QuoteI appeal to my voters to ensure maximum turnout from your state during these elections and give the BJP a resounding majority so that we can revive the economy here: PM Modi in West Bengal
QuoteWith the support that I witness here, I am certain that the people of West Bengal are all set to give a major jolt to the TMC and its Mahamilawati allies in these elections: PM Modi
QuotePrior to 2014, Congress had created a record in the number of scandals that happens under its nose. Now, the TMC is following the Congress’ footsteps in both widespread corruption and crime: Prime Minister Modi

भारत माता की... जय
भारत माता की... जय।

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी नेतागण, हमारे उम्मीदवार जी और विशाल संख्या में पधारे हुए, उत्साह और उमंग से भरे हुए, लोकतंत्र के प्रति संपूर्ण समर्पण रखने वाले मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

आसनसोल और वर्धमान-दुर्गापुर के मेरे साथियो, आप सच में कमाल कर रहे हैं। इस बार आपने जो पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने का जो कमाल किया है, आपने जो ठानी है, आज पूरे देश में ये चर्चा है। बंग भूमि से उठी बदलाव की इस लहर से बड़े-बड़े पॉलिटिकल पंडित भी परेशान हैं। पश्चिम बंगाल के लोग इस बार महामिलावटी दलों को जो झटका देने जा रहे हैं वो एक नया इतिहास बनाएगा। जो लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिश करती हो ऐसी तृणमूल को सबक सिखाने का मन पश्चिम बंगाल ने बना लिया है। जो खुलेआम बूथ लूटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं उनको यहां की जनता ने अब ठीक करना शुरू कर दिया है। स्पीड ब्रेकर दीदी, उनकी ये बौखलाहट, चुनाव आयोग पर भड़कना और मोदी को गालियां देना, ये सब आप देख रहे हैं ना। दीदी की ये बौखलाहट तब और बढ़ जाती है, जब मैं कहता हूं जो भ्रष्ट है उसे ही मोदी से कष्ट है।

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साथियो, आसनसोल की धरती से मैं भारतीय जनता पार्टी के एक-एक सिपाही को बधाई देना चाहता हूं। यहां के मतदाताओं के सामने सर झुकाकर नमन करना चाहता हूं। पहले दो चरणों में जिस तरह आपने, अपने बूथ की रक्षा की है, सामान्य जन के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा की है, इसके लिए आप कोटि-कोटि बधाई के पात्र हैं। बड़े से बड़ा देश इस भावना के साथ, आप जिस समर्पण भाव से यहां तृणमुल के अत्याचार के खिलाफ लड़ रहे हैं, उसका परिणाम मिल रहा है। आपका पसीना, आपका बलिदान पश्चिम बंगाल के हर उस व्यक्ति को शक्ति देने वाला है जिसकी आवाज को बरसों से दबाया गया, जिसके हक को गुंडों ने छीन लिया, जिसकी कमाई को जगाई-मथाई के गठबंधन ने लूट लिया। भाइयो-बहनो, 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार ने देश के इतिहास में घोटालों के रिकॉर्ड बना दिए थे। आज टीएमसी की सरकार घोटालों के विषय में कांग्रेस को पूरी टक्कर दे रही है। आप का प्यार मेरे सर-आंखों पर। करप्शन हो या क्राइम, ये दो ही ऐसी चीजें हैं जो टीएमसी के राज में नॉन-स्टॉप है, बाकी हर चीज के लिए स्पीडब्रेकर दीदी तो है ही।

