केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रेरित, भारत के वर्कफोर्स में हो रही ‘मौन क्रांति’ को उजागर किया। उन्होंने कहा, "भारत के वर्कफोर्स में अब वह हो रहा है जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी...महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, ज्यादा जिम्मेदारियां ले रही हैं, और पहले से कहीं अधिक बाधाओं को तोड़ रही हैं!"
मांडविया ने कहा, "भारत धीरे-धीरे एक महिला-प्रधान आर्थिक क्रांति को आकार दे रहा है।"
हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से भारत में महिलाओं की लेबर फोर्स भागीदारी में नाटकीय वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जो केवल सात वर्षों में दोगुनी हो गई है। मांडविया ने कहा, "भारतीय महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, जिम्मेदारी ले रही हैं और यह सब ऐसे तरीके से कर रही हैं जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। हमें इस बारे में और बात करनी चाहिए।"
मंत्री मांडविया ने महिलाओं को सबसे आगे रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की साहसिक पहल की प्रशंसा की, जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के बारे में सिर्फ़ बात नहीं की, बल्कि इसे धरातल पर उतारने का काम भी किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया, स्किल इंडिया- ये केवल दिखावटी नीतियां नहीं हैं, बल्कि भारत की प्रगति में महिलाओं को मुख्य भूमिका में देखने का नीतिगत दृष्टिकोण बदलने वाली पहलकदमियां हैं।"
भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने भी हाल ही में आई उन रिपोर्टों पर जोर दिया, जिनमें बताया गया है कि महिलाएं; विशेष रूप से प्रोफेशनल्स, साइंटिफिक और टेक्निकल क्षेत्रों जैसे हाई डिमांड वाले उद्योगों में कड़ी मेहनत कर रही हैं। इन क्षेत्रों में भारतीय महिलाएं कई देशों की महिलाओं की तुलना में हर हफ्ते अधिक घंटे काम कर रही हैं।
ईरानी ने कहा, "महिलाएं अब चुपचाप काम करने वाला वर्कफोर्स नहीं रह गई हैं, बल्कि वे पहले से कहीं अधिक घंटे काम कर रही हैं, कुछ तो प्रति सप्ताह 55 घंटे से भी अधिक काम कर रही हैं। यह काम वे प्रोफेशनल्स, साइंटिफिक और टेक्निकल क्षेत्रों में कर रही हैं! भारतीय महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में अधिक घंटे काम कर रही हैं।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने आधार तैयार कर दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि सभी कारोबार, उद्योग, समाज और स्वयं महिलाएं भी; महिलाओं द्वारा किए जा रहे त्याग को स्वीकार करें और यह सुनिश्चित करें कि इस मौन क्रांति को नजरअंदाज करना असंभव हो जाए।"