विकसित भारत: पीएम मोदी का विजन

Published By : Admin | February 24, 2024 | 16:43 IST

“आज हर संस्थान और हर व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए कि हर प्रयास और कार्य विकसित भारत के लिए होगा। आपके लक्ष्य, आपके संकल्पों का उद्देश्य एक ही होना चाहिए- विकसित भारत"- पीएम नरेन्द्र मोदी, विकसित भारत @2047: वॉयस ऑफ यूथ के शुभारंभ पर।

विकसित भारत का प्रधानमंत्री मोदी का विजन, देश की समृद्धि का संपूर्ण खाका है, न कि केवल एक नारा। यह विजन भारत के अमृत काल के दौरान एक मार्गदर्शक सिद्धांत होगा। सामाजिक परिवर्तनों, टेक इनोवेशन और आर्थिक सुधारों के संयोजन के साथ, प्रधानमंत्री मोदी भारत को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई देने के लिए तत्पर हैं। इस विजन में आर्थिक विकास से लेकर समावेशी विकास और टेक इनोवेशन को आत्मसात करने तक कई कंपोनेंट्स हैं।

विकसित भारत का एक प्रमुख उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को अर्थव्यवस्था में भाग लेने में सक्षम बनाना है। पीएम मोदी जिस अर्थव्यवस्था की कल्पना करते हैं वह मजबूत, समावेशी और नौकरी तथा उद्यमशीलता के अवसरों से भरी है। इसमें निवेश को प्रोत्साहित करने, आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और विभिन्न उद्योगों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को लागू करना शामिल है। कारोबार विस्तार और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सरकार का समर्पण मेड इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने से प्रदर्शित होता है। डिजिटाइजेशन, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और एक संपन्न स्टार्टअप कम्युनिटी के समर्थन के साथ, प्रधानमंत्री मोदी लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने और राष्ट्र की पूर्ण आर्थिक क्षमता को साकार करने की उम्मीद करते हैं।

विकसित भारत के विजन का एक अन्य महत्वपूर्ण कंपोनेंट, सतत विकास को बढ़ावा देने और सभी के जीवन स्तर में सुधार के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना है। देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर के गैप को पाटने के लिए, सरकार बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स शुरू कर रही है, जिसमें विश्व स्तरीय सड़कें, ट्रेन और पोर्ट्स के निर्माण से लेकर डिजिटल कनेक्शन बढ़ाना और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि को अपडेट करना शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना, भारतमाला, सागरमाला और स्मार्ट सिटीज मिशन जैसी परियोजनाएं रहने योग्य, टिकाऊ शहरों के निर्माण, कनेक्टिविटी बढ़ाने और सभी को किफायती आवास प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं। वंदे भारत ट्रेन, उड़ान पहल ने आम नागरिकों के लिए यात्रा के अनुभव को परेशानी मुक्त बना दिया है। इसी तरह, मेट्रो ट्रेनों के विस्तार ने भी शहरों के भीतर एक सहज यात्रा अनुभव सुनिश्चित किया है। पीएम मोदी उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं, आर्थिक क्षमता को उजागर करना चाहते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश के माध्यम से जीवन स्तर को बढ़ाना चाहते हैं।

विकसित भारत, समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देता है ताकि आर्थिक प्रगति से सभी को लाभ मिल सके। प्रशासन ने वंचित आबादी का समर्थन करने, हाशिए के समुदायों को सशक्त बनाने और सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा का विस्तार करने के लिए कई ऐतिहासिक पहल शुरू की हैं। आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और प्रधानमंत्री जन-धन योजना जैसे कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय समावेशन, लिंग समानता और स्वच्छता बढ़ाने के लिए सरकार के समर्पण को इंगित करते हैं। पीएम मोदी एक अधिक समावेशी और समतामूलक समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहां सभी लोग समृद्ध हो सकें, और वह सामाजिक कल्याण पर अधिक महत्व देकर इसे पूरा करते हैं। जन औषधि केंद्र जैसी पहल गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के व्यक्तियों को 80% छूट पर दवाएं प्रदान करके 30,000 करोड़ रुपये बचाने में सक्षम रही है।

पर्यावरणीय स्थिरता के संबंध में, विकसित भारत का लक्ष्य, भारत को हरा-भरा और स्वच्छ बनाना है। सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन और नेशनल सोलर सहित रिन्यूएबल एनर्जी उपयोग, जल संरक्षण और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं। वैश्विक स्तर पर, पीएम मोदी ने सतत विकास सिद्धांतों और इंटरनेशनल सोलर अलायंस का समर्थन किया है। सरकार का उद्देश्य पर्यावरणीय समस्याओं को कम करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक टिकाऊ भविष्य बनाना है; इस प्रकार, यह संरक्षण पहल, जलवायु-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी का समर्थन करता है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत पर्यावरण मानकों को बनाए रखने के लिए समर्पित है और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित विद्युत शक्ति क्षमता का लगभग पचास प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है।

पीएम मोदी के विकसित भारत के प्रमुख स्तंभों में से एक गवर्नेंस में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर टिकी हुई है। आधार और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से, सरकार ने सब्सिडी और कल्याणकारी लाभों के वितरण को सुव्यवस्थित किया है, लीकेज को कम किया है और यह सुनिश्चित किया है कि सहायता सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। TDBT ने सरकार को दस करोड़ फर्जी नामों को खत्म करने और लीकेज को सफलतापूर्वक रोकने में मदद की। DBT ने देश में करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में पड़ने से बचाए हैं। इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान और परेशानी मुक्त पहुंच प्राप्त हुई है। कुल मिलाकर, कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने पर सरकार का जोर समावेशी विकास और सभी नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

पीएम मोदी के विकसित भारत के विजन से प्रेरित होकर भारत हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। चाहे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला राष्ट्र बनना हो या दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होना हो, भारत निर्विवाद रूप से विकास के पथ पर बढ़ रहा है। PRASHAD योजना और स्वदेश दर्शन योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ता सांस्कृतिक पुनरुत्थान यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय संस्कृति ने वैश्विक मंच पर व्यापक लोकप्रियता हासिल की है।

पीएम मोदी का विकसित भारत का विजन, भारत की पूरी क्षमता को हासिल करने और देश को अभूतपूर्व विकास और समृद्धि के लिए प्रेरित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी और अभूतपूर्व योजना पर आधारित है। एक अधिक लचीला और समावेशी समाज स्थापित करना जहां जनभागीदारी राष्ट्र की सफलता की कहानी का आधार है। इसके अलावा, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सामाजिक कल्याण, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करती है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।