"“People’s participation is the key, and a united effort is the need of the hour: Shri Modi"
"“Strength comes from uniting, and my effort is focused at eliminating the discrepancy arising in collaboration:” Shri Modi"
"Nearly Rs. 5500-5600 crores has been allotted for the healthcare segment in the current year, as opposed to Rs. 1200-1300 crore allotted in 2007-08."

हैल्दी गुजरात कॉन्फ्रेन्स

स्वस्थ और तंदुरुस्त गुजरात पर फलदायी समूह चिंतन

मुख्यमंत्री का परिषद के शुभारंभ अवसर पर प्रेरक मार्गदर्शन

गांधी-१५० : महात्मा गांधी जी के डेढ़ सौ वर्ष २०१९ महोत्सव को गांधी जी की प्रिय स्वच्छता की महिमा उजागर करने के लिए निर्मल गुजरात अभियान चलाएं

२०२२ आजादी के अमृत महोत्सव में “स्वस्थ गुजरात” के उद्देश्य को साकार करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अमृतमय बनाएं- मुख्यमंत्री

समाज की स्वास्थ्य रक्षा ही राष्ट्र रक्षा की सेवा है

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वस्थ और तंदुरुस्त गुजरात की चिंतन परिषद का आज शुभारंभ करते हुए आगामी २०१९ में महात्मा गांधी जी की १५०वीं जन्म जयंती तक स्वच्छ-निर्मल गुजरात के लिए गांधी जी का प्रिय स्वच्छता अभियान चलाने और २०२२ में भारत की आजादी के अमृत महोत्सव को केन्द्र में रखकर स्वस्थ गुजरात के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अमृतमय बनाने का एजेंडा साकार करने का आह्वान किया।

महात्मा मंदिर परिसर में आज स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में “हैल्दी गुजरात-एजेंडा फॉर एक्शन” कॉन्फ्रेन्स आयोजित की गई। स्वस्थ, तंदुरुस्त गुजरात के लिए हुए इस सामूहिक चिंतन में राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न सेवाकर्मियों, निजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य शिक्षा के राज्य भर से आए ४५०० पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। परिषद में ८ जितने चर्चा सत्रों का आयोजन किया गया।

Shri Narendra Modi’s address at the conference on ‘Healthy Gujarat ‘Agenda for Action’

समाज के स्वास्थ्य और नागरिकों के जीवन की स्वास्थ्य रक्षा की राष्ट्र रक्षा जितनी महिमा है, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि रोगी और डॉक्टर की अपेक्षा स्वस्थ शरीर हो, यही होती है। परन्तु समग्रतया स्वास्थ्य सेवाएं का यह सीमित अर्थ नहीं है कि चिकित्सा क्षेत्र मात्र नागरिकों का शारीरिक स्वास्थ्य है। सरकार की प्रतिबद्धता इन तमाम माध्यमों द्वारा सीमित लक्ष्य की नही है, बल्कि सर्वग्राही स्वस्थ गुजरात की है।

हमारी चिंता सिर्फ मानव शरीर के स्वास्थ्य की नहीं बल्कि हमारा लक्ष्य है स्वस्थ समाज का, स्वास्थ्य प्रदान करने का और बीमारियों को रोकने का। इस निर्धारित लक्ष्य के लिए सरकार और समाज को संसाधनों और ढांचागत सुविधाओं का सुनियोजित विनियोग करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक पहल करके फलदायी परिणाम तो हासिल किए ही हैं, बल्कि क्वॉन्टम जम्प के लिए कंप्रीहेन्सिव एक्शन-एजेंडा हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता स्वास्थ्य विभाग का फर्ज न हो तो भी गंदगी और अस्वस्थता के कारण या जल भराव के कारण होने वाले रोग स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ा बोझ बनते हैं।

स्वास्थ्य के सन्दर्भ में सरकार को तमाम विभागों को सहयोगी और संकलित बनाकर स्वास्थ्य की धरोहर का रोडमैप प्रिवेन्टिव हैल्थ केयर, रोगों से बचाव, स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने प्रेरक मार्गदर्शन दिया।

Shri Narendra Modi’s address at the conference on ‘Healthy Gujarat ‘Agenda for Action’

महात्मा गांधी जी की १५०वीं जयंती २०१९ में आ रही है, ऐसे में गांधी जी जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते थे, उस स्वच्छता के मापदंड सुनिश्चित कर निर्मल गुजरात का अभियान चलाने का श्री मोदी ने आह्वान किया। उन्होंने कहा कि निर्मल ग्राम से लेकर निर्मल नगर-निर्मल महानगर और निर्मल गुजरात तक के स्वास्थ्य के पैरामीटर्स स्वच्छता के लिए तैयार करने चाहिएं, जो आगामी पांच वर्ष के लिए प्रिवेन्टिव हैल्थ केयर के उद्देश्यों का साक्षात्कार करवा सके।

व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ तथा सामाजिक स्वच्छता के लिए जनशिक्षा संबंधी जागृति के लिए बालक के मन में स्वच्छता का स्वभाव विकसित करने को प्राथमिकता देने का उन्होंने सुझाव दिया।

श्री मोदी ने कहा कि शहरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सेमी-अरबन क्षेत्र और आदिवासी क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य की चुनौतियां क्या हो सकती है, इस पर सामूहिक चिंतन करेंगे तो रोग और बीमारियों को समझकर सही दिशा पकड़ी जा सकती है और रोग निवारक स्वास्थ्य सेवाओं को सक्षम बनाया जा सकता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग पर बढ़ रहे बोझ को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

आगामी २०२२ में आजादी के ७५ वर्ष के अमृत महोत्सव का आयोजन होगा, इस सन्दर्भ को ध्यान में रखते हुए गुजरात में स्वास्थ्य सेवाएं अमृतमय बनें इसे तय किया जाना चाहिए।

Shri Narendra Modi’s address at the conference on ‘Healthy Gujarat ‘Agenda for Action’

मुख्यमंत्री अमृतम्- मा योजना गरीबों के लिए अमृतमय बनी है और स्वास्थ्य की रक्षा कर रही है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नई पीढ़ी की माताओं के लिए परिवार में दादी की भूमिका कुपोषण और बालकों की परवरिश के लिए अत्यंत बन सकती है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परिवार में दादियों का दायित्व संस्थागत स्तर पर विकसित करने की पहल गुजरात ने की है जिसे व्यापक पैमाने पर ले जाया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का विनियोग अधिकतम स्तर पर करने, आधुनिकतम मेडिकल इक्विपमेंट का उपयोग तमाम चिकित्सा सेवाओं के साथ जुड़े डॉक्टर्स-नर्स-पैरामेडिकल स्टाफ को लैस करने और सभी अस्पतालों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करवाने का मुख्यमंत्री ने आह्वान किया।

श्री मोदी ने हॉस्पिटल्स और सामूहिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट तथा टेक्नोलॉजिकल मेडिकल इक्विपमेंट का मैनेजमेंट-व्यवस्था तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि काफी बड़े बजट से स्वास्थ्य अस्पतालों में आधुनिकतम साधन लगाए गए हों, ऐसे में उनकी सक्षम उपयोगिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। विनियमन के लिए उदासीनता दूर करके विशेष संवेदनशीलता के साथ इसके लिए टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर विकसित करने पर उन्होंने बल दिया। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भौगोलिक मैपिंग की आवश्यकता को अनिवार्य बतलाते हुए उन्होंने कहा कि सिकलसेल एनीमिया आदिवासी क्षेत्र की समस्या है तो कहीं समाज विशेष में जिनेटकली रोगों की समस्या है। इस सन्दर्भ में हैल्थ क्लइमेटिक जोन का मैपिंग वैज्ञानिक स्तर पर करने से प्रिवेन्टिव हैल्थ प्राबलम का निवारण किया जा सकता है।

इस सन्दर्भ में स्वास्थ्य समस्या के क्षेत्रवार चिंतन बैठकों के चर्चा सेमीनार आयोजित करने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ही नहीं बल्कि समग्रतया स्वास्थ्य के पैरामीटर्स के साथ सभी को शामिल करने के सर्वग्राही व्यूह का एजेंडा तैयार होना चाहिए।

पशु रोग और गांवों में गंदगी का सामना करने के लिए पशु स्वास्थ्य, गोबर गैस, एनीमल हॉस्टल आदि के नये प्रयोगों से स्वास्थ्य क्षेत्र में आए परिवर्तन फलदायी बने हैं। जिसे देखते हुए मानवता के उत्तम क्षेत्र के रूप में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के महत्वपूर्ण सुझाव मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण के लिए परंपरागत दादी मां का नुस्खे शिशु और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उपकारक है। इन पद्धतियों को सर्वग्राही अभिगम के रूप में अपनाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री नीतीनभाई पटेल ने अपने विचार व्यक्त किए। इस परिसंवाद में डब्ल्यू.एच.ओ. और यूनिसेफ जैसी वैश्विक संस्था के भारत में डायरेक्टर्स, वरिष्ठ चिकित्सक, स्वास्थ्य सेवा के साथ जुड़े समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारीगण और राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री मौजूद थे।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश किशोर ने सभी का स्वागत किया। स्वास्थ्य आयुक्त श्री तनेजा ने सभी का आभार जताया।

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