QuotePM pays tributes to Guru Basaveshwara, says he showed the path of social reform centuries ago
QuoteIndian society is unique because social reformers arose from it time and again, to reform society, and fight social evils: PM Modi
QuoteRishis, Saints, Seers, Mutts...they have done great service for society: PM Modi
QuoteSaints, seers...they overcame so much opposition and ensured evils were removed from society: PM
QuoteThe 21st century is the century of knowledge. The one with more knowledge and information will influence the world: PM
QuoteIt is the saints who have understood what the 21st century is about & that is why this knowledge centre is starting: PM
QuoteProud of our Jawans and security forces: PM Narendra Modi
QuoteEnemies of humanity who can't see India progress, attacked in Pathankot, but our security forces did not let them succeed: PM

मुझे पूछ रहे थे कि मैं हिन्‍दी में बोलू तो यहां translation करने की जरूरत है क्‍या? स्‍वामी जी स्‍वयं बताए कि कोई जरूरत नहीं, यहां सब हिन्‍दी समझते हैं। ये मेरा सौभाग्‍य है कि इस पवित्र उपक्रम में मुझे सरीक होने का अवसर मिला है। इतनी बड़ी संख्‍या में संतों की हाजिरी हो, इतने वरिष्‍ठ संत, इस उम्र में, इस समारोह में उपस्‍थित हो, ऐसा सौभाग्‍य कहां मिलता है।

कुछ दिन पहले मैं लंदन गया था। लोकतंत्र की बातें, मानवतावाद की बातें, women empowerment की चर्चाएं, दुनिया के देशों को लगता है ये सारे विचार वहीँ पर शुरू हुए, वही पर पैदा हुए और दुनिया को वही से मिले। जहां इस प्रकार की सोच है वहां पर मुझे उस महापुरुष के statue का अनावरण करने का सौभाग्‍य मिला। वे बसेश्‍वर जी, social reformers कैसे होते हैं, women empowerment क्‍या होता है, grass root level democracy की ताकत क्‍या होती है, सदियों पहले इसी धरती के महापुरुष बसेश्‍वर जी ने दुनिया को करके दिखाया। स्‍वीडन के पार्लियामेंट के स्‍पीकर उस अवसर पर मौजूद थे और जो मैंने समाज सुधार का महान काम करने वाले बसेश्‍वर जी की बातें सुनाई तो उनके लिए तो आश्‍चर्य था कि सदियों पहले भारत में महापुरुष का ऐसा चिंतन हुआ करता था और वो सिर्फ विचार नहीं व्‍यवहार भी था, आचरण भी था और करके दिखाया था। आज उसी परंपरा की एक कड़ी के साथ मुझे जुड़ने का सौभाग्‍य मिला है। मैं अपने आप को बहुत भाग्‍यशाली मानता हूं।

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सारे विश्‍व में, इस बात के विषय में बहुत कम जानकारी है और कभी-कभी तो विश्‍व छोड़ो हमारे देश में भी एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो अपने आप को बहुत बड़ा बुद्धिमान मानता है, बड़ा elite class मानता है। उन्‍हें अंदाजा नहीं है कि भारत में ऋषियों ने, मुनियों ने, संतों ने, मंतों ने समाज हित के लिए कितने बड़े-बड़े काम किए हैं। उनका उस तरफ ध्‍यान ही नहीं है और इसलिए जहां-तहां हमारी इस महान परंपरा की आलोचना करते रहना यही कुछ लोगों की आदत बन गई है। इस देश की विशेषता है कि हजारों साल पुराने इस समाज जीवन में समय-समय पर किसी न किसी बुराई ने प्रवेश कर दिया है। समाज में विकृति आई, गलत चीजें घुस गई, गलत पंरपराएं घुस गई, जिसने इस समाज की आत्‍मा को भी तहस-तहस कर दिया लेकिन उसके बाद यही समाज की ताकत देखिए कि इसी समाज में से संत पैदा हुए, समाज सुधारक पैदा हुए, ऋषि-मुनि पैदा हुए और उन्‍होंने समाज के विरोधों के बावजूद भी समाज सुधार का बीड़ा उठाया और समाज की बुराइयों से समाज को मुक्‍त कराने का अविरत प्रयास किया।

