आलोचना से मजबूत बनता है लोकतंत्रः श्री मोदी
भ्रष्टाचार से छलक उठा है यूपीए सरकार के नौ वर्ष के शासनकाल का ग्लास
देश के शासकों से जनता का भरोसा उठ जाना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक
सोशल मीडिया सार्वत्रिक प्रभाव वाला माध्यम बना
गुजरात और गुजरातियों की रगों में बहता है बिजनेस
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया को लोकतंत्र का पांचवा स्तंभ करार देते हुए कहा कि अखबार, प्रिंट मीडिया, ई-मीडिया, न्यूज चैनल और सोशल मीडिया के लोकतंत्र के स्तंभ में अब सोशल मीडिया सार्वत्रिक प्रभाव वाला माध्यम बन चुका है।अहमदाबाद में अंग्रेजी दैनिक हिन्दू बिजनेस लाइन के गुजरात संस्करण का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना हमेशा स्वागत योग्य है, इससे लोकतंत्र मजबूत बनता है। लेकिन आलोचना के बजाय आरोपों से मीडिया की विश्वसनीयता घटती है। बावजूद इसके, यह हमारा दुर्भाग्य है कि वर्तमान शासक मीडिया, विशेषकर सोशल मीडिया की लोकतांत्रिक आलोचना और जनमानस की शासन विरोधी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर सकते और लोकतंत्र विरोधी कदम उठाकर सोशल मीडिया को ब्लॉक कर देते हैं।
इस सन्दर्भ में मीडिया की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि १२ वर्ष के उनके शासनकाल में सोशल मीडिया में उनके विरोधियों द्वारा प्रेरित गाली-गलौज और झूठ का लगातार दुष्प्रचार होने के बावजूद उन्होंने कभी भी सोशल मीडिया को ब्लॉक नहीं किया।वर्तमान शासकों की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जून, १९७५ में स्व. इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटकर भारत में आपातकाल लागू किया था, तब १८ महीनों तक अखबारों की स्वतंत्रता पर ताला लग गया था। देश के तत्कालीन शासकों के सामने मीडिया की मानसिकता कैसी लाचार हो गई थी, इस इतिहास से सभी वाकिफ हैं। और अब देश के वर्तमान शासकों की उनके विरोध में उठने वाले स्वरों को दबा देने की गंदी मानसिकता का शिकार सोशल मीडिया को बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मीडिया की आलोचना को व्यक्तिगत तौर पर हमेशा सकारात्मक रूप से लिया है।
उन्होंने कहा कि, मेरे खिलाफ सोशल मीडिया में आरोपों और झूठ की बौछार होती रही है, लेकिन इसी सोशल मीडिया के जरिए देश-विदेश के लाखों समर्थक तत्काल सत्य उजागर कर मेरे साथ खड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के प्रभावी आक्रमण के चलते प्रिंट एवं ई-मीडिया को जनाकांक्षा और आम आदमी की आशा-अरमानों और समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित करने को मजबूर होना पड़ा है। सोशल मीडिया टेक्नोलॉजी की देन है और हिन्दुस्तान में मीडिया जगत की डेढ़ सौ वर्ष की यात्रा में इन चुनौतियों और स्पर्धा ने इसमें गुणात्मक बदलाव लाने के लिए विवश किया है, जो भविष्य में लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।
यूपीए सरकार के नौ वर्षों के रिपोर्ट कार्ड की घोषणा के वक्त प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा यह कहने पर कि उन्हें विरासत में खाली ग्लास मिला है, श्री मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के नौ वर्ष के शासनकाल का समूचा ग्लास भ्रष्टाचार से छलक उठा है। यूपीए सरकार नीति-अनिर्णायकता (पॉलिसी पैरालिसिस) का शिकार बन गई है और अब जनता को उस पर कोई भरोसा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र के लिए वर्तमान शासन संकट के समान है और यह सभी के लिए चिंता का विषय है।
श्री मोदी ने संचार टेक्नोलॉजी के आज के प्रतियोगी जमाने में सरकारों के लिए ई-गवर्नेंस ही नहीं बल्कि मोबाइल-गवर्नेंस की तकनीक को भी उसी गति से आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।मुख्यमंत्री ने गुजरात एवं गुजरातियों की रगों, सांसों, काम और कदमों में अहर्निश बिजनेस ही धड़कने का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात में सामान्य व्यक्ति भी व्यापार-वाणिज्य एवं शेयर बाजार के प्रति अनोखा आकर्षण रखता है। बिजनेस इकॉनोमी के मीडिया विश्व के लिए गुजरात एक प्रभावी राज्य है।
सीआईआई अध्यक्ष और इंफोसिस के को-चेयरमैन गोपाल कृष्णन ने गुजरात जैसे आर्थिक विकास के मॉडल राज्य से बिजनेस लाइन अखबार के शुरू होने का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अब वैश्विक स्तर के नेता का कद रखते हैं। उन्होंने गुजरात की आर्थिक प्रगति की पथप्रदर्शक सफलता हासिल की है।बिजनेस लाइन के संपादक डी. संपतकुमार ने अंग्रेजी दैनिक के गुजरात संस्करण की शुरूआत की भूमिका पेश करते हुए स्वागत भाषण दिया।
इस अवसर पर गुजरात के व्यापार-उद्योग और आर्थिक क्षेत्र के आमंत्रित उपस्थित थे। हिन्दू ग्रुप-बिजनेस लाइन के सीईओ अरुण अनंत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।