QuotePt Deendayal Upadhyaya, Gandhi ji and Dr. Lohia were great thinkers whose influence on country’s politics can be seen even today: PM
QuoteOur Govt is committed to the welfare of the poor and it draws inspirations from Mahatma Gandhi and Deendayal Upadhyaya: PM
QuoteThere is one nation in Asia whose aim is that this century does not become Asia's and is associated with terrorism: PM Modi
QuoteTerrorists that our neighbours exported killed our jawans. India will never forget this: PM Narendra Modi
QuoteBoth our countries got freedom in same year but India exports software & Pakistan exports terrorists: PM

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमितभाई शाह, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रद्धेय आडवाणी जी, डा. मुरली मनोहर जोशी जी, श्रीमान वेंकैया नायडू जी, श्री नितिन गड़करी जी, श्रीमान राजनाथ सिंह जी, मंच पर विराजमान केरल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केन्द्र और राज्य के सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए केरल के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों....

प्रिया सहोदरी सहोदरन मारे... एल्लावरक्कुम नमस्कारम,

“सामुथिरियुडे मन्निलविशालमायाई, सम्मेलानाथिर एथी चेरना एल्लावरक्कुम एंटे आशा मशकल, पाजा शिरेजा विंटेयुम, कुंजलिमरक्कंडेयम, नटिल निंगले नेरिलक्कानाम, ऐथी चेरन स्वाधि आदि आया संतोष मुंड”

गॉड्स ओन्ड कंट्री

केरल का स्मरण मात्र से... मन में एक गॉड्स ओन्ड कंट्री के रूप में एक श्रद्धा का... एक पवित्रता का एक भाव पैदा होता है।

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और ये श्रद्धा, ये पवित्रता का भाव सिर्फ भू-भाग के कारण नहीं है, यहां के लोगों ने, यहां के ऋषियों ने, मुनियों ने, साधु-संतों ने, यहां की भिन्न-भिन्न परम्पराओं ने जिन उच्च आदर्शों, मूल्यों, सादगी, परिश्रम, जन-जन के अंदर संस्कारित किया है उसी का परिणाम है कि आज पूरे देश में जहां कहीं भी केरल का व्यक्ति है हर कोई उसको आदर-भाव से देखता है।

पिछले दिनों मुझे खाड़ी के देशों में.. गल्फ कंट्रीज़ में जाने का मौका मिला। कोई देश का मुखिया किसी दूसरे देश में जाता है तो दो देशों के मुखियाओं के बीच बातें होना बड़ा स्वाभाविक होता है लेकिन मैंने आगृह किया था कि सरकारी तौर पर जो बातें होंगी सो होंगी लेकिन मैं इस इलाके में मेरे देश के जो लोग आकर के बसे हैं, पसीना बहाते हैं और जिसमें ज़्यादातर केरल के लोग हैं मैं उनको मिलना चाहूंगा... उनके दर्शन करना चाहूंगा।

और जिस किसी देश के मेज़बानों को मिलता था, उनके मुखियाओं को मिलता था, हर किसी के मूंह से हिन्दुस्तानियों की.. केरल के लोगों की.. उनके काम की.. उनके Discipline की.. उनके जीवन की.. भरपूर प्रशंसा सुनकर के गर्व महसूस करता हूं।

आज इस धरती पर मुझे दोबारा आने का अवसर मिला है। इसी मैदान में कुछ वर्ष पूर्व मुझे एक पॉलिटिकल रैली को सम्बोधित करने का सौभाग्य मिला था लेकिन उस दिन में और आज दिन के नज़रिए में... मैं इतना फर्क देख रहा हूं कि हैलीपैड से लेकर के यहां तक... पूरे रास्ते भर ह्युमैन चेन नहीं... मैने ह्यूमैन वॉल देखा... और उत्साह से भरा हुआ लोगों का जमघट देखा।

आज से पचास साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का अध्यक्ष के नाते दायित्व यहां तय हुआ था, उन्होंने कार्यभार संभाला था। पचास साल पहले के अखबार निकाल कर के देखिए। मैं नहीं जानता हूं अखबार के किसी कोने में भारतीय जनसंघ के उस कार्यक्रम की कोई खबर छपी होगी कि नहीं छपी होगी। भारतीय जनसंघ के किसी नेता की तस्वीर छपी होगी या नहीं छपी होगी। भारतीय जनसंघ क्या है... केरल में क्यों आए हैं... क्या कर रहे हैं.. मुझे नहीं लगता है कि पचास साल पहले कोई व्यापक चर्चा हुई होगी। उस समय के पॉलिटिकल पंडितों को... आज आश्चर्य होता होगा कि सवा सौ करोड़ का देश, इतना बड़ा लोकतंत्र... इतनी विवधताओं से भरा हुआ लोकतंत्र... इतनी भाषाएं, इतनी परम्पराएं, इतने सम्प्रदाय और पचास साल के भीतर-भीतर ये दल हिन्दुस्तान की नम्बर एक पार्टी बन गया। भारत में पूर्ण बहुमत के साथ देश की जनता ने उसको सेवा करने का मौका दे दिया।

आज हम उस पूर्व संध्या पर मिल रहे हैं जब कल से हिन्दुस्तान.. राजनीतिक चिन्तन के एक मनीषी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मनाने जा रहा है।