हजारों साल से ये देश, ये परंपराएं, ये संस्‍कृति इसलिए बची है कि हर युग में जब-जब संकट आया, जब-जब हमारे भीतर बुराइयां आई, हमारे भीतर से ही एक नई ऊर्जा पैदा हुई, नया नेतृत्‍व पैदा हुआ, नई ताकत पैदा हुई, नई परंपरा पैदा हुई और समाज सुधार का काम चलता रहा और इसलिए मैं आज जब His Holiness जगतगुरु श्री डॉ. शिवराथरी राजेन्‍द्र महास्‍वामी जी के शताब्‍दी समारोह में आया हूं, उस महाने परंपरा को नमन करने के लिए आया हूं, जिस महान परंपरा ने समाज के हितों की, समाज के कल्‍याण की, चिंता करने में कभी कोई कमी नहीं की।

हम आजादी के आंदोलन को देखे, इस तरफ हमारे लोगों का ध्‍यान बहुत कम जाता है। लेकिन अगर हम आजादी के आंदोलन को देखे तो 19वीं शताब्‍दी में और 18वीं शताब्‍दी, ये दो शताब्‍दी पर हम नजर गड़े तो हमारे ध्‍यान में आएगा कि 20वीं शताब्‍दी में जो आजादी के आंदोलन की तीव्रता पैदा हुई, उसके पीछे 19वीं शताब्‍दी और 18वीं शताब्‍दी में हमारे संतों महंतों ने, जिसको हम भक्‍ति युग कहते है, उस भक्‍ति युग में जो चेतनाएं जगाई गई, भारत की आत्‍मा को जगाने का प्रयास हुआ और हिन्‍दुस्‍तान के हर क्षेत्र, इलाके में, पूर्व हो, पश्‍चिम हो, उत्‍तर हो, दक्षिण हो, हर भाषा-भाषी ने, कोई तो एक संत पैदा हुआ जो संत, मठ-मंदिरों से बहार निकला, एक सामूहिक जागरण का अभियान चलाया। पूरे देश में फिर से एक बार समाज की आत्‍मा को जगाने का काम दो शताब्‍दी तक हमारे संतों ने, हमारे महापुरुषों ने किया और वो चेतना जगी। जिस चेतना में से 1857 के स्‍वतंत्रता संग्राम की ज्‍योति जगी। वही एक तरह से 1947 में, देश आजादी को प्राप्‍त कर सका। आजादी के आंदोलन की पीठिका ऐसे महापुरुषों ने रची। जिसको आगे महात्‍मा गांधी का नेतृत्‍व मिला और देश ने महात्‍मा गांधी को भी कभी राजनेता के रूप में नहीं देखा था। उसी संत परंपरा की एक कड़ी के रूप में देखा था, तभी तो उनको महात्‍मा कहा था। जो बात संतों-महंतों के लिए कही जाती थी, वो बात महात्‍मा गांधी के लिए कही जाती थी। उसी परंपरा का नेतृत्‍व मिला और तब जाकर के देश को आजादी प्राप्‍त हुई और इसलिए भारत ने समाज जीवन के हर कबीला-कबिलाई, कबीलों से मुक्‍ति दिलाने का काम हमारे संतों के द्वारा हुआ है।

उसी प्रकार से, आज हम इस पीठ को देखते हैं। मुझे तो यहां पहले भी आने का सौभाग्‍य मिला है। शिक्षा के क्षेत्र में कितना बड़ा काम किया है। करीब एक लाख विद्यार्थियों की जिन्‍दगी, यहां बदल रही है। एक प्रकार से सरकार का काम संत कर रहे हैं। सरकार का बोझ भी हल्‍का कर रहे हैं और समाज की शक्‍ति बढ़ा रहे हैं।

आज यहां इस शताब्‍दी समारोह में knowledge Resource Centre का आरंभ हो रहा है। ये बात सत्‍य है कि पिछली शताब्‍दियों में राष्‍ट्र की शक्‍ति को नापने का आधार या तो धन शक्‍ति हुआ करता था या तो सैन्‍य बल शक्‍ति द्वारा। इस देश के पास कितना military power है और कितना money power है उसके आधार पर विश्‍व में उस देश की ताकत को नापा जाता था। उसी के आधार पर वो देश कितना शक्‍तिशाली है और उसके आधार पर विश्‍व में उसकी स्‍वीकृति बनती थी। लेकिन वक्‍त बदल चुका है, आज धन बल हो या सैन्‍य बल हो, इतने से गाड़़ी चलती नहीं है। 21वीं सदी ज्ञान की सदी है, knowledge की century है। जिसके पास ज्‍यादा information होगी, ज्‍यादा knowledge होगा, समय के अलग सोचने वाले innovations होंगे, दुनिया पर उसी देश की चलने वाली है। और इसलिए 21वीं सदी की ताकत को संतों ने पहचाना है और उस ताकत को वैज्ञानिक तरीके से रंग देने के लिए आज knowledge Resource Centre का आरंभ हो रहा है।

