BJP always delivers on its promises: PM Modi in Dhanbad

Published By : Admin | December 12, 2019 | 11:53 IST
I assure every state of the East and Northeast. The traditions, culture, language etc of Assam and other states will not be affected at all: PM Modi on CAB
PM Modi says the Congress in the past had promised relief to persecuted minority refugees but never did anything for them
People across the country have faith on Bharatiya Janata Party as BJP delivers on its promises: PM Modi in Dhanbad
PM Modi talks about the several central schemes and projects which are benefiting the people of Jharkhand at large

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मां लिलोरी, मां कल्याणेश्वरी को शत-शत प्रणाम करता हूं। कोयलांचल की राजधानी में, झारखंड के इस महत्वपूर्ण शहर में एक बार फिर आप सभी के बीच आना, आपके आशीर्वाद प्राप्त करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, इस बार और हर बार जब-जब यहां आता हूं तो आपका ये अभूतपूर्व स्नेह और सत्कार मुझे हर बार मिलता रहा है। आज भी इतनी भारी संख्या में मेरी नजर जहां पहुंच रही है माथे ही माथे नजर आ रहे हैं, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। इतनी बड़ी तादाद में आप सबने आकर के हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद दिया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। भाइयो-बहनो, बीते कुछ हफ्तों से मैंने झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा किया है, वहां का माहौल जाना है, लोगों से बातचीत की है और मैं राजनीति के अनुभव के आधार पर कहता हूं कि एक बात बिल्कुल स्पष्ट है। पूरे झारखंड में कमल के फूल को लेकर, भाजपा की डबल इंजन सरकार को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है, असीम उत्साह है। पहले दो चरणों में जहां-जहां मतदान हुआ है वहां भाजपा के पक्ष में अभूतपूर्व मतदान हुआ है। भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं ने प्रशंसनीय काम किया है, नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर मतदान किया है, प्रशासन ने भी शांतिपूर्ण मतदान को सफलतापूर्वक यहां पर करके दिखाया। मुझे पूरा विश्वास है कि जहां अभी मतदान हो रहा है और जहां अगले चरणों में होगा वहां भी भारी मतदान होगा, स्थिर और मजबूत सरकार फिर से बनाने के लिए आपका प्रचंड समर्थन मिलेगा।  

साथियो, आखिर झारखंड सहित पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के प्रति इतना विश्वास क्यों है, आज पूरा हिंदुस्तान भाजपा पर क्यों विश्वास करता है। भाइयो-बहनो, ये भरोसा इसलिए है क्योंकि भाजपा ही है जो संकल्प लेने के बाद उसे सिद्ध भी करती है। जो वादा हम देश के लोगों से करते हैं उस पर पूरी ईमानदारी से अमल करते हैं। 

