Published By : Admin | September 22, 2018 | 16:50 IST
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"ಛತ್ತೀಸ್ಗಢದ ಜಂಜ್ಗಿರ್ ನಲ್ಲಿ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಯೋಜನೆಗಳಿಗೆ ಶಿಲಾನ್ಯಾಸ ಮಾಡಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ "
"ಪೆಂಡ್ರಾ-ಅನುಪ್ಪರ್ ರೈಲ್ವೇ ಹಳಿಗಳ ಯೋಜನೆಗಳಿಗೆ ಶಂಕುಸ್ಥಾಪನೆ ನೆರವೇರಿಸಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ "
"ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಬಳಕೆಮೂಲಕ ಕೃಷಿಕರ ಕಲ್ಯಾಣವನ್ನು ಖಾತ್ರಿಗೊಳಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಈ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಮಣ್ಣಿನ ಆರೋಗ್ಯ ಕಾರ್ಡ್ ಮತ್ತು ಫಸಲ್ ಬಿಮಾ ಯೋಜನೆಗಳು ಕೃಷಿಕರಿಗೆ ಅತ್ಯಮೂಲ್ಯ ಪ್ರಯೋಜನಗಳನ್ನು ನೀಡುತ್ತವೆ : ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ "
"ನಾವು ಎಲ್ಲರ ಅಭಿವೃದ್ಧಿಗೆ ಬದ್ಧರಾಗಿದ್ದೇವೆ, 2022ನೇ ಇಸವಿ ವೇಳೆ ಖಾತ್ರಿಯಾಗಿ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ತಲೆ ಮೇಲೆ ಸೂರು ಇರುವ ದೃಢನಿರ್ಧಾರಕ್ಕೆ ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರ ಕಟಿಬದ್ಧವಾಗಿದೆ : ಪ್ರಧಾನಿ "
ಜನತೆಯ ಆಶೋತ್ತರಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಲು ನಾವು ಬದ್ಧರಾಗಿದ್ದೇವೆ , ಛತ್ತೀಸ್ ಗಡದಲ್ಲಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಛತ್ತೀಸ್ ಗಡ್ ಗೆ ಭೇಟಿ ನೀಡಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಜಂಜ್ಗಿರ್ – ಚಂಪಾದಲ್ಲಿ ಸಾಂಪ್ರದಾಯಿಕ ಕೈಮಗ್ಗ ಮತ್ತು ಕೃಷಿ ಕುರಿತಾದ ವಸ್ತು ಪ್ರದರ್ಶನಕ್ಕೆ ಭೇಟಿ ನೀಡಿದರು.
ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಹೆದ್ದಾರಿ ಯೋಜನೆಗಳಿಗೆ ಮತ್ತು ಪೆಂಡ್ರಾ-ಅನುಪ್ಪರ್ 3ನೇ ರೈಲ್ವೇ ಹಳಿಗಳಿಗೆ ಶಂಕುಸ್ಥಾಪನೆ ನೆರವೇರಿಸಿದರು. ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರ ಮತ್ತು ರಾಜ್ಯ ಸರಕಾರಗಳ ವಿವಿಧ ಕಲ್ಯಾಣ ಯೋಜನೆಗಳ ಆಯ್ದ ಫಲಾನುಭವಿಗಳಿಗೆ ಪ್ರಮಾಣಪತ್ರ ಮುಂತಾದವುಗಳನ್ನು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ನೀಡಿದರು.
ಬೃಹತ್ ಕಿಸಾನ್ ಸಮ್ಮೇಳನವನ್ನು ಉದ್ಧೇಶಿಸಿ ಮಾತನಾಡುತ್ತಾ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರು, ಮಾಜಿ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ಅಟಲ್ ಬಿಹಾರಿ ವಾಜಪೇಯಿ ಅವರು ನೂತನ ಮೂರು ರಾಜ್ಯಗಳಾದ ಉತ್ತರಾಖಂಡ್, ಝಾರ್ಖಂಡ್ ಮತ್ತು ಛತ್ತೀಸ್ ಗಡ್ ಗಳನ್ನು ನಿರ್ಮಿಸಿದ್ದರು, ಅವರ ಅಭಿವೃದ್ಧಿಯ ಸಂಕಲ್ಪ ಯೋಜನೆಯ ಫಲವಾಗಿ ಇಂದು ಈ ಎಲ್ಲ ರಾಜ್ಯಗಳೂ ಶೀಘ್ರವಾಗಿ ಪ್ರಗತಿಪಥದಲ್ಲಿ ಸಾಗುತ್ತಿವೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರು ಹೇಳಿದರು.
ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರವು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಗೆ ಸಮರ್ಪಿತವಾಗಿದೆ ಮತ್ತು ಜನತೆಯ ಆಶೋತ್ತರಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಲು ಬಯಸಿದೆ. ಜನತೆಗೆ ಸುಲಭವಾಗಿ ಜೀವನ ನಡೆಸುವುದನ್ನು ಇನ್ನೂ ಉತ್ತಮಗೊಳಿಸುವುದನ್ನೇ ನಾವು ಬಯಸುತ್ತಿದ್ದೇವೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರು ತಿಳಿಸಿದರು.
