दुनिया के मंच पर वाराणसी

Published By : Admin | March 24, 2015 | 13:00 IST

वैश्विक मंच पर वाराणसी का सम्मान

वाराणसी भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। और यही कारण है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण पहलू है। श्री मोदी अपनी विदेश यात्रा के दौरान वाराणसी का उल्लेख भी करते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने भूटान से अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे की शुरुआत की। इसके तुरंत बाद अक्टूबर 2014 में भूटान नरेश खेसर नामग्याल वांगचुक जिंग्मे ने रानी पेमा वांगचुक जेस्टन के साथ वाराणसी का दौरा किया। जनवरी 2015 में, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भारत दौरे पर आये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर वाराणसी का दौरा किया।

शेरिंग तोबगे ने गंगा नदी की पूजा अर्चना की और आगंतुक पुस्तिका में लिखा - पवित्र नदी गंगा की पूजा करके मेरा सपना पूरा हुआ।”

विश्वनाथ से पशुपतिनाथ

वाराणसी को केंद्र में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल की अपनी यात्रा के दौरान भारत और नेपाल दोनों के सांस्कृतिक बंधन का उल्लेख किया। अगस्त 2014 में काठमांडू की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि पशुपति नाथ और काशी विश्वनाथ दोनों मंदिर एक जैसे लगते हैं।

 

नेपाल की संवैधानिक विधानसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैंने वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की और आज मैं पशुपति नाथ से उनका आशीर्वाद लेने यहाँ आया हूँ...इसलिए जब मैं काशी का प्रतिनिधि बना, नेपाल से एक तरह का विशेष संबंध बन गया क्योंकि काशी के एक मंदिर में जो पुजारी हैं वो नेपाल से हैं... और पशुपति नाथ में पुजारी भारत से हैं।”

काठमांडू से वाराणसी

प्रधानमंत्री की पहली नेपाल यात्रा के दौरान काठमांडू से वाराणसी के लिए एक नई बस सेवा की घोषणा की गई और उनकी दूसरी यात्रा के दौरान काठमांडू-वाराणसी ट्विन सिटी संधि पर हस्ताक्षर हुआ।

 

नई संधि की मदद से संस्कृति, ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करने और लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने में आसानी होगी। इस बीच, दिसंबर 2014 में नेपाल के राष्ट्रपति डॉ राम बरन यादव ने वाराणसी का दौरा किया।

क्योटो के समान वाराणसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2014 में वाराणसी और क्योटो के बीच एक संबंध स्थापित करने के इरादे के साथ क्योटो के शहर से अपनी जापान यात्रा शुरू की। वहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं गुजरात में पैदा हुआ हूँ लेकिन अभी काशी की सेवा कर रहा हूँ। वाराणसी वैदिक युग से अधिक प्राचीन माना जाता है, क्योटो भी प्राचीन है। यहां हजारों मंदिर हैं। यह शहर आधुनिक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक भी है। मैं हमेशा यह सोचता हूँ...क्या वाराणसी भी ऐसा नहीं हो सकता?”

उन्होंने आगे कहा, “इसलिए मैंने क्योटो...जो वाराणसी का प्रतिनिधित्व करता है, में कुछ समय बिताया। मैंने हमेशा इस जगह के लिए कुछ करने का सपना देखा है।”

विरासत के साथ-साथ विकास

प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ जिसका उद्देश्य क्योटो की तर्ज पर स्मारकों का संरक्षण और वाराणसी में आधुनिक शहरी सुविधाओं का विकास करना है। वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जापान स्वच्छता, सार्वजनिक परिवहन, बिजली आपूर्ति और बुनियादी सुविधाओं के लिए सहायता प्रदान करेगा। इसके लिए क्योटो के उप मेयर, केनिची ओगसवार पहले ही वाराणसी का दौरा कर चुके हैं।

जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने भी इस पर पूर्ण सहयोग देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया है। इसके अलावा, जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन ने गंगा नदी की सफाई के लिए 496.90 करोड़ रुपये की सहायता दी है।

ऑस्ट्रेलिया और फ़िजी का दौरा

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान शिंजो अबे से मुलाकात की तो उन्होंने वाराणसी को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की। अबे ने भी पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबट को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के लिए मुकदमा लड़ने वाले प्रतिभाशाली जॉन लैंग के चित्रों का संग्रह भेंट में दिया। प्रधानमंत्री ने एबट को यह भी बताया कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर हुआ था।

नरेंद्र मोदी की फिजी यात्रा सबसे प्रत्याशित रही। फिजी में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं जिनमें से अधिकतर पूर्वांचल (पूर्व) के हैं जो हजारों वर्ष पहले श्रमिक या मजदूर के रूप में वहां गये थे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी क्योंकि श्री मोदी 33 साल बाद फिजी की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं!

अमेरिका पर बनारस का रंग

हाल ही में, गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रथम महिला मिशेल ओबामा के साथ भारत के दौरे पर आये। बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान स्वच्छ गंगा परियोजना और इलाहाबाद में स्मार्ट सिटी परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिससे पूर्वांचल के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय मूल के एक अमेरिकी व्यापारी, फ्रैंक इस्लाम, जो ओबामा के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने बताया कि राष्ट्रपति ओबामा वाराणसी में एक आईटी हब विकसित करना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी की सफाई और इसके सौंदर्यीकरण के संबंध में विस्तृत वार्ता की।

स्कन्द पुराण में भगवान शिव कहते हैं, “तीन लोकों से समाहित एक शहर है काशी, जिसमें स्थित मेरा निवास प्रासाद है” जिसका अर्थ है “काशी एक ऐसी जगह है जहाँ स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल स्थित है और मेरा स्थान भी यहीं निहित है।” नौ महीने के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन लोकों में काशी की महिमा का विस्तार कर इस उक्ति को न्यायोचित किया है।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।