India will prosper only when development reaches every corner of the country: PM Modi #ParivartanRally
Bihar needs 'Vikas-Raj' not 'Jungle-Raj': PM Modi #ParivartanRally
Youth of Bihar can do wonders. They are extremely talented: PM #ParivartanRally
Those who practise casteism & do vote bank politics can never think of developing Bihar: PM #ParivartanRally
I have a dream that by 2022, every Indian must have their homes, 24/7 electricity & water: PM #ParivartanRally
'Mahaswarthbandhan' has ruined Bihar. NDA is dedicated to development of Bihar: PM Modi #ParivartanRally
Bihar has no place for 'Shaitan': PM #ParivartanRally
According to police, there have been over 4000 kidnapping cases. This proves the situation of Bihar under 'Jungle-Raj': PM

भारत माता की जय, भारत माता की जय

मिथिला पावन धरती के नमन करै छी। मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान रविशंकर प्रसाद जी, भाजपा के लोकप्रिय सांसद श्रीमान नित्यानंद राय जी, लोजपा के नेता श्री रामचंद्र पासवान जी, भाजपा के सांसद श्रीमान कीर्ति आज़ाद जी, भाई मुकेश सहनी जी और जिनको हमने जीवन भर एक तपस्वी के रूप में काम करते देखा है, पांच-पांच पीढ़ी राजनीति में जिनसे प्रेरणा लेती रही है, वैसे कैप्टन निशाद जी आज हमें आशीर्वाद देने आये हैं, मैं उनका बहुत आभारी हूँ कल्याणपुर से लोजपा के उम्मीदवार प्रिंस राज, वारिसनगर से लोजपा के उम्मीदवार चंद्रशेखर यादव, समस्तीपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती रेणु कुशवाहा जी, रालोसपा के उम्मीदवार कुमार आनंद, मोरवा से भाजपा के उम्मीदवार सुरेश राय, सरायरंजन से भाजपा के उम्मीदवार श्री रंजीत निर्गुणी जी, मोइउद्दीन नगर से भाजपा के उम्मीदवार सत्येन्द्र सिंह जी, विभूतिपुर से लोजपा के उम्मीदवार रमेश कुमार राय, रोसड़ा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती मंजू हजारी जी, हसनपुर से रालोसपा के उम्मीदवार श्री विनोद चौधरी जी और मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव।

चारों तरफ़ जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, मुझे लोग ही लोग नज़र आ रहे हैं। इतनी भयंकर गर्मी में आप घंटों से तपस्या कर रहे हैं। आपमें से किसी को कुछ भी नहीं चाहिए फिर भी आप लोग इतना कष्ट उठा रहे हैं। इतने भयंकर ताप में तप रहे हैं क्योंकि आप बिहार की बेहाली से परेशान हैं और बिहार को बचाना चाहते हैं। मेरे प्यारे भाईयों-बहनों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपकी तपस्या कभी बेकार जाने नहीं दूंगा। बिहार के भाग्य को बदलने के लिए आपने जो यज्ञ शुरू किया है, इस यज्ञ में मेरी भी कुछ आहूति होगी।

समस्तीपुर की धरती, हम सब के प्रेरक एवं जिनका जीवन दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित लोगों के लिए प्रेरणा रहा है, ऐसे जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की इस जन्मभूमि को मैं प्रणाम करता हूँ। मैं उनसे प्रार्थना करता हूँ कि वे जहाँ हैं, वहीँ से हमें आशीर्वाद दें ताकि हम आपके सपनों को पूरा कर सकें।

आज 8 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि है। ये राजनीति का रंग देखिये, सत्ता सुख के लिए राजनीति में रंग बदलने वाले लोगों को देखिये, उनके कारनामे देखिये ये वही लोग हैं जो कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर गरीबों के कल्याण की बातें करते थे, कांग्रेस के खिलाफ़ जंग लड़ने की बातें करते थे; ये लोग कभी जयप्रकाश नारायण के नाम के साये में अपना राजनीतिक कार्यक्रम चलाते थे। जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के कुशासन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ़ एक जंग छेड़ा था, देश के नौजवानों को प्रेरणा दी थी। कल तक जो लोकनायक के गीत गाते थे, कर्पूरी ठाकुर की बातें सुनाते थे, आज वे कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए हैं। मैं कल्पना कर सकता हूँ कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर, राम मनोहर लोहिया जी की आत्मा जहाँ भी होगी, इन लोगों के आचरण के कारण उनकी आत्मा सबसे ज्यादा दुखी होती होगी।

कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने का सही समय यह चुनाव है। ऐसे लोगों को उखाड़ कर फेंक देना ही कर्पूरी ठाकुर को सही श्रद्धांजलि होगी। मेरे बिहारवासी, आप बताएं कि बिहार में प्रगति, यहाँ का विकास होना चाहिए कि नहीं? नौजवानों को रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं? कांग्रेस के नेता हों, लालू जी हों, यहाँ के मुख्यमंत्री जी हों, ये तीनों लोगों को जानना जरुरी है। कांग्रेस ने बिहार में 35 साल सरकार चलाई लेकिन क्या 35 साल राज करने के बाद भी बिहार का भला हुआ? जो 35 साल कुछ नहीं कर पाए, वे 5 साल में कुछ कर पाएंगे? लालू जी और यहाँ के मुख्यमंत्री जी, बड़ा भाई और छोटा भाई, बड़ा भाई ऐसा है जो छोटे भाई को कभी हत्यारा तो कभी तोता कहता है; इन्होंने बिहार में 25 साल राज किया लेकिन अगर 25 साल में कुछ नहीं कर पाए, वे 5 साल में कुछ कर पाएंगे क्या? इन तीनों ने मिलाकर बिहार में 60 साल राज किया है। 60 साल में कुछ भला हुआ क्या?

आप देखिये कि पहले ये तीनों एक-दूसरे के खिलाफ़ लड़ते थे, एक-दूसरे को बदनाम करते थे लेकिन आज ये तीनों सत्ता के लिए मिल गए बिहार की भलाई के लिए पहले कभी ये एक हुए क्या? ये सिर्फ़ सत्ता के लिए इकट्ठे हुए हैं। आप मुझे बताईये कि महास्वार्थबंधन के ये सारे कट्टे-बट्टे जब आपके पास वोट मांगने आएं तो इन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? बिहार को क्या वादे किये थे, और कौन-कौन से वादे पूरे किए, ये उन्हें बताना चाहिए कि नहीं? मुझे बताईये कि चुनाव के इतने दिन हो गए, ये अपने काम का हिसाब दे रहे हैं क्या? जो अपने 60 साल के काम का हिसाब नहीं दे रहे हैं, उन्हें फिर से 5 साल के लिए मौका देना चाहिए क्या?

आज पहली बार दिल्ली में ऐसी सरकार आई है जो बिहार के लिए समर्पित है, बिहार का भाग्य बदलने के लिए समर्पित है और ये मैं आज से नहीं कह रहा। 2013 में सितम्बर महीने में भाजपा का अधिवेशन हुआ था। उस अधिवेशन का मेरा कोई भाषण निकाल कर देख ले, उसमें मैंने कहा था कि अगर हमें हिंदुस्तान का भाग्य बदलना है तो भारत के हर कोने, हर राज्य का विकास होना जरुरी है। अगर सिर्फ भारत के पश्चिमी छोर का विकास हो और पूर्वोत्तर का न हो तो भारत कभी महान नहीं बन सकता है। केरल, कर्नाटक, गुजरात, गोवा, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि आगे बढे और अगर उड़ीसा, बिहार, बंगाल, असम, पूर्वोत्तर क्षेत्र पीछे रह जाए तो मेरा देश कभी आगे बढेगा क्या? मैं मानता हूँ कि अगर हिंदुस्तान को आगे ले जाना है तो पूर्वी हिंदुस्तान को और गति, और ताक़त देनी पड़ेगी।

बिहार के लिए घोषित 1 लाख 65 हज़ार का विकास का पैकेज सिर्फ़ बिहार का भला करेगा ऐसा नहीं है, ये पैकेज जब बिहार की धरती पर काम में आएंगे तो ये पूरे हिंदुस्तान की शक्ल-सूरत बदलने में मदद करेंगे। एक बार बिहार आगे बढ़ गया तो हिंदुस्तान कभी पीछे नहीं रह सकता। ये ताक़त है बिहार की। इसलिए मेरी पूरी कोशिश है कि बिहार के नौजवान को अवसर कैसे मिले, बिहार को ताक़त कैसे मिले। बिहार की शक्ति अभूतपूर्व है। अभी मैं अमेरिका गया था वहां मुझे बिहार के नागरिकों का एक दल मुझसे मिला। जब मेरा उनसे परिचय हुआ तो एक से बढकर एक होनहार लोग मेरे देश के नौजवान अमेरिका में इतना काम कर रहे हैं और खासकर बिहार के, इतना आनंद हुआ देखकर। जब उनसे बातें हुई तो उन्होंने यही कहा कि साहब हम आशा कर रहे हैं कि चुनाव के बाद बिहार की काया-पलट होनी शुरू हो जाएगी। मैंने अमेरिका में भी बिहार की चिंता करने वाले बिहार के लोगों को देखा। मुझे लगा कि जिस राज्य के पास ऐसे सामर्थ्यवान, शक्तिवान नौजवान हो, वो राज्य कभी पीछे नहीं रह सकता।

