"For a high jump, you have to go back. Similarly, to move ahead, to get a new start, you have to reach back a little, learn from your past: Shri Modi"
"Bengal's development will lead to the development of Eastern and North-eastern India: Shri Modi"
"The UPA Government keeps on discriminating between the Congress and non-Congress ruled states. The Government has no authority to do that: Shri Modi"
"I believe in hope. I am not making empty promises. I speak on the basis of experience: Shri Modi"
"Today, we don’t have real time data on agro produce. We should use technology to do this: Shri Modi"
"GoI is responsible for putting the country into darkness. We have coal and power plants, but files are pending in Delhi: Shri Modi"
"Situations are not out of control, we are lacking in the will to get things done: Shri Modi"

यूपीए सरकार विभिन्न विचारधारा वाली राज्य सरकारों के साथ पक्षपात और अन्याय करती है श्री मोदी

ख्यमंत्री ने यूपीए सरकार की गलत नीतियों और विकास विरोधी मानसिकता की कड़ी आलोचना की

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोलकाता में पश्चिम बंगाल के उद्योग-व्यापार क्षेत्र के अग्रणियों की बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्र की कांग्रेस शासित यूपीए सरकार पर गैर कांग्रेसी राज्यों के साथ पक्षपात करने और विकास विरोधी नीतियां चलाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक विचारधारा वाली राज्यों की निर्वाचित सरकारों के साथ पक्षपात करने का केन्द्र सरकार को कोई अधिकार नहीं है।

संविधान के विरूद्ध जाकर संघीय ढांचे को कमजोर करने की केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार की मानसिकता की भी श्री मोदी ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा किए जाने वाले अन्याय की नकारात्मक मानसिकता के खिलाफ राज्य अपनी आवाज बुलंद करें। आज कोलकाता में सबसे पुरानी एमसीसी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स और भारत चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में पश्चिम बंगाल के उद्योग-वाणिज्य क्षेत्र के ८०० जितने अग्रणी मुख्यमंत्री के वाइब्रेंट ग्रोथ मॉडल विषयक मौलिक विचारों से काफी प्रभावित हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार देश के विकास के लिए गंभीर नहीं है, इसके विपरीत विकास के लिए प्रतिबद्ध विभिन्न विचारधारा वाली राज्य सरकारों के साथ वह पक्षपात और अन्याय करती आई है। गुजरात तो दिन-प्रतिदिन केन्द्र के अन्याय का सामना करता आया है। निर्वाचित गैर कांग्रेसी सरकारों द्वारा किए गए निर्णयों और कानूनों को केन्द्र सरकार नकारती है, इतना ही नहीं, केन्द्र द्वारा किये गए निर्णयों के भारी आर्थिक बोझ की जिम्मेदारी भी राज्यों पर डाल देती है। भारत के संघीय अर्थतंत्र के लिए भी यूपीए सरकार संकट खड़े कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कृषि विकास विरोधी नीतियों के कारण देश में कृषि विकास दर ३ प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ती। जबकि गुजरात सरकार ने एक दशक में लगातार औसतन १० प्रतिशत से ज्यादा कृषि विकास दर हासिल की है।

केन्द्र की नीतियों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की कपास निर्यात प्रतिबंध संबंधी अनिश्चित नीति के कारण गुजरात के कपास उत्पादकों को ५००० करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। गुजरात ने कपास उत्पादकों के हितों की रक्षा करने वाली नई टेक्सटाइल पॉलिसी लागू की है, जिसमें फाइव-एफ फार्मूला (फार्म-फाइबर-फैब्रिक-फैशन-फॉरेन) अपनाया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार किसी भी योजना के लिए वर्षों बीत जाने के बावजूद कोई निर्णय नहीं लेती है और राज्यों को विकास के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय पक्षपात करती है। देश में २१वीं सदी के प्रारंभ में भारत को शक्तिशाली बनने का अवसर मिला है, परन्तु पहले ही दशक में यूपीए सरकार ने भारत के आधुनिक विकास की आशा के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। यूपीए सरकार राजनीतिक लाभों को ध्यान में रखकर निर्णय लेती है और वैचारिक रूप से विभिन्न विचारधारा वाली राज्य सरकारों के साथ अन्याय करती है।

