गैर-हिन्दी भाषी राज्यों में हिन्दी के इस्तेमाल के बारे में जारी निर्देश पर व्यक्त की गयी चिंता की ओर सरकार का ध्यान दिलाया गया है।
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राजभाषा विभाग ने 10 मार्च, 2014 को जारी एक सर्कुलर में कहा था कि 'ए' वर्ग के राज्यों में हिन्दी के इस्तेमाल से संबंधित भारत सरकार के पत्र अनुसार सरकार की मौजूदा नीति को ध्यान में रखते हुए कहा गया है कि हिन्दी भाषी राज्यों में सोशल मीडिया मंचों पर हिन्दी के इस्तेमाल को बराबर का स्थान देना होगा। निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत सरकार के सरकारी ट्विटर, फेसबुक और ब्लॉग आदि पर अंग्रेजी और हिन्दी दोनों का इस्तेमाल होगा।
यह स्पष्ट किया गया कि 10 मार्च, 2014 के राजभाषा विभाग के इन निर्देशों में गैर-हिन्दी भाषी राज्यों पर हिन्दी भाषा के प्रयोग को थोपने जैसी कोई बात शामिल नहीं है। राजभाषा विभाग के इन निर्देशों में केवल हिन्दी के इस्तेमाल से संबंधित भारत सरकार की मौजूदा नीति को ही दोहराया गया है, जिनमें हिन्दी भाषी राज्यों में सरकारी कामकाज के लिए हिन्दी का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
गृह मंत्रालय ने 27.05.2014 को जारी किए अपने सर्कुलर के जरिए अपने विभिन्न विभागों को सोशल मीडिया से संबंधित राजभाषा विभाग के इन्हीं निर्देशों को ही जारी किया था, इसलिए न तो यह कोई नई नीति है और न ही किसी गैर-हिन्दी भाषी राज्य पर हिन्दी को थोपने का कोई प्रयास।