हम बिहार की सभी आवश्यकताओं पर बल दे रहे हैं। चुनाव और राजनीति में उन राजनेताओं को हम भली-भांति जानते हैं जिन्होंने जातिवाद और सम्प्रदायवाद का जहर घोला है। ये जातिवाद और सम्प्रदायवाद का जहर फैलाकर राजनीति करने वाले लोग कभी भी बिहार का भला नहीं कर पाएंगे। और इसलिए बिहार को जो जंगलराज झेलना पड़ा है, उसके बाद मैं यह पूछना चाहता हूँ कि क्या हमें यह जंगलराज फिर से वापस लाना है? भाईयों-बहनों, अगर बिहार को आगे ले जाना है तो बिहार को चाहिए – विकासराज। जंगलराज से पीछा छुड़ाईए और विकासराज का रास्ता पकड़िए और मैं आपके पास विकास की सौगात लेकर आया हूँ।

मैं हैरान हूँ कि पिछले दिनों से महास्वार्थबंधन के लोग ऐसे गुस्से में हैं कि उन्होंने बिहार के यदुवंश के लोगों को घोर अपमानित कर दिया और क्या खाते हैं, ऐसा बोला है कि मैं तो अपने मुख से बोल नहीं सकता। ये पाप मैं नहीं कर सकता। जब यदुवंश के लोगों और मीडिया ने उन्हें घेर लिया तो उन्होंने कहा कि मेरे अन्दर शैतान आ गया था, इसलिए मैंने ऐसा बोला। अब मेरे मन में सवाल है कि सारी दुनिया में अरबों-खरबों लोग हैं, हिंदुस्तान में करोड़ों लोग हैं, बिहार में करोड़ों लोग हैं लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है कि शैतान को इन्हीं का ठिकाना मिला क्या, यही पता मिला क्या।

आप देखिये कि अगर आपको हार्ट अटैक आता है और आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर कहता है कि आपकी ये आदत गलत है, बुरी है इसके कारण ये हुआ है। अगर आपको डायबिटिज है और आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर कहता है कि आपकी ये आदत गलत है, खाने का ये स्वभाव ख़राब है, काम करने की यह पद्धति गलत है और इसके कारण आपको डायबिटिज हुआ है। लालू जी, बिहार जानना चाहता है कि आपमें ऐसी कौन सी बुराई है जो शैतान आपके अन्दर प्रवेश कर गया। शैतान को यही ठिकाना क्यों मिला, यह बड़ी खोज का विषय है। बिहार की जनता खोज कर निकाले कि इन्हीं के पास शैतान क्यों गया। हमें उनलोगों को चुनना है जिनके पास इंसान और इंसानियत हो। जिनके पास शैतान आकर बसते हों, ऐसे लोगों के लिए बिहार में जगह नहीं है। मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि आप भाजपा के नेतृत्व में एनडीए के गठबंधन, जो बिहार के विकास के लिए काम करना चाहती है, को आशीर्वाद दें।

आप मुझे बताएं कि बिहार को रास्ते, अस्पताल, शिक्षक चाहिए कि नहीं? गरीबों को स्कूल, घर, नौजवान को रोजगार चाहिए कि नहीं? हमारा एक ही एजेंडा है कि बिहार विकास करे और इतना आगे बढे कि पूरा हिंदुस्तान आगे बढ़ जाए। मैं इसी सपने के साथ आपके पास आया हूँ। बिहार के लिए घोषित पैकेज बिहार के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है और वो इसलिए है क्योंकि मैं बिहार की ताक़त को भली-भांति जानता हूँ। मैं तो कहता हूँ कि बिहार का पानी और बिहार की जवानी, इन दोनों का अगर सही उपयोग हो तो सिर्फ़ बिहार नहीं, पूरा हिंदुस्तान बदल जाएगा। यहाँ इतना पानी है लेकिन वही पानी कभी विनाश करता है तो कभी दूसरे इलाके में सूखे के लिए मजबूर करता है क्योंकि 60 साल यहाँ जिन्होंने राज किया, उन्हें यहाँ के पानी की परवाह नहीं थी। यहाँ की जवानी हिंदुस्तान या दुनिया में जहाँ भी जाती है, हिंदुस्तान का नाम रौशन कर देती है लेकिन उस जवानी को पलायन करना पड़ता है। अगर उन्हें बिहार में अवसर मिले तो बिहार बदल जाएगा कि नहीं? इसलिए भाईयों-बहनों, बिहार का पानी भी काम आना चाहिए और बिहार की जवानी भी काम आनी चाहिए।

मैं आज आपके पास विकास का मंत्र लेकर आया हूँ। हमारा सपना गरीबों को घर देने का है, उन घरों में बिजली पहुँचाने का सपना है। गरीबों की बातें करने वाले लोगों को कभी यह विचार आया था कि हमारी गरीब माताओं को खुले में शौच जाना पड़ता है और उन्हें अपमानित महसूस करना पड़ता है। गरीबों की बातें करने वाले लोगों ने कभी यह सोचा कि उनके लिए कम-से-कम शौचालय ही बना दें। इनमें से किसी को गरीबों के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है जो 60 साल सरकार चलाने के बाद गरीबों को शौचालय तक नहीं दे पाए, वो हमें गरीबी सिखाने आए हैं।

इंदिरा गाँधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था और कहा था कि गरीबों के लिए बैंक अकाउंट खोलने होंगे, बैंकों का पैसा गरीबों को मिलना चाहिए। आप मुझे बताईये कि गरीबों को बैंक तक जाने का मौका मिला था क्या? बैंक के दरवाजे गरीब ने कभी देखे थे क्या? 60 साल तक गरीब बैंकों से दूर रहा। हमने एक साल के भीतर देश के सभी नागरिकों का बैंकों में खाता खुलवा दिया। गरीबों के लिए काम कैसे क्या जाता है, ये इसका उदाहरण है। आने वाले दिनों में मुझे गरीबों को रहने के लिए घर देना है। 2022 में जब देश की आज़ादी के 75 वर्ष होंगे तो देश के हर परिवार के पास अपना घर हो, ये सपना पूरा करने के लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए।

भाईयों-बहनों, आपके मुख्यमंत्री ने 2010 चुनाव में आपको बिजली देने का वादा किया था? बिजली मिली? उन्होंने ये कहा था कि अगर बिजली नहीं दूंगा तो 2015 में वोट मांगने नहीं आऊंगा, ये कहा था? अभी फिर से वोट मांगने आये न? बिजली आई क्या? उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ये अहंकार की भाषा देखिये, घर में बिजली नहीं पहुँचाने के बावजूद वे आज फिर से वोट मांगने आये हैं। ये झूठे और खोखले वादे करके बिहार को फिर से जंगलराज बनाने के खेल खेले जा रहे हैं।

मुझे बताईये कि जंगलराज में सबसे बड़ा उद्योग कौन सा चला – अपहरण का उद्योग, अपहरण करो और फिर फ़िरौती मांगो। क्या फिर से अपहरण का राज चलने देना है? जनवरी महीने से जुलाई तक बिहार सरकार की पुलिस के आंकड़े के अनुसार 4000 अपहरण की घटनाएँ घटी हैं। आने वाले दिनों में दुर्गापूजा का अवसर आएगा। जब जंगलराज था तो लोग शाम में रामलीला देखने नहीं जा पाते थे क्योंकि डर लगता था कि कहीं कोई आकर के तकलीफ़ न कर जाए। कोई नई गाड़ी नहीं खरीद सकता था क्योंकि डर था कि अगर किसी नेता को पता लग गया तो गाड़ी जाएगी, पैसा भी जाएगा और मांगने जाऊंगा तो पिटाई होगी वो अलग। यही कारोबार चला था न? मैं इससे मुक्ति के लिए आपके पास आया हूँ। हमें फिर से जंगलराज आने नहीं देना है।

मैं आपके पास विकास के लिए वोट मांगने आया हूँ। मुझे विश्वास है कि ये जो जन सैलाब मैं देख रहा हूँ, मैं साफ़ कहता हूँ कि बिहार की जनता ने अहंकारवादियों का जो हाल लोकसभा के चुनाव में किया, उनका उससे भी बुरा हाल होने वाला है। कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर था। एक समय था जब जनता ने इन्हें लोकसभा में 440 सदस्य दिए थे, लेकिन अहंकार इतनी सीमा पर पहुंचा कि इसी जनता-जनार्दन ने उन्हें 40 पर लाकर बिठा दिया। जो लोग अहंकार में जी रहे हैं, वे समझें कि ये जनता-जनार्दन सबकुछ जानती है। जनता गलतियों को माफ़ करती है लेकिन धोखा कभी माफ़ नहीं करती।

बिहार का भाग्य बदलने के लिए और इसे विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए पहली बार दिल्ली से सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चलने आई है। हमें आशीर्वाद दीजिए और हमारे सभी उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। सभी मेरे साथ मुट्ठी बंद करके बोलें –
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद

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उज्जनिर रायज केने आसे? आपुनालुकोलोई मुर अंतोरिक मोरोम आरु स्रद्धा जासिसु।

असम के गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी और यहीं के आपके प्रतिनिधि, असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल जी, असम सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए, मेरे सभी भाइयों और बहनों, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे ज्यादा मुझे वहां बाहर दिखते हैं।

सौलुंग सुकाफा और महावीर लसित बोरफुकन जैसे वीरों की ये धरती, भीमबर देउरी, शहीद कुसल कुवर, मोरान राजा बोडौसा, मालती मेम, इंदिरा मिरी, स्वर्गदेव सर्वानंद सिंह और वीरांगना सती साध`नी की ये भूमि, मैं उजनी असम की इस महान मिट्टी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।

साथियों,

मैं देख रहा हूँ, सामने दूर-दूर तक आप सब इतनी बड़ी संख्या में अपना उत्साह, अपना उमंग, अपना स्नेह बरसा रहे हैं। और खासकर, मेरी माताएँ बहनें, इतनी विशाल संख्या में आप जो प्यार और आशीर्वाद लेकर आईं हैं, ये हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी ऊर्जा है, एक अद्भुत अनुभूति है। मेरी बहुत सी बहनें असम के चाय बगानों की खुशबू लेकर यहां उपस्थित हैं। चाय की ये खुशबू मेरे और असम के रिश्तों में एक अलग ही ऐहसास पैदा करती है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। इस स्नेह और प्यार के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार करता हूँ।

साथियों,

आज असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रुगढ़ को लंबे समय से जिसका इंतज़ार था, वो सपना भी आज पूरा हो रहा है, आज इस पूरे इलाके में औद्योगिक प्रगति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। अभी थोड़ी देर पहले मैंने यहां अमोनिया–यूरिया फर्टिलाइज़र प्लांट का भूमि पूजन किया है। डिब्रुगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक टर्मिनल का उद्घाटन भी हुआ है। आज हर कोई कह रहा है, असम विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, अभी आप जो देख रहे हैं, जो अनुभव कर रहे हैं, ये तो एक शुरुआत है। हमें तो असम को बहुत आगे लेकर के जाना है, आप सबको साथ लेकर के आगे बढ़ना है। असम की जो ताकत और असम की भूमिका ओहोम साम्राज्य के दौर में थी, विकसित भारत में असम वैसी ही ताकतवर भूमि बनाएंगे। नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, Semiconductors, उसकी manufacturing, कृषि के क्षेत्र में नए अवसर, टी-गार्डेन्स और उनके वर्कर्स की उन्नति, पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, असम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं आप सभी को और देश के सभी किसान भाई-बहनों को इस आधुनिक फर्टिलाइज़र प्लांट के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आपको गुवाहटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लिए भी बधाई देता हूँ। बीजेपी की डबल इंजन सरकार में, उद्योग और कनेक्टिविटी की ये जुगलबंदी, असम के सपनों को पूरा कर रही है, और साथ ही हमारे युवाओं को नए सपने देखने का हौसला भी दे रही है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में देश के किसानों की, यहां के अन्नदाताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात काम कर रही है। यहां आप सभी को किसान हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि कल्याण की योजनाओं के बीच, ये भी जरूरी है कि हमारे किसानों को खाद की निरंतर सप्लाई मिलती रहे। आने वाले समय में ये यूरिया कारख़ाना यह सुनिश्चित करेगा। इस फर्टिलाइज़र प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद बनेगी। जब उत्पादन यहीं होगा, तो सप्लाई तेज होगी। लॉजिस्टिक खर्च घटेगा।

साथियों,

नामरूप की ये यूनिट रोजगार-स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी बनाएगी। प्लांट के शुरू होते ही अनेकों लोगों को यहीं पर स्थायी नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा जो काम प्लांट के साथ जुड़ा होता है, मरम्मत हो, सप्लाई हो, कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ी मात्रा में काम होगा, यानी अनेक काम होते हैं, इन सबमें भी यहां के स्थानीय लोगों को और खासकर के मेरे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

