BJP believes in 'Rashtra Bhakti' and serving the society: PM Modi

Published By : Admin | May 8, 2018 | 14:01 IST
We only have one mantra, 'Sabka Saath Sabka Vikas': PM Modi
Congress can go to any extent for power, their game is to plot brothers against each other, says the PM
Protecting the girl child is our commitment. We believe in the mantra of 'Beta Beti Ek Samaan': PM Modi in Koppal
We have embarked on a journey to make our villages smoke-free, we are ensuring cooking gas for the poor women in villages, says the PM
Congress did nothing to promote tourism and rich history of Karnataka, alleges PM

मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हूं। और मैं क्षमा इसलिए मांग रहा हूं कि यहां के जो हमारे व्यवस्थापक हैं। उन्होंने जो सभा की कल्पनी की थी। और उसके हिसाब से पंडाल बनाया था लेकिन यह पंडाल बहुत ही छोटा पड़ गया। पंडाल से भी चार गुणा लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। आपको ताप में तपना पड़ रहा है। आपको कष्ट हुआ है। इसके लिए मैं आपसे क्षमा मांगता हूं लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आप जो ये ताप में तप कर रहे हो ...। ये आपका तप मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, आपकी ये तपस्या मैं इसे ब्याज समेत लौटाऊंगा। विकास करके लौटाऊंगा।

हमारा देश अगर भगवान राम का स्मरण करता है तो माता सबरी को भी कभी भूलता नहीं है। और राम-सबरी का संवाद निर्बाध प्रेम, आस्था, भक्ति, उसका प्रतीक हम सबको आज भी प्रेरणा देता है।

हम भारतीय जनता पार्टी के लोग भी राष्ट्रभक्ति, जनता जनार्दन की भक्ति, गरीबों की सेवा ...। उसी भाव को लेकर के आप सबकी सेवा में रत है। हम लोगों का एक ही मंत्र है सबका साथ, सबका विकास।

लेकिन दूसरी तरफ एक ऐसी पार्टी है जिसने आजादी के 70 साल में 60 साल तक खुद ने राज किया है। लेकिन उस पार्टी का मंत्र है - उनका परिवार, यही उनका संविधान है। उनका परिवार, यही उनकी सरकार है। वो सरकार चलाते हैं तो भी परिवार के लिए, सरकार गिराते हैं तो भी परिवार के लिए। सत्ता पाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। देश तोड़ो, पंथ तोड़ो, जाति तोड़ो, परिवार तोड़ो, बिरादरी तोडो, भाई से भाई को लड़ाओ और उनकी कुर्सी बचाओ। यही उनका खेल है। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक सोच कितनी विकृत है। देश के भीतर कैसे जहर घोलने वाली है। आपको उनके कारनामे देखोगे तो साफ-साफ नजर आएगा।

येदुरप्पा जी जब कर्नाटक के सीएम थे तब उन्होंने कर्नाटक की समृद्ध विरासत के प्रचार, प्रसार, संरक्षण, संवर्धन के लिए एक अभियान चलाया था। और उसका प्रारंभ यहीं आपका क्षेत्र हम्पी से किया था। ताकि भावी पीढ़ियों को उससे प्रेरणा मिले। लेकिन मुझे बताया गया कि जैसे ही उनकी सरकार बनी। उन्होंने बच्चों के दिमाग में भी जहर घोलना शुरू किया। येदुरप्पा की योजना बंद कर दी। और स्कूल के बच्चों को भी स्कूल में अगर पर्यटन पर जाते हैं, ट्रिप जाने के लिए जाति के आधार पर स्थानों पर जाने का फैसला किया। इससे बड़ा दुर्दशा क्या हो सकता है।

बंधु भगनी।

आपके क्षेत्र मे एक से एक बढ़कर एक धरोहर है। हमारी पूर्वजों की दी हुई विरासत है। ये धरती तो जैन काशी के रूप में भी जानी जाती है लेकिन इस सरकार ने न उसके प्रचार के लिए कुछ किया, न प्रसार के लिए कुछ किया। न टूरिज्म डवलपमेंट के लिए कुछ किया और न ही यात्रा के लिए कुछ भी नहीं किया। कोई भी देश अपने इतिहास की, अपने सांस्कृतिक विरासत की, अपनी सामाजिक धरोहर की कभी भी उपेक्षा नहीं कर सकता है।

भाइयो बहनो।

देश की सांस्कृतिक विरासत का सामर्थ्य बने। इसके लिए भारत सरकार ने एक स्वदेश दर्शन योजना बनाई है। 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के तहत लोगों को यात्रा करने की सुविधाएं बढ़े। अलग-अलग सर्किट डवलप हो, बुद्ध सर्किट हो, महात्मा गांधी हो, स्वतंत्रता सेनानी का सर्किट हो, भगवान राम का सर्किट हो, महावीर जैन सर्किट हो, रेगिस्तान का सर्किट हो, समुद्र तट का सर्किट हो। ऐसी एक स्वदेश दर्शन योजना का 5 हजार करोड़ रुपए की योजना हमने बनाई है ताकि एक भारत श्रेष्ठ भारत उसको बल मिले।

यहां के अनेगुंडी और हम्पी का भी महात्म्य है। यह क्षेत्र महावीर हनुमान की जन्मस्थली और भगवान राम के वनवास के अहम क्षेत्रों से जुड़ी हुई है। देश के कोने-कोने से लोग जा सके। इसलिए हमने हमने हवाई यात्रा का नेटवर्क बनाने की आकर्षक योजना बनाई है। अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में बैठकरके ऐसे स्थानों पर जा सके, ये काम हमने किया है।

मैं भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक को और येदुरप्पा जी को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने वचन पत्र में ये वादा किया है कि इस प्रकार के यात्रा स्थानों को विकास के लिए, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए, देशभर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ...।

बंधु भगनी।

दो साल पहले आपको याद होगा, मैंने इसी धरती की संतान मल्लमा ...। मल्लमा को मैंने मेरे मन की बात कार्यक्रम में उसका जिक्र किया था। इस गांव की छोटी-सी बच्ची मल्लमा, उसने शौचालय बनाने की जिद पकड़ी, शौचालय बनाने का अभियान चलाया और परिवर्तन कैसे आता है पूरे देश को दिखाने का काम यहां की बेटी मल्लमा ने किया था। मुझे खुशी है आज, मल्लमा जैसी लाखों बेटियां पूरे देश में स्वच्छ अभियान को आगे बढ़ा रही है। मैं इस धरती को विशेष नमन करता हूं जिस धरती ने हमारी मल्लमा जैसी बेटी को जन्म दिया।

भाइयो बहनो।

शौचालय ये सुविधा मात्र नहीं है। यह नारी के सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है। ये नारी के इज्जत के साथ जुड़ा हुआ है। कोई कल्पना कर सकता है। गांव के अंदर हमारी मां-बहन, खुले में शौच जाना पड़ता है। वह अंधेरे का इंतजार करती है। सुबह सूरज उगने से पहले चली जाती है। दिनभर बेचारी जाती नहीं है। परेशानी हो तो भी जाती नहीं है। और शाम तक सूरज ढलने का इंतजार करती है। क्या मेरी माताओं-बहनों को इस अत्याचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...।

भाइयो बहनो।

जब मैं लालकिले पर से शौचालय की बात कही तो लोगों ने मेरी आलोचना की, मेरा मजाक उड़ाया। और नामदार तो इस कामदार का मजाक उड़ाने में कभी पीछे ही नहीं रहते हैं। लेकिन सोने की चम्मच लेकरके पैदा हुए नामदार को  उस गरीब मां की मुसीबत का पता कैसे चलेगा। वो तो मजाक उड़ाएंगे। लेकिन हम तो गरीबों के लिए जीते हैं, गरीबों के लिए जिंदगी खपाने वाले लोग हैं।

भाइयो बहनो।

आपको जानकरके खुशी होगी कि देश को इस चीज की कितनी जरूरत थी। भले लोग मेरा मजाक उड़ाते हो। लेकिन 2014 में मेरी सरकार बनी। उसके पहले देश में गांवो में शौचालय का कवरेज सिर्फ 40 प्रतिशत था। 4 साल की कड़ी मेहनत, मल्लमा जैसी बेटियों के साथ, आज वो कवरेज 40 प्रतिशत से 4 साल में 80 प्रतिशत पहुंचा दिया है।

आपने कल्पना की है। हमारे देश में मां। गरीब मां। लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है। मैंने बचपन में मेरी मां को लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते देखा है। पूरा घर धुएं से भर जाता था। हम बच्चे घर में खांसते रहते थे। मां परेशानी झेलती थी। लेकिन हमें खाना खिलाती थी। ऐसी करोड़ों माताएं, मेरे देश में जिंदगी गुजारती थी। और एक मां लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है तो 400 सिगरेट का धुआं हर दिन उसके शरीर में जाता है। उस मां के शरीर का हाल क्या होगा। और इसलिए हमने बीड़ा उठाया। मेरी गरीब से गरीब मां को, येलकड़ी के चूल्हे से खाना पकाने से मुक्ति दूंगा। उसको गैस का कनेक्शन दूंगा। और मुझे आज खुशी है कि इतने कम समय में 4 करोड़ परिवारों में मुफ्त गैस कनेक्शन देकरके, लकड़ी के चूल्हे के धुएं से माताओं-बहनों को मैंने मुक्ति दिलाई है।

भाइयो बहनो।

ये कांग्रेस का एक और पाप मैं आपको गिनाना चाहता हूं। आपको मालूम है कि आज देश में कई जिले ऐसे हैं जहां हजार अगर लड़के पैदा होते हैं तो सिर्फ 800, 850, 900 लड़कियां पैदा होती हैं। जबकि समाज में जितनी लड़के पैदा होने चाहिए, उतनी लड़कियां पैदा होनी चाहिए। लेकिन पुरानी सरकारों के दरम्यान मां के गर्भ में ही बेटियों को मार दिया जाता था। सरकार सोती रहती थी। बेटियों की संख्या कम होती गई। हमने बीड़ा उठाया है, बेटी बचाने का। मां के गर्भ में बेटियों को नहीं मारने देंगे। बेटा बेटी एक समान, इस अभियान को चलाया है। और उसका परिणाम है कि हजार बेटों के सामने नए जन्म होने वाली बेटियां पैदा होना शुरू हुआ है। आगे चलकरके ये गड्ढा भी भर जाएगा। ये काम हम कर रहे हैं।

बेटियों को शिक्षा मिले, 18 साल की उम्र के बाद, एक जीवन में सुरक्षा महसूस हो, इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के नाम अगर कोई पैसे जमा करता है तो अधिक ब्याज देने की योजना बनाई। और आज बैंकों में बेटियों के नाम करोड़ों-करोड़ रुपये के बैंकों के खाते में जमा हुए हैं। जब बेटी 18 साल की होगी, ये रुपया उनको ब्याज सहित मिलेगा।

कभी-कभी कुछ राक्षसी मनोवृत्ति वाले लोग, विकृत मानसिकता वाले लोग हमारी बेटियों पर राक्षसी कृत्य करके, बलात्कार करके, उनकी जिंदगी बर्बाद करते हैं, बेटियों को मौत के घाट उतार देते हैं।

भाइयो बहनो।

ये मोदी सरकार है जिसने फैसला लिया है कि अगर बेटियों के साथ ऐसी राक्षसी व्यवहार होगा तो ऐसा करने वालों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। ये कानून हमने बनाया है।

साथियों।

मैं कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं। श्रीमान येदुरप्पा जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टों में, भारतीय जनता पार्टी के वचन पत्र में वादा किया है कि वे महिला सशक्तीकरण को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे। येदियुरप्पा जी ने वादा किया है। 15 मई को भाजपा की सरकार बनने के बाद कर्नाटक की महिलाओं के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि से स्त्री उन्नति फंड बनाया जाएगा। महिलाओं के नेतृत्व में कॉ-ऑपरेटिव मूवमेंट चलाई जाएगी, महिलाओं की को-ऑपरेटिव सोसाइटियां बनाई जाएगी। स्त्री उन्नति स्टोर का पूरे राज्य के अंदर जाल बिछाया जाएगा।

कर्नाटक की महिला बहने माताएं।

एक बहुत बड़ा काम येदुरप्पा की सरकार करना चाहती है। 15 मई के बाद भाजपा सरकार बनके बाद करना चाहती है। जो वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप है। अगर वो पैसे ब्याज से लेंगे तो सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज से 2 लाख रुपये की राशि इन महिलाओं को दी जाएगी। ये बहुत बड़ा क्रांतिकारी विचार येदुरप्पा जी ने रखा है।

