श्री नरेन्द्र मोदी ने विवेकानंद युवा विकास यात्रा को कच्छ जिले के कुछ हिस्सों में संबोधित किया।
सभी आयु वर्ग तथा समुदाय के लोगों ने इस यात्रा में भाग लेकर इस यात्रा तथा श्री मोदी को भारी समर्थन दिया।
अब तक तो कांग्रेस के खोदे गए गढ्ढों को भर रहा हूँ, पूर्ण विकसित गुजरात की तरफ यात्रा तो दिसंबर के बाद शुरू होगी : श्री मोदी
पहले जो पैसा मध्यस्थों की जेबें भरता था, अब विकास के कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है : श्री मोदी
पिछले आठ सालों में हमने दिल्ली से कोई अच्छी खबर सुनी है? श्री मोदी का सवाल
झांसी की महारानी लक्ष्मी बाई की तरह, जिन्होंने घोषणा की थी कि ‘मेरी झांसी नहीं दूंगी’, गुजरात के लोगों को भी संकल्प लेने की जरूरत है कि ‘हमारा गुजरात नहीं देंगे’।
5 अक्टूबर, 2012 को श्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ जिले के भागों में विवेकानंद युवा विकास यात्रा को संबोधित किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने रापर तथा भचाऊ में भारी भीड़ भरी जनसभाओं को संबोधित किया। इस यात्रा को अपना सहयोग व समर्थन जाहिर करने के लिए विभिन्न आयुवर्ग तथा समुदायों के लोग इसमें शामिल हुए थे। श्री मोदी गुजरात के विकास के बारे में विस्तार से बोले और कांग्रेस कि फूट डालो और राज करो वाली दिशा पर काफी बरसे..!
श्री मोदी ने लोगों से पूछा कि क्या वे पिछले कुछ सालों में हुए विकास की गति से खुश हैं, जिस पर जनता ने पूरे उत्साह के साथ जवाब दिया कि, “हाँ..!” पर श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने इतने समय में जो किया है वह तो कांग्रेस के 60 साल के शासन काल में हुए गड्ढों को भरने का काम किया है। गुजरात के विकास की यात्रा तो दिसंबर के बाद प्रारंभ होगी।
श्री मोदी ने ज्योर्तिग्राम योजना की सफलता की भी बात की तथा विश्वास जताया कि 25 किलोमीटर की परीधि में गुजरात में किसी भी दिशा में चले जाइए, आपको कोई ना कोई विकास का काम होता नजर आ ही जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि ‘मोदी इस सब के लिए पैसा कहां से लाता है’ जिसके जवाब में श्री मोदी कहते हैं कि पहले पैसा कुछ चुनिंदा लोगों की जेबों को भरता था, अब वह जनता के विकास के लिए खर्च किया जाता है।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री कांग्रेस पर जोरों से बरसे और कहा कि वे झूठ फैला रहे हैं तथा गुजरात को काफी लंबे समय से बदनाम कर रहे हैं तथा आने वाले चुनावों में उनका सूपड़ा साफ हो जाएगा। श्री मोदी ने बताया कि उनके इन निरंतर झूठ के खिलाफ चुप रहने पर अक्सर सवाल किया जाता है, परन्तु उनकी यह चुप्पी इसलिए है कि उन्हें अपने लोगों पर अपार विश्वास है, जो इन तत्वों को करारा जवाब देंगे।
उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने पिछले आठ सालों में दिल्ली से कोई अच्छी खबर सुनी है और कहा कि जब दुनिया 21 वीं सदी को हिंदुस्तान की सदी कहती है, तब 19 राज्य की 60 करोड़ जनता को 48 घंटे गहरे अंधकार में गुजराने पड़े थे..! उस समय, दुनिया ने देखा कि गुजरात जगमगा रहा था।
कांग्रेस के गुजरात कि दिशा और दशा बदलो वाले विज्ञापनों पर श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की दिशा है कोयला घोटाला, 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला, सी.डब्ल्यू.जी. घोटाला, भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति तथा पूछा कि क्या गुजरात ये दिशा लेना चाहता है..!
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जबकि कांग्रेस कि दिशा फूट डालो और राज करो वाली है, भाजपा कि दिशा है ‘सबका साथ, सबका विकास’। उन्होंने चिंता जताई कि क्या होता यदि 2001 में कच्छ के भूकंप के समय में कांग्रेस सत्ता में होती और कहा कि तब फिर गांधीनगर में दूसरा भूकंप आता। श्री नरेन्द्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि क्योंकि गुजरात के लोगों ने बहुत सालों से कांग्रेस को बाहर कर दिया है, उनकी दिशा विकास की हो गई है। उन्होंने ऐलान किया - झांसी की महारानी लक्ष्मी बाई की तरह, जिन्होंने घोषणा की थी कि ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’, गुजरात की जनता को भी संकल्प लेना होगा कि ‘हमारा गुजरात नहीं देंगे’।
कुछ दिन पहले यू.पी.ए. अध्यक्षा सोनिया गांधी के गुजरात दौरे पर श्री मोदी ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें विश्वास हुआ था जब वो कह रही थी कि मोदी के समय में कोई विकास नहीं हुआ है..? उन्होंने कहा कि वे गुजरात को बदनाम करने वाले लोगों के साथ स्वयं न्याय करें। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी के सलाहकारों को उन्हें सही सलाह देने की आवश्यकता है तथा उन्होंने बताया कि राजीव गांधी फाउन्डेशन, जिससे श्रीमती गांधी तथा उनका परिवार बहुत करीब से जुड़ा हुआ है, उसकी एक रिपोर्ट में गुजरात के विकास की प्रशंसा की गई है।
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद जी को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की और कहा कि उन्हें इस विवेकानंद युवा विकास यात्रा के दौरान लोगों के असीम प्यार को देखने का अवसर मिला है।
कच्छ और श्री मोदी : विकास का अटूट बंधन
26 जनवरी, 2001 को कच्छ में एक बड़ा भूकंप आया जिसने इस प्रदेश को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। उस समय कच्छ तथा गुजरात को भी के लोगों के द्वारा नष्ट मान लिया गया था, लेकिन बहुत जल्द, ना सिर्फ पूरा राज्य अपने पैरों पर खड़ा हो गया बल्कि सम्मिलित विकास की पहली कतार में शामिल भी हो गया।
आज, श्री नरेन्द्र मोदी के वाईब्रेंट नेतृत्व में कच्छ भारत के सबसे तेजी से विकसित होने वाले जिलों में से एक के रूप में उभरा है। श्री मोदी ने रण उत्सव, एक पर्यटक उत्सव जिसने हजारों पर्यटकों को अपनी ओर खींचा है, के जरिये कच्छ को दुनिया के नक्शे पर रख दिया है।
कच्छ के किसान प्रगति की नई ऊचांइयों को छू रहे हैं तथा खजूर की खेती जैसी कुछ बहुत ही अभिनव चीज़ें कर रहे हैं। इस तरह की कहानियां एक दशक पहले सुनने को नहीं मिलती थीं।
कच्छ अपने आप में एकस्टील हबकेरूप में भी उभरा है।
वही सरकार, वही तंत्र और वही व्यवस्था के साथ श्री मोदी ने इस क्षेत्र को परिवर्तित कर दिया है तथा दुनिया को दिखा दिया है कि विकास की ताकत क्या होती है..! श्री मोदी के नेतृत्व में, ‘कच्छ नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा’ कहावत पहले से ज्यादा सही साबित हो रही है।