लेकिन भाइयों बहनों,

आप सोचिए, किसानों के कल्याण के लिए काम बीजेपी सरकार आने के बाद ही क्यों हो रहा है? हमारा नामरूप तो दशकों से खाद उत्पादन का केंद्र था। एक समय था, जब यहां बनी खाद से नॉर्थ ईस्ट के खेतों को ताकत मिलती थी। किसानों की फसलों को सहारा मिलता था। जब देश के कई हिस्सों में खाद की आपूर्ति चुनौती बनी, तब भी नामरूप किसानों के लिए उम्मीद बना रहा। लेकिन, पुराने कारखानों की टेक्नालजी समय के साथ पुरानी होती गई, और काँग्रेस की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि, नामरूप प्लांट की कई यूनिट्स इसी वजह से बंद होती गईं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसान परेशान होते रहे, देश के किसानों को भी तकलीफ हुई, उनकी आमदनी पर चोट पड़ती रही, खेती में तकलीफ़ें बढ़ती गईं, लेकिन, काँग्रेस वालों ने इस समस्या का कोई हल ही नहीं निकाला, वो अपनी मस्ती में ही रहे। आज हमारी डबल इंजन सरकार, काँग्रेस द्वारा पैदा की गई उन समस्याओं का समाधान भी कर रही है।

साथियों,

असम की तरह ही, देश के दूसरे राज्यों में भी खाद की कितनी ही फ़ैक्टरियां बंद हो गईं थीं। आप याद करिए, तब किसानों के क्या हालात थे? यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। यूरिया की दुकानों पर पुलिस लगानी पड़ती थी। पुलिस किसानों पर लाठी बरसाती थी।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस ने जिन हालातों को बिगाड़ा था, हमारी सरकार उन्हें सुधारने के लिए एडी-चोटी की ताकत लगा रही है। और इन्होंने इतना बुरा किया,इतना बुरा किया कि, 11 साल से मेहनत करने के बाद भी, अभी मुझे और बहुत कुछ करना बाकी है। काँग्रेस के दौर में फर्टिलाइज़र्स फ़ैक्टरियां बंद होती थीं। जबकि हमारी सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम जैसे अनेक प्लांट्स शुरू किए हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज इसी का नतीजा है, हम यूरिया के क्षेत्र में आने वाले कुछ समय में आत्मनिर्भर हो सके, उस दिशा में मजबूती से कदम रख रहे हैं।

साथियों,

2014 में देश में सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही उत्पादन होता था। आपको आंकड़ा याद रहेगा? आंकड़ा याद रहेगा? मैं आपने मुझे काम दिया 10-11 साल पहले, तब उत्पादन होता था 225 लाख मीट्रिक टन। ये आंकड़ा याद रखिए। पिछले 10-11 साल की मेहनत में हमने उत्पादन बढ़ाकर के करीब 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। लेकिन हमें यहां रूकना नहीं है, क्योंकि अभी भी बहुत करने की जरूरत है। जो काम उनको उस समय करना था, नहीं किया, और इसलिए मुझे थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। और अभी हमें हर साल करीब 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। हम 306 पर पहुंचे हैं, 70-80 और करना है। लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, हम जिस प्रकार से मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार से योजना बना रहे हैं और जिस प्रकार से मेरे किसान भाई-बहन हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम हो सके उतना जल्दी इस गैप को भरने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

और भाइयों और बहनों,

मैं आपको एक और बात बताना चाहता हूं, आपके हितों को लेकर हमारी सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो यूरिया हमें महंगे दामों पर विदेशों से मंगाना पड़ता है, हम उसकी भी चोट अपने किसानों पर नहीं पड़ने देते। बीजेपी सरकार सब्सिडी देकर वो भार सरकार खुद उठाती है। भारत के किसानों को सिर्फ 300 रुपए में यूरिया की बोरी मिलती है, उस एक बोरी के बदले भारत सरकार को दूसरे देशों को, जहां से हम बोरी लाते हैं, करीब-करीब 3 हजार रुपए देने पड़ते हैं। अब आप सोचिए, हम लाते हैं 3000 में, और देते हैं 300 में। यह सारा बोझ देश के किसानों पर हम नहीं पड़ने देते। ये सारा बोझ सरकार खुद भरती है। ताकि मेरे देश के किसान भाई बहनों पर बोझ ना आए। लेकिन मैं किसान भाई बहनों को भी कहूंगा, कि आपको भी मेरी मदद करनी होगी और वह मेरी मदद है इतना ही नहीं, मेरे किसान भाई-बहन आपकी भी मदद है, और वो है यह धरती माता को बचाना। हम धरती माता को अगर नहीं बचाएंगे तो यूरिया की कितने ही थैले डाल दें, यह धरती मां हमें कुछ नहीं देगी और इसलिए जैसे शरीर में बीमारी हो जाए, तो दवाई भी हिसाब से लेनी पड़ती है, दो गोली की जरूरत है, चार गोली खा लें, तो शरीर को फायदा नहीं नुकसान हो जाता है। वैसा ही इस धरती मां को भी अगर हम जरूरत से ज्यादा पड़ोस वाला ज्यादा बोरी डालता है, इसलिए मैं भी बोरी डाल दूं। इस प्रकार से अगर करते रहेंगे तो यह धरती मां हमसे रूठ जाएगी। यूरिया खिला खिलाकर के हमें धरती माता को मारने का कोई हक नहीं है। यह हमारी मां है, हमें उस मां को भी बचाना है।