पिछली शताब्दी में भारत के राजनीतिक जीवन को तीन महापुरुषों के चिन्तन ने प्रभावित किया। जिस विचार-प्रभाव से चलने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता आज भी हिन्दुस्तान की राजनीति में अपना योगदान दे रहे हैं। सबसे ऊपर हैं महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया। गांधी, दीनदयाल, लोहिया... ये पिछली शताब्दी के तीन महान विचारक, जिनके चिन्तन का प्रभाव आज के हिन्दुस्तान की राजनीति पर कहीं न कहीं नज़र आता है।

जब एनडीए की.. लोकसभा के चुने हुए सदस्यों ने मुझे अपने नेता के रूप में चुना और संसद के सेन्ट्रल हॉल में नेता के रूप में मेरा पहला भाषण हुआ तब मैंने कहा था कि हमारी यह सरकार गरीबों को समर्पित है। ये विचार.. ये भाव महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चिन्तन में से प्राप्त हुए है.. प्रेरणा में से प्राप्त हुए हैं... अन्त्योदय की दीनदयाल जी की कल्पना में से हमने हमारी सरकार के कार्यकलाप को रेखान्कित करने का प्रयास किया है।

सत्ता की राजनीति के गलियारे में आने से पहले... अनेक वर्षों तक संगठन का कार्य करने का मुझे सौभाग्य मिला और मैं हमेशा कहता भी था, अनुभव करता था कि हमारी पार्टी के जितने महानुभाव हैं... उनकी चिन्तन धारा.. हमारी वैचारिक धरोहर तैयार करती है। लेकिन साथ-साथ केरल के भारतीय जनसंघ के और केरल के भारतीय जनता पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने दशकों में जो बलिदान दिए हैं। हज़ारों कार्यकर्ताओं ने जो यातनाएं झेली हैं... लाखों कार्यकर्ताओं ने...। सामने कुछ नज़र नहीं आता था... सत्ता दूर-दूर तक दिखती नहीं थी। आज भी केरल के कार्यकर्ताओं को सत्ता का सौभाग्य नहीं मिला है। उसके बावजूद भी वे डटे रहे.. वे जूझते रहे... विचार के लिए बलिदान होते रहे... ऐसे केरल के कार्यकर्ता सदा-सर्वदा हिन्दुस्तान के लाखों कार्यकर्ताओं की प्रेरणा रहे हैं।

और मैं केरल के कार्यकर्ताओं के विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जो तपस्या की है, आपने जो यातनाएं झेली हैं, आपने जो बलिदान दिया है ये बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा। कभी न कभी तो आपका बलिदान रंग लाएगा। केरल का भी भाग्य बदलेगा। भारतीय जनता पार्टी केरल के भाग्य को बदलने की निमित्त बनेगी। ये मैं साफ-साफ देख रहा हूं।

केरल में हिन्दुस्तान का नम्बर एक राज्य बनने की हर प्रकार की शक्ति पड़ी हुई है। हम उसको ताकत देना चाहते हैं और देश में केरल अग्रिम पंक्ति में आगे बढ़े...इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और भारत सरकार पूरी तरह से अपना योगदान देने के लिए सदा-सर्वदा तैयार रहेंगी।

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देश एक ही मंत्र को लेकर के आज बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ और इसीलिए विकास का मंत्र लेकर के, अनेक योजनाएं लेकर के... आज देश पूरी दुनिया में एक स्वर में यह कहा जा रहा है कि विश्व की तेज गति से बढ़ने वाली इकोनॉमी में, दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमी में हिन्दुस्तान आज सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी है।

मछुआरा हो या मज़दूर हो, किसान हो या कारोबारी हो, दिल्ली में बैठी हुई सरकार हर किसी को empower करने के लिए, हर किसी को नई ऊर्जा, नई शक्ति, नई सामर्थ्य, नया अवसर देने के लिए प्रयास कर रही है और सारी योजनाएं समाज के सशक्तिकरण पर केन्द्रित की गई हैं।

आज मानव जाति के सामने अनेक चुनौतियां हैं, हम कई वर्षों से सुन रहे हैं.. 21वीं सदी एशिया की सदी है और 21वीं सदी एशिया की सदी बने... इसके लिए हर प्रकार की संभावनाएं हैं। हर प्रकार की शक्तियां मौज़ूद हैं। और सारे अवसर साफ-साफ नज़र आ रहे हैं।

एशिया के सभी देश, 21वीं सदी एशिया की बने, हर देश अपना योगदान देने के लिए भर्षक प्रयास कर रहा है।

लेकिन एक देश एशिया में ऐसा है जो 21वीं सदी एशिया की न बने, पूरा एशिया रक्तरंजित हो। पूरा एशिया आतंकवाद की चपेट में आ जाए, खून खराबा हो, निर्दोष लोग मौत के घाट उतार दिए जाएं...उसके षड़यंत्र करने में पूरी तरह लगा हुआ है।

एशिया के अंदर जहां-जहां आतंकवाद की घटनाए घट रही है.. हर देश एक ही देश को गुनहगार मानता है। सवाल सिर्फ भारत का नहीं है। यही एक देश है जो चारों तरफ आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने में लगा हुआ है।

अफगानिस्तान हो, बांग्लादेश हो... अड़ोस-पड़ोस के और देश हों... सब दूर। और आपने देखा होगा दुनिया में जब भी आतंकवाद की घटनाओं की खबर आती है तो थोड़े दिन में यह भी खबर आती है कि आतंकवादी या तो इस देश से गया था या तो आतंकवादी घटना करने के बाद ओसामा बिन लादेन की तरह उस देश में आकर के बसा था। वही उसका आश्रय स्थान बना था।

भाईयों-बहनों, आतंकवाद कैसा होता है, ये केरल के लोग भलिभांति जानते हैं। हमारी केरल की बेटियों को आतंकवादी उठाकर के ले गए थे। नर्सिंग का काम करने के लिए...मानवता की सेवा करने के लिए... खाड़ी के देशों में हमारी केरल की बेटियां सेवा-भाव से काम कर रहीं थीं। आतंकवादी उठाकर ले गए। पूरा देश बेचैन हो गया था...हमारी बेटियों को हम बचा पाएंगे कि नहीं बचा पाएंगे। उनके जीवन का क्या होगा...वो ज़िंदा बचेगी कि नहीं बचेगी। उनके मां-बाप को हम क्या जवाब दे पाएंगे... चारों तरफ चिंता का माहौल था लेकिन पूरा केरल... उसने देखा कि दिल्ली में बैठी सरकार इतनी चौकन्नी थी, भर्षक प्रयास किया...डिप्लोमेटिक प्रयास किया और मेरी केरल की उन बेटियों को सही-सलामत उनके घर तक हमने पहुंचा दिया।

आतंकवाद...ये मानवता का दुशमन है। पूरे विश्व की मानव जात को.. मानवतावादियों ने एक होकर के आतंकवाद को परास्त करना ही होगा और आतंकवाद के सामने न हिन्दुस्तान झुका है.. न हिन्दुस्तान झुकेगा... आतंकवाद को परास्त करके रहेगा।

भाईयों-बहनों इन दिनों पूरे देश में एक आक्रोश का माहौल है। जम्मू-कश्मीर में- उरी में.. हमारे पड़ोसी देश से एक्सपोर्ट किए हुए टेरररिस्टों ने हमारे 18 जवानों को बलिदान होना पड़ा। आतंकवादी कान खोलके सुन ले... ये देश इस बात को कभी भूलने वाला नहीं है।

मेरे प्यारे भाईयों-बहनों पिछले कुछ महीनों में 17 बार.. ये पड़ोसी देश ने जो टेरररिस्ट एक्सपोर्ट किए थे, 17 बार अलग-अलग गुट... कभी चार की संख्या में.. कभी छः की संख्या में.. सीमा पार करके इन फिदायिन हमलावरों ने इसको तहस-नहस देश को करने का प्रयास किया। लेकिन हमारी सैना...जाबांज सेना ने पिछले कुछ ही महीनों में इन 17 प्रयासों को भी विफल किया... लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ही इन फिदायिन हमलावरों को मौत के घाट उतार दिया। पिछले कई वर्षों में इतने कम समय में सबसे ज़्यादा 110 से भी ज़्यादा आतंकवादियों को हमारी सेना के जवानों ने मौत के घाट उतार दिया।

इन संभावित 17 भयंकर घटनाओं से देश को बचाने का महान काम जाबांज सेना ने किया... सुरक्षाबलों ने किया.. सीना तान करके लड़ाईयां लड़ीं... और देश के सामान्य मानवीय को रक्षा देने के लिए वो लड़ते रहे.. वे सदा-सर्वदा जागते रहे और हमें... सवा सौ करोड़ देशवासियों को.. हमारी सेना पर नाज है। हमारी सेना पर हमें गर्व है... उनकी वीरता पे गर्व है... उनके पराक्रम पे गर्व है...उनके बलिदान की गाथाओं पर गर्व है।

आप कल्पना कर सकते हैं... पड़ोसी देश एक घटना में सफल हुआ और हमारे 18 वीरों को.. बलि होना पड़ा... अगर इन 17 घटनाओं में अगर वो सफल हुए होते तो देश को कितना तबाह कर देते...इसका आप अंदाज कर सकते हैं।

मेरे प्यारे देशवासियों हमारी सेना के जवान, हमारे सुरक्षा बलों के जवान...चाहे बीएसएफ हो या सीआरपीएफ हो.. चाहे जम्मू-कश्मीर की पुलिस हो...चाहे नॉर्थईस्ट की पुलिस हो.. जितने भी हमारे सुरक्षाबलों को जवान हैं वो इस लड़ाई को जीतते चले गए हैं। इसका कारण सिर्फ शस्त्र नहीं होते हैं। जवानों के लिए शस्त्र तो एक खिलौना होता है लेकिन जवानों की शक्ति, देश का मनोबल होता है। आज हिन्दुस्तान का मनोबल सबसे ऊंचा है.. सबसे बुलंद हौंसला है। और देश के लिए.. देश के जवानों के लिए देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों का मनोबल... यही हमारी ताकत है और यही हमारे सैन्य का सामर्थ्य है।

पड़ोस के देश के नेता और उनके हुक्मरान... कहा करते थे कि हज़ार साल लड़ेंगे... काल के भीतर कहां खो गए... कहीं नज़र नहीं आते हैं।

और आज के हुक्मरान आतंकवादियों के आकाओं के लिखे हुए भाषण पढ़कर के कश्मीर के गीत गा रहे हैं।

मैं आज यहां से सीधा-सीधा पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं। उन हुक्मरानों से... जो आतंकवादियों के आकाओं के लिखे हुए भाषण पढ़ते हैं। दुनिया को उनसे कोई अपेक्षा नहीं है। लेकिन मैं.. आज यहां से पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं।

मैं पाकिस्तान की आवाम को याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 के पहले आपके पूर्वज भी इसी संयुक्त हिन्दुस्तान की धरती को प्रणाम करते थे, इसी को अपनी मिट्टी मानते थे... और उस हिसाब से आपके उन पूर्वजों की याद दिलाते हुए मैं आज आपसे कुछ बातें कहना चाहता हूं।

पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों को ज़रा पूछें कि पीओके तो आपके पास है आप उसको भी संभाल नहीं पाते... कभी पश्चिम बंगाल में पूर्वी पाकिस्तान जो आज का बांग्लादेश है.... वो भी आपके पास था... उसको भी संभाल नहीं पाए। आप सिंध को संभाल नहीं पा रहे हो। आप गिलगिट को नहीं संभाल पा रहे हो। आप पाश्तुनिस्ट को नहीं संभाल पा रहे हो... बलोचिस्तान को संभाल नहीं पा रहे हो। ये तो आपके पास हैं... आपका शासन है...आप इसको भी नहीं संभाल पाए हो और आपको कश्मीर की बातें करके ये आपको गुमराह कर रहे हैं। आप पाकिस्तान की आवाम अपने नेताओं को ज़रा पूछें कि जो घर में हैं उनको तो ज़रा ढंग से संभाल कर के दिखाओ।

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पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों को ज़रा पूछे कि दोनों देश एक साथ आज़ाद हुए... क्या कारण है कि हिन्दुस्तान दुनिया में सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करता है और आपके हुक्मरान टेरररिस्टों को एक्सपोर्ट करते हैं... क्या कारण है...?

पाकिस्तान की आवाम से मैं कहना चाहता हूं... आपको गुमराह करने के लिए आपके हुक्मरान... हज़ार साल तक हिन्दुस्तान से लड़ने की बातें करते हैं। आज दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है। मैं आपकी इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं।

पाकिस्तान की आवाम मैं आपको कहना चाहता हूं... हिन्दुस्तान आपसे लड़ाई लड़ने को तैयार है... आओ...आओ हिम्मत हो...आओ हिम्मत हो.. तो लड़ाई उस बात की लड़ें... आइए हम गरीबी को खत्म करने का काम करें। आप अपने देश में गरीबी को खत्म करने का काम करें... हम दोनों लड़ाई लड़ें... देखते हैं सबसे पहले अपने देश की गरीबी कौन खत्म करता है...आओ...पाकिस्तान की आवाम इसको पसंद करेगी।

पाकिस्तान के नौजवान आओ लड़ाई लड़ें... पहले हिन्दुस्तान बेरोज़गारी खत्म करता है कि पहले पाकिस्तान बेरोज़गारी खत्म करता है। आओ...बेरोज़गारी को खत्म करने की लड़ाई लड़ें और देखें...कि पहले कौन जीतता है।

मैं पाकिस्तान के छोटे-छोटे उन बालकों से बात करना चाहता हूं आइए हम अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई लड़ें...पाकिस्तान भी अशिक्षा को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़े। हिन्दुस्तान भी अशिक्षा को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़े। और देखें कि पहले हिन्दुस्तान जीतता है कि पहले पाकिस्तान जीतता है।

हिन्दुस्तान में भी नवजात शिशु मरते हैं. प्रसूता माताएं मरती हैं... पाकिस्तान में भी नवजात शिशु मरते हैं और प्रसूता माताएं मरती हैं। आओ लड़ाई लड़ें...नवजात शिशुओं को बचाने की...प्रसूता माताओं को बचाने की... आप बचाकर के दिखाओ..हम बचाकर के दिखाएं... देखते हैं कौन जीतता है।

और पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें.. हमारे 18 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।

भारत सफल रहा है आपको पूरी दुनिया में अलग-थलग करने के लिए और हम इसको तेज करेंगे और पूरे विश्व में आपको अकेला रहने के लिए हम मज़बूर करके रहेंगे।

वो दिन दूर नहीं होगा जब पाकिस्तान की आवाम पाकिस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में आएगी।

मेरे प्यारे देशवासियों... हमारे देश का भविष्य शांति, एकता, सदभावना से जुड़ा हुआ है। देश का जवान तब जीतता है जब हम कंधे से कंधा मिलाकर के खड़े होते हैं। एक स्वर से बोलते हैं.. एक ही संकल्प को लेकर के चलते हैं। आज सवा सौ करोड़ देशवासी उस देशभक्ति के ज्वर से भरे हुए हैं...आज सवा सौ करोड़ देशवासी भारत की आन-बान-शान के लिए हर कीमत देने के लिए तैयार बैठे हुए हैं और इसीलिए भाईयों-बहनों... भारत के उज्जवल भविष्य को देख रहा हूं। भारत में सुख चैन की ज़िंदगी देख रहा हूं और इसके लिए मिलकर के सफल होंगे...यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

मेरे प्यारे देशवासियों पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष को हमने गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाना तय किया। हमारे सभी प्रयासों का केन्द्रबिन्दु.. हमारे देश का गरीब हो। हमारा गरीब empower हो... गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक बहुत बड़ी ताकत निर्माण हो...उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं और इस केरल की धरती.. केरल के लोग... गॉड्स ओन्ड कंट्री...हमें आर्शीर्वाद दे ताकि हम देश के कल्याण के मार्ग पर...गरीबों के कल्याण के मार्ग पर...जन कल्याण के मार्ग पर... लोक कल्याण के मार्ग पर... हम तेज गति से आगे बढ़ें।

21वीं सदी में हमारा संकल्प बने कि..