श्री मोदी ने चेतावनी देते हुए कहा कि राजनीतिक भेदभाव के तराजू में देश के विकास के निर्णयों को तौला नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार की सोलर एनर्जी की नीति के बावजूद यूपीए सरकार ने मात्र १०० मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया है। जबकि गुजरात सरकार ने एशिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी पार्क कार्यरत किया है और देश में अकेला गुजरात ६५० मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला राज्य बना है।

यूपीए सरकार की नीतियां देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितनी अवरोधक है, इसका उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास कोयले का भंडार है, इसके बावजूद कोयला आधारित बिजली केन्द्रों के लिए ईंधन के रूप में कोयले के वितरण का व्यवस्थापन नहीं होता। इसकी वजह से बीस हजार मेगावाट बिजली की उत्पादन क्षमता वाले केन्द्र देश में बंद पड़े हैं। गुजरात में कोयला और गैस आधारित बिजली केन्द्र आधी क्षमता से चलाने पड़ते हैं। देश को अंधकार में धकेलने के लिए यूपीए सरकार की ऊर्जा नीति जिम्मेदार है। इसके बावजूद यह भ्रम पैदा किया जा रहा है कि स्थिति अब बेकाबू हो चुकी है। जबकि सच्चाई यह है कि स्थिति बदलने के लिए जो राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए उसका केन्द्र सरकार में सर्वथा अभाव हर मोर्चे पर नजर आ रहा है।

श्री मोदी ने केन्द्र की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि विदेश नीति की सफलता के केन्द्र में देश के हितों की रखवाली सर्वोपरि होनी चाहिए जबकि वर्तमान यूपीए सरकार की विदेश नीति ऐसी है कि हमारे सैनिकों के सिर काटे जाते हैं और सिर काटने वालों को यूपीए सरकार दावत देती है। उन्होंने कहा कि गुजरात का विकास और विकास का एजेंडा आज देश भर में स्वीकृत बना है। क्योंकि वही सरकारी व्यवस्था, कारोबार और वही के वही संसाधन होने के बावजूद गुजरात ने दस वर्ष में विकास का चमत्कार कर दिखाया है।

गुजरात में उत्तम औद्योगिक विकास के साथ कृषि क्षेत्र में खेती का उत्पादन क्षेत्र ३८ लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा बढ़ गया है। गुजरात की अर्थव्यवस्था में संतुलन के लिए मैन्युफेक्चरिंग और उद्योग क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और सर्विस सेक्टर का एक समान हिस्सा रहा है। इस सन्दर्भ में देखें तो सॉइल हैल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन तथा कृषि महोत्सव द्वारा वैज्ञानिक कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में गुजरात ने उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं। श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार अब मृत्युशैया पर है। अनिर्णायकता की वजह से देश के विकास की व्यूहरचना स्थगित हो गई है लेकिन प्रधानमंत्री अब भी महंगाई घटाने के लिए कदम उठाने की सिर्फ बातें ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ३२ वर्ष के कुशासन की वजह से पिछड़ गया है। कांग्रेस सल्तनतों द्वारा किये गए गढ्ढों को भरने में गुजरात को दस वर्ष लगे हैं, वैसे ही पश्चिम बंगाल को भी गढ्ढे भरने में वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ने देश की आजादी की लड़ाई और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अनोखा योगदान दिया है।

पश्चिम बंगाल की विकास की व्यूहरचना सफल होगी तो पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत के लिए विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के प्राकृतिक संसाधनों और मानव शक्ति के सामर्थ्य का विकास में उत्तम विनियोग करने के लिए उद्योग-व्यापार जगत के अग्रणियों को अपना दायित्व निभाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास का ग्रोथ मॉडल और विकास का एजेंडा किसी अन्य राज्य के विकास की तुलना के लिए नहीं है परन्तु स्थिति को बदला जा सकता है, ऐसा भरोसा गुजरात ने पैदा किया है। मुख्यमंत्री के साथ गुजरात के विकास की विशेषताओं और भारत को शक्तिशाली बनाने के चिंतन संबंधी प्रश्नोत्तरी उद्योग-व्यापार जगत के अग्रणियों ने की। प्रारंभ में एमसीसीआई के प्रेजीडेंट दीपक जालान और अन्य दोनों चेम्बरों के प्रमुखों ने श्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि विकास की जो उपलब्धियां गुजरात ने हासिल की हैं उस पर देश को गर्व है। भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए गुजरात की व्यूहरचना पथप्रदर्शक बनी है, इसका श्रेय श्री मोदी के कुशल नेतृत्व को जाता है।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।