साथियों,

आज बीज से बाजार तक भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेत के काम के लिए सीधे खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि किसान को उधार के लिए भटकना न पड़े। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 4 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे गए हैं। आंकड़ा याद रहेगा? भूल जाएंगे? 4 लाख करोड़ रूपया मेरे देश के किसानों के खाते में सीधे जमा किए हैं। इसी साल, किसानों की मदद के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की दो योजनाएं नई योजनाएं शुरू की हैं 35 हजार करोड़। पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हम किसानों की हर जरूरत को ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं। खराब मौसम की वजह से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा योजना का सहारा मिल रहा है। फसल का सही दाम मिले, इसके लिए खरीद की व्यवस्था सुधारी गई है। हमारी सरकार का साफ मानना है कि देश तभी आगे बढ़ेगा, जब मेरा किसान मजबूत होगा। और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

साथियों,

केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से पशुपालकों और मछलीपालकों को भी जोड़ दिया था। किसान क्रेडिट कार्ड, KCC, ये KCC की सुविधा मिलने के बाद हमारे पशुपालक, हमारे मछली पालन करने वाले इन सबको खूब लाभ उठा रहा है। KCC से इस साल किसानों को, ये आंकड़ा भी याद रखो, KCC से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है। 10 लाख करोड़ रुपया। बायो-फर्टिलाइजर पर GST कम होने से भी किसानों को बहुत फायदा हुआ है। भाजपा सरकार भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए भी बहुत प्रोत्साहन दे रही है। और मैं तो चाहूंगा असम के अंदर कुछ तहसील ऐसे आने चाहिए आगे, जो शत प्रतिशत नेचुरल फार्मिंग करते हैं। आप देखिए हिंदुस्तान को असम दिशा दिखा सकता है। असम का किसान देश को दिशा दिखा सकता है। हमने National Mission On Natural Farming शुरू की, आज लाखों किसान इससे जुड़ चुके हैं। बीते कुछ सालों में देश में 10 हजार किसान उत्पाद संघ- FPO’s बने हैं। नॉर्थ ईस्ट को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने खाद्य तेलों- पाम ऑयल से जुड़ा मिशन भी शुरू किया। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ाएगा।

साथियों,

यहां इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हमारे टी-गार्डन वर्कर्स भी हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने असम के साढ़े सात लाख टी-गार्डन वर्कर्स के जनधन बैंक खाते खुलवाए। अब बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ने की वजह से इन वर्कर्स के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाने की सुविधा मिली है। हमारी सरकार टी-गार्डन वाले क्षेत्रों में स्कूल, रोड, बिजली, पानी, अस्पताल की सुविधाएं बढ़ा रही है।

साथियों,

हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा ये विजन, देश के गरीब वर्ग के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से, योजनाओं से, योजनाओं को धरती पर उतारने के कारण 25 करोड़ लोग, ये आंकड़ा भी याद रखना, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। ये इसलिए हुआ है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत के गरीब परिवारों के जीवन-स्तर में निरंतर सुधार हुआ है। कुछ ताजा आंकड़े आए हैं, जो भारत में हो रहे बदलावों के प्रतीक हैं।

साथियों,

और मैं मीडिया में ये सारी चीजें बहुत काम आती हैं, और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं मैं जो बातें बताता हूं जरा याद रख के औरों को बताना।

साथियों,

पहले गांवों के सबसे गरीब परिवारों में, 10 परिवारों में से 1 के पास बाइक तक होती नहीं थी। 10 में से 1 के पास भी नहीं होती थी। अभी जो सर्वे आए हैं, अब गांव में रहने वाले करीब–करीब आधे परिवारों के पास बाइक या कार होती है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन तो लगभग हर घर में पहुंच चुके हैं। फ्रिज जैसी चीज़ें, जो पहले “लग्ज़री” मानी जाती थीं, अब ये हमारे नियो मिडल क्लास के घरों में भी नजर आने लगी है। आज गांवों की रसोई में भी वो जगह बना चुका है। नए आंकड़े बता रहे हैं कि स्मार्टफोन के बावजूद, गांव में टीवी रखने का चलन भी बढ़ रहा है। ये बदलाव अपने आप नहीं हुआ। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि आज देश का गरीब सशक्त हो रहा है, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तक भी विकास का लाभ पहुंचने लगा है।

साथियों,

भाजपा की डबल इंजन सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं की सरकार है। इसीलिए, हमारी सरकार असम और नॉर्थ ईस्ट में दशकों की हिंसा खत्म करने में जुटी है। हमारी सरकार ने हमेशा असम की पहचान और असम की संस्कृति को सर्वोपरि रखा है। भाजपा सरकार असमिया गौरव के प्रतीकों को हर मंच पर हाइलाइट करती है। इसलिए, हम गर्व से महावीर लसित बोरफुकन की 125 फीट की प्रतिमा बनाते हैं, हम असम के गौरव भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का वर्ष मनाते हैं। हम असम की कला और शिल्प को, असम के गोमोशा को दुनिया में पहचान दिलाते हैं, अभी कुछ दिन पहले ही Russia के राष्ट्रपति श्रीमान पुतिन यहां आए थे, जब दिल्ली में आए, तो मैंने बड़े गर्व के साथ उनको असम की ब्लैक-टी गिफ्ट किया था। हम असम की मान-मर्यादा बढ़ाने वाले हर काम को प्राथमिकता देते हैं।

लेकिन भाइयों बहनों,

भाजपा जब ये काम करती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस को होती है। आपको याद होगा, जब हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न दिया था, तो काँग्रेस ने खुलकर उसका विरोध किया था। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि, मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मुझे बताइए, ये भूपेन दा का अपमान है कि नहीं है? कला संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? असम का अपमान है कि नहीं है? ये कांग्रेस दिन रात करती है, अपमान करना। हमने असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगवाई, तो भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया। आप मत भूलिए, यही काँग्रेस सरकार थी, जिसने इतने दशकों तक टी कम्यूनिटी के भाई-बहनों को जमीन के अधिकार नहीं मिलने दिये! बीजेपी की सरकार ने उन्हें जमीन के अधिकार भी दिये और गरिमापूर्ण जीवन भी दिया। और मैं तो चाय वाला हूं, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा? ये कांग्रेस अब भी देशविरोधी सोच को आगे बढ़ा रही है। ये लोग असम के जंगल जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं। जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है, आप बर्बाद हो जाए, उनको इनकी परवाह नहीं है, उनको अपनी वोट बैंक मजबूत करनी है।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस को असम और असम के लोगों से, आप लोगों की पहचान से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल सत्ता,सरकार और फिर जो काम पहले करते थे, वो करने में इंटरेस्ट है। इसीलिए, इन्हें अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा अच्छे लगते हैं। अवैध घुसपैठियों को काँग्रेस ने ही बसाया, और काँग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का विरोध कर रही है। तुष्टीकरण और वोटबैंक के इस काँग्रेसी जहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आज आपको एक गारंटी देता हूं, असम की पहचान, और असम के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा, बीजेपी फौलाद बनकर आपके साथ खड़ी है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में, आपके ये आशीर्वाद यही मेरी ताकत है। आपका ये प्यार यही मेरी पूंजी है। और इसीलिए पल-पल आपके लिए जीने का मुझे आनंद आता है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत की, हमारे नॉर्थ ईस्ट की भूमिका लगातार बढ़ रही है। मैंने पहले भी कहा है कि पूर्वी भारत, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। नामरूप की ये नई यूनिट इसी बदलाव की मिसाल है। यहां जो खाद बनेगी, वो सिर्फ असम के खेतों तक नहीं रुकेगी। ये बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी। ये कोई छोटी बात नहीं है। ये देश की खाद जरूरत में नॉर्थ ईस्ट की भागीदारी है। नामरूप जैसे प्रोजेक्ट, ये दिखाते हैं कि, आने वाले समय में नॉर्थ ईस्ट, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। सच्चे अर्थ में अष्टलक्ष्मी बन के रहेगा। मैं एक बार फिर आप सभी को नए फर्टिलाइजर प्लांट की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

और इस वर्ष तो वंदे मातरम के 150 साल हमारे गौरवपूर्ण पल, आइए हम सब बोलें-

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।