“हिन्दुस्तान एक ऐसा देश हो... जो गरीबी से मुक्त हो - समृद्धि से युक्त हो।”

“भारत एक ऐसा देश हो जो भेदभाव से मुक्त हो - समानता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो अन्याय से मुक्त हो - न्याय से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो गंदगी से मुक्त हो - स्वच्छता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो - पारदर्शिता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो बेरोज़गारी से मुक्त हो - रोज़गारी से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो महिला उत्पीड़न से मुक्त हो - नारी सम्मान से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो निराश से मुक्त हो - आशा से युक्त हो।”

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती में हम सभी इस संकल्प को लेकर के आगे बढ़ें...इसी एक अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत बहुत आभार और आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

मेरे साथ मुट्ठी बंद करकर के पूरी ताकत के साथ बोलिए..

भारत माता की... जय

भारत माता की... जय

भारत माता की... जय

बहुत-बहुत धन्यवाद

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

ಪ್ರಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ನಮಸ್ಕಾರ !...

ಕಳೆದ ಕೆಲ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ದೇಶದ ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಸಂಯಮ ಎರಡನ್ನೂ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ನೋಡಿದ್ದೇವೆ. ಮೊದಲನೆಯದಾಗಿ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ಪರವಾಗಿ ನಾನು ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಗುಪ್ತಚರ ಸಂಸ್ಥೆಗಳಿಗೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ವಿಜ್ಞಾನಿಗಳಿಗೆ ನಮಸ್ಕರಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರದ ಉದ್ದೇಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು ನಮ್ಮ ವೀರ ಸೈನಿಕರು ಅಪಾರ ಧೈರ್ಯವನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಿದರು.

ಇಂದು ನಾನು ಅವರ ಧೈರ್ಯಕ್ಕೆ, ಅವರ ಪರಾಕ್ರಮಕ್ಕೆ, ಅವರ ಶೌರ್ಯಕ್ಕೆ... ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ತಾಯಿಗೆ, ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಸಹೋದರಿಗೆ ನನ್ನನ್ನು ಅರ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತೇನೆ ಮತ್ತು ನಾನು ಈ ಶೌರ್ಯವನ್ನು ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಮಗಳಿಗೂ ಅರ್ಪಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಏಪ್ರಿಲ್ 22 ರಂದು ಪಹಲ್ಗಾಮ್‌ನಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ತೋರಿಸಿದ ಬರ್ಬರತೆ ದೇಶ ಮತ್ತು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೆಚ್ಚಿಬೀಳಿಸಿತ್ತು. ಮುಗ್ಧ ನಾಗರಿಕರು ರಜಾದಿನಗಳನ್ನು ಆಚರಿಸುತ್ತಾ ಅವರ ಕುಟುಂಬಗಳ ಮುಂದಿದ್ದರು. ಆದರೆ, ಮಕ್ಕಳ ಮುಂದೆ ಕ್ರೂರವಾಗಿ ಕೊಲ್ಲುವುದರೊಂದಿಗೆ ಧರ್ಮದ ಬಗ್ಗೆ ಕೇಳುವುದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಅತ್ಯಂತ ಭೀಕರ ಮುಖವಾಗಿತ್ತು. ಅದು ಕ್ರೌರ್ಯ. ಇದು ದೇಶದ ಸಾಮರಸ್ಯವನ್ನು ಮುರಿಯುವ ಪ್ರಯತ್ನವೂ ಆಗಿತ್ತು.

ನನಗೆ ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ, ಈ ನೋವು ಅಪಾರವಾಗಿತ್ತು. ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯ ನಂತರ, ಇಡೀ ರಾಷ್ಟ್ರ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ನಾಗರಿಕ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಸಮಾಜ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ವರ್ಗ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ರಾಜಕೀಯ ಪಕ್ಷ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಕಠಿಣ ಕ್ರಮಕ್ಕಾಗಿ ಒಂದೇ ಧ್ವನಿಯಲ್ಲಿ ನಿಂತವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಲು ನಾವು ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಗೆ ಸಂಪೂರ್ಣ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ನೀಡಿದ್ದೇವೆ.

ಇಂದು ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಯೋತ್ಪಾದಕನಿಗೂ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗೂ ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರು ಮತ್ತು ಹೆಣ್ಣುಮಕ್ಕಳ ಹಣೆಯಿಂದ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ತೆಗೆದುಹಾಕುವುದರಿಂದ ಉಂಟಾಗುವ ಪರಿಣಾಮವೇನೆಂದು ತಿಳಿದಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರ... ಇದು ಕೇವಲ ಹೆಸರಲ್ಲ, ಇದು ದೇಶದ ಕೋಟ್ಯಂತರ ಜನರ ಭಾವನೆಗಳ ಪ್ರತಿಬಿಂಬವಾಗಿದೆ.

'ಸಿಂಧೂರ' ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆ... ನ್ಯಾಯದ ಅವಿಚ್ಛಿನ್ನ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯಾಗಿದೆ. ಮೇ 6ರ ತಡರಾತ್ರಿ ಮತ್ತು ಮೇ 7ರ ಬೆಳಿಗ್ಗೆ ಈ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯು ಫಲಿತಾಂಶವಾಗಿ ಬದಲಾಗುವುದನ್ನು ಇಡೀ ಜಗತ್ತು ನೋಡಿದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಮತ್ತು ಅವರ ತರಬೇತಿ ಕೇಂದ್ರಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತೀಯ ಪಡೆಗಳು ನಿಖರವಾದ ದಾಳಿ ನಡೆಸಿವೆ.

