PM’s message on ‘International Day of Persons with Disabilities’

Published By : Admin | December 3, 2015 | 17:42 IST
QuotePM Narendra Modi shares his message on ‘International Day of Persons with Disabilities’
QuotePM Modi appreciates all award winners present at launch event of ‘International Day of Persons with Disabilities’
QuoteWith launch of 'Accessible India Campaign', our aim is to provide better infrastructure that they can access and is inclusive: PM Modi
QuoteInstead of using the term 'disabled', let us use 'Specially-abled': PM Modi
QuoteOur aim is to build an all-inclusive society: PM Modi
Quote'Sabka-Sath, Sabka Vikas' would be successful in real terms when development reaches every section of society: PM Modi

On 3rd December 2015 Prime Minister Shri Narendra Modi shared his message on  ‘International Day of Persons with Disabilities.’

Here is the message:

यहां एकत्रित मेरे सभी साथियो

विकलांगजन सशक्तिकरण की राह पर चलने वाले मेरे सहयोगियो।

मुझे खेद है कि मैं इस समय आप सबके साथ नहीं हूं। आप सभी जानते हैं कि तमिलनाडु एवं चेन्नई शहर में निरन्तर बरसात के कारण किस तरह की आपदा आई हुई है। इस समय यह बहुत ही जरूरी है कि मैं स्वयं चेन्नई जाकर इस स्थिति का जायजा लूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं मन से एवं ह्रदय से आपके साथ हूं।

मैं आज यहां सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। आप सब सही मायने में हमारे लिए प्रेरणा और उदाहरण हैं ।

विकलांगता मानव जीवन की एक अवस्था है। हममें से हर एक व्यक्ति जीवन के कुछ अंतराल में अस्थायी रूप से ही सही विकलांगता का अनुभव कर चुका है। विशेषकर, हमारे बयोवृद्ध जनों को किसी न किसी विकलांगता का सामना करने की संभावना बढ़ जाती है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए, मैं आज यहां सभी उपस्थित साथियों को बधाई दे रहा हूं कि आज हम ‘सुगम्य भारत अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं।

यह अभियान सच्चे अर्थें में विकलांगजनों के लिए फिजिकल अथवा वर्चुअल सभी तरह की अधोसंरचना को परिवर्तित कर उसे सुगम्य एवं समावेषी बनाने का लक्ष्य रखता है।

अधोसंरचना और सुगम्यता पर काम करने के साथ साथ, मै चाहूँगा कि यहाँ एकत्रित सभी आज इस बारे में भी सोचें, की क्या हम विकलांग शब्द के जगह दिव्यांग शब्द का प्रयोग कर सकते हैं? मेरे राय में शब्द अहम हैं, और इससे हम attitude में बदलाव ला सकते हैं ।

सार्वजनिक भवनों, परिवहन तथा सूचना प्रौद्योगिकी को इतने व्यापक पैमाने पर सुगम्य बनाने का लक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए मेरा आह्वान है कि सभी केन्द्रीय मंत्रालय विभाग तथा राज्य सरकारें सक्रिय रूप से आगे आकर इस अभियान को सफल बनाने में भूमिका निभाएं।

कॉरपोरेट वर्ल्ड के साथियों से मेरा आह्वान है कि उन्हें भी सक्रिय रूप से आगे आकर अपने भवनों, परिवहन प्रणाली तथा सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र को शीघ्र ही सुगम्य बनाना चाहिए। मैं यह भी चाहता हूँ कि SMART CITIES मिशन में सुगम्यता अभिन्न रूप से इंक्लूड की जानी चाहिए।

सुगम्य भारत अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा यह भी है कि इससे होने वाले परिवर्तन समाज के अन्य लोगों के लिए भी लाभदायक है। यदि भवन एवं आवागमन के माध्यम सुगम्य हो जाते हैं तो हमारे वृद्ध नागरिक, गर्भवती बहिनें तथा छोटे बच्चों के लिए भी यह सुविधाएं महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी। एक सुगम्य भवन निश्चित ही अधिक सुरक्षित और अधिक स्वच्छ भवन होगा।