पशुपालन और डेयरी उद्योग को बल मिले, महिलाओं को एक अतिरिक्त काम मिले, गांव की महिलाओं को काम मिले। इसलिए सौ करोड़ रुपया डेयरी फार्मिंग की योजना के लिए उन्होंने तय किया है। महिला उद्यमियों के लिए 100 करोड़ की लागत से 30 नए क्लस्टर बनाए जाएंगे।

बंधु भगनी।

कर्नाटक की एक विशेषता रही है। यहां के संत, यहां की ऋषि परंपरा, यहां के महंत, यहां के मठ, यहां के मंदिर हर पल समाज के कल्याण के लिए कोई न कोई नई योजना बनाते हैं, कुछ न कुछ समाज के लिए लगातार कर रहे हैं, सदियों से कर रहे हैं। यही कर्नाटक की विशेष पहचान है।

जल संचय के क्षेत्र में कवि मठ जतरा ...। ये कवि मठ जतरा ने जो काम किया है। मैं समझता हूं कि आने वाली पीढ़ियां याद करेगी। ऐसी महान काम इस धरती पर करके देश को दिशा दी है। मुझे बताया गया है कि पिछले वर्ष जल दीक्षा कार्य चलाया गया। समाज को ताकतवर बनाने का कैसा बड़ा अभियान यहां लोग चलाते हैं। मैं उनको नमन करता हूं।

भाइयो बहनो।

हमारा किसान ...। हमारा किसान ऐसी ताकत रखता है, अगर किसान को पानी मिल जाए तो मेरा किसान मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। कर्नाटक का ये हमारा क्षेत्र जो सदियों से भदखड़जा के रूप में जाना जाता था। चावल का कटोरा। आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। तुंगभद्रा और अला-मट्टी ऐसे डैम होने के बाद भी, ये सरकार सोई पड़ी है। और इसके कारण किसान पानी के बिना तरस रहा है। लेकिन ये कांग्रेस के एक अहंकारी नेता, ये अहंकारी सरकार, यहां का अहंकारी मुख्यमंत्री, खुद को कुछ समझ नहीं आता है लेकिन किसी से कुछ सीखने को भी तैयार नहीं है। अरे हिन्दुस्तान में और राज्यों ने पानी के लिए क्या काम किया है। बगल में महाराष्ट्र में डीसिल्टिंग का बड़ा काम किया है। उससे भी कुछ सीखते तो आज कर्नाटक के किसान का यह हाल न होता।

आपके 5 साल इस सरकार ने बर्बाद किए हैं। अरे बगल में महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार को अभी तो 2-3 साल हुआ है। और दो साल के भीतर-भीतर उन्होंने डिसिल्टिंग का अभियान चलाया, सारे बांधों को गहरा किया, पानी संरक्षण ज्यादा किया और किसानों को कम अधिक मात्रा में मदद करने में सफल हुए। और यहां की सरकार ने 5 साल बर्बाद कर दिया।

भाइयो बहनो।

मैं आपको एक विनती करता हूं। एक सवाल कांग्रेस के लोगों को पूछना। जो भी कांग्रेस वाला मिले। वोट मांगने आए। इस इलाके कि जनता उससे सवाल पूछे। पूछोगे ...। जरा जोर से बताओ। पक्का पूछोगे ...। आंख में आंख मिलाकर पूछोगे ...। उनसे जवाब मांगोगे ...। उनको इतना पूछिए। कृष्णा बी ...। कृष्णा बी सिंचाई योजना के लिए आपने 2 हजार करोड़ रुपये का वादा किया था कि नहीं किया था ...। अगर वादा किया थो 2 हजार करोड़ रुपया गया कहां ...। जरा जवाब दो ...। मुझे यहां से बता रहे हैं कि 2 हजार नहीं, 10 हजार करोड़ रुपए कहा था। जवाब मांगोगे ...।  जवाब मांगोगे ...। मांगोगे ...। अगर जवाब नहीं मिला तो सजा दोगे ...। सजा दोगे ...। 12 मई को उखाड़के फेंक दोगे ...।