ಭಾರತ ಇಷ್ಟೊಂದು ದೊಡ್ಡ ನಿರ್ಧಾರ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಬಹುದೆಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕನಸಿನಲ್ಲಿಯೂ ಊಹಿಸಿರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ, ದೇಶವು ಒಗ್ಗಟ್ಟಾದಾಗ ದೇಶ ಮೊದಲು ಎಂಬ ಮನೋಭಾವದಿಂದ ತುಂಬಿದಾಗ ರಾಷ್ಟ್ರವು ಸರ್ವೋಚ್ಚವಾಗಿರುತ್ತದೆ, ನಂತರ ಬಲವಾದ ನಿರ್ಧಾರಗಳನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಲಾಗುತ್ತದೆ, ಫಲಿತಾಂಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಭಾರತದ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಮತ್ತು ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿನ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳ ಮೇಲೆ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದಾಗ, ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗಳ ಕಟ್ಟಡಗಳು ನಾಶವಾದವು. ಅಷ್ಟೇ ಅಲ್ಲದೆ, ಅವುಗಳ ನೈತಿಕ ಸ್ಥೈರ್ಯವೂ ಕಂಪನವಾಯಿತು.

ಬಹಾವಲ್ಪುರ್ ಮತ್ತು ಮುರಿಡ್ಕೆಯಂತಹ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಒಂದು ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಜಾಗತಿಕ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯಗಳಾಗಿವೆ. ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲೆಡೆ ನಡೆದ ಯಾವುದೇ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿ... ಅದು ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 11 ಆಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಲಂಡನ್ ಟ್ಯೂಬ್ ಬಾಂಬ್ ದಾಳಿಯಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ದಶಕಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ನಡೆದಿರುವ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಗಳಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಎಲ್ಲೋ, ಮತ್ತೊಂದರಲ್ಲೋ , ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳೊಂದಿಗೆ ಸಂಬಂಧ ಹೊಂದಿವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದರು. ಅದಕ್ಕಾಗಿಯೇ ಭಾರತವು ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಪ್ರಧಾನ ಕಚೇರಿಗಳನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿತು.

ಭಾರತ ನಡೆಸಿದ ಈ ದಾಳಿಗಳಲ್ಲಿ 100 ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಭೀಕರ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಹತ್ಯೆ ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಕಳೆದ ಎರಡೂವರೆ ಮೂರು ದಶಕಗಳಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿ ಮುಕ್ತವಾಗಿ ಸುತ್ತಾಡುತ್ತಿದ್ದ ಮತ್ತು ಭಾರತದ ವಿರುದ್ಧ ಪಿತೂರಿ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದ ಅನೇಕ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನಾಯಕರನ್ನು ಭಾರತ ಒಂದೇ ಏಟಿನಲ್ಲಿ ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಿತು.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಭಾರತದ ಈ ಕ್ರಮದಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತೀವ್ರ ನಿರಾಶೆಗೊಂಡಿದೆ.

ಅವರು ಹತಾಶೆಯಿಂದ ಸುತ್ತುವರೆದಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಕೋಪಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಈ ಹತಾಶೆಯಲ್ಲಿ ಅವರು ಮತ್ತೊಂದು ಧೈರ್ಯಶಾಲಿ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ಕ್ರಮವನ್ನು ಬೆಂಬಲಿಸುವ ಬದಲು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಭಾರತದ ಮೇಲೆಯೇ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಶಾಲೆಗಳು ಮತ್ತು ಕಾಲೇಜುಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಗುರುದ್ವಾರಗಳು, ದೇವಾಲಯಗಳು, ಸಾಮಾನ್ಯ ನಾಗರಿಕರ ಮನೆಗಳು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಆದರೆ ಇದರಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಮನಸ್ಥಿತಿ ಬಹಿರಂಗವಾಯಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಭಾರತದ ಮುಂದೆ ಹೇಗೆ ಒಣಹುಲ್ಲಿನಂತೆ ಬಿದ್ದವು ಎಂಬುದನ್ನು ಜಗತ್ತು ನೋಡಿತು.

ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ವಾಯು ರಕ್ಷಣಾ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯು ಅವುಗಳನ್ನು ಆಕಾಶದಲ್ಲಿಯೇ ನಾಶಪಡಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಗಡಿಯಲ್ಲಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಸಿದ್ಧತೆ ನಡೆಸುತ್ತಿತ್ತು. ಆದರೆ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಎದೆಗೆ ಹೊಡೆದಿದೆ. ಭಾರತೀಯ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು... ಭಾರತೀಯ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ನಿಖರವಾಗಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದವು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ವಾಯುಪಡೆಯ ಆ ವಾಯುನೆಲೆಗಳು ಹಾನಿಗೊಳಗಾದವು.

ಅದರ ಬಗ್ಗೆ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತುಂಬಾ ಹೆಮ್ಮೆಪಡುತ್ತಿತ್ತು. ಮೊದಲ ಮೂರು ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ಊಹಿಸಿಯೂ ಇಲ್ಲದಷ್ಟು ನಾಶಮಾಡಿತು.

ಭಾರತದ ಆಕ್ರಮಣಕಾರಿ ಕ್ರಮದ ನಂತರ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತಪ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ದಾರಿಗಳನ್ನು ಹುಡುಕಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಉದ್ವಿಗ್ನತೆಯನ್ನು ಕಡಿಮೆ ಮಾಡಲು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೇಡಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಿತ್ತು ಮತ್ತು ಈ ಬಲವಂತದ ಮೇರೆಗೆ, ತೀವ್ರವಾಗಿ ಥಳಿಸಿದ ನಂತರ, ಮೇ 10 ರ ಮಧ್ಯಾಹ್ನ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಸೇನೆಯು ನಮ್ಮ ಡಿಜಿಎಂಒಗಳು ಅವರನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸಿತು.

ಆ ಹೊತ್ತಿಗೆ ನಾವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯವನ್ನು ದೊಡ್ಡ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದೆವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕೊಲ್ಲಲ್ಪಟ್ಟರು. ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ನಾಶಮಾಡಿದ್ದೆವು. ಹಾಗಾಗಿ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಮನವಿ ಬಂದಾಗ, ಇದನ್ನು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಹೇಳಿದಾಗ, ಅವರ ಕಡೆಯಿಂದ ಇನ್ನು ಮುಂದೆ ಯಾವುದೇ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಚಟುವಟಿಕೆ ಮತ್ತು ಮಿಲಿಟರಿ ಸಾಹಸ ಇರುವುದಿಲ್ಲ ಎಂದು ಹೇಳಿದ್ದರಿಂದ ಭಾರತವೂ ಅದನ್ನು ಪರಿಗಣಿಸಿತು.

ಮತ್ತು ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಪುನರಾವರ್ತಿಸುತ್ತೇನೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಮತ್ತು ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳ ವಿರುದ್ಧದ ನಮ್ಮ ಪ್ರತೀಕಾರದ ಕ್ರಮವನ್ನು ನಾವು ಮುಂದೂಡಿದ್ದೇವೆ.

ಮುಂದಿನ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಈ ಮಾನದಂಡದ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಹೆಜ್ಜೆಯನ್ನೂ ಅಳೆಯುತ್ತೇವೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಭಾರತದ ಮೂರೂ ಸೇನೆಗಳು, ನಮ್ಮ ವಾಯುಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನೌಕಾಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಗಡಿ ಭದ್ರತಾ ಪಡೆ-ಬಿಎಸ್‌ ಎಫ್‌, ಭಾರತದ ಅರೆ ಸೇನಾ ಪಡೆ ಸತತವಾಗಿ ನಿಗಾ ವಹಿಸಿವೆ. ಸರ್ಜಿಕಲ್‌ ಸ್ಟ್ರೈಕ್‌ ಮತ್ತು ವಾಯು ದಾಳಿಯ ಬಳಿಕ ಈಗ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ನೀತಿಯಾಗಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧದ ಹೋರಾಟದಲ್ಲಿ ಹೊಸ ಆರಂಭವನ್ನು ಮಾಡಿದೆ. ಹೊಸ ಮಾನದಂಡವನ್ನು ಹೊಸ ಅಧ್ಯಾಯವನ್ನು ಸ್ಥಾಪಿಸಿದೆ. ಮೊದಲನೆಯದು , ಭಾರತದ ಮೇಲೆ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯಾದರೆ ದಿಟ್ಟ ಉತ್ತರವನ್ನು ನೀಡಲಾಗುವುದು. ನಾವು ನಮ್ಮ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಷರತ್ತುಗಳ ಮೇಲೆ ಉತ್ತರಗಳನ್ನು ನೀಡುತ್ತೇವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲವನ್ನು ಬುಡ ಸಮೇತವಾಗಿ ನಿಗ್ರಹಗೊಳಿಸಲು ಕಠಿಣ ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆಯನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳುತ್ತೇವೆ. ಎರಡನೇಯದು ಯಾವುದೇ ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯನ್ನು ಭಾರತ ಸಹಿಸುವುದಿಲ್ಲ. ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ಬೆಳೆಯುತ್ತಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ತಾಣಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತವು, ನಿಖರವಾದ ಮತ್ತು ನಿರ್ಣಾಯಕವಾದ ದಾಳಿಗಳನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳಲಿದೆ. ಮೂರನೇಯದು , ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಹಾಗೂ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಸಹಕರಿಸುವ ಎಲ್ಲ ಶಕ್ತಿಗಳನ್ನು ಸಹ ಒಂದೇ ದೃಷ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ನೋಡಲಾಗುವುದು. ಅವರು ಸಹ ದೇಶದ ಆತಂಕವಾದಿಗಳಾಗಿದ್ದಾರೆ .

ಇಡೀ ವಿಶ್ವ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಹೇಯ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ನೋಡಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌ ದಾಳಿಯಲ್ಲಿ ಸಾವಿಗೀಡಾದ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರಿಗೆ ವಿದಾಯ ನೀಡುವಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಸೇನೆಯ ಉನ್ನತ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ನಿರತರಾಗಿದ್ದರು. ಪಾಕ್‌ ನ ಪ್ರಾಯೋಜಿತ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಇದೊಂದು ಬಹುದೊಡ್ಡ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಭಾರತ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನಾಗರಿಕರನ್ನು ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ಅಪಾಯದಿಂದ ರಕ್ಷಿಸುವುದಕ್ಕೋಸ್ಕರ ನಿರಂತರವಾಗಿ ನಿರ್ಣಾಯಕ ಹೆಜ್ಜೆಗಳನ್ನು ಇಡುತ್ತೇವೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೆ,

ಯುದ್ಧದ ಮೈದಾನದಲ್ಲಿ ನಾವು ಪ್ರತಿ ಬಾರಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ದೂಳೀಪಟ ಮಾಡಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಈ ಬಾರಿ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌, ಹೊಸ ಆಯಾಮಕ್ಕೆ ಸೇರ್ಪಡೆಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಮರುಭೂಮಿ ಮತ್ತು ಗುಡ್ಡಗಾಡು ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸಾಮರ್ಥ್ಯದ ಅತ್ಯುತ್ತಮ ಪ್ರದರ್ಶನಕ್ಕೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಜತೆಗೇ, ಹೊಸ ತಲೆಮಾರಿನ ಯುದ್ಧಕ್ರಮದಲ್ಲೂ ನಮ್ಮ ಶ್ರೇಷ್ಠತೆಯನ್ನು ಸಾಬೀತುಪಡಿಸಿದ್ದೇವೆ.

