"Narendra Modi addresses inaugural session of Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit"
"Punjab CM Parkash Singh Badal ji attends inaugural session of Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit"
"Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit is a platform that enables progressive farmers from all over the nation to share their experiences in farming: Narendra Modi"
"Increasing productivity is important. We should work on how to grow more in reduced amount of land: Narendra Modi"
"Narendra Modi stresses on integrating IT and E-Governance with farming"
"In the coming days the importance of organic farming will increase and the focus would be on holistic healthcare: CM"
"Such an event happening for the first time, it should happen all over India: Shri Parkash Singh Badal"
"For so many years the farmers have contributed to the nation thus, it is for the Government to help the farmers when they face any crisis: Shri Badal"
"Villages and farmers should get top priority: Shri PS Badal"

 

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिटः विश्व कृषि सम्मेलन का शानदार प्रारंभ

महात्मा मंदिर, गांधीनगर में हिन्दुस्तान की किसान शक्ति का साक्षात्कार

किसान मैत्रीपूर्ण कृषि नीति आज के समय की मांग हैः श्री मोदी

हिन्दुस्तान के किसानों को आधुनिक कृषि टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक खेती से सशक्त करने की पहल गुजरात ने की

देश के किसान खेती छोड़ रहे हैं, वर्तमान भारत सरकार की घोर उदासीनता कृषि विकास के लिए बड़ा संकट

कृषिप्रधान भारत की खेती बाड़ी-पशुपालन क्षेत्र में आधुनिक सशक्तिकरण के लिए गुजरात ने की ऐतिहासिक पहल

किसान पंचायत आयोजित, देश के २३ राज्यों के ४२५ जिलों के प्रगतिशील किसानों का गुजरात सरकार ने किया सम्मान

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में सर्वप्रथम विश्व कृषि सम्मेलन (वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट) का शानदार शुभारंभ करवाते हुए भारत में किसान मैत्रीपूर्ण नीतियों की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत के किसान की क्षमता और पुरुषार्थ को प्रोत्साहित किया जाए तो वह भारत के अन्न भंडारों को भर देंगे, इतना ही नहीं, वह विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात से दुनिया के बाजारों पर प्रभुत्व हासिल कर लेंगे।

गांधीनगर में महात्मा मंदिर में आज से वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट-२०१३ का गरिमापूर्ण शुभारंभ हुआ। पंजाब के मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल के विशेष आतिथ्य में आयोजित इस वैश्विक कृषि सम्मेलन में भारत भर के २३ राज्यों के ४५० से ज्यादा जिलों से प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधिमंडल और दुनिया के १४ देशों में से कृषि, पशुपालन क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित कई विदेशी प्रतिनिधिमंडल पहुंचे हैं।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

कृषि प्रधान भारत की अर्थव्यवस्था में खेतीबाड़ी और पशुपालन से संबद्ध ग्रामीण आर्थिक प्रवृत्तियों के आधुनिक कायाकल्प के लिए भारत में इस प्रकार का यह पहला विश्व कृषि सम्मेलन आयोजित करने की ऐतिहासिक पहल गुजरात ने की है।

आज गणेश चतुर्थी से दो दिवसीय इस वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट का गौरवपूर्ण शुभारंभ होने के बाद प्रथम दिन विभिन्न विषय पर आधारित चर्चा सत्र आयोजित किए गए। इस मौके पर देश में पहली बार किसान पंचायत आयोजित की गई। जिसमें हिन्दुस्तान के ४२५ से ज्यादा जिलों में से खेती और पशुपालन क्षेत्र में उत्तम सफलता हासिल करने वाले प्रगतिशील किसानों का शॉल और पुरस्कार प्रदान कर गुजरात सरकार ने ऐतिहासिक सम्मान किया।

रविवार देश शाम मुख्यमंत्री ने महात्मा मंदिर परिसर में विश्व कृषि सम्मेलन के अंतर्गत एग्रीटेक एशिया महाप्रदर्शनी की शुरूआत की थी। आज भारत के कोने-कोने से आए किसानों ने आधुनिक कृषि टेक्नोलॉजी का जमीन, पानी, पर्यावरण और पशुपालन आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बनाने में किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है, उसे इस प्रदर्शनी में निहारा।

भारत भर में से उत्साह-उमंग के साथ उमड़े किसानों की शक्ति का गर्मजोशी से अभिवादन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश के किसी भी राज्य का किसान भारत के विकास में अपना योगदान देता है तब उसकी समस्याओं और कृषि विकास की आशाओं का इस प्रकार का सामूहिक मंथन केन्द्र सरकार को करना चाहिए। कोई करे या न करे, गुजरात ने विश्व कृषि सम्मेलन आयोजित कर इसकी पहल की है। सब साथ मिलकर कृषि विशेषज्ञों, कृषि वैज्ञानिकों, किसान, कृषि संस्थान और संशोधक कृषि विकास के लिए क्या कर सकते हैं, यह गुजरात ने कर दिखाया है।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

किसान किसी भी सरकार से ज्यादा प्रगतिशील, नया सीखने और अपनाने की मानसिकता रखते हैं। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के इस विश्व कृषि सम्मेलन में देश भर के प्रगतिशील माने जाने वाले किसानों की सफलतागाथा का सम्मान करने की पहल की गई है। इसी प्रकार कृषि टेकनोलॉजी अपनाकर आधुनिक खेती, खेत उत्पादों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसान तत्पर हैं, ऐसे में इजरायल या विदेश जाकर जानने के बजाय देश में ही देश के किसानों को आधुनिक कृषि टेक्नोलॉजी और संशोधनों का ज्ञान साझा करने की पहल गुजरात सरकार ने की है। एग्रीटेक एशिया एक्जीबिशन ने विश्व भर के एग्रीटेक रिसर्च के अनुभवों के दरवाजे भारत के किसानों के लिए खोले हैं।

गुजरात में कृषि क्रांति की सफलतागाथा में कृषि महोत्सव और जल संचय व्यवस्थापन के अभियान की सफलता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि परंपरागत खेत पद्धति की महिमा के साथ आधुनिक कृषि पद्धति, कम पानी और कम जमीन में ज्यादा उत्पादन हासिल करने के लिए ड्रिप इरीगेशन वरदान साबित हुआ है। इस सफलता से कृषि के लिए पर ड्रॉप-मोर क्रॉप और सॉइल हैल्थ कार्ड जैसे नए कृषि प्रयोगों की भूमि गुजरात बना है। दस वर्ष पहले गुजरात में मात्र १२ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरीगेशन होता था, जबकि आज ९ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरीगेशन हो रहा है। दुनिया भर में कुल ६० प्रकार की सॉइल, जमीन, मिट्टी है, जिसमें से ४७ प्रकार भारत में पाए जाते हैं। ऐसे में इस जमीन का पृथ्थककरण और स्वास्थ्य के लिए आधुनिक कृषि विज्ञान और टेक्नोलॉजी का विनियोग किया जाना चाहिए। भारत के किसान जमीन और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के जतन और संवर्धन के लिए जागरूक हैं। आईटी और ई-गवर्नेंस का महत्तम उपयोग कृषि क्षेत्र में करने के लिए अनेक सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं, जिसके लिए केन्द्र सरकार को प्रयास करना चाहिए।

आज देश में किसान खेती छोड़ रहे हैं। किसान परिवारों की नई पीढ़ी को कृषि में दिलचस्पी नहीं है। और दुख के साथ कहना पड़ता है कि देश के मात्र ३० प्रतिशत किसानों को ही बैंक से कृषि ऋण मिलता है, और बाकी के ७० प्रतिशत किसान साहूकारों के ब्याज और कर्ज में डूबे पड़े हैं। सर्राफ के ऋण और कर्ज के बोझ में डूबे किसान लाखों की संख्या में आत्महत्या करते हैं, मगर हमारी सरकार कृषि ऋण की बैंकिंग व्यवस्था को किसान मैत्रीपूर्ण क्यों नहीं बनाती? इसलिए किसानों को कुदरत के और साहूकारों के भरोसे जीने को मजबूर होना पड़ता है।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की उदासीनता का उदाहरण देते हुए कहा कि गेहूं, गन्ना, प्याज, सोयाबीन और केले आदि कृषि उत्पादों की उत्पादकता में पेरु, तुर्की, नीदरलैंड और इंडोनेशिया जैसे भारत से छोटे और विकसित हो रहे देशों की सरकारों ने किसानों को प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इन देशों में कृषि उत्पादकता भारत की तुलना में ४-७ गुना तक ज्यादा है। भारत में पशुधन के संख्याबल के हिसाब से दूध उत्पादन काफी कम है। प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। इसके बिना कृषि क्षेत्र में परिवर्तन नहीं लाया जा सकेगा।

भारत में दलहन-दाल के उत्पादों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने में कोई संशोधन या प्रोत्साहन नहीं मिलता और इन कृषि फसलों में स्थगितता आई है। किसान इस दिशा में नये प्रयोग करने को तत्पर हैं, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन देने में केन्द्र सरकार की उदासीनता सबसे बड़ी बाधा है। किसानों के लिए खेती का उत्पादन खर्च बढ़ रहा है और समर्थन मूल्य भी बेहतर नहीं है। किसानों के कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए केन्द्र की नीतियां किसान विरोधी हैं।