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भाइयो-बहनो, ये बात किसी से छिपी है क्या, की टीएमसी की फूल-पत्ती कोयले के काले माल से खिलती है। साथियो, नारदा, शारदा, रोजवैली ये सिर्फ घोटाले नहीं हैं, गरीब के जीवन के साथ किया गया बहुत बड़ा अपराध है। और इसके तार कहां तक पहुंच रहे हैं ये भी आप जानते हैं। एक राज्य का मुख्यमंत्री जब सरेआम गरीबों को लूटने वाले पक्ष में खड़ा हो जाए तो स्थिति आप समझ ही सकते हैं। भाइयो-बहनो, पाकिस्तान के कितने आतंकवादी मारे गए इस बात का तो उनको सबूत चाहिए लेकिन गरीबों की कमाई को किसने लूटा उसके सबूतों को मिटाने का ये दिन-रात षड़यंत्र करते रहते हैं। साथियो, आज दीदी जगह-जगह कहती फिर रही है की वो देश को अपनी पार्टी वाला डेवलपमेंट देने वाली है, आखिर क्या है दीदी का डेवलपमेंट मॉडल।

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साथियो, स्पीडब्रेकर दीदी का ये डेवलपमेंट मॉडल किस चीज पर आधारित है? ये आधारित है तृणमूल तोलाबाजी टैक्स पर, उनका मॉडल आधारित है कोल माफिया, बालू माफिया, ऑयरन माफिया और जमीन माफिया पर। उनका मॉडल है, पहले घुसपैठियों को आने का रास्ता दो और फिर पश्चिम बंगाल के साधनों में उन्हें लूट का हिस्सा दो। भाइयो-बहनो, नौजवानों के लिए, उनके लिए भी स्पीडब्रेकर दीदी ने एक अलग सा डेवलपमेंट मॉडल विकसित किया है। पहले तो यहां नौकरी की दिक्कत, नौकरी मिलती है तो वेतन नहीं मिलता, जिनको वेतन मिलता है उनको इंक्रीमेंट नहीं मिलता, वेतन में बढ़ोतरी होती नहीं। जिनकी तनख्वा कुछ बढ़ती है उनको डीए का लाभ नहीं मिलता, ममता दीदी के राज में यही हो रहा है। आप मुझे जवाब देंगे, मेरे सवाल का जवाब देंगे? क्या दीदी वाला ऐसा मॉडल देश को चाहिए क्या?

साथियो, ये वो धरती है जिसके वीर-सपूतों ने अत्याचार पर आवाज उठाई है, ये भूमि आचार्य रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है तो ये शहीद सूर्यसेन की भी भूमि है। ये भूमि स्वामी विवेकानंद की भी भूमि है तो शहीद जतीन्द्रनाथ दास की भी भूमि है। ये भूमि नजरुल इस्लाम की है तो नेता जी सुभाष चंद्र बोस की भी है। आज भी इस प्रदेश के युवक और युवतियों में अनेकों रवीद्रनाथ, अनेकों नेताजी, अनेकों जतीन्द्रनाथ, उनके भीतर आज भी जिंदा है। विशेष तौर पर वो बेटे-बेटीयां जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं, जो इस बार, पहली बार लोकसभा के लिए मतदान करने वाले हैं, वो पश्चिम बंगाल में नई राजनीति की शुरूआत करने वाले हैं। हिंसा, आतंक, घुसपैठ, तस्करी की राजनीतिक विरासत के साथ वो नहीं रहना चाहते, उनको नया हिंदुस्तान चाहिए, नया पश्चिम बंगाल चाहिए। उनको एक ऐसा पश्चिम बंगाल चाहिए जो विकास की पंचधारा बहे, जो विकास की पंचधारा से आगे बढ़े। यानी जहां बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई हो। लेकिन साथियो, मुट्ठी भर सीटों पर लड़कर हमारी दीदी प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख रही है। अगर ऑक्शन से प्रधानमंत्री का पद मिल जाता तो कांग्रेस और दीदी, दोनों ऑक्शन में जो माल लूटा है उसको लेकर के आ जाते। दीदी ये प्रधानमंत्री पद ऑक्शन में नहीं है, जो शारदा-नारदा के पैसों से खरीदा जा सकता है। ये प्रधानमंत्री पद 130 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद से मिलता है, ये प्रधानमंत्री पद, सामान्य मानवी की जिंदगी से जुड़ा हुआ होता है। लेकिन दीदी आपको ये भी तो बताना चाहिए की आप पाकिस्तान से आप अपनी रोज-वैली से लाए फूल देकर संबंध बनाओगी क्या? क्या ये रोज-वैली के फूलों से पाकिस्तान मान जाएगा? क्या आप आतंकियों से ये कहोगी की अपने आतंकी होने का सबूत लाओ? और आप लोगों को ये भी बताइए की जम्मू-कश्मीर के लिए, दीदी कोलकाता में हाथ पकड़-पकड़ कर नाच रहे थे आप लोग। जम्मू-कश्मीर के भी बाप-बेटे आए थे, दीदी जरा बताइए, ये कोलकाता में जिनके हाथ पकड़ कर के सारे नेता उछल-कूद कर रहे थे। अब वो कह रहे हैं की जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री चाहिए। इसी धरती की संतान डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। इस देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे और आज जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री की बात हो रही है और वो आपके साथ मंच पर बैठ कर के हाथ उठाकर के मोदी हटाने के लिए नारे लगा रहे थे। क्या दीदी आप भी चाहती हो की देश में दो प्रधानमंत्री हों?