ಕೇವಲ ವೋಟ್ – ಬ್ಯಾಂಕ್ ಉದ್ಧೇಶದಿಂದ ಅಥವಾ ಚುನಾವಣೆಗಳನ್ನು ಗೆಲ್ಲುವ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಯೋಜನೆಗಳನ್ನು ತಯಾರು ಮಾಡುವುದರಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸರಕಾರಕ್ಕೆ ನಂಬಿಕೆ ಇಲ್ಲ. ನಮ್ಮ ಉದ್ಧೇಶ ಹೊಸ ಮತ್ತು ಅಧುನಿಕ ಛತ್ತೀಸ್ ಗಡ್ ನಿರ್ಮಾಣವೇ ಮುಖ್ಯ ಗುರಿಯಾಗಿದೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ತಿಳಿಸಿದರು.
“ಎಲ್ಲರ ಜೊತೆಯಲ್ಲಿ, ಎಲ್ಲರ ವಿಕಾಸದೊಂದಿಗೆ” ಎಂಬ ಧ್ಯೇಯದೊಂದಿಗೆ ನಾವು ಮುನ್ನಡೆಯುತ್ತಿದ್ದೇವೆ. ಮೌಲ್ಯವರ್ಧನೆಯ ಮೂಲಕ ಕೃಷಿಕರ ಪ್ರಯೋಜನಗಳ ಖಾತ್ರಿಗೊಳಿಸುವ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರ ಮುನ್ನಡೆಯುತ್ತಿದೆ. ಈ ಮಿಷನ್ ನಡಿ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಕಿಸಾನ್ ಸಂಪದ ಯೋಜನೆಯು ಕೃಷಿಕರಿಗೆ ಸಹಾಯಮಾಡುತ್ತದೆ. ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಬಳಕೆಮೂಲಕ ಕೃಷಿಕರ ಕಲ್ಯಾಣವನ್ನು ಖಾತ್ರಿಗೊಳಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಈ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಮಣ್ಣಿನ ಆರೋಗ್ಯ ಕಾರ್ಡ್ ಮತ್ತು ಫಸಲ್ ಬಿಮಾ ಯೋಜನೆಗಳು ಕೃಷಿಕರಿಗೆ ಅತ್ಯಮೂಲ್ಯ ಪ್ರಯೋಜನಗಳನ್ನು ನೀಡುತ್ತವೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರು ಕೃಷಿಕರಿಗೆ ತಿಳಿಸಿದರು.
ಈ ಹಿಂದೆ ಕಾಲವೊಂದಿತ್ತು, ಆಗ ಕೇಲವ ಆಯ್ದ ಕೆಲವರಿಗೆ ಮಾತ್ರ ಕಲ್ಯಾಣ ಯೋಜನೆಗಳು ಲಭ್ಯವಾಗುತ್ತಿದ್ದವು, ಮತ್ತು ಸರಕಾರದ ವ್ಯವಸ್ಥೆಗಳನ್ನೆಲ್ಲಾ ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ಸಂಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಹಾಳುಮಾಡಿತ್ತು. ನಾವು ಎಲ್ಲರ ಅಭಿವೃದ್ಧಿಗೆ ಬದ್ಧರಾಗಿದ್ದೇವೆ, 2022ನೇ ಇಸವಿ ವೇಳೆ ಖಾತ್ರಿಯಾಗಿ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ತಲೆ ಮೇಲೆ ಸೂರು ಇರುವ ದೃಢನಿರ್ಧಾರಕ್ಕೆ ಕೇಂದ್ರ ಸರಕಾರ ಕಟಿಬದ್ಧವಾಗದೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಹೇಳಿದರು.
ಮಿಷನ್ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಶೌಚಾಲಯ ನಿರ್ಮಾಣ ಕಾರ್ಯ ನಡೆದಿದೆ. ಉಜ್ವಲ ಯೋಜನೆಯಡಿ ಬಡವರಿಗೆ ಅಡುಗೆ ಅನಿಲ ಸಂಪರ್ಕಗಳನ್ನು ನೀಡಲಾಯಿತು, ಸೌಭಾಗ್ಯ ಯೋಜನೆಯಡಿ ಪ್ರತಿ ಮನೆಗೂ ವಿದ್ಯುತ್ ಸಂಪರ್ಕ ಲಭ್ಯವಾಗುವಂತೆ ಮಾಡಲಾಯಿತು ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ತಿಳಿಸಿದರು.
Atal Ji created 3 states - Uttarakhand, Jharkhand and Chhattisgarh. It is due to his vision of development that all these states are progressing rapidly: PM @narendramodi
Earlier, why only a select few, through their approach used to get houses? Do the poor not have the right to own homes? Corruption had ruined the governance system. We are committed to development for all. We want to ensure a roof over every head by 2022: PM @narendramodi
We took the task of constructing toilets in mission mode. We ensured gas connections to the poor under Ujjwala Yojana. Now, through Saubhagya Yojana, we are ensuring electricity connections in every home: PM @narendramodi
Through technological interventions, we are ensuring welfare of farmers. Measures like Soil health Cards and Fasal Bima Yojana are benefiting the farmers immensely: PM @narendramodi at Kisan Sammelan in Chhattisgarh
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।