबतें ऐसी थीं कि वो कच्ची मिट्टी के रास्ते से ज्यादा मांगने की हिम्मत तक नहीं करते थे। आज हमने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनाई तो आज मेरे गांव का आदिवासी कहता है कि हमारे गांव को इधर से तो सड़क मिली है,लेकिन उधर से मिल जाए तो वहां जाने में हमारा 2-3 किलोमीटर का रास्ता कम हो जाएगा। कभी मेरा आदिवासी आके कहता है साहब सिंगल पट्टी तो मिली है, अब जरा डबल पट्टी वाला काम हो जाए तो अच्छा होगा। वो जमाना था जब विकास का मतलब होता था मिट्टी डालो और उसको रोड मानो, आज जमाना हमने बदल दिया है। वो कहता है डामर की पक्की सड़क चाहिए, एक पट्टी नहीं दो पट्टी चाहिए। ये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम हमने करके दिखाया और भाइयो-बहनो, पहले जितना काम होता था इससे हमने डबल काम किया है, डबल। जितना काम हमने किया है उतना काम अगर कांग्रेस को करना होता, एक तो करते नहीं वो मिट्टी का ही काम करते, लेकिन करना भी होता तो उनको जो काम हमने 4 साल में किया उसको करने में उनको 10 साल लग जाता।

भाइयो-बहनो, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हमने सपना देखा है…और हमारा सपना है, 2 साल के बाद, 3 साल के बाद, जब 2022 होगा उस 2022 में भारत की आजादी के 75 साल होंगे...चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों ने जिन सपनों को लेकर के बलिदान दिया था, क्या आजादी के 75 साल के बाद वो सपने पूरे होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए? और इसीलिए भाइयो-बहनो, हमारा सपना है, एक सपना है 2022 आजादी के 75 साल होने तक हमारे देश के किसानों की जो आय है वो आय दोगुनी करना। दूसरा हमारा सपना है हमारे देश के अंदर गरीब से गरीब व्यक्ति भी दूर-सुदूर जंगलों में रहने वाला मेरा आदिवासी भाई हो, इस देश में एक भी परिवार ऐसा ना हो जिसके पास रहने के लिए अपना पक्का घर ना हो।

भाइयो-बहनो, बहुत बड़ा सपना मैंने देखा है, हर किसी को पक्का घर देने का मैंने वादा किया है। और मेरे वादे की ताकत देखिए, ये कांग्रेस की तरह खोखले वादे नहीं हैं।उनके 50 साल में 4 पीढ़ी में जो बोला गया याद करो, वे भी भूल गए हैं,नीचे कुछ उतरा नहीं है।हमने तो वादा किया, निभा करके दिखाया है। अब तक 1 करोड़ 25 लाख घर बनाकर के चाबी दे दी है लोगों को। इस बार लोगों ने दिवाली अपने नए पक्के घर में मनाई है। भाइयो-बहनो, और घर बनाने की उनकी योजना, वे साल में जितने घर बनाते थे, वो चारदीवारें खड़ी करते थे, हम तो घर बना रहे हैं, घर में नल भी होगा, नल में जल भी होगा, घर में बिजली भी होगी, घर में शौचालय भी होगा और घर में माता-बहनों के खाना पकाने के लिए गैस का चूल्हा भी होगा, ऐसा मकान बनाकर के दे रहे हैं।और उन्होंने बनाया...अगर उसी स्पीड से हम चलेंगे तो आपके पोते भी अपना घर कभी देख नहीं पाएंगे, इतने साल लग जाएंगे। हम तो आपके जीते जी, आपकी आंखों के सामने, आपके बच्चे पक्के घर में रहने चले जाएं, इस गति से काम कर रहे हैं और आपकी जिंदगी आपकी आंखों के सामने बदल कर के दिखाना चाहते हैं।

भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस वाले किसानों के नाम पर बातें तो बहुत करते हैं लेकिन मैं उनको पूछना चाहता हूं भाई आप मुझे बताइए कि आपने हमारे मध्य प्रदेश में 15 सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट जिससे किसान को पानी मिलने वाला था, जिससे किसान की जिंदगी बनने वाली थी, वो 15 सिंचाई के प्रोजेक्ट इतने सालों तक क्यों लटकते रहे, क्यों अटकते रहे? क्या कारण है कि शिवराज जी की सरकार ने आकर के और दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद देश में ऐसे 99, करीब-करीब 100 ऐसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट खोज करके निकाले जो ऐसे ही आधे-अधूरे लटके पड़े थे?उसमें 15 प्रोजेक्ट ये मेरे मध्य प्रदेश के थे और उनको पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश के काफी पूरे कर दिए हैं, जो अधूरे हैं उसको पूरा करने का काम चल रहा है और उसके कारण मेरे किसान को पानी मिल रहा है।वो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत लेकर के काम कर रहा है, उसकी जिंदगी बदलने का काम चल रहा है।

भाइयो-बहनो, ये कर्नाटक में अभी चुनाव हुआ, इस चुनाव में कांग्रेस वालों ने वादा किया था कि वो किसानों का कर्ज माफ करेंगे, वोट तो ले लिए, सरकार बना ली, अब ब्याज तो, ब्याज माफ करने की बात छोड़ो, कर्ज माफ करने की बात छोड़ो, उनको जेल में भेजने के वारंट निकल रहे हैं, वारंट कि आपने पैसा जमा नहीं कराया, जेल जाने की तैयारी करो। किसान अपना घर छोड़-छोड़ करके भागे घूम रहे हैं और आज कर्नाटक में किसानों का आंदोलन चल रहा है, किसान मांग कर रहे हैं तो वहां के मुख्यमंत्री कहते हैं कि आपने किसको बुलाया है यहां पर, ये तो गुंडे लोग हैं। ये कांग्रेस का चरित्र देखिए, अभी 4 महीने पहले तो वोट बटोर लिए थे, आज उन किसानों को कर्नाटक में गुंडे कह कर के उनको जुल्म करने की दिशा में, जेलों में बंद करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भाइयो-बहनो ऐसा ही एक ड्रामा कांग्रेस ने 2008 में किया था, 2009 के चुनाव के पहले गाजे-बाजे के साथ ढोल पीटा था, किसानों का कर्ज माफ करेंगे, किसानों का कर्ज माफ करेंगे लेकिन किया क्या? उस समय किसानों का कर्ज था करीब 6 लाख करोड़ रुपया, जब ये मैडम की सरकार थी ना दिल्ली में, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार तब, 6 लाख करोड़ रुपया ये कर्ज देश के किसानों का था और उन्होंने चुनाव में वोट ले लिए, कर्जमाफी के नाम पर और 6 लाख करोड़ के सामने 60 हजार करोड़ रुपया भी माफ नहीं किया।

ये बातें बाहर नहीं आईं, इसीलिए नहीं आई कि 2009 में चुनाव जीत गए तो उनके जो रागदरबारी हैं उन्होंने बोलना बंद कर दिया और उस समय कोयले का घोटाला, 2G का घोटाला, हेलिकॉप्टर का घोटाला, पनडुब्बी का घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम का घोटाला, इतने घोटाले हवा में थे, ये किसानों के साथ उन्होंने जो धोखा किया वो चर्चा में ही नहीं आया क्योंकि बड़े-बड़े घोटाले थे। और क्या घोटाला किया...6 लाख करोड़ के सामने 60,000 करोड़, दूसरा जिनको दिया CAG ने रिपोर्ट निकाली उस रिपोर्ट में 30-40 लाख लोग ऐसे निकले जिनका कर्ज माफ होने का कोई कारण ही नहीं बनता था, ना कोई उनका हिसाब-किताब था, लेकिन उनके यार-दोस्तों के खातों में रुपये डालकर के, ये देश के गरीबों के रुपये लूट लिए और अपनों को उन्होंने दे दिए।ये सारा CAG ने पकड़ लिया।इतना ही नहीं, जब ये सब पकड़ा-पकड़ी चली, चोरी पूरी पकड़ाने लगी तो उन्होंने एक नया खेल किया और ये नया खेल ये किया कि करीब सवा करोड़ लोगों को सर्टिफिकेट ही नहीं दिया कि आपका कर्ज माफ हो गया है और उसका परिणाम ये हुआ कि किसान को जिंदगीभर अब कर्ज देने से मनाही हो गई,चौकड़ी लग गई, उसकी तो जिंदगी तबाह हो गई। ये कांग्रेस के झूठे वादे, झूठे तरीके ये देशद्रोह प्रकार का काम, किसानद्रोह प्रकार का काम, देश के भविष्य के द्रोह प्रकार का काम, ये कभी भी माफ करने जैसा नहीं है। और इसीलिए मेरे भाइयो-बहनो, हमारे कांग्रेस के लोगों को बड़ी परेशानी है, उनको मोदी से झगड़ा किस बात का है? उनको परेशानी यही है कि मोदी इतना काम करता क्यों है, बिना थके, बिना रुके, दौड़ता ही रहता है, जब देखो कुछ ना कुछ करता ही रहता है…ना उसको अपना घर है, परिवार है, अपने लिए कुछ करना है। बस सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है, इन्हीं के लिए जीता हूं, उन्हीं के लिए दौड़ता हूं और इसीलिए उनको परेशानी हो रही है।और इसीलिए अनाप-शनाप बातें बताते रहना ये कांग्रेस के चरित्र का हिस्सा बन गया है।