साथियो, पश्चिम बंगाल जानना चाहता है, एयर स्ट्राइक, ये सर्जिकल स्ट्राइक के समय दीदी पाकिस्तान के पक्ष में आपने जो आंसू बहाए, वही उनकी नीति है क्या? साथियो, ये आसनसोल म्यूनिसिपालिटी का चुनाव नहीं है, ये 130 करोड़ के भाग्य का निर्माण करने वाला चुनाव है। देश की सुरक्षा के मुद्दे महत्व रखते हैं इसलिए ममता दीदी आपको इन सवालों के जवाब देने ही होंगे। महामिलावट की हांडी पर अपनी खिचड़ी पकाने से बात बनने वाली नहीं है। अरे नीयत भी स्पष्ट होनी चाहिए और नीति भी साफ होनी चाहिए। वैसे साथियो, ममता दीदी की जमीन खिसक चुकी है। अब उनका सूरज तपता नहीं है वो अस्त होने लगा है और इस बात का अंदाजा उनको भी है। टीएमसी की आज ये स्थिति हो गई है की रैलियों में लोग नहीं आ रहे हैं तो विदेशों से फिल्मी कलाकार बुलाने पड़ रहे हैं, बड़ी दया आती है दीदी आप पर, बड़ी दया आती है। और हां दीदी क्या कर दिया, ये बंगाल की वीर जनता ने आपका। भाइयो-बहनो, दीदी ने पहले घुसपैठ करा कर अपना कैडर बनाया और अब प्रचारक भी वो विदेश से बुला रही है लेकिन आपका ये चौकीदार दो टूक कहना चाहता है। घुसपैठियों के दम पर पश्चिम बंगाल में अब राजनीति नहीं चलेगी, दीदी के भाड़े के गुंडों के दम पर शासन की जो परंपरा चलाई है वो भी अब खत्म हो कर के रहेगी। अब पश्चिम बंगाल का भाग्य और देश की दिशा भारत माता की जय कहने वाले ही तय करेंगे।

भाइयो-बहनो, नया हिंदुस्तान बनाने की जिम्मेदारी, नया भारत बनाने की जिम्मेदारी, आपकी और हम सब की है। नया हिंदुस्तान, सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला नेतृत्व चाहता है, नया हिंदुस्तान एक विजन वाली सरकार चाहता है, डिवीजन वाले परिवार नहीं चाहता। नया हिंदुस्तान सुरक्षा की गारंटी चाहता है, सम्मान चाहता है। अपने त्यौहार के समय पूजा की, यात्राएं निकालने की आजादी चाहता है। नया हिंदुस्तान, दुनिया में भारत का दबदबा चाहता है, बुलंद आवाज वाला देश चाहता है, अपनी बात मजबूती से रख सके ऐसा लीडर चाहता है। नया हिंदुस्तान आतंकवाद पर प्रहार चाहता है, राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार चाहता है। नए हिंदुस्तान की इन भावनाओं को, ये दर्जन भर महामिलावटी लोग पूरा कर सकते हैं क्या? पूरी ताकत से बताइए, एक में भी दम है क्या? ये आपके सपने पूरे कर सकते हैं क्या? आप मुझे बताइए, ईमानदारी से बताएंगे? नए हिंदुस्तान के संकल्प को कौन पूरा कर सकता है? आपको भरोसा है, पूरा विश्वास है? जी नहीं, मोदी अकेले नहीं, आपका एक वोट कर सकता है। आपके वोट की ताकत है की सेना के जवान सर्जिकल स्ट्राइक कर सकते हैं। आपके वोट की ताकत है की सेना के जवान एयर स्ट्राइक कर सकते हैं। आपके वोट की ताकत है की तीन मिनट में अंतरिक्ष में जा कर के हमारी मिसाइल दुश्मन के सैटेलाइट को गिरा सकती है।

