नरेन्द्र मोदी - एक ही विकल्प

Published By : Admin | May 15, 2014 | 15:17 IST

पिछले 12 वर्षों में गुजरात में हुए अभूतपूर्व एवं समग्र विकास के आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश में नेतृत्व के लिए श्री नरेन्द्र मोदी ही एकमात्र विकल्प नज़र आते हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी अन्य नेताओं से बेहतर कैसे है?जनता को यह पूछने का स्पष्ट अधिकार है कि श्री नरेन्द्र मोदी अन्य नेताओं से बेहतर कैसे हैं? स्वाधीन भारत के इतिहास में आप देखेंगे कि नेतृत्व की सफलता के मुख्य कारक नेता का कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण, कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ दूरदृष्टा होना रहा है। विरले ही ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने इन विशेषताओं पर अधिकार बनाया है। श्री नरेन्द्र मोदी इन सब विशेषताओं से परिपूर्ण व्यक्तित्व हैं एवं उन्हें अपने कर्म के प्रति ध्यान केंद्रित करना बखूबी आता है। वे आसमान को छूने की बात भी करते हैं लेकिन उनके पैर हमेशा जमीन पर रहते है। इन सब गुणों के कारण श्री नरेन्द्र मोदी एक असाधारण नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण व्यक्तित्व हैं।

एक जन नेता :

श्री नरेन्द्र मोदी देश के एकमात्र ऐसे नेता है जिन्होंने आम जनता से न केवल राजनैतिक रिश्ता विकसित किया है अपितु एक भावनात्मक लगाव स्थापित किया है। उनके प्रशंसक न केवल भारत में हैं अपितु कई अन्य देशों में भी श्री मोदी असंख्य प्रशंसक मौजूद हैं। साथ ही समाज के हर वर्ग, स्त्री एवं पुरुष, शहरी एवं ग्रामीण, अमीर एवं गरीब, बुद्धिजीवी वर्ग सभी में श्री नरेन्द्र मोदी का अपना स्थान है। विदेशों में रहने वाले कई अनिवासी गुजराती उन्हें सम्मान देते हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से सूचना प्रोद्योगिकी का अनूठा उपयोग किया है एवं इसके माध्यम से देश का युवा वर्ग बड़ी संख्या में श्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित हुआ है।

What makes Narendra Modi different?

विकास के लिए कटिबद्ध :

श्री नरेन्द्र मोदी में विकास के लिए अनूठी कटिबद्धता देखी जा सकती है। ऐसे समय जब चुनाव घोषित होने वाले हों तब राजनैतिक व्यक्तियों की चुनाव ही प्राथमिकता रह जाता है, इसके विपरीत श्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ वर्ष पूर्व चुनावों से पहले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्विट्ज़रलैंड की यात्रा की एवं गुजरात में निवेश के नए मौके प्रस्तुत किये। इसी तरह वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के पहले श्री नरेन्द्र मोदी ने जापान की आधिकारिक यात्रा की। इस यात्रा में जापान के साथ सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्तर पर कई समझौते किये गए एवं गुजरात में निवेश के कई प्रस्तावों पर सहमति बनी। श्री नरेन्द्र मोदी के लिए चुनावी वर्ष में भी राजनैतिक कार्य से ज्यादा प्राथमिकता विकास एवं निवेश के कार्यों की है।

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समस्या समाधान के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

श्री नरेन्द्र मोदी की गुजरात में सफलता के पीछे उनकी कठिन मेहनत एवं लगन के साथ ही समस्याओं के समाधान हेतु एक नयी एवं वैज्ञानिक सोच भी रही है। वे एक उत्कृष्ट श्रोता है एवं प्रयास करते हैं कि किसी भी समस्या के समाधान हेतु सबसे पहले उसके समग्र रूप को जाना जाए। उनका मत है कि समस्या के समाधान की शुरुआत उसे बेहतर तरीके से समझने के साथ होती है। वे हर कोण से समस्या एवं उसके संभावित समाधान पर चर्चा करते है। वे किसी भी कार्य एवं समस्या के लिए तदर्थ अथवा फौरी प्रयास करने के विरुद्ध रहते हैं एवं स्थायी एवं दीर्घकालिक समाधान की रणनीति बनाते हैं। उनके विचार में दूरदृष्टि के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने पर सफलता अवश्य मिलती है। वे स्पष्ट लक्ष्य, उद्देश्यों एवं कार्ययोजना के साथ अपना कार्य सम्पादित करते हैं।

वे सही प्रक्रिया, उचित व्यक्तियों एवं समय का चुनाव करते हैं। इसके ऊपर उन्हें कार्ययोजना अनुसार कार्य की प्रगति की निगरानी में दक्षता प्राप्त है। वे अपनी बुद्धि एवं नवाचार से कार्य – प्रबंधन को बेहतर तरीके से सम्पादित करते हैं।

बड़ी परियोजनाओं का क्रियान्वयन :

श्री नरेन्द्र मोदी एक सफल रणनीतिकार होने के साथ ही त्वरित कार्य संपादन की कला में भी पारंगत है। वे अपने कार्यों के अनुकूल परिणाम देखने के लिए सदैव उत्साहित रहते हैं। जहाँ एक और देश में नदियों को जोड़ने की योजना पर बहस चल रही है वहीँ गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी ने कई नदियों को आपस में जोड़ कर गुजरात को बाढ़ एवं सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त कराया है। यह बड़ी योजनाएं सफल रणनीति के साथ बहुत ही कम समय में पूर्ण की गयी हैं। सुजलाम - सुफलाम योजना के अंतर्गत 300 किलोमीटर से भी अधिक नहरों कर निर्माण कर सूखा ग्रस्त क्षेत्रों को लाभ पहुँचाया गया है। ज्योतिग्राम योजना के अंतर्गत 56599 किलोमीटर लम्बी ट्रांसमिशन लाइन्स लगाई गयी एवं 18000  से अधिक गावों एवं 9681 शहरी क्षेत्रों को लाभ पहुचाने हेतु मात्र 30 महीने में 12621 ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य किया गया। देश में अपने तरह की पानी एंड गैस की ग्रिड बनाने की यह अनूठी परियोजनाएं है। राज्य प्रत्येक ग्राम को ई- विश्व ग्राम योजना से जोड़ने हेतु ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था भी रिकॉर्ड समय में की गयी है।

विशाल परियोजनाओं के साथ ही छोटी योजनाओं पर भी निगाह :

श्री नरेन्द्र मोदी जहाँ बड़ी परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु कटिबद्ध रहते है वहीँ उनका ध्यान छोटी परियोजनाओं पर भी केंद्रित रहता है। उनका स्पष्ट मत है कि ज्ञान - विज्ञान वैश्विक होना चाहिए परन्तु उसका क्रियान्वयन स्थानीय प्रोद्योगिकी के माध्यम से किया जाना चाहिए। उन्होंने एक ओर जल  संरक्षण हेतु स्थानीय तकनीक बोरी - बंद (ख़ाली बोरी में बालू एवं पत्थर रख कर पानी को सहेजना) एवं खेतों में तालाब के निर्माण के प्रयोग को बढ़ावा दिया वहीँ  वाइब्रेंट गुजरात जैसे अंतराष्ट्रीय मंच पर उन्नत तकनीक से भी आम जन को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया। वे स्थानीय किसानों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक से सुझाव आमंत्रित करते हैं एवं उन्हें प्राप्त होने वाले हज़ारों  ईमेल एवं पत्रों के माध्यम से जनता से अपना जीवंत  रखते है।

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राजनीति एवं प्रशासन को पृथक रखना :

श्री नरेन्द्र मोदी अपने लक्ष्य के प्रति बहुत सजग रहते हैं। उन्होंने हमेशा ही राजनीति को उनकी शासन व्यवस्था से अलग रखा है। उन्होंने अपने प्रशासनिक निर्णयों को राजनैतिक नफा - नुक़सान के हिसाब से नहीं लिया है। वे हमेशा ही पूर्ण पेशेवर तरीके से शासन चलाना सुनिश्चित करते हैं। गुजरात सरकार के बहुत से विभागों ने अपनी प्रक्रियाओं को आईएसओ प्रमाणित करवाया है। यह प्रयास सरकारी व्यवस्था में अनोखा ही है।

जनता की समस्याओं की समझ :

श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के पिछड़े माने वाले क्षेत्र के निवासी हैं एवं पिछड़ी जाति से सम्बन्ध रखते हैं। उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन में अभावों का सामना करते हुए संघर्ष किया है। उन्हें अच्छी तरह से पता है कि देश का आम नागरिक पानी, बिजली एवं स्वास्थ जैसी आधारभूत सुविधाओं के लिए कैसे संघर्ष करता है। इन्ही अनुभवों के आधार पर उन्होंने मौका मिलते ही योजनाबद्ध एवं आक्रामक तरीके से आम जनता को इन मुलभुत सुविधाओं को उपलब्ध करने हेतु एक नयी व्यवस्था बनाने का कार्य किया है। गुजरात में वे अपने इस लक्ष्य में बहुत हद तक सफल भी हुए है।

सर्वांगीण विकास :

श्री नरेन्द्र मोदी के आलोचक अक्सर उन पर बड़े औद्योगिक समूहों पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाते है। ये आरोप एक भ्रम फ़ैलाने के लिए लगाया जाता है। परन्तु वास्तविकता में श्री मोदी ने गुजरात के सम्पूर्ण समावेशी एवं सर्वांगीण विकास का कार्य किया है। उनके द्वारा प्रतिपादित योजनाएं जैसे ज्योतिग्राम योजना, राज्य स्तरीय गैस ग्रिड, वन बन्धु योजना, सागर खेडू योजना, गरीब समृद्धि योजना, उम्मीद योजना ऐसी योजनायें है जो समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को विकास यात्रा में सहभागी बनाने के उद्देश्य से लागू की गयी हैं। इन योजनाओं का लाभ गुजरात की 5.5करोड़ जनता को मिल रहा है।

आम जनता की प्रशासन एवं विकास में भागीदारी:

आम लोगों के बीच पले-बढ़े होने और उनके बीच काम करने के कारण उनका विश्वास है कि आम लोग ही बदलाव के असली वाहक हैं। उनका कहना है कि किसी भी विकास कार्यक्रम को अगर जनअन्दोलन में तब्दील कर दिया जो तो उसका असली लाभ प्राप्त किया जा सकता है- वास्तव में सरकारी विकास कार्यक्रम की जगह जनता का आंदोलन। आसान शब्दों में वो कहते हैं, “जन्माष्टमी के दिन आधी रात में मंदिर में लोगों को जमा करने के लिए क्या कोई सरकारी निर्देश पारित किया जाता है?”

इसलिए वो एक रणनीति के तहत विकास कार्यक्रमों में लोगों को शामिल करते हैं। पूरे राज्य में लाखों जल संरक्षण प्रणालियों के निर्माण में मिली सफलता और कृषि महोत्सव और बालिकाओं की शिक्षा के लिए कन्या केलवणी यात्रा उनकी इस क्षमता के बेहतरीन उदाहरण हैं, जहां उन्होंने लोगों की भागीदारी से सरकारी योजनाओं को एक जन आन्दोलन में तब्दील कर दिया।

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प्रभावी एवं पारदर्शी प्रशासन:

श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभावी प्रशासन के लिए कहा है कि - कम से कम शासन ही अच्छा शासन है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल एवं पारदर्शी बनाया है। इस हेतु सुचना प्रोद्योगिकी का भी उचित योगदान लिया गया है। वर्ष 2001 में जहाँ गुजरात सूचना प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल में पिछड़ा हुआ था वहीँ आज वह ई- गवर्नेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। आम आदमी को सुविधाएं उपलब्द्ध कराने हेतु सरकार ने प्रत्येक गावों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा है एवं जनता प्रमाण पत्र जैसी अन्य सुविधाएं अपने गावों में ही प्राप्त कर सकते है। इससे सम्पूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ी है।

नीतिगत व्यवस्था से शासन :

श्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि शासन व्यवस्था किसी की व्यक्तिगत सनक या इच्छा पर नहीं बल्कि एक नीतिगत व्यवस्था के अंतर्गत चलना चाहिए। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान नीतिगत व्यवस्था को बनाने एवं उसे मज़बूत करने का कार्य किया है। श्री मोदी ने व्यवस्थागत (सिस्टम) के अंतर्गत कार्य करने एवं प्रणाली में पारदर्शिता बनाये राख्ने का निर्देश अधिकारियों को हमेशा दिया है। इसके सुखद परिणाम गुजरात में देखे जा सकते है।

शिकायत निवारण :

आम जन मानस की समस्याओं की सुनवाई एवं उसके निराकरण हेतु उन्होंने 'स्वागत' कार्यक्रम   लागू किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से ऐसी प्रणाली विकसित की गयी है कि शिकायत की सुनवाई एवं उसके निराकरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा सके। उन्होंने न केवल स्वयं को अपितु पूरी शासकीय व्यवस्था को उसके प्रति संवेदनशील एवं उत्तरदायी बनाया है।

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अभिनव दृष्टिकोण :

श्री नरेन्द्र मोदी ने शासन व्यवस्था से प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से अभिनव प्रयोग किए हैं। उनके ये प्रयोग अनुभवी प्रशासकों एवं प्रबंधकों की सोच से भी बेहतर रहे हैं।

भूकम्प के पुनर्निर्माण के कार्य में उन्होंने अधिकारियों एवं विशेषज्ञों की टीम के साथ ही जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की। इसके परिणाम स्वरूप गुजरात में पुनर्निर्माण के कार्य उचित गुणवत्ता के साथ बहुत कम समय में पूर्ण कर लिए गए।

अन्य अनुकरणीय पहलों में उन्होंने त्वरित न्याय व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कोर्ट एवं विचाराधीन कैदियों के मध्य वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुविधा, सायंकालीन न्यायालय, महिला अदालत एवं जल स्थानीय स्रोतों का प्रबंधन जनता के हाथों में देने का कार्य किया किया है। चिरंजीवी योजना (बीपीएल महिलाओं को प्रसूति हेतु सुविधा), रोमिंग राशन कार्ड, किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता प्रमाण पत्र जैसे कई अन्य कार्य हैं जो उनके अभिनव दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

स्वयं के लिए कुछ भी नहीं :

सत्ताधारी नेताओं पर अक्सर भाई–भतीजावाद एवं पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ऐसे किसी आरोप से कोसों दूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ कार्य किया है। उनका व्यक्तिगत हित का कोई एजेंडा नहीं रहता है। जन कल्याण ही उनका एकमात्र ध्येय है। उनके कटु आलोचक भी यह स्वीकार करते है कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में सरकार में भ्रष्टाचार के स्तर में कमी आई है।

उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनको प्राप्त होने वाले उपहार सरकारी तोशखाने में जमा करवाया जाए एवं बाद में उसकी नीलामी कर प्राप्त राशि को कन्या शिक्षा की योजना कन्या केलवणी के क्रियान्वयन में लगाया जाए। उनके इस प्रयास से उत्साहित हो कर आम जनता अब उन्हें चेक़ के माध्यम से भी लाखों रूपए का भुगतान इस योजना हेतु करने लगी है।

नवीन प्रयोगों के माध्यम से कार्य :

श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास का जो मॉडल विकसित किया है वह पूर्णतः सर्वांगीण एवं समग्र विकास की अवधारणा को प्रतिपादित करता है। उन्होंने सिर्फ राजनैतिक आधार पर ही निर्णय नहीं लिए बल्कि विशेषज्ञों की सलाह पर कुछ अप्रिय निर्णय भी लिए एवं उन्हें सफलता के साथ क्रियान्वित भी करवाया। बिजली की कीमत के मुद्दे पर विद्युत नियामक आयोग के निर्णय का विरोध होने के बाद भी उन्होंने उसे लागू किया लेकिन किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने सुजलाम – सुफलाम योजना के माध्यम से खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाया। वर्तमान में गुजरात का किसान इन योजनाओं की सफलता के फलस्वरूप सबसे कम दाम में अपने खेतों में सिंचाई करने की स्थिति में है। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के कार्य को भी बखूबी संपन्न करवाया है। श्री मोदी का सफल नेतृत्व जनता में उनके प्रति विश्वास का ही परिणाम है कि ऐसे अप्रिय कार्य भी बिना किसी विरोध के संपन्न करवाये गए है। इससे जनता को भी लाभ हुआ है एवं शासन की साख बनी रही है।

स्पष्ट है कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की इन्हीं विशेताओं एवं क्षमताओं की आज देश को आवश्यकता है एवं पूरा राष्ट्र उन्हें उम्मीद से देखता है

 

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।