‘Hua Toh Hua’ statement by senior Congress leader riots has yet again shown the anti-Sikh face of the Congress as well as their indifference towards the historical wrongs committed against the Sikh community: PM Modi
Mere lip service of condemnation to the anti-Sikh statements of Congress leaders by the Congress ‘Namdar’ does not heal the victims’ wounds: PM Modi
The entire Congress party including its President must be ashamed of their actions in 1984 and must answer the Sikh community for their reckless statements: Prime Minister Modi  

दमदमा साहब की पवित्र भूमि को मैं नमन करता हूं, गुरुओं के पास आकर मुझे हमेशा ही एक सुखद अनुभव होता है। सरदार प्रकाश सिंह बादल और दूसरे वरिष्ठ साथियों के साथ जो भी समय पंजाब में मैंने बिताया है, उसने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।

साथियो, आपने पांच वर्ष पहले जो मजबूत सरकार बनाई उसका काम आपके सामने है। आज पूरी दुनिया में भारत की साख नई बुलंदी पर है। दुनिया भर में बसे मेरे पंजाबी भाई-बहन भी इसके गवाह हैं, भारत को 21वीं सदी की एक महान ताकत बनाने के लिए फिर एक बार मजबूत सरकार की जरूरत देश को है। यही कारण है की 6 चरणों में देश ने एनडीए के पक्ष में मत दिया है। भाइयो, कांग्रेस आज पूरे देश में 50 सीट पाने के लिए संघर्ष कर रही है, क्योंकि कांग्रेस के पास नेता कन्फ्यूज हैं और सोच डिफ्यूज है, ऊपर से अहंकार चरम पर है। कांग्रेस की नीतियां बनाने वाले राजीव गांधी जी के खास सलाहकार और वर्तमान में ये नामदार के गुरु, उन्होंने 84 के दंगों को लेकर जो कहा उसकी पूरे देश में प्रतिक्रिया हुई है, ये आप भी देख रहे हैं।

साथियो, नामदार के ये खास अमेरिका से आए हुए, उनके गुरु ने कहा है की 84 में जो हुआ वो हुआ। ये कांग्रेस की सोच को दर्शाता है, कांग्रेस के अहंकार को दिखाता है। साथियो, आज मैं भटिंडा की तरफ से पूरे पंजाब की तरफ से कांग्रेस से पूछना चाहता हूं की वो कब तक इसी तरह हमारे जख्म पर नमक छिड़कती रहेगी। भाइयो-बहनो, मैं देख रहा था की नामदार ने अपने गुरु को कहा है की जो कुछ गुरु ने कहा उस पर उन्हें शर्म आनी चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं की आखिर गुरु को किस बात के लिए डांटने का दिखावा कर रहे हो। क्या इसलिए की जो कांग्रेस के दिल में नामदार परिवार की चर्चाओं में हमेशा वो नामदार के गुरु ने सार्वजनिक रूप से वो राज खुला कर दिया, उसके लिए आप उनको डांट रहे हो क्या? क्या नामदार के गुरु को घर की बात बाहर बताने क् लिए डांटा जा रहा है? अरे नामदार शर्म आपको आनी चाहिए। 1984 के दंगों को आज 35 साल हो रहे हैं, कांग्रेस की करतूतों की वजह से आज तक इन दंगा पीड़ितों को जो न्याय मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाया है। इंसाफ के नाम पर कांग्रेस वाले कमेटी बनाते गए, कमीशन बनाते गए। इतने गंभीर मामले को रफा-दफा करते रहे, इतना ही नहीं, गंभीर आरोप वालों को कांग्रेस ने केंद्र में मंत्री भी बनाया, गंभीर आरोप वालों को चुनाव की बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां दी गईं, पंजाब का प्रभारी बनाया गया। जब इसकी आलोचना हुई, पंजाब में जबरदस्त विरोध हुआ और कांग्रेस की नैय्या डूबने लगी तो फिर उनको पंजाब के प्रभारी से हटाने का ड्रामा किया। लेकिन फिर आपने क्या किया? सारी आपत्तियों को नजरअंदाज किया, पंजाब की भावनाओं का अपमान करके आपने उसी व्यक्ति को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। नामदार शर्म आपको आनी चाहिए।