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पिछली अनेक शताब्‍दियों में मानव जाति ने ज्ञान के आधार पर, विज्ञान के आधार पर, technology के आधार पर जो प्रगति की है, आज हर घंटे, हर दिन, हर महीने, हर साल विज्ञान के नए अविष्‍कार, ज्ञान का सर्वश्रेष्‍ठ प्रभाव, technology का प्रभुत्‍व, समाज जीवन को इतनी तेजी से बदल रहा है, जो पिछली शताब्‍दियों में कभी नहीं हुआ था। जिस गति से दुनिया बदल रही है, technology विज्ञान और ज्ञान के आधार पर उसको cope-up करने के लिए कभी-कभी मानव की कल्पना शक्‍ति भी कम पड़ जाती है। कही एक जगह पर लोग आगे बढ़े तो हम सोचते रह जाते हैं कि भई हम वहां कहां पहुंचेंगे। दुनिया इतनी तेजी से ज्ञान-विज्ञान और technology के सहारे बदल रही है। क्‍या भारत इंतजार करता रहेगा क्‍या? क्या भारत यही सोचता रहेगा क्या कि कोई महापुरुष, संत, महात्मा के आशीर्वाद मिल जाएंगे और देश महान हो जाएगा। संत भी ऐसा नहीं मानते हैं, संत भी मानते हैं कि knowledge Resource Centre बनाने चाहिए।

नए innovations होने चाहिए। पिछले दिनों आपको पता होगा पेरिस में दुनिया के सभी देशों के लोग इकट्ठे आए थे। एक बड़ा विश्व का कुंभ मेला लगा था और वे सब ब्रहमांड की चर्चा करने में लगे थे, Global warming के लिए, Global warming से कैसे मानव जात को बचाया जाए, विश्व को बचाया जाए, पृथ्वी को बचाया जाए, इसकी चिंता हो रही थी। लेकिन वहां पर दो बातें हुईं। एक भारत, अमेरिका, फ्रांस, इनके initiative थे, innovation पर बल देने के लिए योजना बने और इस संकट का सामना करना होगा, तो नए अनुसंधान करने पड़ेंगे, innovations करने पड़ेंगे और उसके लिए एक सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है और दूसरा वाला निर्णय हआ। जो देश जहां 300 दिवस से ज्यादा सूर्य प्रकाश उपलब्ध होता है, ऐसे देश इकट्ठे आएं। विश्व में करीब 122 countries ऐसे हैं कि जहां Solar Radiation काफी मात्रा में हैं और इससे भारत के प्रयासों से, भारत के नेतृत्व में दुनिया के 122 देश जहां 300 दिवस से ज्यादा सूर्य प्रकाश रहता है इकट्ठे आएं और सूर्य शक्ति का मानव जात में कैसे उपयोग हो, उस पर एक संगठन का निर्माण किया है।

इन चीजों का आने वाले युगों तक प्रभाव रहने वाला है। उसके मूल में ज्ञान है, विज्ञान है, technology है, innovation है और वही, वही बदलाव आया है और बदलाव को लाने की दिशा में एक उत्तम कदम है। और मैं मानता हूं कि शताब्दी समारोह तक पूज्य स्वामी जी को उत्तम से उत्तम श्रद्धांजलि, इस एक उत्तम कदम के द्वारा दी जा रही है और इसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं, अभिनंदन के पात्र हैं।

भारत सरकार की तरफ से इन उत्तम प्रयासों के लिए हमेशा-हमेशा के लिए कंधे से कन्धा मिलकर के देश, दिल्ली में बैठी हुई सरकार आपके साथ चलेगी और नए innovations समाज-जीवन के काम आएं, ज्ञान का भंडार, मानव जात के कल्याण का कारण बनें, उस दिशा में हम प्रयास करते रहें।