भाइयो-बहनो, कांग्रेस ने देश में एक विचित्र राजनीतिक माहौल बनाया जिसके कारण घोषणापत्र पर, नेताओं के वादों पर देशवासियों का भरोसा करीब-करीब उठ ही गया था, क्योंकि उन्होंने वही परंपरा पैदा की थी, लोगों को लगने लगा था कि नेता चुनाव के दौरान घोषणाएं करते हैं और फिर भूल जाते हैं। देश के लोगों में ये भावना भरने वाली कांग्रेस की परंपरा, कांग्रेस के कारनामे, कांग्रेस के इरादे, इसी के कारण ये स्थिति पैदा हुई है। कांग्रेस और जेएमएम और फिर उनके साथ आरजेडी और बचे-खुचे वामपंथी जैसे इनके सहयोगी हमेशा यही करते रहे हैं लेकिन साथियो, भाजपा ने सिर्फ 6 महीने में दिखाया है कि संकल्प चाहे कितने भी बड़े हों, कितने भी मुश्किल हों, उन्हें पूरा करने के लिए हम दिन-रात एक कर देते हैं। हम सुख-वैभव के पीछे नहीं दौड़ते हैं, ना ही हम चैन की नींद सोते हैं, हर पल देशवासियों के सपने को पूरा करने के लिए हम अपने आप को मिटाते रहते हैं। भाइयो-बहनो, 6 महीने पहले जब आपके बीच मैं और मेरे भाजपा के सभी साथी आए थे तब हमने कहा था कि झारखंड सहित देश के हर किसान परिवार के बैंक खाते में सीधी मदद पहुंचाएंगे। भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए ये संकल्प पूरा हुआ कि नहीं पूरा हुआ, हमने वादा किया था, निभाया कि नहीं निभाया। हमने कहा था छोटे किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार, छोटे व्यापारी, उन सबको 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की व्यवस्था करेंगे, ये संकल्प भी हमने आते ही पूरा कर दिया, किया कि नहीं किया, वादा निभाया कि नहीं निभाया? भाइयो-बहनो, हमने कहा था कि 2024 तक, ये चुनाव में जो मैंने कहा था याद दिला रहा हूं और पार्टियां तो भुलवा देती हैं। अब वो गरीबी हटाओ बोलना बंद कर दिया उन्होंने, क्योंकि 30-30 साल तक झूठ बोलते रहे। भाइयो-बहनो, 2024 तक देश के हर घर को जल देने का काम करेंगे, ये मैंने आपसे कहा था, हमने सरकार बनते ही इस संकल्प को पूरा करने के लिए जल शक्ति का अलग मंत्रालय बनाया, जल शक्ति के लिए अलग बजट लगाया और इतना ही नहीं, जल जीवन मिशन भी शुरू हो चुका है और इस सपने को 2024 तक पूरा करके रहेंगे। इस काम को पूरा करने के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसके कारण मेरी माताओं-बहनों को पानी के कारण जो मुसीबत होती है, माताओं-बहनों को उस संकट से मुक्ति मिल जाएगी और इस योजना का लाभ झारखंड को तो मिलेगा ही, लेकिन इस क्षेत्र के गरीबों को विशेष नई ताकत देगा और मैं भलीभांति जानता हूं, यहां के पानी की दिक्कतें देश के कई कोने में लेकिन उसका समाधान ढूंढ़ने के लिए भारत सरकार ने इतना बड़ा बीड़ा उठाया है। आपकी वो तकलीफें भी जल जीवन मिशन से कम होंगी। 

साथियो, भाजपा ने आपसे ये कहा था कि देश में एक ही संविधान लागू करेंगे, जम्मू कश्मीर में भी भारतीय कानून लागू करेंगे। आज जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हट चुका है और भारत का संविधान पूरी तरह से वहां लागू है। आप मुझे बताइए 370 हटाने का वादा हमने पूरा किया कि नहीं किया, ये बड़ा निर्णय हमने किया कि नहीं किया। पूरी निष्ठा के साथ, ईमानदारी के साथ लागू किया कि नहीं किया। भाइयो-बहनो, हमने कहा था कि राम जन्मभूमि, मैं आपके इस आशीर्वाद के लिए आपको सिर झुकाकर के नमन करता हूं, ये आपके आशीर्वाद ही मेरी ताकत है, ये आशीर्वाद ही भाजपा की ताकत है, ये आशीर्वाद ही झारखंड का उज्ज्वल भविष्य बनाएंगे। भाइयो-बहनो, राम जन्मभूमि को लेकर जो विवाद सदियों से यानी 2,5 साल, 50 साल से नहीं, सदियों से चल रहा है, जिसको कांग्रेस ने जानबूझ करके उलझाया, बार-बार उलझाया। हमने कहा था, हमारे संकल्प पत्र में लिखा था कि राम जन्मभूमि विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे, ये हमने कहा था, शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया कि नहीं सुलझाया? भाइयो-बहनो, अब आप खुद देख रहे हैं कि कैसे अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए सारे मार्ग खुल चुके हैं, सारी अड़चनें हट गई हैं और सब कुछ देश की एकता, देश का भाईचारा, देश का सद्भाव इसको मजबूत बनाने के रास्ते पर किया गया और देश ने दिखा दिया, देश की एकता क्या है, देश में भाईचारा क्या है, देश में सभी धर्म-संप्रदाय के लोग कैसे मिल-जुल करके रहते हैं, ये हिंदुस्तान ने दिखा दिया है, पूरी दुनिया को हिंदुस्तान ने एकता का संदेश दे दिया है। 

साथियो, हमने ये भी कहा था कि तीन तलाक ये जो कुप्रथा, इस देश में करोड़ों बहनों को नर्क का जीवन जीने के लिए मजबूर कर रही है। हम ऐसी हमारी माताओं-बहनों को इस बुराई से हम मुक्ति दिलाकर के रहेंगे। आज तीन तलाक के विरुद्ध सख्त कानून बन चुका है। इस कानून ने लाखों-करोड़ों मुस्लिम बहन-बेटियों के जीवन को सुरक्षित किया है, उन्हें जीवन की एक बड़ी चिंता से बाहर निकाला है, आप बताइए भाइयो-बहनो, मैंने वादा पूरी किया कि नहीं किया? मैंने कभी वोट बैंक की चिंता नहीं की है, लोगों की भलाई के लिए काम करने का मेरा इरादा है, किया कि नहीं किया? और कुछ लोग भ्रम में रहते हैं कि तीन तलाक से ये जो मोदी ने कानून बनाया है वो सिर्फ मुस्लिम बहनों की मदद करता है। मुस्लिम बहनों की तो मदद करता ही है, लेकिन उससे ज्यादा ये मुस्लिम भाइयों की मदद करता है। मैं समझाता हूं कैसे करता है, मुझे बताइए हर भाई, उसकी बहन तीन तलाक के कारण घर आ जाए तो उस भाई को मुसीबत होगी कि नहीं होगी? अगर मान लो कि कोई बेटी तीन तलाक के कारण घर लौट आए तो पिता को तकलीफ होगी कि नहीं होगी तो तीन तलाक के कारण सिर्फ एक बेटी पर अन्याय नहीं होता है, बेटी का भाई परेशान हो जाता है, बेटी का पिता परेशान हो जाता है, बेटी की माता परेशान हो जाती है, पूरा परिवार तबाह हो जाता है और इसलिए तीन तलाक के खिलाफ कानून ला करके हमने मुस्लिम पुरुषों की भी मदद की है। भाइयो-बहनो, बीते 6 महीने में जितने भी काम हुए हैं, जितने भी फैसले लिए गए हैं, इनमें से अनेक ऐसे थे, जो दशकों से लटके हुए थे और ये कांग्रेस का चरित्र रहा है, इन सारों को लटकाने का श्रेय कांग्रेस और उनके सहयोगियों को जाता है, जिन्होंने सबसे ज्यादा समय देश पर शासन किया है, देश पर राज किया है। ये कांग्रेस की हमेशा से रणनीति रही है कि मुश्किल फैसलों को टालते रहो, उस पर राजनीति करते रहो। कांग्रेस ने हमेशा अपनी राजनीति के बारे में सोचा है, राष्ट्रहित और राष्ट्रनीति के बारे में उन्हें सोचने में उनको बड़ी देर लग जाती है। कांग्रेस की यही राजनीति है जिसके कारण सात दशक के बाद भी भारत के समाज में अनेक नई मुश्किलें आती हैं, दरारें खड़ी हो जाती हैं, दरारें दिखने लगती हैं। 

