"आपने यह भी देखा है कि अतीत की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड के कई गांव वीरान हो गए थे। सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, दवाई, आमदनी सहित हर चीज का अभाव था और सुविधाओं की इसी कमी के कारण लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। अब हालात बदल रहे हैं। उत्तराखंड में जैसे-जैसे नए अवसर विकसित हो रहे हैं, नई सुविधाएं विकसित हो रही हैं, अनेक साथी अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं।" - उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पीएम नरेन्द्र मोदी

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है और तीर्थयात्रा का केंद्र है। राज्य प्राकृतिक रूप से सुरम्य दृश्यों से संपन्न है और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क हो या चार धाम, ऋषिकेश, फूलों की घाटी, नैनीताल और रानीखेत हो, उत्तराखंड आध्यात्मिक ज्ञान का क्षेत्र है और पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है। राज्य हाल ही में एक अच्छे कारण के लिए सुर्ख़ियों में रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के तहत, उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है, जिससे पर्यटन में वृद्धि हुई है और सर्कुलर इकोनॉमी का विस्तार हुआ है। उत्तराखंड पर व्यापक ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सांस्कृतिक उत्कर्ष के साथ एक सर्व-समावेशी विकास का साक्षी बन रहा है।

उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के मुख्य लक्ष्यों में से एक रहा है। राज्य ने बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने और सड़क तथा रेल कनेक्टिविटी को उन्नत करने के लिए पर्याप्त निवेश किया है। दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चार धाम राजमार्ग विकास कार्यक्रम का डेवलपमेंट कुछ ऐसी पहलें हैं जो उत्तराखंड में कनेक्टिविटी बढ़ाने और इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने में सहायक रही हैं। मई 2023 में पीएम मोदी द्वारा देहरादून से दिल्ली तक वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के साथ ही राज्य वंदे भारत नेटवर्क से जुड़ गया था। इसके अलावा, उत्तराखंड अब 100% इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन है। राज्य ने UDAN योजना के तहत एयर कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण जोर देखा है। उत्तराखंड को UDAN के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके अलावा, पंतनगर, पिथौरागढ़, सहस्त्रधारा, चिन्यालीसौड़, गौचर, नई टिहरी, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और श्रीनगर को 28 फरवरी, 2023 तक 37.82 करोड़ रुपये के खर्च से "Revival/upgradation of unserved and underserved airports/heliports/water aerodromes" के तहत डेवलप/रिवाइव किया गया है। इन एयरोड्रोम से UDAN फ्लाइट्स का संचालन पहले ही शुरू हो चुका है।

मोदी सरकार ने उत्तराखंड के विशिष्ट पर्यावरण और डाइवर्स इकोसिस्टम की रक्षा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है। नमामि गंगे की तरह, मोदी सरकार की पहलें नदियों को पुनर्जीवित करने, वनों के संरक्षण और क्षेत्र में सतत विकास को आगे बढ़ाने का प्रयास करती हैं। इसके अतिरिक्त अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना करके और बाढ़ रोधी भवनों का विकास करके उत्तराखंड के लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए उपाय किए गए हैं। सितंबर 2020 में, नमामि गंगे पहल के हिस्से के रूप में, गंगा नदी में स्वच्छ और निरंतर प्रवाह को बनाए रखने के लिए उत्तराखंड में छह महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया था।

उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के कारण पर्यटन के विकास की प्रचुर संभावनाएं हैं। Swadesh Darshan और PRASHAD प्रोजेक्ट्स जैसे कार्यक्रमों के साथ, सरकार ने इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है। PRASHAD योजना के तहत, पर्यटन स्थलों की तीन प्रमुख विकास परियोजनाओं की पहचान की गई है और 145 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। इन परियोजनाओं ने ऋषिकेश, हरिद्वार और नैनीताल जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है, जिससे उत्तराखंड में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सैलानी आकर्षित हुए हैं। घरेलू यात्रियों की बढ़ती तादाद के साथ, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड को राज्य में पर्यटकों के संख्या में दो गुना वृद्धि की उम्मीद है, जो 2018-19 के 39.2 मिलियन से वित्त वर्ष 24 के समापन तक 74 मिलियन हो जाएगी।

उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार प्रदेश की अनूठी संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ हर नागरिक के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार की कई योजनाओं ने राज्य में व्यापक स्वीकृति और सफलता दिखाई है। जल जीवन मिशन के तहत, 2019 में लॉन्च होने के बाद पहली बार 12 लाख से अधिक घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा गया है।

PMAY-G के तहत, राज्य में 69 हजार से अधिक आवासों को मंजूरी दी गई है। फाइनेंशियल इंक्लूजन के संबंध में, Mudra योजना ने उत्तराखंड में 25.32 लाख से अधिक लोन की सुविधा प्रदान की है, जिसमें फरवरी 2023 तक कुल 21,426.12 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। इसी तरह, राज्य ने हेल्थकेयर के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत, 2014 के बाद चार नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, आयुष्मान भारत के तहत, 65 लाख से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (ABHA) बनाए गए। घर से लेकर स्वास्थ्य तक, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उत्तराखंड के लोग समृद्ध हों।

सरकार के समग्र प्रयासों के कारण, उत्तराखंड निवेश के लिए एक आकर्षण और देश भर में भविष्य के कारोबार के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन बनने के कगार पर है। वर्ष 2020 में Export Preparedness Rankings ने हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड को शीर्ष पर रखा, जिसने पिछले पांच वर्षों में अपने एक्सपोर्ट में वृद्धि की है। राज्य में अधिक रास्ते खुलने और अधिक निवेश और पूंजी प्रवाह के साथ, वह दिन दूर नहीं, जब किसी दौर में कारोबारी और आर्थिक गतिविधियों के लिए असाध्य प्रतीत होता राज्य, रोजगार और आर्थिक संभावनाओं के साथ आगे बढ़ेगा। Udyam पंजीकरण पोर्टल के अनुसार 2020-21 से अगस्त 2023 तक MSME में 11 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिला है। इस दिशा में एक और कदम हाल ही में आयोजित 'उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023' से स्पष्ट है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को एक प्रमुख इंवेस्टमेंट हब के रूप में स्थापित करना है। इन सभी पहलों के साथ, उत्तराखंड विकास और दिव्यता दोनों को एक साथ साक्षी बन रहा है।

मोदी सरकार ने उत्तराखंड में विकास को आगे बढ़ाने और सांस्कृतिक पुनरुत्थान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेकपूर्ण निवेशों, कानूनी सुधारों और स्थानीय सरकार तथा लोगों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से उत्तराखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यावरण की रक्षा करने एवं इसकी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के लिए उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इन उपायों से आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के विकास और समृद्धि को प्रोत्साहन मिलने का अनुमान है क्योंकि राज्य अपने विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।