This nation belongs to each and every Indian: PM Modi

Published By : Admin | April 17, 2017 | 14:37 IST
This nation belongs to each and every Indian. There is no question of discrimination against anyone: PM Modi
In less than a year, Ujjwala Yojana beneficiaries crossed 2 crore, says PM Modi
Urge people to undertake digital transactions and make mobile phones their banks: PM Modi

मंच पर विराजमान दमन दीव और दादरा नगर हवेली के प्रशासक श्रीमान प्रफुल्ल भाई पटेल, यहां के सांसद श्रीमान नटू भाई, पड़ोस में दमन के सांसद श्री लालू भाई दादरा नगर एवं जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमान रमन ककुवा जी, सिलवासा नगर के अध्यक्ष भाई राकेश चौहान जी और विशाल संख्या में पधारे हुए दादरा नगर हवेली के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों मराठी बोलाछे हिन्दी बोलाछे गुजराती बोलाछे बोला। अच्छा एक काम करिए करेंगे अपना मोबाइल बाहर निकालिये और मोबाइल बाहर निकाल कर के उसकी लाइट जला कर के आज के इस भव्य कार्यक्रम का आप स्वागत कीजिये सबकी लाइट जलनी चाहिए। हर एक के मोबाइल की लाइटें जलनी चाहिए। हर किसी के मोबाइल की लाइट जलनी चाहिए। देखिये सारे कैमरा वाले आपको रिकॉर्ड कर रहे हैं। सबका हाथ ऊपर चाहिए एक दम ऊपर। हाथ ऊपर करके हिलाइए। सबका हाथ ऊपर चाहिए। सब मोबाइल फोन अपना हिलाइये बराबर। देखिए जगमग तारे नजर आ रहे हैं सबको। देखिए दादरा नगर हवेली की ताकत देखिए। जोर से बोलिये भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। कमाल कर दिखाया आपने आज।

