प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “हमारे किसानों को पानी दीजिए और फिर देखिए कि हमारे किसान क्या चमत्कार कर सकते हैं।”
वह अक्सर कहते हैं, “जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तो किसान मेरे पास आए और कहा कि हमें बिजली चाहिए। लोग आकर कहते थे कि कम से कम शाम को भोजन के दौरान बिजली का इंतजाम कर दीजिए। मैंने उनसे कहा कि ठीक है, ये हो जाएगा, लेकिन आप सभी पानी पर ध्यान केंद्रित कीजिए। जल है तो कल है। शुक्र है कि उन्होंने मेरी सलाह पर ध्यान दिया और 24/7 बिजली के साथ ही हमने जल स्तर में भी सुधार देखा।”
जल संरक्षण एक ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत सरकार बहुत अधिक ध्यान दे रही है। देश भर में जल संसाधनों के संरक्षण और नदियों की सफाई के लिए इनोवेटिव नजरिए से विचार किया जा रहा है।
इस लिहाज से महात्मा गांधी से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी पोरबंदर स्थित गांधी जी के घर का एक दिलचस्प उदाहरण देते हैं, जहां पानी बचाने पर जोर था। उन्होंने अप्रैल 2016 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैं हमेशा कहता हूं कि जो लोग पोरबंदर में महात्मा गांधी के घर जाते हैं, उन्हें वहां करीब 200 साल पहले बने अंडरग्राउंड टैंक देखने चाहिए। इन्हें बारिश का पानी जमा करने के लिए बनाया गया था। इन टैंकों में जमा पानी शुद्ध बना रहता था।”
इस अनोखे तरीके से महात्मा गांधी ने हमें जल संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश दिया। हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों को साफ पानी मिले और उनके पास उपयोग के लिए पर्याप्त पानी हो।