साथियो, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कई वर्षों से चल रही थी। कांग्रेस की सरकारें आती थीं, चुनाव के समय वादे करती थीं, ओबीसी के नेताओं के साथ फोटो निकलवाती थीं और चुनाव गया तो भूल जाती थीं और कांग्रेस उसको लटकाए रखती थी कि हर चुनाव में भुनाया जा सके, यही इनकी स्वार्थ की नीति थी। लेकिन भाजपा ने पिछड़े वर्ग-ओबीसी की समस्याओं को सुलझाने के लिए इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया ताकि पिछड़ों को इंसाफ मिल सके। आपने देखा होगा लोग झूठ फैलाते रहते हैं, मोदी आएगा, भाजपा आएगी तो अनामत जाएगीआरक्षण जाएगा। अभी पार्लियामेंट में हमने एससी-एसटी के आरक्षण को दस साल बढ़ाने का निर्णय हमारी सरकार ने कर दिया, ये हमारी राष्ट्रनीति का हिस्सा है। साथियो, सामान्य वर्ग के गरीब साथियों को आरक्षण मिले, हर परिवार से मांग उठती थी। सामान्य वर्ग का हर गरीब सालों से मांग कर रहा था, आंदोलन कर रहा था, लेकिन कांग्रेस जायज मांगों को भी टालती रही, दबाती रही, लटकाती रही। ये कांग्रेस और उसके सहयोगियों की स्वार्थनीति का परिणाम है। भाजपा ने गरीब के हित में सामान्य वर्ग के गरीब को भी दस प्रतिशत आरक्षण दे दिया। मिला कि नहीं मिला, निर्णय हुआ कि नहीं हुआ? सामान्य वर्ग को भी न्याय मिला कि नहीं मिला? यही हमारी राष्ट्रनीति है। साथियो, आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाने की मांग भी दशकों से चल रही थी, लेकिन इसको पूरा करने का काम भी जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री बने, भाजपा की सरकार बनी तब कर पाए, उसके पहले कांग्रेस को आदिवासी समाज की चिंता नहीं थी। भाइयो-बहनोइसी तरह अलग झारखंड के निर्माण के लिए भी अगर वर्षों तक यातनाएं झेलनी पड़ीं, गोलियां बरसाई गईं, जुल्म किए गए, खून-खराबा हुआ, लोगों को जेलों में डाला गया, लोगों को अपनों को खोना पड़ा तो ये मुसीबत का कारण भी कांग्रेस पार्टी रही है, उनके साथी रहे हैं, जो स्वार्थ के लिए राजनीतिक आंदोलनों की बाते करते रहे हैं। आजादी के बाद से ही यहां का जनजातीय समाज, यहां का पिछड़ा समाज अलग राज्य की मांग कर रहा था, लेकिन कांग्रेस ने अपने राजनीतिक हितों को ऊपर रखा, आपकी बात नहीं सुनी और पांच दशक तक आपके लिए अलग झारखंड नहीं बनाया। और कुछ लोग तो कहते थे कि झारखंड मेरी लाश पर बनेगा, आज वही लोग आपके वोट मांगने निकले हैं, ऐसे झूठ बोलने वालों को माफ कर सकते हैं क्या, झारखंड का विरोध करने वालों को स्वीकार कर सकते हैं क्या? झारखंड के मुद्दे को लटकाए रखने वालों को माफ कर सकते हैं क्या?

भाइयो-बहनो, बाबू राम नारायण सिंह जी, जयपाल मुंडा जी और विनोद बिहारी महतो जी जैसे सेनानियों के संघर्ष को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया। उनकी आवाज को दबाने के लिए छल- कपट का सहारा लिया गया, लेकिन भाजपा ने इस संघर्ष का भी सम्मान किया और इससे जुड़े सेनानियों का भी सम्मान किया और जब भाजपा को पहली बार दिल्ली में आपने अवसर दिया तो आपसे किया गया अलग झारखंड का वादा भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पूरा कर दिया। इतना ही नहीं झारखंड आंदोलन के प्रणेता रहे विनोद बिहारी महतो जी के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण करने का काम भी भाजपा की सरकार ने किया ताकि झारखंड की युवा पीढ़ी को आने वाली सदियों तक प्रेरणा मिलती रहे। साथियो, अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए राष्ट्र का अहित करने वाली कांग्रेस की सोच का आज मैं एक और उदाहरण आपको देना चाहता हूं। 1947 में जब देश आजाद हुआ, जब भारत के टुकड़े हो गए, माता को आजाद कराने के लिए भारत मां की भुजाएं काट दी गईं और 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। दोनों बार सबसे अधिक प्रभावित कौन हुए? दोनों बार सबसे अधिक प्रभावित वो लोग हुए जो पाकिस्तान में, बांग्लादेश में, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक थे, जिनका ध्यान रखने का समझौता हुआ था। ये अल्पसंख्यक, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक कौन है, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक कौन है, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक कौन है। इन अल्पसंख्यकों को और उनमें अधिकतर हिंदू थे, सिख थे, बौद्ध थे, जैन थे, ईसाई संप्रदाय के लोग थे, पारसी लोग थे, ये लोग अनेकों पीढ़ियों से वहां रह रहे थे, वो कहीं और से वहां आकर नहीं बसे थे। इन लोगों ने अलग देश की मांग भी नहीं की थी, उन पर तो ये फैसला सन 47 में थोपा गया था, हिंदुओं में भी अधिकतर दलित परिवारों के लोग थे जो विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए थे और ये वो लोग थे, जो वहां साफ-सफाई का काम करते थे। जिनको पाकिस्तान के जमींदारों ने वहां सेवा के लिए, काम-काज के लिए रखा था। वहां जो दलित, वंचित, शोषित रह गए थे, उनके साथ अमानवीय बर्ताव हुआ, उनके मंदिरों पर कब्जा किए गए। गुरुद्वारा हो, चर्च हो, हर तीर्थ केंद्र, हर श्रद्धा केंद्र संकट में आ गया। घर तो उनके पास क्या थे, झोपड़ियों में जिंदगी गुजारते थे, उन पर भी कब्जा कर लिया, बहू-बेटियों के साथ दिन-दहाड़े अत्याचार हुए। यही स्थिति वहां रहने वाले सिख परिवारों की हुई। ऐसे लाखों साथी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए। दशकों से वो भारत के अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं, अनधिकृत रूप से रहते हैं, उनको राजनीति के लिए उपयोग तो किया गया, लेकिन उन्हें नागरिकता को लेकर सिर्फ वादे मिले और आप अखबार निकाल लीजिए, हर चुनाव के पहले कांग्रेस के किसी ना किसी नेता ने, कांग्रेस की किसी ना किसी इकाई ने ये बयान दिया है। पुराने अखबार निकाल लेना, उन्होंने वादे किए हैं कि हमारी सरकार बनेगी तो बांग्लादेश, पाकिस्तान से आए हुए जो विस्थापित हैं उनको हम नागरिक अधिकार देंगे, हिंदू को देंगे, सिख को देंगे, ऐसा भी कहा है लेकिन कल आपने देखा फिर पलट गए।

भाइयो-बहनो, जिस गरीबी, गंदगी और उपेक्षा में हमारे भाई-बहन पाकिस्तान में थे, कांग्रेस की सरकारों ने यहां भी उनके साथ यही बर्ताव किया। भाइयो-बहनो, दस साल पहले जब अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़े तो दर्जनों ईसाई परिवार भी अपनी जान बचाकर हिंदुस्तान आए, भारत इसलिए आए, क्योंकि उनके पुरखे भी इसी धरती से जुड़े हुए थे, लेकिन इन लोगों का भारत में आने के बाद कांग्रेस की सरकार ने साथ नहीं दिया। ऐसे ईसाई परिवार आज भी बहुत ही दयनीय स्थिति में जिंदगी गुजार रहे हैं। साथियो, आज जब ऐसे लाखों गरीब, प्रताड़ित, वंचित, शोषित, दलित परिवार, सिख परिवार, ईसाई परिवार उनको भाजपा ने अपने वादे के अनुसार नागरिकता देने का कानून बनाया तो कांग्रेस और उसके साथी उसका भी विरोध कर रहे हैं। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, उनको न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, उनको भारत में शरण मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? उनको अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? भाइयो-बहनो, आपने अब कांग्रेस को भलीभांति पहचान लिया है, कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ, कांग्रेस और उनके सहयोगियों की स्वार्थ नीति है, वोट बैंक की चिंता है। इनको पता है कि दलितों, वंचितों, आदिवासियों, पिछड़ों ने इनको ठुकरा दिया है, इसलिए एक वोटबैंक इनको अपना आखिरी सहारा दिख रहा है। इसके लिए वो इस देश के करोड़ों मुस्लिम साथियों से भी छल कर रहे हैं, उनसे झूठ बोल रहे हैं। साथियो, ये जो नागरिकता के कानून में संशोधन हुआ है, इसका भारत के नागरिक, जो हमारे मुसलमान भाई हैं, इस कानून से इस देश का हिंदू है, मुसलमान है, ईसाई है, पारसी है, बौद्ध है, जैन है जो पहले से भारत का नागरिक है, उनको इससे कोई लेना-देना ही नहीं है, उन पर इसका कोई प्रभाव नहीं है, लेकिन झूठ बोले जा रहे हैं। भाइयो-बहनो, इसी तरह की राजनीति के लिए ही कांग्रेस और उसके साथी नार्थ-ईस्ट में भी आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे, जबकि कानून पहले से ही भारत आ चुके शरणार्थियों की नागरिकता के लिए है। 31 दिसंबर 2014 तक जो शरणार्थी भारत आए उन शरणार्थियों को ही इस व्यवस्था में रखा गया है। इतना ही नहीं नार्थ-ईस्ट के करीब-करीब सभी राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हैं लेकिन फिर भी कांग्रेस और उनके सहयोगी दल जिनकी राजनीति घुसपैठियों के समर्थन से चलती है वो वहां भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। 

भाइयो-बहनो, यहां से ये देवघर बाबा धाम बहुत दूर नहीं है, भोले बाबा की इस धरती से मैं नार्थ-ईस्ट और पूर्वी भारत के असम सहित हर राज्य, हर जनजातीय समाज को आश्वस्त करना चाहता हूं। असम सहित नॉर्थ-ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्र की परंपराओं, वहां की संस्कृति, वहां की भाषा को मान-सम्मान देना, उसे संरक्षण देना, उसे और समृद्ध करना, ये भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है, मोदी सरकार की प्राथमिकता है। हम नॉर्थ-ईस्ट के क्षेत्रीय दलों, वहां के स्थानीय संगठनों, कमेटियों, काउंसलरों के साथ मिलकर वहां के विकास के लिए काम कर रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे। नॉर्थ-ईस्ट में कनेक्टिविटी के काम हों, हाईवे हो, रेलवे हो, एयरपोर्ट हो, हेलिपैड हो, अस्पतालों का निर्माण हो, आधुनिकीकरण हो, शिक्षा से जुड़े अच्छे संस्थान हों, मोबाइल टॉवर लगाने का काम हो, यानि हर वो काम जो नॉर्थ-ईस्ट के लोगों की जिंदगी आसान बनाए, उसे हम अपना दायित्व समझकर, अपनी बड़ी जिम्मेदारी समझकर पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। देश के जितने प्रधानमंत्री, सब के सब मिलकर के जितनी बार असम या नॉर्थ-ईस्ट गए होंगे, उससे ज्यादा बार मैं अकेला गया हूं। भारत सरकार का हर मंत्री, महीने में दो बार कोई ना कोई मंत्री नॉर्थ-ईस्ट में जाकर के रात्रि में रुक करके वहां की समस्याएं समझने की कोशिश लगातार पांच वर्ष करते रहे हैं, हम तो एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट समेत पूर्वी भारत को जिसे कांग्रेस में अपने हाल पर छोड़ दिया था, हम उसे भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनाने का काम कर रहे हैं। मैं आज इस मंच से नॉर्थ-ईस्ट के, विशेषकर के असम के अपने भाइयों-बहनों को, अपने युवा साथियों को अपील करता हूं कि आप अपने इस सेवक पर, अपने इस मोदी पर विश्वास रखिए। मैं नॉर्थ-ईस्ट के भाइयों-बहनों की किसी परंपरा, भाषा, रहन-सहन, संस्कृति, किसी पर आंच नहीं आने दूंगा, उनके हकों पर कोई आंच नहीं आने दूंगा। उनके भविष्य को और निखारने के लिए अपने आप को खपा दूंगा, उनके भविष्य के सामने कभी सवालिया निशान नहीं पैदा होने दूंगा। वहां के नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत सरकार पूरी ताकत से कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ काम करेगी। मैं आग्रह करूंगा उनसे कि कांग्रेस और उनके साथियों के बहकावे में ना आएं, किसी तरह के झूठ के जाल में न फंसें, खासकर के मैं असम के मेरे नौजवान साथियों को, भाइयों को, बहनों को भरोसा दिलाता हूं, उनको किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है, कोई भी उनके अधिकारों को नहीं छीन सकता है। उनके राजनीतिक हक, उनकी सांस्कृतिक विरासत, उनकी भाषा, इन सबको क्लॉज 6 के स्पिरिट के अनुसार पूरी तरह से सेफगार्ड किया जाएगा। हम सबको असम की संस्कृति पर बहुत गर्व है। 

भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथियो को, उनकी डिक्शनरी में कभी भी जनहित शब्द ही नहीं है, उन्होंने हमेशा स्वहित के लिए, परिवार हित के लिए काम किया है, इनकी राजनीति रही है लूटो और लटकाओ। यही कारण है कि भाइयो-बहनो, काले सोने पर बैठा ये धनबाद और ये पूरा इलाका संपदा से जितना समृद्ध है उतनी ही अधिक गरीबी यहां बनी रही है। भाइयो-बहनो, कल जब पार्लियामेंट में वोटिंग हुई तो आपने देखा होगा वोटिंग कैसे हुई। हमारे यहां सवा को शुभ माना जाता है, कोई भी काम करते हैं तो उसको सवा। आपने देखा होगा, कल हम लोगों को सवा सौ वोट मिले और 99 का फेरा बहुत बुरा माना जाता है, ये षड्यंत्रकारी मानसिकता लेकर चलने वाले लोग 99 के फेरे में फंस गए हैं। भाइयो-बहनो, यहां से निकले कोयले पर कांग्रेस-जेएमएम के नेताओं ने, इनके रिश्तेदारों ने, दोस्तों ने अपने लिए महल खड़े कर दिए लेकिन यहां की जनता को झोपड़ियों में रहने के लिए मजबूर कर दिया। अब भाजपा सरकार ने हर गरीब बेघर परिवार को अपना पक्का घर दिलाने का बीड़ा उठाया है। झारखंड में दस लाख ऐसे घर बन चुके हैं जिनको अभी घर नहीं मिले हैं, उनको भी 2022 तक अपना घर मिल जाएगा, ये आश्वासन मैं आपको दे रहा हूं। 2022 के बाद किसी को भी झुग्गी-झोपड़ी में नहीं रहना पड़ेगा, पक्का घर हर परिवार को, ये मेरा आपको वादा है। 

साथियो, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अगर धनबाद को, देवघर को, झारखंड को कुछ दिया है तो क्या दिया है धूल, धुआं और धोखा। यही कांग्रेस और उसके जेएमएम जैसे साथियों ने आपको दिया है। यहां से कोयला निकलता रहा, लेकिन यहां की जनता को प्रदूषण में छोड़ दिया गया, सुविधाओं के अभाव में छोड़ दिया गया। जब आपने दिल्ली और रांची में भाजपा सरकार बनाई तब जाकर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बना, इसका फायदा क्या हुआ। साथियो, अब यहां से निकलने वाले कोयले से होने वाली आय का एक हिस्सा यहीं पर खर्च होने लगा है। बहुत कम समय में ही पांच हजार करोड़ रुपए इसके तहत झारखंड को मिले हैं, आज जो यहां पानी की पाइप लाइन बिछ रही है, बीते पांच वर्ष में अगर पाइपलाइन से कनेक्टिविटी दो गुनी हुई है तो इसमें इस फंड का बहुत बड़ा योगदान है। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथियों ने आपको विकास के लिए गिड़गिड़ाने और तरसाने के लिए छोड़ दिया था, इन दलों ने इस क्षेत्र को सिर्फ विस्थापन का दर्द दिया लेकिन भाजपा सरकार ने विस्थापितों के रोजगार के लिए, इनके जीवन को गरिमापूर्ण बनाने के लिए लगातार कोशिश की है। यहां आईआईटी की मांग आप करते रहे हैं, लेकिन पूरा किया भाजपा सरकार ने, यहां पासपोर्ट केंद्र की मांग की थी, ये मांग पूरी की भाजपा सरकार ने, देवघर में एम्स की मांग कब से हो रही थी, इस मांग को भी पूरा किया भाजपा सरकार ने, झारखंड में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की मांग कब से थी, लेकिन इसे पूरा किया भाजपा सरकार ने। साथियो, 2014 से पहले जहां झारखंड में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब सात मेडिकल कॉलेज का मार्ग बना है, इतना ही नहीं गांवों में खुले अटल क्लीनिक यहां गरीब को सेवा दे रहे हैं। इसी तरह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी व्यापक विस्तार किया जा रहा है और आयुष्मान भारत योजना की तो यहीं झारखंड से शुरुआत हुई थी, पूरे देश के लिहाज से शुरू किया था। झारखंड के लाखों परिवार को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलने लगा है। 

