समग्र विश्व में युवा बौद्धिकों और उद्यमियों के लिए विशाल अवसर हैं, युवा इसमें छा जाएं : मुख्यमंत्री

श्रम एव जयते का महत्व समझें

विश्व के अनेक समृद्ध देश युवावस्था पार कर वृद्धावस्था में पहुंच गए हैं जबकि हिन्दुस्तान अकेला सबसे युवा देश बन गया है.

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के अंतर्गत यंग एंटरप्रिनियोर्स मीट में युवा उद्यमियों को प्रेरक मार्गदर्शन देते हुए समग्र विश्व में युवा बौद्धिकों और युवा उद्यमियों का आह्वान किया कि उनके लिए विशाल अवसर पैदा हुए हैं इसलिए वे इस्में छा जाने का सामर्थ्य दिखाएं।

यह वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट कितने व्यापक क्षितिजों में फैला हुआ है इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि इस समिट में 127 जितने ईवेंट्स के अवसरों में सभी को समाहित कर लिया गया है। युवा उद्योगपतियों को कुछ नया करने की प्रेरणा देश के एक छोटे से राज्य गुजरात ने दी है। अन्य राज्य अब इसका अनुसरण करते हैं मगर गुजरात तो हमेशा नया गतिशील करने को तत्पर है। गति और प्रगति का चिंतन नये परिणामों पर युवा उद्यमियों को अपने सपने साकार करने को आमंत्रित करता है। गुजरात तो आनेवाले कल के युवाओं के अपने सपने आंखों में संजोने के लिए उद्दीपक बनना चाहता है।

इतनी विशाल जनशक्ति वाले वाले देश में ऐसे युवा होने चाहिए जो जिन्दगी में क्या मकसद हासिल करना चाहते हैं, उसकी ऊर्जा भीतर से प्रगट होनी चाहिए। भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और 2020 में तो हिन्दुस्तान की औसत आयु 29 वर्ष होगी जबकि दूसरी ओर अमेरिका, युरोप, जापान और चीन वृद्धावस्था में पहुंच गये हैं। इस हालात में समग्र विश्व में युवाओं और युवा बौद्धिकों के लिए विशाल अवसर पैदा हो रहे हैं। श्री मोदी ने इन अवसरों का लाभ उठाने की युवा उद्यमियों से अपील की।

कई युवा ऐसे हैं जो अपने कौशल्यबल से अन्यों को जीवन का नया मार्ग बनाने की प्रेरणा देते हैं।

इसका उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि कौशल्य विकास से प्रशिक्षित युवाओं के लिए सर्विस सेक्टर और सर्विस प्रोवाइडर का विशाल क्षेत्र खुल गया है।

यंग एंटरर्प्रिनियोर्स मीट:

व्हाइट कॉलर जॉब नहीं बल्कि श्रम एव जयते के परिश्रम का महत्व और महिमा समझने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिश्रम का गर्व और गौरव करने वाले उद्यमियों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। ज्यादातर युवाओं की कार्य विफलता का कारण शॉर्ट्कट रास्ते को बतलाते हुए उन्होंने कहा कि इस मानसिकता में से बाहर आने की जरूरत है। अपने सामर्थ्य और व्यक्तित्व की पहचान करने के लिए जागृत चिंतन करके विशाल दायरे में विचारों का आदान-प्रदान करने की रूपरेखा श्री मोदी ने रखी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 घंटे बिजली की कमी से जूझने वाले गुजरात राज्य में ज्योतिग्राम जैसी 24 घंटे बिजली आपूर्ति वाली योजना के बारे में किसी ने सोचा भी ना था लेकिन इस योजना को बनाकर लागु किया गया और ग्रामीण तथा कृषि फीडर्स को अलग करके गुजरात ने बिजली आपूर्ति क्षेत्र में क्रांति कर दी। 24 घंटे बिजली सुविधा से गांवों की आर्थिक- सामाजिक तासीर बदल दी गई है। गुजरात ने स्थिति बदलने के लिए जो प्रयास किए उनमें पर्यटन क्षेत्र में गुजरात ने दस साल में किस तरह अपनी पहचान बनाई और किस तरह अमिताभ बच्चन के माध्यम से यह किया गया, इसका श्री मोदी ने उदाहरण दिया।

उद्योग, व्यापार जगत में अपना स्थान बनाने की प्रतिबद्धता के लिए युवाओं को प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि अब नवोदित धनाढ्यों की नयी पीढ़ी को संघर्ष करके सामने से चुनौती झेलने का मिजाज दर्शाना होगा।

युवक सेवा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रमणलाल वोरा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

कार्क्रम में यंग इंडियंस की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनुपमा आर्या ने युवा उद्यमियों को प्रेरक मार्गदर्शन दिया। युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग के सचिव भाग्येश झा, युवा उद्योगपति और डेलिगेट्स इस मौके पर मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।