This ‘Chowkidar’(PM Modi) has worked tirelessly over the last five years to enhance India’s global position on the world stage: PM Modi
UN’s listing of Masood Azhar as a global terrorist shows India’s efforts against terrorism were now being recognised and supported internationally: PM Modi
The track-record of the Congress shows it is not committed on fulfilling its promises, rather it is only interested in gaining political leverage from them: PM Modi

सब लोग बैठिए भैया, आप सब बैठिए, बैठिए।
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
यहां जयपुर ग्रामीण और दौसा से भी भारी संख्या में आप सब पधारे हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। गुलाबी नगरी का माहौल हमेशा देश का माहौल बताता है, और देश का माहौल क्या है? जब मैं मंच पे आया, आपने जिस प्रकार से रोशनी की ऐसा लग रहा था ये चुनाव सभा है की विजय सभा है।
भारत माता की...जय।

साथियो, मां भारती की आन, बान, शान। मां भारती के लिए यही भक्ति यही जुनून है जो इस वीर धरा को और अद्भुत बनाता है।

साथियो, आज मैं आपके बीच नए भारत के नए सपनों को पूरा करने के लिए आदेश मांगने आया हूं, आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं।
भाइयो और बहनो, बीते 5 वर्ष में, दुनिया में भारत के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाने में इस चौकीदार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरी निष्ठा से काम किया, श्रम किया और मैंने एक बार लाल किले से कहा था, देशवासियों से कहा था की अगर आप 11 घंटे काम करेंगे तो मैं 12 घंटे काम करूंगा। अगर आप 13 घंटे काम करेंगे तो मैं 14 घंटे काम करूंगा। जयपुर के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, क्या मैंने मेरा वादा निभाया? मैंने मेहनत करने में कोई कमी रखी है? आपको जैसा मैंने कहा था वैसा ही करने के लिए मैंने पूरी कोशिश की है, मैं राजस्थान की कसौटी पर खरा उतर रहा हूं?

याद करिए 2014 से पहले देश में क्या चर्चा होती थी, घरों के ड्राइंग रूम में, किचन में, ऑफिस में लंच के दौरान, बसों में, क्या बातें होती थीं? और ये याद करना बहुत जरूरी है। मुझे लाने से पहले भारत में जो रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी उस समय क्या हाल था, उस समय आपकी चर्चाएं क्या थी? ये आपको याद करना बहुत जरूरी है। क्या आप लोग मिलकर के चर्चा नहीं करते थे की आए दिन बम धमाके होते हैं, इंसान की जान की कद्र कब होगी? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं, मैं तो आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। आप मुझे बताइये मैं जो बोल रहा हूं वो चर्चा होती थी कि नहीं होती थी? लोग कहते थे, छोटे-छोटे देश कार्रवाई करते हैं, भारत कब जागेगा? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? ये जो घोटाला हुआ है, ये वाला कितने लाख का हुआ है? कितने करोड़ का हुआ है? इस घोटाले में कौन-कौन से नेता और उसका बेटा-बेटी किसकी शामिल हैं? हर साल देश में कोई न कोई घोटाला क्यों हो रहा है? ये बात होती थी की नहीं होती थी? जुबां पे इसकी चर्चा थी कि नहीं थी? महंगाई इतनी क्यों हैं? महंगाई डायन है कि खाए जात है? क्या सारा टैक्स हम ही से वसूल लेगी क्या सरकार? मिडिल क्लास की सरकार को तो परवाह ही नहीं है।