आज जब में इस पवित्र कार्यक्रम में आया हूं, मैं देश के जवानों का गर्व करना चाहता हूं, देश के सुरक्षा बलों का गर्व करना चाहता हूं, उनका अभिनंदन करना चाहता हूं। जब युद्ध होते हैं तो दुश्मन देश, अपने सामने वाले देश की सैन्य शक्ति पर घात करने के प्रयास करता है। आज मानवता के दुश्मनों ने जो भारतीय प्रगति को देखने की उनको परेशानी हो रही है, ऐसे तत्वों ने ऐसी ताकतों ने पठानकोट में हिंदुस्तान की सैन्य शक्ति का अंग Airbase देने का प्रयास किया है। मैं देश के सुरक्षा बलों को बधाई देता हूं कि दुश्मनों के उन इरादों को उन्होंने खाक में मिला दिया। उनको सफल नहीं होने दिया और जिन जवानों ने शहादत दी है, उनकी शहादत को मैं नमन करता हूं और देशवासियों को मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारे सुरक्षा बलों में वो सामर्थ्य है कि दुश्मनों की कोई भी नापाक इरादों को उठते ही वो खत्म करने की ताकत रखते हैं और देश को सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन जांबाज जवानों को बधाई देता हूं, उन सुरक्षा बलों को अभिनंदन करता हूं और ऐसे समय राष्ट्र का आत्मविश्वास, राष्ट्र का धैर्य और राष्ट्रीय एकता एक स्वर में राष्ट्र जब बोलता है तो दुश्मन के घर नष्ट हो जाते हैं। उस संकल्प लेकर के आगे बढ़ें। इसी एक अपेक्षा के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। पूज्य स्वामी जी के श्री चरणों में प्रणाम करता हूं और ये knowledge Resource Centre 21वीं सदी में हमें नई ताकत दें, इसी अपेक्षा के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।

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The world acknowledges today that India possesses two infinite powers - Demography & Democracy: PM Modi
July 12, 2025
QuoteToday, more than 51 thousand youths have been given appointment letters, Through such employment fairs, millions of young people have already secured permanent jobs in the Government , Now these young people are playing a significant role in nation-building: PM
QuoteThe world acknowledges today that India possesses two infinite powers, One is demography, the other is democracy, In other words, the largest youth population and the largest democracy: PM
QuoteThe ecosystem of startups, innovation, and research being built in the country today is enhancing the capabilities of the nation's youth: PM
QuoteThe Government's focus is also on creating new employment opportunities in the private sector with the recently approved new scheme,the Employment Linked Incentive Scheme: PM
QuoteToday, one of India's greatest strengths is our manufacturing sector, A large number of new jobs are being created in manufacturing: PM
QuoteTo boost the manufacturing sector, the Mission Manufacturing has been announced in this year's budget: PM
QuoteA report from the International Labour Organization - ILO states that over the past decade, more than 90 crore citizens of India have been brought under the ambit of welfare schemes: PM
QuoteToday, major global institutions like the World Bank are praising India, India is being ranked among the top countries with the highest equality in the world: PM

नमस्कार!

केंद्र सरकार में युवाओं को पक्की नौकरी देने का हमारा अभियान निरंतर जारी है। और हमारी पहचान भी है, बिना पर्ची, बिना खर्ची। आज 51 हज़ार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में परमानेंट जॉब मिल चुकी है। अब ये नौजवान, राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज भी आप में से कई ने भारतीय रेल में अपने दायित्वों की शुरुआत की है, कई साथी अब देश की सुरक्षा के भी प्रहरी बनेंगे, डाक विभाग में नियुक्त हुए साथी, गांव-गांव सरकार की सुविधाओं को पहुंचाएंगे, कुछ साथी Health for All मिशन के सिपाही होंगे, कई युवा फाइनेंशियल इंक्लूजन के इंजन को और तेज़ करेंगे और बहुत से साथी भारत के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देंगे। आपके विभाग अलग-अलग हैं, लेकिन ध्येय एक है और वो कौन सा ध्येय, हमें बार-बार याद रखना है, एक ही ध्येय है, विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो, इलाका कोई भी हो, एक ही ध्येय - राष्ट्र सेवा। सूत्र एक- नागरिक प्रथम, सिटिजन फर्स्ट। आपको देश के लोगों की सेवा का बहुत बड़ा मंच मिला है। मैं आप सभी युवाओं को जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इतनी बड़ी सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आपकी इस नई यात्रा के लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