भाइयो-बहनो, आतंकवाद खत्म होना चाहिए कि नहीं खत्म होना चाहिए? चुन-चुन के साफ होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? और इसके लिए दिल्ली में मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? और मजबूत सरकार चलाने के लिए मजबूत चौकीदार चाहिए कि नहीं चाहिए? हम सभी को मिलकर नया हिंदुस्तान बनाना है। साथियो, ये चौकीदार हमेशा 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की बात करता है। सबका साथ-सबका विकास हमारा मंत्र है, सबको सुरक्षा-सबको सम्मान ये हमारी प्रतिज्ञा है। हमने ही गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने के लिए संवैधानिक संशोधन किया, जिसका लाभ सभी को मिलेगा। हमने ही दलितों के हित की रक्षा के लिए कदम उठाए, हमने ही ओबीसी के लिए पिछड़े आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया। ये हमारी ही सरकार है जो देश की विकास की दौड़ में पिछड़ चुके उत्तर-पूर्वी और पूर्वी भारत के लिए विशेष योजनाएं पूरा कर रही है। मुझे याद है की सरकार बनने के 6 महीने के भीतर ही मैंने यहां के सैल के आधुनिकीकरण के प्रोजेक्ट को देश को समर्पित किया था।

साथियो, एक संवेदनशील सरकार लोगों की अपेक्षाओं, लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए काम करती है। ये हमारी ही सरकार है, जिसने बेटियों के साथ रेप, बलात्कार जैसे अपराध में फांसी तक का प्रावधान किया है। बेटियों की तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के चंगुल से आजाद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। भाइयो-बहनो, आज 23 अप्रैल है, 23 मई को इस समय तो देश में चुनाव के नतीजे आ गए होंगे। 23 मई को एक महीने के बाद जब चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून बनाने का भी पूरा प्रयास किया जाएगा। जब फिर मोदी सरकार आएगी तब पश्चिम बंगाल की सरकार पर दबाव बनेगा की वो आयुष्मान योजना यहां लागू करें ताकी यहां के 1 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पूरे देश में कहीं भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिल पाए। जब फिर मोदी सरकार आएगी तो पश्चिम बंगाल के सभी किसानों के खातों में सीधी मदद मिलेगी, जब फिर मोदी सरकार आएगी तब व्यापारियों के लिए एक राष्ट्रीय व्यापारी आयोग बनाया जाएगा। जब फिर मोदी सरकार आएगी तब 2022 तक पश्चिम बंगाल के हर गरीब बेघर के पास अपना पक्का घर होगा, घर में शौचालय होगा, गैस का कनेक्शन होगा, बिजली होगी, दूधिया एलईडी बल्ब होगा।

साथियो, ये सभी संकल्प आपके पश्चिम बंगाल के एक-एक साथी के सहयोग से सिद्ध होने वाले हैं। हम सभी चौकीदारों को अत्याचारियों का डटकर मुकाबला करना है, आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है। ये कांग्रेस-टीएमसी और लेफ्ट मिलकर जो अफवाहें उड़ा रहे हैं उससे भी सतर्क रहिए। खुलकर बूथ तक आइए और अपना वोट डालिए। साथियो, 2014 में मैंने आपसे आकर के वोट मांगा था। बाबुल सुप्रियो और आपने मेरी बात रखी, मैंने आपकी भावनाओं का हृदय से सम्मान किया। भाइयो-बहनो, बाबुल सुप्रियो आपके लिए लड़ते रहे, हमारे सभी कार्यकर्ता आपके लिए लड़ने-मरने वाले कार्यकर्ता हैं। एक बार फिर हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए। पहले से ज्यादा भारी बहुमत से जिताइए और आप विश्वास रखिए, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे ना, तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा, ये चौकीदार को मिलेगा और आपका वोट एक-एक कमल का फूल ये चौकीदार को मजबूत बनाएगा। भाइयो-बहनो, देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं? देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं? सरकार मजबूत होनी चाहिए कि नहीं? चौकीदार मजबूत होना चाहिए कि नहीं? हर हिंदुस्तानी चौकीदार होना चाहिए कि नहीं? मैं एक संकल्प दिलवाता हूं, दोनों हाथ ऊपर कर के, मुट्ठी बंद करके, पूरी ताकत से संकल्प लेना है। आपको बोलना है चौकीदार।

गांव-गांव है… चौकीदार, शहर-शहर है… चौकीदार, बच्चा-बच्चा… चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी… चौकीदार, माता-बहने… चौकीदार, घर-घर में है… चौकीदार, खेत-खलिहान में… चौकीदार, बाग-बगान में… चौकीदार, देश के अंदर… चौकीदार, सरहद पर भी… चौकीदार, डाक्टर-इंजीनियर… चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर… चौकीदार, लेखक-पत्रकार… चौकीदार, कलाकार भी… चौकीदार, किसान-कामगार… चौकीदार, दुकानदार भी… चौकीदार, वकील-व्यापारी… चौकीदार, छात्र-छत्राएं… चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

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PM Modi’s remarks during the BRICS session: ‘Peace and Security and Reform of Global Governance’
July 06, 2025

Your Highness,

Excellencies,

Namaskar!

I express my heartfelt gratitude to President Lula for the excellent organisation of the 17th BRICS Summit. Under Brazil’s dynamic chairmanship, our BRICS cooperation has gained fresh momentum and vitality. And let me say—the energy we’ve received isn’t just an espresso; it’s a double espresso shot! For this, I applaud President Lula's vision and his unwavering commitment. On behalf of India, I extend my heartfelt congratulations and best wishes to my friend, President Prabowo, on Indonesia’s inclusion in the BRICS family.

Friends,

The Global South has often faced double standards. Whether it's about development, distribution of resources, or security related matters, the interests of the Global South have not been given due importance. The Global South often received nothing more than token gestures on topics like climate finance, sustainable development, and technology access.

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Friends,

Two-thirds of humanity still lack proper representation in global institutions built in the 20th century. Many countries that play a key role in today’s global economy are yet to be given a seat at the decision-making table. This is not just about representation, it’s also about credibility and effectiveness. Without the Global South, these institutions are like a mobile phone with a SIM card but no network. They’re unable to function properly or meet the challenges of the 21st century. Whether it's ongoing conflicts across the world, the pandemic, economic crises, or emerging challenges in cyber or space, these institutions have failed to offer solutions.

Friends,

Today the world needs a new multipolar and inclusive world order. This will have to start with comprehensive reforms in global institutions. These reforms should not be merely symbolic, but their real impact should also be visible. There must be changes in governance structures, voting rights, and leadership positions. The challenges faced by countries in the Global South must be given priority in policymaking.

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Friends,

The expansion of BRICS and the inclusion of new partners reflect its ability to evolve with the times. Now, we must demonstrate the same determination to reform institutions like the UN Security Council, the WTO, and Multilateral Development Banks. In the age of AI, where technology evolves every week, it's unacceptable for global institutions to go eighty years without reform. You can’t run 21st-century software on 20th-century typewriters!

Friends,

India has always considered it a duty to rise above self interest and work towards the interest of humanity. We’re fully committed to work along with the BRICS countries on all matters, and provide our constructive contributions. Thank you very much.