भाइयो-बहनो, मैं देश के लोगों को ये भी याद दिलाना चाहता हूं की नामदार जब अपने दरबारियों को डांटते हैं, उन्हें शर्म की याद दिलाते हैं तो इसका मतलब क्या होता है, मैं उदाहरण बताता हूं। एक वर्ष पूर्व गुजरात में चुनाव था, चुनाव के समय उनके परिवार के खासमखास और उनके भी वो सलाहकार हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं, बड़बोले भी हैं। गुजरात के चुनाव के दिनों में उन्होंने मेरे लिए अपशब्द बोले, मुझे नीच कहा और गुजरात में लोगों का पारा गर्म हो गया। जब पारा गुजरात का गर्म हो गया तो सारे कांग्रेस वाले इधर-उधर भागने लगे, बचाओ-बचाओ तो कांग्रेस को बचाने के लिए दिखावे के लिए उन्होंने ड्रामा किया, उनको पार्टी से निकाल दिया और फिर क्या हुआ, कुछ समय के बाद उस करीबी व्यक्ति को पूरे सम्मान के साथ, पूरी बेशर्मी के साथ पार्टी में फिर से स्थान दे दिया। और इसलिए मैं फिर कहूंगा, नामदार शर्म आपको आनी चाहिए, हुआ तो हुआ मतलब क्या है?

हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जिंदा जला दिया गया, परिवारों को तबाह कर दिया गया और बेशर्मी से कह रहे हो हुआ तो हुआ। 1984 में जो कुछ हुआ उसने पूरी इंसानियत को तार-तार कर दिया था। आपके इस चौकीदार ने इंसाफ का वादा आपसे किया था। 2014 में बादल साहब के साथ खड़े हो कर के मैंने आपको वादा किया था की आपके न्याय की लड़ाई मैं लड़ूंगा। बादल साहब के आशीर्वाद से आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं की एक को फांसी के फंदे तक पहुंचाया है और बाकियों को उम्रकैद मिली है और जो बचे हैं वो भी ज्यादा दिन बाहर नहीं रह पाएंगे।

भाइयो-बहनो, कांग्रेस की एक और ऐतिहासिक गलती है, जिसको सुधारने का काम अब हो रहा है। 1947 में कांग्रेस ने बंटवारा तो करा दिया लेकिन हमारे आस्था के केंद्र करतार सिंह साहब को कुछ ही किलोमीटर के फासले में पाकिस्तान में जाने दिया। ये हमारी आस्था के प्रति असंवेदनशीलता का प्रतीक है। आज हम यहां कारिडोर बनाने का काम कर रहे हैं तब भी कांग्रेस लोग पाकिस्तान के गुणगान कर रहे हैं, पाकिस्तान के गीत गा रहे हैं।

भाइयो-बहनो, पंजाब के हजारों-लाखों सपूत सरहद पर नक्सली इलाकों में सीना तान कर खड़े हैं लेकिन कांग्रेस को हमारे इन जवानों की भी कोई परवाह नहीं है। हुआ तो हुआ वाले अहंकार में ही कांग्रेस ने अपना मेनिफेस्टो, अपना ढकोसलापत्र भी बनाया है। उसमें कहा गया है की जान हथेली पर रखने वाले हमारे जवानों को, हिंसा वाले इलाकों में उनको विशेष अधिकार मिलता है उसको हटा देंगे। कांग्रेस चाहती है की आतंक के पैरोकारों और पत्थरबाजों को हमारे जवानों को लहूलोहान करने का लाइसेंस मिल जाए।
भाइयो-बहनो, कांग्रेस की तय नीतियों ने हमारे जवानों को भी खतरे में डाला है और देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाला है। लेकिन आज पाकिस्तान को नए हिंदुस्तान के दम का एहसास हो गया है। हमारे वीर सपूतों ने घर में घुस कर के मारा है और पूरा हिंदुस्तान गर्व कर रहा है।

