प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी दो दिन की बांग्लादेश यात्रा आज समाप्त हो रही है लेकिन सही मायने में तो अब यात्रा शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनका स्वागत किया गया, ये स्वागत सम्मान सवा सौ करोड़ भारतवासियों का है।

वे एक सभा को संबोधित कर रहे थे जिसमें भारतीय समुदाय के सदस्य, बांग्लादेश की राजनीति, संस्कृति, व्यापार क्षेत्र से जुड़े प्रख्यात लोग, शिक्षाविद और ढाका विश्वविद्यालय के छात्र शामिल थे। उन्होंने कहा कि लोग सोचते थे कि हम दोनों देश सिर्फ पास-पास हैं लेकिन अब पूरे विश्व को स्वीकार करना पड़ेगा कि हम सिर्फ पास-पास नहीं बल्कि साथ-साथ भी हैं।

उन्होंने कहा कि वह इस बात से बेहद प्रसन्न हैं कि बंगबंधु की पुत्री की उपस्थिति में मुक्ति योद्धा राष्ट्रपति ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी को बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध सम्मान से सम्मानित किया। इस सम्मान को वाजपेयी जी की ओर से श्री मोदी ने ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि एक युवा व्यक्ति के रूप में, राजनीति में उनका पहला अनुभव एक सत्याग्रही के रूप में था जब बांग्लादेश की मान्यता के लिए सत्याग्रह चल रहा था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकासशील देशों पर दुनिया की नजर बहुत कम जाती है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन इसके बावजूद बांग्लादेश ने कई क्षेत्रों में अद्वितीय कार्य किया है। उन्होंने कपड़ा क्षेत्र में बांग्लादेश के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल की अपनी चीन यात्रा के दौरान उन्हें यह सुनकर काफ़ी अच्छा लगा कि एक विकासशील देश ऐसी उपलब्धि हासिल कर सका है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की समृद्धि से भारत को भी लाभ प्राप्त होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कई राज्य शिशु मृत्यु दर आदि कई सामाजिक संकेतकों पर बांग्लादेश से सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की प्रगति से भारत भी गौरवान्वित महसूस करता है क्योंकि भारतीय सैनिकों ने भी इस देश के जन्म के लिए अपना खून बहाया है।

 प्रधानमंत्री ने आर्थिक विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति के लिए एक मजबूत नींव रखी जा रही है।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश युवा देश हैं, युवाओं के सपने हैं। उन्होंने कहा कि जिस देश के पास ऐसा सामर्थ्‍य हो और विकास को समर्पित नेतृत्‍व हो, कुछ कर-गुजरने की उमंग हो, वह देश बहुत तरक्की करेगा, बांग्‍लादेश की विकास यात्रा कभी रूक नहीं सकती है।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि भू-राजनीति में विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि विश्व को अब विकासवाद की जरुरत है न कि विस्तारवाद की।

 दोनों देशों के बीच भूमि सीमा समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समझौता दिलों को जोड़ने वाला समझौता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश दोनों बौद्ध सर्किट की स्थापना करना चाहता है – जहाँ बुद्ध हैं वहां युद्ध नहीं हो सकता है। उन्होंने एक अखबार के संपादकीय का उल्लेख करते हुए कहा कि भूमि सीमा समझौता बर्लिन की दीवार गिरने के बराबर है। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह बात माननी पड़ेगी कि यही लोग हैं जो अपने बल-बूते पर दुनिया में अपना रास्ता खोजते हैं, रास्ता बनाते हैं, और उस पर चल पड़ते हैं। 

 प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश में ढाका विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि महासागर अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए भारत समुद्र विज्ञान पर ढाका विश्वविद्यालय के साथ काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्क देश पिछले सार्क शिखर सम्मेलन में कनेक्टिविटी स्थापित करने को लेकर उत्सुक थे - लेकिन फिर - हर कोई तो बांग्लादेश होता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान ने अब इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से बहुत विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अन्योन्याश्रित बन गई है और कोई भी देश अकेले काम नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश इसे जानते हैं और इस यात्रा के दौरान हुए 22 समझौतों से यह दिखता है। उन्होंने इसे पूरा करने के लिए बांग्लादेश के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपग्रह से अगर तस्वीर ली जाए तो यह दिखेगा कि सार्क देशों में अभी भी अंधेरा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश एक साथ मिलकर काम करेंगे तो इस अंधकार को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में बिजली संयंत्र बैठाने के लिए आवश्यक उपकरणों को ले जाने में बांग्लादेश ने मदद की और अब बांग्लादेश को उस बिजली संयंत्र से 100 मेगावाट बिजली प्राप्त हो रही है।

प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में साझा क्षमता पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ किया है और यह अत्यंत गर्व की बात है। उन्होंने ढाका में लगी होर्डिंग का भी उल्लेख किया जिसमें महिला क्रिकेट खिलाड़ी सलमा खातून की तस्वीर लगी थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश क्रिकेट टीम का उदय बांग्लादेश की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ कदम मिलाकर चलना गर्व की बात है।

प्रधानमंत्री ने यह भी माना कि कुछ कार्य अभी भी पूर्ण किये जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि पंछी, पवन और पानी को किसी वीजा की जरूरत नहीं होती है और इसलिए तीस्ता मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण के साथ हल किया जाना चाहिए। सीमा पर दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका हल ढूँढना दोनों पक्षों की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि अवैध मानव तस्करी और नकली मुद्रा ऐसे मुद्दे थे जिसे हल करने के लिए बांग्लादेश ने अपनी इच्छा व्यक्त की थी।

प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत को अभी भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसने जमीन हासिल करने के लिए कभी लड़ाई नहीं की। उन्होंने कहा कि 75,000 भारतीय सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध में और 90,000 भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में दूसरों के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने दुनिया भर में शांति अभियानों में भारत की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक मुक्ति योद्धाओं के साथ बांग्लादेश के लिए भी लड़े। इसके बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिली है। 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तानी कैदियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा भारत ने 90,000 सैनिकों को मुक्त किया क्योंकि भारत बांग्लादेश का कल्याण और प्रगति चाहता था। उन्होंने कहा कि यह घटना अपने आप में पर्याप्त होनी चाहिए थी और भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिल जानी चाहिए थी।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही दिन सार्क नेताओं को आमंत्रित किया था जो यह दर्शाता है कि हम सार्क देशों के साथ मिलकर प्रगति करना चाहते हैं।

उन्होंने इस पर अपनी ख़ुशी जताई कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को जड़ से मिटाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इसलिए सभी मानवीय बलों को एकजुट होकर इससे लड़ने की जरुरत है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सोच एक है – और वह है विकास।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.