Why were Congress-JD(S) leaders shedding tears for Pakistan when we attacked its terrorist camps while the entire world was standing besides us: PM Modi in Karnataka
The upcoming elections are about electing a strong government that puts the welfare of its people first: PM Modi
Nobody knows who is running the government in Karnataka because both Congress and JD(S) are busy in out-maneuvering each other: Prime Minister Modi
While the Opposition parties are busy pitting communities against each other, we are striving towards building a ‘New India’: PM Modi

 भारत माता की जय... भारत माता की जय...

इस धरती पर आने का अपना ही एक सौभाग्य होता है। इस धरती की सभी महान विभूतियों को मैं आदर पूर्वक नमन करता हूं। सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर शिव कुमार स्वामी जी को भी मैं सर झुका कर के प्रणाम करता हूं। बंधु भगिनी, कर्नाटक देश के उन राज्यों में है जो हमेशा बीजेपी के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा रहा है। यहीं मजबूती आपने बीते पांच वर्षों में इस चौकीदार को दी है। आपके ही भरोसे और विश्वास के कारण हर चुनौतियों को चुनौतियां देने की हिम्मत ये चौकीदार कर पाया है। दुनिया भर में भारत की जय- जयकार हो रही है, तो उसका कारण, दुनिया में भारत की जय-जयकार क्यों हो रही है? किसके कराण? किसके कारण? किसके कारण? मोदी के कारण नहीं उसका कारण आप है। 2014 में आपके एक-एक वोट ने हिंदुस्तान के सभी नागरिकों के एक-एक वोट ने जो ताकत दी। उसके कारण आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। साथियो, आज भारत का हर व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा है। क्योंकि देश एक महाशक्ति बनने के रास्ते पर निकल पड़ा है।

पांच वर्ष पहले का एक दौर वो था जब पाकिस्तान के आतंकी हम पर हमला करते थे और फिर पाकिस्तान से ही धमकियां भी मिलती थी। हमारे जांबाज एक्शन के लिए इजाजत मांगते थे लेकिन तब की सरकार डर कर के बैठ जाती थी। इस चौकीदार ने उस स्थिति को बदल दिया है। अब अगर डर है तो डर सीमा के उस पार है। वहां सत्ता में बैठे लोगों को तरह-तरह के डरावने सपने आते हैं। आज धमकी देने वाले दुबक गए हैं, और बालाकोट के प्रहार से आतंकी खौफ में हैं। भाइयो और बहनो, आपने देखा कि जब हमने पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रहार किया। आपको अच्छा लगा कि नहीं लगा, आप खुश है क्या? मैंने सही किया? जब हमने आतंकियों पर प्रहार किया तो दर्द पाकिस्तान को हुआ लेकिन आंसू हमारे यहां कांग्रेस और जेडीएस उनके साथियों के निकले। पूरी दुनिया भारत के पक्ष में खड़ी हो गई। लेकिन हमारे यहां के महामिलावटी दल पाकिस्तान के बजाए मोदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर रहे थे। यहां के मुख्यमंत्री तो एक कदम और आगे बढ़ गए। कहते हैं कि भारत के वीरों के पराक्रम की बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उनके वोट बैंक को नुकसान होता है। मैं जरा यहां के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं कि आपका वोट बैंक भारत में हैं कि पाकिस्तान में। जरा मुख्यमंत्री जी, इस बात को जरा साफ कीजिए स्पष्ट कीजिए। साथियो, एयर स्ट्राइक की तरह ही इन्होंने अंतरिक्ष में स्ट्राइक का भी मजाक उड़ाया। पूरी दुनिया ने माना की स्पेस में भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लेकिन मोदी विरोध के चक्कर में ये लोग फिर भारत का विरोध करने पर उतारू हैं।

भारत का विरोध कर रहे हैं। भाइयो और बहनो ये लोग जब खुद सरकार में थे तब वैज्ञानिकों को मिसाइल टेस्ट करने की मंजूरी देने की हिम्मत भी इनके अंदर नहीं थी। लेकिन अब जब भारत ने स्पेस में स्ट्राइक की तो सवाल उठाने वाले सबसे पहले यहीं लोग चले आए। चित्रदुर्ग के मेरे भाइयो-बहनो, ये न तो जवान का सम्मान करते हैं और न ही विज्ञान का...। जिनको भारत के मान-सम्मान की परवाह नहीं उनको सबक सिखाना जरूरी है। भाइयो-बहनो, इस चुनाव में आपको सिर्फ सांसद नहीं चुनना है, सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं चुनना है। बल्कि एक मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार चुननी है। मजबूत सरकार ही देश हित में बड़े फैसले ले सकती है। साथियो, मजबूत सरकार कैसी होती है ये आप यहां पर देख रहे हैं। कर्नाटक की सरकार कौन चला रहा हैं? ये किसी को अंदाजा नहीं है। क्योंकि दोनों हारे हुए दल सिर्फ सत्ता के लिए, स्वार्थ के लिए उन्होंने जोड़ी बनाई है। इसलिए वो दिन–रात इधर वाला भाग जाएगा कि उधर वाला भाग जाएगा। ये कुछ मांगेगा कि वो कुछ मांगेगा। इसको टुकड़ा फेंकू कि उसको टुकड़ा फेंकू...बस इसी में लगे हैं। जनता को क्या चाहिए ये इनको इसकी परवाह नहीं है। इनकी पूरी कोशिश है कि ऐसी ही महामिलावटी सरकार दिल्ली में बैठे और जिसका रिमोर्ट कंट्रोल एक दर्जन लोगों के हाथ में हो। क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं? मजबूत सरकार चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं? देश में ऐसा प्रधानमंत्री होना चाहिए जिसका हाई कमान, जिसका हाई कमान सिर्फ और सिर्फ एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानी होने चाहिए।

साथियो, वोट के लिए कांग्रेस जाति और संप्रदाय को बांटने का काम करती रही है। यहीं कोशिश विधानसभा चुनाव के दौरान उसने की थी। कभी ये लिंगायत समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। कभी वोका लिंगा के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं। कांग्रेस के अपने नेताओं ने ये स्वीकार किया है कि बैंगलुरू से लेकर दिल्ली तक विभाजन का कैसा खेल खेला जाए। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की ये स्पष्ट सोच रही है कि जहां मौका मिले वहां समाज को बांट दो। आजादी के समय से ही इनकी रणनीति, इनकी रणनीति तुष्टिकरण की रही है, और आज भी साफ साफ दिख रही है। इनको न तो देश की चिंता है और न ही हमारे संविधान की। बंधु भगिनी, जिस तरह वीर मदाकारी नायका, और वीर ओनके ओपवा ने आक्रमणकारियों और अत्याचारियों से चित्रदुर्ग की रक्षा की थी। वैसा काम आज पूरे हिंदुस्तान के लिए हम सब चौकीदारों को मिलकर के करना है। करेंगे..? मिलकर के करेंगे? पूरी ताकत से करेंगे? जी जान से करेंगे.? आप इस चौकीदार के साथ खड़े रहेंगे।

साथियो, एक तरफ कांग्रेस जेडीएस का तुष्टिकरण है। दूसरी तरफ जाति, वर्ग, पंथ से ऊपर बीजेपी का सबका साथ सबका विकास ये हमारा मंत्र है। आपका प्यार मेरी सर आंखों पर...इतना प्यार अगर मुझे मिलता है तो जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मैं इस प्यार के लिए इस जोश इस उत्साह के लिए आप सबको नमन करता हूं। सबका साथ सबका विकास इसी मंत्र पर चलते हुए हम नए भारत के निर्माण के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमारा संकल्प हर गरीब को पक्का घर देने का है। हमारा संकल्प हर घर को बिजली और हर घर तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का है। हमारा संकल्प देश की हर बड़ी पंचायत में टेलीमेडिसिन और बेसिक लेबोरेटरी सुविधा से युक्त हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर खोलने का है। हमारा संकल्प किसानों की आय डबल करने का है। साथियो, किसानों की आय बढ़ाने के लिए हम बीज से लेकर बाजार तक नई व्यवस्थाएं बना रहे हैं। एक तरफ मेघा फूड पार्क, फर्टिलाइजर, और इथेनॉल के प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ किसानों को सीधी मदद दी जा रही है। साथियो, पीएम किसान योजना के तहत कर्नाटक में करीब-करीब 75 लाख छोटे किसान परिवारों को सीधी मदद मिलनी तय हुई है। अब हमने संकल्प लिया है। कल हमने हमारे संकल्प पत्र में घोषित किया है कि दोबारा जब हमारी सरकार बनेगी 23 मई के रिजल्ट के बाद जब हम फिर से शपथ लेंगे तो उसके बाद अभी जो हमने नियम बनाया है, उसमें बदलकर के अभी नियम बना है छोटे किसानों का उसमें बदलकर के सभी किसान परिवारों का इसका लाभ देने का हमने निर्णय किया है। भाइयो बहनो, चौकीदार जो कहता है वो पूरा भी करता है। पीएम किसान सम्मान योजना को शुरू हुए अभी मुश्किल से सवा महीना हुआ है। लेकिन अब तक तीन करोड़ किसानों के खाते में पहली किस्त के पैसे जमा हो चुके हैं। डेढ़ करोड़ किसानों को दूसरी किस्त भी मिल चुकी है।

