ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ‘ಬಿಎಸ್‌ಎಫ್ ರೈಸಿಂಗ್ ಡೇ’ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಗಡಿ ಭದ್ರತಾ ಪಡೆ ಸಿಬ್ಬಂದಿ ಮತ್ತು ಅವರ ಕುಟುಂಬಗಳಿಗೆ ಶುಭ ಕೋರಿದ್ದಾರೆ.

ಈ ಬಗ್ಗೆ ಟ್ವೀಟ್ ಮಾಡಿರುವ ಪ್ರಧಾನಿ, "ಬಿಎಸ್‌ಎಫ್‌ @BSF_India ಕುಟುಂಬಕ್ಕೆ ‘ರೈಸಿಂಗ್‌ ಡೇ’ ಶುಭಾಶಯಗಳು. ಬಿಎಸ್‌ಎಫ್ ತನ್ನ ಧೈರ್ಯ ಮತ್ತು ವೃತ್ತಿಪರತೆಗಾಗಿ ವ್ಯಾಪಕವಾಗಿ ಗೌರವಿಸಲ್ಪಟ್ಟಿದೆ. ಭಾರತಕ್ಕೆ ಭದ್ರತೆ ಒದಗಿಸುವಲ್ಲಿ ಈ ಪಡೆಯ ಕೊಡುಗೆ ಮಹತ್ವದ್ದು. ಜೊತೆಗೆ ಬಿಕ್ಕಟ್ಟು ಮತ್ತು ವಿಪತ್ತುಗಳ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ಮಾನವೀಯ ಪ್ರಯತ್ನಗಳಲ್ಲೂ ಬಿಎಸ್‌ಎಫ್‌ ಮುಂಚೂಣಿಯಲ್ಲಿದೆ.” ಎಂದಿದ್ದಾರೆ.

  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 05, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो
  • शिवकुमार गुप्ता January 26, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता January 26, 2022

    जय हिंद
  • शिवकुमार गुप्ता January 26, 2022

    जय श्री सीताराम
  • शिवकुमार गुप्ता January 26, 2022

    जय श्री राम
  • G.shankar Srivastav January 02, 2022

    जय हो
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January 03, 2025

प्रधानमंत्री: तो आपको मिल गया मकान?

लाभार्थी: हां जी सर मिल गया। हम आपके बहुत आभारी हैं, झोपड़ी से निकाल कर हमें आपने महल दिया है। इससे बड़ी, इसका तो सपना भी नहीं देखा, जो सपना देखा वो आपने हकीकत कर दिखाया...हां जी।

प्रधानमंत्री: चलिए मेरा घर तो नहीं है आप लोगों को घर मिल गया।

लाभार्थी: ऐसा नहीं है, हम आपका परिवार हैं।

प्रधानमंत्री: हां ये बात सही है।

लाभार्थी: आपने वो करके दिखाया।

प्रधानमंत्री: करके दिया ना?

लाभार्थी: हां जी सर, आपका ऊंचा झंडा रहे और फिर जीतते रहे।

प्रधानमंत्री: हमारा झंडा तो ऊपर आप लोगों को रखना है।

लाभार्थी: बस आप अपना हाथ हमारे सर पर जमाए रखना।

प्रधानमंत्री: हमारी माताओं-बहनों का हाथ मेरे सर पर होना चाहिए।

लाभार्थी: इतने सालों से प्रभु श्री राम जी का इंतजार कर रहे थे, वैसे सर आपका इंतजार करते-करते हम लोग इस बिल्डिंग में आ गए झुग्गी-झोपड़ी से उठके और इससे ज्यादा हमें और क्या खुशी हो सकती है। ये तो हमारा सौभाग्य है कि आप हमारे इतने नजदीक।

प्रधानमंत्री: औरों को विश्वास बनना चाहिए कि हम देश में, हम सब मिलकर के बहुत कुछ कर सकते हैं।

लाभार्थी: सही बात है।

प्रधानमंत्री: और अगर मन में ठान ली तो बन सकता है। देखिए इन दिनों कुछ लोगों को तो यही लगता है ना कि भई अब झुग्गी-झोपड़ी में पैदा हुए, क्या जिंदगी में करेंगे, तो आपने देखा हैं और इन बच्चों को तो मालूम होगा, खेल-कूद में जो दुनिया में आजकल हमारे बच्चे नाम रोशन कर रहे हैं वो ऐसे ही परिवारों से आए हैं, सब छोटे-छोटे गरीब परिवारों से आए हैं।

प्रधानमंत्री: तो नए मकान में क्या करोगी?

लाभार्थी: सर पढ़ाई करेंगे।

प्रधानमंत्री: पढ़ाई करेंगे।

लाभार्थी : हां।

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प्रधानमंत्री: तो पहले नहीं करते थे?

लाभार्थी: नहीं सर यहां पर आकर के और अच्छे से पढ़ाई करेंगे।

प्रधानमंत्री: सचमुच में? फिर मन में क्या है, क्या बना है?

लाभार्थी: मैडम।

प्रधानमंत्री: मैडम बनना है। मतलब टीचर बनना है

प्रधानमंत्री: आपको?

लाभार्थी: मैं फौजी बनूंगा

प्रधानमंत्री: फौजी।

लाभार्थी: हम भारत के वीर जवान ऊंची रहे हमारे शान हमको प्यारा हिंदुस्तान, गाए देश प्रेम के गान हमें तिरंगे पर अनुमान अमर जवान, इस पर तन-मन-धन कुर्बान।

प्रधानमंत्री: तो इसमें से तुम्हारी सहेलियां सब वहां है, कुछ छुट जाएगी कि नहीं सहेली मिलेगी, पुराने वाले?

लाभार्थी: वैसे भी ये हैं, ये हैं।

प्रधानमंत्री: अच्छा ये पुराने दोस्त हैं।

लाभार्थी: हां जी।

प्रधानमंत्री: ये भी यहां आने वाले हैं।

लाभार्थी : हां जी।

प्रधानमंत्री: ये मकान मिल गया तो अब कैसा लग रहा है?

लाभार्थी: बहुत अच्छा लग रहा है सर, झुग्गी-झोपड़ी से मकान मिल गया है अच्छा, बहुत बढ़िया।

प्रधानमंत्री: लेकिन अब तो उत्तर प्रदेश से मेहमान बहुत आएंगे? खर्चा बढ़ जाएगा?

लाभार्थी: कोई नहीं सर।

प्रधानमंत्री: यहां भी साफ सुथरा रहेगा?

लाभार्थी: हां बहुत अच्छी तरह से रहेगा।

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प्रधानमंत्री: खेलकूद का मैदान मिल जाएगा।

लाभार्थी: हां सर।

प्रधानमंत्री: फिर क्या करेंगे?

लाभार्थी : खेलेंगे।

प्रधानमंत्री: खेलेंगे? फिर पढ़ेगा कौन?

लाभार्थी : पढ़ाई भी करेंगे।

प्रधानमंत्री: आप में से उत्तर प्रदेश से कितने लोग हैं? बिहार से कितने हैं? कहां से है आप?

लाभार्थी: बिहार साइड।

प्रधानमंत्री: अच्छा ज्यादातर किस काम में लगे हुए लोग हैं, आप लोग जो हैं, जो झोपड़ों में रहते थे, किस प्रकार के काम करने वाले लोग हैं?

लाभार्थी: सर मजदूरी।

प्रधानमंत्री: मजदूरी, ऑटो रिक्शा।

लाभार्थी: सर रात को मंडी में कुछ लोग मजदूरी करते हैं।

प्रधानमंत्री: अच्छा, जो लोग मंडी में काम करते हैं। तो छठ पूजा के समय क्या करते हैं? ये यमुना तो बिल्कुल ऐसी करके रख दी है।

लाभार्थी : यहीं पर करते हैं।

प्रधानमंत्री: यहीं पर करना पड़ता है, अरे,रे,रे,रे। तो आपको यमुना जी की लाभ नहीं मिल रहा है।

लाभार्थी: नहीं।

प्रधानमंत्री: तो यहां क्या करोगे फिर त्यौहार मनाएंगे सब सामूहिक रूप से?

लाभार्थी: हां जी सर।

प्रधानमंत्री: मकर संक्रांति यहां पर करेंगे?

लाभार्थी: हां जी सर।

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प्रधानमंत्री: ऐसा क्या करोगे ताकि ये स्वाभिमान सचमुच में स्वाभिमान देखने के लिए लोगों का मन कर जाए आने के लिए?

लाभार्थी: हम हमेशा सबका स्वागत करेंगे, दिल खोल के, किसी चीज की कोई कमी नहीं होगी, ना किसी से हम नफरत करेंगे, सबसे प्यार-मोहब्बत से रहेंगे।

प्रधानमंत्री: कुछ ना कुछ त्यौहार मनाते रहना चाहिए साथ में। देखिए आप सबको बता देना कि मोदी जी आए थे और मोदी जी की गारंटी है कि जिनका अभी बाकी है उनका भी बनेगा, क्योंकि हमने तय किया है कि इस देश में गरीब से गरीब व्यक्ति को भी पक्की छत होनी चाहिए।