देश के और भूभाग के लोग अगर ये कार्यक्रम देखते होंगे, तो उनको बड़ा आशचर्य होता होगा छोटा सा सिलवासा, एक छोटा सा क्षेत्र हिन्दुस्तान की सबसे छोटी जो पार्लियामेंट सीट है उसमें जिसका नाम है और ये जन सागर कोई देखे, तो बड़े से बड़े प्रदेश की रैली भी इतनी बड़ी नहीं होती है। भाइयों बहनों ये Union territory केन्द्र शासित प्रदेश चाहे दादरा नगर हवेली हो चाहे दीव दमन हो, लोगों को पता ही नहीं था कि उनकी सरकार कौनसी है। यहां जो कलेक्टर आते थे उसको ही वो सरकार मानते थे। पहली बार प्रफुल्ल भाई को प्रशासक रखने के बाद दादरा नगर हवेली का हर नागरिक को लगने लगा है कि अब दिल्ली में हमारा कोई रखवाला बैठा है। हमारे सुख दुख की चिंता अब दिल्ली से हो रही है। ये पहली बार दादरा नगर हवेली और दीव दमन के लोगों को लगने लगा है, वरना उन्होंने मान लिया था कि भई क्या करें, यहां तो कोई सरकार तो है नहीं दिल्ली बहुत दूर है, चलो जैसा है वैसा गुजारा कर लेंगे, लेकिन हमने दिखा दिया कि हिन्दुस्तान का छोटा सा छोटा इलाका भी गरीब से गरीब नागरिक भी उसका इस देश पर उतना ही हक है जितना दिल्ली में रहने वालों का होता है और इसलिये ये सवा सौ करोड़ देशवासियों का हिन्दुस्तान है हर सवा सौ करोड़ देशवासी का हर नागरिक उसका मालिक है। और हर नागरिक का भाग्य बदलना इस देश की सामूहिक जिम्मेवारी है। मुझे बताया गया कि यहां पर 1980 के पहले यानी करीब करीब 35- 40 साल पहले कोई प्रधानमंत्री यहां पर आए थे, जो आज 35 साल के हो गए उनको तो पता भी नहीं होगा कि क्या प्रधानमंत्री की सूची में ये छोटी सी जगह भी होती है क्या, नहीं होती। आखिरी बार करीब 35-40 साल पहले भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमान मुरारजी भाई देसाई यहां आए थे। उसके बाद प्रधानमंत्री के रूप में मुझे आज आपके बीच आने का सौभाग्य मिला है। लेकिन मैं पहली बार नहीं आया हूं। शायद ही यहां कोई पंचायत होगी कि जहां मैं गया नहीं हूं। स्कूटर पर दौरा करता था। यहां सैकड़ों परिवार मिल जाएंगे आपको जो बताएंगे कि मोदी जी पहले यहां आते थे हमारे यहां खाना खाते थे। कभी हमारे यहां चाय पीते थे कई लोग यहां बैठे होंगे। इस पूरे क्षेत्र में मुझे भ्रमन करने का सौभाग्य मिलता था। और इसके कारण मैं आपके सुख दुख से परिचित हूं। यहां पर विकास की संभावनाओं से परिचित हूं। और एक प्रकार से अब सिलवासा, दमन ये लघु भारत बन गए हैं Mini India बन गए हैं हिन्दुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग इस इलाके में रहते नहीं होंगे। हिन्दुस्तान के हर कोने के नागरिक हमारे इस भूभाग में रहते हैं। मैंने भारत सरकार के अधिकारियों से पूछा एक बार हमनें कहा कि केन्द्र सरकार अब मुझे याद है, जब आदिवासियों को जमीन के पट्टे देने का काम चल रहा था, तो पुरे देश में सबसे अच्छा काम जो हुआ, वो गु जरात में और मध्य प्रदेश में आदिवासियों का हुआ। उसके बावजूद भी तब मैं यहां मुख्यमंत्री था यहां गुजरात में भारत सरकार और कांग्रेस के नेता आए दिन आदिवासियों को भड़काते थे, झूठ फैलाते थे और उनको समझाते थे कि ये मोदी सरकार है गुजरात सरकार है वो आदिवासियों को जमीन के पट्टे नहीं दे रही है। जब मैं भारत सरकार में बैठा तो मैं हैरान हो गया, जहां कोई बीच में राज्य सरकार नहीं है, जिसमें सीधी सीधी जिम्मेवारी केन्द्र सरकार के अधिकारियों की है। सारे हिन्दुस्तान में आदिवासियों को जमीन के हक के पट्टे दिये जाते थे। लेकिन इतने साल तक जिन्होंने दिल्ली में शासन किया और राज्यों को जो कटघरे में खड़ा कर देते थे, झूठे आरोप लगाते थे, मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि दादरा नगर हवेली में जहां मेरे आदिवासी भाइयों की जनसंख्या है उनको एक जमीन का पट्टा नहीं दिया गया। उनको शोभा नहीं देता था। जब हम सरकार में आए प्रफुल्ल भाई को यहां काम दिया। हमने कहा भारत सरकार की कौनसी योजना है जो यहां लागू नहीं हुई निकालो। पहले सरकारी बाबू यूनियन टैरिटरी के क्षेत्रों में जाना पसंद करते थे। उनको लगता है वो राजा रजवाड़े की तरह रहता था उनका एमपी को संभाल लिया तो काम चल जाता था। ये सच्चाई है न, सच्चाई है न, लेकिन अब ये कांग्रेस की सरकार नहीं है मोदी की सरकार है। यहां जनता के लिये काम करना पड़ेगा जनता के लिये दौड़ना पड़ेगा, जनता के सुख के लिये अपनी जान खपानी पड़ेगी। इस मकसद से मैं काम कर रहा हूं। और उसी का नतीजा है कि आज यहां पर हजारों परिवार जिनको जमीन के पट्टे आज दिये जा रहे हैं। हजारों आदिवासी परिवार पहली बार अनेक पीढ़ियों से जिस जमीन को वो जोत रहे थे लेकिन उनके पास एक कागज का टुकड़ा नहीं था कि उनका कोई हक बनता है। मैं आज दादरा नगर हवेली के प्रशासक जी को और उनकी पूरी टीम को हृदय से बधाई देता हूं। के मेरे प्यारे आदिवासी भाइयों बहनों को उनको हक दिलाने का इतना बड़ा काम किया और मेरे हाथों से ये हजारों परिवारों को, ये हजारों परिवारों को ये मुझे आज हक पत्र देने का अवसर मिला है।

