"Rs. 2,500 Crore of Grant Distributed Under Swarnim Jayanti Mukhya Mantri Shaheri Vikas Yojana To 175 Local Self Governing Bodies"
"Four Projects To Kick Off Under Mukhya Mantri Gruh Yojana In Urban Areas "
"Chief Minister Mr. Narendra Modi Concludes Sarvangi Shaheri Vikas Karyshibir at Mahatma Mandir in Gandhinagar "
"Urban Poor Women to Form 1 Lakh Self Help Groups- Sakhi Mandals under Mission Mangalam Yojana "
"In coming five years, state government plans to spend Rs 75,000 crore for urban development works "
"Thoughtful empowerment of local self governing bodies of different municipalities and municipal corporations "
"Major thrust on development of skilled manpower, money resources, machineries and mobility by this government"
"Use active leadership to develop avenues of different services for successful and lively urban development "

शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री गृह योजना के चार प्रोजेक्ट अमल में

महात्मा मंदिर गांधीनगर में आयोजित सर्वांगीण शहरी विकास कार्यशिविर का मुख्यमंत्री द्वारा समापन

स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के अंतर्गत 175 जितनी स्थानीय स्वराज संस्थाओं को 2500 करोड़ की ग्रांट का वितरण

शहरी मिशन मंगलम् योजना का शुभारम्भ: शहरी गरीब महिलाओं के एक लाख सखीमंडल बनाए जाएंगे

आगामी पांच वर्षों में शहरी विकास के लिए 75,000 करोड़ के भारी भरकम बजट का प्रावधान किया गया है

इस सरकार ने स्कीलमेन पावर, मनि रिसॉर्सेज मशीनरी और मोबिलिटी को प्राथमिकता दी है

प्राणवान शहरी विकास के लिए अनेक सेवा के अवसरों को सक्रिय नेतृत्व से सफल बनाएं

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात की नगरपालिकाओं, महानगरपालिकाओं के लिए शहरी विकास के करीब 75,000 करोड़ के वित्तीय संसाधनों का वितरन करते हुए कहा कि समग्र देश में गुजरात सरकार ने स्थानीय संस्थाओं को सशक्त बनाने का सुनियोजित आयोजन किया है। आगामी पांच वर्षों में राज्य में शहरी विकास के लिए 75,000 करोड़ की भारी भरकम राशि का आयोजन किया है, इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेन पावर, मनि रिसॉर्सेज मशीनरी और मॉबिलिटी को प्राथमिकता देने में गुजरात ने अनोखी पहल की है। गुजरात सरकार के शहरी विकास विभाग के तत्वावधान में आज महात्मा मंदिर, गांधीनगर में सर्वांगीण शहरी विकास का कार्यशिविर आयोजित किया गया।

गुजरात के 8 महानगरों के सेवा सदनों, 8 शहरी विकास प्राधिकरणों, 159 नगरपालिकाओं और 750 से ज्यादा स्थानीय स्वराज संस्थाओं के तमाम पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों ने 6 जितने चर्चा सत्रों में भाग लिया था। शहरी विकास मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कार्यशिविर में गुजरात में सर्वांगीण शहरी विकास के नये आयामों और कार्य उपलब्धियों की प्रेरक भूमिका पेश की। राज्य के मंत्रियों ने भी इस शिविर में भाग लिया। स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना का दूसरा चरण 15,000 करोड़ का प्रारम्भ हो गया है, इसके अंतर्गत तमाम स्थानीय स्वराज संस्थाओं को राज्य सरकार की ग्रांट का मुख्यमंत्री ने वितरण किया।