साथियों,

आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियाँ हैं। एक डेमोग्राफी, दूसरी डेमोक्रेसी। यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र। युवाओं का यह सामर्थ्य हमारी, भारत के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी भी है और सबसे बड़ी गारंटी भी है। और हमारी सरकार, इसी पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में दिन रात जुटी है। आप सबको पता है, दिन पहले ही मैं पांच देशों की यात्रा करके लौटा हूँ। हर देश में भारत की युवाशक्ति की गूंज सुनाई दी। इस दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश, दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है। डिफेंस, फार्मा, डिजिटल टेक्नॉलॉजी, एनर्जी, रेयर अर्थ मिनरल्स, ऐसे कई सेक्टर्स, ऐसे सेक्टर्स में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा होगा, भारत के मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बहुत बल मिलेगा।

साथियों,

बदलते हुए समय के साथ 21वीं सदी में नेचर ऑफ जॉब भी बदल रहा है, नए-नए सेक्टर्स भी उभर रहे हैं। इसलिए बीते दशक में भारत का ज़ोर अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करने का है। अब इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं, आधुनिक जरूरतों को देखते हुए आधुनक नीतियां भी बनाई गईं हैं। स्टार्ट अप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम आज देश में बन रहा है, वो देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है, आज जब मैं नौजवानों को देखता हूं कि वे अपना स्टार्ट अप शुरू करना चाहते हैं, तो मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है, और अभी हमारे डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी ने स्टार्टअप के विषय में विस्तार से कुछ आंकड़े भी बताए आपके सामने। मुझे खुशी होती है कि मेरे देश का नौजवान बड़े विजन के साथ तेज गति से मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, वो कुछ नया करना चाहता है।

साथियों,

भारत सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। हाल ही में सरकार ने एक नई स्कीम को मंज़ूरी दी है, Employment Linked Incentive Scheme. इस योजना के तहत सरकार, प्राइवेट सेक्टर में पहली बार रोजगार पाने वाले युवा को 15 हज़ार रुपए देगी। यानी पहली नौकरी की पहली सैलरी में सरकार अपना योगदान देगी। इसके लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है। इस स्कीम से लगभग साढ़े 3 करोड़ नए रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियों,

आज भारत की एक बहुत बड़ी ताकत हमारा मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर है। मैन्युफेक्चरिंग में बहुत बड़ी संख्या में नई-नई जॉब्स बन रही हैं। मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को गति देने के लिए इस वर्ष के बजट में मिशन मैन्युफेक्चरिंग की घोषणा की गई है। बीते सालों में हमने मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती दी है। सिर्फ PLI स्कीम से, उससे ही 11 लाख से अधिक रोजगार देश में बने हैं। बीते सालों में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज करीब 11 लाख करोड़ रुपए की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग हो रही है, 11 लाख करोड़। इसमें भी बीते 11 साल में 5 गुणा से भी अधिक वृद्धि हुई है। पहले देश में मोबाइल फोन मैन्यूफेक्चरिंग की 2 या 4 यूनिट्स थीं, सिर्फ 2 या 4। अब मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी करीब –करीब 300 यूनिट्स भारत में हैं। और इसमें लाखों युवा काम कर रहे हैं। वैसा ही एक और क्षेत्र है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो उसकी बहुत चर्चा भी है, बड़े गौरव से चर्चा हो रही है और वो है-डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग। डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में भी भारत नए रिकॉर्ड्स बना रहा है। हमारा डिफेंस प्रोडक्शन, सवा लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच चुका है। भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि लोकोमोटिव सेक्टर में हासिल की है। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा लोकोमोटिव बनाने वाला देश बन गया है, दुनिया में सबसे ज्यादा। लोकोमोटिव हो, रेल कोच हो, मेट्रो कोच हो, आज भारत इनका बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट कर रहा है। हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर भी अभूतपूर्व ग्रोथ कर रहा है।