भाइयो-बहनो, जवानों के साथ-साथ इन्होंने किसानों को भी ऐसी ही ठगी की है, दस साल में एक बार कर्जमाफी का ढिंढोरा पीटते हैं और उसमें भी घोटाला कर देते हैं। यहां पंजाब में तो कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी की बात की थी, उसकी क्या सच्चाई है ये पंजाब का एक-एक किसान जानता है। ऐसी ठगी करने की क्या जरूरत थी और आप की ठगी का परिणाम है, जिस पंजाब ने हिंदुस्तान को जिंदा रखा, जिस पंजाब के हिंदुस्तान का पेट भरा, उस पंजाब का किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो इससे बड़ी दर्दनाक कोई बात नहीं हो सकती है लेकिन आपने ये किया और उसको सदमा पहुंचा है ठगी का। उसको गुस्सा आया है, उसके साथ धोखा हुआ है। और कैप्टन साहब, पंजाब का आदमी आपकी गलती माफ कर सकता है, आपका धोखा कभी माफ नहीं करेगा।

भाइयो-बहनो, एक तरफ कांग्रेस के झूठे वादे हैं तो दूसरी तरफ हमारे ईमानदार प्रयास हैं। हमने संकल्प लिया है, 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने का। इसके लिए बीज से बाजार तक काम हम कर रहे हैं। कपास सहित लगभग दो दर्जन फसलों का MSP लागत का डेढ़ गुना तय कर दिया गया है। वहीं फूड प्रोसेसिंग को लेकर भी हरसिमरत जी के प्रयासों से आप भली-भांति परिचित हैं। अब तो किसान के खाते में सीधे पैसे भी एनडीए की सरकार द्वारा जमा कराए जा रहे हैं। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब इस योजना का दायरा और बढ़ाया जाएगा। पंजाब के हर किसान को ये मदद दी जाएगी।

साथियो, किसानों को पानी मिले इसके लिए सतलज-यमुना सहित हमारी जितनी भी नदियां हैं उनके पानी का पूरा उपयोग करने का भी हमारा प्रयास है। कांग्रेस के कारनामों के कारण इतने बरसों तक हमारे हक का पानी पाकिस्तान जा रहा था, उसको रोकने का काम हमने शुरू कर दिया है।

भाइयो-बहनो, इस क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए यहां एम्स जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इतना ही नहीं, आयुष्मान योजना के तहत गरीब परिवार को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज आज संभव हो रहा है। भाइयो-बहनो, श्री अकाल तख्त, दमदमा साहिब, केसगढ़ साहिब, पटना साहिब और हजूर साहिब के बीच कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए भी काम किया जा रहा है। नांनदेड़ से अमृतसर के लिए एक विशेष फ्लाइट भी चलाई जा रही है।

साथियो, हमारी आस्था, हमारी परंपरा, हमारे देश का माथा ऊंचा रहे इसके लिए केंद्र में हमें एक मजबूत सरकार चाहिए। भाइयो-बहनो, जीएसटी-लंगर कितना विवाद कर रहे थे, ये हम ही हैं जिसने लंगर को जीएसटी से बाहर कर दिया। मैं विशेषकर पंजाब के फर्स्ट टाइम वोटरों से, हमारे नवजवानों से कहूंगा, इस चुनाव में आपका वोट बहुत ऐतिहासिक है, महत्व का है। आपका वोट 21वी सदी के भारत की भूमिका तय करेगा। याद रखिएगा, तराजू के निशान पर पड़ा आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। एक बार फिर बादल साहब का, पंजाब के सभी साथियों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए…

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।