भाइयो बहनो।

जब जगदीश सत्तार हमारे मुख्यमंत्री थे। मेरे मित्र जगदीश सत्तार ने कृष्णा बी योजना की परिकल्पना की थी। लेकिन उनके जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने ताले लगा दिए।

हमारा किसान शक्तिशाली हो, हमारा गांव सामर्थ्यवान हो, इसलिए किसान को सशक्त होना जरूरी है। हमने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खेत में पानी पहुंचाने का बड़ा अभियान उठाया है। जो डैम 30-35 साल से कुछ काम नहीं होता था। वो सारे काम शुरू करवाए हैं। और आने वाले एक साल के भीतर-भीतर सारे काम पूरा करके किसानों को पानी पहुंचाने का अभियान चलाने वाले हैं।

भाइयो बहनो।

हमारे इस राज्य में भी 4 हजार करोड़ रुपये लगाकर पांच पड़े सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट भारत सरकार लागू कर रही है। एक पूरा हो गया है और बाकी चार भी जल्दी पूरे होने को है। लेकिन कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार करने से खाली हो तब किसानों का सोचेगी ना और पानी के बारे में सोचेगी ना। उनको पैसों में रुचि है किसान के लिए पानी में रुचि नहीं है।

भाइयो बहनो।

हमने एक बड़ा ऐतिहासिक निर्णय किया है। आजादी के बाद कोई सरकार नहीं कर सकी। ऐसा बड़ा ऐतिहासिक निर्णय हमने किया है। अब किसान अपने खेत में जो पैदा करेगा, उसको काम करने में जो खर्च लगेगा। अगर वो मजदूर लाता है, बीज लाता है, दवाई लाता है, फर्टिलाइजर लाता है, किसी से किराए पर मशीन लाता है, किराए पर पशु लाता है, खुद के परिवार के लोग मजदूरी करते हैं, जो खर्च होगा सारा गिनकर के एमएसपी का डेढ़ गुना दिया जाएगा। ये निर्णय हमने किया है। हमने 22 हजार ग्रामीण हाटों को अपग्रेड करने की योजना बनाई है। ताकि किसान को पांच-दस किमी के रास्ते पर अपनी पैदावार बेचने की उत्तम सुविधा मिल जाए और उसको अपनी पैदावार का सही दाम मिल जाए।

हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए हैं। एक प्रकार से यह किसान की जीवन रक्षा योजना है। हमारे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा योजना है। ये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसान को बुआई से पहले, बुआई के दौरान, फसल पैदान होने के बाद, फसल बाजार में जाने से पहले अगर कोई भी प्राकृतिक नुकसान होगा तो सभी समय उसको फसल बीमा का पैसा मिलेगा। ये देश पहली बार हमने ऐसी योजना देश में लाए हैं। इसी वर्ष में इसी फसल बीमा योजना के तहत अकेले कर्नाटक के किसानों को 1100 करोड़ रुपये की क्लेम राशि मिली है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इतनी बड़ी राशि किसानों के पास इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिसकी तो अभी शुरुआत है। तो भी इसका लाभ पहुंचा है।

मेरे प्यारे भाइयो बहनो।

येदुरप्पा की सरकार बनानी है। किसानों की सरकार बनानी है। किसानों के कल्याण के लिए सरकार बनानी है। और इसलिए 12 मई को घर-घर जाना है। एक-एक मतदाता से मिलकरके पोलिंग बूथ तक लाना है और भारी से भारी, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराना है।

भाइयो बहनो।

अब मतदान को 4 दिन बाकी है। मैं आपसे आग्रह करता हूं। क्या आप घर-घर जाएंगे ...। जोर से जवाब दीजिए। घर-घर जाएंगे ...। मतदाताओं को मिलेंगे ...। मतदान करवाएंगे ...। ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे ...। कांग्रेस को उखाड़ फेकेंगे ...। भाजपा की सरकार आएंगे ...। भाजपा को जीताएंगे ...। येदुरप्पा की सरकार बनाएंगे ...। ये मिजाज आपका बताता है। 15 मई को जब परिणाम आएगा तो कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी। स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित कर्नाटक निर्मिष सोना बन्नी ऐल्लरू कै जोड़ी सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।