साथियो, ये सवाल आप लोगों के बीच में चलते थे कि नहीं चलते थे? पांच साल पहले आप ये बातें करते थे कि नहीं करते थे? वो घोर निराशा के दिन थे, आशा की किरण तक दिखती नहीं थी। लेकिन आज भाजपा की सरकार में देश में किन बातों की चर्चा होती है, क्या सवाल उठते हैं? 14 की तुलना में याद करना होगा आपको, आज भी ड्राइंग रूम में, बस में, रेल में, दुकान में, ऑफिस में, बातें आज भी होती हैं। देश और दुनिया की होती है, तब क्या होता था, आज क्या होता है? आज चर्चा ये होती है की उस शहर में 6 लेन का हाईवे बन गया, हमारे शहर में कब बनेगा? ऐसी बात होती है कि नहीं होती है? उस जिले में मेडिकल कॉलेज इतना अच्छा हो गया, हमारे जिले में कब होगा? ये बात होती है कि नहीं होती है? वो शहर तो एयर कनेक्टिविटी से जुड़ गया, हमारा शहर कब जुड़ेगा ये बात होती है कि नहीं होती है? उस शहर में तो उड़ान योजना के तहत फ्लाइटें भी आने लग पड़ीं, हमारे शहर में ऐसा कब होगा? उस शहर का रेलवे स्टेशन तो इतना शानदार हो गया है, हमारे शहर का कब होगा? उस शहर के लिए तो नई-नई ट्रेनें जाती हैं, क्या शानदार कोच होते हैं, लेकिन हमारे शहर ऐसी ट्रेन कब आएगी? उसे तो पीएम आवास के तहत घर मिल गया, हमें क्या अगले 8-10 महीने में मिल जाएगा क्या? मैं ये बातें इसीलिए कह रहा हूं, इन सारे सवालों में शिकायत नहीं है, विश्वास का भाव होता है। ये भरोसा होता है की कुछ दिन के इंतजार के बाद ही सही, मोदी हमारे लिए भी करेगा। आज लोग यह नहीं पूछ रहे हैं की क्यों नहीं हुआ? आज लोग आशा और उम्मीद के साथ ये कहते हैं की कब होगा? यानी उसको पूरा भरोसा है होने वाला है। वो इतना ही कहता है कब होगा, हमारी बारी कब आएगी? निराशा से आशा की तरफ बढ़ता ये नया भारत और यही हमारी ऊर्जा है, यही हमारी शक्ति का स्रोत है।

भाइयो और बहनो, इस नए भारत के निर्माण का नेतृत्व आज के नौजवान कर रहे हैं। वो आज नए भारत के निर्माण के लिए इस चौकीदार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इस भावना को सिर्फ अपने ही परिवार और अपने ही वंश को सर्वोपरि मानने वाले समझ ही नहीं पा रहे, इसलिए वे जमीन से कट गए हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है की देश चाहता क्या है? वो सिर्फ मोदी को गाली देने में जुटे हुए हैं। रोज सुबह डिक्शनरी लेके बैठे जाते हैं की आज कौन सी नई गाली निकालें, यही चल रहा है ना?

साथियो, 2014 में आपके वोट से देश में एक परिवार ने 55 साल जो तबाही लाकर के रखी थी। जीवन के हर क्षेत्र में खाई थी, गड्ढे थे। मैंने 55 महीने उस परिवार के 55 साल के गड्ढे भरने में खपा दिए। ये काम मैं कर पाया आपके वोट से। अबकी बार...मोदी सरकार, अबकी बार आपके वोट से विकास का हाईवे बनाने का अवसर है। 2014 में आपके वोट से डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों को अपना खुद का पक्का घर मिला। अबकी बार आपके वोट से देश के हर गरीब परिवार को अपना पक्का घर मिलेगा, एक भी बेघर नहीं रहेगा ये सपना, यानी एक तरह से देखे तो आपका वोट मोदी के खाते में जाएगा और हर बेघर का आशीर्वाद आपके खाते में आएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से 7 करोड़ से अधिक गरीब बहनों को चूल्हे पर गैस का कनेक्शन मिला। अबकी बार आपके वोट से हिंदुस्तान के सभी घरों में गैस का कनेक्शन पहुंचेगा। सोचिए, मोदी के खाते में डाला गया आपका एक वोट, आपको उस मां-बहन से भी आशीर्वाद दिलवाएगा, जिसे उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है।

साथियो, 2014 में आपके वोट से हमारे सशस्त्र बलों को सम्मान मिला, वन रैंक-वन पेंशन का वादा पूरा हुआ, राफेल जैसा लड़ाकू विमान मिलना तय हुआ। अबकी बार आपका वोट हमारे सशस्त्र बलों को और आधुनिक बनाएगा, आपको वीर-सपूतों को जन्म देने वाली माताओं का आशीर्वाद दिलाएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से देश के सभी गांवों में बिजली पहुंची, अबकी बार आपके वोट से देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम पूरा होगा। उस नई रोशनी में पढ़कर जो बच्चा आगे बढ़ेगा, जीवन में कुछ बनेगा, वो जीवन भर आपका धन्यवाद करेगा।

साथियो, 2014 में आपके वोट से किसानों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई, अबकी बार आपके वोट से 2022 तक किसानों की आय डबल होगी, दोगुनी होगी। 2014 में आपके वोट से छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद का लाभ सुनिश्चित हुआ। अबकी बार आपके वोट से हर छोटे-बड़े किसान परिवार को इसका लाभ मिलेगा। छोटे किसानों को पेंशन की सुविधा मिलेगी और वो किसान भी अन्नदाता आपके लिए आशीर्वाद दाता भी बनेगा।

साथियो, सरकार बदलने का क्या फर्क होता है ये भी मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। यहां राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी, पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला लेकिन इधर-उधर से मिला कर के बन गई। एक मिलावटी सरकार यहां बन गई। अब यहां पर किस तरह के सवाल उठ रहे हैं, मैंने बताया मेरे आने से पहले क्या सवाल थे और मेरे आने के बाद क्या सवाल थे और आज अभी नई-नई सरकार बनी है, मिलावटी सरकार है। इधर-उधर से कुनबा जोड़ कर के बनी है अब सवाल उठ रहे हैं, लोग सवाल पूछ रहे हैं 10 दिन हो गए, 100 दिन हो गए, कर्जमाफी के वायदे का क्या हुआ? 10 दिन में मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, उसका क्या हुआ?

साथियो, कांग्रेस की यही सच्चाई है। झूठ बोलना, फरेब करना और मतदाता को गुमराह करना, यही कांग्रेस का चरित्र है। वो एक बार चुनाव के समय जो पोस्टर छपवा लेती है, उसे कई दशक तक चलाती है।

50-60 साल पहले उसने चुनाव के समय गरीबी हटाओ वाला पोस्टर छपवाया था। आज तक वो उसी पोस्टर से काम चला रही है। हर चुनाव में वही पोस्टर निकालती है, बस नामदार की फोटो बदलती रहती है कभी पुरुष की आवाज कभी महिला की आवाज और गरीबी हटाओ बोलते रहते हैं। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। आप राजस्थान वालों को आज क्या हो गया है भाई। रह-रह कर के जुस्सा आता है, आपको जो चाहिए वो आएगा, आएगा। मैं आपके इस प्यार के लिए आपको नमन करता हूं।


आपका ये उत्साह, जयपुर में बैठे कांग्रेस के नेता और दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेता वो डॉक्टरों को फोन कर रहे हैं, बीपी बढ़ रहा है। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। हर चुनाव से पहले वो ये पोस्टर फिर अलग-अलग राज्यों में चिपका देती है। राजस्थान में भी उसने यही किया।

साथियो, कांग्रेस ने हमेशा किसान को सिर्फ जीतने धोखा दे सकते हैं दिया है, उसने देश के वीर जवानों को भी धोखा दिया है। कांग्रेस की सरकार कमीशन और करप्शन के चक्कर में भारत की रक्षा जरूरतों को भी खतरे में डालती रही है। देश की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस का रवैया कैसा रहा है और भाजपा कैसे काम करती है। उसका गवाह, मई का ये महीना भी रहा है। मई 1998 में पोखरण में, अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने दूसरा परमाणु विस्फोट किया था, पहले परीक्षण के दशकों बाद। अब आप बताइये, कांग्रेस की सरकार को ऐसा करने से किसी ने रोका था क्या? आखिर किसके दबाव में आ गई थी कांग्रेस? भाइयो और बहनो, यही स्थिति अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मारने वाली A-SAT मिसाइल के परीक्षण को लेकर के थी। हमारे वैज्ञानिक कांग्रेस की सरकार से टेस्ट करने की इजाजत मांग रहे लेकिन पूरी सरकार, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थर-थर कांप रही थी, पसीना छूट रहा था। इनको लगता था की अगर दुनिया ने, हमने मिसाइल से सैटेलाइट से गिराया और दुनिया हम पर टूट पड़ी तो हम तो कही के नहीं रहेंगे। जिन लोगों को सत्ता इतनी प्यारी हो, कुर्सी का इतना मोह हो, वो पार्टी कभी भी देश का भला सोच सकती है क्या? सोच सकती है क्या? निर्णय कर सकते हैं क्या, कदम उठा सकते हैं क्या?

लेकिन साथियो, आपके इस चौकीदार ने वैज्ञानिकों को इजाजत दी और आज भारत स्पेस में, अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता रखने वाला दुनिया में चौथा देश बना है। और साथियो, ये जो हमारे मिसाइल ने सैटेलाइट को गिराया है। उस सैटेलाइट की स्पीड एक सेकेंड में 10 किलोमीटर की थी यानी बंदूक की नोक से गोली जिस स्पीड से निकलती है उतनी स्पीड से अंतरिक्ष में सैटेलाइट जा रहा था और मिसाइल धरती से निकली 3 मिनट के भीतर, उस भागती हुई सैटेलाइट को गिरा दिया। ये ताकत अब दुनिया में हिंदुस्तान चौथा देश बन गया है दोस्तों।

साथियो, कांग्रेस की सरकारों का रवैया देश में आतंकवादी हमलों के समय कैसा रहा है, वो भी हमें भूलना नहीं चाहिए। हमारे देश में इतने बम धमाके हुए, यहां जयपुर में भी आप लोगों को आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट करके दहला दिया था। आपको याद है, तब कांग्रेस सरकार ने कोई सख्ती दिखाई थी क्या? आपको याद है कि नहीं है? याद मुझे कराना पड़ रहा है याद इसीलिए नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने कभी सख्ती दिखाई नहीं। अब मैं पूछता हूं, आप जवाब देंगे सब लोग? ये मरी पड़ी आवाज से जवाब नहीं देता है राजस्थान ये वीरों की भूमि है। आप जवाब देंगे, मैं जरा पूछता हूं आपको सर्जिकल स्ट्राइक याद है, एयर स्ट्राइक याद है, क्यों याद है?

साथियो, पहले भी सेना इजाजत मांगती थी लेकिन कांग्रेस की सरकार हिम्मत नहीं दिखा पाती थी। जब की देश की सुरक्षा को लेकर हमारी नीति और रीति साफ है और देश को चौकीदार पर भरोसा है। और मैं आज वीरों की भूमि पर आया हूं, बहादुरों की भूमि पर आया हूं। मैं उन माताओं के आशीर्वाद लेकर के कहना चाहता हूं, देश के लिए मर-मिटने वाले इस धरती ने अनेक वीर पुत्र दिए हैं। उन वीर पुत्रों को जन्म देने वाली उन माताओं का स्मरण करते हुए मैं कहता हूं। अब ये नया हिंदुस्तान है, अब देश को जहां से भी खतरा होगा, वहां पर घुसकर के मारेंगे। और अगर वो गोली मारेंगे तो हम गोला मारेंगे। ये होती है दमदार सरकार। ये दम तब आता है जब दिल और दिमाग सिर्फ और सिर्फ भारत के लिए सोचता है, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के लिए सोचता है।

साथियो, मैं आपसे देश से एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं। भाइयो-बहनो, वैसे राजस्थान की धरती से, ये वीरों की भूमि से मेरा कोई विशेष ही नाता लग रहा है, क्योंकि जब एयर स्ट्राइक हुई, जिस समय देश में, एयर स्ट्राइक हुआ और उसी दिन में चुरू पहुंचा था। चुरू में मेरी जन सभा थी और जब एयर स्ट्राइक की खबर आई तो चुरू वालों को लगा था की पता नहीं मोदी जी अब आएंगे की नहीं आएंगे? लेकिन एयर स्ट्राइक की खबरें हवा में थी और चुरू पाकिस्तान की सीमा पर है मोदी वहां आ धमका था।

आज फिर से राजस्थान की धरती पर वैसी ही कुछ खबरों के साथ आया हूं। अभी-अभी अमेरिका से न्यूयॉर्क से मीडिया रिपोर्ट आ रही है की आज UN ने संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना, कुख्यात आतंकवादी मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगा दिया है। मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करने पर आखिरकार विश्व में सहमति बनी, ये संतोष का विषय है, देर आए दुरुस्त आए। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए लंबे समय से भारत जो प्रयास कर रहा था, ये उसकी बहुत बड़ी सफलता है। एक समय था जब देश में ऐसी रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी जिसमें प्रधानमंत्री तक की आवाज सरकार में भी कोई नहीं सुनता था और आज देश ने देखा है की यूनाइटेड नेशन में क्या हुआ? कैसे 130 करोड़ जनता की आवाज पूरे विश्व में दहाड़ रही है। ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार आज भारत की बात पूरी दुनिया में सुनी जाती है। भारत की बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है यह बात आज साबित हो गई है। और, मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं की ये तो सिर्फ शुरुआत है। आगे-आगे देखिए, होता क्या है।

साथियो, बीते दिनों में आपने देखा है किस प्रकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का निरंतर सफाया किया जा रहा है। एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया है। उससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक कर के आतंकियों और उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। उसके बाद आज ही की हमारी बहुत बड़ी कूटनीतिज्ञ विजय भी आज देश देख रहा है। इन सब को जोड़ कर देखें तो विश्व में जो आज भारत की ताकत बनी है वो 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक शक्ति का परिणाम है। मैं देश को याद दिलाना चाहता हूं की जब यह काम चल रहा था तब नामदार ट्वीट कर कर के बड़ी खुशी में मनाते थे, ये पूरा वर्ग बहुत खुश था और मोदी का मजाक उड़ाते थे। आज इतने दिनों से मजाक उड़ाने वालों को मैं कहना चाहता हूं की यह सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है यह पूरे हिंदुस्तान की सफलता है, 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की सफलता है। मैं आशा रखता हूं वे आज भी खुशी मनाएंगे, आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए, चाहे वो किसी भी विचारधारा का हो, किसी भी धर्म का हो, किसी भी क्षेत्र का हो सबके लिए आज बेहद गर्व का दिन है। आज देश के लिए आत्मविश्वास का जो माहौल बना है। मेरी हाथ जोड़ कर प्रार्थना है की कोई भी राजनीतिक दल इस माहौल में, ऐसे उत्साह के माहौल में ऐसे आत्मविश्वाश के माहौल में, कृपा कर के मिलावट न करें।

भाइयो और बहनो, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विश्व समुदाय भारत के साथ खड़ा रहा इसके लिए मैं 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से, हर मानवतावादी की तरफ से, विश्व समुदाय का आभार व्यक्त करता हूं।

साथियो, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पूरे विश्व को भी भारत की 40 साल से जो मुसीबत झेल रहे हैं, जो हम बार-बार कह रहे थे उस सच्चाई का अब उन्हें एहसास हुआ है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान में भी एक छोटा समूह जो सच्चे अर्थ में पाकिस्तान का उज्जवल भविष्य चाहता है वो भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खुल कर आतंकवाद के खिलाफ बोलने लगा है। पकिस्तान का एक वर्ग अपने देश में खुले आम घूमते आतंकियों के खिलाफ, आतंकियों को ट्रेनिंग के खिलाफ अपने युवाओं की बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाने लगा है। पाक की आतंकी दृष्टि के खिलाफ अब उसके जागरूक नागरिक ही आवाज उठाने लगे हैं, एयर स्ट्राइक के बाद ये आवाज और मुखर हुई है। आज संयुक्त राष्ट्र के निर्णय के बाद पाक के जागरूक नागरिक वहां की सरकार पर और दबाव बनाएंगे ये मैं अनुभव कर रहा हूं।

भाइयो-बहनो, वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना करने का साथ ही हमें यहां देश में भी एक भगीरथ कार्य पूरा करना है। ये काम है पानी को लेकर दुनिया की आधुनिक से आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग पानी के लिए हम करने वाले हैं। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय, एक अलग मंत्रालय बनाया जाएगा। नदियों का पानी हो, समंदर का पानी हो, बारिश का पानी हो, प्यासे गांवों तक इस पानी को पीने लायक बना कर के पहुंचाने का मिशन चलाया जाएगा। जितने भी हमारे बांध आज सूखे पड़े हैं, इसको पुनर्जीवित करने के लिए एक ईमानदार प्रयास हम करने वाले हैं।
साथियो, और मैंने पिछली बार राजस्थान आया था मैंने कहा था, की सिंधु नदी के संबंध में पानी की संबंध में पाकिस्तान के साथ जो समझौता हुआ और दिल्ली में सरकारें सोती रही और पानी हमारे हक का पानी पाकिस्तान में जाता रहा अब एक बूंद पानी नहीं जाने दूंगा। जिस पानी पर हिंदुस्तान के किसान का हक है वो पानी अब पाकिस्तान नहीं जाएगा।

साथियो, इन सारे संकल्पों की पूर्ति के लिए, आप चाहते हैं ये सब हो, आप चाहते हैं आतंकवाद खत्म हो, आप चाहते हैं देश आगे बढ़े, आप चाहते है देश में ईमानदारी आए, आप चाहते है बेईमान जेल जाएं? तो फिर एक काम करना पड़ेगा, करेंगे? घर-घर जाएंगे, हर पोलिंग बूथ में जाएंगे, मतदाताओं से मिलेंगे, मतदाताओं को समझाएंगे, चुनाव के दिन गर्मी हो तो भी वोट करवाएंगे? कमल के फूल के सामने बटन दबवाएंगे? कमल के फूल को वोट मिलेगा?

भाइयो बहनो कमल के फूल के सामने बटन दबाओगे तो ये आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

भाइयो बहनो, मैंने राजस्थान का मिजाज पिछली बार आया था देख लिया था, कांग्रेस का बचना मुश्किल है। अरे! जो अपने बेटे को भी नहीं बचा पाएंगे वो कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे। फिर एक बार आपका ये उत्साह, उमंग, जोश मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
भारत माता की...जय
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बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 23, 2024
It is a moment of pride that His Holiness Pope Francis has made His Eminence George Koovakad a Cardinal of the Holy Roman Catholic Church: PM
No matter where they are or what crisis they face, today's India sees it as its duty to bring its citizens to safety: PM
India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy: PM
Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled: PM
Each one of us has an important role to play in the nation's future: PM

Respected Dignitaries…!

आप सभी को, सभी देशवासियों को और विशेषकर दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, ‘Merry Christmas’ !!!

अभी तीन-चार दिन पहले मैं अपने साथी भारत सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के यहां क्रिसमस सेलीब्रेशन में गया था। अब आज आपके बीच उपस्थित होने का आनंद मिल रहा है। Catholic Bishops Conference of India- CBCI का ये आयोजन क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन हम सबके लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष CBCI की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर CBCI और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

पिछली बार आप सभी के साथ मुझे प्रधानमंत्री निवास पर क्रिसमस मनाने का अवसर मिला था। अब आज हम सभी CBCI के परिसर में इकट्ठा हुए हैं। मैं पहले भी ईस्टर के दौरान यहाँ Sacred Heart Cathedral Church आ चुका हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबसे इतना अपनापन मिला है। इतना ही स्नेह मुझे His Holiness Pope Francis से भी मिलता है। इसी साल इटली में G7 समिट के दौरान मुझे His Holiness Pope Francis से मिलने का अवसर मिला था। पिछले 3 वर्षों में ये हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। इसी तरह, सितंबर में न्यूयॉर्क दौरे पर कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन से भी मेरी मुलाकात हुई थी। ये आध्यात्मिक मुलाक़ात, ये spiritual talks, इनसे जो ऊर्जा मिलती है, वो सेवा के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।

साथियों,

अभी मुझे His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड से मिलने का और उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला है। कुछ ही हफ्ते पहले, His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को His Holiness Pope Francis ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भी वहां भेजा था। जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वभाविक है। मैं Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को फिर एक बार बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। वो 8 महीने तक वहां बड़ी विपत्ति में फंसे हुए थे, बंधक बने हुए थे। हमारी सरकार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया। अफ़ग़ानिस्तान के उन हालातों में ये कितना मुश्किल रहा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। लेकिन, हमें इसमें सफलता मिली। उस समय मैंने उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। उनकी बातचीत को, उनकी उस खुशी को मैं कभी भूल नहीं सकता। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहाँ भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। मैंने उन्हें भी अपने घर पर आमंत्रित किया था। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल diplomatic missions नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।

साथियों,

भारत अपनी विदेश नीति में भी National-interest के साथ-साथ Human-interest को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी pandemic आई, दुनिया के कई देश, जो human rights और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को diplomatic weapon के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। उस समय उन्होंने केवल अपने हितों की चिंता की। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयाँ पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। अभी हाल ही में, मैं गयाना दौरे पर गया था, कल मैं कुवैत में था। वहां ज्यादातर लोग भारत की बहुत प्रशंसा कर रहे थे। भारत ने वैक्सीन देकर उनकी मदद की थी, और वो इसका बहुत आभार जता रहे थे। भारत के लिए ऐसी भावना रखने वाला गयाना अकेला देश नहीं है। कई island nations, Pacific nations, Caribbean nations भारत की प्रशंसा करते हैं। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

Friends,

The teachings of Lord Christ celebrate love, harmony and brotherhood. It is important that we all work to make this spirit stronger. But, it pains my heart when there are attempts to spread violence and cause disruption in society. Just a few days ago, we saw what happened at a Christmas Market in Germany. During Easter in 2019, Churches in Sri Lanka were attacked. I went to Colombo to pay homage to those we lost in the Bombings. It is important to come together and fight such challenges.

Friends,

This Christmas is even more special as you begin the Jubilee Year, which you all know holds special significance. I wish all of you the very best for the various initiatives for the Jubilee Year. This time, for the Jubilee Year, you have picked a theme which revolves around hope. The Holy Bible sees hope as a source of strength and peace. It says: "There is surely a future hope for you, and your hope will not be cut off." We are also guided by hope and positivity. Hope for humanity, Hope for a better world and Hope for peace, progress and prosperity.

साथियों,

बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई Hope दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं। 10 साल में हमारे यूथ को वो opportunities मिली हैं, जिनके कारण उनके लिए सफलता का नया रास्ता खुला है। Start-ups से लेकर science तक, sports से entrepreneurship तक आत्मविश्वास से भरे हमारे नौजवान देश को प्रगति के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। हमारे नौजवानों ने हमें ये Confidence दिया है, य़े Hope दी है कि विकसित भारत का सपना पूरा होकर रहेगा। बीते दस सालों में, देश की महिलाओं ने Empowerment की नई गाथाएं लिखी हैं। Entrepreneurship से drones तक, एरो-प्लेन उड़ाने से लेकर Armed Forces की जिम्मेदारियों तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। दुनिया का कोई भी देश, महिलाओं की तरक्की के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। और इसलिए, आज जब हमारी श्रमशक्ति में, Labour Force में, वर्किंग प्रोफेशनल्स में Women Participation बढ़ रहा है, तो इससे भी हमें हमारे भविष्य को लेकर बहुत उम्मीदें मिलती हैं, नई Hope जगती है।

बीते 10 सालों में देश बहुत सारे unexplored या under-explored sectors में आगे बढ़ा है। Mobile Manufacturing हो या semiconductor manufacturing हो, भारत तेजी से पूरे Manufacturing Landscape में अपनी जगह बना रहा है। चाहे टेक्लोलॉजी हो, या फिनटेक हो भारत ना सिर्फ इनसे गरीब को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि खुद को दुनिया के Tech Hub के रूप में स्थापित भी कर रहा है। हमारा Infrastructure Building Pace भी अभूतपूर्व है। हम ना सिर्फ हजारों किलोमीटर एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, बल्कि अपने गांवों को भी ग्रामीण सड़कों से जोड़ रहे हैं। अच्छे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों किलोमीटर के मेट्रो रूट्स बन रहे हैं। भारत की ये सारी उपलब्धियां हमें ये Hope और Optimism देती हैं कि भारत अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है। और सिर्फ हम ही अपनी उपलब्धियों में इस आशा और विश्वास को नहीं देख रहे हैं, पूरा विश्व भी भारत को इसी Hope और Optimism के साथ देख रहा है।