ಈ ಆಪರೇಷನ್‌ ಮೂಲಕ, ನಮ್ಮ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ಶಸ್ತ್ರಾಸ್ತ್ರಗಳ ದಕ್ಷತೆಯೂ ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ.

21ನೇ ಶತಮಾನದ ಯುದ್ಧದಲ್ಲಿ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ರಕ್ಷಣಾ ಸಲಕರಣೆಗಳ ಸಮಯ ಈಗ ಬಂದಿದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ಇಂದು ವಿಶ್ವ ನೋಡುತ್ತಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಎಲ್ಲ ರೀತಿಯ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಒಗ್ಗೂಡಿರುವುದು ನಮ್ಮ ಅತ್ಯಂತ ದೊಡ್ಡ ಶಕ್ತಿಯಾಗಿದೆ.

ನಿಶ್ಚಿತವಾಗಿ ಈ ಸಮಯ ಯುದ್ಧದ ಕಾಲವಲ್ಲ,

ಆದರೆ ಈ ಕಾಲ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಸಮಯವೂ ಅಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಶೂನ್ಯ ಸಹಿಷ್ಣುತೆ ಹೊಂದಿರುವುದು ಉತ್ತಮ ಜಗತ್ತನ್ನು ಸುನಿಶ್ಚಿತಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಯೋಧರು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಸರ್ಕಾರ ಯಾವ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಪುಷ್ಟಿ ನೀಡುತ್ತಿವೆ ಎಂದರೆ, ಒಂದು ದಿನ ಅದು ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನೇ ಅಂತ್ಯಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಕ್ಕೆ ಇದರಿಂದ ರಕ್ಷಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂದಾದರೆ ಅದು ತನ್ನ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯ ಒದಗಿಸುವ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆಗೊಳಿಸಬೇಕು. ಇದನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಶಾಂತಿಯ ಬೇರೆ ಯಾವುದೇ ಮಾರ್ಗವಿಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ಮಾತುಕತೆ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಎನ್ನುವುದು ಭಾರತದ ಅತ್ಯಂತ ಸ್ಪಷ್ಟ ನಿಲುವಾಗಿದೆ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ವ್ಯಾಪಾರ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಮತ್ತು,

ನೀರು ಮತ್ತು ರಕ್ತ ಒಟ್ಟಿಗೇ ಹರಿಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ.

ನಮ್ಮ ಪ್ರಕಟಿತ ನೀತಿಯೆಂದರೆ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆ ನಡೆಯುತ್ತದೆ ಎಂದಾದರೆ, ಅದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಆಗಿರುತ್ತದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆಯಾಗುವುದಾದರೆ ಪಾಕ್‌ ಆಕ್ರಮಿತ ಕಾಶ್ಮೀರ-ಪಿಓಕೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಇರುತ್ತದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ನಾನು ಇಂದು ಜಾಗತಿಕ ಸಮುದಾಯಕ್ಕೂ ತಿಳಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಪ್ರೀತಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಇಂದು ಬುದ್ಧ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯಾಗಿದೆ. ಭಗವಾನ್‌ ಬುದ್ಧ ನಮಗೆ ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ತೋರಿಸಿಕೊಟ್ಟಿದ್ದಾನೆ. ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗ ಸಹ ಶಕ್ತಿಯಿಂದ ಕೂಡಿದ್ದು ಸಾಗುತ್ತದೆ. ಮಾನವೀಯತೆ, ಶಾಂತಿ ಮತ್ತು ಸಮೃದ್ಧಿಯೆಡೆಗೆ ಮುನ್ನಡೆಯುತ್ತದೆ.

ಪ್ರತಿ ಭಾರತೀಯನು ಶಾಂತಿಯಿಂದ ಬದುಕಬೇಕು, ವಿಕಸಿತ ಭಾರತದ ಕನಸುಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಬೇಕು.

ಇದರಿಂದಾಗಿ, ಭಾರತ ಶಕ್ತಿಶಾಲಿಯಾಗುವುದು ಅಗತ್ಯವಾಗಿದೆ.

ಮತ್ತು ಅವಶ್ಯಕತೆಯಿರುವಾಗ ಈ ಶಕ್ತಿಯ ಬಳಕೆ ಮಾಡುವುದು ಕೂಡ ಅಗತ್ಯ.

ಕೆಲವು ದಿನಗಳಿಂದ ಭಾರತವು ಇದನ್ನೇ ಮಾಡಿದೆ.

ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಭಾರತದ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ ನಮನ ಸಲ್ಲಿಸುತ್ತೇನೆ. ನಮ್ಮ ದೇಶವಾಸಿಗಳ ಧೈರ್ಯ ಮತ್ತು ಏಕತೆಗೆ ವಂದಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಧನ್ಯವಾದ,

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!