सार्क नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोनावायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा, "तैयार रहें, लेकिन घबराएं नहीं, यही हमारा मार्गदर्शक मंत्र है। हम इस चैलेंज से निपटने के लिए तैयार हैं। भारत की रणनीति है कि तैयार रहें, लेकिन घबराएं नहीं। यही हमारी तैयारियों का मूल मंत्र है। क्रमवार तैयारियों की वजह से भारत में कोरोना वायरस की दहशत नहीं फैल पाई है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक-एक करके उठाए गए हमारे कदमों से अफरा-तफरी से बचने में मदद मिली, संवेदनशील समूहों तक पहुंचने के लिए विशेष कदम उठाये हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने कमजोर समूहों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने अपने सिस्टम से देश भर में अपने मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देने सहित क्षमता में तेजी से वृद्धि करने का काम किया है। लोगों के संबंध बहुत प्राचीन है और हमारा समाज एक दूसरे के साथ बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है। इस वजह से हमें एक साथ तैयार होकर इससे लड़ना होगा और सफल होना होगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने महामारी से निपटने के लिए प्रत्येक चरण के लिए प्रोटोकॉल बनाये हैं। प्रवेश करने पर जांच के लिए; संदिग्ध मामलों के संपर्कों का पता लगाने के लिए; पृथक अलगाव सुविधाओं का प्रबंधन करने के लिए और सही होने के बाद की व्यवस्था के लिए सरकार ने प्रोटोकॉल तैयार किया है।
इसके अलावा, भारत ने विदेशों से अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का काम किया है। भारत ने अपनी 'पड़ोसी पहले' नीति के अनुरूप विभिन्न देशों से लगभग 1400 भारतीयों और पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को वापस लाने में मदद की है।