भाइयों बहनों आज करीब दो हजार तीन सौ पचीस इतने से छोटे से दादरा नगर हवेली में दो हजार तीन सौ पचीस आदिवासी परिवारों को जमीन का हक मिलना ये आजादी के बाद की इस इलाके की सबसे बड़ी घटना है। सबसे बड़ी घटना है। आप कल्पना कर सकते हैं, मेरे मन को कितना आनन्द होता होगा। कितना सुख मिलता होगा। ये जो मैंने आपके मोबाइल फोन से ये जो लाइट जलाई थी न ये मेरे आदिवासी भाइयों के लिये लाइट जलाई थी मेरे आदिवासी भाइयों के लिये।

भाइयों बहनों आज हमारा सपना है 2022 भारत की आजादी के 75 साल होंगे, देश की आजादी के लिए कितने लोगों ने जान की बाजी लगा दी। कैसे कैसे सपने देखे थे। क्या 2022 हर हिन्दुस्तानी कोई सपना नहीं देख सकता है। यहां बैठे हुए हर के मन में एक विचार नहीं आना चाहिए कि 2022 जब आजादी के 75 साल होंगे आने वाले पांच साल में मैं भी देश के लिये कुछ करूंगा। करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। करेंगे। दोनों मुट्ठी बंद कर के मुझे बताइए करेंगे। देश के लिये कुछ करेंगे। अपने लिये नहीं। देश के लिये करेंगे। एक छोटा सा काम भी अगर आप देश के लिये करेंगे। 2022 पूरे देश में माहौल बन जाएगा। सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी देश के लिये कुछ करने के लिये निकल पड़ेंगे। दुनिया की कोई ताकत नहीं है। हमारे देश को पीछे रख सके भाई। हमनें सपना संजोया है। 2022 जब आजादी के 75 साल होंगे। हमारे देश का एक भी गरीब ऐसा नहीं होना चाहिए जिसके पास रहने के लिये अपना खुद का घर न हो। गरीब से गरीब को भी रहने के लिये घर मिलना चाहिये कि नहीं मिलना चाहिए, मिलना चाहिये कि नहीं मिलना चाहिए। भाइयों बहनों ये संघ प्रदेश में दादरा नगर हवेली में जो अभी सर्वे किया गया है। गांवों में छौ हज़ार दो सौ चौतीस परिवार इनके पास घर नहीं है और सिलवासा जैसे शहरी इलाके में 800 परिवार है जिनको अपना घर नहीं है। 2022 तक इन सात हजार परिवों को खुद का घर देने का काम उसका आज प्रारंभ हो रहा है। और इसलिए मैं इन सभी मेरे गरीब परिवारों को आज हृदय से बधाई देता हूं। आपने अपने मोबाइल से आज जो रौशनी फैलाई है। वो उन गरीबों को घर मिलने के उत्सव की रौशनी है और घर भी सामान्य नहीं, घर भी सामान्य नहीं। घर ऐसा होगा जिसमें बिजली होगी, पानी का प्रबंध होगा, शौचालय होग, नजदीक में बच्चों को पढ़ने के लिये स्कूल होगा, बूढ़ों के लिये दवाई की व्यवस्था होगी ऐसा घर देने का हमारा इरादा है भाइयों बहनों।