बीते 5 साल में ही इस सेक्टर में करीब 40 बिलियन डॉलर का FDI आया है। यानी नई कंपनियां आई हैं, नई फैक्ट्रियां लगी हैं, नए रोजगार बने हैं, और साथ-साथ गाड़ियों की डिमांड भी बहुत बढ़ी है, गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है भारत में। अलग-अलग सेक्टर्स में देश की ये प्रगति, ये मैन्यूफेक्चरिंग के रिकॉर्ड तभी बनते हैं, ऐसे नहीं बनते, ये सब तब संभव होता है, जब ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को नौकरियां मिल रही हैं। नौजवानों का पसीना लगता है उसमें, उनका दिमाग काम करता है, वो मेहनत करते हैं, देश के नौजवानों ने रोजगार तो पाया है, ये कमाल करके भी दिखाया है। अब सरकारी कर्मचारी के तौर पर आपको हर संभव प्रयास करना है कि देश में मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की ये गति निरंतर बढ़ती रहे। जहां भी आपको दायित्व मिले, आप एक प्रोत्साहन के रूप में काम करें, लोगों को encourage करें, रूकावटें दूर करें, जितना ज्यादा आप सरलता लाएंगे, उतनी सुविधा देश में अन्य लोगों को भी मिलेगी।

साथियों,

आज हमारा देश दुनिया की, और कोई भी हिन्दुस्तानी बड़े गर्व से कह सकता है, आज हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनॉमी बनने की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ये मेरे नौजवानों के पसीने का कमाल है। बीते 11 वर्षों में हर सेक्टर में देश ने प्रगति की है। हाल में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन- ILO की एक बहुत बढ़िया रिपोर्ट आई है- शानदार रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को वेलफेयर स्कीम्स के दायरे में लाया गया है। एक प्रकार से सोशल सिक्योरिटी का दायरा गिना जाता है। और इन स्कीम्स का फायदा सिर्फ वेलफेयर तक सीमित नहीं है। इससे बहुत बड़ी संख्या में नए रोजगार भी बने हैं। जैसे एक छोटा उदाहरण मैं देता हूं - पीएम आवास योजना है। अब ये पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ नए पक्के घर बन चुके हैं और 3 करोड़ नए घर अभी बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इतने घर बन रहे हैं, तो इसमें मिस्त्री, लेबर और रॉ मटीरियल से लेकर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में छोटी-छोटी दुकानदारों के काम, माल ढोने वाले ट्रक के ऑपरेटर्स, आप कल्पना कर सकते हैं कितने सारे जॉब्स क्रिएट हुई हैं। इसमें भी सबसे खुशी की बात है कि ज्यादातर रोजगार हमारे गांवों में मिले हैं, उसे गांव छोड़कर के जाना नहीं पड़ रहा है। इसी तरह 12 करोड़ नए टॉयलेट्स देश में बने हैं। इससे निर्माण के साथ-साथ प्लंबर्स हों, लकड़ी का काम करने वाले लोग हों, जो हमारे विश्वकर्मा समाज के लोग हैं उनके लिए तो इतने सारे काम निकले हैं। यही है जो रोजगार का विस्तार भी करते हैं, प्रभाव भी पैदा करते हैं। ऐसे ही आज 10 करोड़ से अधिक नए, मैं जो बात बता रहा हूं, नए लोगों की बताता हूं, नए एलपीजी कनेक्शन देश में उज्ज्वला स्कीम के तहत दिए गए हैं। अब इसके लिए बहुत बड़ी संख्या में बॉटलिंग प्लांट्स बने हैं। गैस सिलेंडर बनाने वालों को काम मिला है, उसमे भी रोजगार पैदा हुए हैं, गैस सिलेंडर की एजेंसी वालों को काम मिला है। गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने के लिए जो लोग चाहिए, उनको नए-नए रोजगार मिले हैं। आप एक एक काम लीजिए, कितने प्रकार के रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इन सारी जगहों पर लाखों लाखों लोगों को नए रोजगार मिले हैं।

साथियों,

मैं एक और योजना की भी चर्चा करना चाहता हूं। अब आपको पता है यह योजना तो यानी कहते हैं ना पांचों उंगली घी में, या तो कहते हैं कि दोनों हाथ हाथ में लड्डू ऐसी है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना। सरकार आपके घर की छत पर यानी रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एक परिवार को एवरेज करीब-करीब ₹75,000 से भी ज्यादा दे रही है। इससे वह अपने घर के छत के ऊपर सोलर प्लांट लगाता है। एक प्रकार से उसका घर की छत बिजली का कारखाना बन जाती है, बिजली पैदा करता है और वो बिजली खुद भी उपयोग करता है, ज्यादा बिजली है तो बेचता है। इससे बिजली का बिल तो जीरो हो रहा है, उसके पैसे तो बच ही रहे हैं। इन प्लांट्स को लगाने के लिए इंजीनियर्स की ज़रूरत पड़ती है, टेक्नशियन की ज़रूरत पड़ती है। सोलर पैनल बनाने के कारखाने लगते हैं, रॉ मटेरियल के लिए कारखाने लगते हैं, उसको ट्रांसपोर्टेशन के लिए लगते हैं। उसको रिपेयर करने के लिए भी पूरी एक नई इंडस्ट्री तैयार हो रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक-एक स्कीम लोगों का तो भला कर रही है, लेकिन लाखों लाखों नए रोजगार इसके कारण पैदा हो रहे हैं।

साथियों,

नमो ड्रोन दीदी अभियान ने भी बहनों बेटियों की कमाई बढ़ाई है और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए मौके भी बनाए हैं। इस स्कीम के तहत लाखों ग्रामीण बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। उपलब्ध जो रिपोर्ट्स हैं, यह बताती है कि हमारी यह ड्रोन दीदी हमारी गांव की माताएं बहनें, खेती के एक सीजन में ही, ड्रोन से खेती में जो मदद करती हैं, उसका जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम लेती हैं, एक-एक सीजन में लाखों रुपए कमाने लग गई हैं। इतना ही नहीं, इससे देश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े नए सेक्टर को बहुत बल मिल रहा है। खेती हो या डिफेंस, आज ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग देश के युवाओं के लिए नए अवसर बना रहा है।

साथियों,

देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का अभियान जारी है। इनमें से 1.5 करोड़ लखपति दीदी बन भी चुकी है। और आप तो जानते हैं लखपति दीदी बनने का मतलब है, 1 साल में कम से कम 1 लाख से अधिक उसकी आय होनी चाहिए और एक बार नहीं हर वर्ष होती रहनी चाहिए, वो है मेरी लखपति दीदी। 1.5 करोड़ लखपति दीदी, अब आप देखिए गांव में जाएंगे तो आपको कुछ बातें सुनने को मिलेगी, बैंक सखी, बीमा सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ऐसी अनेक स्कीम्स में भी हमारे गांव की माताओं बहनों को भी रोजगार मिला है। ऐसे ही पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली बार रेहड़ी ठेले फुटपाथ पर काम करने वाले साथियों को मदद दी गई। इसके तहत लाखों साथियों को काम मिला है और डिजिटल पेमेंट के कारण आजकल तो हमारे हर रेहडी पटरी वाला कैश नहीं लेता है, यूपीआई करता है। क्यों? क्योंकि बैंक से उसको तुरंत उसे आगे की रकम मिलती है। बैंक का विश्वास बढ़ जाता है। कोई कागज की उसको जरूरत नहीं पड़ती। यानी एक रेहड़ी पटरी वाला आज विश्वास के साथ गर्व के साथ आगे बढ़ रहा है।

पीएम विश्वकर्मा स्कीम देख लीजिए। इसके तहत हमारे यहां जो पुश्तैनी काम है, परंपरागत काम है, पारिवारिक काम है, उसको आधुनिक बनाना, उसमें नयापन लाना, नई टेक्नोलॉजी लाना, नए-नए उसमें साधन लाना, उसमें काम करने वाले कारीगरों, शिल्पियों और सेवा दाताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। लोन दिये जा रहे हैं, आधुनिक टूल दिए जा रहे हैं। मैं अनगिनत स्कीमें बता सकता हूं। ऐसी कई स्कीम है जिनसे गरीबों को लाभ भी हुआ है और नौजवानों को रोजगार भी मिला है। ऐसी अनेक योजनाओं का ही प्रभाव है कि सिर्फ 10 वर्षों में ही 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। अगर रोजगार ना मिलता, अगर परिवार में आय का साधन ना होता, तो मेरा गरीब भाई-बहन जो तीन-तीन चार-चार पीढ़ी से गरीबी में जिंदगी गुजार रहा था, जीवन के लिए एक-एक दिन काटने के लिए उसको मौत दिखाई देती, इतना डर लगता था। लेकिन आज वो इतना ताकतवर बना है, कि मेरे 25 करोड़ गरीब भाई-बहनों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया। विजयी होकर के निकले हैं। और ये सारे मेरे 25 करोड़ भाई-बहन, जिन्होंने गरीबी को पीछे छोड़ा है ना, उनकी हिम्मत को मैं दाद देता हूं। उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर के हिम्मत के साथ आगे बढ़े, रोते नहीं बैठे। गरीबी को उन्होंने उखाड़ के फेंक दिया, पराजित कर दिया। अब आप कल्पना कीजिए, अब इन 25 करोड़ का कितना नया आत्मविश्वास होगा। एक बार संकट से व्यक्ति निकल जाए ना फिर नई ताकत पैदा हो जाती है। मेरे देश में एक नई ताकत यह भी आई है, जो देश को आगे ले जाने में बहुत काम आने वाली है। और आप देखिए ये सिर्फ सरकार कह रही है ऐसा नहीं है। आज वर्ल्ड बैंक जैसी बड़ी वैश्विक संस्थाएं खुलकर के इस काम के लिए भारत की प्रशंसा कर रही हैं। दुनिया को भारत को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करती हैं। भारत को दुनिया के सबसे अधिक इक्वलिटी वाले शीर्ष के देशों में रखा जा रहा है। यानी असमानता तेजी से कम हो रही है। हम समानता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। ये भी विश्व अब नोटिस कर रहा है।

साथियों,

विकास का जो ये महायज्ञ चल रहा है, गरीब कल्याण और रोजगार निर्माण का जो मिशन चल रहा है, आज से इसको आगे बढ़ाने का दायित्व आपका भी है। सरकार रुकावट नहीं बननी चाहिए, सरकार विकास की प्रोत्साहक बननी चाहिए। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर है। हाथ पकड़ने का काम हमारा है। और आप तो नौजवान है दोस्तों। आप पर मेरा बहुत भरोसा है। आपसे मेरी अपेक्षा है कि आप जहां भी दायित्व मिले, आप इस देश के नागरिक मेरे लिए सबसे पहले, उसकी मदद उसकी मुसीबतों से मुक्ति, देखते ही देखते देश आगे बढ़ेगा। आपको भारत के अमृत काल का सहभागी बनना है। आने वाले 20-25 साल आपकी करियर के लिए तो महत्वपूर्ण है, लेकिन आप ऐसे कालखंड में हैं, जब देश के लिए 20-25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये विकसित भारत के निर्माण के लिए अहम 25 वर्ष हैं। इसलिए आपको अपने काम, अपने दायित्व, अपने लक्ष्यों को विकसित भारत के संकल्प के साथ आत्मसात करना है। नागरिक देवो भव यह मंत्र तो हमारी रगों में दौड़ना चाहिए, दिल दिमाग में रहना चाहिए, हमारे व्यवहार में नजर आना चाहिए।

और मुझे पक्का विश्वास है दोस्तों, यह युवा शक्ति है, पिछले 10 साल में देश को आगे बढ़ाने में मेरे साथ खड़ी है। मेरे एक-एक शब्द को देश की भलाई के लिए उन्होंने जो भी कर सकते हैं किया है। जहां है वहां से किया है। आपको मौका मिला है, आपसे अपेक्षाएं ज्यादा है। आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है, आप करके दिखाएंगे यह मेरा विश्वास है। मैं एक बार फिर आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके परिवारजनों को भी मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और आपका परिवार भी उज्ज्वल भविष्य का अधिकारी है। आप भी जीवन में बहुत प्रगति करें। iGOT प्लेटफ़ॉर्म पर जाकर के लगातार अपने आप को अपग्रेड करते ही रहें। एक बार जगह मिल गई चुप बैठिए मत, बहुत बड़े सपने देखिए, बहुत आगे जाने के लिए सोचिए। काम कर करके, नया-नया सीख करके, नया-नया परिणाम लाकर के, प्रगति भी कीजिए। आपकी प्रगति में देश का गौरव है, आपकी प्रगति में मेरा संतोष है। और इसलिए मैं आज जब आप एक नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं, आपसे बात करने के लिए आया हूं, शुभकामनाएं देने के लिए आया हूं और बहुत सारे सपनों को पूरा करने के लिए अब आप मेरे एक साथी बन रहे हैं। मेरे एक निकट साथी के रूप में मैं आपका स्वागत करता हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।