"Narendra Modi flags off 'Run for Unity' in Vadodara"
"Shri LK Advani ji flags off 'Run for Unity' from Ahmedabad"
"Narendra Modi pays rich tributes to Sardar Patel"
"There can be no bigger inspiration for the message of unity that Sardar Patel: Narendra Modi "
"Our diversity is our strength. In diversity there is unity and this has been so for ages: Narendra Modi "
"We are running for unity, we are running to unite the people, to unite the villages and to unite the nation: Narendra Modi "
"Let us integrate future generations with the message of unity: Narendra Modi "
"This is a matter of Rashtra Bhakti. It is an effort to fulfill the dreams and aspirations of the people. Please do not view it through the prism of politics: Narendra Modi "

भारत भर में रन फॉर यूनिटी का महाअभियान संपन्न

वड़ोदरा में मुख्यमंत्री ने कराया रन फॉर यूनिटी को प्रस्थानः ढाई लाख से अधिक नगरजनों ने की शिरकत

एकता, सुशासन और जनभागीदारी के तीन आधारस्तंभ पर विश्व की महासत्ता बनेगा भारतः श्री मोदी

११०० से अधिक स्थानों में ४० लाख से ज्यादा लोग एकता की दौड़ में शामिल हुए

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के एकता के मंत्र का साक्षात्कार कराने वाली रन फॉर यूनिटी के राष्ट्रीय अभियान का आज वड़ोदरा से प्रारंभ कराते हुए कहा कि एकता, सुशासन और जनभागीदारी की शक्ति के तीन आधारस्तंभों पर भारत को विश्व की महासत्ता बनाने का यह राष्ट्रीय आंदोलन है।

उन्होंने कहा कि भारत की विविधता उसकी विशेषता है, न की विवशता। भारत की विविधता में एकता की शक्ति को मजबूत बनाने का दायित्व हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ी का अविरत कर्त्तव्य है।

Narendra Modi flags off ‘Run for Unity’ in Vadodara

आज सरदार साहेब की ६३वीं पुण्यतिथि पर सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के तत्वावधान में वड़ोदरा में अल सुबह ढाई लाख से अधिक नगरजनों की भागीदारी के साथ मुख्यमंत्री ने रन फॉर यूनिटी के धावक भाई-बहनों की एकता के लिए दौड़ को प्रस्थान कराया।

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के जरिए लौह पुरुष सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची १८२ मीटर की प्रतिमा स्थापित कर एकता का भव्य स्मारक बनाने के प्रकल्प का शिलान्यास ३१ अक्टूबर सरदार जयंती को मुख्यमंत्री ने किया था और आज सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर समग्र देश में एकता की जनशक्ति का साक्षात्कार कराने वाली रन फॉर यूनिटी को श्री मोदी ने प्रस्थान कराया।

सरदार साहेब ने देश के लोगों को गांधी जी के साथ जोड़ा, आजादी के आंदोलन के साथ जोड़ा, किसानों को सत्याग्रह के साथ जोड़ा और स्वराज के पश्चात प्रशासनतंत्र को सुराज की स्थापना के लिए सुशासन के साथ जोड़ने का अभियान चलाया। इसकी भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दुनिया में भारत को महासत्ता बनाने के लिए एकता और सुशासन ही हमारी बुनियाद है और सुराज्य के लिए सवा सौ करोड़ की जनभागीदारी को प्रेरित करने का यह अभियान है।

उन्होंने कहा कि सरदार साहेब के एकता के मंत्र से गुजरात गत दस वर्ष से जनशक्ति के जरिए विकास का मॉडल प्रदान कर रहा है। श्री मोदी ने आह्वान किया कि, गुजरात की तरह हिन्दुस्तान भी एकता की ताकत पर जन-जन को जोड़ते हुए महासत्ता बने।

Narendra Modi pays rich tributes to Sardar Patel

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाअभियान के लिए गुजरात तो बस एक निमित्त है, यह तो सवा सौ करोड़ भारतीयों के जन-जन को जोड़ने का अभियान है। यह एकता ही भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

श्री मोदी ने भारत की विविधतापूर्ण विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि, भारत की विविधता उसकी कमजोरी या विवशता नहीं बल्कि इस विविधता में एकता का स्वाद, एकता का मंत्र और एकता का रक्त सदियों से एकरूप होकर बह रहा है। इस विविधता का आदर-सम्मान कर उसे पुरस्कृत करने वाली भारत की एकता की बुनियाद को सुदृढ़ बनाए रखना यह वर्तमान और भावी पीढ़ी का दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की विविधता कागज का कोई गुलदस्ता नहीं, हमारी शक्ति-सामर्थ्य का स्त्रोत है। यह सिर्फ हमारी पहचान नहीं हमारा पहनावा है लिहाजा, इसे एकता के मंत्र से जोड़ने का, संवारने और सजाने का कर्त्तव्य प्रत्येक देशवासी का है। इस एकता के लिए सरदार पटेल से बढ़कर कोई प्रेरणामूर्ति नहीं हो सकती।

Narendra Modi pays rich tributes to Sardar Patel

उन्होंने कहा कि भारत का उज्जवल भविष्य तीन परिबलों पर अवलंबित है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक जन-जन की एकता, सुराज्य यानी की सुशासन, जो इस सदी की मांग है और सरकार आधारित नहीं बल्कि जनभागीदारी से आगे बढ़ने की भव्य परंपरा। श्री मोदी ने विश्वास जताया कि इन तीन आधारस्तंभों पर ही भारत विश्व की महासत्ता बन सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को एकता के मंत्र से जोड़ने के लिए हम देश की दो लाख से अधिक स्कूलों का संपर्क कर विविध भाषा, पहनावा और संस्कृति के बच्चों के लिए एकता के विषय पर निबंध स्पर्धा आयोजित कर रहे हैं, जिसमें प्रथम स्थान आने वाली ५५०० स्कूलों के बच्चों को २.५० करोड़ रुपये का पारितोषिक प्रदान किया जाएगा।

श्री मोदी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल की स्मृति में देश भर से लोहा एकत्र करेंगे, चूंकि सरदार किसान थे इसलिए किसानों के औजार का विनियोग करेंगे साथ ही वे एकता के प्रतीक थे इसलिए ७ लाख गांवों को एकता के जरिए जोड़ेंगे। गुजरात से प्रारंभ हुआ यह आंदोलन देश के १२५ करोड़ लोगों को जोड़ेगा।

इस जनआंदोलन को राजनीति के साथ नहीं जोड़ने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रभक्ति का आंदोलन है। एकता देश को जोड़ने वाली अद्भुत जड़ीबुटी है और इस एकता की ताकत के जरिए ही भारत का स्थान वैश्विक फलक पर सरदार साहेब की प्रतिमा के समान सर्वोच्च बनेगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वड़ोदरा मैराथन की २१ और १५ किमी दौड़ के धावकों को भी प्रस्थान कराया। विराट जनसैलाब के माहौल में मानव एकता का अद्भुत नजारा सृजित हुआ था।

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री सौरभभाई पटेल, सांसद बालकृष्ण शुक्ल, मुख्य सचिव वरेश सिन्हा, महापौर भरतभाई शाह, विधायकगण जीतुभाई सुखड़िया, योगेशभाई पटेल, राजेन्द्रभाई त्रिवेदी, मनीषाबेन वकील और सूचना आयुक्त भाग्येश झा, कलक्टर विनोद राव, मनपा आयुक्त मनीष भारद्वाज सहित अग्रणी मौजूद थे।

Narendra Modi pays rich tributes to Sardar Patel

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Narendra Modi flags off ‘Run for Unity’ in Vadodara

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !