स्कील डवलपमेंट का उत्तम मॉडल गुजरात ने दिया
भारत में सर्वप्रथम स्कील युनिवर्सिटी गुजरात शुरु करेगा
प्रत्येक आईटीआई श्रम एव जयते का मंत्र अपनाये
स्कील डवलपमेंट और रोजगार के लिए गुजरात को गौरव दिलवाने वाली कर्मयोगियों की टीम को शुभकामनाएं
आईटीआई, टेक्निकल शिक्षा और कौशल्यवर्धन
केन्द्रों को प्राणवान बनाएं : श्री मोदी
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात सरकार के श्रम, रोजगार और तालीम विभाग के कर्मयोगियों के चिंतन शिविर का आज शाम समापन करते हुए कहा कि गुजरात ने स्कील डवलपमेंट का उत्तम प्लानिंग करके राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत में गुजरात पहला राज्य है जिसने स्कील युनिवर्सिटी स्थापित करने का फैसला किया है। रोजगार और तालीम कमिश्नरेट के तत्वावधान में गांधीनगर-अहमदाबाद हाइवे पर ईडीआई भाट में इस चिंतन शिविर का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ सुबह श्रम एवं रोजगार मंत्री सौरभ भाई पटेल ने किया। रोजगार और तालीम कमिश्नरेट के राज्यभर के 400 जितने कर्मयोगियों के इस चिंतन शिविर में रोजगार, तालीम और कौशल्यवर्धन सहित छह विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित हुआ।मुख्यमंत्री ने इस चिंतन शिविर के समापन के समय रोजगार, श्रम और तालीम विभाग को शुभकामनाएं दी। गुजरात को कौशल्यवर्धन केन्द्रों के बेस्ट स्कील डवलपमेंट का प्रधानमंत्री का अवार्ड हासिल करने, बेरोजगारी के क्षेत्र में देश में सबसे कम बेरोजगारी वाला राज्य गुजरात बना और गुजरात ने स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जन्म जयंती में युवा वर्ष और स्कील डवलपमेंट की सफल उपलब्धि हासिल की इसका श्रेय मुख्यमंत्री ने रोजगार तालीम विभाग के कर्मयोगियों की मेहनत और निष्ठा को दिया।
रोजगार और हुनर कौशल्य के लिए देश में गुजरात ने जो मॉडल विकसित किया उसकी महिमा आत्मसात् करने का अनुरोध करते हुएश्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2008 से प्रधानमंत्री ने चर- चार बार स्कील डवलपमेंट के आयोजन के लिए अलग संस्थाएं बनाई परंतु आखिर तो गुजरात के रोजगार तालीम द्वारा बनाया गया स्कील डवलपमेंट मॉडल ही उन्हें पसन्द करना पड़ा, जो यह दर्शाता है कि गुजरात की कौशल्य विकास की व्यूह रचना सच्ची दिशा की है।उन्होंने कहा कि राश्ट्र के निर्माण और अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए रोजगार तालीम और कौशल्य विकास का भविष्य कितना महत्वपूर्ण है, इस बारे में भूतकाल में उपेक्षा ही हुई है। गुजरात ने अनोखी पहल करके उपलब्धियां हासिल की हैं और इस चिंतन शिविर की फलश्रुति गुजरात के कौशल्य विकास और रोजगार के क्षेत्र में सशक्त युवाशक्ति के नये क्षितिज विशाल दायरे में साकार करेगी। यह सरकार श्रम एवं रोजगार की तालीम की व्युह रचना को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पिछले 10 वर्ष में समग्रतया टेक्निकल शिक्षा का महत्व स्वीकार कर इसकी आधारभूत इकाई आईटीआई का संवर्धन और इसका सशक्तिकरण करने के लिए लगातार मंथन किया। भूतकाल में ग्रामसभा या आंगनवाड़ी की परवाह किसी को नहीं थी मगर आज गुजरात में ग्रामसभा की लोकतंत्र जैसी और आंगनवाड़ी की भी योग्य गरिमा स्थापित हुई है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात मूलभूत रूप से ट्रेडर्स राज्य के तौर पर जाना जाता था उसमें से परिवर्तित होकर अब मेन्युफेक्चरिंग स्टेट के नाम से जाना जा रहा है। मेन्युफेक्चरिंग स्टेट के विकास के लिए स्कील मेनपावर अनिवार्य है। गुजरात सरकार ने राज्य में आने वाली नयी औद्योगिक इकाईयों को हुनर कौशल्य मानवशक्ति तैयार करने के लिए आईटीआई के साथ विनियोग का सफल नेटवर्क तैयार किया है। इसकी वजह से गुजरात में उद्योग की मांग को सुसंगत कुशल तालीमप्राप्त श्रमशक्ति का दायरा फैल रहा है। गुजरातियों के खून में उद्योग साहसिकता और ट्रेड साहसिकता तो है ही, और अब ग्लोबल मार्केट में छा जाने के लिए राज्य की मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर की इंडस्ट्रीज द्वारा स्कील मेनपावर का तालीम कौशल्य भी काफीमहत्वपूर्ण बन गया है।गुजरात में ऑटोमोबाइल्स इंजीनियरिंग उद्योग में गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किसी ना किसी मोटर स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल मोटर कम्पनियां करती है। इस तरह देश के निर्माण में गुजरात के कौशल्य तालीम देने वालों ने काफी बड़ा योगदान दिया है। प्रत्येक आईटीआई के श्रम एव जयते का मंत्र साकार करने की प्रेरन श्री मोदी ने दी। मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर में विश्वबाजार की स्पर्धा में टिकने के लिए कौशल्यवर्धन से ही कोस्ट इफेक्टिवनेस और क्वालिटी कंट्रोल हो सकेगा।
श्री मोदी ने मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर के उत्पादनों में जीरो डिफेक्ट प्रोडक्शन के लिए तकनीक और स्कील मेनपावर का डिफेक्ट ना रहे, ऐसा वातावरण बनाने का अनुरोध किया। आईटीआई और कौशल्यवर्धन केंद्रों को प्राणवान बनाने और राज्य की आईटीआई में सॉफ्ट स्कील की तालीम का मह्त्व भी मुख्यमंत्री ने समझाया। हिन्दुस्तान में 65 प्रतिशत जनसंख्या युवाओं की है और उसकी भुजाओं में कौशल्य, आंखों में प्रगति के सपने और पैरों में गति हो तो दुनिया में हिन्दुस्तान की युवाशक्ति को कोई हरा नहीं सकेगा। श्रम और रोजगार मंत्री सौरभ भाई पटेल ने चिंतन शिविर के प्रारम्भ में मैं नहीं हम की भावना के साथ राज्य सरकार के प्रशासनिक मोड में रोजगार और तालीम के इस शिविर में विश्वास जताया कि यह नयी संस्कृति की पहचान बनेगा। मुख्य सचिव वरेश सिन्हा ने कुछ बेहतर सुझाव दिए।रोजगार और तालीम कमिश्नर श्रीमती सोनल मिश्रा ने चिंतन शिविर का उद्देश्य समझाते हुए स्वागत भाषण दिया। श्रम एवं रोजगार के कार्यकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम खुराना और रोजगार तालीम संचनालय के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मयोगी इस शिविर में मौजूद थे।