हमारा सामूहिक भविष्य सभी के सशक्तिकरण पर निर्भर है। हमारा लक्ष्य ऐसे समाज का निर्माण करना है जो पूरी तरह समावेशी है। हमें "सम" भाव और "मम" भाव के मेल से समाज में समरसता बढ़ाना होगा। सबका साथ, सबका विकास की हमारी धारणा और परिकल्पना तब तक पूर्ण नहीं हो सकती जब तक हम समाज के प्रत्येक हिस्से के विकास के लिए प्रतिबद्ध न हो।

आखिर में मै Robert Hensel के शब्द दोहराना चाहता हूँ।

 "मैं विकलांग हूं, यह सही है। लेकिन इसका मतलब सिर्फ यह है कि मुझे आगे बढ़ने के लिऐ आपसे थोड़ा अलग रास्ता लेना पड़ेगा।"

आइये हम सब मिलकर ये आगे बढ़ने के रास्ते प्रशस्त बनाये ।

 

  • Raju Meena April 27, 2024

    राजस्थान उदयपुर जिले से नए गांव बोबडी माता मैं हर सुविधा से कोई लाभ मुझे नहीं मिला अभी तक मैं नागरिक भारत का निवासी में विकलांग हूं मुझे कोई भी सीधा अभी तक नहीं मिली मोदी जी को यह बात पीएम मोदी जी को यह बात पूछता कर रहा हूं मैं मैं अपना वीडियो भी शेयर करूंगा मैं कितना विकलांग हूं
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QuoteThe amazing talent of my young friends filled me with new energy: PM

Prime Minister: So, you are an artist as well?

Student: Sir, this is your poem.

Prime Minister: Ah, so you’ll recite my poem?

Student:

"अपने मन में एक लक्ष्य लिए, मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए

हम तोड़ रहे हैं जंजीरें, हम बदल रहे हैं तकदीरें

ये नवयुग है, ये नव भारत, हम खुद लिखेंगे अपनी तकदीर

हम बदल रहे हैं तस्वीर, खुद लिखेंगे अपनी तकदीर

हम निकल पड़े हैं प्रण करके, तन-मन अपना अर्पण करके

जिद है, जिद है एक सूर्य उगाना है, अम्बर से ऊँचा जाना है

एक भारत नया बनाना है, अम्बर से ऊँचा जाना है, एक भारत नया बनाना है।"

(With a goal in mind, with the destination in sight,
We are breaking chains, we are changing destinies.
This is a new era, this is a new India, we will write our own destiny.
We are changing the image, we will write our own destiny.
We have set out with a pledge, having dedicated our body and mind.
I am determined, I am determined to start a new beginning,
I must go higher than the sky.
We have to build a new India,
We must rise above the sky,
We have to build a new India).

Prime Minister: Wow.

Prime Minister: What is your name?

Student: (Not clear.)

|

Prime Minister: Great! So, did you get your house? Progress is being made with the new house—well done!

Student: (Not clear.)

Prime Minister: Wow, that’s great.

Prime Minister: UPI…

Student: Yes, Sir. Today, every home has UPI because of you.

Prime Minister: Do you make this yourself?

Student: Yes.

|

Prime Minister: What is your name?

Student: Aarna Chauhan.

Prime Minister: Yes.

Student: I also wish to recite a poem for you.

Prime Minister: I would love for you to recite a poem. Please go ahead.

Student: "नरेन्द्र मोदी एक नाम है, जो मीत का नई उड़ान है,

आप लगे हो देश को उड़ाने के लिए, हम भी आपके साथ हैं देश को बढ़ाने के लिए।"

(Narendra Modi is a name, a new horizon for my friend.
While you strive to elevate the country,
We stand with you to contribute to its growth).

Prime Minister: Well done.

|

Prime Minister: Have you all completed your training?

Metro Loco Pilot: Yes, Sir.

Prime Minister: Are you managing well?

Metro Loco Pilot: Yes, Sir.

Prime Minister: Are you satisfied with this work?

Metro Loco Pilot: Yes, Sir. Sir, we are India's first (unclear)... We are immensely proud of it. We feel very good, Sir.

Prime Minister: You all must need to focus a lot; there’s probably no time for casual chit-chatting?

Metro Loco Pilot: No, Sir, we don’t have time for anything like that... (unclear) nothing of that sort happens.

Prime Minister: Nothing happens?

Metro Loco Pilot: Yes, Sir.

|

Prime Minister: Alright, best wishes to all of you.

Metro Loco Pilot: Thank you, Sir.

Metro Loco Pilot: We are all very happy to have met you, Sir.