भारत में प्रतिदिन ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं और पिछले २० वर्ष में २.१७ लाख किसानों ने आत्महत्या की है। इस अधिकृत जानकारी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कृषि प्रधान देश की अर्थव्यवस्था पर इतना बड़ा संकट मंडरा रहा है जिसकी गंभीरता पर केन्द्र के शासक पूर्णतः उदासीन हैं। इस देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि-पशुपालन है। परन्तु उस पर कई संकट आ रहे हैं, जिसे लेकर केन्द्र सरकार गंभीर नहीं है।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

कृषि उत्पादों की संग्रह शक्ति के व्यवस्थापन और सुविधा के अभाव में ४० प्रतिशत फल और सब्जियां नष्ट हो जाती हैं, इससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस दुखद बात का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एरेटेड ड्रिंकिंग वाटर उत्पादकों की कंपनियों ने देश के प्रधानमंत्री द्वारा अप्रैल-२०१० में गुजरात के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जो कंज्यूमर्स अफेयर्स और खेती सुधार के लिए वर्किंग ग्रुप का गठन किया था।

इसकी रिपोर्ट जनवरी-२०११ में संपूर्ण पहलुओं की २० महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ प्रधानमंत्री को सौंपी थी लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। देश की जनता और किसानों की समस्याओं के बारे में केन्द्र सरकार इतनी संवेदनहीन बन गई है यह इससे पता चलता है। श्री मोदी ने सवाल पूछा कि, पांच प्रतिशत फल किसानों से अनिवार्य रूप से खरीदकर फलों का जूस के लिए उपयोग करने का कानून क्यों नहीं बनाया जाता।

जेएनएनआरयूएम के नेक्स्ट जनरेशन में देश के ५०० जिलों में शहरी क्षेत्र के वेस्ट वाटर मैनेजमेंट रिसायक्लिनिंग करके आसपास के क्षेत्र के किसानों को ऑर्गेनिक सब्जियों के उत्पादन के लिए प्रेरित करने के आर्थिक सक्षम मॉडल को प्रधानमंत्री के समक्ष पेश किया गया था। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस प्रस्ताव की प्रशंसा तो की लेकिन किया कुछ नहीं। गुजरात ने ५० शहरों में से घन कचरे और गंदे पानी के शुद्धिकरण के साथ आसपास के किसानों को जैविक सब्जी की ओर प्रेरित किया है।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

श्री मोदी ने कहा कि विश्व में ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों के बाजारों पर प्रभुत्व विकसित हो रहा है। हिन्दुस्तान के किसान जैविक खेती द्वारा ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों से दुनिया के बाजारों में छा जाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्यों को एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी बनानी चाहिए।

विश्व में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा नर्मदा नदी के सरदार सरोवर डैम के नजदीक स्टेचु ऑफ यूनिटी के स्वरूप में भव्य सरदार स्मारक निर्मित होगा। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आगामी ३१ अक्टूबर से देश के ७ लाख गांवों में किसानों के पुराने लोहे के खेत औजार एकत्र करने का महाअभियान शुरू किया जाएगा। भारत के प्रत्येक राज्य में वाइब्रेंट कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की हिमायत करते हुए श्री मोदी ने किसानों की क्षमता और पुरुषार्थ को प्रोत्साहित करने के लिए किसान मैत्रीपूर्ण नीतियां लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश के किसानों में अन्न भंडार भरने का पूरा सामर्थ्य है और अगर उन्हें अवसर मिले तो वह विदेशी पूंजी हासिल कर कृषि उत्पादों के निर्यात से दुनिया के बाजारों में छा जाएंगे।

इस मौके पर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुशमारिया, मालदीव के मिनिस्टर काउंसिलर एडा साफीनजा आलियास, सेसल्स के हाई कमीश्नर वेवन विलियम, गांबिया के हाई कमीश्नर एलियू बाह, मालावा के एम्बेसेडर पर्क्स लिगोया, कंट्री डायरेक्टर वर्ल्ड फूड प्रोग्राम माइकल जेम्सन, नीदरलैंड के पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी एंड चेयरमैन एग्रीकल्चर बोर्ड बिनोजीनिबा, मेडागास्कर के एम्बेसेडर रेजन्डरोसा लिनोटी, रॉयल नीदरलैंड एम्बेसी के हाई कमीश्नर एरी वेल्धुकिन, एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड वैल्यू नई दिल्ली के अध्यक्ष अशोक गुलाटी, जोर्गे कार्डेनास रोबेल्स, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव और किसान अग्रणी मौजूद थे।

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit 2013

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator

Media Coverage

India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the News9 Global Summit via video conferencing
November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !