I pay heartfelt tributes to Dr. BR Ambedkar on his birth anniversary: PM Modi in J&K
The people of Jammu and Kashmir are eager to vote in the ongoing elections and strengthen democracy in the state: PM Modi
The alliance of Congress, PDP and NC in J&K is one of opportunism and hunger for power: Prime Minister Modi in Kathua

भारत माता की…जय
भारत माता की...जय

आज हमारे संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्मदिन है। मैं उनके लिए एक नारा बुलवाता हूं आप लोग बोलेंगे अमर रहे, अमर रहे।
डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर… अमर रहे, अमर रहे।
डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर… अमर रहे, अमर रहे।
डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर… अमर रहे, अमर रहे।

मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव और विशाल संख्‍या में पधारे हुए कठुआ के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, सबसे पहले आप सभी को बैसाखी की बहुत-बहुत बधाइयां।

जैसा मैंने प्रारंभ में कहा, आज देश के संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती है। बाबा साहब को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं, उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। मैं भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता भाई अनिल परिहार और अजीत परिहार जी के बलिदान को भी नमन करता हूं। आतंक के खिलाफ लड़ाई में आपका ये बलिदान पूरे देश को याद रहेगा। श्री चंद्र कांत शर्मा जी, जिन्होंने देश की एकता देश के अखंडता के लिए जीवन समर्पित कर दिया उन्हें भी मैं अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, जो अस्पताल हमारी जिंदगी बचाते हैं वहीं पर चंद्रकांत जी को निर्ममता से मारने का पाप किया गया है। जम्मू और कश्मीर में शहीद हुए हर बीजेपी कार्यकर्ता, हर देश भक्त नागरिक और उनके परिवारों को मैं नमन करता हूं, आपके साहस और हौसले से ही भारत का लोकतंत्र और भारत की अखंडता इतनी मजबूत है।

भाइयो और बहनो, भारत के लोकतंत्र की ताकत को आपने पहले चरण में सिद्ध किया है। जम्मू और बारामुला में भारी मतदान कर आपने आतंकियों के आकाओं, पाकपरस्त अवसरवादियों और निराशा में डूबे महामिलावटियों को एक कड़ा झटका दिया है, कड़ा झटका दिया है। और मैं आपको बताऊं, मैं पूरे देश का दौरा कर के आया हूं, पूरे देश का भ्रमण किया और जम्मू में आया और अनेक राज्यों में जाकर कर के आया हूं और मैंने 2014 से भी जबरदस्त लहर देखी है और आपने देखा होगा, जितने सर्वे आ रहे हैं। सर्वे में एक बात साफ है की कांग्रेस को जितनी सीट मिलने की संभावना है, भाजपा को तीन गुणे सीटें मिलने की संभावना है, ये सर्वे वाले कह रहे हैं और इसीलिए अब कांग्रेस का तो बचना मुश्किल है। जम्मू कश्मीर के चप्पे-चप्पे में तैनात सेना के जवानों, केंद्रीय बलों के जवानों, जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों को भी मैं प्रणाम करता हूं। आपकी तपस्या और शौर्य के साथ पूरा राष्ट्र खड़ा है।

साथियो, राजनीति अपनी जगह होती है, चुनाव अपनी जगह है, लेकिन ये भी ना भूलें नेता भी आते जाते रहते हैं, लेकिन हमारा ये देश हमेशा-हमेशा रहेगा। ये देश है तभी राष्ट्र रक्षा का भाव और राष्ट्रवाद है। लेकिन, देश में कुछ लोग मोदी के विरोध में इतने मशगूल हो गए हैं की उनको राष्ट्रवाद गाली के रूप में नजर आने लगा है। महामिलावटी और उनके रागदरबारी आए दिन सवाल पूछते हैं की मोदी राष्ट्र रक्षा की बात क्यों करता है।