साथियो, एक तरफ किसानों के लिए हमारी सरकार के ये प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस के खोखले वादे हैं। इन लोगों ने कर्ज माफी का वादा किया था। एक साल हो गया लेकिन वो वादा अब तक अधूरा है। क्या इन्होंने किसानों का वादा पूरा किया। कर्ज माफी हुई। किसानों के खाते में पैसा आया। अरे वारंट निकलता है। वारंट, भाइयो—बहनो, किसान हो या उद्यमी हो कांग्रेस जेडीएस किसी का भी भला नहीं करना चाहती। उनकी नीयत में ही खोट है। कांग्रेस जेडीएस की नीयत किसान हित की होती तो कर्नाटक का मैनचेस्टर दावणगेरे कभी बेहाल हीं होता। इनकी नीयत काम करने की होती तो अपर बदरा प्रोजेक्ट सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएं समय पर पूरी हो जाती। साथियो, चित्रदुर्ग हो, दावणगेरे हो, इस पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और सौलर पावर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का ईमानदार प्रयास भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। दावणगेरे को स्मार्ट बनाने के लिए यहां पर्यटन के अवसर पैदा करने के लिए और युवा साथियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। साथियो, कांग्रेस के राज में दशको तक इस देश के साथ जो अन्याय हुआ। वो हर भारतीय को हर पल याद रखना चाहिए। देश के सामार्थ्य के साथ अन्याय, देश के संसाधनों के साथ अन्याय, और देश के सपनों के साथ भी अन्याय।

 साथियो, हम भारत के लोग क्या हम ऐसी ही सरकारें ही डिजर्व करते थे। जैसा कांग्रेस ने हमें दिया। नहीं बिल्कुल नहीं। कांग्रेस ने इस देश की चार-चार पीढ़ियों के साथ अन्याय किया है। एक के बाद एक भ्रष्ट सरकारें देकर, समाज को तोड़कर, लोगों को आपस में लड़ाकर, हमारी शिक्षा व्यवस्था को भारतीयता से दूर करके, हमारी विदेश नीति को कमजोर करके। हमारी सेनाओं को कमजोर करके। कांग्रेस ने दशकों तक देश के साथ अन्याय किया है। साथियो, बीते पांच वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार ने कांग्रेस के इस अन्याय को कम करने का भरपूर प्रयास किया। तमाम छिपाई हुई फाइलें निकालने के बाद तमाम भगाए गए लोगों को देश में वापस लाने के बाद, तमाम राजदारों के सामने आने के बाद अब समय आ रहा है, जब कांग्रेस से पीड़ित देश को न्याय दिलाया जाए। देश को न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? ये अन्याय की परंपरा का जवाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? 60 साल तक अन्याय करने वालों को सजा देनी चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो- बहनो अब बोफोर्स घोटाला करने वालों के साथ न्याय होना पक्का है। नेशनल हेराल्ड हाउस घोटाला करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है। दिल्ली में सिख दंगा कराने वालों के साथ अब न्याय पक्का है।

कॉमनवेल्थ घोटाले कर के देश की साख दांव पर लगाने वालों के साथ न्याय पक्का है। 2जी घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, कोयला घोटाला, कर्जमाफी घोटाला। इन घोटालों से अपने परिवार के लिए अरबों रुपये का भ्रष्टाचार करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है और हां अब हेलीकॉप्टर घोटाला करने वालों के साथ भी न्याय पक्का है। जेल के दरवाजे इतंजार कर रहे हैं। साथियो, इस चुनाव में आपका आशीर्वाद मुझे कांग्रेस के अन्याय को सामप्त करने में भी मदद करने वाला है। भाइयो-बहनो, 20वीं सदी में जिस कांगेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर, भाइयो और बहनो 20वीं सदी में जिस कांग्रेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर देश पर थोपा। अब उसी कांग्रेस को 21वीं सदी के नौजवान सजा देने वाले हैं। 20वीं सदी के पापों की सजा 21वीं सदी का नौजवान देने वाला है। जिन नौजवानों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है। जो इस साल के चुनाव में लोकसभा के चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। सबसे पहले तो ऐसे 21वीं सदी में जन्मे हुए लोकसभा में पहली बार वोट देने वाले ये सभी युवा मतदाताओं को हृदय पूर्वक अभिनंदन करता हूं उनका अभिवादन करता हूं। लेकिन मेरे युवा साथियो, मेरे फर्स्ट टाइमर वोटर और सिर्फ चित्रदुर्ग और दावणगेरे की नहीं पूरे देश के फर्स्ट टाइमर से मै प्राथना कता हूं। आप पहली बार वोट देने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर वोट देना है। आपका ये वोट देश को मजबूत बनाने के लिए, देश में मजबूत सरकार बनाने के लिए होना चाहिए। होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? होना चाहे कि नहीं होना चाहिए? आप अपना वोट देश के लिए शहीद होने वाले वीर जाबांजों को समर्पित कर सकते हैं। आप ये अपना पहला वोट किसी गरीब को उसका घर मिले इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है।

आपका ये पहला वोट किसी गरीब को मुफ्त में अस्पताल में इलाज मिले, इसके लिए समर्पित होना चाहिए। आपका पहला वोट किसी किसान के खेत को पानी मिल जाए इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है। आपके ही दोस्त कोई, आपका कोई साथी हो उसको मुद्रा योजना से लोन मिल जाए किसी बैंक गारंटी के बिना लोन मिल जाए इस काम के लिए आपका पहला वोट जाना चहिए। साथियो, जो 18 साल के हो गए हैं। जो इस बार वोट डालने जा रहे हैं। अपने जीवन में पहली बार ईवीएम देखने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर बिना किसी गलती के वोट डालना है। आपका एक एक वोट बहुत अनमोल है। इसे संभल कर इस्तेमाल करिएगा। हां आपको मैं विश्वास दिलाता हूं कि आप जब वोट देने जाएंगे कमल के बटन को दबाएंगे तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी के खाते में जमा होगा। आप मुझे बताइए ये सभी नौजवानों का वोट मिले तो मेरी ताकत बढ़ेगी की नहीं बढेगी। मेरी ऊर्जा बढ़ेगी की नहीं बढ़ेगी? काम करने का मेरा हौसला बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आज जितना दौड़ता हूं उससे ज्यादा दौडूंगा कि नहीं दौडूंगा? आज जितने काम करता हूं उससे ज्यादा काम करूंगा कि नहीं करूंगा? तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी को जाने वाला है। बंधु भगिनी देश में मजबूत सरकार किस तरह काम करती है। देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार किस तरह काम करती है। देश में कांगेस कल्चर से मुक्त सरकार कैसे काम करती है। ये आपने पिछले पांच साल में देखा है। देश को कर्नाटक को सुरक्षित रखने विकसित बनाने के लिए हम सभी चौकीदारों को एक साथ आगे बढ़ना है और हर पोलिंग बूथ को कमल से खिलाना है। कमल खिलाएंगे, कमल खिलाएंगे, चौकीदार का साथ देंगे। मैं बोलूंगा मेरे सा बोलिए... मैं भी.. आप बोलेंगे चौकीदार... मैं भी... चौकीदार.... बहुत बहुत धन्यवाद...

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!