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए और मैं आशा करता हूं कि आप मुझे जवाब देंगे।इस देश को भ्रष्टाचार ने बर्बाद किया है कि नहीं किया है...इस देश को भ्रष्टाचार ने बर्बाद किया है कि नहीं किया है...हर नीचे स्तर पर भी कोई ना कोई आपसे भ्रष्टाचार का पैसा मांगता है कि नहीं मांगता है...भ्रष्टाचार किए बिना काम होता नहीं आपका अनुभव है कि नहीं है...क्या देश को इस बीमारी से बाहर निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए...निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए...अरे दीमक लगती है ना दीमक, तो सबसे जहरीली दवा डालनी पड़ती है, हिन्दुस्तान में ये कांग्रेस के कालखंड में ऐसा भ्रष्टाचार फैल गया, ऐसा भ्रष्टाचार फैल गया कि मुझे नोटबंदी जैसी बड़ी तेज दवाई का उपयोग करना पड़ा ताकि जो गरीबों का लूट के गए हैं, वो देश के खजाने में वापस आए। वरना हम तो अखबार में देखते थे तस्वीरें कि बिस्तर के नीचे नोटें पड़ी हैं, बोरे भर-भर के नोटें पड़ी हैं बाबुओं के घर में नोटें, नेताओं के घर में नोटें, उद्योगकारों के कारखानों के पीछे नोटें, आज ये मोदी की ताकत देखिए ये पाई-पाई बैंकों में जमा कराने के लिए मजबूर कर दिया भाइयो।

ये जो घर बन रहे हैं, ये रोड बन रहे हैं, ये स्कूल बन रहे हैं, जो अस्पताल बन रहे हैं, ये जो गरीबों के कल्याण की योजनाएं बन रही हैं, ये सारे पैसे पहले बिस्तर के नीचे छुपाए हुए थे, बाहर निकले तो गरीबों के काम आने लग गए भाइयों, और इससे उनको परेशानी है।पहले अगर हृदय रोग की बीमारी हो, अस्पताल जाना हो, लाख-डेढ़ लाख-दो लाख खर्चा होता था, मोदी ने कहा कि नहीं भाई ये नहीं चलेगा, मेरे गरीब को सस्ते में चाहिए, सही दाम देकर दो, और जो चीज डेढ़ लाख की मिलती थी, वो 25-30 हजार पर आ गई। मेरे गरीब का फायदा हो गया। अब जो मुफ्त का कमाता था और कुछ लोगों को मलाई खिलाता था, उसका रुपया मैंने कम कर दिया तो मुझपे गुस्सा करेगा कि नहीं करेगा...वो मोदी के खिलाफ अनाप-शनाप नारेबाजी करेगा कि नहीं करेगा..मोदी की सरकार को हटाने के लिए दिन-रात एक करेगा कि नहीं करेगा! लेकिन मुझे काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए...देश के सामान्य नागरिक की भलाई के लिए काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए?
भाइयो-बहनो, हमने जन औषधि केंद्र खोले देशभर में, जो दवाई 100 रुपये में मिलती थी, सामान्य मानवी को लूटा जाता था, हमने 10 रुपया कर दिया। उनकी तो कमाई कम हुई, मुनाफा कम हुआ लेकिन गुस्सा मुझपर बढ़ गया।आप मुझे बताइए गरीब आदमी को सस्ते में दवाई मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए?