साथियों,

बाइबल कहती है- Carry each other’s burdens. यानी, हम एक दूसरे की चिंता करें, एक दूसरे के कल्याण की भावना रखें। इसी सोच के साथ हमारे संस्थान और संगठन, समाज सेवा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूलों की स्थापना हो, हर वर्ग, हर समाज को शिक्षा के जरिए आगे बढ़ाने के प्रयास हों, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामान्य मानवी की सेवा के संकल्प हों, हम सब इन्हें अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं।

साथियों,

Jesus Christ ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। मैं मानता हूँ, ये हमारी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और as a nation भी हमारी duty है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ऐसे कितने ही विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया, लेकिन वो मानवीय दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा जरूरी थे। हमने उन्हें हमारी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक पैरामीटर के रूप में सेट किया। हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गाँव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिले, पैसे के अभाव में कोई इलाज से वंचित न रहे, हमने एक ऐसी संवेदनशील व्यवस्था बनाई जो इस तरह की सर्विस की, इस तरह की गवर्नेंस की गारंटी दे सके।

आप कल्पना कर सकते हैं, जब एक गरीब परिवार को ये गारंटी मिलती हैं तो उसके ऊपर से कितनी बड़ी चिंता का बोझ उतरता है। पीएम आवास योजना का घर जब परिवार की महिला के नाम पर बनाया जाता है, तो उससे महिलाओं को कितनी ताकत मिलती है। हमने तो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर संसद में भी उनकी ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की है। इसी तरह, आपने देखा होगा, पहले हमारे यहाँ दिव्यांग समाज को कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्हें ऐसे नाम से बुलाया जाता था, जो हर तरह से मानवीय गरिमा के खिलाफ था। ये एक समाज के रूप में हमारे लिए अफसोस की बात थी। हमारी सरकार ने उस गलती को सुधारा। हमने उन्हें दिव्यांग, ये पहचान देकर के सम्मान का भाव प्रकट किया। आज देश पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में दिव्यांगों को प्राथमिकता दे रहा है।

साथियों,

सरकार में संवेदनशीलता देश के आर्थिक विकास के लिए भी उतनी ही जरूरी होती है। जैसे कि, हमारे देश में करीब 3 करोड़ fishermen हैं और fish farmers हैं। लेकिन, इन करोड़ों लोगों के बारे में पहले कभी उस तरह से नहीं सोचा गया। हमने fisheries के लिए अलग से ministry बनाई। मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। हमने मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की। समंदर में मछलीपालकों की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक प्रयास किए गए। इन प्रयासों से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला, और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला।

Friends,

From the ramparts of the Red Fort, I had spoken of Sabka Prayas. It means collective effort. Each one of us has an important role to play in the nation’s future. When people come together, we can do wonders. Today, socially conscious Indians are powering many mass movements. Swachh Bharat helped build a cleaner India. It also impacted health outcomes of women and children. Millets or Shree Anna grown by our farmers are being welcomed across our country and the world. People are becoming Vocal for Local, encouraging artisans and industries. एक पेड़ माँ के नाम, meaning ‘A Tree for Mother’ has also become popular among the people. This celebrates Mother Nature as well as our Mother. Many people from the Christian community are also active in these initiatives. I congratulate our youth, including those from the Christian community, for taking the lead in such initiatives. Such collective efforts are important to fulfil the goal of building a Developed India.

साथियों,

मुझे विश्वास है, हम सबके सामूहिक प्रयास हमारे देश को आगे बढ़ाएँगे। विकसित भारत, हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। मैं एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और जुबली ईयर की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।