साथियो, कांग्रेस और उसके साथियो के पास सोच और संकल्प दोनों की कमी है, उन्होंने यहां नक्सलवाद को हवा दी, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दिया। यही कारण है इनके शासनकाल में यहां नए उद्योग तो आए नहीं, बल्कि पुराने भी बंद हो गए। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के साथ क्या-क्या हुआ ये आप भलीभांति जानते हैं, सिंदरी के खाद कारखाने के साथ इन्होंने क्या किया, कैसे इनकी गलत नीतियों के कारण यहां हजारों लोग बेरोजगार हो गए इससे भी आप भलीभांति परिचित हैं। मुझे संतोष है कि हमारी सरकार द्वारा सिंदरी के खाद कारखाने को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया और अब इस पर तेजी से काम चल रहा है। एक बार जब ये कारखाना पूरी तरह से शुरू हो जाएगा तो यहां के हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और यहां के किसानों को पर्याप्त और सस्ता यूरिया भी मिलेगा। भाइयो-बहनो, भाजपा की सरकार इस कारखाने को इसलिए पुनर्जीवित कर पा रही है क्योंकि हमने झारखंड तक गैस पहुंचाने के लिए एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। पश्चिम बंगाल के हल्दिया से यहां गैस पहुंचाई जा रही है, इस गैस पाइपलाइन से खाद कारखाने की जरूरत भी पूरी होगी, यहां की गाड़ियां धुआंरहित भी होंगी और घरों में भी पाइप के रास्ते भी सस्ती गैस पहुंच पाएगी। साथियो, ऐसी संपूर्ण व्यवस्था और विकास का रास्ता तभी दिखता है जब आप राष्ट्रहित को, जनहित को सामने रखते हैं। इसी सोच के साथ ही भाजपा इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर भी गंभीरता से काम कर रही हैआज इस क्षेत्र के गांव-गांव में सड़क और बिजली पहुंच रही है, शहरों में सड़कें चौड़ी हो रही हैं, गलियों में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है। रायपुर से धनबाद वाया गुमला-रांची आर्थिक कॉरिडोर के तहत यहां सड़कें चौड़ी की गई हैं। रेलवे का अभूतपूर्व विस्तार इस क्षेत्र में किया जा रहा है, झारखंड में रेलवे के विस्तार पर बीते पांच वर्षों में करीब 40 हजार करोड़ रुपए के काम हमने स्वीकृत किए हैं। यहां तक कि यहां की हवाई कनेक्टिविटी के लिए भी बड़ी तेजी से काम किया जा रहा है, देवघर सहित झारखंड के पुराने एयरपोर्ट्स को आधुनिक बनाने और उनके विस्तारीकरण पर काम किया जा रहा है, सौभाग्य से ये सभा भी एयरपोर्ट पर ही हो रही है। हमारा प्रयास है कि ऐसे अनेक एयरपोर्ट्स को भविष्य में उड़ान योजना के तहत लाया जाए ताकि सामान्य से सामान्य परिवार को भी हवाई यात्रा की सुविधा मिल सके। भाइयो-बहनो, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के ये काम तभी तेजी से होंगे जब अगले पांच वर्ष भी यहां भाजपा की सरकार होगी। यहां के गरीब को, बेघर को, अपना पक्का घर तेजी से मिल सकेगा, जब यहां भाजपा की मजबूत सरकार होगी, यहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर तभी मिल सकेंगे, जब यहां कमल के निशान को ताकत मिलेगी। यहां सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से सरकार तभी चल पाएगी जब यहां सरकार भारतीय जनता पार्टी की होगी क्योंकि भाजपा जो संकल्प लेती है उसे सिद्ध भी करती है और इसलिए आज भी जो हम कह रहे हैं उसको हम करके रहेंगे।  

भाइयो-बहनो, आप ध्यान रखिए, ये चुनाव सिर्फ विधायक बनाने के लिए नहीं है, ये आपके बच्चों के भविष्य को निर्धारित करने वाला चुनाव है। आज गलती से भी गलत जगह बटन दब गया तो अस्थिरता और लूट के वो पुराने दिन वापस आ जाएंगे और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं, कमल के फूल वाला बटन ही दबाना है। ये बातें आने वाले दिनों में अपने हर रिश्तेदार, हर दोस्त, हर घर तक पहुंचानी है। भाइयो-बहनो, मैं बोलूंगा आप मेरे साथ बोलेंगे, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।     

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!