हमारा तो मंत्र है बालक-बालिकाओं के लिए पढ़ाई, युवाओं के लिए कमाई, किसानों के लिए सिंचाई और बुजुर्गों के लिए दवाई। इस मंत्र को लेकर के हम काम कर रहे हैं। विकास यही हमारा मंत्र है, सामान्य मानवी की जिंदगी बदलना यही हमारा मंत्र है और उस मंत्र को लेकर के हम आगे चल रहे हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, आपने देखा होगा कि नीचे जो भ्रष्टाचार है वो खत्म कैसे होगा, मोदी ने ऊपर तो फटाफट सारे दरवाजे बंद कर दिए, सारे पाइपलाइन बंद कर दिए, चोरी करने के सारे रास्तों पर ताले लगाए लेकिन अभी भी जब नीचे होता है तो क्या करना उसका उपाय भाई...? छोटे-छोटे लोगों को कोई लूटता है, 5 रुपया, 10 रुपया मारता है तो क्या करना? हमने टेक्नोलॉजी का उपयोग शुरू किया है।पहले मनरेगा का पैसा...हमारा गरीब-आदिवासी मजदूरी करता था लेकिन पैसे लेते समय वो कहता था तेरा 100 रुपया बनता है, लेकिन 20 रुपया मुझे दोगे तो 100 रुपया निकालूंगा वरना नहीं निकलेगा...वो गरीब आदमी बेचारा कहता ठीक है 20 रुपया तू ले ले, मेरा 80 रुपया देकर के हमारा आज का दिन निकाल दे। हमने कहा ये सब चोरबाजारी बंद। सीधा उसके बैंक में खाता में पैसा डाल देंगे, ये कटकी कंपनी का काम बंद हो गया भाइयो-बहनो। हुआ कि नहीं हुआ?
पहले बच्चा स्कूल में स्कॉलरशिप लेने जाता था तो स्कूल वाला भी स्कॉलरशिप देता नहीं था, आज नहीं कल नहीं फिर कहता तेरी मां को बुलाओ, तेरे बाप को बुलाओ और फिर उससे सौदा करता था कि देखिए स्कॉलरशिप का 500 रुपया मिलेगा लेकिन मुझे कुछ ऊपर देना पड़ेगा और तू मुझे 50 दे दे, तब जा कर बच्चों को स्कॉलरशिप देते थे। ये लूट चलती थी। हमने तय किया, बच्चों का बैंक का अकाउंट खोलेंगे और दिल्ली से सीधा पैसा उसके बैंक के खाते में डाल देंगे, कोई कटकी कंपनी पैसा नहीं मारेगी भाइयो-बहनो।

भाइयो-बहनो, गरीब आदमी सोचता है कहीं नौकरी मिल जाए, ड्राइवर बन जाए, प्यून बन जाए, क्लर्क बन जाए, कुछ काम मिल जाए और वो नौकरी के लिए प्रयास करता है। बेचारा पढ़ाई की है 10वीं-12वीं तक अच्छी मार्क लाया है। अर्जी कर देता है तो उसका लिखित एग्जाम आ जाता है वो भी पास कर लेता है, इंटरव्यू का कागज आ जाता है, लेकिन जैसे ही इंटरव्यू का कागज घर पहुंचता है एक झोला छाप आदमी आ जाता है, नमस्ते-नमस्ते माता जी कैसे हो? अरे सुना है, बच्चे को इंटरव्यू आया है, वो मां कहती है...हां आया, अच्छे दिन आए हैं, बच्चे का इंटरव्यू आया है तो वो धीरे से कहता है, कि मां आप तो जानते हो भ्रष्टाचार का जमाना है, इंटरव्यू आ गया है इसीलिए नौकरी नहीं मिल जाती, कोई सिफारिश है, कोई रिश्तेदार है, कोई जान-पहचान है तो वो बेचारी बूढ़ी मां कहती है, भई हम तो गरीब आदमी, बच्चे को पढ़ाया, हमारी तो क्या पहचान होगी, हमें कौन पहचानेगा? तो वो धीरे से कहता है, मां मेरी पहचान है, मैं कोशिश करता हूं, देखो कल आकर के बताता हूं...देखो हां करता है तो…वो दूसरे दिन आ जाता है…मां को कहता है मां, मामला तो पक्का हो सकता है लेकिन 15,000 रुपया मांग रहा है, तो मां कह रही है भई 15,000 कहां है मेरे पास, तो मां कहती है…अच्छा भई देखो ये मेरे गहने हैं उसको गिरवी रख दो…15,000 रुपया ले जाओ मेरे बच्चे को नौकरी दिलवा दो।ये भ्रष्टाचार चलता था कि नहीं चलता था भाइयो...मुझे बताइए खेल चलता था कि नहीं चलता था...गरीबों के रुपये लूटे जाते थे कि नहीं जाते थे? हमने तय किया, कहा क्लास तीन-चार के अंदर कोई इंटरव्यू नहीं करेंगे। 10वीं-12वीं की परीक्षा..उसके रिकॉर्ड के आधार पर जो नौकरी पाने योग्य है उसके घर नौकरी का ऑर्डर चला जाएगा, भ्रष्टाचार का खेल खत्म हो जाएगा भाइयो।

हमने एक के बाद एक कदम उठाए हैं। ये सारी चिल्लाहट, परेशानी कांग्रेस को इसीलिए है कि 50 साल तक जो लूट करने की उनकी आदत बनी थी उसको मैंने रोक लगाई है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, देश के उज्व् ल भविष्य के लिए, हमारे मध्य प्रदेश के उज्व्ोल भविष्य के लिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि आप विकास के लिए वोट कीजिए, अपने बच्चों का भविष्य बदलने के लिए वोट कीजिए, अपनी जिंदगी बदलने के लिए वोट कीजिए। अरे हमने आयुष्मान भारत योजना लाई, गरीब परिवार में कोई बीमार है, डॉक्टर के पास जाएगा, 2 लाख-3 लाख खर्चा हो जाएगा, किडनी खराब है, हार्ट की तकलीफ है, कैंसर हुआ है, वो बेचारा कर नहीं पाएगा। हमने आयुष्मान भारत योजना लाई, हिन्दुस्तान के 50 करोड़ लोगों को किसी भी प्रकार की अगर गंभीर बीमारी है, वो अच्छे से अच्छे अस्पताल में ऑपरेशन करवाएगा और उसका खर्चा हमारी सरकार देगी। साल का 5 लाख रुपये तक का खर्चा सरकार देगी। भाइयो-बहनो आज गरीब बीमार हो जाएगा तो उसको कहां जाऊं, इसकी चिंता नहीं है, एक बार मोदी को याद कर लीजिए आपके लिए काम की व्यवस्था हो जाएगी। भाइयो-बहनो, हम हर व्यक्ति की चिंता कर रहे हैं, उसकी जिंदगी बदलने का प्रयास कर रहे हैं।आप देखिए हमारे मध्य प्रदेश में 55 साल तक कांग्रेस ने राज किया, सिर्फ 1500 स्कूल बना पाए, सरकारी स्कूल गरीब के लिए होता है, लेकिन शिवराज जी ने 15 साल में 4,000 स्कूल बना दिया। काम कैसे होता है...उनके 55 साल में 1500 और शिवराज जी के 15 साल के अंदर 4,000,ये गरीबों की भलाई करने के लिए काम किया गया है भाइयो-बहनो।