भाइयों बहनों आज एक और महत्वपूर्ण काम हुआ और वो है, गैस का कनेक्शन देना। और उसके साथ चूल्हा भी भेंट में मिल रहा है, कूकर भी भेंट में मिल रहा है, चूल्हा जलाने वाला गैस का लाइटर भी भेंट मिल रहा है। भाइयों बहनों ये हमारा देश हमारे ये नेता लोग इनकी सोच कैसी थी जरा सोचीए आप 2014 को याद कीजिए जब हिन्दुस्तान में लोकसभा का चुनाव चल रहा था। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया था। मेरे सामने कांग्रेस चुनाव के मैदान में थी। चुनाव में पॉलिटिकल पार्टियां वादा करती हैं। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में बड़ी मिटिंग की लोकसभा चुनाव के रणनीति के लिये मिटिंग की। और उसके बाद पत्रकार वार्ता की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या घोषणा की थी आप जरा याद करना। उन्होंने कहा था कि 2014 के लोकसभा में हम जीतेंगे। और हमारी ये सरकार बनेगी। तो अभी जो एक साल में नौ गैस के सिलेंडर देते हैं, हम उसको बढ़ाकर के 12 कर देंगे। इस वादे के नाम पर देश में चुनाव लड़ा गया था। 9 गैस के सिलेंडर के 12 गैस के सिलेंडर इसके आधार पर वोट मांगे जा रहे थ। आपको हैरानी होगी आज से कुछ साल पहले पर्लियामेंट के मेम्बर को 25 गैस की कूपन मिलती थी हर साल और वो अपने परिचितों को अपने कार्यकर्ताओं को गैस का कनेक्शन देने के लिये कूपन देता था। एक साल में 25. और कुछ एमपी अखबार में आता था उस जमाने में वो कूपन भी कालेबाजारी में बेच डालते थे। अखबारों में छपने लगा आखिरकार एमपी को कूपन देना बंद हो गया। यानी गैस का कनेक्शन लेने के लिये पार्लियामेंट के मेम्बर के घर अच्छे अच्छे परिवार के लोग कतार लगाकर के खड़े रहते थे। आपने भी देखा होगा। कितनी मशक्कत की होगी। तब आपको गैस का सिलंडर मिला होगा। भाइयों बहनों हमारी सरकार बनी। मैं ये सोचता था कि मेरी गरीब माताओं का क्या गुनाह जो लकड़ी का चूल्हा जलाकर खाना पकाती है। आप जानके हैरान होंगे दोस्तों जब एक मां लकड़ी का चूल्हा जलाकर के खाना पकाती है, तो उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुंआ उसके शरीर में जाता है। एक दिन में चार सौ सिगरेट का धुंआ लकड़ी का चूल्हा जलाने से खाना पकाने से होता है। उस मां की तबियत का हाल क्या होता होगा। और छोटे छोटे बच्चे घर में खेलते हैं। मां खाना पकाती है। ये धुंआ बच्चों के शरीर में भी जाता है। उन बच्चों के शरीर का क्या होता होगा। भाइयों बहनों इस पीड़ा से दर्द से और मैं तो गरीबी में पैदा हुआ हूं। मैंने मेरी मां को लकड़ी का चूल्हा जलाते देखा है। पूरा घर धुंए से कैसे भर जाता था। वो अपनी आंखों से देखा है अनुभव किया है। तब मन में एक कशक थी कि मैं इन मेरी गरीब माताओं को इससे मुक्ति कैसे दिलाऊं और भाइयों बहनों हमने बीड़ा उठाया हर गरीब परिवार में गैस का चूल्हा पहुंचाएंगे, मुफ्त में कनेक्शन देंगे। 11 महीने हुए योजना लागू किये अब तक दो करोड़ परिवारों को गैस का चूल्हा पहुंच गया है। और आज मुझे खुशी है कि करीब आठ हजार परिवार ये दादरा नगर हवेली में भी उनको ये गैस का कनेक्शन दिया जाएगा। लेकिन यहां के लोगों की मदद से उनको कूकर भी मिल रहा है लाइटर भी मिल रहा है। ये यहां विशेष हो रहा है। मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं। इस अभियान के लिये।

भाइयों बहनों आज यहां पर मेरे दिव्यांग भाइयों बहनों के लिये कुछ साधन देने का काम हुआ है। इलैक्ट्रिक व्हीकल देने का काम हुआ है। जो देख नहीं पाते हैं ऐसे दिव्यांग को हाथ में आधुनिक छड़ी दी है। ताकि सेंसर से पता चले कि सामने कोई आता है। भाइयों बहनों सब सरकारों में योजनाएं होती थीं, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद अब तक करीब पांच हजार कैंप लगे हैं और लाखों दिव्यांगों को मदद पहुंचाई गई है। पहले तीस साल में मुश्किल से पचास कैंप भी नहीं लगे थे। और पैसे धरे के धरे रहते थे भाइयों बहनों। सरकार गरीबों के लिये होती है, सरकार गरीबों के कल्याण के लिये होती है और इसीलिये सरकार हमारी अलग अलग जगह जिले जिले में जाकर के दिव्यांगों को खोजती है, कैंप लगाती है और भारत सरकार के खजाने से उनको संसाधन जुटा देती है, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ अपनी जिन्दगी जीने के लिये आगे बढ़ें। उस दिशा में काम हो रहा है।