भाइयो और बहनो, देश की बात करना इसीलिए जरुरी है क्यूंकि तभी ये भी पता चलता है की कुछ लोग देश में क्या चलाना चाहते हैं। जब मैं राष्ट्रभक्ति की बात जोरों-शोरों से करता हूं तो उनका भी नकाब उतर जाता है की वो कहां खड़े हैं। अब देखिए मैं कल की ही बात बताता हूं, हमारे पड़ोस की घटना है। पूरा देश जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे होने पर शहीदों को याद कर रहा था, श्रद्धांजलि दे रहा था लेकिन इस संवेदनशील अवसर पर भी कांग्रेस ने राजनीति कर ही डाली। कल ही देश के उपराष्ट्रपति जो राजनीति में नहीं होते हैं, उपराष्ट्रपति महोदय सरकार अधिकृत कार्यक्रम के लिए जलियांवाला बाग गए थे। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी लेकिन सरकार के अधिकृत कार्यक्रम में कांग्रेस के मुख्यमंत्री गायब थे उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। मालूम है क्यों, क्योंकि वो कांग्रेस परिवार की भक्ति में जुटे हुए थे, वो कांग्रेस के नामदार के साथ तो जलियांवाला बाग गए, लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति के साथ, भारत सरकार के देश के अधिकृत कार्यक्रम में उन्होंने जाना सही नहीं माना, यही राष्ट्रभक्ति और परिवार भक्ति का फर्क है। भाइयो और बहनो, मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को बरसों से जानता हूं, मैंने कभी उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़ा नहीं किया, मैं समझ सकता हूं की इस परिवार भक्ति के लिए उन पर किस तरह दबाव बनाया गया, पंजाब में किस तरह के दांव पेंच चलाए जा रहे हैं, उसकी वजह से कैप्टन को भी झुकना पड़ गया। क्या कांग्रेस ने जो किया वो जलिआंवाला बाग के शहीदों का अपमान था की नहीं था, ये शहीदों का अपमान है की नहीं है?

भाइयो-बहनो, क्या देश की संविधान संस्था का अपमान नहीं था क्या, उपराष्ट्रपति की गरिमा का अपमान था की नहीं था सरकार के अधिकृत कार्यक्रम का अपमान, ये अपमान था की नहीं था? भाइयो और बहनो, राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र रक्षा की बात को कमतर आंकने की कोशिश करने वाले ये वही लोग हैं, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से देशहित को भी पीछे धकेल देते हैं, देशहित से भी समझौता कर लेते हैं।

साथियो, सवाल ये भी है की आखिर कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक का नाम सुनते ही, एयर स्ट्राइक का नाम सुनते ही इतना घबरा क्यों जाती है, इतना बौखला क्यों जाती है। आप सर्जिकल स्ट्राइक सुनते ही, आपका सीना तन जाता है की नहीं तन जाता है? एयर स्ट्राइक सुनते ही आपका गौरव होता है की नहीं होता है? हर हिंदुस्तानी को अभिमान होता है की नहीं होता है? सेना का मान बढ़ता है की नहीं बढ़ता है? वीरों का नाम बढ़ता है की नहीं बढ़ता है? भाइयो और बहनो, जिस प्रकार से सेना के प्रति कांग्रेस का रवैया रहा है ये देखते हुए मेरा विश्वास पक्का हो गया है की कांग्रेस को कभी भी देश की सेना पर भरोसा नहीं था। हमारे वीर सैनिकों के पराक्रम पर उनकी शक्ति पर, उनके कौशल को हमेशा कांग्रेस ने कम कर के आंका, उस पर उन्होंने संदेह किया इसीलिए कांग्रेस ने सेना को आतंकियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने से रोका। उनको लगता था की सेना को कहेंगे करो और 1962 जैसा हो जाएगा तो फिर कांग्रेस की तो नैया हमेशा डूब जाएगी। और इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हमारी सेना कितनी महान है, कितनी सामर्थ्यवान है इस बात को समझा ही नहीं, कांग्रेस ने सेना को, उपयोग क्या किया भाइयो। हम सेना की ताकत राष्ट्रीय रक्षा में लगाते है, कांग्रेस के लिए ये आर्मी क्या है, कांग्रेस के लिए सेना क्या है? सिर्फ और सिर्फ उनके लिए कमाई का साधन है, कमाई का साधन। रक्षा सौदों में,रक्षा सौदों में, चाहे बोफोर्स हो, चाहे सबमरीन हो, चाहे हेलिकाप्टर हो मलाई खाने के सिवाए उनके लिए सेना का कोई महत्व ही नहीं है। दूसरी एक बहुत बड़ी वजह रही कांग्रेस की वोटबैंक पॉलिटिक्स, इसी पॉलिटिक्स की वजह से कांग्रेस ने हमारे वीर सैनिकों के साथ न्याय नहीं किया, देश के साथ न्याय नहीं किया। आज भी जब वो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं तो वो अपनी नाकामी छिपा रहे होते हैं, अपना वोट बैंक बचाने की फिराक में होते हैं। उन्हें पता है की जितने सवाल पूछते हैं, जितने झूठे आरोप लगाते हैं उससे देश के लोगों में भ्रम फैलता है, सेना का मनोबल कम होता है लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अपनी राजनीति को राष्ट्र नीति से ऊपर रखने का पाप कर रहे हैं। इनकी सच्चाई, इससे पूरे देश को सतर्क रहना बहुत जरूरी है, ये जिस दिशा की तरफ देश को ले जा रहे थे उस स्तिथि में भारत कभी एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर उभर नहीं पाता।

लेकिन साथियो, अब हालात बदल गए हैं वो दिन लद गए, जब धमकियों से भारत की सरकार दुबक जाती थी। ये नया हिंदुस्तान है, ये नया हिंदुस्तान है आतंकियों को घुसकर मरेगा भी और सामने ऐसे लोगों को बेनकाब भी करेगा। भाइयो और बहनो, जम्मू कश्मीर इस बार सिर्फ अपना सांसद ही नहीं चुन रहा, बल्कि नए भारत की नई नीति और नई रीति पर भी मुहर लगाने वाला है।

साथियो, बीते कुछ दिनों में अपने भी देखा की किस तरह कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की महामिलावट पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है, खुलकर सामने आ गई है। भाइयो और बहनो, बरसों से जो इनके मन में था जो वो चाहते थे चोरी-छिपे जिसके लिए काम कर थे वो अब खुलेआम सामने आ गया है। आप देख रहे हैं ना, आए दिन ये जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की धमकी दे रहे हैं, खून-खराबे की धमकी दे रहे हैं, यहां अलग प्रधनमंत्री बनाने की धमकी दे रहे हैं। ये पहले पाकिस्तान भी न्यूक्लियर, न्यूक्लियर, न्यूक्लियर कर के धमकाता रहता था। इनके न्यूक्लियर की हवा निकल गई की नहीं निकल गई? ये भी धमकियां दे रहे हैं दो प्रधान, दो प्रधान, दो प्रधान। मैं इन सभी वंशवादियों से एक बात साफ करना चाहता हूं। जम्मू-कश्मीर का कोई वंशवादी अपनी वसीयत में लिखवा कर नहीं लाया है, जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग है। भाइयो-बहनो, बाबा साहेब आंबेडकर भारत के संविधान निर्माता, 1935-40 के दरमियां यहां पंजाब में उनका भाषण हुआ था, बाद में एक भाषण उनका पुणे में हुआ था और उन्होंने साफ कहा था, ये वंशवाद जो है ना वो लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था, बाबा साहेब आंबेडकर की सच्ची श्रद्धांजलि, बाबा साहेब आंबेडकर की आज जन्म जयंती है, उनको सच्ची श्रद्धांजलि का मतलब होता है वंशवाद के खिलाफ वोट डालना। जम्मू हो, कश्मीर हो, लेह-लद्दाख हो, यहां का बच्चा-बच्चा भारतीय है। कुछ मुट्ठी भर लोगों की इच्छाओं का यहां का नागरिक गुलाम नहीं हो सकता।

भाइयो-बहनो, यही वो धरती है, यही वो जगह है, यही कठुआ है, जहां पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तिरंगा फहराया था और हम सब के श्रद्धेय प्रेमनाथ डोगरा जी ने उनका साथ दिया था। देश विरोधी हर ताकत को उन्होंने ललकारा था की एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे। श्यामा प्रसाद जी का वो उद्घोष, भारतीय जनता पार्टी के लिए वचनपत्र है, वचनपत्र। पत्थर की वो लकीर है जिसे कोई मिटा नहीं सकता।

भाइयो और बहनो, ये भाजपा का हमेशा से कमिटमेंट रहा है और देश का ये चौकीदार, देश का ये चौकीदार भी इसी भावना पर अटल है और अटल रहेगा। कांग्रेस और उसके साथी जम्मू कश्मीर के वंशवादी परिवार चाहे जितनी कोशिश कर लें मोदी उनके सामने दीवार बन कर के खड़ा है। और मैं तीन-तीन पीढ़ी से यहां पर कब्जा जमाकर बैठे अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार को कहना चाहता हूं, यह मोदी है न बिकता है, न डरता है, न झुकता है। जम्मू-कश्मीर की इन तीन-तीन पीढ़ियों, इन दो परिवारों ने जो तबाही की है, यहां की तीन पीढ़ियों को इन्होंने नोच लिया है, निचोड़ लिया है।
जम्मू-कश्मीर का उज्वल भविष्य, ये दोनों परिवारों की बिदाई होनी चाहिए दोस्तों और इन दोनों परिवारों को मैं कहता हूं, तुम्हारे पूरे कुनबे को मैदान में उतार दो। चाचा, मामा, भाई, भतीजा, भांजा, साला, जितनी गालियां मोदी को देनी हैं दे दो लेकिन इस देश के टुकड़े नहीं कर पाओगे। भाइयो और बहनो कांग्रेस ने जो पाप किया है स्वतंत्रता के समय की उसने जो गलतियां की है वो भारत आज तक भुगत रहा है। अब वो सत्ता से बाहर है तो वापसी के लिए सारी हदें तोड़ती जा रही है। आप जानते हैं कांग्रेस देश भर में वोट किन मुद्दों पर मांग रही है? कांग्रेस कह रही है, ये गंभीर बात है और आप जाग जाइए। कांग्रेस से सुधरने की कोई आशा मत कीजीए, आजादी के पहले की कांग्रेस अलग थी और गाँधी जी के बिदाई के बाद वाली कांग्रेस अलग थी। उसके खून में, कांग्रेस के खून में ऐसे जर्म्स घुस गए हैं, ऐसे जर्म्स घुस गए हैं और इसिलए कांग्रेस क्या बोल रही है? कांग्रेस कह रही है की वो जम्मू कश्मीर से सेना को हटा देगी। आप सहमत है, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को पूछता हूं सहमत हैं, क्या जम्मू कश्मीर के नागरिकों के इच्छा के बिना ये हो सकता है?

भाइयो बहनो ये आपके साथ धोखा है की नहीं है, ये आपके पीठ में छुरा भोंकने का पाप है की नहीं है?

भाइयो-बहनो, कांग्रेस कह रही है कि पाकिस्तान से पैसे लेकर युवाओं को भड़काने वालों के साथ बिना शर्त बात करेंगे। क्यों रे कांग्रेस के मेहरबान क्या मजबूरी है किस लालच में ये भाषा बोल रहे हो, इस चुनाव में किसने आपको मदद करने का वादा किया है जिस के कारण आप ऐसी भाषा बोल रहे हो, देश जानना चाहता है। क्या कभी कोई देशभक्त ऐसी भाषा बोल सकता है क्या, कोई देशभक्त बोल सकता है? कांग्रेस कह रही है कि AFSPA यहां से लड़ रहे, हमारे जवानों को मिले विशेष अधिकार को भी हटा देगी। क्या आप इससे सहमत है? हटाने देंगे, हमारी सेना को सुरक्षा कवच मिलना चाहिए की नहीं मिलना चाहिए, हमारे पुलिस के जवानों को सुरक्षा कवच मिलना चाहिए की नहीं मिलना चाहिए? हमारे सुरक्षा बलों को कवच मिलना चाहिए की नहीं मिलना चाहिए, क्या हमारे सुरक्षा बलों का सैनिकों का मनोबल तोड़ने की साजिश है की नहीं है? कांग्रेस भारत के पक्ष की बात कर रही है या पाकिस्तान के?

साथियो, कांग्रेस कितनी भी कोशिश कर ले वो देश का विश्वास खो चुकी है। सिर्फ वोट के लिए जो हमारे जम्मू-कश्मीर को संकट में डाल दे, हमारे जवानों को लाचार कर दे ऐसी कांग्रेस पर देश विश्वास नहीं कर सकता। सिर्फ अपने परिवार के विकास के लिए जीने वाले देश के बारे में कितना सोचते हैं आप भी अंदाजा लगा सकते हैं।