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं कि आप भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए, हमारे इन सभी होनहार उम्मीदवारों को विजयी बनाइए। मैं कंधे से कंधा मिलाकर के और आपका पुराना पड़ोसी होने के नाते मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हम कर के दिखाएंगे। भाइयो-बहनो, आदिवासी परंपरा, आदिवासी के महान नायकों ने क्या कुछ नहीं किया लेकिन उस इतिहास को दबोच दिया गया है। आपमें से बहुत लोग मुझे मानगढ़ में मिलते रहते हैं, मैं लगातार आता था...गोविंद गुरु का स्थान हमने कैसा बना दिया...और गोविंद गुरु जी ने आदिवासियों के समाज में से आकर के आजादी की लडा़ई कैसे लड़ी थी। गोविंद गुरु और इस पूरे इलाके के लोग मानगढ़ आते हैं, गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देने के लिए और मैं खुद भी जब मुख्यमंत्री थाचला जाता था... ऐसा भव्य स्मारक बनाया है कि मेरा हर आदिवासी गर्व कर सकता है भाइयो-बहनो। ये हमारी सोच का परिणाम है कि देश के हर महापुरुष को हम याद करते हैं, ये हमारी सोच का परिणाम है कि आदिवासियों ने हिन्दुस्तान की भलाई के लिए जो त्याग तपस्या की है उसका हम महत्त्व रखते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, आपके विकास के लिए, आपके परिवार के उज्व्।ल भविष्य के लिए, इस जिले के भविष्य के लिए, मध्य प्रदेश के उज्व्जल भविष्य के लिए, हम सब फिर एक बार शिवराज जी की सरकार बनाएं, भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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West Bengal must be freed from TMC’s Maha Jungle Raj: PM Modi at Nadia virtual rally
December 20, 2025
Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts: PM Modi
West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride: PM in Nadia
Whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal: PM Modi
West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj: PM Modi’s call for “Bachte Chai, BJP Tai”

आमार शोकोल बांगाली भायों ओ बोनेदेर के…
आमार आंतोरिक शुभेच्छा

साथियो,

सर्वप्रथम मैं आपसे क्षमाप्रार्थी हूं कि मौसम खराब होने की वजह से मैं वहां आपके बीच उपस्थित नहीं हो सका। कोहरे की वजह से वहां हेलीकॉप्टर उतरने की स्थिति नहीं थी इसलिए मैं आपको टेलीफोन के माध्यम से संबोधित कर रहा हूं। मुझे ये भी जानकारी मिली है कि रैली स्थल पर पहुंचते समय खराब मौसम की वजह से भाजपा परिवार के कुछ कार्यकर्ता, रेल हादसे का शिकार हो गए हैं। जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की दुखद मृत्यु हुई है, उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। जो लोग इस हादसे में घायल हुए हैं, मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं।

साथियों,

मैं पश्चिम बंगाल बीजेपी से आग्रह करूंगा कि पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद की जाए। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं। साथियों, हमारी सरकार का निरंतर प्रयास है कि पश्चिम बंगाल के उन हिंस्सों को भी आधुनिक कनेक्टिविटी मिले जो लंबे समय तक वंचित रहे हैं। बराजगुड़ी से कृष्णानगर तक फोर लेन बनने से नॉर्थ चौबीस परगना, नदिया, कृष्णानगर और अन्य क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा। इससे कोलकाता से सिलीगुडी की यात्रा का समय करीब दो घंटे तक कम हो गया है आज बारासात से बराजगुड़ी तक भी फोर लेन सड़क पर भी काम शुरू हुआ है इन दोनों ही प्रोजेक्ट से इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन का विस्तार होगा।

साथियों,

नादिया वो भूमि है जहाँ प्रेम, करुणा और भक्ति का जीवंत स्वरूप...श्री चैतन्य महाप्रभु प्रकट हुए। नदिया के गाँव-गाँव में... गंगा के तट-तट पर...जब हरिनाम संकीर्तन की गूंज उठती थी तो वह केवल भक्ति नहीं होती थी...वह सामाजिक एकता का आह्वान होती थी। होरिनाम दिये जोगोत माताले...आमार एकला निताई!! यह भावना...आज भी यहां की मिट्टी में, यहां के हवा-पानी में... और यहाँ के जन-मन में जीवित है।

साथियों,

समाज कल्याण के इस भाव को...हमारे मतुआ समाज ने भी हमेशा आगे बढ़ाया है। श्री हरीचांद ठाकुर ने हमें 'कर्म' का मर्म सिखाया...श्री गुरुचांद ठाकुर ने 'कलम' थमाई...और बॉरो माँ ने अपना मातृत्व बरसाया...इन सभी महान संतानों को भी मैं नमन करता हूं।

साथियों,

बंगाल ने, बांग्ला भाषा ने...भारत के इतिहास, भारत की संस्कृति को निरंतर समृद्ध किया है। वंदे मातरम्...ऐसा ही एक श्रेष्ठ योगदान है। वंदे मातरम् का 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव पूरा देश मना रहा है हाल में ही, भारत की संसद ने वंदे मातरम् का गौरवगान किया। पश्चिम बंगाल की ये धरती...वंदे मातरम् के अमरगान की भूमि है। इस धरती ने बंकिम बाबू जैसा महान ऋषि देश को दिया... ऋषि बंकिम बाबू ने गुलाम भारत में वंदे मातरम् के ज़रिए, नई चेतना पैदा की। साथियों, वंदे मातरम्…19वीं सदी में गुलामी से मुक्ति का मंत्र बना...21वीं सदी में वंदे मातरम् को हमें राष्ट्र निर्माण का मंत्र बनाना है। अब वंदे मातरम् को हमें विकसित भारत की प्रेरणा बनाना है...इस गीत से हमें विकसित पश्चिम बंगाल की चेतना जगानी है। साथियों, वंदे मातरम् की पावन भावना ही...पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी का रोडमैप है।

साथियों,

विकसित भारत के इस लक्ष्य की प्राप्ति में केंद्र सरकार हर देशवासी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। भाजपा सरकार ऐसी नीतियां बना रही है, ऐसे निर्णय ले रही है जिससे हर देशवासी का सामर्थ्य बढ़े आप सब भाई-बहनों का सामर्थ्य बढ़े। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। कुछ समय पहले...हमने GST बचत उत्सव मनाया। देशवासियों को कम से कम कीमत में ज़रूरी सामान मिले...भाजपा सरकार ने ये सुनिश्चित किया। इससे दुर्गापूजा के दौरान... अन्य त्योहारों के दौरान…पश्चिम बंगाल के लोगों ने खूब खरीदारी की।

साथियों,

हमारी सरकार यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी निवेश कर रही है। और जैसा मैंने पहले बताया पश्चिम बंगाल को दो बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स मिले हैं। जिससे इस क्षेत्र की कोलकाता और सिलीगुड़ी से कनेक्टिविटी और बेहतर होने वाली है। साथियों, आज देश...तेज़ विकास चाहता है...आपने देखा है... पिछले महीने ही...बिहार ने विकास के लिए फिर से एनडीए सरकार को प्रचंड जनादेश दिया है। बिहार में भाजपा-NDA की प्रचंड विजय के बाद... मैंने एक बात कही थी...मैंने कहा था... गंगा जी बिहार से बहते हुए ही बंगाल तक पहुंचती है। तो बिहार ने बंगाल में भाजपा की विजय का रास्ता भी बना दिया है। बिहार ने जंगलराज को एक सुर से एक स्वर से नकार दिया है... 20 साल बाद भी भाजपा-NDA को पहले से भी अधिक सीटें दी हैं... अब पश्चिम बंगाल में जो महा-जंगलराज चल रहा है...उससे हमें मुक्ति पानी है। और इसलिए... पश्चिम बंगाल कह रहा है... पश्चिम बंगाल का बच्चा-बच्चा कह रहा है, पश्चिम बंगाल का हर गांव, हर शहर, हर गली, हर मोहल्ला कह रहा है... बाचते चाई….बीजेपी ताई! बाचते चाई बीजेपी ताई

साथियो,

मोदी आपके लिए बहुत कुछ करना चाहता है...पश्चिम बंगाल के विकास के लिए न पैसे की कमी है, न इरादों की और न ही योजनाओं की...लेकिन यहां ऐसी सरकार है जो सिर्फ कट और कमीशन में लगी रहती है। आज भी पश्चिम बंगाल में विकास से जुड़े...हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं। मैं आज बंगाल की महान जनता जनार्दन के सामने अपनी पीड़ा रखना चाहता हूं, और मैं हृदय की गहराई से कहना चाहता हूं। आप सबकों ध्यान में रखते हुए कहना चाहता हूं और मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं। टीएमसी को मोदी का विरोध करना है करे सौ बार करे हजार बार करे। टीएमसी को बीजेपी का विरोध करना है जमकर करे बार-बार करे पूरी ताकत से करे लेकिन बंगाल के मेरे भाइयों बहनों मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि पश्चिम बंगाल के विकास को क्यों रोका जा रहा है? और इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि मोदी का विरोध भले करे लेकिन बंगाल की जनता को दुखी ना करे, उनको उनके अधिकारों से वंचित ना करे उनके सपनों को चूर-चूर करने का पाप ना करे। और इसलिए मैं पश्चिम बंगाल की प्रभुत्व जनता से हाथ जोड़कर आग्रह कर रहा हूं, आप बीजेपी को मौका देकर देखिए, एक बार यहां बीजेपी की डबल इंजन सरकार बनाकर देखिए। देखिए, हम कितनी तेजी से बंगाल का विकास करते हैं।

साथियों,

बीजेपी के ईमानदार प्रयास के बीच आपको टीएमसी की साजिशों से भी उसके कारनामों से भी सावधान रहना होगा टीएमसी घुसपैठियों को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है बीजेपी जब घुसपैठियों का सवाल उठाती है तो टीएमसी के नेता हमें गालियां देते हैं। मैंने अभी सोशल मीडिया में देखा कुछ जगह पर कुछ लोगों ने बोर्ड लगाया है गो-बैक मोदी अच्छा होता बंगाल की हर गली में हर खंबे पर ये लिखा जाता कि गो-बैक घुसपैठिए... गो-बैक घुसपैठिए, लेकिन दुर्भाग्य देखिए गो-बैक मोदी के लिए बंगाल की जनता के विरोधी नारे लगा रहे हैं लेकिन गो-बैक घुसपैठियों के लिए वे चुप हो जाते हैं। जिन घुसपैठियों ने बंगाल पर कब्जा करने की ठान रखी है...वो TMC को सबसे ज्यादा प्यारे लगते हैं। यही TMC का असली चेहरा है। TMC घुसपैठियों को बचाने के लिए ही… बंगाल में SIR का भी विरोध कर रही है।

साथियों,

हमारे बगल में त्रिपुरा को देखिए कम्युनिस्टों ने लाल झंडे वालों ने लेफ्टिस्टों ने तीस साल तक त्रिपुरा को बर्बाद कर दिया था, त्रिपुरा की जनता ने हमें मौका दिया हमने त्रिपुरा की जनता के सपनों के अनुरूप त्रिपुरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया बंगाल में भी लाल झंडेवालों से मुक्ति मिली। आशा थी कि लेफ्टवालों के जाने के बाद कुछ अच्छा होगा लेकिन दुर्भाग्य से टीएमसी ने लेफ्ट वालों की जितनी बुराइयां थीं उन सारी बुराइयों को और उन सारे लोगों को भी अपने में समा लिया और इसलिए अनेक गुणा बुराइयां बढ़ गई और इसी का परिणाम है कि त्रिपुरा तेज गते से बढ़ रहा है और बंगाल टीएमसी के कारण तेज गति से तबाह हो रहा है।

साथियो,

बंगाल को बीजेपी की एक ऐसी सरकार चाहिए जो डबल इंजन की गति से बंगाल के गौरव को फिर से लौटाने के लिए काम करे। मैं आपसे बीजेपी के विजन के बारे में विस्तार से बात करूंगा जब मैं वहां खुद आऊंगा, जब आपका दर्शन करूंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। लेकिन आज मौसम ने कुछ कठिनाइंया पैदा की है। और मैं उन नेताओं में से नहीं हूं कि मौसम की मूसीबत को भी मैं राजनीति के रंग से रंग दूं। पहले बहुत बार हुआ है।

मैं जानता हूं कि कभी-कभी मौसम परेशान करता है लेकिन मैं जल्द ही आपके बीच आऊंगा, बार-बार आऊंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। मैं आपके लिए आपके सपनों को पूरा करने के लिए, बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी शक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के आपके साथ काम करूंगा। आप सभी को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए...

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्

बहुत-बहुत धन्यवाद