शहरीकरण में अग्रसर गुजरात में शहरी विकास सशक्त बने, शहरीयों की सुख- सुविधाओं में गुणात्मक परिवर्तन आए, खास तौर पर शहरी गरीब जनसमुदाय का जीवन स्तर सुधरे, यह अपना मकसद रहा है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या या आफत मानने की जरूरत नहीं है। गुजरात ने इसको अवसर मानते हुए शहरी विकास के सशक्तिकरण का आयोजन किया है। वर्ष 2005 में गुजरात ने शहरी विकास वर्ष मनाकर राज्य में शहरी क्षेत्र के उपेक्षित इलाकों के लिए सुविचारित मंथन शुरु किया। इसकी रूपरेखा पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा समग्र देश में शहरी क्षेत्र के विकास के आयोजन के प्रति उपेक्षा की जातीरही है, और खा तौर पर शहरी गरीबों के स्वास्थ्य की सेवाओं की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया था। जबकि गुजरात ने शहरी स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क पहली बार तैयार किया है। इसके बाद केन्द्र सरकार ने अर्बन हैल्थ मिशन खड़ा किया है।

गुजरात में शहरीकरण तेज गति से आगे बढ़ रहा है और 42.18 प्रतिशत आबादी शहरों में बसती है। शहरों के आसपास के इलाकों को भी इसमें शामिल करें तो गुजरात में 50 प्रतिशत आबादी शहरों में बसती है। राज्य का 2001 का बजट मात्र 127 करोड़ था जो आज बढ़कर 6000 करोड़ तक पहुंच गया है। इसमें भी नगरों- महानगरों का स्थानीय कोष अलग है। हमने शहरी विकास के कायाकल्प के लिए कितनी गम्भीरता से ध्यान केन्द्रित किया है,यह समझने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की स्थानीय स्वराज संस्थाओं के प्रशासन में गुणात्मक बदलाव लाकर, अनेक प्रकार के केडर बनाकर, टेक्निकल स्कील वाले विद्यार्थियों को इंजिनियरिंग अभ्यास में टेक्नो सेवा के साथ जोड़कर मानव संसाधन शक्ति टेक्नॉलॉजी कौशल्य के साथ नगरपालिकाओं के प्रशासन- विकास में प्रेरित किया है। शहरी विकास के दीर्धकालिक विकास में नगरपालिका को सशक्त बनाने केलिए ई- टेंडरिंग, अकाउंटिंग और पार्दर्शिता के साथ कर वसूली और वित्तीय संसाधन खड़े करने की प्रेरणा दी है।

नगरपालिकाओं की कर वसूली के लिएभी नित नये प्रयास हुए और कर भरने में नागरिकों ने सक्रिय दायित्व निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी विकास के लिए मेन पावर, मशीनरी रिसॉर्सेज और मनि रिसॉर्सेज के साथ मॉबिलिटी मेनेजमेंट के क्षेत्र में गुजरात ने व्यूहरचना अपनाई है। नगर विकास और शहरीविकास के लिए जिसको नेतृत्व का अवसर मिला है उसे सार्थक बनाने से नगरों का विकास तेजी से प्राणवान बनेगा और गौरव हासिल होगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्वराज के प्रशासकों को भी शहरी विकास के लिए दायित्व निभाने का मार्गदर्शन भी दिया।

शहरी जनप्रतिनिधियों के पांच वर्ष में नागरिकों की सेवा के दायित्व का भी उन्होंने मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहरी पदाधिकारी और नगरसेवक के मन में एक सपना पूरा करने की प्रतिबद्धता होनी चाहिए कि उनके कार्यकाल में कोई ऐसा काम कर जाए कि लोग उन्हें बरसों तक याद करें। गुजरात की 50 प्रतिशत शहरी नागरिकों के सेवा, सुविधाओं का दायित्व इन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के हाथ में है ऐसे में हमारी नगरसेवा किस तरह चिरंजीवी बने यह सोचने और सक्रिय होने की जरूरत है। शहरों में शौचालयों और स्वच्छता की चिंता को प्राथमिकता देने और शहरी गरीबों के बालकों के स्वास्थ्य के साथ ही युवाओं के खेल के मैदानों और झोंपड़पट्टियों में बसने वाले गरीबों, मजदूरों के बालकों- माताओं को कुपोषण से मुक्ति का अभियान चालाने का मुख्यमंत्री ने आह्वान किया।