भाइयो और बहनो, कांग्रेस की नीतियों के चलते ही मेरे कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को अपना ही घर छोड़ना पड़ा। कांग्रेस और उसके साथियों को अपने वोट बैंक की इतनी चिंता थी, कि कश्मीरी पंडितों पर होने वाले अत्याचार उन्होंने देखे लेकिन अनदेखे कर दिए। न्याय का ढोंग करने वाली कांग्रेस, दिन-रत न्याय-न्याय की माला जप रही है, मैं जरा कांग्रेस को कहना चाहता हूं 60 साल तक जो तुमने अन्याय किया हैं। उससे न्याय कौन देगा? कांग्रेस क्या कभी कश्मीरी पंडितों को न्याय दिला पाएगी क्या? क्या कभी 84 के दंगों में मारे गए सिख भाई-बहनों, बहू-बेटियों को कांग्रेस न्याय दिला पाएगी?
भाइयो-बहनो, ये न्याय भी उनका ढकोसला है ढकोसला। कांग्रेस वो पार्टी है जो न्याय दिलाने के नाम पर भी लोगों से धोखा कर जाती है। न्याय के नाम पर भी पीढ़ी दर पीढ़ी देश के लोगों को धोखा देना, कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र है।

भाइयो-बहनो, आज भी भले कांग्रेस कश्मीरी पंडितों का नाम लेने से कतरा रही हो लेकिन ये चौकीदार पूरे सम्मान के साथ उनको अपनी जमीन पर बसाने के लिए प्रतिबद्ध है, ये काम शुरू हो चुका है। इसी तरह साथियो, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से मां भारती में आस्था रखने वाले जो परिवार मजबूरन यहां आए हैं, उनकी नागरिकता का कानून भी बनाने के लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। 23 मई को चुनाव नतीजा आएगा, 23 मई को चुनाव का नतीजा आएगा।

फिर एक बार... मोदी सरकार
फिर एक बार... मोदी सरकार
फिर एक बार... मोदी सरकार

23 मई को चुनाव नतीजा आएगा फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी तब नागरिकता से जुड़े कानून को पास कराने के लिए फिर से कोशिश की जाएगी।

साथियो, आपका ये चौकीदार, आप सभी की सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान के लिए पूरी ईमानदारी से जुटा है। 2014 में जो वोट आपने दिया था, उसकी वजह से ही सीमा से सटे परिवारों को आरक्षण का लाभ मिल पाया है, ये जानकारी है न आपको, अब सीमा से सटे लोगों को भी आरक्षण देने का फैसला हमने किया है। आपके एक वोट से, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को भी शिक्षा और सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण मिल पाया है। आपके एक वोट से, गरीब परिवार को अपना घर, टॉयलेट, मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन और मुफ्त में बिजली कनेक्शन मिल रहा है। आपके एक वोट से, देश के 12 करोड़ छोटे किसानों के खाते में हर वर्ष 75 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर होना शुरू हुए हैं।

आपके एक वोट से, गरीब परिवार को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है आपके एक वोट से, दशकों से लटका शाहरपुर कंडी डैम बनना शुरु हो गया है। आपके एक वोट से, यहां सड़कें, बंकर, पुल, सुरंगें, AIIMS, मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे संस्थान बन रहे हैं।

भाइयो और बहनो, 18 अप्रैल को आपका वोट सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान की इस यात्रा को और तेज करेगा। जम्मू कश्मीर में भाजपा का विजय घोष सीमा पार भी कुछ लोगों की नींद उड़ाएगा। आपका एक-एक वोट और माता का आशीर्वाद, इस चौकीदार को मजबूत करेगा। अब आप एक संकल्प लीजिए, लेंगे संकल्प? मैं जो बोलूंगा उसके बाद आपको बोलना है, बोलेंगे, सब के सब बोलेंगे, इधर वाले भी बोलेंगे, कोई गलती तो नहीं करेंगे ना, पक्का बोलेंगे?

मैं जब एक नारा बुलवाऊंगा तो आपको बोलना है, घर घर में है चौकीदार। बोलेंगे, क्या बोलेंगे? घर घर में है चौकीदार।

भ्रष्टाचारियों होशियार घर-घर में है चौकीदार, भगोड़ों पर कानून की मार घर-घर में है चौकीदार, बंद हुआ काला कारोबार घर-घर में है चौकीदार, देशद्रोहियों पर कड़ा प्रहार घर-घर में है चौकीदार, आतंक पर हो आखरी वार घर-घर में है चौकीदार, दुश्मन हो जा खबरदार घर-घर में है चौकीदार, घुसपैठिए भागे सीमा पार घर-घर में है चौकीदार, टूटेगी जात-पात की दीवार घर-घर में है चौकीदार, वंशवाद की होगी हार घर-घर में है चौकीदार, दागदार पर भी भारी है कामदार घर-घर में है चौकीदार।

बहुत बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए…
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय
जय भीम, जय भीम, जय भीम।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।