भाइयों बहनों आज यहां जन औषधि केन्द्रों का भी लोकाप्रण हुआ है। हम जानते हैं बीमार होना कितना महंगा हो गया है। सुखी परिवार हो मध्यमवर्गीय परिवार हो, परिवार में पति पत्नी दोनों कमाते हों। लेकिन अगर घर में कोई बीमारी आ जाए, तो घर का पूरा आर्थिक कारोबार चौपट हो जाता है। बेटी की शादी करवानी हो तो नहीं करवा पाते, मकान खरीदना हो तो नहीं खरीद पाते, दवाई इतनी महंगी होती है। डॉक्टर इतने महंगे होते हैं। भाइयों बहनों हमने तय किया 800 जितनी दवाइयों का लिस्ट बनाया। दवाई बनाने वालों को बुलाया। हमने कहा इतने रुपये क्यों मांग रहे हो भाई, इतना मुनाफा करके क्या करोगे। सब लाइन में लग गए और जो दवाई 1200 रुपये में बिकती थी वो 70-80 रुपये में बिकना शुरू हो गया भाई। जो दवाई 300 रुपये में बिकती थी, वो 7 रुपये दस रुपये में बिकने लग गई। क्यों गरीब को भी दवाई मिलनी चाहिए। समय पर मिलनी चाहिए। उसको भी तो जीने का हक होता है। सरकार में दम होना चाहिए तब वो परिवर्तन लाकर के रहते हैं भाई। ऐसे जन औषधि केन्द्र आज, आज दादरा नगर हवेली में शुरु हो रहे हैं। ताकि यहां के गरीब को और डॉक्टर कुछ भी लिख कर के दे दें। आप चिंता किये बिना ये जन औषधि केन्द्र की दवाई लीजिए। कोई फर्क नहीं है। वो सस्ती है इसलिये खराब है ऐसा अगर कोई भ्रम फैलाता है तो मत मानिये। गरीबों को लुटने नहीं दिया जाएगा। मध्यमवर्गीय आदमी को मरने नहीं दिया जाएगा। और इसलिये भाइयों बहनों अनेक योजनाएं लेकर के आज मैंने देखा जब वाई फाई की बात आई सारे नौजवान उछल पड़े। जैसा ही वाई फाई के उद्घाटन पर टीवी पर दिखाया सबको खुशी की लहर आ गई। ये बदले हुए न्यू इंडिया का ये नमूना है। उसको लगता है जीवन का हिस्सा हो गया है। लेकिन भाइयों बहनों एक और काम मैं आपसे चाहता हूं करोगे। ऐसे ढीला ढीला बोला तो क्या करोगे। करोगे। इधर से आवाज नहीं आ रही है। करोगे। करोगे। अपने मोबाइल फोन पर भीम एप डाउनलोड कीजिए। और भीम एप डाउनलोड करिए सिर्फ इतना ही नहीं, अपने इलाके के सभी व्यापारियों को भी भीम एप डाउनलोड करवाइये। और अब गैस पर पैसे किसी को दीजिये मत। उसको बताइए भीम एप से मैं पैसे देना चाहता हूं। तुम भी मुझे भीम एप से जो देना चाहते हो दे दो। आदत डाल लीजिए भाइयों बहनों। ये वाई फाई का आपको जो आनन्द आ रहा है न अगर आप अपने ही मोबाइल फोन को अपनी बैंक बना दीजिए। अपने ही मोबाइल फोन को अपना बटुआ बना दीजिए। कम कैश से कारोबार कैसे चले । भाइयों बहनों भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बहुत बड़ा जंग मैंने छेड़ा है। आप मुझे बताइए भ्रष्टाचार जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए। बेईमानी खत्म होनी चाहिए कि नहीं चाहिए। ईमानदारी से देश चलना चाहिए कि नहीं चलना चाहिए। आपकी मदद के बिना कैसे होगा। करोगे मदद। करोगे मदद। और उसका एक उपाए है कम कैश आप भीम एप से भुगतान करने की शुरुआत कीजिए। कालेबाजारी भ्रष्टाचार के रास्ते बंद होना शुरू हो जाएंगे। और इसलिए मुझे आपकी मदद चाहिए। ये वाई फाई का उपयोग, और अभी तो एक योजना बनाई है भारत सरकार ने आप उससे कमाई कर सकते हैं। जो नौजवान वैकेशन में कमाई करना चाहते हैं। उनके लिए मैंने पूरे देश में एक योजना बनाई है। आप अगर अपने भीम एप से अपना आर्थिक कारोबार करते हैं। और एक और व्यापारी को या कोई और व्यक्ति को भीम एप डाउनलोड करके तीन बार खरीद बिक्री करने का सिखा देते हैं। और अगर वो करता है तो सरकरार की तरफ से आपके मोबाइल फोन में दस रुपया आ जाएगा। अगर दिन में आप बीस लोगों को करोगे, तो आपके मोबाइल फोन में 200 रुपया आ जाएगा। अगर इस वैकेशन के तीन महीने ये काम कर लिया तो आप 18 से 20 हजार रुपया कमा सकते हैं। हिन्दुस्तान के हर नौजवान ने इस वैकेशन में कम से कम बीस हजार रुपया कमाना है। भीम एप से कमाना है। अब मुझे अपने मां बाप से खर्च के लिये पैसा नहीं मांगना है। मोदी जी की योजना का फायदा उठाऊंगा, भीम एप का प्रचार करूंगा। और हर दिन बीस लोगों को समझा कर के 200 रुपया कमा कर आऊंगा। ये काम हम कर सकते हैं भाइयों। करोगे। करोगे कि वो ठेली वाला ही करोगे। हां वो नहीं करना है। 


