77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि आने वाले महीने में विश्वकर्मा जयन्ती पर विश्वकर्मा योजना लॉन्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह योजना परम्परागत कौशल्य वोले लोग अर्थात वह लोग जो औजार से और अपने हाथ से काम करने वाले वर्ग यानि जो कि ज्यादातर ओबीसी समुदाय से है। जैसे कि सुथार हों, सुनार हों, राजमिस्त्री हों, कपड़े धोने वाले काम करने वाले लोग हों, बाल काटने वाले भाई-बहन परिवार, ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने का काम करेगी। इस योजना का आरंभ लगभग13-15 हजार करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा।
आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर हाथ से काम करने वाले ज्यादातर ओबीसी समुदाय को सशक्त बनाने के लिए 13000- 15000 हजार करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगे : नरेन्द्र मोदी@ लाल किला #हर_घर_तिरंगा @PIB_India @MSJEGOI pic.twitter.com/XM09iV9cQY
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लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम दिव्यांगजनों के लिए एक सुगम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पैरालिंपिक में भी हिन्दुस्तान का तिरंगा झंडा लहराने के लिए दिव्यांगजनों को सामर्थ्यवान बना रहे हैं। जिसके लिए खिलाडि़यों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जारही हैं। अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत के पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, और डाइवर्सिटी है। उन्होंने कहा कि डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है।
Let's celebrate 🫡 Independence Day🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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We have demography, diversity , and democracy . It means we have a powerful 'TRIVENI' .#HarGharTiranga#BharatInternetUtsav@MSJEGOI @PIB_India pic.twitter.com/QkuKlaEDt3