आपातकाल के काले दिनों के दौरान नरेन्द्र मोदी कांग्रेस सरकार द्वारा की गई ज्यादतियों के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। 1975 का एक दिलचस्प वाकया बताते हुए गुजरात के रहने वाले रोहित अग्रवाल ने कहा, "नरेन्द्र काका, सरदारजी का वेश बनाकर पुलिस को चकमा देकर बचते रहे।"

श्री अग्रवाल ने उस घटना को याद किया जब नरेन्द्र मोदी सरदार के वेश में घर से बाहर निकल रहे थे और ठीक उसी समय पुलिस उनकी तलाश में वहां पहुंच गई। अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि उनके घर में कोई भी उन्हें तुरंत नरेन्द्र मोदी के रूप में नहीं पहचान सका।

रोहित अग्रवाल ने कहा, "1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था, नरेन्द्र काका उस समय हमारे घर मधु कुंज में सरदारजी के वेश में हमारे साथ रह रहे थे। एक बार वह सरदार जी के वेश में बाहर निकल ही रहे थे तभी पुलिस पहुंच गई और उनसे पूछा- नरेन्द्र मोदी कहां रहते हैं? मोदी ने जवाब दिया मुझे नहीं पता। आप अंदर जाकर पूछ सकते हैं। जब पुलिस घर के अंदर गई तब तक वो मेरे भाई के साथ स्कूटर पर बैठकर वहां से चले गए। सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि हम भी नरेन्द्र मोदी की शक्ल से धोखा खा जाते थे।"

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो लोगों के जीवन पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनके प्रभाव पर उपाख्यान/ओपिनियन/एनालिसिस का वर्णन करती हैं।

 

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।