भाइयों बहनों अनेक योजनाओं का यहां आज आरंभ हुआ है। लोकापर्ण हुआ है। सारी योजनाओं का मैं उल्लेख नहीं कर रहा हूं। एक साथ इतनी सारी योजनाएं। गरीबों को आवास आदिवासी को घर। नौजवान को वाई फाई, युवकों को रोजगार, माताओं बहनों को गैस का कनेक्शन, कोई ऐसा नहीं है जिसको कोई लाभ न पहुंचा हो। शायद दादरा नगर हवेली की इतिहास में आजादी के बाद पहली बार इतना बड़ा समागम हुआ होगा। इतनी बड़ी सरकारी योजनाएं आई होगी और इतना बड़ा फायदा पहुंचाया होगा। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद कर के बोलिये। भारत माता की जय, ऐसे नहीं। दमन वालों को भी परेशानी होनी चाहिए काम कैसे होता है। ऐसा जयकारा बोलिये जरा। भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत बहुत धन्यवाद।

 

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PM Modi to visit Mauritius from March 11-12, 2025
March 08, 2025

On the invitation of the Prime Minister of Mauritius, Dr Navinchandra Ramgoolam, Prime Minister, Shri Narendra Modi will pay a State Visit to Mauritius on March 11-12, 2025, to attend the National Day celebrations of Mauritius on 12th March as the Chief Guest. A contingent of Indian Defence Forces will participate in the celebrations along with a ship from the Indian Navy. Prime Minister last visited Mauritius in 2015.

During the visit, Prime Minister will call on the President of Mauritius, meet the Prime Minister, and hold meetings with senior dignitaries and leaders of political parties in Mauritius. Prime Minister will also interact with the members of the Indian-origin community, and inaugurate the Civil Service College and the Area Health Centre, both built with India’s grant assistance. A number of Memorandums of Understanding (MoUs) will be exchanged during the visit.

India and Mauritius share a close and special relationship rooted in shared historical, cultural and people to people ties. Further, Mauritius forms an important part of India’s Vision SAGAR, i.e., Security and growth for All in the Region.

The visit will reaffirm the strong and enduring bond between India and Mauritius and reinforce the shared commitment of both countries to enhance the bilateral relationship across all sectors.