शहरी गरीबों के युवाओं के लिए उम्मीद, स्कॉप, एम्पावर और कौशल्यवर्धन के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं ऐसे में जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों को प्रेरित करने का सुझाव देते हुए श्री मोदी ने प्रत्येक नागरिक में मेरा नगर की भावना जगाने का प्रयास करने का मार्गदर्शन दिया। नगर के प्रति ममता जगाने का नगर के जनप्रतिनिधियों का नेतृत्व काफी प्रभाव खड़ा करेगा। हमारी तमाम नगरपालिकाएं, महानगरपालिकाएं ई- गवर्नेंस में नम्बर वन बन सकती हैं। हमने ई- गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस और उससे भी आगे बढ़कर जियो स्पेशल गवर्नेंस सेशहरी क्षेत्र में पारदर्शी गवर्नेंस की पहल की है।

इस समारोह में राज्य की तमाम नगरपालिकाओं, महानगरपालिकाओं को 2500 करोड़ का बजट प्रदान करने के अवसर का महत्व समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च एंडिंग एक्सपेंडिचर नहीं बल्कि जनता के हित और सुविधाओं के संतोष हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। नागरिकों को विकास में शामिल करने के लिए शहरों में नवोदित मध्यम वर्ग की आशाओं, अपेक्षाओं की पूर्ति, शहरी गरीबों, झोंपड़े में बसने वाले गरीबों को स्थानीय स्तर पर पक्के आवास उपलब्ध करवाने, कम आय वाले वर्गों के आवास के सपनों को पूरा करने केलिए 22 लाख जितने शहरी आवास का अर्बन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरु किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है। नगर और महानगर प्रो- एक्टिव बनकर शहरी आवास योजनाओं का अमल और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से हाउसिंग प्रोजेक्ट समयबद्ध स्तर पर पूरा करने का नेतृत्व ले।

गांधीजी जिस तरह सफाई के लिए कोई समझौता नहीं करते थे, इससे प्रेरणा लेकर गांधीजी का वारिस गुजरात अपने नगरों, महानगरों की सफाईकेव मामलों में समझौता ना करे, यह अनुरोध श्री मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क से शहरों की स्वच्छता, सफाई का मॉनिटरिंग सरलता से किया जा सकता है और सूरत ने इसकी पहल की है। सूरत और अहमदाबाद जैसे प्रदूषित शहर आज स्वच्छ पर्यावरणीय शहरों में जाने जाते हैं। भविष्य में इस प्रकार के कार्यशिविर का व्यवस्थापन करने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने शहरी विकास का जोनल वर्कशॉप क्रमश: जिला स्तर पर आयोजित करने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री श्रीमती आनंदी बेन पटेल, राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, वसुबेन त्रिवेदी, अहमदाबाद, गांधीनगर सहित महानगरों के मेयर, विधायक, सांसद, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि मौजूद थे। पूरे दिन वरिष्ठ सचिवों द्वारा योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रजेंटेशन किया गया। प्रारम्भ में अग्र सचिव श्री अलोरिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। महानगरपालिका और नगरपालिकाओं के पदाधिकारियों के लिए इस कार्यशिविर का शुभारम्भ श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने किया। इस अवसर पर वन और पर्यावरण मंत्री गणपतसिंह वसावा, औडा चेयरमेन धर्मेन्द्र शाह, गुडा चेयरमेन अशोक भावसार, अहमदाबाद मनपा मेयर मीनाक्षी बेन पटेल, गांधीनगर मनपा मेयर महेन्द्र सिंह राणा सहित राज्य की तमाम महानगरपालिकाओं, नगरपालिकाओं के प्रमुख और कलेक्टर उपस्थित थे।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !